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भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच 11वें दौर की वार्ता

भारत-चीन कोर कमांडर स्तरीय 11वें दौर की बैठक दिनांक 09 अप्रैल 2021 को चुशूल-मोल्दो सीमा पर बने बैठक स्थल पर आयोजित की गई थी । दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ-साथ डिसइंगेजमेंट से जुड़े बाकी मुद्दों के समाधान के लिए विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान हुआ । दोनों पक्ष मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार बकाया मुद्दों को तेजी से सुलझाने की आवश्यकता पर सहमत हुए । इस संदर्भ में यह भी रेखांकित किया गया कि अन्य क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट करने से दोनों पक्षों के लिए सेनाओं की संख्या में कमी करने और शांति व सौहार्द की पूर्ण बहाली सुनिश्चित करने तथा द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सफल बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा । दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि अपने नेताओं की सहमति से मार्गदर्शन लेना, अपने संवाद को जारी रखना और शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान की दिशा में जल्द से जल्द काम करना महत्वपूर्ण है । उन्होंने जमीन पर संयुक्त रूप से स्थिरता बनाए रखने, किसी भी नई घटना से बचने और संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर भी सहमति जताई ।

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भारतीय रेल, मांग के अनुसार रेलगाड़ियों का संचालन जारी रखेगी

भारतीय रेल, मांग के अनुसार रेल सेवाएं उपलब्ध कराना जारी रखेगी। वर्तमान में, भारतीय रेल प्रतिदिन औसतन कुल 1402 विशेष रेल सेवाओं का संचालन कर रही है। कुल 5381 उपनगरीय सेवाएं तथा 830 यात्री रेल सेवाएं भी प्रचालनगत हैं। इसके अतिरिक्त, 28 विशेष रेल गाड़ियां का भी उच्च संरक्षण के साथ उच्च संरक्षित (पेट्रोनाइज्ड) रेलगाड़ियों के क्लोन के रूप में प्रचालन किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त, अप्रैल-मई 2021 के दौरान भीड़-भाड़ को कम करने के लिए 58 रेलगाड़ियों (29 जोड़ी) के साथ मध्य रेलवे में तथा 60 रेलगाड़ियों (30 जोड़ी) के साथ पश्चिमी रेलवे में अतिरिक्त रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं। ये रेल गाड़ियां गोरखपुर, पटना, दरभंगा, वाराणसी, गुवाहाटी, बरौनी, प्रयागराज, बोकारो, रांची और लखनऊ जैसे उच्च मांग वाले गंतव्यों के लिए है।

यह भी उल्लेखनीय है कि माल ढुलाई में, भारतीय रेल ने वित्त वर्ष 2020-21 में 1232.64 मिलियन टन (एमटी) की अब तक की सर्वाधिक माल ढुलाई की। भारतीय रेल का माल ढुलाई राजस्व 2019-20 के 1,13,897 करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 1,17,386 करोड़ (लगभग) रहा। भारतीय रेल ने पिछले वर्ष मालगाड़ियों की गति 24 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 44 किलोमीटर प्रति घंटे कर दी है।

उल्लेखनीय है कि अगस्त 2020 से संचालित 450 किसान रेल सेवाओं में 1.45 लाख टन कृषि उपज तथा शीघ्र नष्ट होने वाली सामग्रियों की ढुलाई की गई।

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पिछले 24 घंटों में टीके की 34 लाख से अधिक खुराक दिए जाने के साथ टीका लगवाने वाले लोगों की कुल संख्या 9.80 करोड़ से अधिक

आज देशभर में कोविड-19 के टीके की खुराक दिए जाने की कुल संख्या 9.80 करोड़ से अधिक हो गई है।

आज सुबह 7 बजे तक की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, 14,75,410 सत्रों के माध्यम से कुल 9,80,75,160 टीके की खुराकें दी गई हैं। इनमें 89,88,373 स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके की पहली खुराक और 54,79,821 स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके की दूसरी खुराक, 98,67,330 अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने टीके की पहली खुराक, 46,59,035 अग्रिम मोर्च के कार्यकर्ताओं ने टीके की दूसरी खुराक, 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले 3,86,53,105 लाभार्थियों ने टीके की पहली खुराक और 15,90,388 लाभार्थियों ने टीके की दूसरी खुराक और 45 से 60 वर्ष की उम्र के 2,82,55,044 लाभार्थियों ने टीके की पहली खुराक और 5,82,064 लाभार्थियों ने टीके की दूसरी खुराक ली।

स्वास्थ्यकर्मी फ्रंटलाइन वर्क्रस 45-60 साल से अधिक उम्र के गंभीर बीमारियों से पीड़ित लाभार्थी 60 वर्ष से अधिक उम्र के लाभार्थी कुल
पहली खुराक दूसरी खुराक पहली खुराक दूसरी खुराक पहली खुराक दूसरी खुराक पहली खुराक दूसरी खुराक
89,88,373 54,79,821 98,67,330 46,59,035 2,82,55,044 5,82,064 3,86,53,105 15,90,388 9,80,75,160

देश में अब तक कुल टीके की 60.62 प्रतिशत खुराकें 8 राज्यों में दी गई हैं।

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पिछले 24 घंटे के दौरान 34 लाख से अधिक टीके की खुराकें दी गई।

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अस्पतालों में मरीजो को समय से अच्छी उपचार की सुविधायें उपलब्ध करायी जाये :मुख्यमंत्री

प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार को मेला क्षेत्र में स्थित इंट्रीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी ) में कोविड.19 के प्रसार को रोकने के उपायों, उपचार तथा वैक्सीनेसन की प्रगति की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग तथा प्रशासन को निर्देशित करते हुए कहा कि अस्पतालों में मरीजो को समय से अच्छी उपचार की सुविधायें उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कोविड.19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एवं जांच में और अधिक तेजी लाये जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि बाहर से आने वाले लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करते हुए उनकी जांच अनिवार्य रुप से सुनिश्चित की जाये। मुख्यमंत्री ने निर्देशित करते हुए कहा कि कंटेनमेंट जोन की व्यवस्था अनिवार्य रुप से लागू की जाये। उन्होंने कहा कि एक मरीज मिलने पर सम्बंधित क्षेत्र में 25 मीटर के दायरे में तथा 2 मरीज के मिलने पर 50 मीटर के दायरे में कंटेनमेंट जोन लागू करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में सुरक्षा की व्यवस्था भी सुनिश्चित रहें।मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जनपद में एल.2 तथा एल.3 अस्पतालों की व्यवस्था पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सभी आवश्यक व्यवस्थायें पूर्ण रुप से सुनिश्चित रहें। कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध रहें। इसके लिए पहले से ही सभी तैयारी बनाये रखें। उन्होंने अस्पतालों में कोविड तथा नान कोविड वार्डो की अलग.अलग व्यवस्थायें अनिवार्य रुप से सुनिश्चित करने के लिए कहा है साथ ही साथ उन्होंने एम्बुलेंस की भी अलग.अलग व्यव्सथा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि एम्बुलेंस निर्धारित समय पर मरीज के पास अवश्य पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन के निर्देशों के अनुक्रम में एम्बुलेंस के संचालन में यदि किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता पायी जाये तो तत्काल उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। उन्होंने अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा को क्रियाशील रखने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री ने जनपदों में कोविड.19 हेतु डेडीकेटेड अस्पताल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने जनपद प्रयागराज में मेडिकल कालेज के अलावा अलग से और डेडीकेटेड अस्पताल बनाये जाने के लिए निर्देश दिये हैं। उन्होंने लोगों को मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंटिंग का अनिवार्य रुप से पालन किये जाने हेतु विशेष जागरुकता अभियान चलाये जाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने निर्देशित करते हुए कहा कि मास्क न लगाने के विरुद्ध चालान की कार्रवाई करते समय दुर्भावना पूर्ण ढंग से कार्य न किया जाये। लोगों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक चैाराहों पर पब्लिक एडेªस सिस्टम से निरंतर लोगो को कोविड.19 से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाता रहें। कहा कि जिन चैराहों पर पब्लिक एडेªेस सिस्टम की व्यवस्था न हो पायी हो। वहां पर तैनात पुलिस कर्मी छोटे माइक से लोगों को जागरूक करते रहें। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता तथा सेनेटाइजेशन की कार्यवाही प्रभावी ढंग से सुनिश्चित कराये जाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये। अस्पतालों में नये मैन पाॅवर का अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण कराये जाने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है।मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक चलाये जाने वाले टीका उत्सव कार्यक्रम को सफल बनाये जाने हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थायें व तैयारियां समय से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने वैक्सीनेशन के कार्य में तेजी लाये जाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग तथा प्रशासन को प्रतिदिन संयुक्त रूप से बैठक करते हुए कार्यवाहियों की समीक्षा किये जाने के लिए निर्देशित किया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था के सम्बंध में कोई भी डिमांड हो तो तत्काल उसको शासन के स्तर पर पर भेजा जाये। बैठक के बाद मुख्यमंत्री आईसीसीसी में बने कोविड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया व व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली।इसके पूर्व मण्डलायुक्त संजय गोयल, जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी ने कोविड.19 के प्रसार को रोकने हेतु की जा रही व्यवस्थाओं, उपचार तथा वैक्सीनेशन के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर मा0 सांसद फूलपुर केशरी देवी पटेल, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह,नंद गोपाल गुप्ता नंदी, विधायक चायल संजय गुप्ता, मेजा विधायक नीलम करवरियां, विधायक फाफामऊ विक्रमाजीत मौर्या, विधायक बारा अजय भारती, एडीजी जोन. प्रेम प्रकाश, आईजी केपी सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, पीडीए के उपाध्यक्ष अंकित अग्रवाल, नगर आयुक्त रवि रंजन, प्राचार्य मेडिकल कालेज एस0पी0 सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी प्रभाकर राय सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना के मामलों में हो रही वृद्धि पर नियंत्रण के लिए 11 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने 11 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ आज वर्चुअल माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में पिछले लगभग दो हफ्तों में कोरोना के मामलों में सर्वाधिक दैनिक वृद्धि और मृत्यु दर्ज करने वाले राज्यों में कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण में प्रगति की समीक्षा की गई। इन राज्यों में छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान शामिल थे।

इस बैठक में 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य राज्यमंत्रियों श्री टीएस सिंह देव (छत्तीसगढ़), श्री सत्येन्द्र जैन (दिल्ली), श्री अनिल विज (हरियाणा), श्री राजीव सैजल (हिमाचल प्रदेश), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), डॉ. के. सुधाकर (कर्नाटक), डॉ. प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), श्री राजेश टोपे (महाराष्ट्र), श्री बलबीर सिंह सिद्धू (पंजाब), डॉ. रघु शर्मा (राजस्थान) के अलावा अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) ने भाग लिया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि इन 11 राज्यों से कुल मामलों के 54 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं। देश में हुई कुल मृत्यु में से 65 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र और पंजाब से हैं। महाराष्ट्र (25 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ (14 प्रतिशत) की उच्च जांच सकारात्मकता दर दर्ज की गई है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि फरवरी 2021 के बाद से इन राज्यों के मामलों में भारी वृद्धि हुई है, जिनमें से अधिकांश मामसे 15 से 44 वर्ष के बीच की युवा आबादी से हैं। इसके अलावा, यह जानकारी दी गई है कि अधिकांश मृत्यु के मामले 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने पिछले चार हफ्तों में जांच में की गई वृद्धि की सराहना की, लेकिन गुजरात, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हाई आरएटी अनुपात को लेकर सजग रहने को भी कहा। इन राज्यों में एक और चिंताजनक पहलू यह भी है कि निजी क्षेत्र की जांच क्षमता का कम उपयोग किया गया है।

डॉ. हर्षवर्धन ने 11 राज्यों के इन पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, सामूहिक लाभ के लिए देश भर के राज्यों के द्वारा अब तक किए गए सहयोगात्मक कार्यों के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने बताया कि कि केंद्र इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हर संभव सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि जहां पिछले कुछ हफ्तों में मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है तो वहीं अब राष्ट्रीय संचयी मृत्यु दर (सीएफआर) 1.30 प्रतिशत पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में एक दिन में अधिकतम 43 लाख से अधिक लोगों के टीकाकरण के साथ भारत के इस सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में अबतक 8.31 करोड़ से अधिक लोगों को खुराक दे दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जांच की कुल संख्या भी आज 25 करोड़ से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि पुणे की एक मात्र एनआईवी प्रयोगशाला से, अब हमारे पास देश भर में 2,443 नैदानिक ​​प्रयोगशालाएं हैं । उन्होंने कहा कि हमारी जांच क्षमता प्रति दिन 13,00,000 तक बढ़ गई है।

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पीयूष गोयल ने झारखंड में हंसडीहा-गोड्डा नई रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित की

झारखंड का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय रेल, वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज हंसडीहा-गोड्डा नई लाइन को राष्ट्र को समर्पित किया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गोड्डा-नई दिल्ली हमसफ़र स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस नई लाइन से बेहतर परिवहन सुविधा, लागत प्रभावी और वस्तुओं की त्वरित आवाजाही में लाभ होगा और झारखंड के दुमका और गोड्डा में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी। इस आयोजन के दौरान, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ, श्री सुनीत शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर बात करते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा, “झारखंड अपने खनिजों और कई पवित्र स्थानों के लिए प्रसिद्ध है और भारतीय रेल इस राज्य की असल क्षमता को वास्तविकता में बदलने में अपना योगदान दे रहा है। इस हंसडीहा-गोड्डा परियोजना को 2011 में मंजूरी दी गई थी, हालांकि 2014 तक कोई प्रगति नहीं हुई थी। 2014 में जब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने परियोजनाओं की समीक्षा की, तो यह खुलासा हुआ था कि अभी तक इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण भी नहीं हुआ था। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर, इस नई लाइन परियोजना पर तेजी से प्रगति हुई। अब तक इस परियोजना ने 550 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित किया है। इस नई हंसडीहा-गोड्डा रेल लाइन से क्षेत्र में और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने की गति से विकास होगा, भविष्य में इस क्षेत्र से किसानों की उपज भेजने के लिए किसान रेल शुरू की जा सकती है।”

श्री गोयल ने यह भी कहा कि वर्तमान में झारखंड में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 36 रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जो झारखंड से होकर गुजरता है, राज्य की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा।

भारतीय रेलवे नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने, अपने नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने और प्रतिष्ठित ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में प्रयास कर रहा है। इस लक्ष्य की ओर भारतीय रेलवे ने झारखंड में हंसडीहा-गोड्डा नई लाइन परियोजनाओं की शुरुआत की है। झारखंड राज्य में बुनियादी ढांचे के काम के विकास और यात्री सुविधाओं को प्रदान करने के लिए 663 करोड़ रुपये का कुल खर्च किया गया है।

हंसडीहा-गोड्डा नई लाइन की स्थापनाकी झारखंड के आम लोगों की लंबे समय से लंबित मांग थी। इससे राज्य के इस हिस्से के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण और कनेक्टिविटी में तेजी आएगी। नई लाइन परियोजना की कुल लंबाई 32 किमी है, जो झारखंड के गोड्डा और दुमका जिलों से गुजरती है। झारखंड की नई लाइन परियोजना में कुल पांच स्टेशन हैं- हंसडीहा, गंगवारा, पोरैयाहाट, कथवन और गोड्डा। सभी पांचों स्टेशनों में बुनियादी ढांचा विकास और यात्री सुविधाओं को बढ़ाया गया है। इस 32 किमी नए स्ट्रेच की गति क्षमता 120 किमी प्रति घंटा है। नई लाइन परियोजना को चालू करते समय, दो प्रमुख पुलों और तैंतीस छोटे पुलों का निर्माण किया गया है।

हंसडीहा-गोड्डा रेलवे लाइन एक कोल प्रायरिटी प्रोजेक्ट है और रेलवे ने कोयले जैसे औद्योगिक इनपुट्स की आवाजाही और कारोबार और उद्योगों के तेजी से विकास के साथ-साथ झारखंड में रोज़गार सृजन को ध्यान में रखते हुए परियोजना को तेज़ी से पूरा करने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं।

इसके अलावा, इस नई लाइन में ट्रेन सेवाओं की शुरुआत से यात्रियों को भारत की राजधानी दिल्ली की ओर जाने में लाभ होगा। गोड्डा से नई दिल्ली जाने वाली इस नई सुपरफास्ट हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन के आने से यात्री भागलपुर होते हुए को नई दिल्ली तक की आरामदायक यात्रा कर सकेंगे।

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अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात

जलवायु पर अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष दूत श्री जॉन केरी ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

श्री केरी ने राष्ट्रपति बाइडन की तरफ से प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने क्वैड नेताओं के शिखर सम्मेलन सहित हाल में राष्ट्रपति बाइडन के साथ हुए संवाद को सप्रेम याद किया और श्री केरी से राष्ट्रपति बाइडन व उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को उनकी तरफ से शुभकामनाएं देने का अनुरोध किया।

श्री केरी ने प्रधानमंत्री को भारत में पिछले दो दिन के दौरान हुई सफल और उत्पादक चर्चाओं के बारे में बताया। उन्होंने भारत की महत्वाकांक्षी नवीनीकरण ऊर्जा योजना सहित जलवायु से संबंधित कदमों को सकारात्मक रूप से लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री को 22-23 अप्रैल, 2021 को होने वाले जलवायु पर नेताओं के शिखर सम्मेलन के बारे में संक्षेप में बताया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत पेरिस समझौते के तहत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इन प्रतिबद्धताओं को हासिल करने की दिशा में बढ़ने वाले कुछ ही देश हैं। श्री केरी ने कहा कि अमेरिका अपनी तरफ से भारत की हरित प्रौद्योगिकियों तक किफायती पहुंच और अपेक्षित वित्त को सुगम बनाकर उसकी जलवायु योजनाओं को पूरा समर्थन देगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर सहमति दी कि विशेष रूप से हरित प्रौद्योगिकियों के वित्तीय नवाचार और तेजी से अमल पर भारत और अमेरिका के बीच सहयोग का दूसरे देशों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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82.23 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट में शामिल 46 फर्जी फर्मों के नेटवर्क का भंडाफोड़, सीजीएसटी अधिकारियों ने एक को किया गिरफ्तार

फर्जी बिलिंग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, दिल्ली पूर्व के अधिकारियों ने फर्जी आईटीसी का फायदा दिलाने वाले काल्पनिक फर्मों के एक बहुस्तरीय नेटवर्क का पता लगाया है। व्यापक स्तर पर डेटा के विश्लेषण के जरिए दिल्ली पूर्व जीएसटी के अधिकारियों ने 46 फर्जी फर्मों के नेटवर्क की पहचान कर उसका भंडाफोड़ किया। इसे 2017 से ही संचालित किया जा रहा था और कई लोगों को नकली बिलों के जरिए फर्जी आईटीसी का लाभ दिलाया जा चुका है। जांच में पता चला कि श्री अरविंद कुमार और उनके सहयोगियों द्वारा इन काल्पनिक फर्मों को नियंत्रित किया जा रहा था। उन्हें 17 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया गया था और आज की तारीख तक वह न्यायिक हिरासत में हैं। श्री अरविंद कुमार के एक प्रमुख सहयोगी श्री कमल सिंह (उर्फ कमल सोलंकी) पिछले एक महीने से फरार चल रहे थे। हालांकि लगातार प्रयासों से अधिकारी श्री कमल सिंह को पकड़ने में कामयाब रहे। उन्होंने फर्जी बिलिंग के रैकेट में शामिल होने की बात कबूल ली है। कमल ने बताया है कि 541.13 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए जा चुके हैं, जिनसे 82.23 करोड़ रुपये का फर्जी आईटीसी वसूला जा चुका है, जिसके जांच आगे बढ़ने पर और बढ़ने की उम्मीद है।

श्री कमल सिंह को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत गिरफ्तार किया गया और 9 फरवरी 2021 को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे 23 फरवरी 2021 तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जांच में यह दूसरी गिरफ्तारी है।

यहां इस बात का उल्लेख करना उचित है कि जीएसटी केंद्रीय कर की स्थापना के बाद दिल्ली जोन की ओर से विभिन्न मामलों में 21 लोगों को गिरफ्तारी की गई है, जिससे 3791.65 करोड़ रुपये से ज्यादा की जीएसटी चोरी पकड़ी गई है।

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सत्यजीत रे के 100 वर्षों का जश्न मनाने के लिए अभिनेता धृतिमान चटर्जी ने 51वें आईएफएफआई में विशेष सेग्मेंट का उद्घाटन किया

जाने-माने बंगाली फिल्म अभिनेता धृतिमान चटर्जी ने 51वें आईएफएफआई, गोवा में फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की फिल्मी दुनिया पर प्रकाश डालने वाले सेग्मेंट का उद्घाटन किया।

धृतिमान चटर्जी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1970 में सत्यजीत रे की ‘प्रतिवंद्दी’ फिल्म के नायक के रूप में की थी।

सत्यजीत रे को श्रद्धांजलि अर्पित करने के क्रम में आईएफएफआई में सत्यजीत रे की निम्नलिखित पांच फिल्लों का प्रदर्शन किया जाएगाः

  1. चारुलता (1964) – समीक्षकों द्वारा प्रशंसा पा चुकी यह फिल्म रबींद्रनाथ टैगोर की पौराणिक रचना पर आधारित है और एक अकेली युवा पत्नी की कहानी बताती है।
  2. घरे बाइरे (1984) – यह फिल्म बंगाल के विभाजन की पृष्ठभूमि के मद्देनज़र एक रोमांटिक ड्रामा है, जिसमें महिला नायिका को दो विरोधी विचारधाराओं के बीच फंसा हुआ दिखाया गया है।
  3. पाथेर पांचाली (1955) – सत्यजीत रे की तीन फिल्मों की श्रंखला में यह पहली फिल्म है। यह फिल्म बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय द्वारा लिखित एक उपन्यास पर आधारित है, जो बचपन की एक मार्मिक कहानी को बताती है।
  4. शतरंज के खिलाड़ी (1977) – प्रेमचंद की लघु कहानी से ली गई यह फिल्म 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की पूर्व संध्या की पृष्ठभूमि पर बनाई गई है।
  5. सोनार केल्ला (1974) – राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता यह फिल्म सत्यजीत रे की जासूसी कला के प्रति रुचि के शुरुआती दौर की फिल्म है।

इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए चटर्जी ने कहा कि सत्यजीत रे का सिनेमा को कालातीत, प्रासंगिक और समकालीन है। उन्होंने कहा कि रे फिल्म निर्माण से जुड़ी सभी कलाओं के मास्टर थे। चटर्जी ने सुप्रसिद्ध फिल्मकार सत्यजीत रे की कम बजट वाली, लेकिन विश्वस्तरीय फिल्म बनाने की कला पर प्रकाश डाला। उन्होंने सत्यजीत रे के मानवतावाद, और किसी भी मानवीय स्थिति को सहानुभूति के साथ देखने की प्रशंसा की।

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