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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत विभान्शु वैभव की नाट्य कार्यशाला तथा अन्य रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन

क्राइस्ट चर्च कॉलेज में विभाशु वैभव द्वारा रंगमंच कार्यशाला के साथ इंडिया@75 आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की गई। श्री वैभव एक प्रसिद्ध रंगकर्मी, लेखक, अभिनेता, निर्देशक, नाटककार हैं जो टेलीविजन और सिनेमा से बीस वर्षों से भी अधिक समय से जुड़े हैं। उनका कॉलेज में आकर छात्रों से संवाद करने की अनुमति मिलने से छात्रों में एक अलग ही जोश था.

इस नाट्य कार्यशाला का आरम्भ नाबा और समूह द्वारा वंदे मातरम के गायन के साथ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. प्राचार्य डॉ. जोसेफ डेनियल ने विशिष्ट अतिथि का स्वागत गुलदस्ते के साथ किया और छात्रों को संबोधित किया। श्री वैभव जी ने रंगमंच के उन्नत पहलुओं की मूल बातों पर बहुत ही ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने अभिनय, लेखन और इसे ओटीटी, सिनेमा और टेलीविजन जैसे विभिन्न माध्यमों पर प्रस्तुत करने की कई उभरती तकनीकों और बारीकियों पर चर्चा की। छात्र उनकी उपस्थिति और विषय पर ज्ञान की गहराई से प्रभावित थे। सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और थिएटर और सिनेमा के कुछ आवश्यक कौशल सीखे।
प्रो. आशुतोष सक्सेना, डीसी श्रीवास्तव, अरविंद सिंह, शिप्रा श्रीवास्तव सहित अन्य सभी शिक्षक समुदाय उपस्थित था । डॉ. विभा दीक्षित और डॉ. मीतकमल ने इस कार्यशाला का आयोजन किया। डॉ विभा दीक्षित सांस्कृतिक समिति समन्वयक और डॉ मीत कमल मिशन शक्ति की संयोजक हैं। आयोजक मंडल में मानवी, अभिषेक, उदित, प्रीति, वैशाली, उज्जवल व अन्य छात्र शामिल थे।
इससे पहले छात्रों की महोत्सव गतिविधियों की शुरुआत India@75 पर निबंध लेखन प्रतियोगिता से हुई। कार्यक्रम में लगभग 56 छात्रों ने भाग लिया। संचालन हिना अजमत और साक्षी अग्रवाल ने किया।
आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मनाने के लिए छात्रों और शिक्षकों में “जोश बहुत ज्यादा है”। इस विशेष अवसर को चिह्नित करने के लिए कॉलेज में 11 से 17 अगस्त तक वृक्षारोपण, समाज सेवा, तिरंगा सेल्फी, नाटक संगीत और नृत्य जैसे विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम छात्रों के लिए छात्रों द्वारा आयोजित किए जायेंगे।

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भारतीय प्रेस परिषद की बैठक में प्रेस से सम्बंधित मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। लोधी रोड सूचना भवन स्थित सी जी ओ काम्प्लेक्स में भारतीय प्रेस परिषद (प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) के सभागार में सोमवार को एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति माननीय रंजना प्रकाश देसाई जी ने की।
बैठक में “नेशनल प्रेस डे” की तैयारियों सहित प्रेस / मीडिया से सम्बंधित कई प्रस्तावों व मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में परिषद के सदस्य श्याम सिंह पंवार, बलदेव राज गुप्ता, सुमन गुप्ता, अंकुर दुआ, आरती त्रिपाठी, सुधाकर नायर, जय शंकर गुप्ता, विनोद कोहली, गुरबीर सिंह, शैलेंद्र दुबे, जे एस राजपूत, प्रकाश दुबे, डॉ खैदम अथोवा मीतेई, अंशु चक्रवर्ती, प्रजनानंद चौधरी, एल सी भारतीय, सचिव नुंग सैंग लेम्बा आओ व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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पिया का साथ है और नैनों में अंजुरी भर सपनों की सौगात है

जिन्दगी कभी कभी नीम के पेड़ जैसी है
जरा सी धूप, जरा सी छांव की तरह है
कभी सावन के झूलों जैसी राहें हैं
कभी ऊपर कभी नीचे…. ऊंची ऊंची पेंगे
और कभी मंझधार में अटकती राह है

मेंहदी के रंग से सजी मोहब्बत
हाथों से आती सोंधी खुशबू
यूं ही इश्क़ बयां कर देती है
चूड़ी बिंदिया काजल और कंगन
ये तो यूं ही जलाती हैं

राह देखता मायका कुछ अपनों का
जहाँ बहू बेटियों की बात ही निराली है
संग सहेलियों के कुछ पल बिताने
सावन की बात ही निराली है

तीजों का त्यौहार,
भाई बहनों का प्यार
मांओं का दुलार
झूले पर खेलता बचपन
सावन की यह हरियाली बड़ी मतवाली है

पिया का साथ है और
नैनों में अंजुरी भर
सपनों की सौगात है
देखो वो आया परदेसी
कि अब मिलन की आस है

~ प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

 

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संघर्ष यात्रा पर एसएन सेन महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में प्रोजेक्टर के माध्यम से एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रस्तुतीकरण

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वतंत्रता दिवस एक संघर्ष यात्रा पर एसएन सेन महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में प्रोजेक्टर के माध्यम से एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रस्तुतीकरण किया गया ।जिस का दृश्यावलोकन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सुमन के साथ ही अन्य शिक्षिका बहने, सभी कर्मचारी गण एवं छात्राओं ने किया।इसके साथ ही स्वतंत्रता संघर्ष के विविध विषयों को चित्रांकन के द्वारा पोस्टर में उतारा गया।

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नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने लखनऊ और दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता और गोवा के बीच 8 संपर्क उड़ानों का उद्घाटन किया

नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (अवकाश प्राप्त) वी.के. सिंह ने लखनऊ से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और गोवा के लिए एयर एशिया की सीधी उडानों का आज उद्घाटन किया।

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लखनऊ हवाई अड्डे पर आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में नागर विमानन मंत्रालय में सचिव श्री राजीव बंसल, संयुक्त सचिव श्रीमती उषा पाधी, उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.पी. गोयल, एयर एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक श्री सुनील भास्करन तथा नागर विमानन मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार तथा एयर एशिया के अन्य गण्यमान्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

नए उड़ान मार्गों की शुरुआत के अवसर पर श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक घटनाक्रम है, जिसमें एक एयरलाइन ने एक शहर को भारत के 5 अन्य शहरों से 8 संपर्क उड़ानों के जरिए जोड़ दिया है। मैं एयर एशिया और उत्तर प्रदेश सरकार को इस उपलब्धि के लिए बधाई और धन्यवाद देना चाहता हूं। लखनऊ अब दिल्ली से तीन उड़ानों के जरिए, बेंगलुरू से दो उडानों के जरिए, मुंबई से एक उडान के जरिए और कोलकाता तथा गोवा से प्रतिदिन एक-एक उडान के जरिए जुड़ गया है।”

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लखनऊ से दिल्ली, बेंगलुरू और गोवा की उडानें आज ही प्रभावी तौर से शुरू हो जाएंगी और लखनऊ से मुंबई तथा कोलकाता के लिए उड़ानें 1 सितंबर, 2022 से शुरू होंगी।

उत्तर प्रदेश में नागर विमानन के विकास के लिए उनके मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में श्री सिंधिया ने कहा, “मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि उड़ान योजना के अंतर्गत हमने उत्तर प्रदेश राज्य को 63 नए मार्ग आवंटित किए हैं और भविष्य में इन्हें बढ़ाकर 108 कर दिया जाएगा, ताकि नागर विमानन सुविधा उत्तर प्रदेश के हर कोने तक पहुंच सके। हमने उड़ान योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 18 हवाई अड्डों का निर्माण करना तय किया है, जिसके संरचनागत विकास पर 1,112 करोड़ रुपए का निवेश करने की आवश्यकता होगी। उत्तर प्रदेश में 5 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे, जो अपने आप में देश में अप्रतिम होगा। माननीय प्रधानमंत्री का उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर भारत का उज्ज्वल उदाहरण बनाने का स्वप्न है और इस स्वप्न को साकार करने के लिए हम जेवर और अयोध्या के अलावा चित्रकूट, मुरादाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़ और श्रावस्ती में हवाई अड्डों का निर्माण कर रहे हैं।TableDescription automatically generated

नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (अवकाश प्राप्त) डॉ. वी.के. सिंह ने कहा, “मैं एयर एशिया को लखनऊ के लिए नए उडान मार्ग शुरू करने के लिए बधाई देता हूं। इसके साथ ही मैं उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को भी वैट और एटीएफ घटाने के लिए बधाई देता हूं, जिससे राज्य में उड़ान संपर्क कायम करने में वृद्धि होगी।”

एयर एशिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की सब्सिडरी है जिसने 12 जून, 2014 को अपना कामकाज शुरू किया था। यह कंपनी देशभर के 18 गंतव्यों तक 50 से ज्यादा सीधी उड़ानें और करीब 100 संपर्क उड़ानें संचालित करती है।

इन नई संपर्क उड़ानों से लखनऊ और देश के अन्य मुख्य शहरों के बीच आवागमन मजबूत होगा, जिससे न सिर्फ अधिक संपर्क कायम होगा बल्कि यह क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और वाणिज्य का संवर्धन करेगा। इसके अलावा यह लखनऊ के निवासियों को वहनीय, निश्चित समय पर सुरक्षित और विश्वसनीय यात्रा अनुभव प्रदान करेगा।

लखनऊ और देश के अन्य मुख्य शहरों के बीच आज 5 अगस्त, 2022 से शुरू होने वाली एयर एशिया की व्यावसायिक उड़ानों का परिचालन निम्नलिखित समय सारणी के अनुसार किया जाएगा।

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“ग्रैंड अनियन चैलेंज” युवा व्यवसायियों के लिए शुरू किया गया

उपभोक्ता कार्य विभाग ने आज शैक्षिक संस्थानों के प्रमुखों, कुलपतियों, प्रोफेसरों, प्रख्यात संस्थानों के डीन, वरिष्ठ शिक्षाविदों, स्टार्टअप्स के अधिकारियों, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों, परमाणु ऊर्जा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापारिक विभाग के अधिकारियों तथा कृषि, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों के साथ “ग्रैंड अनियन चैलेंज” के संबंध में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की।

यह चैलेंज युवा व्यवसायियों, प्रोफेसरों, उत्पाद तैयार करने में वैज्ञानिकों की भूमिका व कटाई से पूर्व की तकनीकों, प्राथमिक प्रसंस्करण, भंडारण और देश में प्याज फसल की कटाई के बाद के कार्यों में प्रोटोटाइप की आवश्यकता तथा प्याज के परिवहन में सुधार के लिए नए विचारों की तलाश करता है। इस चैलेंज में निर्जलीकरण, प्याज के मूल्य निर्धारण और प्याज खाद्य प्रसंस्करण डोमेन में प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण के लिए नवीन विचारों की भी खोज की जाएगी।

उपभोक्‍ता मामले विभाग द्वारा शुरू किया गया “ग्रैंड अनियन चैलेंज” दिनांक 20.7.2022 से लेकर 15.10.2022 की अवधि तक चलेगा, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ विचारकों से उपरोक्‍त सभी क्षेत्रों में उनके सुझाव मांगे गए हैं। इस चैलेंज के बारे में अधिक जानकारी विभाग की वेबसाइट doca.gov.in/goi पर उपलब्ध है।

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ग्रैंड अनियन चैलेंज के रजिस्ट्रेशन वेबपेज पर अब तक 122 पंजीकरण प्राप्त हो चुके हैं और कुछ प्रतिभागियों ने अपने विचार भी प्रस्तुत किए हैं। विभाग चार कार्यक्षेत्रों में 40 उत्कृष्ट सुझावों का चयन करेगा, जिसमें सुधार एवं प्रौद्योगिकी नवाचारों की मांग की गई है और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए देश में संबंधित विभागों तथा संगठनों से विचार प्रस्तुत करने का आग्रह किया गया है। इसके माध्यम से कटाई से पूर्व, प्राथमिक प्रसंस्करण और भंडारण में होने वाले नुकसान को कम करने में लागत प्रभावी समाधान की तलाश पूरी होगी। इससे प्याज के परिवहन को और सरल बनाया जा सकता है तथा इस प्रक्रिया में आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान उपभोक्ता मामले विभाग में सहायक सचिव आईएएस श्री योगेश पाटिल ने प्याज के भंडारण, प्रसंस्करण एवं परिवहन में देश के सामने आने वाली वर्तमान चुनौतियों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। यह उम्मीद की जाती है कि चैलेंज पूरा होने के बाद नवीन विचारों के क्रियान्वित करने से प्याज के भंडारण में होने वाले नुकसान को 5-10% तक कम किया जा सकता है।

शिक्षा मंत्रालय में इनोवेशन सेल के मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ अभय जेरे ने चैलेंज में भाग लेने के तीन चरणों के बारे में विस्तार से बताया और सभी से इस चुनौती में शिद्दत से भाग लेने का आग्रह किया।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में परमाणु ऊर्जा विभाग वैज्ञानिक डॉ. एस गौतम ने किए गए अध्ययनों के आधार पर इकठ्ठा किये गए प्याज के शेल्फ जीवन को बढ़ाने में विकिरण के प्रभाव को समझाया, जिससे नुकसान को कम से कम करने में प्रौद्योगिकी की उपयोगिता भी बताई गई।
विभिन्न संगठनों/विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों तथा प्रोफेसरों ने प्याज के भंडारण एवं परिवहन के दौरान होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने के लिए कई अनोखे विचार प्रस्तुत किए। वीडियो कॉन्फ्रेंस में देश भर से विभिन्न संस्थानों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संगठनों और निजी क्षेत्र के स्टार्टअप के 282 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने सभी से चुनौती में भाग लेने का आग्रह किया ताकि किसानों के लिए कम लागत और आसानी से दोहराए जाने वाले प्रौद्योगिकी समाधान विकसित हो सकें और देश में किसानों द्वारा स्थायी रूप से उपयोग किए जा सकें।

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आरबीआई ने 50 आधार अंक बढ़ाकर रेपो रेट 5.4 प्रतिशत किया

रेपो रेट बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत किया गया

रेपो दर, जिस दर पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है, उसमें आधे प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। मौजूदा प्रतिकूल वैश्विक वातावरण, घरेलू आर्थिक गतिविधियों में सहनीयता, असुविधाजनक उच्च मुद्रास्फीति स्तर आदि को ध्यान में रखते हुए, आरबीआई ने नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति इस फैसले पर पहुँची, क्योंकि उसने मुद्रास्फीति और महंगाई दर को नियंत्रण में रखने की आवश्यकता महसूस की। आरबीआई गवर्नर श्री शक्तिकांत दास ने ऑनलाइन मौद्रिक नीति वक्तव्य देते हुए कहा, “निरंतर उच्च मुद्रास्फीति दर; मुद्रास्फीति की उम्मीदों को अस्थिर कर सकती है और मध्यम अवधि के लिए विकास को नुकसान पहुंचा सकती है।”

अतिरिक्त उपाय

गवर्नर ने निम्न पांच अतिरिक्त उपायों की घोषणा की।

1. वित्तीय बाजारों को और विकसित करने के लिए स्टैंडअलोन प्राइमरी डीलरों को प्रोत्साहित करना

विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों के अधीन, स्टैंडअलोन प्राइमरी डीलर (एसपीडी) अब, सभी विदेशी मुद्रा बाजार-निर्माण सुविधाओं की पेशकश करने में सक्षम होंगे, जिनकी अनुमति वर्त्तमान में श्रेणी-I अधिकृत डीलरों के पास होती है। यह ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिए बाजार निर्माताओं का एक व्यापक समूह प्रदान करेगा। इससे भारत के विदेशी मुद्रा बाजार में भी विस्तार होगा।

एसपीडी को विदेश में रूपी ओवरनाइट इंडेक्सेड स्वैप बाजार में अनिवासियों और अन्य बाजार निर्माताओं के साथ लेनदेन करने की भी अनुमति होगी। यह उपाय बैंकों के लिए इस वर्ष फरवरी में घोषित समान उपाय का पूरक सिद्ध होगा। इन उपायों से देश में और विदेशी ओआईएस बाजारों के बीच विभाजन को दूर करने तथा मूल्य निर्धारण में सुधार की उम्मीद है।

वित्तीय बाजारों के विकास में एसपीडी की भूमिका को देखते हुए ये उपाय किए जा रहे हैं।

2. वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम और आचार संहिता का प्रबंधन

विनियमित संस्थाओं द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग के प्रति रुझान बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, आरबीआई लोगों से सुझाव प्राप्त करने के लिए वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता पर मास्टर निर्देश का मसौदा जल्द ही जारी करेगा। यह जोखिम प्रबंधन फ्रेमवर्क को मजबूत करने और मौजूदा दिशानिर्देशों को सुसंगत और समेकित करने के लिए किया जा रहा है।

3. भारत बिल भुगतान प्रणाली एनआरआई के लिए भी खोली जाएगी

भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस), मानकीकृत बिल भुगतान के लिए एक-दूसरे के द्वारा संचालित प्लेटफॉर्म है, जो अब सीमा पार से आवक बिल भुगतान स्वीकार करने में सक्षम होगी। इससे एनआरआई, भारत में अपने परिवारों की ओर से सेवा प्रदाताओं, शिक्षा और ऐसी अन्य सेवाओं के बिलों का भुगतान करने के लिए इस प्रणाली का उपयोग करने में सक्षम होंगे। इससे वरिष्ठ नागरिकों को काफी फायदा होगा।

4. क्रेडिट सूचना कंपनियों को रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना (आरबीआईओएस) 2021 के तहत लाया जाएगा

आरबी-आईओएस को अधिक व्यापक बनाने के लिए, क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) को आरबी-आईओएस फ्रेमवर्क के तहत लाया जा रहा है। इसके साथ, हमें क्रेडिट सूचना कंपनियों के खिलाफ शिकायतों के निवारण के लिए एक लागत-मुक्त वैकल्पिक व्यवस्था मिलेगी।

इसके अलावा, इन कंपनियों को अब अपने स्वयं के आंतरिक लोकपाल (आईओ) फ्रेमवर्क की आवश्यकता होगी। गवर्नर ने बताया कि सीआईसी स्वयं आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करेंगे।

5. एमआईबीओआर बेंचमार्क समिति का गठन किया जाएगा

आरबीआई ने मुंबई इंटरबैंक एकमुश्त दर के लिए एक वैकल्पिक बेंचमार्क को अपनाने की आवश्यकता सहित ब्याज दर डेरिवेटिव के विकास और उपयोग से संबंधित मुद्दों की गहन जांच करने और आगे का रास्ता सुझाने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है। यह अध्ययन वैकल्पिक बेंचमार्क दरों को विकसित करने के लिए हाल में किये गए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।

विकास अनुमान में कोई बदलाव नहीं – 2022-23 के लिए 7.2 प्रतिशत

गवर्नर ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए केंद्रीय बैंक का विकास अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए 7.2 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहा है, पहली तिमाही के लिए 16.2 प्रतिशत; दूसरी तिमाही के लिए 6.2 प्रतिशत; तीसरी तिमाही के लिए 4.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4.0 प्रतिशत। पहली तिमाही : 2023-24 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत अनुमानित है।

मुद्रास्फीति पर, गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति को आगे मज़बूत रखने की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मुद्रास्फीति मध्यम अवधि में विकास का समर्थन करते हुए 4.0 प्रतिशत के लक्ष्य के करीब पहुँचती है। गवर्नर ने बताया कि आरबीआई अर्थव्यवस्था को विकास के एक सतत पथ पर आगे बढ़ाते हुए, मूल्य और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है।

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आईएनएस सतपुड़ा ने रिम्पैक – 2022 के दौरान प्रशांत महासागर में अपने पेशेवर कौशल का प्रदर्शन किया

अमेरिका के हवाई में 22 दिन चलने वाले बहुपक्षीय युद्धाभ्यास रिम्पैक-22 के समुद्री चरण के पूरा होने पर दिनांक 2 अगस्त 2022 को आईएनएस सतपुड़ा ने हवाई, यूएसए में पर्ल हार्बर में प्रवेश किया । इस जहाज ने विदेशी युद्धपोतों पर भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर की क्रॉस-डेक लैंडिंग और समुद्र में रेपलेनिशमेंट करने के अलावा, समुद्री चरण के दौरान प्रशांत महासागर में बहु-राष्ट्रीय नौसेनाओं के साथ पनडुब्बी रोधी, युद्धपोत-रोधी और वायु-रोधी युद्धाभ्यासों में भाग लिया ।

रिम्पैक-22 के समुद्री चरण को तीन उप-चरणों में विभाजित किया गया था जिसमें जहाजों ने पहले दो उप-चरणों के दौरान बुनियादी और उन्नत स्तर के एकीकरण अभ्यास किए । इस कार्यक्रम का समापन थिएटर स्तर के बड़े फ़ोर्स टैक्टिकल अभ्यास के साथ हुआ । इस अभ्यास में एक विमान वाहक बैटल ग्रुप, पनडुब्बियां, समुद्री टोही विमान, मानव रहित विमान, दूर से संचालित होने वाले सरफेस शिप्स और बहुराष्ट्रीय नौसेनाओं के विशेष बलों के साथ जॉइंट ऑपेरशन सहित अम्फिबिस फ़ोर्स लैंडिंग ऑपरेशन का आयोजन किया गया ।

भारतीय तट से 9000 समुद्री मील दूर रिम्पैक-22 में आईएनएस सतपुड़ा की भागीदारी दुनिया के किसी भी हिस्से में संचालित करने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमता का प्रमाण है । रिम्पैक-22 सबसे बड़े बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यासों में से एक है जिसमें भारतीय नौसेना भाग लेती है और इस वर्ष के अभ्यास में 26 देशों की भागीदारी हुई है जिसमें 38 सरफेस शिप्स, 09 लैंड फोर्सेज़, 31 मानव रहित सिस्टम्स, 170 विमान और 2,500 से अधिक सैन्यकर्मी शामिल हैं ।

आईएनएस सतपुड़ा एक स्वदेश में डिजाइन और निर्मित 6000 टन गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है । जहाज विशाखापत्तनम स्थित पूर्वी बेड़े का एक हिस्सा है और भारत की आजादी के 75 वें वर्ष में लंबी दूरी की अभियानगत तैनाती के लक्ष्य के साथ तैनात है ।

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भारत ने अहम पड़ाव हासिल किया, अब तक 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स मान्य

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज घोषणा की कि भारत ने एक अहम पड़ाव हासिल कर लिया है, जिसके मद्देनजर देश में 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्य किया गया है। उन्होंने कहा कि यह संख्या परिकल्पना-शक्ति को साबित करती है; एक ऐसी परिकल्पना, जो नवाचार और उद्यमिता आधारित विकास के बारे में हो।

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्यता प्रदान की है, जो आजादी के 75 वर्ष होने के क्रम में मील का पत्थर है। भारत जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो इसी दौरान नवोन्मेष, उत्साह और उद्यमी भावना भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम को लगातार गति प्रदान कर रही है।

याद रहे कि 15 अगस्त, 2015 को लाल किले से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस वक्तव्य के दौरान एक नये भारत की परिकल्पना की थी, जो देशवासियों की उद्यमशील क्षमता को उजागर करेगा। इसके अगले वर्ष 16 जनवरी को, जिसे अब राष्ट्रीय स्टार्ट-अप दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया है, उस दिन देश में स्टार्ट-अप और नवाचार को पोषित करने के लिये एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने की कार्य-योजना शुरू की गई थी। इन छह वर्षों के दौरान, उस कार्य-योजना से भारत को तीसरा सबसे बड़ा इको-सिस्टम बनाने में सफल दिशा-संकेत मिले। यह भी दिलचस्प बात है कि जहां 10 हजार स्टार्ट-अप्स को 808 दिनों में मान्यता मिली, वहीं अब 10 हजार स्टार्ट-अप्स की मान्यता 156 दिनों में ही कर दी गई। इस हिसाब से प्रतिदिन 80 से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्यता दी जा रही है – यह दर विश्व में सर्वाधिक है। इससे पता चलता है कि स्टार्ट-अप संस्कृति का भविष्य संभावनाओं से भरपूर और उत्साहवर्धक है।

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लोकसभा ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन), विधेयक 2022 पारित किया

लोकसभा ने आज राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान (एनआरटीआई), एक मानद (डीम्ड) विश्वविद्यालय, को गतिशक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी), एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय, के रूप में परिवर्तित करने के उद्देश्य से केन्द्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन), विधेयक 2022 को पारित कर दिया।

केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हमेशा भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण के साथ काम करते हैं और उनके नेतृत्व में चौथी औद्योगिक क्रांति तथा 21वीं सदी की चुनौतियों को अपनाने को आतुर रहने वाले एक भविष्योन्मुखी श्रमशक्ति को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे तकनीकी विकास के बारे में भी बताया और कहा कि 2022 तक भारत फ्रंटियर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा।

श्री प्रधान ने सड़क, रेलवे, नौवहन, उड्डयन आदि सहित बुनियादी ढांचे और परिवहन क्षेत्रों में हो रहे विभिन्न परिवर्तनों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्रों का विकास, देश भर के छोटे शहरों में हवाई अड्डों का निर्माण और हवाई यातायात में वृद्धि भारत के लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन एक ज्ञान भंडार का  निर्माण करने, अनुसंधान करने, सर्वोत्तम कार्यप्रणाली को तैयार करने, कौशल विकास की सुविधा सुनिश्चित करने, क्षमता निर्माण की दिशा में काम करने और परिवहन क्षेत्र के विकास को सुविधाजनक बनाने हेतु एक संस्थान के निर्माण की मांग करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य के छात्रों को बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सफल होने के लिए स्टेम के अलावा पर्यावरण, वाणिज्य और सामाजिक विज्ञान के बारे में सीखना होगा। इसलिए, गतिशक्ति विश्वविद्यालय नाम के एक विश्वस्तरीय, बहु-विषयक, बहुआयामी और भविष्योन्मुखी संस्थान की कल्पना की गई है।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दृष्टिकोण के अनुरूप अधिक से अधिक युवाओं को शिक्षा और स्किलिंग के इकोसिस्टम की मुख्यधारा में लाने की जरूरत के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास सिर्फ नौकरी चाहने वालों की नहीं, बल्कि नौकरी देने वालों की एक पीढ़ी तैयार करना है। श्री प्रधान ने यह भी कहा कि भारत में एक नई कार्य संस्कृति विकसित हो रही है जिसमें किए गए वादों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गतिशक्ति इसी कार्य संस्कृति का एक और उदाहरण है।

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