Breaking News

नकली पान मसाला फैक्ट्री का भंडाफोड़

कुलीबाजर में घर के अन्दर नकली पान मसाला बनाने की फैक्ट्री भंडा फोड़ ।

मसाला बनाने की मशीन , खुला मसाला और नामी पान मसाले के नकली पाउच भी बरामद ।

पुलिस छापे में फैक्ट्री संचालक मोहम्मद फैय्याज नकली मसाला बनाते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार ।

अनवरगंज थाना क्षेत्र का मामला ।

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कानपुर में करोना से पहली मौत

कानपुर ब्रेकिंग-

कानपुर में कोरोना से पहली मौत।

निजी अस्पताल से लाकर कराया था हैलट में एडमिट।

कल देर रात युवक की इलाज के दौरान मौत ।

मौत के बाद आई रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव निकला मृतक ।

डीएम की मौजूदगी मेन कराया गया अंतिम संस्कार

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कानपुर , ब्रेकिंग न्यूज़


आईआईटी निदेशक व प्रोफेसरों की फर्जी आईडी बनाकर के मांगी रकम ।

आईआईटी के निदेशक का शातिरों ने बनाया फर्जी फेसबुक एकाउंट ।

10 से ज्यादा विभागध्यक्षो की फर्जी आईडी बनाकर परेशानी का हवाला देकर मांगी रकम ।

थाना कल्याणपुर में आईटी एक्ट के तहत आईआईटी के निदेशक की तहरीर हुआ मुकदमा दर्ज ।

देश के सर्वोच्च इंजीनियरिंग संस्थान को साइबर अपराधियों की चुनौती ।

पुलिस और साइबर सेल पड़ताल में जुटी
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तेज रफ्तार टैंकर अनियंत्रित होकर रोड के किनारे खड़े हार्वेस्टर से टकराया।।

भीषण टक्कर के दौरान हार्वेस्टर चालक समेत तीन युवक गंभीर रूप से हुए घायल

घायलों को प्राथमिक उपचार के दौरान कानपुर जिला अस्पताल किया गया रेफर

मौके पर पहुची पुलिस मामले की जाच में जुटी

घाटमपुर तहसील के घुघुआ पुल के पास की घटना।।
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अपडेट -शराब से मौत का मामला ।

पुलिस ने गांव में कई घरों व दुकानों पर की छापेमारी ।

तीन और लोगो को कराया गया अस्पताल में भर्ती ।

इस मामले में 2 लोगो की हुई थी मौत

सजेती थाना क्षेत्र का है मामला

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बिठूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम गंगपुर नारामऊ में खेतों में लगी भीषण आग।

कई बीघे फसल जल कर हुई राख

11000 लाइन की तार टूटने से लगी खेत में आग

ग्रामीणों और पुलिस ने मिलकर आग पर पाया काबू

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय बैठक

👉🏻 प्रदेश सरकार ने यह किया तय
1. सभी जिलों में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा। जिलों के दो वर्ग होंगे। ए वर्ग में वे जिले होंगे जहां 14 अप्रैल तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं मिला है। वर्ग बी में वह जिलेे होंगे जहां पॉजिटिव केस मिल चुके हैं या 14 अप्रैल तक और मिलने की आशंका है।
ए वर्ग वाले जिलों में कुछ रियायतें दी जाएंगी।
बी वर्ग वाले जिलों में प्रतिबंध पूरी तरह से जारी रहेगा।
2. जिलों में चिह्नित किए गए हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में किसी भी तरह का मूवमेंट पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। यहां प्रशासन राशन और अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था करेगा।
3. 30 अप्रैल तक प्रदेश में कहीं भी पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध रहेेगा और धारा 144 लागू रहेगी।
4. 31 मई तक पूरे प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा और सोशल डिस्टेंसिंग की नीति भी इसी तारीख तक लागू रहेगी।_
6. वर्ग बी के जिलों की सीमाएं सील रहेंगी और सामान का परिवहन भी जिलों की सीमा के अंदर नहीं होगा। वर्ग ए के जिलों में जिलाधिकारी की अनुमति से परिवहन में रियायत दी जा सकती है। वर्ग ए और वर्ग बी वाले जिलों के बीच कोई आवागमन नहीं होगा। वर्तमान में लागू पास मान्य होंगे। स्वास्थ्य परीक्षण आदि जारी रहेगा।
7. हॉटस्पॉट वाले इलाकों को छोड़कर जोखिम का आकलन कर डीएम निर्माण, औद्योगिक उत्पादन और खनन की अनुमति दे सकेंगे।
8. स्टांप एवं रजिट्रेशन की सभी जिलों में नियमों के अधीन अनुमति।

👉🏻 ये भी हुआ तय
9. ये रहेंगे बंद : होटल, धर्मशाला, होम स्टे, मॉल, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, जिम, रेस्टूरेंट, बार, धार्मिक संस्थान आदि बंद रहेंगे। जिलाधिकारी की अनुमति के बिना किसी कार्मिक या अन्य व्यक्ति को हटाया नहीं जाएगा।
10. हॉटस्पॉट को छोड़कर इनको रहेगी अनुुमति : खेती किसानी, बागवानी, मौन पालन, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, कटाई बुवाई आदि को अनुमित रहेगी। राज्य की सीमा से बाहर और वर्ग बी वाले जिलों से श्रमिक नहीं लाए जा सकेंगे।
11. 15 मई तक प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।
12. अस्पतालों आदि को छोड़कर 15 मई तक प्रदेश मे एयर कंडीशनर के उपयोग पर भी रोक।
13. रियायत : वर्ग ए वाले जिलों के बीच सात बजे से लेकर एक बजे के बीच खुद के वाहनों से यात्रा हो सकेगी। वर्ग ए और वर्ग बी वाले जिलों के बीच वाहन नहीं चलेेंगे, केवल आवश्यक सामान की ढुलाई हो सकेगी।
14. वर्ग ए वाले जिलों सहित अगर कहीं कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आते हैं तो प्रतिबंध अधिक सख्त किए जाएंगे।
15. क्वारंटीन होने वालों को इधर-उधर आने-जाने की इजाजत नहीं होगी।
16. सभी निजी अस्पताल और अन्य चिकित्सीय संस्थाएं प्रदेश में खुली रहेंगी और सोशल डिस्टेंस नीति का पालन होगा।
17. सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मनरेगा को वर्ग ए जिलों में अनुमति होगी।

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जिलाधिकारी ने मांसाहार के लिये जारी किये दिशा निर्देश

कानपुर नगर

चिकन ,अंडा ,मछली के बिक्री हेतु दिए दिशा निर्देश

जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि फूड श्रखला में कई जगह से आने वाले बिंदुओं जिनमें चिकन ,अंडा ,मछली इत्यादि जो भी प्रोडक्ट है इनकी बिक्री किस तरह से हो यह आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में है कि नहीं इस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि यह आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में है, इनकी भी बिक्री हेतु उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि होम डिलीवरी के माध्यम से अन्य आवश्यक वस्तुओं की ही तरह इसकी भी बिक्री की जा सकती है ,इन पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है और इसके लिए ठेला ठेलीया जो भी वाहन है उनका थाने के माध्यम से या संबंधित मजिस्ट्रेट के माध्यम से इनका रजिस्ट्रेशन कराते हुए पास बना ले जिससे किसकी भी बिक्री की जा सके इसके लिए किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है, साथ ही डेयरी इकाइयों की तरह जो भी व्यक्ति इस कार्य में लगे हैं वह भी सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करते हुए होम डिलीवरी कर सकते हैं।

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कोरोना वायरस के प्रति प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपनाए जाने वाले आहार के उपाय।

कोरोना वायरस के प्रति प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपनाए जाने वाले आहार के उपाय।
डॉ मीतकमल द्धिवेदी, एसोसिएट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर l

CoVID-19 संक्रमण से बचने के लिए, अपने दैनिक आहार में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखकर प्रतिरक्षा को बढ़ाने की सलाह दी जाती है। दुनिया भर में प्रकाशित विभिन्न लेखों का विस्तृत अध्ययन बताता है कि जैतून का तेल मानव को इस विनाशकारी वायरस से बचा सकता है।जैतून के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड वसा (OLEIC-acid- 73%), संतृप्त वसा (14%) एंटी ऑक्सीडेंट पॉलीअनसेचुरेटेड वसा (11%) जैसे ओमेगा -3 फैटी एसिड और ओमेगा 6 होते हैं ।यह विटामिन E और K के साथ एंटीऑक्सिडेंट का भी एक समृद्ध स्रोत है जो हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक हैं। एंटीऑक्सिडेंट हमारे रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखते हैं।अगर आप टाइप -2 डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित हैं, तो जल्द से जल्द ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना शुरू कर दें। वर्तमान स्थिति में CoVID-19 के लिए जैतून का तेल अच्छा उपाय है। भारतीय परिस्थितियों के संदर्भ में,जैतून के तेल के अलावा, कई अन्य तरीके हैं जिनसे हमें CoVID-19 संक्रमण के खतरे से दूर रखा जा सकता है।अदरक, काली मिर्च और मूल शहद के मेल से बनी चाय इसके लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार है।नारियल का तेल और इसके डेरिवेटिव इस वायरस के खिलाफ बहुत प्रभावी हैं। शुद्ध कोल्ड-प्रेस्ड नारियल के तेल या कच्चे नारियल के तेल में पकाया गया भोजन एंटीवायरल की तरह काम कर सकता है। इसमें मौजूद लौरिक एसिड और कैप्रेट्रिक एसिड वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने और वायरस के कवर को भी विघटित करने के लिए आवश्यक हैं।मूंगफली, पिस्ता, अंगूर, ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, स्ट्रॉबेरी और यहां तक ​​कि कोको और डार्क चॉकलेट जैसे खाद्य पदार्थ फंगल संक्रमण, पराबैंगनी विकिरण, तनाव और चोट से लड़ने में मददगार होते हैं।प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए विटामिन-सी सप्लीमेंट भी उपयोगी है। विटामिन- सी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे आंवला, लाल मिर्च, पीली मिर्च और विटामिन सी की खुराक से संक्रमण की गंभीरता कम हो जाती है। एंटी-वायरल जड़ी-बूटियाँ जैसे अजवायन, तुलसी, लहसुन, अदरक, सौंफ़, सूखे थाइम, इचिनेशिया, लीकोरिस आदि क्योंकि इनके औषधीय गुण हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत अच्छे हैं और इन्हें चाय में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह Mucous(श्लेष्म) समस्याओं सहित respiratory(श्वसन) स्वास्थ्य, जो वायरल संक्रमण से आप को सुरक्षित रख सकते हैं। अजवायन अपनी प्रभावशाली औषधीय गुणवत्ता के लिए एक बहुत लोकप्रिय जड़ी बूटी है। यह कई वायरस के खिलाफ एंटीवायरल गतिविधि को बाहर कर सकती है।पवित्र तुलसी प्रतिरक्षा को बढ़ाती है जो वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती है। लहसुन एक एंटी-वायरल फूड है। इसके गुणों का लाभ उठाने के लिए इसे कच्चा खाया जाना चाहिए। यदि आप इसे पकाने जा रहे हैं, तो इसे आधे घंटे पहले काट लें, ताकि इसके सक्रिय सिद्धांत और एंजाइम बरकरार हैं और खाना पकाने के बाद इसके कई गुणों को बरकरार रखi हैं। अदरक एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो वायरस की प्रतिकृति को बाधित करते हैं और स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश करते हैं। आप सूखी अर्क गोलियाँ ले सकते हैं या ताजा अदरक स्लाइस के साथ तैयार कर सकते हैं। Salvia officinalis(तेजपत्ता) एक सुगंधित पौधा है जो परंपरागत रूप से वायरल संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया है। खांसी को कम करने के लिए थाइम हर्ब बहुत उपयोगी है। प्राकृतिक जड़ी बूटियों के अलावा ,विटामिन डी प्रतिरक्षा प्रणाली को उचित स्तर पर रखता है ,क्योंकि यह हमारे शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। इसका स्तर भी प्रतिरक्षा के लिए बनाए रखा जाना चाहिए। जिंक और सेलेनियम जैसे खनिजों को शामिल किया जाना चाहिए। वे बादाम, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, अनसाल्टेड काजू और अनसाल्टेड पिस्ता में पाए जाते हैं। इन सभी आहार परिवर्तनों के अलावा, 30 मिनट के मध्यम शारीरिक व्यायाम , अच्छी सौम्य उचित नींद हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढाती है। निष्कर्ष के अनुसार, CoVID-19 वायरस मानव के लिए एक विनाशकारी आपदा है क्योंकि इसे केवल सोशल डिस्टैन्सिंग से ठीक किया जा सकता है। मानव जाति को बचाने के लिए बीमारी के लिए वैक्सीन का आविष्कार करने का प्रयास किया जा रहा है । इसलिए, संक्रमण से दूर रखने के लिए उपरोक्त कुछ एहतियाती उपाय करके मानव जीवन को बचाया जा सकता है।

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भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कोरोना चैन को कण्ट्रोल करना

लगभग 17.15 लाख लोग 150 से ज़्यादा देशों में कोरोना से संक्रमित हैं |

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इस आईडिया की जानकारी देने वाले कुमार तुषार श्रीवास्तव ” ऍम.टेक, एल एल बी ”

मेजर प्रोब्लेम्स: १) लोग गवर्नमेंट के आइसोलेशन/क्वारंटाइन आदेश को पालन नहीं कर रहे हैं २) संक्रमित व्यक्ति के द्वारा गए स्थान का पता पेशेंट से पूछकर ही चल पता है जो की वो भूल भी सकता है या और उसके रिश्तेदार और दोस्त न फसे तो नहीं भी बताता है ३) शुरुआत में कोई लक्षण संक्रमित व्यक्ति में नहीं दिखते ४) अभी डॉक्टर्स मैन्युअली स्क्रीनिंग करते हैं पेशेंट्स की जिससे उनको भी इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है ५) कोविड-१९ की टेस्टिंग सुविधाएं काफी कम हैं ६) इंडिया की अर्थव्यवस्था भी काफी ज़ादा प्रभावित हुई है 

कोरोना से सम्बंधित प्रोब्लेम्स एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे के रिंग से हल हो सकती है | इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के सेंसर्स से मिली जानकारी कोरोना की चैन ब्रेक में बहुत ही सहायक हो सकती है| इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के सेंसर्स किसी भी व्यक्ति के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, सांस से सम्बंधित विषय को २४×७ ऑटोमेटिकली आकलन करके साथ ही इंटरनेट से हॉस्पिटल्स के कम्प्यूटर्स पर ऑटोमेटिकली भेज सकता है | जैसे ही किसी भी व्यक्ति के पैरामीटर्स इंडीकेट करेंगे की पेशेंट का बुखार, खांसी आदि उसी दिशा में हैं जो कोरोना के होते हैं गवर्नमेंट व्यक्ति को उसकी लोकेशन से तत्काल पिकअप कर सकते हैं जिससे कोरोना को आगे फैलने से रोका जाएगा | जिन पेशेंट्स के सभी पैरामीटर्स असामान्य नहीं हैं वो कोरोना पेशेंट नहीं है एंड उसका नार्मल ट्रीटमेंट ही ज़रूरी है | लगातार पेशेंट की जानकारी से डॉक्टर्स को भी पेशेंट हिस्ट्री का पता चलता रहेगा एंड ट्रीटमेंट में मदद होगी। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से पेशेंट की लोकेशन हर टाइम मिलती रहेगी जिससे कुछ लोग जो आइसोलेशन/क्वारंटाइन में रहने की जगह बहार निकल रहे हैं या भाग रहे हैं, ऑटोमेटिकली गवर्नमेंट को तुरंत ही उनकी लोकेशन इनफार्मेशन (ईमेल, व्हाट्सप्प, SMS के द्वारा) मिल जाएगी | पेशेंट कहाँ और कितनी देर रहा, ये भी पता चल जायेगा |  

डॉक्टर और अन्य कर्मचारी जो इसे पहनते हैं, सरकार कॉन्टेक्टलेस अटेंडेंस के रिकॉर्ड के लिए भी इसका उपयोग कर सकती है | आपको जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, यह भी सरकार की महत्वपूर्ण समस्या में से एक है।

गवर्नमेंट के आइसोलेशन/क्वारंटाइन आदेश को न पालन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी गवर्नमेंट ले सकती है | जैसे अभी दिल्ली से काफी लोग देश के अलग अलग जगह चले गए एंड गवर्नमेंट को निगरानी करने में इतना श्रम डालना पड़ रहा है वो समस्या भी हल हो जाएगी | ये इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लोगों को आसपास के कोरोना ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल्स की जानकारी भी देगी साथ ही सेल्फ-आइसोलेशन में रहने, खुद से अपना ट्रीटमेंट न करने, जैसे कई इंस्ट्रक्शंस भी देगी | 

“मेक इन इंडिया” के अंडर काफी कम्पनीज या और दूसरी मल्टीनेशनल कम्पनीज भी इसका भारी मात्रा में उत्पादन कर सकती हैं| ये इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इंडिया के बाद बहार की देशों में भी भेजी जा सकती हैं जिससे इंडिया अच्छा मुद्रा लाभ ले सकती है| इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस न सिर्फ कोविड-१९ से बचाएगी बल्कि मोदी गवर्नमेंट के “मेक इन इंडिया” मिशन को भी ज़बरदस्त बढ़ावा दे सकती है|जानकारी के लिए बता दें की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कोई भी आकर में डिज़ाइन हो सकती है जैसे की अंगूठी, हार,  बैंड आदि| भारत में इससे सम्बंधित पेटेंट भी लीगल प्रोटेक्शन के लिए फाइल किया जा चूका है|

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लॉकडाउन के उल्लंघन में सात लोग गिरफ्तार

लॉकडाउन का उल्लंघन कर नमाज पढ़ने के लिये जमा होने के मामले में सात लोग गिरफ्तार
अधिकारियों के अनुसार कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये गौतमबुद्ध नगर में धारा 144(चार या उससे अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर मनाही) लागू है और अधिकारी लोगों से घरों में रहने तथा एक जगह जमा नहीं होने की अपील कर रहे हैं।

नोएडा। ग्रेटर नोएडा में कोरोना वायरस के चलते लागू धारा 144 का उल्लंघन कर जुमे की नमाज अदा करने के लिये कथित रूप से जमा होने पर सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के जारचा इलाके में कालोंडा गांव में 20 से 25 लोग जुमे की नमाज के लिये मस्जिद में जमा हुए, जिसके बाद किसी ने पुलिस को फोन कर इस बारे में जानकारी दी, अधिकारियों के अनुसार कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये गौतमबुद्ध नगर में धारा 144(चार या उससे अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर मनाही) लागू है और अधिकारी लोगों से घरों में रहने तथा एक जगह जमा नहीं होने की अपील कर रहे हैं। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, पुलिस जब वहां पहुंची तो मस्जिद के भीतर 20-25 लोग थे जो नमाज की तैयारी कर रहे थे। उनमें से सात को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी लोग भाग गए, जिनमें एक मौलाना भी था जो शायद नमाज पढ़ाने वाला था। अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किये गए लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269, 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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सील किये गये हॉटस्पॉट में संदिग्ध मरीजों की खास निगरानी की जाए -योगी

योगी का आदेश, सील किये गये हॉटस्पॉट में संदिग्ध मरीजों की खास निगरानी की जाए

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को निर्देश दिया प्रदेश में सील किये गये कोरोना वायरस संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) में संदिग्ध मरीजों पर खास निगरानी रखी जाए। योगी ने यह भी कहा कि इस तरह के व्यक्ति की जांच सुनिश्चित कर उसे पृथक वास में रखा जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मास्क पहनने की अनिवार्यता का परामर्श अब शासनादेश में बदल दिया गया है, जिससे अब प्रदेश में मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है।

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विशेष निगरानी का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदेश है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और सहारनपुर में अति​शीघ्र जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। संस्थागत पृथक वास में रहने वाले ऐसे लोग, जिनके 14 दिन पूरे हो गए हैं और उनकी रिपोर्ट नेगेटीव आ रही है उन्हें घर पर ही पृथक वास में भेजने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह आया है कि कुछ जिलों के बैंकों में व राशन वितरण के दौरान लोगों के बीच दूरी बनाये रखने के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसलिये सामाजिक मेल जोल से दूर रहने के निर्देशों का गंभीरता से पालन कराने के साथ उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया है। 

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‘कोविड केयर फंड’ का इस्तेमाल जांच सुविधाएं बढ़ाने में किया जाएगा : योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘हम लोगों ने तय किया है कि इस कोष का उपयोग हम प्रदेश में जांच सुविधाओं को बढ़ाने में करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस कोष का इस्तेमाल कोविड-19 लेवल वन, लेवल 2 और लेवल 3 के अस्पतालों की संख्या बढ़ाने में किया जाएगा।लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए बनाए गए ‘केयर फंड’ का इस्तेमाल कोविड-19 संक्रमण की जांच की सुविधाओं को बढ़ाने में करेगी और प्रदेश के सभी 24 मेडिकल कॉलेजों में जांच लैब के साथ-साथ हर जिले में एक-एक कलेक्शन सेंटर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि कोविड-19 के खिलाफ प्रदेश सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश कोविड केयर फंड’ की स्थापना की है। इसमें जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज के विभिन्न तबकों का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों ने तय किया है कि इस कोष का उपयोग हम प्रदेश में जांच सुविधाओं को बढ़ाने में करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस कोष का इस्तेमाल कोविड-19 लेवल वन, लेवल 2 और लेवल 3 के अस्पतालों की संख्या बढ़ाने में किया जाएगा। साथ ही कोरोना वायरस के खिलाफ जिन सहायक उपकरणों की जरूरत पड़ती है यानी एन 95 मास्क, 3 लेयर मास्क, थर्मल एनालाइजर, वेंटिलेटर इत्यादि के निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये भी सरकार निरंतर काम कर रही है। योगी ने कहा कि प्रदेश में इस वक्त कोरोना वायरस संक्रमण जांच की 10 लैब काम कर रही हैं। सरकार ने प्रदेश में सभी मंडलीय मुख्यालय पर स्थित जिला अस्पताल में कोरोना वायरस जांच जांच की स्थापना का फैसला किया है। इसकी कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हमने चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 24 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। उनमें से 10 में पहले से ही जांच लैब संचालित की जा रही हैं। इनके उन्नयन की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही 14 मेडिकल कॉलेज ऐसे हैं जहां पर अब तक कोविड-19 की जांच की कोई सुविधा नहीं है। इन मेडिकल कॉलेजों में भी जांच लैब स्थापित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में कोविड-19 की जांच के लिए कलेक्शन सेंटर स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में छह मंडल मुख्यालय ऐसे हैं जहां पर कोई सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है। सरकार वहां प्रदेश सरकार की ओर से जांच लैब की स्थापना की कार्रवाई करने जा रही है। 
उन्होंने बताया कि इनमें देवीपाटन मंडल के गोंडा जिले में, मिर्जापुर मंडल में मिर्जापुर जिले में, बरेली मंडल में बरेली जिले में, मुरादाबाद मंडल के मुरादाबाद जिले में, वाराणसी मंडल के जिला अस्पताल में और अलीगढ़ में लेवल तीन की लैब बनाई जाएंगी। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले चार-पांच दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कुछ बढ़े हैं। अभी तक इस संक्रमण के कुल 308 मामले आए हैं। इनमें 168 तबलीगी जमात से जुड़े हुए लोगों के हैं। उन्होंने लोगों से एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित लॉकडाउन के पालन की अपील करते हुए कहा कि यह कार्रवाई 130 करोड़ लोगों के सुरक्षित भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सभी लोग लॉकडाउन के इस अनुशासन को स्वीकार करें।

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