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प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्टार्ट-अप महाकुंभ का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री  मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्टार्ट-अप महाकुंभ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डाला और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के रोडमैप पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दशकों में सूचना प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में भारत की छाप छोड़ने का उल्‍लेख किया और नवाचार तथा स्टार्ट-अप संस्कृति के उभरते रुझानों को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप जगत के लोगों की उपस्थिति आज के अवसर के महत्व को दर्शाती है। देश में स्टार्ट-अप की सफलता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने उस मौलिक प्रतिभाशाली तत्व की ओर ध्यान आकर्षित किया जो उन्हें सफल बनाता है। उन्होंने निवेशकों, इनक्यूबेटरों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्योग के अग्रणी सदस्यों और वर्तमान एवं भविष्य के उद्यमियों की उपस्थिति को स्वीकारते हुए कहा कि वास्तव में यह महाकुंभ अभूतपूर्व ऊर्जा और जीवंतता का निर्माण कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे खेल और प्रदर्शनी स्टॉलों का दौरा कर रहे थे, तो उन्‍हें इसी भावना का अनुभव हुआ। इन स्‍टॉलों पर लोगों ने बड़े गर्व से अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया। उन्‍होंने कहा कि स्टार्ट-अप महाकुंभ में आने वाला कोई भी भारतीय भविष्य के यूनिकॉर्न और डेकाकॉर्न का साक्षी बनेगा।

प्रधानमंत्री ने सही नीतियों के कारण देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास पर संतोष व्यक्त किया। समाज में स्टार्टअप की अवधारणा के प्रति शुरुआती अनिच्छा और उदासीनता का स्‍मरण करते हुए उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत समय के साथ नवोन्‍मेषी विचारों को मंच मिला। उन्होंने फंडिंग स्रोतों और शैक्षणिक संस्थानों में इनक्यूबेटरों के साथ विचारों को जोड़कर इकोसिस्टम के विकास को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे टियर 2 और टियर 3 शहरों के युवाओं को सुविधाएं प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप एक सामाजिक संस्कृति बन गया है और सामाजिक संस्कृति को कोई नहीं रोक सकता।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व छोटे शहरों द्वारा किया जा रहा है और यह क्रांति कृषि, वस्त्र, चिकित्सा, परिवहन, अंतरिक्ष, योग और आयुर्वेद सहित कई क्षेत्रों में परिलक्षित हो रही है। अंतरिक्ष स्टार्टअप के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप अंतरिक्ष क्षेत्र में 50 से अधिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिनमें स्पेस शटल का प्रक्षेपण भी शामिल है।

प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स के बारे में बदलती सोच पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स ने यह मानसिकता बदल दी है कि व्‍यवसाय शुरू करने के लिए बहुत अधिक धनराशि की आवश्‍यकता होती है। उन्होंने नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाला बनने का रास्ता चुनने के लिए देश के युवाओं की सराहना की।

उन्होंने कहा कि भारत में 1.25 लाख स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं। यहां तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिसमें 12 लाख युवा सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से अपने पेटेंट शीघ्रता से दाखिल करने के प्रति सतर्क रहने को कहा। जीईएम पोर्टल ने व्यवसायों और स्टार्टअप्स को 20,000 करोड़ रुपये से भी अधिक प्रदान किए हैं। उन्होंने नए क्षेत्रों में जाने के लिए युवाओं की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतिगत मंचों पर शुरू किए गए स्टार्ट-अप आज नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।

डिजिटल इंडिया द्वारा स्टार्ट-अप को प्रदान किए गए प्रोत्साहन को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बड़ा प्रेरणा स्रोत है। उन्‍होंने सुझाव दिया कि कॉलेज इसे एक अध्‍ययन के रूप देखें। उन्होंने कहा कि यूपीआई फिन-टेक स्टार्ट-अप के लिए समर्थन का एक स्तंभ बन गया है जो देश में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए नवीन उत्पादों और सेवाओं के विकास का नेतृत्व करता है। उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत मंडपम में स्थापित एक बूथ पर उद्योग और वैश्विक नेताओं की लंबी कतारों को याद किया, जिसमें यूपीआई की कार्यप्रणाली समझाई गई थी और ट्रायल रन की पेशकश की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे वित्तीय समावेशन सुदृढ़ हुआ है और ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर खाई में कमी आई है। प्रौद्योगिकी का विस्‍तार शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में तक हुआ है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश में 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्ट-अप महिलाओं के नेतृत्व वाले हैं, चाहे वह शिक्षा, कृषि या स्वास्थ्य हो।

प्रधानमंत्री ने न केवल विकसित भारत के लिए बल्कि मानवता के लिए नवाचार की संस्कृति के महत्व पर बल दिया। उन्होंने स्टार्टअप-20 के अंतर्गत वैश्विक स्टार्टअप के लिए एक मंच प्रदान करने की भारत की पहल का उल्लेख किया जो स्टार्टअप को विकास इंजन के रूप में स्‍वीकार करता है। उन्होंने आर्टिफिशिएल इंटलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में भी भारत का पलड़ा भारी होने की बात कही।

प्रधानमंत्री ने एआई उद्योग के आगमन के साथ युवा अन्वेषकों और वैश्विक निवेशकों दोनों के लिए सृजित हो रहे कई अवसरों को रेखांकित किया और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, भारत एआई मिशन एवं सेमीकंडक्टर मिशन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कुछ समय पहले अमेरिकी सीनेट में अपने संबोधन के दौरान एआई पर चर्चा को याद किया और आश्वासन दिया कि भारत इस क्षेत्र में अग्रणी बना रहेगा। उन्‍होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधान दुनिया के कई देशों के लिए मददगार बनेंगे।

प्रधानमंत्री ने हैकथॉन आदि के माध्यम से भारतीय युवाओं से सीखने की वैश्विक इच्छा को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारतीय परिस्थितियों में परीक्षण किए गए समाधानों को वैश्विक स्वीकृति मिली है। उन्होंने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और सनराइज सेक्टर क्षेत्रों में भविष्य की आवश्‍यकताओं के लिए अनुसंधान व योजना के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड का उल्लेख भी किया।

प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स से कहा कि वे लोगों की मदद करें और जो उन्‍होंने समाज से ग्रहण किया है वे उसे सहायता के माध्‍यम से लौटाएं। उन्‍होंने संस्‍थानों से कहा कि वे स्‍टार्टअप्‍स क्षेत्रों में शामिल हों। उन्होंने उनसे इनक्यूबेशन केंद्रों, स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करने और छात्रों के साथ अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए कहा। उन्‍होंने हैकथॉन के माध्यम से लिए सरकारी समस्या विवरण के समाधान में युवाओं को शामिल करने के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि शासन में कई अच्छे समाधान अपनाए गए और समाधान तलाशने के लिए हैकथॉन संस्कृति सरकार में स्थापित हुई। उन्होंने व्यवसायों और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) में इसका पालन करने के लिए कहा। उन्होंने महाकुंभ में शामिल लोगों से कहा कि वे कार्रवाई योग्य बिंदुओं को सामने लाए।

प्रधानमंत्री ने भारत को 11वें स्थान से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में युवाओं के योगदान को रेखांकित किया। उन्‍होंने तीसरे कार्यकाल में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की गारंटी को पूरा करने में स्टार्टअप द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका पर भी प्रकाश डाला। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के साथ बातचीत करना उन्हें नई ऊर्जा से भर देता है। उन्होंने युवाओं के भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और श्री सोम प्रकाश सहित अन्य उपस्थित थे।

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ऐस ऐन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऐन ऐस ऐस यूनिट के ७ दिवसीय शिविर के चतुर्थ चौथे दिन बस्ती वासियों को शिक्षा, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के विषय में जागरूक किया

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 20 मार्च, ऐस ऐन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऐन ऐस ऐस यूनिट द्वारा ७ दिवसीय शिविर के चतुर्थ दिवस का शुभारंभ ईश्वंधना तथा ऐन ऐस ऐस के लक्ष्यागीत के साथ हुआ। सर्वप्रथम स्वयंसेविकाओं ने बस्ती का भ्रमण किया तथा बस्ती वासियों को शिक्षा, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के विषय में जागरूक किया। तत्पश्चात प्राकृतिक चिकित्सा एवम योग पर आधारित व्याख्यान में भाग लिया। नेचुरोपैथी एवम योग ट्रेनर मिस भूमि तिवारी ने स्वयंसेविकाओं को संतुलित आहार की प्राकृतिक चिकित्सा में उपयोगिता के विषय में बताया। साथ ही खान पान के महत्व से स्वयंसेविकाओं को अवगत कराया। योग अभ्यास के अंतर्गत सूर्यनामस्कर, ताड़ासन, वृक्षासन, मकरासन, त्रिकोणासन, प्राणायाम, कपालभाती, भ्रमरी, ॐ शब्द का उच्चारण, मेडिटेशन तथा गायत्री मंत्र, आदि का अभ्यास कराया। इससे पूर्व प्रथम सत्र का प्रारंभ मिस भूमि तिवारी का शिविर में प्रोग्राम ऑफिसर प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने अभिनंदन किया। भूमि तिवारी ६ बार की योग की नेशनल प्लेयर, खेलो इंडिया की कांस्य पदक विजेता, एशियन मेडलिस्ट एवम २००३ की ऐन सी सी गणतंत्र दिवस परेड की कैडेट रह चुकी है। इससे पूर्व शिविर में महाविद्यालय की प्राचार्य ने सर्वेक्षण किया तथा छात्राओं को भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए मिष्ठान वितरित किया। भोजनावकाश के पश्चात द्वातिय सत्र में स्वयंसेविकाओं ने नागरिक सुरक्षा से संबंधित विषयों जैसे सी पी आर, घरेलू आग, रोगों से बचाव, आदि पर अभ्यास किया तथा प्रश्नौत्रि में भाग लिया। तत्पश्चात स्वयंसेविकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का अभ्यास किया जिसमे लोक नृत्य और गायन मुख्य रूप से रहे साथ ही दो टीम बना कर अधिग्रहित बस्ती का सर्वेक्षण किया। पंचम दिवस की रूपरेखा की तयारी तथा राष्ट्रगान के साथ द्वातिए सत्र का समापन हुआ।

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एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन एस एस यूनिट द्वारा ७-दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन स्वयंसेविकाओं ने शिविर को व्यवस्थित किया

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर 19 मार्च एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन एस एस यूनिट द्वारा संचालित ७-दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन का शुभारम्भ सरस्वती वंदना के साथ हुआ । ऍन एस एस की स्वयंसेविकाओं ने शिविर की साफ़-सफाई कर शिविर को व्यवस्तिथ किया तत्पश्चिआत ईश्वर की वंदना कर शिविर के प्रथम सत्र का शुभारम्भ हुआ । ऍन एस एस के लक्ष्यगीत में उत्साह पूर्वक छात्राओं ने प्रतिभाग किया । प्रथम सत्र में मतदाता जागरूकता एवम ऍन सी सी, ऍन एस एस, आदि शिवरों के महत्व पर एक व्याख्यान का आयोजन हुआ । मुख्य अतिथि एवम वक्ता एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन सी सी प्रभारी एवम मतदाता जागरूकता अभियान की नोडल अधिकारी कप्तान ममता अग्रवाल ने स्वयंसेविकाओं को मतदान के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी दी साथ ही उन्होंने ऍन सी सी, ऍन एस एस शिविर में किये गए कार्यों के महत्व पर भी चर्चा की और स्वयंसेविकाओं के लग्न और अनुसाशन की भूरी-भूरी प्रंशंसा की । ऍन एस एस कार्यक्रम अधिकारी प्रो चित्रा सिंह तोमर ने प्रथम सत्र के आरम्भ में मुख्या वक्त का पुष्प माल से स्वागत किया। स्वयंसेविका रश्मि यादव एवम कोमल शुक्ल ने माल्यार्पण द्वारा मुख्या वक्त का अभिनन्दन किया । ऍन सी सी प्रभारी ने स्वयंसेविकाओं को व्यायाम के महत्व को समझाया तथा ड्रिल एक्सरसाइज के द्वारा स्वयंसेविकाओं को शिविर में उत्साह बनाए रखने का आव्हान किया । स्वयंसेविकाओं ने प्रश्नोतर काल में अपनी जिज्ञासाओं का भी समाधान किया । भोजन अवकाश के पश्च्यात द्वतीये सत्र में स्वयंसेविकाओं ने मतदाता जागरूकता पर नुक्कड़-नाटक का मंचन किया तथा बस्ती में जाकर मतदाता अभियान के अंतर्गत बस्ती वासियों को जागरूक किया । तृतीये दिवस की रूपरेखा बनाकर राष्ट्र गान के साथ द्वतीये सत्र का समापन हुआ।

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डी जी कॉलेज में सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन स्वच्छता एवं स्वास्थ्य अभियान आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर 19 मार्च डी जी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन प्रथम सत्र में योग एवं व्यायाम के पश्चात गणपति वंदना एवं पूजन तथा एनएसएस गीत के साथ शिविर आरंभ हुआ। इस सत्र में युवा संवाद के अंतर्गत छात्रों के द्वारा ‘स्वच्छता का हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव’ विषय पर ग्रुप डिस्कशन किया गया। स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत रैली निकालकर बस्ती वासियों को स्वच्छता अपनाकर किस प्रकार से बीमारियों को भगाया जा सकता है, के बारे में जागरूक किया गया तथा बस्ती में रहने वाले बच्चों को हाथ धोने का सही तरीका समझाया गया एवं उन्हें शौच के उपरांत, भोजन ग्रहण करने के पहले तथा उपरांत हाथ धोने के महत्व के बारे में बताया गया। मध्याह्न में स्वल्पाहार के पश्चात सायंकालीन सत्र में अगले दिन की जाने वाली गतिविधियों पर विचार विमर्श कर रूपरेखा तैयार की गई। छात्राओं के द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियां में गीत संगीत, एवम् नृत्य प्रस्तुत किए गए तथा पारंपरिक खेल खेले गए शिविर को सफलतापूर्वक संचालित करने में डॉ श्वेता गोंड, आकांक्षा यादव, लक्ष्मी दिव्यंका साहू, सरिता चौरसिया म, माया तथा अपर्णा कश्यप समेत समस्त एनएसएस वॉलिंटियर्स का विशेष सहयोग रहा।

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एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन एस एस यूनिट कादम्बिनी देवी का ७- दिवसीय विशेष शिविर का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता 17 मार्च एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन एस एस यूनिट कादम्बिनी देवी का ७-दिनो के विशेष शिविर का उद्घाटन हुआ । उद्घाटन सत्र में सर्वप्रथम स्वयंसेविकाओं ने कैंप के लिए साफ़-सफाई का कार्य किया तथा फूलबाग बस्ती के निकट बाल-भवन परिसर में बैनर एवम दरी बिछाकर आव्यशक सफाई एवम व्यवस्थाएं की।

उद्घाटन सत्र में माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व डीप प्रज्वलन कर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो सुमन एवम ऍन एस एस की प्रोग्राम अफसर प्रो चित्रा सिंह तोमर ने कैंप का उद्घाटन किया । इस अवसर पर स्वयंसेविकाओं ने प्र्रर्थना एवम ऍन एस एस के लक्ष्यगीत द्वारा उत्साहपूर्वक कैंप का शुभ आरम्भ किया । महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो सुमन ने छात्राओं का उत्साह वर्धन करते हुए उन्हें जागरूक रहने एवम समाज के प्रति अपने दायित्वो का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया । कार्यक्रम अधिकारी ने स्वयंसेविकाओं का मार्गदर्शन करते हुए ७-दिवसों में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा रखी तथा व्याख्यान के द्वारा ऍन एस एस के महत्व, उद्देश्य पर प्रकाश डाला । ऍन एस एस का संपूर्ण परिचय देते हुए उन्होंने स्वयंसेविकाओं को जागरूक रहने के लिए कहा । भोजनावकाश के पश्च्यात द्वतीय सत्र में सर्वप्रथम स्वयंसेविकाओं ने बस्ती का सर्वेक्षण किया तथा ७-दिवसीय विशेष शिविर में होने वाले विभिन्न व्याख्यानों व कार्यों के सम्बन्ध में बस्ती वासियों को जागरूक किया । तत्पाश्चिआत ऍन एस एस पर आधारित प्रश्नोत्तरी का संचालन किया गया । प्रथम सत्र में ऍन एस एस पर जो जानकारी दी गयी थी उसी पर आधारित प्रश्न छात्राओं से लिखित में पूछे गए। स्वयंसेविकाओं ने उत्साहपूर्वक पसरनौत्री में प्रतिभाग किया । राष्ट्रगान के साथ द्वतीये सत्र का समापन किया गया।

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डी जी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय शिविर का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 17 मार्च, डी जी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर का शुभारंभ सिविल लाइंस स्थित सेवा बस्ती सरसैया घाट में हुआ। शिविर के प्रथम दिवस में मुख्य अतिथि नमामि गंगे के प्रदेश संयोजक कृष्ण दीक्षित बड़े जी तथा विशिष्ट अतिथि समाजसेवी ओम द्विवेदी तथा शरद दुबे रहे। उद्घाटन के प्रथम सत्र में छात्राओं ने शिविर स्थल की साफ सफाई कर, सुसज्जित किया। तत्पश्चात योग एवं व्यायाम के पश्चात मुख्य अतिथियों के आगमन पर उनका स्वागत तथा गणपति वंदना एवं पूजन के साथ शिविर आरंभ हुआ। इस सत्र में युवा संवाद के अंतर्गत मजबूत लोकतंत्र में युवाओं की भूमिका विषय पर छात्राओं ने अपने विचार भी प्रस्तुत किए। मतदान जागरूकता शपथ, रैली, पोस्टर, बैनर, स्लोगन आदि के माध्यम से बस्ती वासियों को मतदान करने के लिए प्रेरित एवं जागरूक किया गया। मध्याह्न में छात्राओं ने स्वयं स्वल्पाहार बनाकर ग्रहण किया। उसके पश्चात सायंकालीन सत्र में अगले दिन की जाने वाली गतिविधियों पर विचार विमर्श कर रूपरेखा तैयार की गई तथा देशज खेलों में खो-खो आदि खेले गए।

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अतुल दीक्षित 9696469699

उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, एवं महाराष्ट्र से प्रकाशित

दैनिक भारतीय स्वरूप

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भारत का Semiconductor Manufacturing में ऐतिहासिक कदम

कानपुर 13 मार्च भारतीय स्वरूप संवाददाता एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज कानपुर में दिनांक 13-03-2024 को भारत सरकार के Semiconductor Mission के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम का लाइव प्रसारण प्राचार्या प्रोफेसर सुमन के निर्देशन में सफलतापूर्वक किया गया | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लगभग सवा लाख करोड़ रुपये के तीन Semiconductor Fabrication Plant (गुजरात, असम) का भारत में शिलान्यास किया गया| मोदी जी ने कहा कि बहुत जल्दी Semiconductor manufacturing में भारत ग्लोबल हब बन जाएगा| 21 वी सदी में इलेक्ट्रॉनिक चिप का निर्माण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम बनाएगा तथा भारत के युवाओं में आत्मविश्वास का संचार करेगा| कार्यक्रम में प्रो. निशि प्रकाश, प्रो. रेखा चौबे, प्रो. अल्का टंडन, प्रो. गार्गी यादव, कैप्टन ममता अग्रवाल, प्रो. मीनाक्षी व्यास, डॉ. शुभा बाजपेयी, डॉ. अनामिका, डॉ. शिवांगी यादव, सुश्री प्रीति यादव सहित महाविद्यालय की सभी शिक्षिकाओं तथा छात्राओं ने प्रतिभाग किया तथा भारत की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया|

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में सांस्कृतिक उत्सव “अभिव्यक्ति 2024” प्रारंभ

कानपुर 13  भारतीय स्वरूप संवाददाता बहुप्रतीक्षित, वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव, “अभिव्यक्ति 2024”, अपने पहले दिन, यानी 13 मार्च, 2024 को अपार उत्साह और उत्साह के साथ शुरू हुआ। यह कार्यक्रम प्रत्याशा के माहौल के साथ शुरू हुआ क्योंकि छात्र इस भव्य समारोह को देखने के लिए उत्सुकता से एकत्र हुए उद्घाटन समारोह। क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव, “अभिव्यक्ति 2024” का आज औपचारिक उद्घाटन प्रोफेसर जोसेफ डैनियल, प्राचार्य और सचिव कॉलेज गवर्निंग बॉडी ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। उद्घाटन समारोह उत्साह और आशावाद से भरा एक महत्वपूर्ण अवसर था। प्रिंसिपल सर ने अपने प्रेरक शब्दों के साथ, आगे की एक रोमांचक यात्रा की रूपरेखा तैयार करते हुए, आधिकारिक तौर पर अभिव्यक्ति 2024 का उद्घाटन किया। अभिव्यक्ति गीत, पद्य, रंग, शब्द, चित्र और नृत्य के माध्यम से एक अभिव्यक्ति है, माध्यम मायने नहीं रखता, लेकिन भावना की सहजता और रचनात्मकता मायने रखती है। “अभिव्यक्ति 2024” छात्रों को उनकी रुचि और गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने के अलावा, समसामयिक और ज्वलंत मुद्दों पर उनके विचारों और राय को जानने का भी प्रयास करता है। जस्ट ए मिनट (JAM), रंगोली, क्रिएटिव राइटिंग, वॉल पेंटिंग, क्विज़, वाद-विवाद, नृत्य और गीत इस उत्सव के मुख्य कार्यक्रम हैं। छात्रों को विभिन्न समितियों के संयोजकों और समूह सदस्यों द्वारा आयोजित एक सप्ताह के कठिन स्क्रीनिंग सत्र से गुजरना पड़ा। “अभिव्यक्ति 2024” का पहला आयोजन “रचनात्मक लेखन” था। छात्र खुद को तीन अलग-अलग भाषाओं यानी अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में व्यक्त कर सकते थे। इस आयोजन ने साहित्यिक उत्साही लोगों को अपनी रचनात्मकता को उजागर करने और अपने विचारों को लिखने के लिए एक मंच प्रदान किया। विषय थे “वहां था…”, “खुली खिड़कियां” और “ख्वाबों में”। 50 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम का संचालन प्रभारी प्रो. सुजाता चतुर्वेदी और डॉ. संजय सक्सेना द्वारा अच्छे से किया। नतीजे बाद में घोषित किये जायेंगे. इसके बाद सारा ध्यान उस दिन के दिलचस्प कार्यक्रम पर केंद्रित हो गया। परिसर ऊर्जा से भर गया क्योंकि प्रतिभागियों ने बहुचर्चित कार्यक्रम, जस्ट-ए-मिनट (जेएएम) प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जहां सहजता और वाक्पटुता ने केंद्र स्तर पर कब्जा कर लिया। आज फाइनल राउंड के लिए 20 प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट किया गया। सूक्ष्म निर्णय प्रो. सूफिया शहाब और प्रो. एस॰ पी० सिंह द्वारा किया गया। पी. सिंह. कार्यक्रम का संचालन प्रभारी डॉ. श्वेता मिश्रा एवं डॉ. शुभी तिवारी ने बखूबी किया। कार्यक्रम में प्रथम : सहस्त्रांशु मिश्रा, द्वितीय : आयुष कुमार भारती, तृतीय : वैष्णवी गुप्ता, और सांत्वना :शुभी मिश्रा पुरस्कार से समान्नित हुए

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क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में विमेन सेल द्वारा जेंडर सेंसटाइजेशन विषयक व्याख्यान आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में विमेन डेवलपमेंट एंड जेंडर सैसटाइजेशन सेल द्वारा लैंगिक भेदभाव अर्थात जेंडर सेंसटाइजेशन विषयक एक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल के दिशानिर्देशन में किया गया। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की प्रोफेसर एंड डीन कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ0. अंशु यादव रहीं। वहीं कार्यक्रम का संचालन डॉ अंकिता लाल ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत उप प्रचार्या प्रो. सबीना बोदरा ने ईश्वर आराधना के साथ की। इस मौके पर महिला सेल की संयोजिका प्रो. शिप्रा श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण देकर सभी का स्वागत किया।

मुख्यवक्ता डॉ. अंशु यादव ने छात्र छात्राओं को समाज में व्याप्त जेंडर सेंसटाइजेशन यानीकि लैंगिक भेदभाव के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया और हमारे समाज में प्रचलित विभिन्न रूढ़ियों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये बालक एवं बालिका अर्थात दोनों के लिए शिक्षा के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
इस दौरान प्रो. अंशु यादव को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन प्रो सूफिया शहाब ने किया। कार्यक्रम में डॉ. श्वेता चंद्र, डॉ. आशीष दुबे आदि का भी सहयोग रहा। इस मौके पर महिला सेल की स्वयं सेवक अंजलि, आर्यन, देवांश, प्रियांशु, आयुष, मानवी, रितेश का सराहनीय योगदान रहा व कॉलेज के अनेक शिक्षक-शिक्षिकायें मौजूद रहे।

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प्रधानमंत्री ने असम के जोरहाट में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज असम के जोरहाट में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं आधारशिला रखी और इनका उद्घाटन करते हुए उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। आज की विकास परियोजनाओं में स्वास्थ्य, तेल और गैस, रेल और आवास के क्षेत्र शामिल हैं।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित विशाल भीड़ के लिए आभार व्यक्त किया और राज्य के 200 विभिन्न स्थानों से 2 लाख लोगों के शामिल होने की भी सराहना की। श्री मोदी ने कोलाघाट के लोगों द्वारा हजारों दीये जलाने का भी उल्लेख किया और कहा कि लोगों का प्यार और स्नेह उनकी सबसे बड़ी संपत्ति है। उन्होंने आज स्वास्थ्य, आवास और पेट्रोलियम क्षेत्रों से संबंधित लगभग 17,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए उन्हें राष्ट्र को समर्पित करके असम के विकास को गति देने की पुष्टि की।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने इसे एक अद्वितीय राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य कहा और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की जैव विविधता और अनोखे ईकोसिस्टम के आकर्षण को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “70 फीसदी एक सींग वाले गैंडे काजीरंगा में हैं।” उन्होंने दलदली हिरण, बाघ, हाथी और जंगली भैंसे जैसे वन्यजीवों को खोजने के अनुभव के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे लापरवाही और आपराधिक सहयोग के कारण गैंडा लुप्त होने की कगार पर है और उन्होंने 2013 में एक ही वर्ष में 27 गैंडों के शिकार को याद किया। सरकार के प्रयासों से 2022 में गैंडों के शिकार की संख्या शून्य हो गई। काजीरंगा के स्वर्ण जयंती वर्ष पर असम के लोगों को बधाई देते हुए, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने आज वीर लाचित बोरफुकन की भव्य प्रतिमा के अनावरण का जिक्र किया और कहा, ”वीर लाचित बोरफुकन असम के शौर्य और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं।” उन्होंने 2002 में नई दिल्ली में उनकी 400वीं जयंती बड़े धूमधाम और सम्मान के साथ मनाए जाने को भी याद किया और बहादुर योद्धा को नमन किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”विकास भी और विरासत भी” हमारी डबल इंजन सरकार का मंत्र रहा है। उन्होंने कहा कि असम ने बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है। एम्स, तिनसुकिया जैसे स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे उन्होंने कहा, जोरहाट में मेडिकल कॉलेज, शिव सागर मेडिकल कॉलेज और कैंसर अस्पताल असम को पूरे पूर्वोत्तर के लिए एक चिकित्सा केंद्र बनाएंगे।

प्रधानमंत्री ने पीएम ऊर्जा गंगा योजना के तहत बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करने का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि गैस पाइपलाइन पूर्वोत्तर ग्रिड को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ेगी और 30 लाख घरों और 600 से अधिक सीएनजी स्टेशनों को गैस की आपूर्ति करने में मदद करेगी, जिससे बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 30 से अधिक जिलों के लोगों को लाभ होगा।

डिगबोई रिफाइनरी और गुवाहाटी रिफाइनरी के विस्तार के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने असम में रिफाइनरियों की क्षमता का विस्तार करने की लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को नजरअंदाज कर दिया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान सरकार के प्रयासों से असम में रिफाइनरियों की कुल क्षमता अब दोगुनी हो जाएगी जबकि नुमालीगढ़ रिफाइनरी की क्षमता तीन गुना हो जाएगी। उन्होंने कहा, “किसी भी क्षेत्र का विकास तब तीव्र गति से होता है जब विकास के इरादे मजबूत हों।”

उन्होंने उन 5.5 लाख परिवारों को बधाई दी, जिन्हें आज अपना पक्का घर मिला है। उन्होंने कहा कि ये घर सिर्फ घर नहीं हैं बल्कि शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली और पाइप पानी कनेक्शन जैसी सुविधाओं से सुसज्जित हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 18 लाख परिवारों को ऐसे घर मुहैया कराए जा चुके हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि इनमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम पर हैं।

असम की हर महिला के जीवन को आसान बनाने और उनकी बचत में सुधार करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, प्रधानमंत्री ने कल महिला दिवस पर गैस सिलेंडर की कीमत 100 रुपये कम करने के फैसले का उल्लेख किया। आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाओं से भी महिलाओं को लाभ मिल रहा है। जल जीवन मिशन के तहत, असम में 50 लाख से अधिक घरों को पाइप से पानी का कनेक्शन मिला है। उन्होंने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।

2014 के बाद असम में हुए ऐतिहासिक परिवर्तनों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने 2.5 लाख से अधिक भूमिहीन मूल निवासियों को भूमि अधिकार प्रदान करने और लगभग 8 लाख चाय बागान श्रमिकों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने का उल्लेख किया, जिससे सरकारी लाभ सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित हो सके। प्रधानमंत्री ने कहा, इससे बिचौलियों के लिए सभी दरवाजे बंद हो गए।

प्रधानमंत्री ने कहा, “विकसित भारत के लिए पूर्वोत्तर का विकास जरूरी है।” उन्होंने आगे कहा, “मोदी पूरे पूर्वोत्तर को अपना परिवार मानते हैं। इसीलिए हम उन परियोजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो वर्षों से लंबित पड़ी हैं”। उन्होंने 2014 में पूर्वोत्तर में 1 परियोजना के मुकाबले अब 18 परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए सरायघाट पर पुल, ढोला-सदिया पुल, बोगीबील पुल, बराक घाटी तक रेलवे ब्रॉडगेज का विस्तार, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, जोगीघोपा, ब्रह्मपुत्र नदी पर दो नए पुलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं ने क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा कीं। उन्होंने उन्नति योजना का भी जिक्र किया जिसे पिछली कैबिनेट बैठक में विस्तारित दायरे के साथ नये स्वरूप में मंजूरी दी गयी थी। कैबिनेट ने जूट के एमएसपी में भी बढ़ोतरी की है जिससे राज्य के जूट किसानों को फायदा होगा।

प्रधानमंत्री ने लोगों के प्यार और स्नेह के लिए आभार जताया और कहा कि हर भारतीय उनका परिवार है। प्रधानमंत्री ने कहा, “लोगों का प्यार मोदी को न केवल इसलिए मिलता है क्योंकि उनका मानना ​​है कि भारत के 140 करोड़ नागरिक उनका परिवार हैं, बल्कि इसलिए भी कि वह दिन-रात उनकी सेवा कर रहे हैं”। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का अवसर इसी विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने आज की विकास परियोजनाओं के लिए नागरिकों को बधाई देते हुए समापन किया और इस दौरान ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंजते रहे।

इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) योजना के तहत शिवसागर में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल और गुवाहाटी में एक हेमाटो-लिम्फोइड केंद्र सहित परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने तेल और गैस क्षेत्र में महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जिसमें डिगबोई रिफाइनरी की क्षमता 0.65 से 1 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) तक विस्तार; कैटेलिटिक रिफॉर्मिंग यूनिट (सीआरयू) की स्थापना के साथ गुवाहाटी रिफाइनरी विस्तार (1.0 से 1.2 एमएमटीपीए); और बेतकुची (गुवाहाटी) टर्मिनल पर सुविधाओं में वृद्धि: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड आदि शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने तिनसुकिया में नए मेडिकल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं; और 718 किलोमीटर लंबी बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन (प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का हिस्सा) अन्य बातों के अलावा लगभग 3,992 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत लगभग 5.5 लाख घरों का भी उद्घाटन किया, जो लगभग 8,450 करोड़ रुपये की कुल लागत से निर्मित हुए।

प्रधानमंत्री ने असम में धूपधारा-छायगांव खंड (न्यू बोंगाईगांव-गुवाहाटी वाया गोलपारा दोहरीकरण परियोजना का हिस्सा) और न्यू बोंगाईगांव-सोरभोग खंड (न्यू बोंगाईगांव-अगथोरी दोहरीकरण परियोजना का हिस्सा) सहित 1300 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं।

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