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अग्निपथ योजना के लिए आयु में छूट देना युवाओं के लिए सरकार की चिंता को दर्शाता है: – राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा है कि अग्निपथ योजना भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने और अपनी मातृभूमि की सेवा करने का एक स्‍वर्णिम अवसर है। जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे पर आए श्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में कहा कि कई युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने का अवसर नहीं मिल पाया, क्योंकि पिछले दो वर्षों से भर्ती प्रक्रिया सुचारु नहीं हो सकी थी। उन्होंने कहा कि युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर 2022 में भर्ती प्रक्रिया के लिए अग्निवीरों की भर्ती के उद्देश्य से आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि आयु में छूट देना इस बात का संकेत है कि सरकार को देश के युवाओं की परवाह है। सैन्य मामलों का विभाग, रक्षा मंत्रालय और सेनाएं जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए वचनबद्ध हैं। हम युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने और अग्निपथ के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

बाद में, रक्षा मंत्री ने पहलगाम में जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड विंटर स्पोर्ट्स (जेआईएम एंड डब्ल्यूएस) की नौवीं कार्यकारी परिषद और चौथी आम सभा की बैठक में भाग लिया। राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में बैठक के दौरान संस्थान के सुचारू कामकाज तथा लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान को सुनिश्चित करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में प्रशिक्षकों और अनुदेशकों के कठोर प्रशिक्षण मानकों, उत्कृष्ट प्रबंधन, समर्पण तथा तकनीकी दक्षता की सराहना की, जिन्होंने देश में अग्रणी संस्थानों में से एक के रूप में जेआईएम एंड डब्ल्यूएस की स्थापना की है। उन्होंने पर्वतारोहण और संबद्ध गतिविधियों को न केवल शारीरिक सहनशक्ति बढ़ाने का, बल्कि मानसिक दृढ़ता एवं उत्साहवर्धन का भी प्रतीक बताया।

राजनाथ सिंह ने इन गतिविधियों में महिला प्रतिभागियों की बढ़ती संख्या की सराहना की, जिनमें कभी पुरुष प्रधानता देखी गई थी। उन्होंने उन दिव्यांगजनों का भी आभार व्यक्त किया जो कौशल तथा उत्साह के साथ पर्वतारोहण अभियान को पूरा कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने भारतीय पर्वतारोही सुश्री अरुणिमा सिन्हा का विशेष रूप से उल्लेख किया, जो अपने दृढ़ संकल्प के साथ माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली दिव्यांग महिला बनीं। उन्होंने कहा, इसी वजह से यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस संस्थान के सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सदस्यता को बढ़ाया जाए। यह बताते हुए कि विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में वृद्धि पर सरकार के ध्यान ने देश के विकास को एक नई ऊर्जा प्रदान की है, रक्षा मंत्री ने जेआईएम एंड डब्ल्यूएस को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और आगे बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के साथ हाथ मिलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में कई प्रौद्योगिकियां, विशेषज्ञता और नवाचार मौजूद हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र के पास उपलब्ध नहीं हैं। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र के साथ सहयोग से जेआईएम एंड डब्ल्यूएस को लोगों, विशेषकर युवाओं को पर्वतारोहण जैसी गतिविधियों से जोड़ने और स्थानीय समृद्धि सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

रक्षा मंत्री ने संस्थान को अपने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों, विशेष रूप से युवाओं को पर्वतारोहण और शीतकालीन खेलों से परिचित कराने तथा उनमें देशभक्ति, साहस एवं ऊर्जा का संचार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल इन गतिविधियों की लोकप्रियता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी बढ़ेगी और उन्हें अपनी संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलेगा। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि स्थानीय लोगों को न केवल शेरपा बल्कि राष्ट्रीय-सांस्कृतिक एकता में भागीदार होना चाहिए।

श्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के सरकार के संकल्प को दोहराया और कहा कि जेआईएम एंड डब्ल्यूएस जैसी संस्थाएं उस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने तथा देश की प्रगति में योगदान करने में मदद कर सकती हैं। पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने जेआईएम एंड डब्ल्यूएस जैसी संस्थाओं से पर्यावरण के प्रति संवेदनशील पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रकृति को संरक्षित करने में योगदान देने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के समापन पर कहा कि आने वाले समय में जेआईएम एंड डब्ल्यूएस दुनिया के अग्रणी संस्थानों में से एक बन जाएगा।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने संस्थान में कर्नल केएस मॉल बोल्डर क्लाइंबिंग वॉल और हिमालयन म्यूजियम का भी उद्घाटन किया। जेआईएम एंड डब्ल्यूएस का उद्देश्य युवाओं को प्रकृति से परिचित कराना और साहसिक खेलों के माध्यम से उनके व्यक्तित्व, चरित्र तथा आत्मविश्वास का विकास करना है।

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चांद आज कुछ कह रहा था

झरोखे में से झांक रहा था
चांद आज कुछ कह रहा था

एक अरसे से मुलाकात नहीं थी
जाने क्यों चांद में वो बात नहीं थी

खेल लुकाछिपी का खेल रहा था
और संग हवाओं के झूम रहा था

चंचल चितवन लिये डोल रहा था
जाने क्यों मन अपनी ओर खींच रहा था

रात आधी थी बात भी अधूरी थी
वो बस अपनी ही मौज में गुम हो रहा था

प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

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उत्तर प्रदेश ने औद्योगिक विकास की नई ऊँचाईयों को छुआ

कानपुर नगर, 21 जून, (सू0वि0) किसी देश, विशेष क्षेत्र में भारी मात्रा में वस्तुओं का निर्माण उत्पादन या सेवा प्रदान करने के मानवीय एवं मशीनरी कर्म को उद्योग कहा जाता है। उद्योगों के कारण गुणवत्ता वाले उत्पाद सस्ते दामों पर प्राप्त होते हैं, जिससे लोगों के रहन-सहन में सुधार होता है और दैनिक जीवन व जीवन सुविधाजनक होता चला जाता है। लोगों को रोजगार मिलता है, देश का चतुर्दिक विकास होता है और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि, उचित जलवायु, कुशल अकुशल मजदूर, तकनीशियन, पूँजी, पावर के साधन, कच्चामाल, यातायात की सुविधा, बाजार की उपलब्धता, निर्यात-आयात की व्यवस्था, ऋण की सुविधा सरकारी सहायता आदि प्रमुख आवश्यकतायें होती हैं। उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रदेश है। यहाँ मैनपावर, कच्चामाल, प्राकृतिक संसाधन, आवागमन के साधन, उद्योगों की स्थापना हेतु आरक्षित भूमि, एकल खिड़की से देय समस्त सुविधायें अच्छी कानून व्यवस्था आदि उद्योग स्थापित करने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं।

उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापना की नीति व सुधार
देश के मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में उद्योगों की स्थापना तेजी से हो रहे हैं। प्रदेश में उ0प्र0 औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 सहित 20 से अधिक सेक्टोरल नीतियों के साथ उद्यमिता, इनोवेशन तथा ’मेक इन यू0पी0’ केा बढ़ावा दिया गया है। प्रदेश सरकार ने श्रम, भूमि आवंटन, सम्पत्ति रजिस्ट्रेशन, पर्यावरणीय अनुमोदन, निरीक्षण विनिमय, कर भुगतान आदि क्षेत्रों में रिकार्ड 500 से अधिक सुधार लागू किये गये हैं। प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास के लिए 40 विभागों के 1400 से अधिक अनुपालन निरस्त किये हैं। प्रदेश सरकार ने डिजिटल सिंगल विण्डो क्लीयरेंस प्लेटफार्म में ’’निवेश मित्र’’ पोर्टल पर 29 विभागों की लगभग 349 सेवायें ऑनलाइन उपलब्ध है। जिसके माध्यम से निवेशकों/उद्यमियों को पूरी सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही स्टार्ट-अप नीति, इज आफ डूइंग बिजनेस, एक जनपद एक उत्पाद आदि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रदेश में भारी संख्या में उद्योगों की स्थापना हो रही है।
उद्योगों की स्थापना हेतु प्रदेश में भूमि बैंक का सृजन
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में औद्योगिक विकास तथा उद्योगों की स्थापना के लिए पूर्व से ही 20 हजार एकड़ भूमि बैंक की व्यवस्था की है, जिसके 5000 एकड़ से अधिक भूमि बैंक का विकास हो गया है और वहॉ उद्योगों की स्थापना हो रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए प्रदेश में निर्मित हो रहे एक्सप्रेस-वे के किनारों पर लगभग 22 हजार एकड़ भूमि चिन्हित की है। इन जमीनों में से विभिन्न विकास मॉडलों के माध्यम से औद्योगिक पार्कों की स्थापना हो रही है। इन जमीनों का औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा सिंगल विन्डो पोर्टल-निवेश मित्र के माध्यम से ऑनलाइन आवंटन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने इसके अतिरिक्त लैण्ड बैंक में वृद्धि हेतु अनेक सुधारों की श्रृंखला में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप के लिए मिश्रित भूमि उपयोग की अनुमति देते हुए जोनल नियमों में संशोधन किया है। औद्योगिक भूमि के लिए तल क्षेत्रफल अनुपात (एफएआर) को बढ़ाकर 3.5 (2.5 अनुमन्य़1.0 खरीद योग्य एफएआर) कर दिया गया है। साथ ही उद्योगों की सरप्लस भूमि को सब डिवाइड करने में नीति अधिसूचित कर दी गई है। प्रदेश सरकार ने भूमि को गैर-कृषि घोषित करने के लिए 45 दिनों के भीतर आवेदन के निस्तारण का आदेश निर्गत किया है। औद्योगिक भूमि के लिए लैंड पूलिंग नीति अधिसूचित की गई है। अधिकतम सीमा से अधिक कृषि भूमि की खरीद में आसानी के लिए राजस्व संहिता को संशोधित किया गया है और अनुमोदन का अधिकार जिला स्तर पर प्रतिनिधानित किया गया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में उद्योगों की स्थापना के लिए औद्योगिक एरिया रिजर्व किये गये है जो जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से जिले की समिति द्वारा ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों का आवंटन किया जाता है।
मैनपावर की उपलब्धता
मानव संसाधन उद्योग जगत की रीढ़ होती है। देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के कारण यहॉ कुशल, अकुशल मजदूर, तकनीक, प्रवीण कौशल कारीगर, प्रबन्धन आदि के लिए मैनपावर की कमी नहीं है। जो लोग रोजी रोटी के लिए प्रदेश के बाहर अन्य प्रदेशों में जाते थे, वे प्रदेश में उद्योग लगने पर पलायन नहीं कर रहे हैं और प्रदेश में ही रहकर कार्य करते हुए प्रदेश के औद्योगिक विकास में सहभागी बन रहे हैं। उद्योगों के लिए मैनपावर हेतु कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले, आई0टी0आई0, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग, कारीगरी, प्रबन्धन सहित विभिन्न क्षेत्रों में कुशल तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र/छात्रायें प्रदेश में लाखों की संख्या में है। सेवायोजन विभाग के ’एप’ पर पंजीकृत कराने के बाद विभिन्न औद्योगिक इकाईयॉ, कम्पनियॉ सीधे संबंधित शिक्षण संस्थानों से या रोजगार मेलों से भर्तियॉ करते हुए प्रदेश के नौजवानों को रोजगार दे रहे हैं।
कच्चा माल की मौजूदगी व निकटता
प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए आवश्यक कच्चा माल उत्तर प्रदेश में मौजूद है। कृषि उत्पादों से बनने वाले विभिन्न खाद्यान्न वस्तुओं के लिए विभिन्न फसलों तिलहन, दलहन, सब्जियों, दुग्ध, मत्स्य आदि सहित इंजीनियरिंग, धातु, पत्थर, धागे, हैन्डलूम की वस्तुऐं आदि कच्चे माल प्रदेश में उपलब्ध हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की अन्य प्रदेशों से कनेक्टिविटी/यातायात के साधन अच्छी होने के कारण अन्य प्रदेशों से भी कच्चामाल आने की निकटता है। जिससे उद्योग स्थापना में कोई समस्या नहीं है।
उ0प्र0 में यातायात के अच्छे साधन/अच्छी कनेक्टिविटी
उत्तर प्रदेश में सड़कों का जाल विछाया गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्रत्येक गॉवों में बनाये गये सम्पर्क मार्गों को मुख्य सड़कों से जोड़ा गया है। इसके साथ ही प्रमुख उत्पादित वस्तुओं एवं निर्यात केन्द्रों को निर्वाध कनेक्टिविटी दी गई है। प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सहित 4 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे गोरखपुर लिंग एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है जो शीघ्र बनकर प्रदेश की कनेक्टिविटी को और सुगम बना देंगे। एअर कनेक्टिविटी में भी उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ा है। जेवर और अयोध्या एअरपोर्ट बनने पर उ0प्र0 5 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों का देश में एकमात्र प्रदेश होगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश की क्षेत्रीय स्तर पर विभिन्न स्थानों पर एअरपोर्ट बनाये गये हैं। प्रदेश के 5 शहरों में मेट्रों संचालित है। देश के विभिन्न कोनों से रेलगाड़ियों की अच्छी सुविधा है। प्रदेश में वाराणसी से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 संचालित है। उ0प्र0 में यातायात के अच्छे संसाधन से वस्तुओं का त्वरित गति से गन्तव्य तक पहुॅचने में सुविधा हो रही है।
लॉजिस्टिक्स की सुलभता में उ0प्र0 छठे स्थान पर पहुॅचा
आज के व्यवसायिक युग में उत्पादों को शीघ्रता से उपभोक्ताओं तक पहुचाना सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धता होती है। उ0प्र0 ने अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स सेवाओं की उपलब्धता तथा विश्वसनीयता परिचालन एवं नियामक वातावरण आदि के मापदण्डों पर अपने प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार किया है। लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उ0प्र0 ने तेजी से विकास किया है।
बाजार की उपलब्धता
उ0प्र0 देश की बड़ी जनसंख्या का प्रदेश होने के कारण यहॉ निर्मित/उत्पादित वस्तुओं का स्वयं में बड़ा बाजार है। आज खाद्यान्न वस्तुओं की उत्पादित सामग्री सहित पैकेट में बने जंकफूड, ड्रिक्स, दुग्ध उत्पाद आदि दैनिक व भौतिक समस्त वस्तुयें गॉव-गॉव क्रय किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त हर तरह के सूती, ऊनी वस्त्र, मोटर वाहन, दो पहिया वाहन, कृषि व विभिन्न उद्योगों, कुटीर उद्योगों की मशीनरी, उपकरण, कम्प्यूटर, कागज, खिलौने, दियासलाई, कॉच की वस्तुए, सभी धातुओं के वर्तन, सभी तरह के इलेक्ट्रानिक वस्तु, फर्नीचर आदि उत्पाद का उ0प्र0 अच्छा बाजार है। इसके अतिरिक्त उत्पादित वस्तुओं का राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात के लिए पूरी सहायता दी जाती है। निर्यात एवं प्रोत्साहन तथा विदेश व्यापार के लिए सरकारी स्तर के विभाग है जो पूर्ण सुविधा दे रहे हैं।
सरकारी सहायता
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का मन्तव्य है कि प्रदेश सरकार उद्यमियों और निवेशकर्ताओं को पूरी सुविधा व हर सम्भव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की नीतियों के माध्यम से उनको हर तरह का संरक्षण दिया जायेगा। प्रदेश सरकार भूमि, स्टाम्प शुल्क में छूट, बैंकों से आवश्यक ऋण, अनुदान आदि समस्त सुविधायें दे रही है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की स्थापना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद, हस्तशिल्प, इज आफ डूइंग विजनेश, स्टार्ट-अप मेक इन यू0पी0 सहित विभिन्न उद्यमों की स्थापना हेतु प्रदेश सरकार ऋण व अनुदान दे रही है। भारत सरकार की मुद्रा योजना, स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैण्ड-अप इंडिया, मेक इन इंडिया एवं अन्य मिशन मोड कार्यक्रमों एवं योजनाओं को समन्वित करते हुए प्रदेश सरकार की योजनाओं का निर्माण किया गया है।
आयोजित यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट के ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में हुए लाखों करोड़ रूपये के निवेश
आयोजित यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट के ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में लाखों करोड़ रूपये का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने फरवरी, 2018 में यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट-2018 का शुभारम्भ किया था। जिसमें लगभग 4.68 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। दूसरी ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में भी लाखों रूपये के निवेश प्रस्ताव आये। प्राप्त निवेश प्रस्तावों में 03 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव पहले ही जमीनीं स्तर पर उतारे गये हैं। 03 जून, 2022 को मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा तृतीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग समारोह में 80,224 करोड़ रूपये की 1406 निवेश परियोजनाओं का शुभारम्भ किया गया है। ये परियोजनायें प्रमुख रूप से डाटा संेंटर क्षेत्र में 25 प्रतिशत, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में 14 प्रतिशत, आई0टी0 एवं इलेक्ट्रानिक क्षेत्र में 10 प्रतिशत, इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 08 प्रतिशत, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 08 प्रतिशत, हथकरघा एवं टेक्सटाइल क्षेत्र में 07 प्रतिशत, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 06 प्रतिशत, एमएसएमई क्षेत्र में 06 प्रतिशत सहित विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनायें स्थापित हो रही हैं। इन परियोजनाओं से लगभग 05 लाख प्रत्यक्ष एवं 20 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा। प्रदेश में मा0 प्रधानमंत्री जी के रिफॉर्म, परफार्म तथा ट्रान्सफॉर्म के तीन मंत्र को प्रदेश सरकार ने अंगीकृत करते हुए देश की छठी अर्थव्यवस्था से उ0प्र0 देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

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मिशन शक्ति फेज 4 (उत्तर प्रदेश सरकार की एक पहल) के अंतर्गत ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ पर योग कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 21 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कालेज, कानपुर में मिशन शक्ति फेज 4 (उत्तर प्रदेश सरकार की एक पहल) के अंतर्गत ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ पर एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम को प्राचार्य डाॅ जोसेफ डेनियल के नेतृत्व में मिशन शक्ति प्रभारी डाॅ मीतकमल द्विवेदी ने संचालित किया एवं एनसीसी कैडेट्स की भी प्रतिभागिता रही। योगाचार्य वेद प्रकाश जी एवं योगाचार्य निधि प्रकाश ने छात्रों को योग के फायदे के बारे में जानकारी दी और उन्हें विभिन्न योगासन ताड़ासन, कटिचक्रासन, अर्धचंद्र आसन को करने की सही तरीके के विषय में बताया ।उन्होंने छात्रो के बौद्धिक विकास और मानसिक संतुलन के लिए आवश्यक योगासनों से अवगत कराया । उन्हे कैसे अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए इस विषय मे भी जानकारी दी । कॉलेज की उप प्राचार्या सबीना बोदरा, एनसीसी केयरटेकर हिमांशु दीक्षित, रिषभ आदि भी मौजूद रहे ।100 से अधिक छात्र -छात्राएं इस कार्यक्रम सम्मिलित हुए।

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क्राइस्ट चर्च पीजी कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगा सत्र आयोजित

कानपुर 21 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता, आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत क्राइस्ट चर्च पीजी कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में योगा सत्र का आयोजन किया गया। इसका आरंभ कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ सबीना बोदरा तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनीता वर्मा के निर्देशन में हुआ।तथा इस अवसर पर कालेज के अध्यापक डॉ रवि महलवाला,डॉ जुनेजा भी उपस्थित रहे।इसके उपरांत आए हुए योग प्रशिक्षक डॉ बीएन आचार्य जी तथा योगाचार्य पूनम बाजपेई उनके सहयोगी मानवी तथा शिवा द्वारा योग सत्र को प्रारंभ किया गया प्रशिक्षकों द्वारा योग दिवस के अवसर पर मानव शरीर स्वस्थ रखने के अनेक उपाय बताए तथा योग से होने वाले लाभों से अवगत कराया।इसके साथ आज के कार्यक्रम का समापन डॉ सुनीता वर्मा ने अपनी एनएसएस इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन दीक्षित तथा सह प्रमुख विलायत फातिमा,मोमिनअली ने अपनी टीम जिनमें अरबाज खान,सुप्रिया दास,पवन श्रीवास्तव, अरफिया, फरीना,अभिषेक के साथ मिलकर किया

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एस. एन. सेन.बी. वी. पी .जी .कालेज की एन. एस .एस .ईकाई द्वारा अंतराष्ट्रीय योग दिवस आयोजित

कानपुर 21 जून, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन.बी. वी. पी .जी .कालेज की एन. एस .एस .ईकाई द्वारा अंतराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन महाविद्यालय के सभागार मे किया गया
जिसमे दीप प्रज्ज्वलन् एवम सरस्वती माता के चित्र पर माल्यार्पण के द्वारा कार्यकर्म का शुभारम्भ किया गया कार्यक्रम मे प्राचार्य डॉ.निशा आग्रवाल ने योगा के महत्व पर प्रकाश डाला साथ ही योग सभी के लिए अनिवार्य है कार्यक्रम प्रभारि डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने योग का भगवत गीता तथा डबलु.एच.ओ. से सम्बंधित महत्व को बताया
कार्यक्रम मे वंदे मातरम राष्ट्रगीत पर छात्रों ने संस्कृतिक् प्रस्तुति कि साथ ही 45 मिनट तक प्रोटोकॉल के अनुसार डॉ. ममता ने योग के अनेक आसनो का अभ्यास कराया एन. एस .एस .की स्वयं सेविकाओं के अतिरिक्त महाविद्यालय कि अनेक शिक्षको ने भी कार्यक्रम् मे भाग लिया

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डाक विभाग द्वारा 5 साल तक के बच्चों का आधार बनवाने और मोबाइल लिंक कराने हेतु 16 से 18 जून तक विशेष अभियान – पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

अब 5 साल तक के बच्चों का आधार बनवाने और लोगों के मोबाइल को आधार से लिंक कराने हेतु परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्कूल में बच्चों के एडमिशन से लेकर सामाजिक सुरक्षा डीबीटी योजनाओं का लाभ उठाने तक मोबाइल लिंक्ड आधार की अनिवार्यता होती है। ऐसे में अब अपने क्षेत्र के डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक के माध्यम से भी घर बैठे यह सुविधाएं ली जा सकती हैं। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 16 से 18 जून तक इसके लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा। इसी क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के 6 जनपदों – वाराणसी, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व बलिया में भी यह विशेष अभियान चलाया जायेगा। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। इससे ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में बहुत सहूलियत मिलेगी। इसके लिए लोग अपने स्थानीय डाकिया से संपर्क कर सकते हैं अथवा पोस्ट इन्फो मोबाइल एप के माध्यम से भी ऑनलाइन अनुरोध कर सकते हैं।

पोस्टमास्टर जनरल  कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग द्वारा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से अब सी.ई.एल.सी (चाइल्ड एनरोलमेंट लाइट क्लाइंट) सेवा के तहत 5 साल से कम उम्र के बच्चों का नया आधार भी निःशुल्क बनवाया जा सकता है। बच्चों का आधार नामांकन केवल संबंध प्रमाण पत्र (पीओआर) की सहायता से किया जा सकता है। इस हेतु माता-पिता अपने आधार या अन्य किसी मान्य पहचान पत्र की सहायता से अपने बच्चे का आधार पंजीकरण निःशुल्क करा सकते हैं। इसी प्रकार अब डाकिया के माध्यम से आधार में मोबाइल नंबर लिंक करने का कार्य मात्र 50 रूपये (कर सहित) का निर्धारित शुल्क देकर आसानी से कराया जा सकता है।

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सी.ई.एल.सी के माध्यम से वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक पोस्टमैनों द्वारा 7 लाख 28 हज़ार से ज्यादा लोगों के आधार में मोबाईल नंबर का संशोधन किया जा चुका है। इस सुविधा से  ग्रामीणों को अब आधार में मोबाइल नंबर जुड़वाने या संशोधित करवाने हेतु शहर आने की आवश्यकता नहीं है।

प्रवर डाकघर अधीक्षक वाराणसी पूर्वी मंडल राजन एवं डाक अधीक्षक पश्चिमी मंडल श्पी सी तिवारी ने बताया कि वाराणसी मण्डल में विशेष अभियान के दौरान सभी डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों को पहल करके ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस सुविधा का लाभ पहुँचाने के निर्देश दिए गए हैं।

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रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के अग्रिम इलाकों का दौरा कर सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने 16 जून, 2022 को जम्मू-कश्मीर के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया और सीमा चौकियों पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। राजनाथ सिंह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं, उन्होंने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अग्रिम चौकियों की देखभाल करने वाली फॉर्मेशन की स्थिति का प्रत्यक्ष रूप से आकलन किया। उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे; जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी), उत्तरी कमान लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी; जीओसी, 15 कोर लेफ्टिनेंट जनरल एएस औजला और जीओसी, 19 इन्फैंट्री डिवीजन मेजर जनरल अजय चांदपुरिया भी उपस्थित थे।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC2(1)999G.jpg

रक्षा मंत्री को नियंत्रण रेखा पर मौजूदा युद्ध विराम समझौते, इस क्षेत्र की किलेबंदी पर विकास कार्यों, घुसपैठ रोधी ग्रिड, परिचालन तैयारियों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य-असैन्य संपर्क के बारे में जानकारी दी गई। 15 कोर मुख्यालय पहुंचने पर श्री राजनाथ सिंह को जीओसी 15 कोर द्वारा नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में वर्तमान समग्र सुरक्षा स्थिति के बारे में बताया गया। उन्हें अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई।  राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों के साथ बातचीत की। रक्षा मंत्री ने वहां उपस्थित कर्मियों को संबोधित भी किया। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपनी जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक निभाने के लिए उनकी वीरता तथा उत्साह को उल्लेखनीय करार दिया और उनकी सराहना की। उन्होंने नागरिक प्रशासन के सभी वर्गों, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा एक ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण पेश करने में उत्कृष्ट तालमेल की प्रशंसा की, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र शासित प्रदेश में विकास के एक नए युग को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है। रक्षा मंत्री ने अदम्य साहस व समर्पण के साथ देश की सेवा करने और लोगों, विशेषकर युवाओं में राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करने के लिए सुरक्षा कर्मियों की सराहना की, रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश ने हमेशा भारत विरोधी गतिविधियों का सहारा लिया है। इस राज्य में अतीत में भी आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों, बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के अथक प्रयासों के कारण, हाल ही में राज्य में आतंकवादी गतिविधियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है। पाकिस्तान लगातार ब्लीड इंडिया विद ए थाउजेंड कट्स के अपने दुष्प्रयासों के माध्यम से भारत में शांति भंग करने की कोशिश करता है। लेकिन, हमारे सुरक्षा बल इस देश के लिए एक ऐसा सुरक्षा कवच हैं कि जो भी इसे तोड़ने की कोशिश करता है, वह खुद ही लहूलुहान हो जाता है। राष्ट्र को हमारी सुरक्षा ताकतों पर अटूट विश्वास है, जो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। राजनाथ सिंह ने यह दोहराया कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, जिसने दुनिया को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (पूरी दुनिया एक परिवार है) का संदेश दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमने कभी किसी देश को किसी भी तरह से चोट पहुंचाने की कोशिश नहीं की और न ही हमने किसी की एक इंच भी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया है। रक्षा मंत्री ने राष्ट्र को आश्वासन देते हुए कहा कि यदि कभी भी देश की एकता और अखंडता को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई, तो सशस्त्र बल इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सशस्त्र बल भविष्य की चुनौतियों का पूरी ताकत के साथ सामना करेंगे और उनकी वीरता तथा समर्पण से देश के सुनहरे भविष्य का निर्माण होगा।

रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह कश्मीर में विकास, शांति एवं समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत थी और जम्मू-कश्मीर में शांति निर्माण में उनके उच्च स्तर के मनोबल बनाए रखने तथा योगदान के लिए 15 कोर की सराहना की।

 

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स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से अग्निपथ योजना को समर्थन प्रदान किया

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा सैनिकों, वायुसैनिकों और नौसैनिक की भर्ती के लिए “अग्निपथ” नामक एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती योजना का अनावरण किया गया है। सशस्त्र बलों को एक युवा प्रोफ़ाइल प्रदान करने की दिशा में यह एक परिवर्तनकारी पहल है। इस योजना के अंतर्गत, युवाओं को “अग्निवीर” के रूप में सशस्त्र बलों में अपनी सेवा प्रदान करने का अवसर प्राप्त होगा। इस योजना में युवाओं को प्रशिक्षण अवधि सहित 4 वर्षों के लिए सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में अपनी सेवा प्रदान करने का अवसर प्राप्त होगा। 17.5 से 21 वर्ष के युवाओं की भर्ती अग्निवीरों के रूप में की जाएगी। जो उम्मीदवार 10वीं/ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण हैं, वे इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन कर सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, नागरिक समाज में सैन्य लोकाचार को समाहित करते हुए एक जीवंत रक्षा बल का निर्माण और अनुशासित कुशल युवाओं के विकास के लिए सशस्त्र बलों में युवा पुरुषों और महिलाओं को शामिल करने वाले भारत सरकार की इस पहल का स्वागत करता है।

इस पहल को अपना समर्थन प्रदान करने के लिए, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग अपने स्वायत्त संस्थान, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से, रक्षा प्राधिकरणों के परामर्श से, एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत कर रहा है जिससे उन अग्निवीरों को सक्षम बनाया जा सके जो 10वीं कक्षा पास हैं और अनुकूलित पाठ्यक्रम के माध्यम से अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाकर 12वीं कक्षा पास प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें, जो न केवल वर्तमान समय के लिए बल्कि उनकी सेवा क्षेत्र के लिए भी बहुत ही प्रासंगिक हैं। यह प्रमाण पत्र पूरे देश में दोनों उद्देश्यों रोजगार और उच्च शिक्षा के लिए मान्यता प्राप्त है। यह अग्निवीरों के लिए पर्याप्त शैक्षिक योग्यता और कौशल प्राप्त करने की दिशा में लाभकारी साबित होगा जिसके माध्यम से वे सामाजिक जीवन में उत्पादक की भूमिका निभा सकेंगे। एनआईओएस का यह विशेष कार्यक्रम नामांकन, पाठ्यक्रमों का विकास, छात्र सहायता, स्व-शिक्षण सामग्री, अध्ययन केंद्रों की मान्यता, व्यक्तिगत संपर्क, मूल्यांकन और प्रमाणन की सुविधा प्रदान करेगा। एनआईओएस की ओपन स्कूलिंग प्रणाली उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत अनुकूल है और यह सभी के लिए कहीं से भी सुलभ है, और अग्निपथ योजना के अंतर्गत सभी अग्निवीरों के लिए इसके दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं।

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गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने दो राज्यों को 1,043.23 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की मंजूरी दी

गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) ने 2021-22 के दौरान सूखे से प्रभावित दो राज्यों को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) के तहत अतिरिक्त केंद्रीय सहायता प्रदान करने की मंजूरी दी है।

एचएलसी ने एनडीआरएफ से दो राज्यों को 1,043.23 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की मंजूरी दी है:

राजस्थान को 1003.95 करोड़ रुपये

नगालैंड को 39.28 करोड़ रुपये

यह अतिरिक्त सहायता केंद्र की ओर से राज्यों को राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) में जारी की गई धनराशि के अतिरिक्त है, जो पहले से ही राज्यों के पास उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने 28 राज्यों को एसडीआरएफ में 17,747.20 करोड़

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