श्री रीजीजू ने कहा कि भारत की मौसम पूर्वानुमान क्षमता में दिन-ब-दिन सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हम आस-पड़ोस और उससे आगे के देशों में भी मौसम की भविष्यवाणी का विस्तार कर रहे हैं।”
एनसीएमआरडब्ल्यूएफ का परिसर, मौसम और जलवायु मॉडलिंग में उत्कृष्टता केंद्र, क्षेत्रीय समूह “बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन” (बिम्सटेक) के मौसम और जलवायु पर बिम्सटेक केंद्र (बीसीडब्ल्यूसी) की भी मेजबानी करता है। इसमें ये सात सदस्य देश शामिल हैं – बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका सहित दक्षिण एशिया से पांच और म्यांमार और थाईलैंड सहित दक्षिण पूर्व एशिया से दो।
रीजीजू ने कहा कि एनसीएमआरडब्ल्यूएफ दुनिया में अपनी तरह का एक अग्रणी संस्थान है। उन्होंने कहा, “यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारा एनसीएमआरडब्ल्यूएफ विश्व स्तरीय केंद्र बनने जा रहा है।” रीजीजू को डॉ. एम. रविचंद्रन, सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय; डॉ. वी.एस. प्रसाद, प्रमुख, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ; और एनसीएमआरडब्ल्यूएफ के अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने ब्रीफ किया।