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82.23 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट में शामिल 46 फर्जी फर्मों के नेटवर्क का भंडाफोड़, सीजीएसटी अधिकारियों ने एक को किया गिरफ्तार

फर्जी बिलिंग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, दिल्ली पूर्व के अधिकारियों ने फर्जी आईटीसी का फायदा दिलाने वाले काल्पनिक फर्मों के एक बहुस्तरीय नेटवर्क का पता लगाया है। व्यापक स्तर पर डेटा के विश्लेषण के जरिए दिल्ली पूर्व जीएसटी के अधिकारियों ने 46 फर्जी फर्मों के नेटवर्क की पहचान कर उसका भंडाफोड़ किया। इसे 2017 से ही संचालित किया जा रहा था और कई लोगों को नकली बिलों के जरिए फर्जी आईटीसी का लाभ दिलाया जा चुका है। जांच में पता चला कि श्री अरविंद कुमार और उनके सहयोगियों द्वारा इन काल्पनिक फर्मों को नियंत्रित किया जा रहा था। उन्हें 17 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया गया था और आज की तारीख तक वह न्यायिक हिरासत में हैं। श्री अरविंद कुमार के एक प्रमुख सहयोगी श्री कमल सिंह (उर्फ कमल सोलंकी) पिछले एक महीने से फरार चल रहे थे। हालांकि लगातार प्रयासों से अधिकारी श्री कमल सिंह को पकड़ने में कामयाब रहे। उन्होंने फर्जी बिलिंग के रैकेट में शामिल होने की बात कबूल ली है। कमल ने बताया है कि 541.13 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए जा चुके हैं, जिनसे 82.23 करोड़ रुपये का फर्जी आईटीसी वसूला जा चुका है, जिसके जांच आगे बढ़ने पर और बढ़ने की उम्मीद है।

श्री कमल सिंह को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत गिरफ्तार किया गया और 9 फरवरी 2021 को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे 23 फरवरी 2021 तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जांच में यह दूसरी गिरफ्तारी है।

यहां इस बात का उल्लेख करना उचित है कि जीएसटी केंद्रीय कर की स्थापना के बाद दिल्ली जोन की ओर से विभिन्न मामलों में 21 लोगों को गिरफ्तारी की गई है, जिससे 3791.65 करोड़ रुपये से ज्यादा की जीएसटी चोरी पकड़ी गई है।