Breaking News

भारत जल्द ही अपना सबसे तेज सुपरकंप्यूटर हासिल कर लेगा और अगले मार्च तक इसका संचालन शुरू हो जाएगा- किरेन रीजीजू

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि भारत जल्द ही 900 करोड़ रुपये लागत का अपना सबसे तेज सुपरकंप्यूटर हासिल कर लेगा और इसके अगले साल मार्च तक काम करना शुरू करने की उम्मीद है। कार्यभार संभालने के बाद से मंत्रालय के तहत एक अनुसंधान केंद्र के अपने पहले दौरे में, श्री रिजिजू ने कहा कि इसके अधिग्रहण के साथ भारत संभाव्य पूर्वानुमान के उच्चतम रेसोलुशन वाला मौसम निगरानी तंत्र हासिल कर लेगा। मंत्री आज नोएडा, उत्तर प्रदेश में नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) के अपने दौरे के दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे। रीजीजू ने कहा “नया कंप्यूटर 12 से 6 किलोमीटर तक के पूर्वानुमान में सुधार कर सकता है। वर्तमान में भारत के सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर क्रे एक्ससी-40 सुपरकंप्यूटर ‘मिहिर’ के 6.8 पेटाफ्लॉप्स (पीएफएलओपीएस) के प्रदर्शन के साथ की तुलना में, नए सुपरकंप्यूटर की क्षमता लगभग तीन गुना होगी – अर्थात 18 पीएफएलओपीएस।” उन्होंने आगे कहा, “इस विश्व स्तरीय केंद्र की सुविधाओं से सभी क्षेत्रों को, समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा, वास्तव में देश के प्रत्येक व्यक्ति को इस संस्थान से सीधे लाभ मिलने वाला है।”

श्री रीजीजू ने कहा कि भारत की मौसम पूर्वानुमान क्षमता में दिन-ब-दिन सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हम आस-पड़ोस और उससे आगे के देशों में भी मौसम की भविष्यवाणी का विस्तार कर रहे हैं।”

एनसीएमआरडब्ल्यूएफ का परिसर, मौसम और जलवायु मॉडलिंग में उत्कृष्टता केंद्र, क्षेत्रीय समूह “बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन” (बिम्सटेक) के मौसम और जलवायु पर बिम्सटेक केंद्र (बीसीडब्ल्यूसी) की भी मेजबानी करता है। इसमें ये सात सदस्य देश शामिल हैं – बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका सहित दक्षिण एशिया से पांच और म्यांमार और थाईलैंड सहित दक्षिण पूर्व एशिया से दो।

रीजीजू ने कहा कि एनसीएमआरडब्ल्यूएफ दुनिया में अपनी तरह का एक अग्रणी संस्थान है। उन्होंने कहा, “यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारा एनसीएमआरडब्ल्यूएफ विश्व स्तरीय केंद्र बनने जा रहा है।”  रीजीजू को डॉ. एम. रविचंद्रन, सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय; डॉ. वी.एस. प्रसाद, प्रमुख, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ; और एनसीएमआरडब्ल्यूएफ के अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने ब्रीफ किया।