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डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना के मामलों में हो रही वृद्धि पर नियंत्रण के लिए 11 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने 11 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ आज वर्चुअल माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में पिछले लगभग दो हफ्तों में कोरोना के मामलों में सर्वाधिक दैनिक वृद्धि और मृत्यु दर्ज करने वाले राज्यों में कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण में प्रगति की समीक्षा की गई। इन राज्यों में छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान शामिल थे।

इस बैठक में 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य राज्यमंत्रियों श्री टीएस सिंह देव (छत्तीसगढ़), श्री सत्येन्द्र जैन (दिल्ली), श्री अनिल विज (हरियाणा), श्री राजीव सैजल (हिमाचल प्रदेश), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), डॉ. के. सुधाकर (कर्नाटक), डॉ. प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), श्री राजेश टोपे (महाराष्ट्र), श्री बलबीर सिंह सिद्धू (पंजाब), डॉ. रघु शर्मा (राजस्थान) के अलावा अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) ने भाग लिया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि इन 11 राज्यों से कुल मामलों के 54 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं। देश में हुई कुल मृत्यु में से 65 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र और पंजाब से हैं। महाराष्ट्र (25 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ (14 प्रतिशत) की उच्च जांच सकारात्मकता दर दर्ज की गई है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि फरवरी 2021 के बाद से इन राज्यों के मामलों में भारी वृद्धि हुई है, जिनमें से अधिकांश मामसे 15 से 44 वर्ष के बीच की युवा आबादी से हैं। इसके अलावा, यह जानकारी दी गई है कि अधिकांश मृत्यु के मामले 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने पिछले चार हफ्तों में जांच में की गई वृद्धि की सराहना की, लेकिन गुजरात, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हाई आरएटी अनुपात को लेकर सजग रहने को भी कहा। इन राज्यों में एक और चिंताजनक पहलू यह भी है कि निजी क्षेत्र की जांच क्षमता का कम उपयोग किया गया है।

डॉ. हर्षवर्धन ने 11 राज्यों के इन पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, सामूहिक लाभ के लिए देश भर के राज्यों के द्वारा अब तक किए गए सहयोगात्मक कार्यों के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने बताया कि कि केंद्र इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हर संभव सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि जहां पिछले कुछ हफ्तों में मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है तो वहीं अब राष्ट्रीय संचयी मृत्यु दर (सीएफआर) 1.30 प्रतिशत पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में एक दिन में अधिकतम 43 लाख से अधिक लोगों के टीकाकरण के साथ भारत के इस सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में अबतक 8.31 करोड़ से अधिक लोगों को खुराक दे दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जांच की कुल संख्या भी आज 25 करोड़ से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि पुणे की एक मात्र एनआईवी प्रयोगशाला से, अब हमारे पास देश भर में 2,443 नैदानिक ​​प्रयोगशालाएं हैं । उन्होंने कहा कि हमारी जांच क्षमता प्रति दिन 13,00,000 तक बढ़ गई है।