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भारत फिर चला चांद की ओर: इस बार चांद पर उतरने के बाद धरती पर वापस आएगा भारत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रयान-4 नामक मिशन को मंजूरी दे दी है, जिसका मकसद चांद पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद, पृथ्वी पर वापस आने में प्रयोग होने वाली प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करना है, साथ ही चंद्रमा से नमूने लाकर, पृथ्वी पर उनका विश्लेषण करना है। चंद्रयान -4 मिशन दरअसल, चंद्रमा पर भारत की लैंडिंग (वर्ष 2040 तक नियोजित) और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस आने के लिए मूलभूत प्रौद्योगिकी क्षमताओं को प्राप्त करेगा।  डॉकिंग/अनडॉकिंग, लैंडिंग, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी और चंद्रमा के नमूना संग्रह और उनके विश्लेषण को पूरा करने के लिए ज़रुरी प्रमुख प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा।

भारत सरकार ने अमृत काल के दौरान भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक विस्तारित दृष्टिकोण का खाका तैयार किया है, जिसके तहत वर्ष 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) और वर्ष 2040 तक चंद्रमा पर भारत की लैंडिंग की परिकल्पना की गई है। इस परिकल्पना को साकार करने के लिए, गगनयान और चंद्रयान फॉलो-ऑन मिशनों की एक श्रृंखला की भी रुपरेखा तैयार की गई है, जिसमें संबंधित अंतरिक्ष परिवहन और बुनियादी ढांचे की क्षमताओं का विकास शामिल है। चंद्रयान -3 लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग के सफल प्रदर्शन ने कुछ अहम प्रौद्योगिकियों को स्थापित किया है और उन क्षमताओं का प्रदर्शन किया है जो केवल कुछ ही दूसरे देशों के पास है। चंद्रमा के नमूने एकत्र करने और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की क्षमता के प्रदर्शन से ही सफल लैंडिंग मिशन का अगला कदम निर्धारित हो सकेगा।

अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण की जिम्मेदारी इसरो की होगी। इसरो में मौजूद स्थापित कार्यप्रणाली के माध्यम से परियोजना को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जाएगा और उसकी निगरानी की जाएगी। उद्योग और शिक्षाविदों की भागीदारी की मदद से, अनुमोदन के 36 महीनों के भीतर मिशन के पूरा होने की उम्मीद है।

सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से विकसित करने की परिकल्पना की गई है। मिशन को विभिन्न उद्योगों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में भी इससे रोजगार की उच्च संभावना पैदा होगी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।

प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन “चंद्रयान -4” के लिए कुल 2104.06 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। लागत में अंतरिक्ष यान का निर्माण,  एलवीएम 3 के दो लॉन्च वाहन मिशन,  बाह्य गहन अंतरिक्ष नेटवर्क का समर्थन और डिजाइन सत्यापन के लिए विशेष परीक्षण आयोजित करना,  और अंत में चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के मिशन और चंद्रमा के नमूने एकत्रित कर उनकी पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी शामिल हैं।

यह मिशन भारत को मानवयुक्त मिशनों, चंद्रमा के नमूनों की वापसी और चंद्रमा के नमूनों के वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण मूलभूत प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भर होने में सक्षम बनाएगा। इसे साकार करने में भारतीय उद्योग की भी अहम भागीदारी होगी। चंद्रयान-4 विज्ञान बैठकों और कार्यशालाओं के माध्यम से भारतीय शिक्षा जगत को इससे जोड़ने की योजना पहले से ही तैयार है। यह मिशन पृथ्वी पर लाए गए नमूनों के क्यूरेशन और विश्लेषण के लिए बेहतर सुविधाएं भी सुनिश्चित करेगा, जोकि राष्ट्रीय संपत्ति होंगी।

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मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र महत्वपूर्ण वृद्धि के लिए तैयार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी अधिनियम2013 के अधीन  धारा कंपनी के रूप में एनीमेशनविजुअल इफेक्ट्सगेमिंगकॉमिक्स एंड एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसीएक्सआरके लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओईकी स्थापना को मंजूरी प्रदान की हैजिसमें फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और भारतीय उद्योग परिसंघ भारत सरकार के साथ भागीदार के रूप में उद्योग निकायों का प्रतिनिधित्व करेंगे। एनसीओई की स्थापना मुंबईमहाराष्ट्र में की जाएगी और यह देश में एक एवीजीसी कार्य बल की स्थापना के लिए केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री की वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अनुसरण में है।

एवीजीसीएक्सआर क्षेत्र आज मीडिया और मनोरंजन के पूरे क्षेत्र में अपरिहार्य भूमिका निभाता हैजिसमें फिल्म निर्माणओवर द टॉप (ओटीटीप्लेटफॉर्म, गेमिंगविज्ञापन तथा  स्वास्थ्यशिक्षा और अन्य सामाजिक क्षेत्रों सहित कई अन्य क्षेत्र शामिल हैंइस प्रकार देश की विकास गाथा की समग्र संरचना को समेटे हुए है। तेजी से विकसित हो रही तकनीक और पूरे देश में इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथसाथ सबसे सस्ती डेटा दरों सहितवैश्विक स्तर पर एवीजीसीएक्सआर का उपयोग तेजी से बढ़ने को तैयार है।

एवीजीसीएक्सआर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना

इस तेज गति को बनाए रखने के लिएदेश में एवीजीसीएक्सआर इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के शीर्ष संस्थान के रूप में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की जा रही है। एनसीओई शौकिया और पेशेवर दोनों को अत्याधुनिक एवीजीसीएक्सआर तकनीकों के नवीनतम कौशलों से लैस करने के लिए विशेष प्रशिक्षणसहशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करने के साथसाथ,अनुसंधान एवं विकास को भी बढ़ावा देगा और कंप्यूटर विज्ञानइंजीनियरिंगडिजाइन और कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा जो एवीजीसीएक्सआर क्षेत्र में बड़ी सफलताओं का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र घरेलू उपयोग और वैश्विक आउटरीच दोनों के लिए भारत के आईपी के निर्माण पर भी व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित करेगाजिससे कुल मिलाकर भारत की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित कॉन्टेंट का सृजन होगा। इसके अलावाएनसीओईएवीजीसीएक्सआर क्षेत्र में स्टार्टअप और शुरुआती अवस्था वाली  कंपनियों को प्रोत्साहन देने के लिए उन्हें संसाधन प्रदान करते हुए एक इनक्यूबेशन सेंटर के रूप में कार्य करेगा। साथ हीएनसीओई केवल एक अकादमिक उत्प्रेरक के रूप में ही नहींबल्कि उत्पादन/उद्योग उत्प्रेरक के रूप में भी काम करेगा।

एनसीओई को एवीजीसीएक्सआर उद्योग के विकास के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में स्थापित किए जाने से यह देश के सभी हिस्सों के युवाओं के लिए रोजगार के सबसे बड़े स्रोतों में से एक के रूप में काम करेगा। इससे रचनात्मक कला और डिजाइन क्षेत्र को बहुत बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत पहल के लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए भारत को एवीजीसीक्सआर गतिविधियों का केंद्र बनाया जा सकेगा।

एवीजीसीएक्सआर के लिए एनसीओई भारत को अत्याधुनिक कॉन्टेंट उपलब्ध कराने वाले कॉन्टेंट हब के रूप में स्थापित करेगाजिससे वैश्विक स्तर पर भारत की सॉफ्ट पावर बढ़ेगी और मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र के प्रति विदेशी निवेश आकर्षित होगा।

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चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और प्रदर्शनी (री-इन्वेस्ट) में आए 32.45 लाख करोड़ रुपये के निवेश आशय पत्र : श्री प्रह्लाद जोशी

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि री-इन्वेस्ट का चौथा संस्करण एक ऐतिहासिक घटना के रूप में याद किया जाएगा क्योंकि यह पहली बार है जब सभी हितधारकों ने एक सुनहरे कल के लिए इतने बड़े निवेश के लिए प्रतिबद्धता जताई है।  यह प्रधानमंत्री का दृढ़ संकल्प है जिसके परिणामस्वरूप कल यह ऐतिहासिक दिन आया जहाँ 2030 तक 32.45 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड निवेश का वचन शपथ पत्र के रूप में दिया गया है।

आज गुजरात के गांधीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, डेवलपर्स ने 570 गीगावॉट (जीडब्लू) अतिरिक्त की प्रतिबद्धता जताई है, उत्पादकों ने सौर मॉड्यूल में 340 गीगावॉट, सौर सेल में 240 गीगावॉट, पवन टर्बाइनों में 22 गीगावॉट और इलेक्ट्रोलाइजर्स में 10 गीगावॉट की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता की प्रतिबद्धता जताई है। श्री जोशी ने कहा, आंकड़ों और संख्याओं से परे, यह राज्यों, डेवलपर्स, बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा एक स्वच्छ और टिकाऊ भारत के लिए मिलकर काम करने का एक बड़ा संकल्प है। श्री जोशी ने डेवलपर्स, सौर मॉड्यूल और सौर सेल निर्माताओं, उपकरण निर्माताओं, इलेक्ट्रोलाइजर निर्माताओं, बैंक और वित्तीय संस्थानों को धन्यवाद दिया जो नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए बड़े पैमाने पर निवेश का वचन देने के लिए आगे आए हैं। यह डेस्टिनेशन इंडिया में, खासकर नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) के  क्षेत्र में, भारतीय और वैश्विक समुदाय के विश्वास और भरोसे का प्रमाण है। जब हम लोगों और इस धरती पर परिणाम देखना शुरू करेंगे तो इसका दूरगामी प्रभाव दिखाई देगा। नवीकरणीय ऊर्जा अर्थव्यवस्था की प्रेरणा शक्ति है। प्रधान मंत्री मोदी अग्रिम पंक्ति में नेतृत्व कर रहे हैं और अपने कहे को करके दिखा रहे हैं। दुनिया ऊर्जा क्षेत्र में अगली लहर परिवर्तन का नेतृत्व करने के लिए उनसे और भारत से उम्मीदें लगाए हुए हैं। इसके परिणाम देखने को मिल रहे हैं। श्री जोशी ने कहा, प्रधानमंत्री इस परिवर्तन के पीछे की प्रेरक शक्ति हैं, जो हमारे देश की नवीकरणीय ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में साहस और नवाचार दोनों दिखाते हैं। उन्होंने सभी राज्यों और कंपनियों को बधाई दी जिन्हें नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सराहा गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, यह एक खास दिन है क्योंकि श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस नई सरकार के पहले 100 दिनों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह इसलिए भी खास है क्योंकि मुझे आज दांडी कुटीर जाने का मौका मिला जहाँ महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम के संघर्षों की यादें ताज़ा हो गईं। यह संरचना खूबसूरत है और प्रतीकात्मक रूप से नमक के ढेर का प्रतिनिधित्व करती है, जो दांडी मार्च और गांधीजी के नमक सत्याग्रह आंदोलन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री का आभारी हूं कि उन्होंने गुजरात में चौथे री-इन्वेस्ट शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया, जहाँ से उन्होंने ऊर्जा क्रांति की अलख जगायी। अब, प्रधानमंत्री न केवल हमारे देश को 500 गीगावॉट लक्ष्य की ओर ले जा रहे हैं बल्कि दुनिया के लिए आशा की किरण हैं।

सीईओ राउंडटेबल

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने आज सीईओ राउंडटेबल की अध्यक्षता की जहाँ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 500 गीगावॉट सिर्फ एक संख्या नहीं है और हम इसके बारे में गंभीर हैं इसलिए सीईओ को यह साझा करना होगा कि उन्हें सरकार से किन सुविधाओं की आवश्यकता है। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने विनिर्माण को बढ़ाने, आरपीओ को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ मांग पैदा करने, चक्रीय सिद्धांतों को शामिल करने और परियोजनाओं की जलवायु परक लचीलेपन को बढ़ाने के लिए इनपुट प्रदान किए।

नवीकरणीय ऊर्जा में विश्वव्यापी निवेश के लिए भारत-जर्मनी मंच, 16 सितंबर 2024 को 4वें री-इन्वेस्ट में लॉन्च किया गया था, ताकि नवीकरणीय ऊर्जा के त्वरित विस्तार के लिए ठोस और टिकाऊ समाधान विकसित किए जा सकें। यह मंच पूरे विश्व के अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साथ लाएगा, जिसमें निजी क्षेत्र (वित्तीय क्षेत्र और उद्योग दोनों), अंतर्राष्ट्रीय संगठन, विकास बैंक और द्विपक्षीय भागीदार शामिल हैं, ताकि पूंजी की बढ़ती मांग, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और अभिनव तकनीकी समाधानों को पूरा करने के लिए अवसर पैदा किए जा सकें।

सौर पीवी मॉड्यूल की स्थापित उत्पादन क्षमता-

2014 में भारत में स्थापित सौर पीवी मॉड्यूल उत्पादन क्षमता लगभग 2.3 गीगावॉट थी और 2014 में भारत में स्थापित सौर पीवी सेल उत्पादन क्षमता लगभग 1.2 गीगावॉट थी। वर्तमान में भारत में स्थापित सौर पीवी मॉड्यूल उत्पादन क्षमता लगभग 67 गीगावॉट है (एएलएमएम में सूचीबद्ध क्षमता और एएलएमएम में सूचीबद्धता के लिए प्राप्त अतिरिक्त आवेदनों के अनुसार) और वर्तमान में स्थापित सौर पीवी सेल उत्पादन क्षमता लगभग 8 गीगावॉट है।

सरकार के 100 दिनों में एमएनआरई की उपलब्धियां

  1. 4.5 गीगावॉट लक्ष्य के सापेक्ष जून, जुलाई एवं अगस्त 2024 में 6.0 गीगावॉट क्षमता नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) चालू की गई।
  2. गैर-जीवाश्म स्थापित क्षमता 207.76 गीगावाट तक पहुँच गई।
  3. जून 2024 से अगस्त 2024 तक, आरईआईए ने 10 गीगावाट के लक्ष्य के मुकाबले 14 गीगावाट के लिए आरई बिजली खरीद की निविदा जारी की।
  4. दो सौर पार्कों का निर्माण पूरा हुआ
  5. पीएम कुसुम योजना के तहत 1 लाख सौर पंप स्थापित किए गए।
  6. पीएम सूर्य घर योजना के तहत, 3.56 लाख रूफटॉप सौर प्रणालियाँ स्थापित की गईं।.
  7. सौर पीएलआई योजना में कुल मिलाकर 13.8 गीगावाट सौर मॉड्यूल उत्पादन शुरू हुआ।
  8. राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत, 11 कंपनियों को 1500 मेगावाट प्रति वर्ष की कुल क्षमता के लिए इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण के लिए दूसरे चरण में चुना गया।
  9. 19.06.2024 को कैबिनेट द्वारा आफशोर विंड योजना को मंजूरी दी गई, एसईसीआई द्वारा आरएफएस जारी किया गया।
  10. आईआरईडीए ने गिफ्ट सिटी में एक सहायक कंपनी “आईआरईडीए ग्लोबल ग्रीन एनर्जी फाइनेंस आईएफएससी लिमिटेड” को शामिल किया है।

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पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की 100 दिन की उपलब्धियां

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) ने 9 जून, 2024 से 17 सितंबर, 2024 की अवधि के दौरान महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किए हैं। केन्द्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और केंद्रीय शिक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार के मार्गदर्शन में मंत्रालय ने विकसित पूर्वोत्तर के निर्माण को पूरा करने के लिए अपनी 100 दिवसीय योजना बनाने में एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। उक्त अवधि के दौरान मंत्रालय की उपलब्धियाँ दर्शाती हैं कि नीतिगत सुधारोंप्रेरित पहलों के प्रभाव और नवीन विचारों पर मंत्रालय का ध्यान एक सशक्त पूर्वोत्तर भारत के निर्माण में दीर्घकालिक परिणाम देगा।

2. उपलब्धियां नीचे सूचीबद्ध हैं:

  • पीएम-डिवाइन के तहत परियोजनाओं की मंजूरी : इस अवधि के दौरान, 419.13 करोड़ रुपये की लागत वाली 6 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में राज्य कैंसर संस्थान की स्थापना भी शामिल है। इन परियोजनाओं से पूर्वोत्तर के लोगों को कैंसर देखभाल सुविधाएं, धनमंजुरी विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे का विकास, सीआईएचएसआर में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी सेंटर का उन्नयन आदि सुविधाएं प्राप्त होंगी।
  • एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई) के तहत परियोजनाओं की मंजूरी : इस अवधि के दौरान, अरुणाचल प्रदेश में नामसाई टाउनशिप में जल आपूर्ति प्रणाली के संवर्धन सहित 152.6 करोड़ रुपये की लागत वाली 3 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ये परियोजनाएं अरुणाचल प्रदेश में बसर टाउनशिप, नामसाई टाउनशिप और तेजू को एकीकृत स्मार्ट पेयजल आपूर्ति प्रदान करेंगी और 103018 लोगों को लाभान्वित करेंगी।
  • एनईएसआईडीएस (सड़क) के तहत परियोजनाओं की मंजूरी : इस अवधि के दौरान, 370.16 करोड़ रुपये की लागत वाली 5 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें असम के चौकीहोला से तारापुंग तक नई सड़क का निर्माण शामिल है। ये परियोजनाएं असम, सिक्किम और मणिपुर में आवागमन की कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण होंगी, जिससे क्रमशः 29000 लोगों की आबादी वाले 56 गांवों, 5871 लोगों की आबादी वाले 8 गांवों और 2,50,000 लोगों की आबादी वाले 64 गांवों को लाभ होगा।
  • डोनर मंत्रालय/एनईसी की योजनाओं के तहत परियोजनाओं का पूरा होना: इस अवधि के दौरान, 30 परियोजनाएं भौतिक रूप से पूरी हो चुकी हैं, जिनमें पीएम-डिवाइन की 1 परियोजना (63.39 करोड़ रुपये की लागत), एनईएसआईडीएस (सड़क) की 6 परियोजनाएं (219.41 करोड़ रुपये की लागत), एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई) की 3 परियोजनाएं (48.71 करोड़ रुपये की लागत), एनईसी की योजनाओं की 11 परियोजनाएं (107.25 करोड़ रुपये की लागत) और बीटीसी एवं एचएडीपी की 8 परियोजनाएं (19.63 करोड़ रुपये की लागत) शामिल हैं। इन 29 परियोजनाओं की कुल लागत 458.36 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं से बुनियादी ढांचा क्षेत्र, विशेषकर सड़क, रोपवे प्रणाली, जिला केंद्रों का निर्माण, बांस प्रसंस्करण केंद्र, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में स्वास्थ्य आदि को बढ़ावा मिलेगा और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • योजना दिशानिर्देशों के सरलीकरण और निधियों के जारी करने को सुचारू बनाने के लिए नीतिगत सुधार:
  • इस अवधि के दौरान, पीएम-डिवाइन, एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई), एनईएसआईडीएस (रोड) की योजनाओं के दिशा-निर्देशों को सरल बनाया गया है ताकि परियोजना प्रस्तावों के कॉन्सेप्ट नोट और डीपीआर पर एक साथ विचार किया जा सके। इससे परियोजनाओं की अवधारणा और मंजूरी में लगने वाला समय कम हो जाएगा।
  • 21 अगस्त, 2024 को, डोनर मंत्रालय की योजनाओं के बीच वित्तीय और क्षेत्रीय सीमांकन को युक्तिसंगत बनाया गया है और जारी किया गया है। इससे डोनर की कई योजनाओं में समान क्षेत्रों से संबंधित परियोजनाओं की मंजूरी के दोहराव को रोका जा सकेगा।
  • 29 जुलाई, 2024 को, डोनर मंत्रालय/एनईसी की योजनाओं के तहत स्वीकृत परियोजनाओं के लिए धन प्रवाह की प्रक्रिया को सरल बनाया गया ताकि परियोजनाओं के लिए केवल 4 किस्तों में धन जारी किया जा सके। इससे धन जारी करने की प्रक्रिया मानकीकृत हो गई है और इससे धन जारी करने के मामलों में देरी और लंबित मामलों में कमी आएगी।
  • इस अवधि के दौरान, पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय ने चल रही परियोजनाओं के निरीक्षण के लिए एनईडीएफआई के माध्यम से थर्ड पार्टी तकनीकी निरीक्षण (टीपीटीआई) एजेंसियों और परियोजना गुणवत्ता मॉनिटर (पीक्यूएम) को पैनल में शामिल किया है। इससे डोनर मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत स्वीकृत, चल रही परियोजनाओं की निगरानी और निरीक्षण तंत्र को मजबूती मिलेगी। जून, 2024 से लागू किया गया।
  • मणिपुर स्टार्ट अप वेंचर फंड का शुभारंभ : यह एनईआर में नए स्टार्ट-अप को समर्थन देने के लिए राज्य-विशिष्ट उद्यम निधि का एक हिस्सा है। प्रारंभिक कोष 30 करोड़ रुपये (एनईडीएफआईआरएस 15 करोड़ + मणिपुर सरकार 15 करोड़ रुपये) का है। इससे स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा और एनईआर में बेहतर और अधिक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने में मदद मिलेगी। 27 अगस्त, 2024 को आयोजित अपनी पहली निवेश समिति की बैठक में दो स्टार्टअप को मणिपुर स्टार्टअप वेंचर फंड से सैद्धांतिक निवेश प्रतिबद्धताएँ प्राप्त हुईं ।
  • अष्टलक्ष्मी महोत्सव-2024 – 6 से दिसंबर, 2024 तक भारत मंडपमनई दिल्ली में अष्टलक्ष्मी महोत्सव-2024 आयोजित करने के लिए डोनर मंत्रालय द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। 13 सितंबर, 2024 को माननीय डोनर मंत्री द्वारा एक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया गया। इससे पूर्वोत्तर राज्यों की समृद्ध विरासतहस्तशिल्पहथकरघाकृषि-उत्पाद और शिल्प पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए उत्तर पूर्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एनईएसटी) क्लस्टर :

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने 13.8.2024 को प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के एस एंड टी क्लस्टर के समान पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष रूप से पूर्वोत्तर विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्लस्टर (एनईएसटी क्लस्टर) पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एनईएसटी को मंजूरी दी। 4 वर्टिकल को मंजूरी दी गई है अर्थात (i) जमीनी स्तर की प्रौद्योगिकियों पर नवाचार हब, (ii) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर के लिए प्रौद्योगिकी हब (iii) बांस आधारित प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता संवर्धन और कौशल विकास और कौशल विकास में नवाचार के लिए सीओई और (iv) बायोडिग्रेडेबल, पर्यावरण के अनुकूल प्लास्टिक और ठोस-अपशिष्ट प्रबंधन पर नवाचार केंद्र। एनईएसटी क्लस्टर का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से पूर्वोत्तर के लोगों की समस्याओं और चुनौतियों की पहचान कर उनका समाधान करना है।

  • पूर्वोत्तर क्षेत्र कृषि-वस्तु ई-कनेक्ट (एनई-आरएसीएपोर्टल का शुभारंभ –

यह पूर्वोत्तर में कृषि क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो माननीय प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है और हमारे किसानों के लिए वैश्विक बाजार को खोलता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) ने पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड (एनईडीएफआई) के सहयोग से 12 जुलाई 2024 को पूर्वोत्तर क्षेत्र कृषि-वस्तु ई-कनेक्ट (एनई-आरएसीए) नामक एक डिजिटल पहल शुरू की, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) से कृषि और बागवानी उत्पादों को ताजा और प्रसंस्कृत दोनों रूपों में बाजार से जोड़ना है। एनई-आरएसीए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को एनईसी द्वारा वित्त पोषित किया जाता है और इसे एनईडीएफआई द्वारा विकसित और प्रबंधित किया जाता है।

  • आदिवासी कल्याण एवं विकास परिषद (एडब्ल्यूडीसी) के विकास के लिए विशेष विकास पैकेज – इस समझौता ज्ञापन (एमओएस) पर भारत सरकार, असम सरकार और असम के विभिन्न आदिवासी सशस्त्र समूहों द्वारा हस्ताक्षर किए गए। एमओएस के अनुसार, भारत सरकार वित्त वर्ष 2024-25 से पांच वर्षों की अवधि तक प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित करेगी। आदिवासी कल्याण एवं विकास परिषद (एडब्ल्यूडीसी) के विकास के लिए विशेष विकास पैकेज को डोनर मंत्रालय को कार्यान्वयन के लिए आवंटित किया गया था। इसके बाद, एमओडीएनईआर ने एमओएस को लागू करने के लिए दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दिया है। एडब्ल्यूडीसी के तहत बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का प्राथमिक ध्यान बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और सामाजिक सुविधाओं में सुधार और समुदायों का सतत विकास करने पर होगा ।
  • विभिन्न पोर्टलों का विकास – 22 जुलाई, 2024 को भारत सरकार के 54 मंत्रालयों/विभागों (10% जीबीएस के अंतर्गत गैर-छूट प्राप्त) की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं की मजबूत निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया गया। उक्त पोर्टल विकसित किया गया । सभी मंत्रालयों को 6 सितंबर, 2024 को एक लाइव डेमो के माध्यम से जागरूक किया गया है। यह पोर्टल भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं की मजबूत निगरानी और मूल्यांकन में मदद करेगा। इसी तरह, 54 गैर-छूट प्राप्त मंत्रालयों/विभागों के 10% जीबीएस के तहत किए जा रहे व्यय को कैप्चर करने के लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है। संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा निगरानी किए जाने वाले व्यय का विवरण राज्यवार और योजनावार होगा। पोर्टल राज्यवार और योजनावार व्यय विवरण कैप्चर करेगा, जिससे प्रभावी मूल्यांकन और निगरानी सुनिश्चित होगी।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र में राज्य निवेश संवर्धन एजेंसियों (आईपीए) को मजबूत करना – अगस्त 2024 में, परियोजना के कार्यान्वयन के लिए डोनर मंत्रालय और इन्वेस्ट इंडिया के बीच द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन को डोनर मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है। प्रस्ताव का उद्देश्य राज्यों को अच्छी निवेश नीतियों और गुणात्मक क्षेत्रीय निवेश नीतियों को डिजाइन करने में विशेषज्ञ मानव संसाधन प्रदान करके राज्य आईपीए को मजबूत करना है।

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गंगा बैराज के माध्यम से गंगा नदी की जल धारा प्रवाहित होने के कारण गंगा नदी कानपुर नगर की आबादी से सटकर बह रही

कानपुर 18 सितम्बर (सू0वि0) अधिशासी अभियन्ता, बैराज, निर्माण खण्ड-2, कानपुर, पंकज गौतम ने बताया कि कानपुर नगर में गंगा बैराज के माध्यम से गंगा नदी की जल धारा प्रवाहित होने के कारण गंगा नदी कानपुर नगर की आबादी से सटकर बह रही है। गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि के फलस्वरूप बैराज के नीचे गंगा नदी के बॉये तट पर स्थित ग्राम लोधवा खेड़ा (चौनपुरवा, धारमखेड़ा, देवनीपुरवा, नई बस्ती, मंगलपुरवा बड़ा, मंगलपुरवा छोटा, पहाडीपुर), कटरी शंकरपुर सराय (ग्राम गंगा बैराज नई बस्ती, नत्थापुरवा, रामनिहालपुर, मेघनपुरवा, कल्लूपुरवा) एवं उन्होंने कच्ची मडैया ग्रामों के लोगों और दॉये तट पर किनारे बसे हुये लोगों को एतद्वारा सूचित किया है कि आगामी दो दिवस में गंगा बैराज पर गंगा नदी का जल स्तर चेतावनी बिन्दु/स्तर 114.00 मीटर के ऊपर हो जाने की सम्भावना है।
उन्होंने उक्त ग्रामों/टोलों के नागरिकों से अपेक्षा है कि वे नदी के किनारों से दूर रहें और समय रहते तत्काल सुरक्षित स्थान पर चले जायें।

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शान ए अवध के बैनर तले संगीत का समागम हुआ

भारतीय स्वरूप संवाददाता लखनऊ स्थित होटल पिनेकल में शान ए अवध के बैनर तले नए पुराने गीतों के साथ संगीत की बेहतरीन महफिल सजी, जिसमे गायकी के शौकीनों ने अपनी कला से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस संगीतमय कार्यक्रम में हिंदुस्तान के विभिन्न कोनो से लोग आए और अपनी कला का जौहर दिखाया

संगीत के इस कार्यक्रम का शुभारम्भ माता सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया, सूरों  के महारथियों ने गायकी के जलवे बिखेरे। नए पुराने गीतों के साथ पूरे दिन सुरों की गंगा यमुना बही,

अत्यंत ही खुशनुमा माहौल में गायक गायिका अपने गीत गाने के बाद दूसरों के लिए श्रोता भी थे एक दूसरे की गायकी को मंत्रमुग्ध से सुनते साथ में नाचते गाते रहे, अलग अलग गायकों के गाए गीतों से पूरा प्रांगण संगीतमय हो गया लोगों से बात करने पे उन्होंने कहा कि वक्त का पता ही नहीं चला कब सुबह से रात हो गई।

 

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अतुल दीक्षित  “सम्पादक मुद्रक स्वामी”

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जनपद के 1079 प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों को मिले आवास*

जनपद के 1079 प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों को मिले आवास

कानपुर नगर, दिनांक 17 सितम्बर, 2024 (सू0वि0) मंत्री उच्च शिक्षा/विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उ0प्र0/प्रभारी मंत्री जनपद कानपुर नगर योगेन्द्र उपाध्याय जी ने परशुराम वाटिका में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। तत्पश्चात प्रमिला सभागार, नगर निगम, मोतीझील में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत लाभार्थियों के गृह प्रवेश कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया, इस अवसर पर मा0 प्रधानमंत्री जी भारत सरकार के भुनेश्वर, उड़ीसा के कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दिखाया गया।

इस अवसर पर मा0 मंत्री जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधामंत्री जी के नेतृत्व में आवास योजना शहरी 2.0 के अन्तर्गत आर्थिक रूप से कमजोर एवं अल्प आय वर्ग, मध्यम वर्ग के लोगों के सपनों को पूरा करने हेतु पक्का मकान, 01 करोड़ शहरी गरीब लोगों का बनाया जायेगा, जिसमें कुल 10 लाख करोड़ का व्यय लोगा एवं मध्यम वर्ग के परिवार जिसमें 2.30 करोड़ सरकार सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि अगले 05 वर्षों में 01 करोड़ आवास बनाये, किराये पर दिये जायेंगे। ब्याज में छूट की सुविधा देकर ऋण पर किफायती आवास का निर्माण कराया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत सफाई कर्मी, पीएम स्वनिधी के लाभार्थी, पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी, आगंनबाडी वर्कर, बिल्डिंग मिस्त्री अथवा अन्य निर्माण के मजदूर, मलिन बस्ती में निवास करने वाले छुग्गी झोपडी वाले लक्षित समूह है।

*जनपद में कुल स्वीकृत 32 हजार 528 आवासों के सापेक्ष 30 हजार 957 आवास हुए पूर्ण*

जनपद कानपुर नगर में अगस्त 2024 तक कुल स्वीकृत 32 हजार 528 आवासों के सापेक्ष 30 हजार 957 आवास पूर्ण हो चुके है। इसमें से बीएलसी एन (सूडा) द्वारा लक्ष्य 10871 के सापेक्ष 10574 आवास बनाये गये। एएचपी (कानपुर विकास प्राधिकरण) द्वारा लक्ष्य 15249 के सापेक्ष 13975 आवास बनाये गये। वहीं, सीएलएसएस (बैंक) द्वारा लक्ष्य 6408 के सापेक्ष शत-प्रतिशत आवास पूर्ण कराये गये।
*इन्हे सौंपी चाबी*

प्रभारी मा0 मंत्री जी ने मंच से विजय लक्ष्मी, रजनी गुप्ता, उमानाथ यादव, मनोरमा, मीना, दरख्शा परवीन, राकेश कुमार, भरत कुमार, रमाकान्त, आशा, अशोक गौड़, कुन्ती तिवारी, अनूप बाजपेई, लल्लू प्रसाद, रेखा शुक्ला, उर्मिला बाजपेई, सुमन, सुमिता शर्मा, राकेश, सज्जन तिवारी, रेहाना बेगम, राज कमल यादव, प्रेम शंकर, अशोक कुमार दीक्षित, नितिन मिश्रा को आवास की चाबी सौंपी।
इस अवसर पर मा0 महापौर प्रमिला पाण्डेय, मा0 सांसद रमेश अवस्थी, देवेन्द्र सिंह भोले, मा0 विधायक नीलिमा कटियार, महेश त्रिवेदी, सुरेन्द्र मैथानी, सरोज कुरील, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, के0डी0ए0 वी0सी0 मदन सिंह, नगर आयुक्त सुधीर कुमार सहित सम्बन्धित अधिकारीगण, लाभार्थीगण व अन्य गण्यमान्य उपस्थित रहे।

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज, की वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट का अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज, की वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट का अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया
कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्राचार्या प्रो. सुमन, मुख्य कुलानुशासक कैप्टन ममता अग्रवाल, पूर्व रेन्जर्स प्रभारी प्रो. प्रीति पाण्डेय, मीडिया प्रभारी डॉ. प्रीति सिंह, रेन्जर्स प्राभारी ऋचा सिंह एवं एन. सी. सी. प्राभारी डॉ. प्रीती यादव ने किया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रो. प्रीति पाण्डेय ने पिछले सत्र में वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट की गतिविधियों पर एक पी.पी.टी. प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने बताया कि, वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट ने औरेया में समागम में प्रतिभाग किया और कई प्रतियोगिताओं में पुरुस्कार भी जीते।
कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में प्राचार्या ने रेन्जर्स को यूनिट से संबंधित महत्वपूर्ण निर्देश दिए तथा उन्हें प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए
रेन्जर्स प्राभारी ऋचा सिंह ने सत्र 2024-25 की वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की।
इसके पश्चात समागम में हिस्सा ले चुके कुछ रेन्जर्स अमृता, पंकजा,महिमा आदि ने कैम्प के अपने अनुभव साँझा किए।
कार्यक्रम के अंत मे रेन्जर्स प्राभारी ऋचा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में प्रो.मीनाक्षी व्यास, डॉ. कोमल सरोज, डॉ. रश्मि गुप्ता, डॉ. पूजा गुप्ता आदि शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
कार्यक्रम का संयोजन वैष्णवी रेन्जर्स यूनिट ने किया तथा मंच संचालन रेन्जर्स महिमा एवं पंकजा ने किया।

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डी जी कॉलेज में स्वच्छता पखवाड़े का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर द्वारा स्वच्छता पखवाड़े का शुभारंभ एनएसएस वॉलिंटियर्स के द्वारा वाटिका में साफ सफाई करके किया गया। इस दौरान उन्होंने कैंपस को प्लास्टिक मुक्त बनाने हेतु जागरूकता अभियान चलाते हुए लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक जैसे पानी की बोतल, रैपर, पाउच एवम् पॉलीथिन आदि का प्रयोग न करने की अपील भी की। यह पखवाड़ा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक *स्वच्छता ही सेवा है* अभियान के अंतर्गत चलाया जाएगा। इस दौरान वॉलिंटियर्स के द्वारा विभिन्न गतिविधियां करके अपने शहर, अपने महाविद्यालय तथा सार्वजनिक स्थलों को साफ रखने मे अपना योगदान किया जाएगा तथा इस संबंध में लोगों को जागरूक करते हुए साफ सफाई एवं स्वच्छता का महत्व भी समझाया जाएगा। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो वंदना निगम ने कहा कि यह अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है क्योंकि साफ सफाई एवं स्वच्छता रखना हम सभी का कर्तव्य है। छात्राओं के द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की उन्होंने प्रशंसा की तथा उनका मनोबल बढ़ाते हुए अपना हर संभव सहयोग देने का वादा भी किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में भूगोल विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजना श्रीवास्तव, श्वेता गोंड, अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ साधना सिंह, मनोविज्ञान विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अपूर्व बाजपेई समेत आकांक्षा यादव अंतरा कश्यप जहान्वी कश्यप आदि वॉलंटियर्स का योगदान सराहनीय रहा।

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भारत ने 12 और 13 सितंबर 2024 को ब्राजील के कुइआबा में जी-20 कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान अमेरिका, ब्राजील, जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, स्पेन, यूएई के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर ने जी-20 द्विपक्षीय बैठकों के दौरान ब्राजील में भारत के राजदूत श्री सुरेश रेड्डी और कृषि एवं किसान विभाग के संयुक्त सचिव श्री फ्रैंकलिन एल. खोबुंग के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। श्री राम नाथ ठाकुर और जापान के कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन मंत्री श्री साकामोटो के बीच 12 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक संपन्न हुई।

दोनों पक्षों ने प्रौद्योगिकी के प्रयोग, खाद्य प्रसंस्करण, शीत भंडारण आदि, भारत में सतत कृषि और उत्पादकता सहित पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में निजी निवेश के माध्यम से सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

बैठक में बाजार पहुंच के मुद्दों पर चर्चा की गई, जहां भारतीय मंत्री श्री ठाकुर ने जापान में भारतीय अनार और अंगूर की बाजार पहुंच में तेजी लाने का आग्रह किया, जबकि जापान के मंत्री श्री साकामोटो ने जापानी देवदार की बाजार पहुंच का मुद्दा उठाया।

राम नाथ ठाकुर और ब्राजील के कृषि एवं पशुधन मंत्री श्री होस्ट कार्लोस फावारो के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक हुई।

श्री फेवरो ने भारतीय अध्यक्षता से मिली सीख और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों पर जोर दिया। श्री ठाकुर ने एडब्ल्यूजी बैठकों के सफल समापन पर ब्राजील की अध्यक्षता को बधाई दी।

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग, इथेनॉल उत्पादन में सहयोग और बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।

दोनों पक्षों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की तथा आशा व्यक्त की कि आईसीएआर इंडिया और एम्ब्रापा ब्राजील के बीच समझौता ज्ञापन नवंबर में जी-20 नेताओं की बैठक से पहले पूरा हो जाएगा।

ब्राजील पक्ष ने इथेनॉल उत्पादन प्रौद्योगिकी में सहयोग करने की प्रतिबद्धता दिखाई, जिससे जलवायु परिवर्तन संबंधी कार्रवाई में सहायता मिलेगी।

भारत अपने ज्वार, रेपसीड, कपास, गेहूं, जौ और प्याज के लिए ब्राजील के बाजार तक पहुंच चाहता है। ब्राजील पक्ष साइट्रस आदि के लिए भारत के बाजार तक पहुंच चाहता है। मंत्रियों ने लंबित मुद्दों को हल करने के लिए आशा व्यक्त की जिससे व्यापारिक बाधा दूर हो जाएगी।

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री ठाकुर और अमेरिका की कृषि उप-सचिव सुश्री ज़ोचिटल टोरेस स्माल के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राज़ील में द्विपक्षीय बैठक हुई।

दोनों पक्षों ने यूएसडीए और एमए एंड एफडब्ल्यू वार्ता पहल पर आगे की कार्रवाई पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने जलवायु-स्मार्ट कृषि; कृषि उत्पादकता वृद्धि; कृषि इनोवेशन; पूर्वानुमान और उत्पादन रिपोर्टिंग तथा कृषि एवं फसल जोखिम संरक्षण और कृषि ऋण के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। अमेरिका ने कंसेप्ट नोट और इसके निरंतर विकास की सराहना की। यूएसडीए ने फसल बीमा क्षेत्र में दौरों के माध्यम से प्राप्त अनुभवों को साझा करने पर सहमति व्यक्त की।

श्री ठाकुर ने फलों और सब्जियों आदि के लिए बाजार पहुंच के मुद्दों पर प्रकाश डाला। अमेरिका ने भारत को अल्फाल्फा घास चारे के लिए बाजार पहुंच में तेजी लाने का अनुरोध किया। दोनों पक्षों ने सहमत रणनीतियों के अनुसार बाजार पहुंच से संबंधित लंबित मुद्दों को हल करने पर सहमति व्यक्त की।

श्री राम नाथ ठाकुर की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और जर्मनी की संसदीय राज्य सचिव सुश्री ओफेलिया निक की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई

सुश्री ओफेलिया निक ने श्री ठाकुर को बर्लिन में खाद्य एवं कृषि के ग्लोबल फोरम तथा कृषि मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। राम नाथ ठाकुर की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और ब्रिटेन के खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण मामले मंत्री श्री डैनियल ज़ीचनर की अध्यक्षता वाले प्रतिनिधिमंडल के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई।

ठाकुर ने भारत जर्मन संयुक्त कार्य समूह की चल रही नियमित बैठकों पर प्रसन्नता व्यक्त की और आशा व्यक्त की कि संयुक्त कार्य समूह की अगली आगामी बैठक सार्थक होगी। सुश्री ओफेलिया निक ने सुझाव दिया कि भारत-जर्मन कार्य समूह को नई दिल्ली में अगले आहार खाद्य मेले के समानांतर आयोजित किया जाना चाहिए। दोनों पक्ष त्रिकोणीय विकास परियोजनाओं के माध्यम से कृषि इको सिस्टम, तकनीकी आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के अनुप्रयोग, छोटे किसानों को सहायता, कृषि इको सिस्टम और जैविक खेती जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने कृषि खाद्य प्रणाली को सतत कृषि, अनुसंधान और साइंस प्रेसिजन ब्रीडिंग, जीन एडिटिंग और विस्तार सेवाओं में परिवर्तन के संबंध में सहयोग करने में अपनी रुचि व्यक्त की।

श्री ज़ीचनर ने किसानों तक विज्ञान पहुंचाने में केवीके और एटीएमए की भूमिका की सराहना की तथा आईसीएआर के साथ संयुक्त कार्यशाला के माध्यम से भारतीय मॉडल से सीखने और कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र के ब्रिटेन के अनुभव को साझा करने में रुचि दिखाई। ब्रिटेन ने कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाने में भी रुचि दिखाई।

श्री ठाकुर की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और स्पेन के कृषि, मत्स्य पालन और खाद्य मंत्री महामहिम लुइस प्लानस की अध्यक्षता वाले प्रतिनिधिमंडल के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। प्लानस ने डेयरी उत्पादों के लिए पशु चिकित्सा प्रमाण पत्र की स्वीकृति हेतु भारतीय मंत्री को धन्यवाद दिया और भविष्य में इस तरह के प्रोटोकॉल पर काम करने में रुचि दिखाई। उन्होंने मांस और मांस उत्पादों के लिए सैनिटरी और वेटेरिनरी प्रमाण पत्र के समाधान में भी रुचि दिखाई और संतरे के लिए ट्रांजिट में कोल्ड स्टोरेज की वैधता की पुष्टि प्राप्त होने की उम्मीद जताई।     दोनों पक्षों ने प्रौद्योगिकी, नई जीनोमिक तकनीकों, जल उपयोग दक्षता की प्रथाओं और तकनीकों, जलवायु सहिष्णु कृषि, बीजों और पौधों के लिए तकनीकी और वैज्ञानिक समाधान तथा दोनों देशों के अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग के आदान-प्रदान की इच्छा व्यक्त की। श्री प्लानस ने श्री ठाकुर को मैड्रिड आने का निमंत्रण दिया।

श्री ठाकुर की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और यूएई की पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय की महामहिम डॉ. आमना अल दहाक की अध्यक्षता वाले प्रतिनिधिमंडल के बीच 12 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। दोनों पक्षों ने कृषि क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता जताई। दोनों पक्षों ने तकनीकी टीमों द्वारा बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों की चर्चा करने पर सहमति व्यक्त की।

यूएई ने अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में सहयोग, वर्टिकल फार्मिंग, उच्च उपज प्रौद्योगिकियों पर अनुभव साझा करने में रुचि दिखाई। दोनों पक्षों ने सतत कृषि, लचीली खाद्य प्रणालियों से संबंधित मुद्दों की भी चर्चा की।

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