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कनपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज महाविद्यालय में पिछले एक सप्ताह से चल रहे मंच कला वह फिल्म अभिनय का सफलतापूर्वक समापन प्राचार्य जोसेफ डेनियल के दिशा निर्देशन में किया गया। सांस्कृतिक समिति द्वारा आयोजित की गई यह कार्यशाला संयोजक डॉ.संजय सक्सेना और सहसंयोजक प्रो.मीत कमल द्वारा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संगीत नाटक पुरस्कार विजेता नाटक और संवाद लेखक विभांशु वैभव के नेतृत्व में यह एक सप्ताह की कार्यशाला की गई। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के 40 से अधिक बच्चों ने प्रतिभाग किया कार्यशाला के सप्ताह में वैभव ने मंच कला में अभिनय के इतिहास के बारे में बच्चों को बताया एवं इसकी उत्पत्ति कैसे हुई यह बताया, ध्यान केंद्रित करने के तरीके बताएं ।एक छोटी सी मूवी – ए बॉय इन स्ट्रिप्ड पजामा के माध्यम से हमें ऑब्जर्वेशन के विषय में समझाया । वैभव ने विदोहम सिंफनी म्यूजिक में एक्ट भी कराया । सर ने कार्य दिया कि हमें अपने आसपास मौजूद किसी भी व्यक्ति को ध्यानपूर्वक ऑब्जर्व करना है ।उसे अगले दिन अपने एकल प्रस्तुति माध्यम द्वारा दिखाना है। कार्यशाला में एक्टर के लिए महत्वपूर्ण तत्वों पर बात की जैसे रिलैक्सेशन ,कंसंट्रेशन ऑब्जरवेशन ,बिलीव एंड इमोशन। सर ने अपनी रचित कविता भी लिखाई ।कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को चार समूह में विभाजित कर दिया एवं उनको समाज के कुछ ऐसे विषयों पर नाट्य प्रस्तुत करने का मौका दिया जैसे ड्रग्स, वृद्ध आश्रम, आतंकवादी हमले एवं एसिड अटैक इन्हीं कार्यक्रमों की फाइनल प्रस्तुति 22/09/2023 की कार्यक्रम द्वारा की गई। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में किया गया मुख्य अतिथि संगीत नाटक अवार्ड विजेता विभांशु वैभव रहे ।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभांशु वैभव ने बताया कि बच्चे न सिर्फ जिस तरह से रंगमंच में भाग लेते हैं बल्कि उनकी बहुमुखी प्रतिभा का भी विकास होता है ।कार्यक्रम में सभी का स्वागत डॉक्टर संजय सक्सेना संयोजक सांस्कृतिक समिति द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम का संचालन नागेंद्र प्रताप सिंह एवं कावेरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज के प्राचार्य द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया। गया कार्यक्रम का अंत प्रोफेसर मीत कमल सह संयोजक सांस्कृतिक समिति द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से किया गया । उक्त कार्यक्रम के अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक गण एवं बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में मंच की कला व फिल्म अभिनय पर एक सप्ताह की कार्यशाला का शुभारम्भ

कानपुर 16 सितम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में मंच की कला व फिल्म अभिनय पर एक सप्ताह की कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ ।यह कार्यशाला प्रचार्य जोसफ डेनियल के दिशानिर्देशन में कॉलेज की सांस्कृतिक समिति द्वारा अयोजित की गई है जिसके संयोजक संजय सक्सेना और सह-संयोजक मीतकमल हैं। यह कार्यशाला यूपी संगीत नाटक पुरस्कार विजेता, नाटक और संवाद लेखक विभांशु वैभव द्वार संचलित होगी। विभांशु वैभव को नाटक अकादमी पुरस्कार, नट सम्राट दिल्ली पुरस्कार, भारतेन्दु पुरस्कार प. प्रताप नारायण मिश्र युवा साहित्यकार पुरस्कार, अखिल भारतीय मानवाधिकार पुरस्कार, उर्दू अकादमी, दिल्ली सम्मान जैसे ढेर सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। कई भाषाओं में नाटकों का अनुवाद, हिन्दी की कई पत्र पत्रिकाओं के लिये लेखन किया महारथी, बाबूजी, कहो तो बोलूँ, मंथन, पांचाली. ठुमरी, गुण्डा, ना मैं धर्मी ना अधर्मी, सोल सागा, तेरे मेरे सपने, तरसत जियरा हमार, छुटटन दूबे के सपने शब-ब-खैर जैसे नाटकों का लेखन और मंचन किया। वर्कशॉप के पहले दिन स्क्रिप्ट को अच्छे से और आराम से पढ़ लेना है। अपने डायलॉग को अच्छे से याद कर लेना है।और महसूस करना है। जान लिजीए कि हर लाईन किसी के जश्बारी स्क्रिप्ट किसी कि जिदंगी के सुख दुःख लम्हो को बया करती हैं। आप जिस किरदार के डायलॉग बोलने वाले है। डायलॉग के हर एक शब्द को अच्छे से महसूस करके बोले। और अभिनय की उत्पति कैसे हुई ये बताया गया । कार्यशाला में छात्रों को अभिनय की बुनियादी बाते और एक अच्छा अभिनय करने की बारीकियां बताई जाएंगी इसके साथ साथ शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखने के तरीके शारीरिक गतिविधियां ध्यान केन्द्रित करना संवाद वितरण आदि विषयों पर भी बताया जाएगा कार्यशाला में 50 विद्यार्थी उपस्थित रहे

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54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिए पंजीकरण के साथ ही सिनेप्रेमियों के लिए जश्न का समय आरंभ

54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के लिए प्रतिनिधि पंजीकरण शुरू होने के साथ ही देश में सबसे बड़े फिल्म और मनोरंजन समारोह की उलटी गिनती शुरू हो गई है। यह महोत्सव 20 से 28 नवंबर, 2023 तक गोवा में होगा। वार्षिक फिल्म महोत्सव में भारत और दुनिया भर से सिनेमा के सबसे बड़े दिग्गज एक छत के नीचे जमा होते हैं, साथ ही युवा प्रतिभाओं को अपनी कला दिखाने के लिए मंच भी उपलब्ध होता है। इस तरह अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए कला, फिल्मों और संस्कृति की संयुक्त ऊर्जा और जोश का जश्न मनाया जाता है।

भारतीय राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड (एनएफडीसी), सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारतीय फिल्म उद्योग के माध्यम से एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) तथा गोवा राज्य सरकार के सहयोग से आयोजित कर रहा है। इस कार्यक्रम में भारतीय और विश्व सिनेमा का सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन किया जाएगा।

आईएफएफआई विभिन्न वर्गों में भारतीय और विश्व सिनेमा के विविध चयन की व्यवस्था करता है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता (15 प्रशंसित फीचर फिल्मों का चयन), आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी मेडल पुरस्कार के लिए प्रतियोगिता, एक निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फीचर फिल्म के लिए प्रतियोगिता, सिनेमा ऑफ द वर्ल्ड (आईएफएफआई का दुनिया भर से अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्मों का आधिकारिक चयन), भारतीय पैनोरमा (विभिन्न भारतीय भाषाओं में सिनेमाई, विषयगत और सौंदर्य उत्कृष्टता की फीचर और गैर-फीचर फिल्मों का संग्रह), फेस्टिवल कैलिडोस्कोप (दिग्गजों की असाधारण फिल्मों का वर्गीकरण, उभरती प्रतिभाओं के काम, अन्य फिल्मोत्सवों की समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्में), कुछ ऐसे अनुभाग हैं जो भारतीय और विश्व सिनेमा को प्रदर्शित करते हैं। कंट्री फोकस, एनिमेशन, वृत्तचित्र और गोवा फिल्म्स जैसी भारतीय और विदेशी फिल्मों के विशेष क्यूरेटेड पैकेज भी प्रदर्शित किए गए हैं। गाला प्रीमियर, दैनिक रेड कार्पेट कार्यक्रम और समारोह उत्सव का आकर्षण बढ़ाते हैं।

स्क्रीनिंग के अलावा, आईएफएफआई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समुदाय की 200 से अधिक प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा आयोजित कार्यशालाओं, मास्टरक्लास, आपसी संवाद सत्र और पैनल चर्चा की प्रस्तुति करता है।

54वें आईएफएफआई के लिए प्रतिनिधि पंजीकरण निम्नलिखित श्रेणियों के लिए iffigoa.org के माध्यम से किया जा सकता है:

प्रतिनिधि सिनेप्रेमी: 1000/- रुपये + जीएसटी

प्रतिनिधि प्रोफेशनल: 1000/- रुपये + जीएसटी

प्रतिनिधि छात्र: कोई पंजीकरण शुल्क नहीं

54वें आईएफएफआई के साथ-साथ एनएफडीसी द्वारा आयोजित ‘फिल्म बाजार’ के 17वें संस्करण का भी पंजीकरण शुरू हो गया है। यह ‘फिल्म बाजार’ दक्षिण एशिया के सबसे बड़े वैश्विक सिनेबाजार के रूप में कार्य करता है, जो दक्षिण एशियाई और अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्मकारों, निर्माताओं, बिक्री एजेंटों और उत्सव प्रोग्रामरों के बीच रचनात्मक और वित्तीय सहयोग की सुविधा प्रदान करता है। फिल्म बाज़ार के लिए प्रतिनिधि पंजीकरण filmbazaarindia.com पर उपलब्ध है।

54वें आईएफएफआई के लिए मीडिया पंजीकरण शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा, जिससे पत्रकारों और मीडिया प्रोफेशनलो को इस सिनेमाई कार्यक्रम तक पहुंच मिलेगी।

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इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार 6 सितम्बर को मनाया जाएगा

Krishna Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष योग, ऐसे करेंगे पूजा और  व्रत को कान्हा पूर्ण करेंगे हर कामना, krishna-janmashtami -2023-date-and-time-janmashtami-puja-vidhi-and ...प्रतिवर्ष भाद्रपक्ष कृष्णाष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। दरअसल मान्यता है कि इसी दिन मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी ने कृष्ण को जन्म दिया था। इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण की 5250वीं जन्माष्टमी मनाई जा रही है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार जन्माष्टमी का त्यो हार 6 सितम्बर को मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल अष्टमी तिथि बुधवार 6 सितंबर को दोपहर 3.37 बजे शुरू होगी, जिसका समापन 7 सितंबर की शाम 4 बजकर 14 मिनट पर होगा। वैसे जन्माष्टमी का त्योहार आमतौर पर दो दिन मनाया जाता है, पहले दिन (स्मार्त) गृहस्थियों द्वारा तथा दूसरे दिन वैष्णव सम्प्रदाय द्वारा। गृहस्थ लोग इस बार 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे जबकि वैष्णव सम्प्रदाय में 7 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाएगा।

भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी का इतना महत्व क्यों है, यह जानने के लिए श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन और उनकी अलौकिक लीलाओं को समझना जरूरी है। द्वापर युग के अंत में मथुरा में अग्रसेन नामक राजा का शासन था। उनका पुत्र था कंस, जिसने बलपूर्वक अपने पिता से सिंहासन छीन लिया और स्वयं मथुरा का राजा बन गया। कंस की बहन देवकी का विवाह यदुवंशी वसुदेव के साथ हुआ। एक दिन जब कंस देवकी को उसकी ससुराल छोड़ने जा रहा था, तभी आकाशवाणी हुई कि हे कंस! जिस देवकी को तू इतने प्रेम से उसकी ससुराल छोड़ने जा रहा है, उसी का आठवां बालक तेरा संहारक होगा। आकाशवाणी सुन कंस घबरा गया और देवकी की ससुराल पहुंचकर उसने अपने जीजा वसुदेव की हत्या करने के लिए तलवार खींच ली। तब देवकी ने अपने भाई कंस से निवेदन करते हुए वादा किया कि उसके गर्भ से जो भी संतान होगी, उसे वह कंस को सौंप दिया करेगी। कंस ने देवकी की विनती स्वीकार कर ली और वसुदेव-देवकी को कारागार में डाल दिया।
कारागार में देवकी ने पहली संतान को जन्म दिया, जिसे कंस ने मार डाला। इसी प्रकार एक-एक कर उसने देवकी के सात बालकों की हत्या कर दी। जब कंस को देवकी के 8वें गर्भ की सूचना मिली तो उसने वसुदेव-देवकी पर पहरा और कड़ा कर दिया। आखिरकार वह घड़ी भी आ गई, जब देवकी ने कृष्ण को जन्म लिया। उस समय घोर अंधकार छाया हुआ था तथा मूसलाधार वर्षा हो रही थी। तभी वसुदेव जी की कोठरी में अलौकिक प्रकाश हुआ। उन्होंने देखा कि शंख, चक्र, गदा और पद्मधारी चतुर्भुज भगवान उनके सामने खड़े हैं। भगवान के इस दिव्य रूप के दर्शन पाकर वसुदेव और देवकी उनके चरणों में गिर पड़े। भगवान ने वसुदेव से कहा, ‘‘अब मैं बालक का रूप धारण करता हूं। तुम मुझे तत्काल गोकुल में नंद के घर पहुंचा दो, जहां अभी एक कन्या ने जन्म लिया है। मेरे स्थान पर उस कन्या को कंस को सौंप दो। मेरी ही माया से कंस की जेल के सारे पहरेदार सो रहे हैं और कारागार के सारे ताले भी अपने आप खुल गए हैं। यमुना भी तुम्हें जाने का मार्ग अपने आप देगी।’’
वसुदेव ने भगवान की आज्ञा पाकर शिशु को छाज में रखकर अपने सिर पर उठा लिया। यमुना में प्रवेश करने पर यमुना का जल भगवान श्रीकृष्ण के चरण स्पर्श करने के लिए हिलोरं, लेने लगा और जलचर भी श्रीकृष्ण के चरण स्पर्श के लिए उमड़ पड़े। गोकुल पहुंचकर वसुदेव सीधे नंद बाबा के घर पहुंचे। घर के सभी लोग उस समय गहरी नींद में सोये हुए थे पर सभी दरवाजे खुले पड़े थे। वसुदेव ने नंद की पत्नी यशोदा की बगल में सोई कन्या को उठा लिया और उसकी जगह श्रीकृष्ण को लिटा दिया। उसके बाद वसुदेव मथुरा पहुंचकर अपनी कोठरी में पहुंच गए। कोठरी में पहुंचते ही कारागार के द्वार अपने आप बंद हो गए और पहरेदारों की नींद खुल गई।
कंस को जैसे ही कन्या के जन्म का समाचार मिला, वह तुरन्त कारागार पहुंचा और कन्या को बालों से पकड़कर शिला पर पटककर मारने के लिए ऊपर उठाया लेकिन कन्या अचानक कंस के हाथ से छूटकर आकाश में पहुंच गई। आकाश में पहुंचकर उसने कहा, ‘‘मुझे मारने से तुझे कुछ लाभ नहीं होगा। तेरा संहारक गोकुल में सुरक्षित है।’’ यह सुनकर कंस के होश उड़ गए। उसके बाद कंस ने उन्हें मारने के लिए अनेक प्रयास किए। कंस ने श्रीकृष्ण का वध करने के लिए अनेक भयानक राक्षस भेजे परन्तु श्रीकृष्ण ने एक-एक कर उन सभी का संहार कर दिया। बड़ा होने पर कंस का वध कर उग्रसेन को राजगद्दी पर बिठाया और अपने माता-पिता वसुदेव और देवकी को कारागार से मुक्त कराया। तभी से भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की स्मृति में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाने लगा।
बाल्याकाल से लेकर बड़े होने तक श्रीकृष्ण की अनेक लीलाएं विख्यात हैं। उन्होंने अपने बड़े भाई बलराम का घमंड तोड़ने के लिए हनुमान जी का आव्हान किया था, जिसके बाद हनुमान जी ने बलराम की वाटिका में जाकर बलराम से युद्ध किया और उनका घमंड चूर-चूर कर दिया था। श्रीकृष्ण ने नररकासुर नामक असुर के बंदीगृह से 16100 बंदी महिलाओं को मुक्त कराया था, जिन्हें समाज द्वारा बहिष्कृत कर दिए जाने पर उन महिलाओं ने श्रीकृष्ण से अपनी रक्षा की गुहार लगाई और तब श्रीकृष्ण ने उन सभी महिलाओं को अपनी रानी होने का दर्जा देकर उन्हें सम्मान दिया था।

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खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पूरे राजस्थान में खेलो इंडिया के 33 केंद्रों का शुभारंभ किया

केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज सुबह जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान राज्य में खेलो इंडिया के 33 केन्द्रों का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि राजस्थान में खेलो इंडिया के 18 अन्य केंद्रों में एक समर्पित खेल विज्ञान केंद्र के साथ एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस प्रकार राज्य में खेलो इंडिया केंद्रों की कुल संख्या 51 हो जाएगी।

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यह भी घोषणा की गई कि खेलो इंडिया केंद्रों के बीच प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जबकि कोचिंग द कोच कार्यक्रम को खेलो इंडिया केंद्र तक भी बढ़ाया जाएगा। कोचों और खेलो इंडिया केंद्र के कोचों को हमारे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कोचों के साथ जोड़कर प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस अवसर पर राजस्थान के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अशोक चांदना के साथ-साथ राज्य के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “हम चाहते हैं कि सभी राज्य खेलों के मामले में आगे बढ़ें। जब राज्य सरकारें खेलों के लिए एक सर्वसम्मत दृष्टिकोण के साथ केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करेंगी, तो भारत के लिए और अधिक पदक आएंगे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0031VEW.pngउन्होंने कहा, ‘खेलो इंडिया योजना और टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना की सफलता के कारण पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक पदक मिले हैं, चाहे वह ओलंपिक हो या पैरालंपिक या राष्ट्रमंडल खेल या थॉमस कप जीत जैसी ऐतिहासिक प्रतियोगिता। अंडर-20 कुश्ती में अंतिम पंघाल ने भी दो बार विश्व चैंपियन बनकर इतिहास रचा। प्रगनानंदा शतरंज में एफआईडीए विश्व कप के फाइनल में पहुंचे। यह भारतीय खेलों के लिए अभूतपूर्व दौर है। 60 वर्षों में, विश्व विश्वविद्यालय खेलों में केवल 18 पदक मिले थे, जबकि, केवल इस साल टूर्नामेंट में हमने 26 पदक जीते हैं।

खेलो इंडिया के महत्व के बारे में बताते हुए श्री ठाकुर ने कहा, “इस सफलता में खेलो इंडिया खेलों की बड़ी भूमिका है। हर साल, इतने सारे एथलीट युवा, विश्वविद्यालय और शीतकालीन खेलों में भाग लेते हैं और उनका प्रदर्शन उन्हें बड़ी प्रतियोगिताओं में ले जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि इन खेलो इंडिया केंद्रों के माध्यम से राजस्थान के अधिक से अधिक एथलीटों को यहां से तैयार किया जाएगा। वर्तमान, अतीत और भविष्य के एथलीट भी इनके माध्यम से सुसज्जित हो रहे हैं।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002LYIO.jpgवर्तमान में, 17,000 से अधिक एथलीट खेलो इंडिया केंद्रों (केआईसी) में प्रशिक्षित हो रहे हैं और 699 पूर्व चैंपियन एथलीट पहले से ही देश भर में काम पर हैं। वर्तमान में पूरे भारत में अधिसूचित खेलो इंडिया केंद्रों की कुल संख्या 960 है, जिनमें से 715 केआईसी द्वारा संचालित हैं। राजस्थान में अधिसूचित केआईसी की कुल संख्या 33 है, जिनमें से 32 केआईसी कार्यरत हैं। ये केआईसी विशिष्ट प्रशिक्षण केंद्र हैं जो साइकिल चलाना, बास्केटबॉल, वुशु, हॉकी आदि जैसे खेल विषयों पर केंद्रित हैं।

ब्लॉक या जिला स्तर पर स्कूलों, संगठनों और अन्य पात्र एजेंसियों में उपलब्ध खेल संबंधी मौजूदा बुनियादी ढांचे के उपयोग को बढ़ाने के लिए, छोटे खेलो इंडिया केंद्र जमीनी स्तर पर खेल इको-सिस्टम को मजबूत करने में सहायता करते हैं। केआईसी में, युवाओं के लिए पूर्व चैंपियन एथलीट कोच और संरक्षक बन जाते हैं, स्वायत्त तरीके से खेल प्रशिक्षण केंद्र चलाते हैं और अपनी आजीविका अर्जित करते हैं। खेलो इंडिया योजना के तहत, इन पूर्व चैंपियनों के साथ-साथ इन केंद्रों को खेल प्रशिक्षण, कोचिंग और संचालन के लिए प्रारंभिक तथा वार्षिक वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।

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खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पदक विजेता तीरंदाजों को सम्मानित किया

केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री  अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को पदक विजेता तीरंदाजों को सम्मानित किया, जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप बर्लिन और पेरिस में विश्व कप 2023 चरण 4 में देश के लिए गौरव हासिल किया। अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट इसी अगस्त में आयोजित किए गए थे। जहां भारत ने पेरिस में कुल 5 पदक (2 स्वर्ण, 3 कांस्य) जीते, वहीं बर्लिन प्रतियोगिता में कुल 4 पदक (3 स्वर्ण, 1 कांस्य) जीते।

मंगलवार को सम्मान समारोह में इतिहास रचने वाली अदिति गोपीचंद स्वामी और ओजस प्रवीण देवताले समेत कुल 13 तीरंदाज मौजूद थे। जहां खेलो इंडिया एथलीट अदिति न केवल सबसे कम उम्र की तीरंदाजी विश्व चैंपियन बनीं बल्कि विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बनीं। वहीं ओजस प्रवीण देवतले तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष तीरंदाज बने। प्रतिभाशाली तीरंदाजों को संबोधित करते हुए श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “मैं आप सभी को आपके प्रदर्शन के लिए बधाई देना चाहता हूं। रिसर्च टीम ने आपके प्रदर्शन का विश्लेषण किया है और मुझे खुशी है कि आपके अच्छे नतीजों का सिलसिला जारी है। ”शिविर में तीरंदाजों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए श्री ठाकुर ने कहा, “टीम भावना ही मायने रखती है और मुझे यह जानकर गर्व है कि न केवल कोच बल्कि सीनियर्स ने भी जूनियर्स को मानसिक दृढ़ता और तैयारियों को आकार देने में मदद की। जिस तरह अभिषेक वर्मा जैसे अनुभवी सीनियर ने प्रतियोगिता के दौरान ओजस प्रवीण जैसे युवा को प्रेरित और उनका मार्गदर्शन किया, वह सराहनीय है।

माननीय मंत्री ने कहा, “एशियाई खेलों, ओलंपिक क्वालीफायर स्पर्धाओं और अंत में पेरिस ओलंपिक तक पहुंचने के लिए आगे का रास्ता लंबा है। ये सभी टूर्नामेंट बहुत महत्वपूर्ण हैं। एक पदक में हम सभी भारतीयों की भावनाएं होती हैं और एक साधारण पदक कई सफलताओं की संभावनाओं को खोलता है।”

मंगलवार को इस आयोजन का हिस्सा रहे कुछ अन्य तीरंदाजों में टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के एथलीट धीरज बोम्मदेवरा, भजन कौर, सिमरनजीत कौर और अंकिता भकत शामिल थे।

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केडीए सिग्नेचर परिसर में हरियाली तीज के उपलक्ष में सावन महोत्सव मनाया गया

कानपुर 20 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता केडीए सिग्नेचर परिसर में आया सावन झूम के हरियाली तीज के उपलक्ष में सावन महोत्सव का विशाल रंगारंग कार्यक्रम हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ श्रद्धा शशि शुक्ला के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया गणेश वंदना और सावन की कजरी गाकर लोगों ने प्रोग्राम का शुभारंभ किया सुंदर सजे हुए झूलों में झूला झूल कर लोगों का मन बहुत ही प्रफुल्लित हो रहा था कार्यक्रम के बीच बीच में लकी ड्रॉ निकाले गए और तरह तरह के खेल खेले गए सिग्नेचर की सखियों ने तरह-तरह के स्टेज प्रोग्राम दिए अंत में तीज क्वीन का चयन हुआ जिसमें आरजू विजय रही और पूर्णिमा दूसरे स्थान पर रही आशा कपूर शैली श्रीवास्तव अर्चना साहू ने तीज क्वीन का चयन किया हरे रंग के परिधान में सजी सभी महिलाओं को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे चारों और हरियाली ही हरियाली हो कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण सुंदर सजावट और खाने-पीने की स्टाल रही सावन महोत्सव का संचालन अंजलि बहुगुणा और हेमा सिन्हा ने किया मस्ती भरे इस कार्यक्रम में दीपा मोनी शालिनी प्रतिष्ठा पूजा स्मृति रीमा गोल्डी आदि की भूमिका बहुत ही सराहनीय रही.मीडिया प्रसार का कार्य डॉ प्रीति सिंह ने किया

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज आंध्रप्रदेश के कुरनूल में 500 करोड़ रुपये से अधिक लागत की भगवान श्री राम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह ने आज आंध्रप्रदेश के कुरनूल में भगवान श्री राम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज कुरनूल के मंत्रालयम में 500 करोड़ रुपये से अधिक लागत की श्री राम की भव्य पंचलोहा प्रतिमा का शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि मंत्रालयम में स्थापित यह 108 फीट ऊंची प्रभु श्री राम की प्रतिमा युगों-युगों तक समग्र दुनिया को हमारे सनातन धर्म का संदेश देगी और वैष्णव परंपरा को देश और दुनिया में मजबूत करेगी। श्री शाह ने कहा कि 108 हमारी हिन्दू संस्कृति में बहुत ही पवित्र संख्या है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित मंत्रालयम गाँव में 10 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ यह प्रोजेक्ट ढाई साल में पूरा होगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालयम गाँव राघवेन्द्र स्वामी के मंदिर के लिए बहुत प्रसिद्ध स्थान है। साथ ही इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व भी है, इसी तुंगभद्रा के किनारे महान विजय नगर साम्राज्य का उद्भव हुआ था जिसने आक्रान्ताओं को खदेड़ कर स्वदेश और स्वधर्म को पुनर्स्थापित किया। श्री शाह ने कहा कि मंत्रालयम दास साहित्य प्रकल्प के तहत आवास, अन्‍न दानम, प्राण दानम, विद्या दानम, पेयजल और गौ संरक्षण के कई सारे विषयों को आगे बढ़ाया गया है। 

अमित शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अयोध्या में कई वर्षों से लंबित श्री राम मंदिर का शिलान्यास कर उसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है। अब जल्द ही श्री राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना होगी और सैकड़ों वर्षों के बाद एक बार फिर प्रभु श्री राम अपने निज गृह में विराजमान होंगे। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने मंत्रालयम में श्री राम की भव्य प्रतिमा के शिलान्यास के अवसर पर मठ के मठाधीश, परम पूजनीय संत माध्वाचार्य जी, संत राघवेन्द्र स्वामी जी तथा दक्षिण की बहुत समृद्ध वैष्णव परंपरा व उसके सभी संतों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। 

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दिल ने आज एक दुआ की… जा… ”तुझे भी इश्क़ हो जाये मुझ से” …

तेरा ज़िक्र .. तेरी फ़िक्र .. तेरी ही ख़ैर … इक उम्र गुजरी है मेरी
तेरी ही इबादत में ..आज .. फिर दिल ने इक दुआ भेजी है.. तेरे ही लिए ..
कि जा… ”तुझे भी इश्क़ हो जाये मुझ से” … मेरी ही तरह

दोस्तों
“कुदरत का नियम है “सिर्फ़ देना “ जो हम दे रहे हैं आज … यकीनन वापिस वही तो आयेगा …
इक वाक़या आप सब से शेयर करना चाहती हूँ …
इक औरत इक गुरू जी का प्रवचन सुनने गई ।हाल लोगों से भरा हुआ था ।गुरू जी माँ दुर्गा के भक्त थे गुरू जी ने कहा !
यहाँ इस हाल में जो सबसे ज़्यादा बिमारी से घिरा हुआ है, स्टेज पर आ जाये और दो आदमी ,इक औरत को सहारा दे कर ,स्टेज पर ले कर आये। वो औरत कहने लगी। गुरू जी मुझे गठिये का रोग है मैं चल फिर नहीं सकती।सारा शरीर मेरा जकड़ा हुआ है। स्वामी जी ने कहा ! नही ! कोई और है ..जो ज़्यादा बिमार है। इक औरत ने हाथ उठाया। कहने लगी ! गुरू जी मुझे कैंसर है । गुरू जी ने इशारा किया ,आप यहाँ स्टेज पर आ जाये औरत को स्टेज पर लाया गया। गुरू जी ने कहा। मैं अब मंत्रों का उच्चारण करूँगा ज़ोर ज़ोर से ।जब मैं जाप कर रहा हूँगा ।आप का जिसने कभी बुरा किया हो ।उनको दुया भेजते जाईये , और उनके परिवार को आशीर्वाद देते रहिये,ऐसा कहिये ,कि उनका कारोबार बढ़े ,हर तरह से उनका मंगल हो ।ऐसे ज़ोर ज़ोर से कहते रहना जब तक मेरा जाप चलेगा। गुरू जी ने मंत्र शुरू कर दिया ।आधा घंटा गुजरा ,वो औरत आँख बंद कर कुछ मुँह में बोलती जा रही थी ,फिर एक घंटा गुजरा। गुरू जी रूके कहने लगे !
मंत्र के प्रभाव से शक्ति आ तो रही है मगर आप पर असर नहीं कर रही। आप किरपा करके ऊँचे ऊँचे स्वर में बोले ,ज़ोर ज़ोर से उनके नाम ले ले कर आशीर्वाद भेजे।
वो औरत अचानक से फूट फूट कर रोने लगी। कहने लगी !
गुरू जी ये मुझ से नहीं हो पायेगा।क्योंकि उनकी वजह से मेरा कारोबार चला गया और मेरे बच्चे को उच्च शिक्षा नहीं पाई ।मेरे पति बिमार हो गये और चल बसे।आज मै दुख के कारण कैंसर से जूझ रही हूँ ।रोते रोते कहने लगी !
आप ही बताइए !
मैं कैसे उनको आशीर्वाद दे सकती हूँ ?
जब कि मेरे ज़िन्दगी को तबाह करने की वजह ही वही है।गुरू जी कहने लगे।बेटा तब तो मैं तुम्हारी सहायता नहीं कर सकता।ये प्रयोग तुम पर नहीं चलेगा और मैं आप को ठीक नहीं कर सकता। आप अपनी जगह वापस जा सकती है।
इतने में जो औरत गठिये से पीड़ित थी ,बोली !
गुरू जी क्या मैं कोशिश करूँ ?
गुरू जी ने हाँ में सिर हिला दिया।तब गुरू जी ने मंत्र उच्चारण करने शुरू कर दिये और वो औरत ज़ोर ज़ोर से एक एक का नाम ,ऊँचा ऊँचा ले कर कहने लगी।आप के घर में बरकत हो ,आप सदा सुखी रहे ,आप सदा निरोगी रहे ,आप का काम.. दिन दौगुनी ,रात चौगुनी तरक़्क़ी करे ,आप के बच्चे लायक़ निकले ,आप को धन धान्य की कोई कमी न रहे और अपनी जगह से उठ खड़ी हो गई और आँखे बंद करके हाथ ऊपर उठा कर दुयाये देती जा रही थी।ऐसा सब करते करते इंक घन्टा गुज़र चुका था। मंत्र चल रहे थे पूरे हाल का वातावरण बहुत ही प्रभावशाली और दिव्यमान हो रहा था। अचानक से इक तेज सूरज की रोशनी खिड़की के ज़रिये जो उस हाल में आ रही थी ,उस औरत पर पड़ी। गुरू जी शान्त हो गये और ध्यान में चले गए और वो औरत भी आँखें बंद करके ज़मीन पर बैठ गई कुछ मिनटों के बाद गुरू जी ने आँखें खोल कर कहा !
आप अपनी जगह जा सकती है और वो औरत जिसे दो लोग सहारा दे कर स्टेज पर लाये थे वो शुक्र शुक्र करती भागती हुई अपनी सीट पर जा बैठी।
ये इक सच है ,जो किसी की ओर हम भेजते हैं अपने भावों के ज़रिये ,वही आप की तरफ़ वापस आता है।
दोस्तों
अब आप ही सोचें कि हमें क्या दूसरों को भेजना चाहिये।
कई बार लोग दूसरों को गिराने के चक्कर में काला जादू ,काला तंत्र मंत्र ….करवा देते है और ये चीज़ें असर भी कर जाती है, मगर वो आप कहाँ बच पाते है ।ये कुदरत का नियम है जो जैसा कर रहा है उसे वही मिलेगा।
सो कुछ भी करे ,कभी किसी का बुरा करने की सोचे भी नहीं और तब तो बिलकुल भी नहीं ,अगर सामने वाला इन्सान साफ़ दिल का और भगवान में आस्था रखने वाला है।
दोस्तों!
कोई पेड़ अपना फल नहीं खाता और कोई नदी अपना पानी खुद नहीं पीती ।सूरज और चाँद पूरे संसार को रोशनी दे रहे हैं फूल अपनी सुगंध खुद न ले कर सब को खुशबू देता है
यही कुदरत का नियम है।….. “देना”……
मगर बस इन्सान ऐसा हैं जो बस लेने के ही बारे में सोचता हैं ।
अपने ही बारे में सोचना कुदरत के नियम के खिलाफ है।
जो अपनों का या किसी का धन धोखे से लूटता है,वो व्यक्ति धनवान तो बन जाता है और आज के दौर में लोग उसे अमीर भी कहते है और लोगों में उसकी वाह वाह भी होने लगती है ।
बेहद अफ़सोस की बात है ।
अच्छा संस्कार ,अच्छा मन ,सेवा भाव ,उच्च आचारण जैसा व्यक्तित्व आज के दौर में कोई मायने नहीं रखता ।
लूटना केवल इक ”डाकू प्रवृति”है।
जो कोई आज किसी को लूट रहा है कल कोई और उसे लूटेगा।पता नहीं कैसे कैसे ……
जो करम वो आज कर रहा है वो तो वापस आयेगा ही ,ये तो तय है इसमें कोई भी शक नहीं ।
मगर दोस्तों !
इक मशवरा देना चाहती हूँ ।इसे मशवरा समझ लीजिए या मेरी तरफ़ से प्रार्थना 🙏
कोई कुछ भी ,कितना भी ग़लत ,कर ले आप के साथ।
आप उसे और उसके परिवार को ढेर सारी दुआयें दें, आप की दुआ कभी ज़ाया नहीं जायेगी बल्कि आप को ही चौगुनी हो कर वापस मिल जायेगी । जानती हूँ मैं ,कि ये करना आप के लिए आसान नहीं होगा मगर कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं 🙏
लेखिका स्मिता ✍️

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कानपुर आम महोत्सव 2023 मे आम की 250 से अधिक प्रजातियां की गई प्रदर्शित

कानपुर 11 जुलाई भारतीय स्वरूप संवाददाता, योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने महोत्सव का किया उदघाटन

आम महोत्सव 2023 मे बुलडोजर आम बना आकर्षण का केंद्र आम की 250 से अधिक प्रजातियां की गई प्रदर्शित

राजनेताओं अधिकारियों एवं नामचीन हस्तियों ने की शिरकत

 नेशनल मीडिया क्लब के कानपुर आम महोत्सव मे बुलडोजर आम की धूम रही। म्यूजिकल फाउंटेन मोतिझील मे आयोजित इस कार्यक्रम का उदघाटन योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने किया । राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला , राज्यमंत्री रामकेश निषाद , राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद , लोकसभा सांसद देवेंद्र सिंह भोले , महापौर प्रमिला पाण्डेय और भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल की विशेष मौजूदगी में आमों की 250 से अधिक प्रजातियों को प्रदर्शित की गयी। नेशनल मीडिया क्लब के संस्थापक रमेश अवस्थी और राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन अवस्थी के नेतृत्व में मैंगो फेस्टिवल का यह 16 वां आयोजन था। आयोजन में दशहरी से लेकर अल्फांसो, नीलम, केसर, कैसिंग्टन, चौसा, सफेदा, देसी गोला, इलाहाबादी सफेदा, मल्लिका, फजली, फजरी गोल, अम्बिका, अरु णिका, साहेब पसंद, एल्डन, कांवसाजी पटेल, बंगनपल्ली, माया, ओस्टीन, सुकुल, मछली और शहद कुप्पी सहित भारत में पाए जाने वाले आमों की लगभग 250 प्रजातियां प्रदर्शित की गई, हलाकि बुलडोजर आम की धूम रही और यह आम लोगो मे आकर्षण का केंद्र रहा। खुशनुमा मौसम में हुए इस कानपुर आम महोत्सव में लोगों ने प्रदर्शनी के अवलोकन के अलावा स्वादिष्ट व्यंजनों और आम का लुफ्त उठाया। मोतीझील म्यूजिकल फाउंटेन का परिसर आमो की मिठास का एहसास करा रहा था खुशनुमा मौसम की फिजाओं में भी आम की भीनी खुशबू थी तो लोग इस चर्चाओं में भी आम की वैरायटी थी। पार्टी के दौरान संस्कृति विभाग लखनऊ द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कलाकारों ने गीत संगीत के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस दौरान हास्य कलाकार अन्नू अवस्थी ने भी अपने निराले अंदाज में लोगों खूब हंसाया। लाफ्टर चैलेंज फेम कवि हेमंत पांडे ने भी अपनी कविताओं के माध्यम से आए हुए लोगों का खूब मनोरंजन किया तो कई बार उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर भी चोट की। कवि मुकेश श्रीवास्तव ने भी अपनी कविताओं के माध्यम से खूब तालियां बटोरी। इस दौरान आम के आकार का एक केक भी काटा गया । सीबू सीतापुर को बुलडोज़र आम के लिए बेस्ट मैंगो का ख़िताब मिला जबकि क़दीम नर्सरी को मोदी मैंगो के लिए सम्मानित किया गया। आईसीएआर डिपार्टमेंट लखनऊ रहमानखेड़ा को अपनी कई किस्मों के लिए सम्मानित किया गया। कैबिनेट मंत्री राकेश मुताबिक के यह महोत्सव अपने आप में अनूठा था इसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। नेशनल मीडिया क्लब के संस्थापक रमेश अवस्थी जी ने कहा कि आम महोत्सव का मकसद वर्तमान पीढ़ी आम की प्रजातियों को देख सके और उसके बारे मे ठीक से जान सके की हमारे देश मे कितने प्रकार की प्रजातियां हैं यह ऐसा फल है जो हमारे देश की पहचान है इसफल में बहुत से मिनरल्स और फायदेमंद गुण होते हैं जो सभी के लिए लाभदायक होते हैं। नेशनल मीडिया क्लब के अध्यक्ष सचिन अवस्थी के मुताबिक भारत कृषि प्रधान देश है ऐसे में आम की फसल को बढ़ावा मिलने से किसानों को फायदा होगा इसका किसानो को कैसे ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके इस पर भी इस चर्चा की गई । कानपुर आम महोत्सव में अपर पुलिस आयुक्त प्रशासन आनंद प्रकाश तिवारी, अपर पुलिस आयुक्त अपराध नीलाब्ज़ा चौधरी सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे । भारतीय जनता पार्टी से विधायक अभिजीत सिंह सांगा, विधायक सुरेंद्र मैथानी, विधायक राहुल बच्चा सोनकर , दक्षिण जिला अध्यक्ष बिना आर्या पटेल , पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी पूर्व विधायक रघुनंदन सिंह भदोरिया गुरविंदर सिंह छाबड़ा ने शिरकत की। समाजवादी पार्टी से विधायक अमिताभ बाजपेई , विधायक मोहम्मद हसन रूमी , सपा पार्षद दल के नेता जावेद अख्तर गुड्डू समाजवादी पार्टी के पूर्व महामंत्री अभिषेक गुप्ता मोनू , पार्षद लियाकत अली सहित बड़ी संख्या मे नेता मौजूद थे। कांग्रेस पार्टी से शहर अध्यक्ष उत्तरी नौशाद आलम मंसूरी , पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल मन्नान , कार्यवाहक अध्यक्ष कृपेश त्रिपाठी, पीसीसी सदस्य संदीप शुक्ला , वरिष्ठ कांग्रेस नेता शरद मिश्रा कांग्रेसी नेता एवं कानपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या मे राजनैतिक समाजिक हस्तियाँ मौजूद थी

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