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रूसी के विदेश मंत्री महामहिम सर्गेई लावरोव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की

रूस के विदेश मंत्री महामहिम सर्गेई लावरोव ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

विदेश मंत्री लावरोव ने प्रधानमंत्री को वर्तमान में चल रही शांति वार्ता समेत यूक्रेन की संपूर्ण परिस्थिति के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने हिंसा की शीघ्र समाप्ति के अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों में किसी भी योगदान के लिए भारत की प्रतिबद्धता से अवगत कराया।

रूस के विदेश मंत्री ने दिसंबर 2021 में आयोजित भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए विभिन्न निर्णयों की प्रगति के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

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सेना चिकित्सा कोर ने अपना 258वां स्थापना दिवस मनाया

भारतीय सेना ने 3 अप्रैल 2022 को सेना चिकित्सा कोर का 258वां स्थापना दिवस मनाया। कोर का आदर्श वाक्य “सर्व सन्तु निरामया” है, जिसका अर्थ है “सभी को रोग और दिव्यांगता से मुक्त होने दें”। सेना चिकित्सा कोर ने युद्ध और शांति समय में रक्षा बलों एवं विदेशी मिशनों में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को स्वास्थ्य देखभाल तथा असैन्य अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के दौरान चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह कोर पिछले दो वर्षों से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रही है और इसने राष्ट्र की निस्वार्थ तथा उत्कृष्ट सेवा की है।

इस अवसर को मनाने के लिए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक वाइस एडमिरल रजत दत्ता और चिकित्सा सेवा महानिदेशक (सेना) लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह के साथ-साथ नौसेना तथा वायु सेना के चिकित्सा सेवा महानिदेशक ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और कर्तव्य पालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले चिकित्सा कर्मियों को श्रद्धांजलि दी।

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अल्पसंख्यक के साथ हम नाइंसाफी नहीं होने देंगे~सरदार परविंदर सिंह

(कानपुर सू0वि0)आज सर्किट हाउस में उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह ने बताया है कि उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक के साथ हम नाइंसाफी नहीं होने देंगे, उन्होंने कहा चाहे विरोधी कितना भी शक्तिशाली हो हमारे किसी अल्पसंख्यक के साथ अन्याय होगा तो उसे सजा मिलेगी आज कानपुर में परविंदर सिंह जी ने सरदार अजीत सिंह छाबड़ा, कमलजीत सिंह बग्गा, मुस्लिम समाज से नाजिया सिद्धकी, मोहम्मद जावेद, जैन समाज से आंचल जैन, सचिन जैन, ईसाई समाज से नोबल कुमार चेतन मॉल से मिलकर उनकी समस्याएं पूछी और कहा कि योगी जी की सरकार में अल्पसंख्यक समाज को पूरा न्याय मिलेगा| उन्होंने कहा शीघ्र ही अल्पसंख्यक समाज के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी प्रकाशित किया जाएगा जिसमें अल्पसंख्यक समाज अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है| प्रेस वार्ता में परमजीत सिंह, चंडोक सदा, नीतू सिंह, इकबाल कौर, गगनदीप सिंह, हरमीत सिंह भी उपस्थित थे|

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एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज की कादोम्बिनी देवी एन. एस. एस. यूनिट द्वारा काकोरी ग्राम में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का आज समापन

कानपुर 31मार्च, भारतीय स्वरूप संवाददाता,  एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज की कादोम्बिनी देवी एन. एस. एस. यूनिट द्वारा काकोरी ग्राम में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन समारोह महाविद्यालय सभागार में मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन, पुष्प अर्पण, सरस्वती वंदना से आरंभ किया गया। शिविर में अथिति के रूप में एस एच ओ छावनी अर्चना सिंह, संस्थापक अध्यक्ष महिला जागृति संस्थान कानपुर विजयेता श्रीवास्तव, आरोग्य भारती संस्थान कानपुर के जिलाध्यक्ष डॉ. बी. एन. आचार्य, अधिवक्ता कानपुर कोर्ट श्री मुकेश श्रीवास्तव एवम् विशाल श्रीवास्तव, काकोरी ग्राम से अनिता देवी, पुष्पा देवी, बेबी देवी, सुरेखा देवी, दीपाली, रूपाली, मिताली, अंकिता तथा शिवानी कार्यक्रम में उपस्थित रहें। सभी अतिथियों का महाविद्यालय की ओर से स्मृतिचिह्न देकर स्वागत एवम् सम्मान किया गया।निश्चित रूप से महाविद्यालय प्रबंधन तंत्र के अध्यक्ष, सचिव एवम् संयुक्त सचिव, प्राचार्या महोदया, एन. एस. एस. प्रभारी तथा उनकी पूरी टीम, तथा समस्त शिक्षिकाओं की सभागार में गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई।प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल जी ने अपने स्वागत वक्तव्य में हमेशा की तरह अपने आशीर्वचनों से सभी को उत्साहित, प्रफ्फुलित, एवम् प्रेरित किया। डॉ. बी. एन. आचार्य जी ने स्वस्थ रहने के चार सूत्र – नियम, संयम, प्राणायाम एवम् संतुलित आहार पर बल दिया। एस एच ओ अर्चना सिंह ने बालिकाओं व महिलाओं को अपनी सुरक्षा के प्रति सर्वप्रथम स्वयं तत्पर रहने और सुरक्षित कदम उठाने की महत्त्वपूर्ण सलाह दी गई। श्रीमती विजेयता श्रीवास्तव ने महिला उत्थान में निरंतर योगदान देने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराया। अधिवक्ता मुकेश श्रीवास्तव ने असहाय लोगों की निस्वार्थ सेवा करने का संकल्प लिया। अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने सभी ग्रामीण महिलाओं की सहायता करने का वादा किया। ग्राम काकोरी से रूपाली ने महाविद्यालय परिवार को धन्यवाद देते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार के कैंप गांव में लगते रहें, ऐसी इच्छा व्यक्त की।कार्यक्रम को समापन की ओर सफलतापूर्वक ले जाने का कार्य एन एस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने अपने चिरपरिचित अंदाज में दमदार धन्यवाद ज्ञापन के साथ बखूबी किया। उन्होंने प्रत्येक कड़ी को उचित स्थान देकर धन्यवाद ज्ञापन दिया।

मंच संचालन डॉ. प्रीति सिंह के द्वारा क्रमबद्ध रूप से किया गया। शिविर की आख्या डॉ. अनामिका राजपूत ने सारगर्भित रूप में प्रस्तुत की। डॉ. मोनिका शुक्ला, डॉ. अंजना गुप्ता ने अतिथि परिचय पढ़ने की परंपरा का निर्वहन किया। श्रीमती चेतना त्रिपाठी ने स्वयं सेविकाओं के साथ कार्यक्रम की आवश्यक व्यवस्था करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। स्वयं सेविकाओं की सांस्कृतिक प्रस्तुति, श्री गुलशन मोगा ने अपनी संगीत विभाग की छात्राओं के साथ कार्यक्रम में समां बांध दिया। सभी स्वयं सेविकाओं को प्रमाणपत्र एवम् मेडल का वितरण भी समापन समारोह में किया गया। अंत में राष्ट्रगान के साथ सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन किया गया।

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केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति ने एचएएल से भारतीय वायु सेना (10) और भारतीय सेना (05) के लिए 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) सीमित श्रृंखला उत्पादन (एलएसपी) की खरीद को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री  मोदी की अध्यक्षता में 30 मार्च 2022 को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। इस समिति ने 3,887 करोड़ रुपये की लागत से 15 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) सीमित श्रृंखला उत्पादन की खरीद के अनुमोदन को मंजूरी दी है। इसके अलावा ढांचागत सुविधा के निर्माण के लिए भी 377 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं।

हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर सीमित श्रृंखला उत्पादन (एलएसपी) एक स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। मूल्य के हिसाब से देश में ही बनाये जाने वाले इन हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में 45 प्रतिशत सामान स्वदेशी होगा, जिसे बाद में धीरे-धीरे 55 फीसदी तक किया जाएगा। ये हेलीकॉप्टर आवश्यक दक्षता, कौशल व दांव पेंच, गतिशीलता, विस्तारित रेंज, ऊंचाई पर भी दिन-रात बेहतर प्रदर्शन, सभी तरह के मौसम में खोज, राहत और बचाव अभियान (सीएसएआर) में सक्षम, शत्रु की वायु रक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने (डीईएडी) में चपल, आतंकवाद रोधी (सीआई) अभियान, धीमी गति से उड़ने वाले विमान और दूर से आने वाले विमान (आरपीए) के खिलाफ कार्रवाई, अत्यधिक ऊंचाई वाले बंकर नष्ट करने वाले ऑपरेशन, जंगल एवं शहरी क्षेत्रों में विद्रोहियों की कार्रवाई का जवाब देने तथा जमीनी सैन्य बलों को सहायता करने में उपयोगी हैं। ये हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी प्रभावकारी साबित होंगे।अगले 3 से 4 दशकों के लिए उभर कर आने वाली सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु लड़ाकू भूमिकाओं में तैनाती के लिए एलसीएच को कम रौशनी, श्रव्य, रडार और आईआर सिग्नेचर्स और बेहतर तरीके से बचे रहने के लिए क्रैश-वर्दीनेस सुविधाओं जैसी अत्याधुनिक तकनीकों एवं प्रणालियों को एकीकृत किया गया है। ग्लास कॉकपिट और समग्र एयरफ्रेम संरचना जैसी कई प्रमुख विमानन प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी बनाया गया है। भविष्य की श्रृंखला के उत्पादन संस्करण में और आधुनिक तथा स्वदेशी प्रणालियां शामिल होंगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, भारत रक्षा क्षेत्र में उन्नत अत्याधुनिक तकनीकों और प्रणालियों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित तथा निर्मित करने की अपनी क्षमता का लगातार विस्तार कर रहा है। एचएएल द्वारा एलसीएच का निर्माण आत्मनिर्भर भारत पहल को और बढ़ावा देगा तथा देश में रक्षा उत्पादन एवं रक्षा उद्योग के स्वदेशीकरण को प्रमुखता देगा। एलसीएच के उत्पादन से देश में लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी। हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर पहले से ही आयात प्रतिबंध सूची में हैं। लड़ाकू अभियानों के लिए उन्नत अपनी बहुमुखी विशेषताओं के साथ, एलसीएच में बेहतरीन निर्यात क्षमता है।

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी हाइड्रोजन संचालित कार में संसद पहुंचे, सतत विकास के लिए हरित हाइड्रोजन के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने की जरूरत पर जोर दिया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज हाइड्रोजन आधारित ईंधन बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी) से संसद भवन पहुंचे। श्री गडकरी ने ‘हरित हाइड्रोजन’ से संचालित कार को दिखाते हुए भारत के लिए हाइड्रोजन आधारित समाज की सहायता करने को लेकर हाइड्रोजन, एफसीईवी तकनीक और इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया। श्री गडकरी ने आश्वासन दिया कि भारत में हरित हाइड्रोजन का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि देश में स्थायी रोजगार के अवसर उत्पन्न करने वाले हरित हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत जल्द ही हरित हाइड्रोजन निर्यातक देश बन जाएगा।

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श्री गडकरी ने कहा कि भारत में स्वच्छ और अत्याधुनिक मोबिलिटी (परिवहन) के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरूप हमारी सरकार ‘राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन’ के जरिए हरित व स्वच्छ ऊर्जा पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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रक्षा मंत्रालय और मेसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु ने लड़ाकू विमानों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूइट की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

रक्षा मंत्रालय एवं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूइट की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पूरा किया। रक्षा मंत्रालय और मैसर्स बीईएल के बीच आज यहां इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। अनुबंध की कुल लागत ₹ 1993 करोड़ होने का अनुमान है।

उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूइट सिस्टम की आपूर्ति से वायुसेना के लड़ाकू विमानों की युद्ध की स्थितियों में प्रतिद्वंद्वियों के ज़मीन आधारित रडार के साथ-साथ एयरबोर्न फायर कंट्रोल और निगरानी रडार के विरुद्ध अभियानों के दौरान उत्तरजीविता में काफी वृद्धि होगी।

इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सुइट को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। परियोजना अनिवार्य रूप से आत्मनिर्भर भारत की भावना की प्रतीक है और आत्मनिर्भरता की ओर यात्रा साकार करने में मदद करेगी।

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रक्षा मंत्री की इजरायल के रक्षा मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत

रक्षा मंत्री  ने इज़राइल के रक्षा मंत्री श्री बेंजामिन गैंज़ से टेलीफोन पर बात की। इस टेलीफोन कॉल की शुरुआत तेल अवीव की ओर से की गई थी। श्री राजनाथ सिंह ने इज़राइल में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के कारण निर्दोष नागरिकों की जान चली जाने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और सभ्य दुनिया में इसका कोई स्थान नहीं है। श्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, “इजरायल के रक्षा मंत्री श्री बेंजामिन गैंट्ज़ के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई। इज़राइल में आतंकवादी हमलों के कारण निर्दोष लोगों की जान जाने पर अपनी संवेदना साझा की। आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है जिसका आज की सभ्य दुनिया में कोई स्थान नहीं है।”

श्री गैंज़ ने श्री राजनाथ सिंह के नज़रिए की सराहना की और रक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने श्री राजनाथ सिंह को आगे बताया कि उनकी 30-31 मार्च, 2022 तक प्रस्तावित भारत यात्रा कुछ अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है एवं राजनयिक चैनलों के माध्यम से नई तारीखें निर्धारित करने पर काम किया जाएगा। यात्रा का इंतज़ार व्यक्त करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भारत और इज़राइल के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने पांच राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के रूप में 1,887.23 करोड़ रुपये की मंजूरी दी

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) ने 2021 के दौरान बाढ़/भूस्खलन/ओलावृष्टि से प्रभावित पांच राज्यों को राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) के तहत अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की मंजूरी दी है। यह निर्णय, इन प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले पांच राज्यों के लोगों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के संकल्प को दर्शाता है।

एचएलसी ने एनडीआरएफ से पांच राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के रूप में 1,887.23 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।

बिहार को 1,038.96 करोड़ रुपयेहिमाचल प्रदेश को 21.37 करोड़ रुपयेराजस्थान को 292.51 करोड़ रुपयेसिक्किम को 59.35 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को 475.04 करोड़ रुपये।

यह अतिरिक्त सहायता; केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) में जारी की गई धनराशि के अलावा है, जो पहले से ही राज्यों के पास उपलब्ध है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने 28 राज्यों को उनके एसडीआरएफ में 17,747.20 करोड़ रुपये और एनडीआरएफ से नौ राज्यों को 6,197.98 करोड़ रुपये जारी किये हैं।

केंद्र सरकार ने आपदाओं के तुरंत बाद इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए उनसे ज्ञापन प्राप्त होने की प्रतीक्षा किए बिना, अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईएमसीटी) की प्रतिनियुक्ति की थी।

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भारत वर्तमान में यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, इज़राइल और अन्य देशों के साथ एफटीए पर बातचीत करने की प्रक्रिया में है

वस्त्र राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने हाल ही में एक मुक्त व्यापार समझौते-एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारतीय वस्त्र और परिधानों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना है। भारत, वर्तमान में यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, इज़राइल और अन्य देशों/क्षेत्रों के साथ एफटीए पर बातचीत करने की प्रक्रिया में है।
बांग्लादेश, कंबोडिया और श्रीलंका आदि जैसे पड़ोसी प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में भारत कुछ बाजारों जैसे यूरोपीय संघ, ब्रिटेन आदि में शुल्क हानि का सामना कर रहा है। सरकार अपनी बाज़ार पहुंच पहल (एमएआई) योजना के अंतर्गत विभिन्न निर्यात को व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों, क्रेता-विक्रेता बैठकों आदि के आयोजन तथा भाग लेने के लिए कपड़ा और वस्त्र निर्यात को बढ़ावा देने में लगे प्रमोशन काउंसिल (ईपीसी) तथा व्यापार निकाय को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के समय में, वैश्विक बाजारों में अवसरों का उपयोग करने के लिए ईपीसी विपणन के एक वैकल्पिक तरीके के रूप में वर्चुअल माध्यम से प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया गया था।

कपड़ा उत्पादों को लागत प्रतिस्पर्धी बनाने और शून्य रेटेड निर्यात के सिद्धांत को अपनाने के लिए, सरकार ने परिधान / वस्त्र (अध्याय -61 और 62) और (अध्याय-63) मेड-अप के निर्यात पर राज्य और केंद्रीय कर तथा लेवी (आरओएससीटीएल) की छूट को 31 मार्च 2024 तक जारी रखा है। अन्य वस्त्र उत्पाद (अध्याय 61, 62 और 63 को छोड़कर) जो आरओएससीटीएल के अंतर्गत शामिल नहीं हैं, अन्य उत्पादों के साथ निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों (आरओडीटीईपी) के अंतर्गत शामिल किए गए हैं।

संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना (एटीयूएफएस) जनवरी 2016 में पात्र बेंचमार्क मशीनरी के लिए एकमुश्त पूंजी सब्सिडी के लिए शुरू की गई थी। परिधान और तकनीकी वस्त्र जैसे उच्च रोजगार और निर्यात क्षमता वाले खंड पूंजीगत सब्सिडी के लिए पात्र हैं। वस्त्र उद्योग के रोजगार सृजन के अपने प्रयासों को पूरा करने के लिए और उद्योग की कौशल युक्त जनशक्ति की जरूरतों को पूरा करने के लिए, वस्त्र मंत्रालय कताई को छोड़कर वस्त्रों की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला और संगठित क्षेत्र में बुनाई के लिए कपड़ा क्षेत्र में क्षमता निर्माण (एससीबीटीएस) योजना को लागू कर रहा है। मंत्रालय मौजूदा और संभावित कपड़ा इकाइयों के लिए एक एकीकृत कार्यक्षेत्र तथा लिंकेज-आधारित ईकोसिस्टम बनाने के लिए 2021-22 से 2025-26 तक कपड़ा समूह विकास योजना (टीसीडीएस) लागू कर रहा है ताकि उन्हें परिचालन और वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाया जा सके। इसमें हस्तक्षेपों के अनुकूलन, संचालन में पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं, विनिर्माण में प्रतिस्पर्धा, कम लागत, प्रौद्योगिकी और सूचना तक बेहतर पहुंच आदि के लिए लोगों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करना है। इसके अलावा, एमएमएफ परिधान, एमएमएफ कपड़े और तकनीकी वस्त्रों के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की गई है। सरकार ने प्लग एंड प्ले सुविधा सहित विश्व स्तर के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए ग्रीनफील्ड / ब्राउनफील्ड साइटों में 7 (सात) पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन और अपैरल (पीएम मित्रा) पार्क स्थापित करने को भी मंजूरी दी है।

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