कानपुर 31 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज में *दो स्मार्ट क्लासेज का भव्य उद्घाटन प्रमिला पाण्डे मेयर, कानपुर नगर , लोकसभा सांसद सत्यदेव पचौरी एवं उच्च क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी प्रोफेसर रिपुदमन सिंह एवं बलराम नरुला, उद्योगपति एवं संरक्षक भारतीय विचारक समिति के कर कमलों द्वारा हुआ*।एनसीसी के कैडेट्स ने अतिथि गण को सैनिक सलामी दी।कार्यक्रम का शुभारंभ प्रमिला पांडे मेयर, कानपुर नगर , सांसद सत्यदेव पचौरी, उच्च क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी,कानपुर मंडल, प्रोo रिपु दमन सिंह , बलराम नरुला,उद्योगपति एवं संरक्षक भारतीय विचारक समिति,प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष पी.के मिश्रा, सचिव पी.के सेन, महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० सुमन, व मुख्य अनुशासिका कप्तान ममता अग्रवाल ने दीप प्रज्वलन व सरस्वती मां के माल्यार्पण से किया। अतिथियों का स्वागत तथा आभार पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं उत्तरीय प्रदान कर किया गया।
प्राचार्या प्रो० सुमन ने अतिथियों का परंपरागत स्वागत करते हुए कहा कि हर्ष का विषय है कि गत वर्ष की विदाई एवं नूतन वर्ष का शुभारंभ हम स्मार्ट क्लास के उद्घाटन से कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह दोनो स्मार्ट क्लास माननीय सत्यदेव पचौरी जी ने सांसद निधि से जो कुल रु 25.953 लाख रुपए में बनकर तैयार है ,के द्वारा अनुदानित है lउन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास से बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में और अधिक सुधार होगा। माननीय प्रमिला पांडे जी ने सबको बधाई देते हुए कहा की स्मार्ट क्लास छात्राओं की उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए एक सशक्त माध्यम होगा।माननीय सांसद श्री सत्यदेव पचौरी जी ने कहा कि स्मार्ट क्लास बनाने से छात्राओं का न सिर्फ सर्वांगीण विकास होगा बल्कि उनकी अपने विषय में गहरी रुचि एवं समझ भी विकसित होगी तथा आज के आभासी दुनिया से पठन-पाठन को जोड़ने में मदद मिलेगी। माननीय श्री बलराम नरूला शिक्षा जी ने कहा कि स्मार्ट क्लास के द्वारा इंटरएक्टिव और सहभागी शिक्षण का साधन उपलब्ध हो रहा है जो छात्राओं तथा शिक्षण के लिए प्रभावकारी सिद्ध होगा। प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार मिश्रा जी ने कहा कि स्मार्ट क्लास के द्वारा छात्राओं को विजुअल तरीके से जटिल विषयों को समझाने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुमन ने कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि एक स्मार्ट क्लास आर्ट्स ब्लॉक तथा दूसरा साइंस ब्लॉक में बनाया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्राओं को इसका लाभ मिल सके l डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रयोग करने से यह शिक्षिकाओं की क्षमता को भी बढ़ाएगीl छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए यह निश्चित रूप से सार्थक सिद्ध होगा lउन्होंने सभी शिक्षिकाओं और छात्राओं को बधाई दीl कार्यक्रम का संचालन प्रो० गार्गी यादव जी विभागाध्यक्षा, रसायन शास्त्र ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय की वरिष्ठ प्रवक्ता प्रो० निशि प्रकाश, प्रो० अलका टंडन, प्रो० मीनाक्षी व्यास, प्रो प्रीति पांडे, डॉ० रचना निगम तथा अन्य सभी प्रवक्ताएं उपस्थित रही। साथ ही तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की । इस अवसर पर एनसीसी प्रभारी कुमारी प्रीति यादव एवं एनसीसी कैडेट्स प्रियंका कुमारी ,प्रियंका शर्मा ,ज्योति यादव, दीपाली अग्रहरि का सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ l
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत 1.52 लाख प्रतिष्ठानों के माध्यम से 60.49 लाख लाभार्थियों को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि संवितरित की गई
नए रोजगार के सृजन और कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार के नुकसान की पुनर्बहाली हेतु नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) 1 अक्टूबर, 2020 से आरंभ की गई थी। लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि 31.03.2022 थी। 05.12.2023 तक, 1.52 लाख प्रतिष्ठानों के माध्यम से 60.49 लाख लाभार्थियों को 10,043.02 करोड़ रुपये की राशि संवितरित की गई हैं। योजना के तहत राज्य-वार और सेक्टर-वार लाभार्थी क्रमशः अनुबंध-I और II में हैं।
अनुबंध- I
एबीआरवाई के तहत लाभार्थियों का राज्य-वार विवरण (05.12.2023 तक)
State | No. of Beneficiary Establishment | No. of Beneficiary Employees |
ANDAMAN AND NICOBAR ISLANDS | 36 | 479 |
ANDHRA PRADESH | 4044 | 166959 |
ARUNACHAL PRADESH | 17 | 514 |
ASSAM | 669 | 19902 |
BIHAR | 1213 | 28551 |
CHANDIGARH | 1584 | 64817 |
CHATTISGARH | 2951 | 85101 |
DELHI | 3146 | 227663 |
GOA | 542 | 20947 |
GUJARAT | 15578 | 644000 |
HARYANA | 7640 | 400551 |
HIMACHAL PRADESH | 2164 | 83380 |
JAMMU AND KASHMIR | 891 | 19384 |
JHARKHAND | 2248 | 62773 |
KARNATAKA | 11007 | 486776 |
KERALA | 2732 | 96338 |
LADAKH | 17 | 190 |
MADHYA PRADESH | 6257 | 205799 |
MAHARASHTRA | 22447 | 978812 |
MANIPUR | 57 | 1692 |
MEGHALAYA | 39 | 1224 |
MIZORAM | 15 | 377 |
NAGALAND | 17 | 234 |
ORISSA | 4195 | 89354 |
PUNJAB | 6550 | 171000 |
RAJASTHAN | 11480 | 326553 |
SIKKIM | 113 | 3766 |
TAMIL NADU | 16760 | 817952 |
TELANGANA | 5392 | 283292 |
TRIPURA | 150 | 5440 |
UTTAR PRADESH | 12413 | 433565 |
UTTARAKHAND | 2425 | 93500 |
WEST BENGAL | 7710 | 227625 |
Grand Total | 152499 | 6048510 |
स्रोतः ईपीएफओ, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
अनुबंध- I I
एबीआरवाई के तहत लाभार्थियों का राज्य-वार विवरण (05.12.2023 तक)
Sl. No. | Industry | No. of Beneficiary Establishment | No. of Beneficiary Employees |
1 | AERATED WATER | 126 | 2801 |
2 | AGARBATTI | 120 | 4718 |
3 | AGRICULTURE FARMS | 482 | 9496 |
4 | APARTITE MINES | 1 | 4 |
5 | ARCHITECTS | 109 | 1665 |
6 | ASBESTOS | 13 | 391 |
7 | ASBESTOS CEMENT SHEETS | 24 | 1109 |
8 | ASBESTOS MINES | 7 | 56 |
9 | ATTORNEYS | 6 | 141 |
10 | AUTOMIBILE SERVICING | 1865 | 50525 |
11 | BALL CLAY MINES | 2 | 17 |
12 | BANKS OTHER THAN NATIONALISED BANKS. | 228 | 7649 |
13 | BARYTES MINES | 2 | 11 |
14 | BAUXITE MINES | 3 | 58 |
15 | BEEDI MAKING | 250 | 19326 |
16 | BEER MFG. | 19 | 640 |
17 | BISCUIT MAKING | 240 | 11957 |
18 | BONE CRUSHING | 14 | 146 |
19 | BOTANICAL GARDENS | 25 | 421 |
20 | BREAD | 159 | 6604 |
21 | BRICKS | 752 | 8447 |
22 | BRUSHES | 26 | 488 |
23 | BUILDING AND CONSTRUCTION INDUSTRY | 8475 | 223764 |
24 | BUTTONS | 9 | 128 |
25 | CALCITE MINES | 3 | 89 |
26 | CANE FARMS | 4 | 68 |
27 | CANTEENS | 458 | 15474 |
28 | CARDAMOM PLANTATIONS | 4 | 231 |
29 | CASHEWNUTS | 246 | 5746 |
30 | CATTLE FEED INDUSTRY | 107 | 8188 |
31 | CEMENT | 182 | 3762 |
32 | CHARTERED OR REGD. ACCOUNTANTS | 160 | 2184 |
33 | CHINA CLAY MINES | 4 | 58 |
34 | CHROMITE MINES | 8 | 1020 |
35 | CIGARETTES | 7 | 138 |
36 | CINEMA THEATRES EMPLOYING 5 OR MORE WORKERS | 23 | 110 |
37 | CINEMAS INCLUDING PREVIEW THEATRES | 71 | 727 |
38 | COFFEE CURING | 8 | 180 |
39 | COFFEE PLANTATIONS | 18 | 190 |
40 | COIR | 68 | 1278 |
41 | COLLEGE | 930 | 18102 |
42 | COMPANIES OFFERING LIFE INSURANCE , ANNUITES ETC. | 48 | 5248 |
43 | COMPANIES/SOCIETIES/ASSC/CLUBS/TROUPES FOR PERFORMANCES | 488 | 12107 |
44 | CONFECTIONERY | 418 | 18445 |
45 | CORUNDUM MINES | 2 | 29 |
46 | COST – WORKS ACCOUNTANTS | 43 | 795 |
47 | COTTON GINNING – PRESSING | 361 | 10100 |
48 | CROCKERY | 82 | 1260 |
49 | DAL MILLING | 103 | 1557 |
50 | DIAMOND CUTTING | 321 | 13124 |
51 | DIAMOND MINES | 3 | 43 |
52 | DIAMOND SAW MILLS | 8 | 82 |
53 | DISTILLING – RECTIFYING OF SPRITS | 63 | 1744 |
54 | DISTRIBUTION-FILM | 21 | 305 |
55 | DOLOMITE MINES | 7 | 130 |
56 | EDIBLE OIL – FAT | 350 | 7856 |
57 | ELEC, MECH OR GEN ENGG PRODUCTS | 9964 | 271237 |
58 | ELECT. PORCELAIN INSULATOR | 121 | 2103 |
59 | ELECTRICITY (G,T,D) | 469 | 7807 |
60 | ELECTRONIC MEDIA COMPANIES IN PRIVATE SECTOR | 211 | 6633 |
61 | EMERALD MINES | 2 | 225 |
62 | ENGINEERS – ENGG. CONTRACTORS | 11195 | 288312 |
63 | ESTABLISHMENT ENGAGED IN MANUFACTURE, MARKETING SERVICING, USAGE OF COMPUTERS | 2125 | 98823 |
64 | ESTABLISHMENT ENGAGED IN RAILWAYS FOR CONSTRUCTION, MAINTENANCE, OPERATION | 383 | 8629 |
65 | ESTABLISHMENTS ENGAGED IN CLEANING,SWEEPING SERVICES | 2731 | 154243 |
66 | ESTABLISHMENTS ENGAGED IN RENDERING COURIER SERVICES | 126 | 20501 |
67 | ESTABLISHMENTS OF AIRCRAFT OR AIRLINES | 12 | 176 |
68 | EXPERT SERVICES | 38932 | 2155431 |
69 | EXPLOSIVES | 79 | 2658 |
70 | FELDSPAR MINES | 5 | 118 |
71 | FERRO CHROME | 18 | 1721 |
72 | FERRO MANGANESE | 22 | 381 |
73 | FILM PROCESS-LABORATORIES | 17 | 250 |
74 | FILM PRODUCTION CONCERN | 22 | 983 |
75 | FILM STUDIOS | 12 | 101 |
76 | FINANCING ESTABLISHMENT | 863 | 150104 |
77 | FIRE WORKS | 147 | 2095 |
78 | FIRECLAY MINES | 2 | 167 |
79 | FISH PROCESSIGN AND NON-VEG FOOD PRESERVATION | 188 | 16657 |
80 | FLAVOURITE MINES | 3 | 420 |
81 | FLOUR MILLING | 313 | 5008 |
82 | FORWARDING AGENCY | 248 | 7959 |
83 | FRUIT ORCHARDS | 13 | 420 |
84 | FRUITS – VEG. PRESERVATION | 338 | 8906 |
85 | GARMENTS MAKING | 2339 | 275523 |
86 | GAUR GUM FACTORIES | 14 | 223 |
87 | GENERAL INSURANCE | 24 | 7288 |
88 | GLASS | 241 | 7361 |
89 | GLU AND GELATINE FACTORIES | 6 | 56 |
90 | GOLD MINES | 41 | 672 |
91 | GRAPHITE MINES | 3 | 41 |
92 | GYPSUM MINES | 6 | 44 |
93 | HEAVY – FINE CHEMICALS | 1905 | 54425 |
94 | HOSPITALS | 4721 | 141504 |
95 | HOTEL | 2635 | 51188 |
96 | ICE OR ICE CREAM | 67 | 1372 |
97 | INDIGO | 8 | 1518 |
98 | INDL. – POWER ALCOHOL | 11 | 290 |
99 | INDOLEUM | 31 | 907 |
100 | INLAND WATER TRANSPORT | 24 | 613 |
101 | IRON AND STEEL | 2229 | 60869 |
102 | IRON ORE MINES | 26 | 778 |
103 | IRON ORE PELLETS | 41 | 1060 |
104 | JUTE | 38 | 1948 |
105 | JUTE BAILING OR PRESSING | 10 | 178 |
106 | KATTHA MAKING | 15 | 266 |
107 | KNOWLEDGE OR TRAINING INSTITUTION | 375 | 10548 |
108 | KYANITE MINES | 2 | 20 |
109 | LAC / SHELLAC | 9 | 83 |
110 | LAUNDRY – LAUNDRY SERVICES | 48 | 1494 |
111 | LEATHER PRODUCTS | 846 | 52369 |
112 | LIGNITE MINES | 4 | 202 |
113 | LIMESTONE MINES | 35 | 681 |
114 | LINOLEUM | 1 | 19 |
115 | LODGING HOUSES, SSERVICE APARTMENT,CONDOMINIUMS | 164 | 7102 |
116 | MAGNESITE MINES | 7 | 198 |
117 | MANGANESE MINES | 7 | 65 |
118 | MARBLE MINES | 25 | 429 |
119 | MATCHES | 74 | 1173 |
120 | MEDICAL PRACTITIONERS | 506 | 11991 |
121 | MESSES | 32 | 548 |
122 | MICA MINES | 6 | 82 |
123 | MICA MINES – MICA INDUSTRY | 24 | 793 |
124 | MILK PRODUCTS | 496 | 12530 |
125 | MINERAL OIL REFINING | 45 | 461 |
126 | MIXED PLANTATIONS | 33 | 465 |
127 | MUNICIPAL COUNCILS/CORPORATIONS | 127 | 4404 |
128 | MYROBALAN – VEG. TANNING | 7 | 156 |
129 | NEWSPAPER ESTABLISHMENTS | 102 | 1012 |
130 | NON EDIBLE OIL / FAT | 67 | 1934 |
131 | NONFERROUS METAL AND ALLOYS | 382 | 19604 |
132 | OCHRE MINES | 9 | 705 |
133 | OTHERS | 7932 | 211264 |
134 | PAINTS – VARNISH | 294 | 11581 |
135 | PAPER | 280 | 7379 |
136 | PAPER PRODUCTS | 939 | 19307 |
137 | PEPPER PLANTATIONS | 3 | 29 |
138 | PETROLEUM / NAT.GAS PRODUCTION | 266 | 2576 |
139 | PETROLEUM NAT.GAS REFINING | 263 | 2667 |
140 | PICKERS | 36 | 1174 |
141 | PLASTICS PRODUCTS | 2299 | 79846 |
142 | PLYWOOD | 534 | 12246 |
143 | POULTRY FARMING | 155 | 15865 |
144 | PRINTING | 773 | 14820 |
145 | PRIVATE AIRPORTS AND JOINT VENTURE AIRPORTS | 1 | 13 |
146 | PROCESSING AND TREATMENT OF WOOD | 67 | 1951 |
147 | QUARTXITE MINES | 2 | 8 |
148 | QUARTZ MINES | 10 | 3090 |
149 | RAILWAY BOOKING AGENCIES | 3 | 17 |
150 | REFRACTORIES | 111 | 4727 |
151 | RESEARCH INSTITUTE | 83 | 2791 |
152 | RESTAURANT | 1501 | 42740 |
153 | RICE MILLING | 1334 | 9484 |
154 | ROAD MOTOR TRANSPORT | 1080 | 37981 |
155 | RUBBER PLANTATIONS | 14 | 514 |
156 | RUBBER PRODUCTS | 694 | 38373 |
157 | SALT | 51 | 620 |
158 | SANITARY WARE | 134 | 3156 |
159 | SAW MILLS | 58 | 964 |
160 | SCHOOL | 4993 | 64132 |
161 | SCIENTIFIC INSTITUTES | 51 | 895 |
162 | SILICA(SAND) MINES | 16 | 194 |
163 | SILIMINITE MINES | 5 | 92 |
164 | SOAP STONE MINES | 27 | 741 |
165 | SOCIETIES / CLUBS / ASSOCIATIONS | 188 | 3782 |
166 | SOCIETIES CLUBS OR ASSOCIATIONS | 1108 | 21691 |
167 | SORTING / CLEANING / TEASING OF COTTON WASTE | 42 | 1760 |
168 | STARCH | 28 | 981 |
169 | STATIONERY PRODUCTS | 102 | 2237 |
170 | STEATITE MINES | 11 | 135 |
171 | STEMMING OR REDRYING OF TOBACCO LEAF | 2 | 24 |
172 | STEVEDORING, LOADING-UNLOADING SHIPS | 77 | 4925 |
173 | STONE QUARRIES FOR CHIPS BUILDERS ETC. | 99 | 1267 |
174 | STONE QUARRIES FOR ROOF-FLOOR SLABS ETC. | 107 | 1719 |
175 | STONEWARE JARS | 15 | 356 |
176 | STONEWARE PIPES | 45 | 570 |
177 | STORAGE, TRANSPORT OR DISTT OF PETROL/ NATURAL GAS | 637 | 7225 |
178 | SUGAR | 134 | 7522 |
179 | TEA | 121 | 4758 |
180 | TEA PLANTATION | 60 | 2859 |
181 | TENT MAKING | 25 | 574 |
182 | TEXTILES | 6516 | 468518 |
183 | THEATERS HOLDING DRAMATIC PERFORMANCES | 14 | 435 |
184 | TILES | 196 | 3490 |
185 | TOBACCO INDUSTRY | 66 | 1524 |
186 | TRADING – COMMERCIAL ESTABLISHMENTS | 11526 | 424392 |
187 | TRAVEL AGENCIES | 525 | 11328 |
188 | UNIVERSITY | 163 | 4520 |
189 | UNIVERSITY, COLLEGE, SCHOOL. ETC. | 2228 | 28666 |
190 | WINDING THREAD YARN REELING | 85 | 7144 |
191 | WOOD PRESERVATION PLANTS | 10 | 174 |
192 | WOOD SEASONING KILNS | 9 | 3225 |
193 | WOOD WORKSHOP | 334 | 10943 |
194 | ZOOLOGICAL GARDENS | 12 | 337 |
Grand Total | 152499 | 6048510 |
स्रोतः ईपीएफओ, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
विकसित भारत संकल्प यात्रा : अन्नदाता हो रहे सशक्त
विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) के माध्यम से भारत सरकार जन-जन तक लाभार्थी योजनाओं को पहुंचाने में जुटी हुई है। यात्रा में शामिल सूचना, शिक्षा एवं संचार वाहनें (आईईसी वैन्स) शहर-शहर, गांव-गांव तक जागरूकता अभियान चला रही हैं। आईईसी वैन्स अब तक एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों तक पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा, 22 दिसंबर 2023 (दोपहर 02:30 बजे) तक, लगभग 4.5 करोड़ लोग वीबीएसवाई में शामिल हुए और 3 करोड़ से अधिक लोगों ने विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया ।
15 नवंबर 2023 को झारखंड के खूंटी से शुरु हुई यह विकसित भारत संकल्प यात्रा, किसानों के लिए विशेष रूप से मददगार साबित हो रही है। इस यात्रा के माध्यम से केंद्र सरकार किसानों को तकनीकी और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने पर विशेष बल दे रही है। इस जन जागरण अभियान के सहारे भारत सरकार किसानों को बीज से बाजार तक के सफ़र को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभा रही है।
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ के किसान जनक यादव और बिहार के सहरसा जिले के भेलाही पंचायत निवासी नसीरुद्दीन ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है। दोनों किसानों ने “पीएम-किसान” योजना को बहुत लाभकारी बताते हुए कहा कि ये गरीब किसानों के लिए बहुत अच्छी योजना है। इससे कृषकों को मदद मिलती है।
केंद्र सरकार विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से किसानों को तकनीक से भी जोड़ने का अथक प्रयास कर रही है। यात्रा के दौरान तकरीबन सभी ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन से खेतों में छिड़काव कर किसानों को दिखाया जा रहा है, इसके साथ ही ड्रोन से फसलों की जांच करना भी सिखाया जा रहा है। ऐसा ही एक प्रदर्शन असम के बक्सा जिले में भी देखने को मिला जिसमें कृषकों को ड्रोन से फसलों का निरीक्षण करना सिखाया गया। प्रदर्शन देखने के बाद एक किसान रोनित सिंह ब्रह्मा ने अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा, ‘आज, हमने ड्रोन को हमारी सरसों की फसलों का परीक्षण करते देखा और हम उसकी दक्षता से प्रभावित हुए। इससे हमें एहसास हुआ कि इस तकनीक को अपनाने से समय की बचत तो होगी ही साथ ही श्रम लागत में भी कमी आएगी।”
रोनित सिंह ब्रह्मा
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद के निवासी और आत्मा योजना के लाभार्थी श्री रामगोपाल चौधरी ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत चल रहे अभियान में अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कृषि गतिविधियों के लिए आधुनिक मशीनरी के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त करने का अपना सुखद अनुभव व्यक्त किया। उन्होंने आगे बताया कि आधुनिक पद्धति से खेती करने से उनकी लागत में भी कमी आई है और उनकी आय भी बढ़ी है।
रामगोपाल चौधरी
केन्द्र सरकार ने राज्यों को कर हस्तांतरण की अतिरिक्त किस्त के रूप में 72,961.21 करोड़ रुपये जारी किए गए
आगामी त्योहारों के सीजन और नववर्ष को मद्देनजर, केंद्र सरकार ने विभिन्न सामाजिक कल्याण उपायों और बुनियादी ढांचागत विकास योजनाओं के वित्तपोषण के लिए राज्य सरकारों की मदद के लिए 72,961.21 करोड़ रुपये की कर हस्तांतरण राशि की अतिरिक्त किस्त को भी स्वीकृति दी है।
यह किस्त, 10 जनवरी 2024 को राज्यों को देय कर हस्तांतरण और 11 दिसंबर 2023 को पहले जारी की गई 72,961.21 करोड़ रुपये की किस्त, के अतिरिक्त है।
दिसंबर, 2023 के लिए केंद्रीय करों और शुल्कों की कुल प्राप्ति का राज्य-वार वितरण:
क्रम संख्या | राज्य | कुल राशि
|
1 | आंध्र प्रदेश | 2952.74 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 1281.93 |
3 | असम | 2282.24 |
4 | बिहार | 7338.44 |
5 | छत्तीसगढ़ | 2485.79 |
6 | गोवा | 281.63 |
7 | गुजरात | 2537.59 |
8 | हरियाणा | 797.47 |
9 | हिमाचल प्रदेश | 605.57 |
10 | झारखंड | 2412.83 |
11 | कर्नाटक | 2660.88 |
12 | केरल | 1404.50 |
13 | मध्य प्रदेश | 5727.44 |
14 | महाराष्ट्र | 4608.96 |
15 | मणिपुर | 522.41 |
16 | मेघालय | 559.61 |
17 | मिजोरम | 364.80 |
18 | नागालैंड | 415.15 |
19 | ओडिशा | 3303.69 |
20 | पंजाब | 1318.40 |
21 | राजस्थान | 4396.64 |
22 | सिक्किम | 283.10 |
23 | तमिलनाडु | 2976.10 |
24 | तेलंगाना | 1533.64 |
25 | त्रिपुरा | 516.56 |
26 | उत्तर प्रदेश | 13088.51 |
27 | उत्तराखंड | 815.71 |
28 | पश्चिम बंगाल | 5488.88 |
कुल | 72961.21 |
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रीअमित शाह ने आज राज्य सभा में भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 पर चर्चा का जवाब दिया, सदन ने चर्चा के बाद तीनों विधेयकों को पारित किया
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगभग 150 वर्ष पुराने आपराधिक न्याय प्रणाली को चलाने वाले तीनों कानूनों में पहली बार भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले परिवर्तन किए गए हैं
अब भारत के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में एक नए युग की शुरूआत होगी, जो पूर्णतया भारतीय होगा
हमारी आपराधिक न्यायिक प्रणाली भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों से चलेगी
मोदी जी ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाई है और आने वाले इन नए कानूनों की आत्मा, सोच, शरीर सब भारतीय है
मोदी सरकार द्वारा लाए इन कानूनों से संगठित अपराध पर नकेल कसी जाएगी
नए कानूनों के आने के बाद गरीब से गरीब व्यक्ति को जल्दी न्याय मिलेगा
इन कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद तारीख पर तारीख का ज़माना खत्म हो जाएगा
भारतीय न्याय के मूल विचार विश्व के सभी न्यायिक विचारों में सबसे उदार और महान हैं और ये नए कानून उन्ही विचारों से प्रेरित हैं
स्वराज का मतलब स्वशासन नहीं होता, बल्कि स्वधर्म, स्वभाषा, स्वसंस्कृति और स्वशासन को प्रस्थापित करना है
हमारा इतिहास नहीं है बोल कर भूल जाना… मोदी जी जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं
हमने विक्टिम-सेन्ट्रिक कानून बनाए हैं, इसका उद्देश्य पीड़ित को न्याय देने और उसके आत्मसम्मान व गरिमा को पुनर्स्थापित करना है
इन कानूनों पर अमल होने के बाद FIR से लेकर फैसले तक पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी
इनमें जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर और 2027 तक देशभर के सभी मामलों के रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज़ करने का प्रावधान भी किया गया है
मोदी सरकार ने आज इस देश के कानून में से राजद्रोह को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया है, लेकिनभारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ कोई कुछ करेगा तो उसे कठोरतम सजा मिलेगी
मोदी जी ने आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए आतंकवाद की परिभाषा को इसमें शामिल किया है
तकनीक के उपयोग के साथ पुलिस, वकील और कोर्ट के लिए समयसीमा तय कर जल्द न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है
आजादी के बाद सबसे कम मॉब लिंचिंग की घटनाएं मोदी जी के कार्यकाल में हुई है
हमने कहा था कि न्याय मिलने की गति बढ़ाएंगे, कानूनों का सरल, भारतीय बनाएंगे और न्यायिक और न्यायालय प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे और मोदी जी ने आज ये भी कर दिखाया है
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज राज्य सभा में भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 पर चर्चा का जवाब दिया। सदन ने चर्चा के बाद तीनों विधेयकों को पारित कर दिया। लोक सभा ने बुधवार, 20 दिसंबर 2023 को इन विधेयकों को पारित कर दिया था।
चर्चा का जवाब देते हुए श्री अमित शाह ने कहा किसंसद से ये तीनों विधेयक पारित होने पर भारत के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में एक नए युग की शुरूआत होगी, जो पूर्णतया भारतीय होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के 75 सालों बाद इस देश में सारे कोलोनियल कानूनों में बदलाव कर या समाप्त कर भारत की आत्मा को प्रस्थापित करने की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि इन तीनों कानूनों को वर्ष 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज़ों के शासन की रक्षा के लिए बनाया गया था और इनमें कहीं भारतीय नागरिकों, उनके सम्मान, मानवाधिकारों की सुरक्षा और निर्बल को संरक्षण देने की व्यवस्था नहीं थी। श्री शाह ने कहा कि पुराने कानूनों में मानव वध और महिला के साथ दुर्व्यवहार को प्राथमिकता न देकर खज़ाने की रक्षा, रेलवे की रक्षा और ब्रिटिश ताज की सलामती को प्राथमिकता दी गई थी। उन्होंने कहा कि आज प्रस्तुत इन तीनों विधेयकों का उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना है। उन्होंने कहा कि भारतीय आत्मा वाले इन तीन कानूनों से हमारी आपराधिक न्यायिक प्रणाली भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों से चलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे पुराणों में स्थापित न्याय की कल्पना विश्व की सभी न्यायिक कल्पनाओं में सबसे अधिक उदार है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इन कानूनों पर अमल होने के बाद FIR से लेकर फैसले तक पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी और तकनीक का सबसे अधिक उपयोग अगर किसी देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में होगा, तो वो भारत में होगा। उन्होंने कहा कि इनमें ज़ीरो एफआईआर, ई-एफआईआर और 2027 तक देशभर के सभी मामलों के रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज़ करने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वराज का मतलब स्वशासन नहीं होता, बल्कि स्वधर्म, स्वभाषा, स्वसंस्कृति और स्वशासन को प्रस्थापित करना है। श्री शाह ने कहा कि 2014 से श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की महान आत्मा को जागृत करने का काम किया है और वही आज भारत के उत्थान का कारण बना है। गृह मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में बैलेंस ऑफ वर्क को बहुत महत्व दिया जाता है और हमारी वर्तमान आपराधिक न्यायिक प्रणाली में ये बिगड़ गया है, लेकिन इन नए कानूनों में हमने इसका खास ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद तारीख पर तारीख का ज़माना खत्म हो जाएगा और 3 सालों में पीड़ित को न्याय देने वाली न्यायिक प्रणाली देश में स्थापित होगी।
श्री अमित शाह ने कहा कि संसद से ये विधेयक पारित होने के बाद हमारी आपराधिक न्यायिक प्रणाली 19वीं सदी से निकलकर 2 सदियों का फासला तय कर सीधे 21वीं सदी में प्रवेश करेगी। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से भारतीय न्याय की मूल अवधारणा से हम पूरे विश्व को परिचित करा सकेंगे और इनके सुफल इस देश की जनता को मिलेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि विश्व की सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक न्याय प्रणाली भारत की 140 करोड़ जनता को उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि आज और आने वाले 100 सालों की तकनीक को नियमों में परिवर्तित कर समाहित किया जा सके, इतनी दूरदृष्टि के साथ तकनीक को इन कानूनों में समाहित किया गया है। श्री शाह ने कहा कि 7 साल से अधिक सज़ा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री की विज़िट को अनिवार्य किया है जिससे कन्विक्शन रेश्यो बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ये नए कानून पारित होने के बाद कश्मीर से कन्याकुमारी औऱ द्वारका से असम तक पूरे देश में एक ही न्याय प्रणाली होगी। श्री शाह ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हम परंपरागत सम्मान को कानून का स्वरूप देने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 75 वर्षों औऱ 4 दशकों से आतंकवाद का दंश झेलने के बाद इस देश के कानून में आतंकवाद की परिभाषा ही नहीं थी, लेकिन मोदी जी ने आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए आतंकवाद की परिभाषा को इसमें शामिल किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि इस कानून से राजद्रोह अब देशद्रोह में बदल दिया गया है। उन्होने कहा किमहात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर जैसे लोग राजद्रोह के आरोप में कई साल जेल में रहे और विपक्ष ने भी इसका उपयोग करते हुए आपातकाल के दौरान कई लोगों को जेल में डाल दिया। अब मोदी सरकार राजद्रोह के अंग्रेज़ी कॉन्सेप्ट को समाप्त कर दिया है, शासन के खिलाफ कोई भी बोल सकता है, लेकिन देश के खिलाफ अगर कोई बोलेगा या कुछ करेगा तो इन कानूनों में कठोरतम दंड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि देश महान होता है और इस विचार को इसमें लाया गया है। संगठित अपराध के लिए हमने एक नई व्याख्या जोड़कर इस पर नकेल कसने का काम किया है। छोटे और पहली बार किए गए अपराधों के लिए जेल की जगह पछतावे के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान इसमें किया गया है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के आने के बाद गरीब से गरीब व्यक्ति को जल्दी न्याय मिलेगा। तकनीक के उपयोग के साथ पुलिस, वकील औऱ कोर्ट के लिए समयसीमा तय कर जल्द न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि ज़िलास्तर पर डायरेक्टर ऑफ प्रॉसीक्यूशन रहेगा और जो प्रक्रिया से अलग रहकर अपील की योग्यता पर निर्णय करेगा। श्री शाह ने कहा कि ब्रिटिश संसद द्वारा बनाए कानूनों को समाप्त कर मोदी जी ने भारतीय संसद के गौरव को बढ़ाया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 484 धाराओं वाले CrPC को रिप्लेस करने वाली भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में अब 531 धाराएं रहेंगी, 177 धाराओं को बदल दिया गया है, 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 14 धाराओं को निरस्त किया गया है। भारतीय न्याय संहिता, जो IPC को रिप्लेस करेगी, में पहले की 511 धाराओं के स्थान पर अब 358 धाराएं होंगी, 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सज़ा रखी गई है, 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड रखा गया है और 19 धाराओं को निरस्त किया गया है। इसी प्रकार, भारतीय साक्ष्य विधेयक, जो Evidence Act को रिप्लेस करेगा, में 167 के स्थान पर अब 170 धाराएं होंगी, 24 धाराओं में बदलाव किया गया है, 2 नई धाराएं जोड़ी गई है और 6 धाराएं निरस्त की गई हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि ये नरेन्द्र मोदी सरकार है, जो कहती है वो करती है। हमने कहा था कि धारा 370 और 35ए को हटा देंगे, हटा दिया, आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे औऱ सुरक्षाबलों को फ्री हैंड देंगे, हमने किया। उन्होंने कहा कि इन नीतियों के कारण जम्मू औऱ कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों और नॉर्थईस्ट में हिंसक घटनाओं में 63 प्रतिशत और मृत्यु में 73 प्रतिशत की कमी आई है।हमने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे और 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर में राम लला विराजमान होंगे। हमने कहा था कि संसद औऱ विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देंगे, हमने सर्वानुमति से देकर देश की मातृशक्ति को सम्मानित करने का काम किया। हमने कहा था कि न्याय मिलने की गति बढ़ाएंगे, कानूनों का सरल, भारतीय बनाएंगे और न्यायिक और न्यायालय प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे और मोदी जी ने आज ये भी कर दिखाया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाई है और आने वाले इन नए कानूनों की आत्मा, सोच, शरीर सब भारतीय है। गृह मंत्रालय ने 2019 से इन तीनों पुराने कानूनों में परिवर्तन लाने के लिए गहन विचार-विमर्श शुरू किया था। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के संबंध में कुल 3200 सुझाव प्राप्त हुए थे और इन तीनों कानूनों पर विचार के लिए उन्होंने स्वयं 158 बैठकें कीं। श्री शाह ने कहा कि 11 अगस्त, 2023 को इन तीनों नए विधेयकों को गृह मंत्रालय की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजा गया था और समिति के 72 प्रतिशत अराजनीतिक सुझावों को स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक ICJS के माध्यम से देश के 97% पुलिस स्टेशन को कम्प्यूराइज्ड करने का काम समाप्त कर दिया गया है और 82 प्रतिशत पुलिस स्टेशन्स का रिकॉर्ड भी डिजिटाइज़ हो चुका है। श्री शाह ने कहा कि अब तक ICJS के माध्यम से 8 करोड़ जितनी एफआईआर का डेटा ऑनलाइन कर लिया है, ई-कोर्ट, ई-प्रिज़न, ई-प्रॉसीक्यूशन औऱ ई-फॉरेन्सिक का प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं। आईसीजेएस के माध्यम से फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, थाना, गृह विभाग, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ऑफिस, जेल और कोर्ट एक ही सॉफ्टवेयर के तहत ऑनलाइन होने जा रहे हैं। सभी प्रकार के डेटाबेस को इंटीग्रेट करने का काम भी हो रहा है जिससे सभी प्रकार के अपराधों पर नकेल कसी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि ये नरेन्द्र मोदी सरकार है जो प्लानिंग और नतीजे के साथ काम करती है। हर जिले और थाने में पुलिस अधिकारी को पदनामित किया है जो गिरफ्तार लोगों की सूची बनाकर उनके संबंधियों को इन्फॉर्म करेगा।3 वर्ष से कम कारावास के मामलों में 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों और महिलाओं की गिरफ्तारी के नियम भी पुख्ता किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने विक्टिम-सेन्ट्रिक कानून बनाए हैं, इसका उद्देश्य पीड़ित को न्याय देने, उसके आत्मसम्मान और गरिमा को पुनर्स्थापित करना है। एवीडेंस, तलाशी और जब्ती में वीडियो रिकॉर्डिंग का कंपलसरी प्रोविजन किया गया है, जिससे किसी को फ्रेम करने की संभावनाओं में बहुत कमी आएगी।
श्री अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने आज इस देश के कानून में से राजद्रोह को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि भारत की एकता, अखंडता औऱ संप्रभुता के खिलाफ कोई कुछ करेगा तो उसे कठोरतम सज़ा मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमने देशद्रोह की परिभाषा में उद्देश्य और आशय की बात की है और अगर उद्देश्य देशद्रोह का है, तो आरोपी को कठोर से कठोर दंड मिलना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए भी इन कानूनों में कई प्रावधान किए गए हैं।18 वर्ष से कम उम्र की महिला के बलात्कार के अपराध में आजीवन कारावास औऱ मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि गैंगरेप के मामलों में 20 साल या ज़िंदा रहने तक की सज़ा का प्रावधान किया गया है। श्री शाह ने कहा कि आज़ादी के 75 सालों के बाद पहली बार आतंकवाद को आपराधिक न्याय प्रणाली में जगह देने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। डायनामाइट, विस्फोटक पदार्थ, ज़हरीली गैस, न्यूक्लीयर का उपयोग जैसी घटनाओं में कोई भी मृत्यु होती है, तो इसका ज़िम्मेदार आतंकवादी कृत्य में लिप्त माना जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि इस परिभाषा से इस कानून के दुरुपयोग की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है, लेकिन जो आतंकवादी कृत्य करते हैं उन्हें कठोर से कठोर सज़ा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 70 हज़ार से अधिक लोग आतंकवाद की बलि चढ़े हैं और अब इसमें 70 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि गैरइरादतन हत्या के मामले में पुलिस के पास जाने और पीड़ित को अस्पताल ले जाने के मामले में कम सज़ा का प्रावधान किया है। श्री शाह ने कहा कि हिट एंड रन केस में हमने 10 साल की सज़ा का प्रावधान किया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद सबसे कम मॉब लिंचिंग के अपराध नरेन्द्र मोदी जी के साढ़े 9 सालों में हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के माध्यम से जल्द न्याय मिले, इसके लिए इन कानूनों में पुलिस, वकील और न्यायाधीश के लिए समयसीमा रखने का काम भी किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि अब पुलिस को शिकायत के 3 दिनों में ही FIR दर्ज करनी होगी और 3 से 7 साल की सज़ा वाले मामले में प्रारंभिक जांच करके एफआईआर दर्ज करनी होगी। जांच की रिपोर्ट 24 घंटे में और तलाशी की रिपोर्ट ज़्यादा से ज़्यादा 24 घंटे में कोर्ट के सामने रखना होगा। उन्होंने कहा कि अब हमने बिना किसी देर के बलात्कार पीड़िता की मेडिकल जांच रिपोर्ट को 7 दिनों के अंदर पुलिस थाने और न्यायालय में सीधे भेजने का प्रावधान किया है। अब चार्जशीट दाखिल करने की समयसीमा तय कर इसे 90 दिन रखा गया है और इसके बाद और 90 दिन ही आगे जांच हो सकेगी। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट को 14 दिनों में मामले का संज्ञान लेना ही होगा औऱ कार्रवाई शुरू हो जाएगी। श्री शाह ने कहा कि आरोपी द्वारा आरोपमुक्त होने का निवेदन भी 60 दिनों में ही करना होगा। कई मामले ऐसे हैं जिनमें 90 दिनों में आरोपी की अनुपस्थिति में भी ट्रायल कर उन्हें सज़ा सुनाई जा सकेगी और अब मुकदमा खत्म होने के 45 दिनों में ही न्यायाधीश को निर्णय देना होगा। ट्रायल इन एब्सेंशिया के तहत अब अपराधियों को सज़ा भी होगी और उनकी संपत्ति भी कुर्क होगी। इसके साथ ही निर्णय औऱ सज़ा के बीच 7 ही दिनों का समय मिलेगा। उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अपील खारिज करने के 30 दिनों के अंदर ही दया याचिका दाखिल की जा सकती है।
हर शय “इश्क़ नहीं “…
वक़्त से पूछा मैने .. अब इसका हल क्या है ? …
वक़्त ने कहा … मुझे गुज़र जाने दे ..
मैंने पूछा !! इस दर्द का इलाज क्या है ?
वक़्त ने हसं कर कहा .. .. “थोड़ा सब्र रख “
संभलने में वक़्त तो लगेगा.. इस जहान में हर शय
“इश्क़ नहीं “ जो पल भर में हो जाये….
🌹❤️🌹
दोस्तों ! समुद्र में तूफ़ान आने से कई बार बड़े बड़े
जहाज़ डूब ज़ाया करते हैं
मगर इक लकड़ी का टुकड़ा जो हमे समुद्र से बाहर निकालने की
क्षमता रखता है। किसी ने ठीक ही कहा है कि “सह ले !
हँस कर ,हर सितम ज़िन्दगी का ..
न कर शिकायत … न शिकवा किसी से …बस मान कर चल …तेरे
सब्र में ही तेरा सकून छिपा है।
🌹🌹🌹
जो इन्सान अपनी ज़ुबान से किसी को ग़लत नहीं कहता, गाली गलौज नहीं करता ।अच्छा सोचता है ,हर लम्हा मालिक की याद में रहकर मालिक का नाम जिस की ज़ुबान पर रहे ।ऐसे इन्सान की ज़ुबान में ताक़त आ जाती है उसी ताक़त को वाणी की सिद्धि कहते है और ऐसा इन्सान किसी को कुछ कह दे तो वो सच होने लगता है,
और अगर हाथ सब को देने के लिए ही उठे, सब की मदद करे तो हाथों में बरकत आ जाती है।ऐसे लोग जब दूसरों को आशीर्वाद देते हैं तो वो फलीभूत होने लगता है।
इसी तरह जब आँखे दूसरों मे सिर्फ़ अच्छाई ही देखती है ,कुछ बुरा दिखाई ही नही देता , जिनकी आँखों में सदा करूणा रहती है उनकी नज़र में ताक़त आ जाती है इसी को ही सिद्धी पाना कहते हैं हम ने अक्सर ये सुना होगा कि फ़लाह इन्सान की नज़र हम पर क्या पड़ी ,मेरी तकलीफ़ दूर हो गई।
कभी-कभी हम ये भी कह देते है ,किसी ने हमे जो कहा था ,देखो आज मेरे साथ हो रहा है।
ये सब ताक़ते है ज़रूरी नहीं कि मंत्रों से ही हम सिद्धि पा सकते हैं ।अपने मन करम विचारों से भी हम सिद्धियो के स्वामी बन सकते है। भगवान के यहाँ बस यहीं नियम है कि इन्सान को इन्सान बन कर रहना चाहिए।
मगर काम क्रोध लोभ मोह हम इन्सानों को, इन्सानियत से हैवानियत की तरफ़ मोड़ देता है।
दोस्तों !
इक औरत
बहुत कमाई वाली थी।उसे मै साध्वी कह सकती हूँ
उसके यहाँ उसकी सेवा मे इक औरत रहा करती थी जिसका नाम लौरा था
लौरा आये दिनों बिमार रहने लगी .. वो साध्वी से कहती ,आप मुझे किसी तरह ठीक कर दो .. साध्वी बस मुस्कुरा देती .. और कहती !
लौरा “सह लो अभी “..
मगर लौरा की बिमारी में कोई सुधार नहीं आ रहा था।
इक दिन फिर लौरा ने साध्वी से कहा !
मैंने कितने साल आप की सेवा की है ।आप मुझे ठीक क्यों नहीं करती ।साध्वी ने फिर बड़े प्यार से लौरा के सिर पर हाथ फेर कर कहा!
तभी कह रही हूँ तुम से कि अभी तुम इस बिमारी को सह लो।
लौरा सोचने लगी मैंने ऐसे ही अपना वक़्त बर्बाद कर दिया, इस साध्वी के पीछे लग कर ..
दिन पर दिन लौरा की बिमारी तेज़ी से बढ़ने लगी।
लौरा फिर साध्वी के पास आ कर रो कर कहने लगी अब ये दर्द मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा ,मेरी मदद किजीए ।
मुझे ठीक कर दो .. मै बहुत तकलीफ़ में हूँ ।
इस बार साध्वी ने आँखें बंद करके लौरा के लिए प्रार्थना की और इक पुड़िया लौरा के हाथ में रख दी और कहा !
ये लो विभूति ,इसका सेवन रोज़ करना।मेरे गुरू की किरपा से तुम जल्दी ठीक हो जाओगी.. लौरा को दस बाहर दिनों मे ही असर होने लगा और वो धीरे धीरे ठीक होने लगी ।
कुछ साल लौरा के अच्छे गुज़र गये मगर कुछ सालों बाद लौरा की बीमारी फिर ज़ोरों से आई और लौरा इस संसार को छोड़ कर चली गई।
वक़्त गुजरने लगा।
अब जब भी साध्वी अपने ध्यान में बैठती तो उसे लौरा दिखने लगी ..जो साध्वी के सामने रोया करती ।साध्वी ने कहा !
अब कंयू रोती हो लौरा ?
लौरा कहती !
यहाँ इक दरवाज़ा है सब जीवात्माये अन्दर जा रही है ।जब भी वो दरवाज़ा खुलता है, बहुत अच्छी सुगंध बाहर तक आती है।मै भी वहाँ जाना चाहती हूँ मगर मुझे अन्दर नहीं जाने देते।
बाहर ही रोक लेते हैं ।
जब वजह पूछती हूँ तो कहते हैं कि तुम्हारे करमो की वजह से वो बिमारी आई थी और उन्हीं करमो का तुम्हें भुगतान करना था मगर तुमने उस बिमारी को सहा नहीं , रब की रजा को न मान कर अपनी दख़लंदाज़ी की और रब की रजा में ख़लल डाला। इसी लिए तुम अन्दर नहीं जा सकती ।
लौरा कहने लगी जब आप को सब पता था फिर मुझे उस वक़्त आपने कंयू ठीक किया था।
अब मै जहां हूँ ,वहाँ कुछ भी अच्छा नही है
इक अजीब सी गंध है वहाँ जो असहनीय है।
साध्वी ने लौरा से कहा !
तभी मै कहा करती थी ,अभी यहाँ सह लो ..ताकि तुम्हारा आगे का रास्ता सुखमय हो जाये मगर तुम ही ज़िद्द किया करती थीं अगर उस वक़्त मेरा कहा मान लेती तो तुम भी आज उस ..दरवाज़े से अन्दर जा सकती।
.. दोस्तों
जैसे किसी परिन्दे के पंखों पर बहुत बड़े बड़े पत्थर रख दिये जाये तो वो परिन्दा आसानी से उड़ नहीं सकता है और जब हम करमो को हँस कर सह लेते है
तो करम रूपी पत्थर पँखो से हटने लगते है और रूह हल्की महसूस करने लगती हैं और जब इस संसार को छोडने का वक़्त आता है आसानी से उड़ जाती है .. करमो का यहीं बोझ हमें यहाँ भी तंग करता है और वहाँ भी …..।
जो मिल रहा है उसी में ही शुक्र
करें ।
“दुख सुख उसका ही भेजा हुआ है प्रशाद है “ऐसा मान कर उसे ह्रदय से ग्रहण करें तो ही हम सकून से रह सकते हैं यहाँ भी और फिर आगे के संसार मे भी
डी जी कॉलेज में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा आरंभ
डी जी कॉलेज, कानपुर में रोड सेफ्टी क्लब के द्वारा सड़क सुरक्षा पखवाड़े के अंतर्गत प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में रैली निकाल कर जनमानस में जागरूकता लाने का कार्य किया गया। इस अभियान में महाविद्यालय की समस्त छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर छात्राओं को सड़क सुरक्षा की शपथ भी दिलवायी गई।प्राचार्य जी के द्वारा अपने वक्तव्य में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा गया कि हमें स्वयं तो यातायात व सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना ही चाहिए अपने परिवार, आस-पड़ोस तथा अन्य व्यक्तियों को भी इन नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत कारगर उपाय साबित हो सकता है, हमें किशोर विभिन्न गतिविधियों के द्वारा गतिशीलता लाने चाहिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय एन सी सी इंचार्ज डॉ मनीष पांडे, कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव तथा अनुराधा सिंह का विशेष योगदान रहा।
Read More »पूर्वोत्तर क्षेत्र में 11,703 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली बिजली परियोजनाएं शुरू की गई हैं: केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री
• बड़े हाइड्रो पावर (एलएचपी) (> 25 मेगावाट परियोजनाओं) को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत घोषित करना।
• हाइड्रो खरीद दायित्व (एचपीओ) लागू करना।
• पनबिजली टैरिफ को कम करने के लिए टैरिफ युक्तिकरण उपाय।
• जल विद्युत परियोजनाओं (एचईपी) में बाढ़ नियंत्रण/भंडारण के लिए बजटीय सहायता।
• सक्षम बुनियादी ढांचे, यानी सड़कों/पुलों की लागत के लिए बजटीय सहायता।
• नई पनबिजली परियोजनाओं के लिए अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) शुल्क की पूर्ण 100% छूट, जिसमें निर्माण कार्य सौंपा गया है और पावर खरीद समझौते (पीपीए) पर 30.06.2025 को या उससे पहले हस्ताक्षर किए गए हैं।
जहां निर्माण कार्य सौंपा गया है और 30.06.2025 के बाद पीपीए पर हस्ताक्षर किए गए हैं, वहां आईएसटीएस शुल्क प्रक्षेपवक्र की छूट का विवरण नीचे दिया गया है।
छूट आईएसटीएस शुल्क प्रक्षेप पथ का विवरण जहां निर्माण कार्य सौंपा गया है और पीपीए पर 30.06.2025 के बाद हस्ताक्षर किए गए हैं
क्रम संख्या | निर्माण कार्य का आवंटन+ पीपीए पर हस्ताक्षर | आईएसटीएस शुल्क प्रक्षेपवक्र की छूट |
1 | 01.07.2025 to 30.06.2026 | 75% |
2 | 01.07.2026 to 30.06.2027 | 50% |
3 | 01.07.2027 to 30.06.2028 | 25% |
छूट कमीशनिंग के 18 साल बाद तक लागू रहेगी
पूर्वोत्तर क्षेत्र में 11,703 मेगावाट (ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों से 6,760 मेगावाट और ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों से 4,943 मेगावाट) की कुल स्थापित क्षमता वाली परियोजनाएं शुरू की गई हैं। विवरण नीचे दिया गया है।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र में स्थित चालू बिजली परियोजनाओं (ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों से) का विवरण (31.10.2023 तक)
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राज्य | परियोजना का नाम | ईंधन | क्षमता (मेगावाट) |
अरुणाचल प्रदेश | कामेंग एचपीएस | हाइड्रो | 600 |
पारे | हाइड्रो | 110 | |
रंगनाडी एचपीएस | हाइड्रो | 405 | |
असम | कार्बी लांपी एचपीएस | हाइड्रो | 100 |
लकवा जीटी | गैस | 97 | |
लकवा रिप्लेसमेंट पावर प्रोजेक्ट | गैस | 70 | |
नामरूप सीसीपीपी | गैस | 139 | |
कथलगुड़ी सीसीपीपी | गैस | 291 | |
खोंडोंग एचपीएस | हाइड्रो | 50 | |
कोपिली एचपीएस | हाइड्रो | 200 | |
बोंगाईगांव टीपीपी | कोयला | 750 | |
मणिपुर | लीमाखोंग डीजी | डीजल | 36 |
लोकतक एचपीएस | हाइड्रो | 105 | |
मेघालय | किर्डेमकुलई एचपीएस | हाइड्रो | 60 |
मायटंडू (लेशक)एसट-1 एचपीएस | हाइड्रो | 126 | |
न्यू उम्त्रू एचपीएस | हाइड्रो | 40 | |
उमियाम एचपीएस एसटी-I | हाइड्रो | 36 | |
उमियाम एचपीएस एसटी- IV | हाइड्रो | 60 | |
मिजोरम | तुइरियल एचपीएस | हाइड्रो | 60 |
नगालैंड | डोयांग एचपीएस | हाइड्रो | 75 |
त्रिपुरा | अगरतला जीटी | गैस | 135 |
मोनारचक सीसीपीपी | गैस | 101 | |
त्रिपुरा सीसीपीपी | गैस | 727 | |
बरमुरा जीटी | गैस | 42 | |
रोखिया जीटी | गैस | 63 | |
सिक्किम | रंगीत एचपीएस | हाइड्रो | 60 |
तीस्ता वी एचपीएस | हाइड्रो | 510 | |
तीस्ता -III एचपीएस | हाइड्रो | 1,200 | |
ताशीडिंग एचपीएस | हाइड्रो | 97 | |
रोंगनीचू एचपीएस | हाइड्रो | 113 | |
चुज़ाचेन एचपीएस | हाइड्रो | 110 | |
जोरेथांग लूप | हाइड्रो | 96 | |
डिक्चु एचपीएस | हाइड्रो | 96 |
एचपीएस – हाइड्रो पावर स्टेशन, जीटी – गैस टर्बाइन, सीसीपीपी – कंबाइन साइकल पावर प्लांट, एसटी – स्टीम टर्बाइन
पूर्वोत्तर क्षेत्र में 30.11.2023 तक ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों की राज्य-वार स्थापित क्षमता
(मेगावाट में)
राज्य | लघु जल विद्युत | जैव शक्ति | सौर ऊर्जा | बड़ी जल विद्युत | कुल क्षमता | |
1 | अरुणाचल प्रदेश | 133 | – | 12 | 1,115 | 1,260 |
2 | असम | 34 | 2 | 156 | 350 | 542 |
3 | मणिपुर | 5 | – | 13 | 105 | 123 |
4 | मेघालय | 55 | 14 | 4 | 322 | 395 |
5 | मिजोरम | 45 | – | 30 | 60 | 136 |
6 | नगालैंड | 33 | – | 3 | 75 | 111 |
7 | सिक्किम | 55 | – | 5 | 2,282 | 2,342 |
8 | त्रिपुरा | 16 | – | 18 | – | 34 |
वर्तमान में, देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 6,037 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाली आठ जलविद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। विवरण नीचे दिया गया है।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र में निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजनाओं (25 मेगावाट से अधिक) की सूची
क्रम संख्या | परियोजना का नाम | क्षेत्र | क्षमता निष्पादन के तहत (मेगावाट) | समापन का अनुमानित वर्ष |
अरुणालच प्रदेश | ||||
1 | सुबनसिरी लोअर | केंद्रीय | 2,000 | 2023-26 (मई 25) |
2 | दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना | केंद्रीय | 2,880 | 2031-32 (फरवरी 32) |
असम | ||||
3 | लोअर कोपली | राज्य | 120 | 2024-25 (मई 25) |
सिक्किम | ||||
4 | तीस्ता एसटी VI | केंद्रीय | 500 | 2026-27 (अगस्त 26) |
5 | रंगीत-IV | केंद्रीय | 120 | 2024-25 (अगस्त 24) |
6 | भस्मेय | निजी | 51 | – |
7 | रंगीत-II | निजी | 66 | – |
8 | पैनन | निजी | 300 | – |
इसके अलावा, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र में सत्रह जलविद्युत योजनाओं (कुल 14,589 मेगावाट) को सहमति दे दी है। विवरण नीचे दिया गया है।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र में जलविद्युत योजनाओं के विवरण को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा सहमति प्रदान की गई
क्रम संख्या | परियोजना का नाम | राज्य | स्थापित क्षमता (मेगावाट) | समापन का अनुमानित वर्ष |
|
तीस्ता एसटी-IV | सिक्किम | 520 | 2031-32 |
|
तवांग एसटी -I | अरुणाचल प्रदेश | 600 | 2031-32 से आगे |
|
वाह-उमियम चरण-III | मेघालय | 85 | 2029-30 |
|
तवांग एसटी-II | अरुणाचल प्रदेश | 800 | 2031-32 से आगे |
|
हेओ | अरुणाचल प्रदेश | 240 | 2028-29 |
|
ताटो-I | अरुणाचल प्रदेश | 186 | 2028-29 |
|
ताटो-II | अरुणाचल प्रदेश | 700 | 2031-32 से आगे |
|
डेमवे लोअर | अरुणाचल प्रदेश | 1750 | 2031-32 |
|
कलाई-II | अरुणाचल प्रदेश | 1200 | 2031-32 से आगे |
|
तालोंग लोंडा | अरुणाचल प्रदेश | 225 | 2031-32 |
|
एटालिन | अरुणाचल प्रदेश | 3,097 | 2030-31 |
|
नफरा | अरुणाचल प्रदेश | 120 | 2027-28 |
|
हीरोंग | अरुणाचल प्रदेश | 500 | 2031-32 से आगे |
|
नायिंग | अरुणाचल प्रदेश | 1,000 | 2031-32 से आगे |
|
अटुनली | अरुणाचल प्रदेश | 680 | 2030-31 |
|
लोअर सियांग | अरुणाचल प्रदेश | 2,700 | 2031-32 से आगे |
|
दिखू | नगालैंड | 186 | 2030-31 |
यह जानकारी केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने आज, 12 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।
पीएम-कुसुम के तहत 140 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र और 2.73 लाख स्टैंड-अलोन सौर पंप स्थापित किए गए: केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री
पीएम- कुसुम योजना की अन्य मुख्य विशेषताएं
घटक, लक्ष्य और मानदंड | उपलब्ध वित्तीय सहायता |
यह योजना मांग आधारित है और योजना के लिए जारी दिशानिर्देशों के अनुसार कार्यान्वयन के उद्देश्य से देश के सभी किसानों के लिए खुली हुई है
घटक ए: किसानों की बंजर/ परती/ चारागाह/ दलदली/ खेती योग्य भूमि पर 10,000 मेगावाट के विकेन्द्रीकृत ग्राउंड/ स्टिल्ट माउंटेड सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना। ऐसे संयंत्र व्यक्तिगत किसान, सौर ऊर्जा डेवलपर, सहकारी समितियों, पंचायतों और किसान उत्पादक संगठनों द्वारा स्थापित किए जा सकते हैं।
घटक बी: ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में 14 लाख स्टैंडअलोन सौर पंपों की स्थापना।
घटक सी: (i) व्यक्तिगत पंप सौरीकरण और (ii) फीडर लेवल सौरीकरण के माध्यम से 35 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सौरीकरण।
घटक-बी और घटक-सी के तहत व्यक्तिगत किसान, जल उपयोगकर्ता संघ, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां और समुदाय/ क्लस्टर आधारित सिंचाई प्रणालियां लाभार्थी हो सकते हैं। |
इस योजना के तहत सौर/ अन्य नवीकरणीय ऊर्जा खरीदने के लिए डिस्कॉम को 40 पैसे/ किलोवाट या 6.60 लाख रुपये/ मेगावाट/ वर्ष, जो भी कम हो, की दर से खरीद आधारित प्रोत्साहन (पीबीआई)। डिस्कॉम को संयंत्र के वाणिज्यिक संचालन की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए पीबीआई दिया जाता है। इसलिए, डिस्कॉम के लिए देय कुल पीबीआई 33 लाख रुपये प्रति मेगावाट है।
घटक-बी और घटक-सी के तहत व्यक्तिगत पंप सौरीकरण के लिए: एमएनआरई द्वारा जारी बेंचमार्क लागत का 30% सीएफए या निविदा में सामने आईं प्रणालियों की कीमतें, जो भी कम हों, उपलब्ध हैं। हालांकि, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप समूह सहित उत्तर पूर्वी राज्यों में, एमएनआरई द्वारा जारी बेंचमार्क लागत का 50% सीएफए या निविदा में सामने आई प्रणालियों की कीमतें, जो भी कम हो, उपलब्ध हैं। इसके अलावा, संबंधित राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश को कम से कम 30% वित्तीय सहायता प्रदान करनी होगी। शेष लागत का योगदान लाभार्थी द्वारा किया जाना है। पीएम कुसुम योजना के घटक बी और घटक सी (आईपीएस) को राज्य की 30% हिस्सेदारी के बिना भी लागू किया जा सकता है। केंद्रीय वित्तीय सहायता 30% बनी रहेगी और शेष 70% किसान द्वारा वहन किया जाएगा। कृषि फीडर सौरीकरण के लिए 1.05 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट का सीएफए प्रदान किया जाता है। इसमें भाग लेने वाले राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश से वित्तीय सहायता की कोई आवश्यकता अनिवार्य नहीं है। फीडर सौरीकरण को कैपेक्स या रेस्को (आरईएससीओ) मोड में लागू किया जा सकता है। |
पीएम-कुसुम के तहत राज्य-वार लक्ष्य या निधि का आवंटन नहीं किया जाता है क्योंकि यह एक मांग आधारित योजना है। क्षमताओं का आवंटन राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से मिली मांग के आधार पर किया जाता है। इसके अलावा, कुछ लक्ष्य हासिल करने पर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को धनराशि जारी की जाती है।
तमिल नाडु से प्राप्त मांग के आधार पर, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस योजना के तहत अब तक 31.51 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।
राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशवार आवंटित सौर पंप और अब तक इनके लगाए जाने का विवरण नीचे दिया गया है।
पीएम-कुसुम के तहत प्रगति (31.10.2023 तक)
क्र. सं. | राज्य | घटक-ए (मेगावाट) | घटक-बी (संख्या) | घटक-सी (संख्या) | ||||
स्वीकृत | स्थापित | स्वीकृत | स्थापित | स्वीकृत (आईपीएस) | स्वीकृत (एफएलएस) | स्थापित | ||
1 | अरुणाचल प्रदेश | 2 | 0 | 400 | 199 | 0 | 0 | 0 |
2 | असम | 10 | 0 | 4000 | 0 | 1000 | 0 | 0 |
3 | छत्तीसगढ | 30 | 0 | 0 | 0 | 0 | 330500 | 0 |
4 | बिहार | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 160000 | 0 |
5 | गुजरात | 500 | 0 | 8082 | 2459 | 2000 | 425500 | 0 |
6 | गोवा | 150 | 0 | 200 | 0 | 0 | 11000 | 700 |
7 | हरियाणा | 85 | 2.25 | 252655 | 64919 | 0 | 65079 | 0 |
8 | हिमाचल प्रदेश | 100 | 22.45 | 1580 | 501 | 0 | 0 | 0 |
9 | जम्मू एवं कश्मीर | 20 | 0 | 5000 | 838 | 4000 | 0 | 0 |
10 | झारखंड | 20 | 0 | 36717 | 12985 | 1000 | 0 | 0 |
11 | कर्नाटक | 0 | 0 | 10314 | 314 | 0 | 337000 | 0 |
12 | केरल | 40 | 0 | 100 | 8 | 45100 | 25387 | 2417 |
13 | लद्दाख | 0 | 0 | 2000 | 0 | 0 | 0 | 0 |
14 | मध्य प्रदेश | 600 | 11 | 17000 | 7134 | 0 | 595000 | 0 |
15 | महाराष्ट्र | 700 | 2 | 225000 | 71958 | 0 | 275000 | 0 |
16 | मणिपुर | 0 | 0 | 150 | 78 | 0 | 0 | 0 |
17 | मेघालय | 0 | 0 | 2535 | 54 | 0 | 0 | 0 |
18 | मिजोरम | 0 | 0 | 1700 | 0 | 0 | 0 | 0 |
19 | नगालैंड | 5 | 0 | 265 | 0 | 0 | 0 | 0 |
20 | ओडिशा | 500 | 0 | 5741 | 1411 | 40000 | 10000 | 0 |
21 | पुदुचेरी | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
22 | पंजाब | 220 | 0 | 78000 | 12952 | 186 | 100000 | 0 |
23 | राजस्थान | 1200 | 102.5 | 198884 | 59732 | 1144 | 200000 | 1375 |
24 | तमिल नाडु | 424 | 0 | 7200 | 3187 | 0 | 0 | 0 |
25 | तेलंगाना | 0 | 0 | 400 | 0 | 0 | 8000 | 0 |
26 | त्रिपुरा | 5 | 0 | 8021 | 2117 | 2600 | 0 | 50 |
27 | उत्तर प्रदेश | 155 | 0 | 66842 | 31752 | 2000 | 370000 | 0 |
28 | उत्तराखंड | 0 | 0 | 3685 | 318 | 200 | 0 | 0 |
29 | पश्चिम बंगाल | 0 | 0 | 10000 | 0 | 23700 | 0 | 20 |
कुल | 4766 | 140.2 | 946471 | 272916 | 122930 | 2912466 | 4562 |
पीएम कुसुम के लक्ष्यों को समय पर हासिल करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए नए कदमों सहित प्रमुख पहलों में शामिल हैं:
- पीएम-कुसुम योजना को 31.03.2026 तक बढ़ा दिया गया है।
- केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) उत्तर-पूर्वी राज्यों, पहाड़ी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों और द्वीप केंद्र शासित प्रदेशों के व्यक्तिगत किसानों और सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च जल स्तर वाले क्षेत्रों में क्लस्टर/ सामुदायिक सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े प्रत्येक किसान के लिए 15 एचपी (7.5 एचपी से बढ़ाकर) तक की पंप क्षमता के लिए उपलब्ध है।
- किसानों को कम लागत पर वित्तपोषण की उपलब्धता के लिए बैंकों/ वित्तीय संस्थानों के साथ बैठकें।
- स्टैंडअलोन सौर पंपों की खरीद के लिए राज्य स्तरीय निविदा की अनुमति।
- कार्यान्वयन के लिए समयसीमा प्रारंभिक मंजूरी की तारीख से 24 महीने तक के लिए बढ़ा दी गई है।
- घटक-ए और घटक-सी (फीडर लेवल सौरीकरण) के तहत प्रदर्शन आधारित बैंक गारंटी की आवश्यकता में छूट दी गई।
- योजना के तहत लाभ में बढ़ोतरी में तेजी लाने के लिए इंस्टॉलर आधार को बढ़ाने के लिए निविदा की शर्तों को संशोधित किया गया है।
- किसानों को सब्सिडी वाले ऋण प्रदान करने के लिए कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) के तहत शामिल योजना के तहत पंपों का सौरीकरण।
- वित्त तक पहुंच को आसान बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) दिशानिर्देशों के तहत इस योजना को शामिल किया गया है।
- स्थापना में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए सौर पंपों की विशिष्टताओं और परीक्षण प्रक्रिया को समय-समय पर संशोधित किया गया है।
- योजना की निगरानी के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर वेब-पोर्टल विकसित किए गए हैं।
- सीपीएसयू के माध्यम के साथ-साथ अन्य तरीकों से प्रचार और जागरूकता पैदा करना।
- योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करने में आसानी के लिए टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराया गया है।
- कार्यान्वयन के दौरान सीखे गए सबकों के आधार पर योजना की प्रगति और स्पष्टीकरण और संशोधन जारी किए जाने की नियमित निगरानी करना।
- योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं के लिए प्रगति और प्राप्त लक्ष्यों के आधार पर विस्तार दिया गया।
- घटक ‘सी’ में भूमि एकत्रीकरण (समूहन) प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए योजना के दिशानिर्देशों को 12.07.2023 को संशोधित किया गया है।
- मंत्रालय ने सितंबर, 2023 के दौरान घटक ‘बी’ के तहत बेंचमार्क लागत जारी की है।
- दिनांक 20.11.2023 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से अनिवार्य राज्य हिस्सेदारी प्रावधान को हटाने के साथ योजना में संशोधन किया गया है।
- घटक ‘सी’ के तहत डीसीआर सामग्री की छूट दिनांक 11.09.2023 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से 31.03.2024 तक बढ़ा दी गई है।
- डीओई ने दिनांक 06.09.2023 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से कम्पोजिट ‘बी’ और ‘सी’ के तहत लक्ष्य को 35 लाख से बढ़ाकर 49 लाख करने की मंजूरी दी।
यह जानकारी केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने आज 12 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।
छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतरमहाविद्यालय एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2023 में क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज के आयुष बर्धंन ने जीता स्वर्ण एवं रजत पदक
भारतीय स्वरूप संवाददाता, सी. एस. जे. एम यूनिवर्सिटी में अंतरमहाविद्यालय एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2023 का आयोजन किया गया जिसमे क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज के छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया. जिसमे शॉट पुट एवं जेवेलीन थ्रो( पुरुष) वर्ग में आयुष बर्धंन ने स्वर्ण एवं रजत पदक प्राप्त किया , 100 मीटर महिला स्पर्धा मे क्राइस्ट चर्च कॉलेज की शैली ने रजत पदक, एवं ज़ोया ने कांस्य पदक प्राप्त किया, 200 मीटर स्पर्धा में ज़ोया ने रजत पदक एवं अलीशा ने कांस्य पदक प्राप्त किया। 100×4 रिले रेस मे क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज ने कांस्य पदक प्राप्त किया।
क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज के प्राचार्य एवं मुख्य संरक्षक प्रो. जोज़ेफ डेनियल ने सभी विजेताओं को कॉलेज में बुलाकर विजेताओं का स्वागत किया। उक्त अवसर पर कॉलेज के शारीरिक शिक्षा शिक्षक डॉ आशीष कुमार दुबे, प्रो. सत्य प्रकाश सिंह, डॉ हिमांशु , एवं एथलेटिक्स कोच डोंडियाल जी उपस्थित रहे। सभी ने विजेताओं को बधाई देकर उनका स्वागत किया।