फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि के साथ, कोयले का प्रेषण मई 2022 में 77.79 एमटी की तुलना में मई 2023 में 82.22 एमटी दर्ज किया गया जो 5.70 प्रतिशत की वृद्धि है। कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक से कोयला प्रेषण मई 2022 में 10.47 मिलियन टन की तुलना में मई 2023 में 12.23 मिलियन टन दर्ज किया गया है जो 16.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कुल कोयला प्रेषण में भी 8.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में कोयला प्रेषण में 162.44 मिलियन टन की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 149.76 मिलियन टन का कोयला प्रेषण हुआ था।
कोयले की कुल खरीद (ऑफटेक) में इस प्रभावशाली उछाल के परिणामस्वरूप, कोयला स्टॉक की अच्छी स्थिति है, जो सीआईएल, एससीसीएल, टीपीपी (डीसीबी) आदि में पिटहेड कोयले के स्टॉक में पड़े कोयले की विश्वसनीय और प्रचुर मात्रा में आपूर्ति की गारंटी देता है। 31 मई 2023 तक कुल कोयला स्टॉक 112.41 मिलियन टन है जो 31 मई 2022 के कुल कोयला स्टॉक 82.97 मिलियन टन से 35.48 प्रतिशत अधिक है। सकारात्मक कोयला स्टॉक की इस स्थिति से ऊर्जा की मांग में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव से निपटने की क्षमता मजबूत हुई है। इस स्थिति ने देश की ऊर्जा मांगों को पूरा करना सुनिश्चित किया है।
इसके अलावा, कोयले की ढुलाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कोयले के रेक की उपलब्धता इस पूरी अवधि के दौरान लगातार अच्छी रही है, क्योंकि मंत्रालय ने पीएम गति शक्ति के तहत रेल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए पहल की है ताकि कोयले की निर्बाध ढुलाई सुनिश्चित की जा सके। इस तरह की रेक उपलब्धता ने कोयले के सुचारू परिवहन, परिवहन बाधाओं को कम करने और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद की है।
कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है। कोयला मंत्रालय बेहतरीन विकास के लिए एक व्यापक योजना के साथ पहले ही आगे बढ़ चुका है। मंत्रालय पर्यावरण और समुदायों की भलाई को प्राथमिकता देने वाले कर्तव्यनिष्ठ कोयला खनन प्रथाओं को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है।