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रेलवे सुरक्षा बल ने 2021 से अवैध प्रवास की रोकथाम के क्रम में 586 बांग्लादेशी और 318 रोहिंग्या को पकड़ा

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 2021 से अब तक 586 बांग्लादेशी नागरिकों और 318 रोहिंग्या सहित 916 व्यक्तियों को सफलतापूर्वक पकड़ा है, जो देश की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जून और जुलाई 2024 में, आरपीएफ ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में 88 बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को पकड़ा। इनमें से कुछ व्यक्तियों ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की बात कबूल की और उन्हें कोलकाता जैसे गंतव्यों के लिए ट्रेन से यात्रा करते समय रोका गया।

अक्टूबर 2024 में, रिपोर्ट में बताया गया कि बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा से जुड़े उपायों को बढ़ाने के बावजूद, अवैध प्रवासी भारत में घुसपैठ करना जारी रखते हैं, असम को पारगमन मार्ग के रूप में और रेलवे को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचने के लिए अपनी पसंदीदा यात्रा के रूप में उपयोग करते हैं। ये घटनाएं अवैध घुसपैठ के खिलाफ रेलवे नेटवर्क की निगरानी और सुरक्षा में भारतीय अधिकारियों के सामने आने वाली चुनौतियों को चिन्हित करती हैं। घुसपैठियों द्वारा रेलवे का उपयोग न केवल राज्यों में उनकी आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है, बल्कि देश में अनधिकृत प्रवेश का पता लगाने और रोकने के प्रयासों को भी जटिल बनाता है।

उपरोक्त मुद्दे पर विचार करने के लिए, आरपीएफ ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयों जैसी प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करके अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। विभिन्‍न एजेंसियों के बीच आंतरिक सहयोग के इस दृष्टिकोण ने परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिससे अवैध प्रवास में शामिल व्यक्तियों की शीघ्र पहचान करना और हिरासत में लेना संभव हो पाया है।

अपने महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद, आरपीएफ को पकड़े गए व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने का सीधा अधिकार नहीं है। इसके बजाय, हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस और अन्य अधिकृत एजेंसियों को सौंप दिया जाता है।

बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों में चल रही हाल के राजनीतिक उथल-पुथल और इन क्षेत्रों में भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और सामाजिक-धार्मिक कारकों के कारण भारत के सुदूर इलाकों में शरण, रोजगार और आश्रय की तलाश करने वाले लोगों की आमद हुई है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। जबकि रेलवे का उपयोग करने वाले घुसपैठियों की संख्या के सटीक आंकड़े सीमित हैं, हाल की रिपोर्टें बताती हैं कि अवैध प्रवासी अक्सर भारत के अन्य हिस्सों में जाने के लिए असम और त्रिपुरा जैसे क्षेत्रों से गुजरने के लिए रेलवे नेटवर्क का उपयोग करते हैं।

रेलवे सुरक्षा बल ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने की चुनौती को स्वीकार किया है, तथा भारत की सीमाओं में घुसने का प्रयास करने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये व्यक्ति न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता का विषय हैं, बल्कि बंधुआ मजदूरी, घरेलू नौकरानी, ​​वेश्यावृत्ति और यहां तक ​​कि अंग निकालने के लिए मानव तस्करी सहित शोषण के लिए भी अत्यधिक संवेदनशील हैं।

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भारत: विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था

परिचय

भारत अगले दो वित्तीय वर्षों तक सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा और इसके साथ ही वह वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर हावी होने के लिए तैयार है। विश्व बैंक की वैश्विक आर्थिक संभावना (जीईपी) रिपोर्ट के जनवरी 2025 संस्करण में अनुमान लगाया गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 दोनों में 6.7% की स्थिर दर से बढ़ेगी, जो वैश्विक और क्षेत्रीय समकक्षों से काफी आगे है। ऐसे समय में जब वैश्विक विकास 2025-26 में 2.7 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद है, यह उल्लेखनीय प्रदर्शन भारत की लचीलापन और विश्व की आर्थिक प्रगति में इसके बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है।

जीईपी रिपोर्ट इस असाधारण गति का श्रेय एक संपन्न सेवा क्षेत्र और एक पुनर्जीवित विनिर्माण आधार को देती है, जो बदलावकारी सरकारी पहलों द्वारा संचालित है। बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण से लेकर करों को सरल बनाने तक, ये उपाय घरेलू विकास को बढ़ावा दे रहे हैं और भारत को वैश्विक आर्थिक स्थिरता की आधारशिला के रूप में स्थापित कर रहे हैं। निकटतम प्रतिद्वंद्वी, चीन की आर्थिक वृद्धि दर अगले वर्ष 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. भारत की बढ़ती प्रगति केवल एक आंकड़ा नहीं है। यह महत्वाकांक्षा, नवाचार और बेजोड़ क्षमता की एक शक्तिशाली कहानी है।

विश्व बैंक की रिपोर्ट के पूरक के रूप में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) के नवीनतम अपडेट से भी भारत की मजबूत आर्थिक प्रगति को बल मिलता है। आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि भारत की वृद्धि दर 2025 और 2026 दोनों के लिए 6.5% पर मजबूत रहेगी, जो अक्टूबर के पहले के अनुमानों के अनुरूप है। यह निरंतर वृद्धि परिदृश्य भारत के स्थिर आर्थिक बुनियादी ढांचे और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद गति बनाए रखने की इसकी क्षमता को दर्शाता है। विश्व बैंक और आईएमएफ दोनों द्वारा अनुमानित भारत के आर्थिक प्रदर्शन की निरंतर मजबूती देश के लचीलेपन को रेखांकित करती है और इसके आर्थिक बुनियादी ढांचे की निरंतर मजबूती दर्शाती है और, जिससे भारत वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक अहम ताकत बन जाता है।

विश्व बैंक की जीईपी रिपोर्ट का अवलोकन

वैश्विक आर्थिक संभावनाएँ (जीईपी) रिपोर्ट विश्व बैंक समूह का एक प्रमुख प्रकाशन है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में रुझानों और अनुमानों की जाँच करता है। यह उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर विशेष जोर देता है, उनके विकास पथ और चुनौतियों के बारे में जानकारी मुहैया करता है। जनवरी और जून में साल में दो बार प्रकाशित होने वाली यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में काम करती है। जनवरी संस्करण में महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है, जबकि जून संस्करण में छोटे, केंद्रित विश्लेषणात्मक अंश दिए गए हैं।

नवीनतम जीईपी रिपोर्ट 21वीं सदी की शुरुआत के बाद से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के प्रदर्शन की पहली व्यापक समीक्षा पेश करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है। 2025 में इसकी पहली तिमाही के अंत में संकेत मिले थे, रिपोर्ट 2000 के बाद से इन अर्थव्यवस्थाओं द्वारा की गई प्रगति का आकलन करती है और अगले 25 वर्षों में उनकी भविष्य की संभावनाओं का मूल्यांकन करती है। इस संस्करण में दो विश्लेषणात्मक अध्याय हैं। एक में मध्यम आय वाली उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाले अवसरों और चुनौतियों की जांच की गई है, जबकि दूसरे में दुनिया के सबसे गरीब देशों की प्रगति और बाधाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

जनवरी 025 की रिपोर्ट में मुख्य निष्कर्ष

.अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा, जो वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में इसके प्रभुत्व की पुष्टि करेगा।

 

  • वित्त वर्ष 2026 और 2027 के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था के सालाना 6.7 प्रतिशत की स्थिर दर से बढ़ने की उम्मीद है।

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  • भारत के सेवा क्षेत्र में वृद्धि मजबूत बने रहने की उम्मीद है, जबकि विनिर्माण गतिविधियां मजबूत होंगी, जिसे लॉजिस्टिक्स अवसंरचना में सुधार और कर प्रणालियों को सुव्यवस्थित करने के सरकारी प्रयासों से सहयोग मिलेगा।
  • भारत में निजी उपभोग में तेजी आने की संभावना है, जिसका कारण मजबूत श्रम बाजार, ऋण तक बढ़ती पहुंच और कम मुद्रास्फीति है।

 

  • भारत की निवेश वृद्धि स्थिर रहने की उम्मीद है, जिसे बढ़ते निजी निवेश, बेहतर कॉर्पोरेट बैलेंस शीट और अनुकूल वित्तपोषण स्थितियों से समर्थन मिलेगा।
  • वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 2025-26 में 2.7 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है, जो भारत के बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है।
  • वर्ष 2000 के बाद से उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है, जो अब वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 45 प्रतिशत का योगदान दे रहा है, जबकि सदी के प्रारंभ में यह 25 प्रतिशत था।
  • भारत, चीन और ब्राजील, तीन सबसे बड़े ईएमडीई, ने सदी की शुरुआत से लेकर अब तक वार्षिक वैश्विक विकास में सामूहिक रूप से लगभग 60 प्रतिशत का योगदान दिया है।

विकास को गति देने वाली सरकारी योजनाएं और पहल

भारत सरकार ने देश को सतत आर्थिक विकास और वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से कई दूरदर्शी योजनाएं और पहल लागू की हैं। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर स्टार्टअप इंडिया और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी पहलों के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने तक, ये सुधार विनिर्माण, डिजिटल अर्थव्यवस्था और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में बदलाव ला रहे हैं। सामूहिक रूप से, वे एक लचीली, आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

निष्कर्ष

भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति समावेशी वृद्धि और नवाचार-संचालित विकास के अपने दृष्टिकोण का प्रमाण है। दूरदर्शी नीतियों को लागू करके, एक मजबूत बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देकर और डिजिटल बदलाव को अपनाकर, राष्ट्र अपनी वैश्विक स्थिति को फिर से परिभाषित कर रहा है। अगले दो वित्तीय वर्षों में 6.7% की स्थिर वृद्धि के साथ, सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत वैश्विक समकक्षों से आगे निकल रहा है और आर्थिक लचीलेपन और प्रगति में एक अगुवा के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है। बाजार को एकीकृत करने वाले माल और सेवा कर से लेकर स्टार्टअप इंडिया और उद्यमिता और विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी पहलों तक, राष्ट्र एक गतिशील और मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहा है। इस गति के साथ, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार देने के लिए तैयार है, जो अद्वितीय प्रगति प्राप्त करने में महत्वाकांक्षा, लचीलेपन और रणनीतिक शासन की शक्ति का उदाहरण है।

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खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने महाकुंभ 2025 में राष्ट्रीय स्तर की खादी प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने शहर उत्तरी से विधायक श्री हर्ष वर्धन वाजपेयी, महापौर श्री गणेश केशरवानी और केवीआईसी उत्तर क्षेत्र के सदस्य श्री नागेंद्र रघुवंशी की उपस्थिति में शुक्रवार को कुंभनगरी के महात्मा गांधी मार्ग स्थित सेक्टर-1 में राष्ट्रीय स्तर की खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी 26 फरवरी तक संगम नगरी प्रयागराज में आयोजित की जाएगी। प्रदर्शनी में कुल 152 स्टॉल लगाये गये हैं, जिसमें से 98 स्टॉल खादी और 54 स्टॉल ग्रामोद्योग से जुड़े उत्पादों के हैं।

प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा, “महाकुंभ न केवल आस्था का महोत्सव है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा, और आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है। खादी, जो महात्मा गांधी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी का प्रतीक बनी, आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही ‘चरखा क्रांति’ के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की पहचान बन चुकी है।” उन्होंने आगे कहा कि खादी और ग्रामोद्योग प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान “खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन, खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन” के तहत नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

प्रदर्शनी में देश के 20 से अधिक राज्यों से आए खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों के 152 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 98 खादी और 54 ग्रामोद्योग उत्पादों के हैं। यहां पर कश्मीर से लेकर तमिलनाडु और महाराष्ट्र से नागालैंड तक के उत्पाद उपलब्ध हैं। अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं और आगंतुकों से अपील की कि वे खादी प्रदर्शनी में आकर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्रोत्साहित करें।

श्री मनोज कुमार ने खादी और ग्रामोद्योग के पिछले 10 वर्षों की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि

उत्पादन में वृद्धि: खादी और ग्रामोद्योग का उत्पादन रुपये 26,000 करोड़ से बढ़कर रुपये 1 लाख करोड़ हो गया है।

बिक्री में उछाल: खादी और ग्रामोद्योग की बिक्री रुपये 31 हजार करोड़ से बढ़कर रुपये 1 लाख 55 हजार करोड़ हो गई है।

रोजगार सृजन: रोजगार के अवसर 43.65% बढ़े हैं, जिससे 1.87 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं। पिछले वित्तवर्ष में 10.17 लाख नये रोजगार का सृजन हुआ है।

कारीगरों की आय में वृद्धि: खादी कारीगरों की आय में 213% की बढ़ोतरी हुई है, जो 4 रुपये बढ़कर 12.50 रुपये प्रति लच्छा हो गयी है।

अध्यक्ष केवीआईसी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 450 से अधिक खादी संस्थाओं के माध्यम से 1.4 लाख से अधिक कारीगरों को रोजगार दिया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में राज्य में 15 करोड़ रुपये से अधिक MMDA और 4 करोड़ रुपये से अधिक ISEC वितरित किया गया। उन्होंने आगे कहा कि पिछले वित्त वर्ष में उत्तर प्रदेश में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 1550 लाभार्थियों को उपकरण और टूलकिट प्रदान किया गया था, जबकि इस वर्ष 1850 लाभार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत इस वर्ष दिसंबर तक उत्तर प्रदेश में 137 करोड़ रुपये की सब्सिडी बांटी गयी। नयी इकाइयों के माध्यम से 38588 नये लोगों को रोजगार दिया गया है।

अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘खादी क्रांति’ ने भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कुंभ आयोजन की भव्यता और प्रयागराज को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बनाने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे खादी उत्पादों को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में योगदान दें। उन्होंने खादी प्रदर्शनी को भारतीय आत्मनिर्भरता और संस्कृति का जीवंत उदाहरण बताया।

उद्घाटन कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, पीएमईजीपी यूनिट के लाभार्थी, खादी कार्यकर्ता समेत उत्तर प्रदेश सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्नाटक में राज्य के कृषि, ग्रामीण विकास और राजस्व मंत्री के साथ की समीक्षा बैठक

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दिवसीय कर्नाटक दौरे पर हैं। इस दौरान श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बैंगलुरू में राज्य के कृषि, ग्रामीण विकास और राजस्व मंत्री के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में श्री शिवराज सिंह ने राज्य में कृषि योजनाओं, ग्रामीण विकास के कार्यों, राजस्व से जुड़ी गतिविधियों और भारत सरकार की योजनाओं पर मंत्रियों व अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। बैठक में  उन्होंने कहा कि एक होती है आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति लेकिन हम लोग विकास की राजनीति करते है, जनकल्याण की राजनीति करते हैं। हमारे देश में संघीय लोकतंत्र है, हमारा मकसद है, राज्य सरकार को हम भारत सरकार की योजनाओं के तहत भरपूर सहयोग करें, ताकि किसी भी कीमत पर कर्नाटक का विकास बाधित ना हो।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारा लक्ष्य विकसित कर्नाटक है।  केंद्र सरकार ने पहले जो फंड रिलीज किये थे, कर्नाटक सरकार उसे पूरी तरह से जल्द ही यूटिलाइज करें। वहीं, श्री  चौहान ने कहा कि कर्नाटक के राजस्व मंत्री ने वाटरशेड स्कीम के तहत अतिरिक्त फंड का आग्रह किया है, इसलिए हम वाटरशेड स्कीम के लिए कर्नाटक को 97 करोड़ रूपए का अतिरिक्त फंड रिलीज कर रहे हैं। राज्य के कृषि मंत्री ने मैकेनाइजेशन की स्कीम के तहत अतिरिक्त फंड की मांग की है, उसे भी हमने स्वीकार किया है। साथ ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की आत्मा योजना के लिए अतिरिक्त स्टॉफ की भी मांग की गई है जिसे भी हम पूरा करेंगे। इसके अलावा समीक्षा बैठक में तीनों मंत्रियों ने योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर कुछ ज्ञापन सौंपे हैं, इस पर भी हम विचार-विमर्श करेंगे।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें वर्ष 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है और विकसित भारत के लिए विकसित कर्नाटक भी हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम कर्नाटक के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। राज्य सरकार से मेरा आग्रह है कि वो समय पर फंड ठीक ढंग से खर्च करें, यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजे तो भारत सरकार कर्नाटक की बेहतरी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर गरीब को पक्का मकान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है। तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद केंद्र सरकार ने गत सितंबर माह में कर्नाटक राज्य को 2 लाख 26 हजार 175 मकान बनाने की स्वीकृति दी थी, जिसके लिए राशि भी अलॉट कर दी गई थी। कर्नाटक में गरीबों के पक्के मकान के लिए हमने फिर से उस लक्ष्य को बढ़ाया है और कर्नाटक को अब तक गरीबों के लिए 4,76,556 मकान और आवंटित किए हैं। कुल मिलाकर, इस वित्तीय वर्ष में 7,02,731 आवासों का लक्ष्य कर्नाटक के लिए रखा गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों की सेवा ही हमारे लिए भगवान की पूजा है। हर गरीब का पक्का मकान बने, यही हमारा संकल्प है। मैंने कर्नाटक सरकार से भी आग्रह किया है कि वह तेजी से मकानों का निर्माण पूरा करें ताकि सभी गरीबों के पक्के मकान बनाए जा सके।

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने मुंबई में भारत के अपने तरह के पहले सीएसआईआर इनोवेशन कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण किया

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज मुंबई में वर्चुअल माध्यम से भारत के अपनी तरह के पहले सीएसआईआर इनोवेशन कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण किया। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन का श्रेय दिया, जिससे भारत स्टार्ट-अप और इनोवेशन के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने में सक्षम हुआ। उन्होंने कहा कि इस कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन एक और ऐतिहासिक कदम है।

डॉ. सिंह ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि हमारे पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है, जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं जो भारत की उद्यमशीलता की भावना के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा, “यह उल्लेखनीय वृद्धि युवाओं को सशक्त बनाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार द्वारा शुरू की गई परिवर्तनकारी पहलों और नीतियों का प्रतिबिंब है।”

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने सीएसआईआर की सराहना करते हुए कहा कि यह अपने नवीन अनुसंधान, औद्योगिक एवं सामाजिक भागीदारी, उद्यमिता, क्षमता निर्माण और नीति निर्माण के माध्यम से राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करके देश की वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नवाचार, उद्योग सहयोग और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए सीएसआईआर और आईआईटी बॉम्बे, आईक्रिएट, एनआरडीसी जैसे 6 प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच 6 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। स्टार्टअप्स को मजबूत करें सीएसआईआर संस्थानों से स्टार्टअप्स, एमएसएमई और संस्थानों को 50 प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हुए। डॉ. सिंह ने कहा कि सीएसआईआर-आईसी मुंबई एक अत्याधुनिक नवाचार-सह-इन्क्यूबेशन सुविधा है, जिसमें उच्च स्तरीय वैज्ञानिक अवसंरचना और विशेषज्ञता है, जिसे स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के लिए महत्वपूर्ण ट्रांसलेशनल संबंधी अपूर्ण आवश्यकताओं (प्रयोगशाला से नियामक और नियामक से उद्योग डोमेन) को बढ़ावा देने और तेजी से तकनीक हस्तांतरण को उत्प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नवोन्मेषी स्टार्ट-अप्स, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के साथ साझेदारी करने वाली कंपनियों, एमएसएमई, भारत और विदेश की डीप-टेक कंपनियों, सार्वजनिक-वित्तपोषित अनुसंधान संस्थानों और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं को तैयार विश्व स्तरीय इनक्यूबेशन प्रयोगशालाएं और आईपी/व्यवसाय विकास सहायता हमारी नवाचार क्षमता को और मजबूत करेगी।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईसी-मुंबई का उपयोग सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के व्यवसाय विकास और तकनीक हस्तांतरण गतिविधियों को मजबूत करने के लिए किया जाएगा, जिससे मुंबई द्वारा प्रदान किए जाने वाले अद्वितीय अवसरों का लाभ उठाया जा सकेगा। यह सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के भीतर संचालित अन्य इनक्यूबेटरों के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा।

नौ मंजिलों में फैले आईसी मुंबई में 24 “रेडी टू मूव ” इनक्यूबेशन प्रयोगशालाएं और नवीन स्टार्ट-अप, एमएसएमई और उद्योग और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के लिए सुसज्जित कार्यालय/ नेटवर्किंग स्थान है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की सुविधाएं सहयोग, नवाचार और समावेशिता की भावना को मूर्त रूप देती हैं जो राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारे दृष्टिकोण को परिभाषित करती हैं।

डॉ. एन कलैसेल्वी ने बताया कि न केवल भारत में बल्कि सीएसआईआर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 4 देशों जर्मनी, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड आदि के साथ सहयोग कर रहा है।

उन्होंने इसे दशक के सपने को हकीकत में बदलना बताया। अपने पूर्ववर्तियों को इसका श्रेय दिया। उन्होंने पर्पल क्रांति को स्वदेशी तकनीकों के प्रति समर्पण को दर्शाते हुए एक नई क्रांति बताया।

डॉ. कलईसेलवी ने बताया कि हर साल सीएसआईआर द्वारा 10-15 तकनीकें विकसित की जाती हैं, जिन्हें विश्व स्तर पर सराहा जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 5 राष्ट्रीय राजमार्ग सीएसआईआर द्वारा विकसित स्टील स्लैग तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।

भारत की स्वदेशीकरण प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने भारत के स्वदेशी पैरासिटामोल के विकास को याद किया। एक और विकास शून्य तरल निर्वहन संयंत्र है जो भारत में अपनी तरह का पहला है। उन्होंने भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए ‘आत्मनिर्भर’ और ‘आत्मनिर्भरता’ पर जोर दिया।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने महामारी के दौरान सीएसआईआर टीम के अथक प्रयासों को याद किया। उन्होंने उन्हें कोविड योद्धा बताया। उन्होंने सीएसआईआर का उल्लेख करते हुए कहा कि सीआरआईएसपीआर डायग्नोस्टिक टेस्ट विकसित करने में वह दुनिया में पहले स्थान पर है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का विकास कर उसे देश के हर कोने में भेजा गया है।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत ने उद्योग जगत को नवाचार के लिए बुलाने के बजाय नवाचार को उद्योग जगत तक ले जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम हर चीज को लागत प्रभावी तरीके से विकसित करते हैं और हमें इसका लाभ उठाना चाहिए।

इस परिसर को हकीकत में बदलने में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. राम विश्वकर्मा ने बताया कि परिसर में 500 वर्ग फीट की 24 प्रयोगशालाएं हैं। स्टार्टअप के लिए 24 कार्यालय-स्थान और 6 सम्मेलन कक्ष और लाउंज हैं।

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रक्षा सचिव ने एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर 2025 का दौरा किया

रक्षा सचिव  राजेश कुमार सिंह ने 17 जनवरी 2025 को दिल्ली कैंट में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर 2025 का दौरा किया। अपने संबोधन में, रक्षा सचिव ने शानदार प्रदर्शन करने में कैडेटों की कड़ी मेहनत की सराहना की, जो देश की रचनात्मक और युवा ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि महीने भर तक चलने वाले इस शिविर में कैडेटों का प्रदर्शन, उत्कृष्टता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और इस दौरान सीखे गए मूल्य कैडेटों को उनके जीवन के सभी क्षेत्रों में मदद करेंगे।

रक्षा सचिव ने एनसीसी की उपलब्धियों की भी सराहना की, जिनमें नामांकन प्रक्रिया को डिजिटल बनाना, इंटाइटिल्ड पोशाक भत्ते का इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण, विभिन्न सीमा और तटीय क्षेत्रों में शिविरों का आयोजन और विभिन्न खेलों, शूटिंग और साहसिक गतिविधियों में प्रदर्शन शामिल है। उन्होंने कठोर प्रशिक्षण व्यवस्था और कई सामाजिक सेवा गतिविधियों के प्रति कैडेटों के दृढ़ समर्पण की भी सराहना की।

रक्षा सचिव ने एनसीसी कैडेटों को उनके भविष्य के प्रयासों में निरंतर समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए रक्षा मंत्रालय की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया। उन्होंने कैडेटों और नेतृत्व को उनके अटूट समर्पण और पूरे वर्ष शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी।

इससे पहले, डीजी एनसीसी लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह द्वारा स्वागत किए जाने के बाद, रक्षा सचिव ने ‘फ्लैग एरिया’ का दौरा किया, जिसे बेहद सावधानीपूर्वक रेत मॉडल का उपयोग करके तैयार किया गया था, और जिसके ज़रिए कैडेटों को अपनी रचनात्मकता और विभिन्न सामाजिक जागरूकता विषयों की गहरी समझ प्रदर्शित करने का मौका मिला।

रक्षा सचिव ने ‘हॉल ऑफ फेम’ का भी दौरा किया, जहां उन्हें एनसीसी के समृद्ध इतिहास और कैडेटों के प्रशिक्षण तथा उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने समूह नृत्य और गीतों का मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा। यह यात्रा सभी राज्य निदेशालयों के प्रतिभाशाली कैडेटों द्वारा ‘आइडिया और इनोवेशन’ पर शुरू की गई विभिन्न परियोजनाओं की प्रदर्शनी के साथ खत्म हुई।

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डी जी कॉलेज में मतदाता जागरूकता प्रतियोगिताओं आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना – मतदाता जागरूकता क्लब के द्वारा वोट जैसा कुछ नहीं वोट जरुर डालेंगे हम विषय पर मतदाता जागरूकता प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य युवाओं में मतदान के प्रति जागृति लाना है। इन प्रतियोगिताओं के अंतर्गत पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता तथा प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचर्या प्रो वंदना निगम ने बताया कि सभी प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। निबंध प्रतियोगिता में आयुषी शुक्ला ने प्रथम, साधना देवी ने द्वितीय तथा दीक्षा पांडे ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में स्नेहा अग्रहरि ने प्रथम रुबा इरफान ने द्वितीय तथा रोशनी अंसारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में सुपर्णा चौहान ने प्रथम, नेहा सिंह ने द्वितीय तथा रिद्धि चौधरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। क्विज प्रतियोगिता में रौनक ने प्रथम, पंखुड़ी ओमर ने द्वितीय तथा सिद्धि चौधरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। समस्त प्रतियोगिताओं को संपन्न कराने में राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही, प्रो इंदु यादव, प्रो सुमन सिंह, प्रो शुभम शिवा, डॉ पूजा श्रीवास्तव एवं डॉ मंजुला श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा।

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‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ (विवेकानंद जयंती) के अवसर पर एस. एन. सेन बालिका महाविद्यालय , में एनएसएस, एनसीसी, रेंजर्स टीम के संयुक्त तत्वाधान में भाषण एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर -12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती जिसे ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, के अवसर पर एस. एन. सेन बालिका महाविद्यालय , मॉल रोड, कानपुर में एनएसएस, एनसीसी, रेंजर्स टीम के संयुक्त तत्वाधान में भाषण प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सुमन ने इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया विवेकानंद जी का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। हमारा देश युवाप्रधान देश है, तथा देश के भविष्य को आकार देने में युवाओं का ही सबसे अधिक योगदान होता है। किसी भी प्रकार की बाधा से घबराकर हमें पीछे नहीं हटना चाहिए जैसाकि विवेकानंद जी ने स्वयं कहा है उठो, जागो और तबतक न रुको जबतक अपने लक्ष्य की प्राप्ति न कर लो। प्राचार्या ने बताया कि नई शिक्षा नीति युवाओं के सम्पूर्ण विकास को केंद्र में रखकर बनाई गई है, साथ-ही यह व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की तरफ अग्रसर है। इस अवसर पर महाविद्यालय की स्मार्ट क्लास में विकसित भारत यंग लीडर डायलाग 2025 प्रोग्राम के अंतर्गत सभी छात्राओं को लाइव प्रसारण दिखाया गया, जिसमें युवा शक्ति मिशन का प्रारंभ किया गया। जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने बताया एनएसएस, एनसीसी, रेंजर्स की दिव्यांशी शर्मा, भूमि गुप्ता, अदिति ओझा, रिया वर्मा इत्यादि छात्राओं ने भाषण प्रतियोगिता एवं आयुषी बाजपेई, सुप्रिया, निधा परवीन ने पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। एनएसएस प्रभारी श्वेता रानी, एनसीसी प्रभारी प्रीति यादव, रेंजर्स टीम प्रभारी ऋचा सिंह के द्वारा कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं, शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारी वर्ग की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।

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इनर व्हील क्लब कानपुर विदुषी द्वारा कंबल वितरित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 12 जनवरी मकर संक्रांति के उपलक्ष्य इनर व्हील क्लब कानपुर विदुषी द्वारा रोबिन हुङ (Robin Hood Academy ) बररा में जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरित किया गया । कुल 45 कंवल वितरित किये गये जिसे पाकर जरूरतमंद लोगों के चेहरे खिल गये। इस अवसर पर कलब की अध्यक्षा डा० सीमा वर्मा, डा० सबा यूनुस, सेक्रेटरी रुचि अग्रवाल, एडिटर रति गुप्ता, मनीषा शुक्ला, मंजू अवस्थी, नीरजा गुप्ता, मोहिनी शुक्ला आदि उपस्थित रहे ।

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उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड विधान मण्डल की (कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन/भारत क्षेत्र (जोन-1) उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड) मा. महिला सदस्यों का सम्मेलन सम्पन्न

*◆ “भारतीय लोकतंत्र में बढ़ रही है महिलाओं की भागीदारी”*

*◆ “समाज के प्रत्येक क्षेत्रों में बढ़ रही महिलाओं की उपयोगिता”*

*◆ “उ0प्र0 विधानसभा लगातार नवाचार का कर रहा प्रयोग”*
*- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ*

कानपुर नगर, दिनांक 08 जनवरी, 2024 (सू0/वि0)
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड विधान मण्डल की (कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन/भारत क्षेत्र (जोन-1) उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड) मा0 महिला सदस्यों का सम्मेलन रोजिएट पैलेस हॉल, इटरनिटी होटल में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शिरकत की। मा0 मुख्यमंत्री जी के अलावा मा0 विधानसभा अध्यक्ष उ0प्र0 सतीश महाना, मा0 विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखण्ड़ ऋतु खंडूरी भूषण, मा0 मंत्री महिला कल्याण एवं बाल विकास उ0प्र0 बेबी रानी मौर्य, मा0 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माध्यमिक शिक्षा उ0प्र0 गुलाब देवी, मा0 राज्य मंत्री महिला कल्याण एवं बाल विकास उ0प्र0 प्रतिभा शुक्ला, मा0 राज्य मंत्री उच्च शिक्षा उ0प्र0 रजनी तिवारी सहित उ0प्र0 व उत्तराखण्ड़ राज्य की मा0 महिला विधायकगण शामिल हुई।
इस अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा व प्राचीन लोकतंत्र है, जो हमारे रग-रग में बसा हुआ है। भारत में गणतंत्र की शुरूआत छठी शताब्दी ईसा पूर्व में ही हो गयी थी जब वैशाली, मगध जैसे गणराज्य बनाये गये थे। यह भारतीय परम्परा रही है कि हमने कभी किसी पर अपनी बात थोपा नहीं है। यहां महिलाओं को भी बराबरी के दर्जे से स्वतंत्रता दी गयी है। उन्होंने कहा कि संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों में से 04 सदस्य कमला चौधरी, सुजेता कृपलानी, पूर्णिमा बनर्जी, बेगम एजाज रसूल शामिल रहीं। भारत ने 1952 के आम चुनाव में ही महिलाओं को मत देने का अधिकार प्रदान किया था।
मा0 मुख्यमंत्री ने कहा कि उ0प्र0 विधानसभा लगभग पिछले तीन वर्षो से नये-नये प्रयोग कर रहा है जिसमें ई-विधानसभा व पेपर लेस विधानसभा का संचालन किया जा रहा है। उ0प्र0 विधानसभा अलग-अलग क्षेत्रों से जुडे हुये विशेषज्ञों जैसे- कुशल अभियन्ता, वैज्ञानिक, समाज सेवक, अर्थशास्त्री आदि का योगदान लेकर प्रगति कर रहा है। उन्होंने सम्बोधन में यह भी कहा कि उ0प्र0 विधानसभा में आज लगभग 15 फीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। आज महिलायें किसी भी क्षेत्र में वंचित नही है। वो जहां पर कार्य कर रही है उनकी कार्यशैली उत्कृष्ट है। आज प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। स्थानीय निकाय, विधानसभा या लोकसभा हर क्षेत्र में महिलायें अपने झण्डे बुलन्द कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 56 प्रतिशत ब्लाक प्रमुख व 70 प्रतिशत जिला पंचायत अध्यक्ष महिलायें है जो राजनीतिक क्षेत्र में उनकी प्रगति को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण का लगातार प्रयास कर रही है। महिलाओं के लिये सेंट्रल कन्वेंशन सेंटर और शौचालय भी बनाये गये है। लगभग 04 करोड़ गरीब परिवारों को आवास और 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिये गये। हाल ही में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया गया है। हमारी सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लगभग 01 करोड़ 91 लाख बच्चों को यूनीफार्म, जूते, मोजे और स्वेटर इत्यादि निःशुल्क प्रदान किये गये है।
इस अवसर पर मा0 विधानसभा अध्यक्ष उ0प्र0 सतीश महाना ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज आवश्यकता है कि विधायिका में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो, उनकी प्रभावी उपस्थिति हो, उनके द्वारा समाज में बेहतर संदेश दिया जाये और इसका विस्तार सुनिश्चित हो। महिला सशक्तिकरण के क्रम में ही आज उ0प्र0 और उत्तराखण्ड की महिला विधायकों का सम्मेलन बुलाया गया। उ0प्र0 का बदलता स्वरूप पूरी दुनिया देख रही है जिसकी चर्चा पूरे देश और दुनिया में हो रही है, उनमें महिला विधायकों का महत्वपूर्ण योगदान है। यह सम्मेलन पूरे देश में यह संदेश देगा कि अन्य राज्यों को भी ऐसे सम्मेलनों का आयोजन करना चाहिये।
वहीं, मा0 विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखण्ड ऋतु खंडूरी भूषण जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि विधायिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व एवं सदन की कार्यवाही में सहभागिता बढ़ाने तथा संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में महिला सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज महिलायें समाज के सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहीं हैं। आज की संगोष्ठी में उपस्थित मा0 सदस्य अपने क्षेत्रों की महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व कर रही है। ये महिलायें अपनी अवाज संसद से लेकर सड़क तक उठा रही है और देश की अन्य महिलाओं को भी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को प्रेरित भी कर रहीं हैं।
सम्मेलन के अंत में मा0 मंत्री बेबी रानी मौर्य ने उपस्थित सभी गण्यमान्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया। सम्मेलन में उक्त के अतिरिक्त प्रमुख सचिव, विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे, मुख्य सलाहकार, मुख्यमंत्री अवनीश अवस्थी, मण्डलायुक्त अमित गुप्ता, मण्डलायुक्त विजयेंद्र पांडियन, ए0डी0जी0 कानपुर आलोक सिंह, पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, नगर आयुक्त सुधीर कुमार और मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन समेत विधानसभा व जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहें।

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