लगभग 17.15 लाख लोग 150 से ज़्यादा देशों में कोरोना से संक्रमित हैं |
मेजर प्रोब्लेम्स: १) लोग गवर्नमेंट के आइसोलेशन/क्वारंटाइन आदेश को पालन नहीं कर रहे हैं २) संक्रमित व्यक्ति के द्वारा गए स्थान का पता पेशेंट से पूछकर ही चल पता है जो की वो भूल भी सकता है या और उसके रिश्तेदार और दोस्त न फसे तो नहीं भी बताता है ३) शुरुआत में कोई लक्षण संक्रमित व्यक्ति में नहीं दिखते ४) अभी डॉक्टर्स मैन्युअली स्क्रीनिंग करते हैं पेशेंट्स की जिससे उनको भी इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है ५) कोविड-१९ की टेस्टिंग सुविधाएं काफी कम हैं ६) इंडिया की अर्थव्यवस्था भी काफी ज़ादा प्रभावित हुई है
कोरोना से सम्बंधित प्रोब्लेम्स एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे के रिंग से हल हो सकती है | इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के सेंसर्स से मिली जानकारी कोरोना की चैन ब्रेक में बहुत ही सहायक हो सकती है| इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के सेंसर्स किसी भी व्यक्ति के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, सांस से सम्बंधित विषय को २४×७ ऑटोमेटिकली आकलन करके साथ ही इंटरनेट से हॉस्पिटल्स के कम्प्यूटर्स पर ऑटोमेटिकली भेज सकता है | जैसे ही किसी भी व्यक्ति के पैरामीटर्स इंडीकेट करेंगे की पेशेंट का बुखार, खांसी आदि उसी दिशा में हैं जो कोरोना के होते हैं गवर्नमेंट व्यक्ति को उसकी लोकेशन से तत्काल पिकअप कर सकते हैं जिससे कोरोना को आगे फैलने से रोका जाएगा | जिन पेशेंट्स के सभी पैरामीटर्स असामान्य नहीं हैं वो कोरोना पेशेंट नहीं है एंड उसका नार्मल ट्रीटमेंट ही ज़रूरी है | लगातार पेशेंट की जानकारी से डॉक्टर्स को भी पेशेंट हिस्ट्री का पता चलता रहेगा एंड ट्रीटमेंट में मदद होगी। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से पेशेंट की लोकेशन हर टाइम मिलती रहेगी जिससे कुछ लोग जो आइसोलेशन/क्वारंटाइन में रहने की जगह बहार निकल रहे हैं या भाग रहे हैं, ऑटोमेटिकली गवर्नमेंट को तुरंत ही उनकी लोकेशन इनफार्मेशन (ईमेल, व्हाट्सप्प, SMS के द्वारा) मिल जाएगी | पेशेंट कहाँ और कितनी देर रहा, ये भी पता चल जायेगा |
डॉक्टर और अन्य कर्मचारी जो इसे पहनते हैं, सरकार कॉन्टेक्टलेस अटेंडेंस के रिकॉर्ड के लिए भी इसका उपयोग कर सकती है | आपको जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, यह भी सरकार की महत्वपूर्ण समस्या में से एक है।
गवर्नमेंट के आइसोलेशन/क्वारंटाइन आदेश को न पालन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी गवर्नमेंट ले सकती है | जैसे अभी दिल्ली से काफी लोग देश के अलग अलग जगह चले गए एंड गवर्नमेंट को निगरानी करने में इतना श्रम डालना पड़ रहा है वो समस्या भी हल हो जाएगी | ये इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लोगों को आसपास के कोरोना ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल्स की जानकारी भी देगी साथ ही सेल्फ-आइसोलेशन में रहने, खुद से अपना ट्रीटमेंट न करने, जैसे कई इंस्ट्रक्शंस भी देगी |
“मेक इन इंडिया” के अंडर काफी कम्पनीज या और दूसरी मल्टीनेशनल कम्पनीज भी इसका भारी मात्रा में उत्पादन कर सकती हैं| ये इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इंडिया के बाद बहार की देशों में भी भेजी जा सकती हैं जिससे इंडिया अच्छा मुद्रा लाभ ले सकती है| इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस न सिर्फ कोविड-१९ से बचाएगी बल्कि मोदी गवर्नमेंट के “मेक इन इंडिया” मिशन को भी ज़बरदस्त बढ़ावा दे सकती है|जानकारी के लिए बता दें की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कोई भी आकर में डिज़ाइन हो सकती है जैसे की अंगूठी, हार, बैंड आदि| भारत में इससे सम्बंधित पेटेंट भी लीगल प्रोटेक्शन के लिए फाइल किया जा चूका है|