Breaking News

उपभोक्ता मामलों का  विभाग “जागो ग्राहक जागो” शीर्षक से देशव्यापी मल्टीमीडिया जागरूकता अभियान चला रहा है

उपभोक्ता मामलों का विभाग “जागो ग्राहक जागो” नामक देशव्यापी मल्टीमीडिया जागरूकता अभियान चला रहा है। सरल संदेशों के माध्यम से, उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी या समस्याओं और निवारण के तंत्र से अवगत कराया जाता है। ये अभियान प्रिंट मीडिया, टीवी, रेडियो, सिनेमा थिएटरों, वेबसाइटों, होर्डिंग/ डिस्प्ले बोर्ड आदि के माध्यम से चलाए जाते हैं।

ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में जागरूकता उत्न्न करने के लिए, विभाग इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए विभिन्न राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेश के महत्वपूर्ण मेलों/उत्सवों/कार्यक्रमों में हिस्सा लेता है कि ऐसे मेलों/उत्सवों/आयोजनों में ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। विभाग स्थानीय विषय-वस्तु के साथ उपभोक्ता जागरूकता क्रियाकलाप चलाने के लिए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता अनुदान भी जारी करता है। विभाग स्थानीय विषय-वस्तु के साथ उपभोक्ता जागरूकता कार्य करने के लिए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता अनुदान भी प्रदान करता है।

इसके अलावा, विभाग उपभोक्ता अधिकारों और निवारण तंत्रों पर रचनात्मक/ कैप्शन के माध्यम से उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता उत्पन्न करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करता है। डिजिटल सोशल मीडिया चैनलों को व्यावसायिक रूप से प्रबंधित किया जाता है और उपभोक्ता जागरूकता और उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रासंगिक रचनात्मक सामग्री विभाग के सोशल मीडिया चैनलों में पोस्ट डाली जाती है।

विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए एक शुभंकर “जागृति” भी शुरू किया गया है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अंतर्गत, उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा और उपभोक्ता विवादों का निवारण सुविधाजनक और त्वरित करने के लिए जिला स्तर (जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग), राज्य स्तर (राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग) और राष्ट्रीय स्तर (राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग) पर तीन स्तरीय अर्ध-न्यायिक तंत्र, जिसे आमतौर पर ‘उपभोक्ता आयोग’ भी कहा जाता है, स्थापित किया गया है। उपभोक्ता आयोगों को विशिष्ट तरह का राहत प्रदान करने और उपभोक्ताओं को जहां भी उचित हो, मुआवजा देने का अधिकार है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और जनता और उपभोक्ता हितों को नुकसान पहुंचाने वाले झूठे या भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों को विनियमित करने के लिए की गई है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान करने के लिए एक राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) भी स्थापित की है। उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जागरूकता उत्पन्न करने, सलाह देने और उपभोक्ता शिकायतों का निवारण करने और उपभोक्ता शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक केंद्रीय रजिस्ट्री के रूप में कार्य करने के लिए वेबसाइट – www.consumerhelpline.gov.in शुरू की गई है। अभिसरण मॉडल के अंतर्गत, जो अदालत के बाहर विवाद निवारण तंत्र है, एनसीएच उन कंपनियों के साथ साझेदारी करता है जिनके पास कुशल उपभोक्ता शिकायत समाधान के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण है। एनसीएच में प्राप्त शिकायतों और उनसे संबंधित शिकायतों को प्रस्तुत करते ही एनसीएच अभिसरण कंपनी के साथ तुरंत अनुवर्ती कार्रवाई करता है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 38 (7) में कहा गया है कि प्रत्येक शिकायत का यथासंभव शीघ्रता से निपटारा किया जाएगा और शिकायत पर निर्णय विरोधी पक्ष द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने की अवधि के अंदर किया जाएगा, जहां शिकायत को वस्तुओं के विश्लेषण या परीक्षण की आवश्यकता नहीं है और वस्तुओं का विश्लेषण या परीक्षण करने की आवश्यकता होने पर इसका निपटारा पांच महीने के अंदर किया जाएगा।

2022 के दौरान, निपटाए गए उपभोक्ता मामलों की संख्या दर्ज किए गए मामलों की संख्या से अधिक रही है।

केंद्र सरकार उपभोक्ता आयोगों की अवसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए ‘उपभोक्ता आयोगों का सुदृढ़ीकरण’ नामक योजना के अंतर्गत राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है जिससे प्रत्येक उपभोक्ता आयोग में न्यूनतम स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

वित्तीय सहायता, जिला आयोग भवन के लिए 5000 वर्ग फुट तक और राज्य आयोग भवन के लिए 11000 वर्ग फुट तक निर्माण क्षेत्र प्रदान की जाती है, जिसमें दोनों मामलों में मध्यस्थता सेल के निर्माण के लिए 1000 वर्ग फुट शामिल है।

राज्य आयोग के संबंध में 25 लाख रुपये और जिला आयोग के संबंध में 10 लाख रुपये की समग्र लागत सीमा के अंतर्गत फर्नीचर, कंप्यूटर, कार्यालय उपकरण, पुस्तकालय के लिए पुस्तकें आदि की खरीद के लिए गैर-भवन परिसंपत्तियों के लिए भी सहायता प्रदान की जाती है।

उपभोक्ता मामले विभाग देश में सभी उपभोक्ता आयोगों को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत करने के लिए देश में उपभोक्ता आयोगों का कम्प्यूटरीकरण और कम्प्यूटर नेटवर्किंग (कॉनफोनेट) नामक एक योजना भी चला रहा है जिससे सूचना तक पहुंच और मामलों का त्वरित निपटारा किया जा सके। इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ता आयोगों को हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और तकनीकी जनशक्ति प्रदान की जाती है।

उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ताओं/अधिवक्ताओं को ई-दाखिल पोर्टल के माध्यम से घर से या कहीं से भी ऑनलाइन उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने की सुविधा प्रदान करने के लिए “edaakhil.nic.in” नामक एक ऑनलाइन आवेदन पोर्टल विकसित किया है। ई-दाखिल देश के 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में परिचालित हो रहा है।

यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री, श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।