भारतीय स्वरूप संवाददाता, कौशांबी। लोकसभा चुनाव में कर्मचारियों को भोजन देने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है जिसमें निर्वाचन कार्यालय के लोगों द्वारा भोजन सप्लाई की जिम्मेदारी अपने खास लोगों को सौंप दी जाती है लंच पैकेट की सप्लाई में उनसे मोटा कमीशन वसूला जाता है इतना ही नहीं लंच पैकेट की गिनती में भी बड़ा खेल होता है जितना लंच पैकेट सप्लाई होता है उससे डेढ़ से दो गुना का बिल लगाकर ठेकेदार को भुगतान कर दिया जाता है निर्वाचन कार्यालय में हेराफेरी की यह व्यवस्था पहली बार नहीं है इसके पहले के भी चुनाव में लंच पैकेट की गुणवत्ता से समझौता करते हुए घटिया क्वालिटी का भोजन सप्लाई कर ठेकेदार से कमीशन वसूला गया है पुरानी परंपरा इस लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिली है लंच पैकेट की गिनती में भी बड़ी हेरा फेरी हुई है लंच पैकेट की सप्लाई कुछ अलग होती है और बिल कुछ अलग लगाए जाते हैं लंच पैकेट के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं लंच पैकेट की हेरा फेरी की निर्वाचन आयोग ने जांच कराई तो बड़े चौंकाने वाले खुलासे होंगे।