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विकसित देशों की गैर टिकाऊ जीवनशैली आज भी पूरी दुनिया को खतरे में डाल रही है: भूपेन्दर यादव

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  भूपेन्दर यादव ने 16 फरवरी 2022 को विश्व टिकाऊ विकास सम्मेलन 2022 के 21वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में विशेष भाषण दिया। डब्ल्यूएसडीएस ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) का वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम है।

श्री यादव ने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक पर्यावरण चुनौतियों का समाधान करने के लिए, हमें अब अनिवार्य रूप से समानता तथा समान लेकिन विभिन्न जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए सहमति प्राप्त वैश्विक नियमों पर कार्य करना चाहिए। पेरिस समझौता के लक्ष्यों को तब तक अर्जित नहीं किया जा सकता है जब तक कि सभी देशों द्वारा वैश्विक कार्बन बजट के उचित हिस्से के भीतर रहते हुए इक्विटी को कार्यान्वित न किया जाए। हमारा लक्ष्य न्यायसंगत सतत विकास तथा जलवायु कार्रवाईयों में निष्पक्षता होनी चाहिए। केवल तभी ‘‘जलवायु न्याय‘ प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि संसाधनों के उपयोग के प्रति दृष्टिकोण अनिवार्य रूप से ‘सचेत और सुविचारित उपयोग’  न कि ‘विचारहीन तथा विनाशकारी’ होना चाहिए।  एल. आई. एफ. आई. (लाइफस्टाइल फॉर द इनविरोनमेंट) जिसका भारत के प्रधानमंत्री ने ग्लासगो में सीओपी 26 में अनावरण किया था, के लक्ष्य को विश्व द्वारा अपनाया जाना चाहिए जिससे कि मानवता तथा ग्रह की रक्षा हो सके। श्री यादव ने कहा, ‘‘ जिन्होंने विश्व को गलत दिशा में ले जाने में सबसे अधिक योगदान दिया है, उन्हें ही अनिवार्य रूप से स्थिरता के मार्ग पर वापस लाने के लिए सर्वाधिक प्रयास करना चाहिए।”

पर्यावरण को बचाने की गहन आवश्यकता पर विचार करते हुए श्री यादव ने रेखांकित किया कि हालांकि औद्योगिक क्रांति से देशों में समृद्ध आई है, पर इसके कारण पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा ‘‘अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, भारत ने वास्तव में अपनी जलवायु महत्वाकांक्षा में वृद्धि की है। भारत विश्व में सबसे महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तनों की अगुवाई कर रहा है।”

श्री यादव ने यह भी कहा कि भारत के समावेशी तथा टिकाऊ वृहद-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है कि देश के अनुकूलन तथा शमन दोनों ही उद्देश्‍यों को, हमारे लोगों की आकांक्षाओं तथा आवश्यकताओं के बड़े लक्ष्य के भीतर समान तथा न्यायोचित तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे नवीनतम आम बजट ने इस मार्ग का अनुसरण करने के हमारे दृढ़ संकल्प की पुष्टि की है।

अपने संबोधन का समापन समानता की आवश्यकता के साथ करते हुए, उन्होंने कहा कि ‘‘विकसित देशों को अनिवार्य रूप से अपनी ओर से समुचित महत्वाकांक्षा के साथ प्रत्युत्तर देना चाहिए तथा निश्चित रूप से अपने दोनों वादों- अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाने के जरिये उत्सर्जन में भारी कमी लाने तथा विकासशील देशों को अधिक वित्त तथा प्रौद्योगिकीय सहायता उपलब्ध कराने- को पूरा करना चाहिए।

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आयुध पैराशूट फैक्ट्री के कर्मचारियों द्वारा स्थानीय समस्याओं के निवारण हेतु आज से एक सप्ताह का आंदोलन

कानपुर 21 फरवरी, भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के अखिल भारतीय आवाहन पर दिनांक 21/02/2022 से 26/02/2022 तक देश की 41 आयुध निर्माणियों और इनके कर्मचारियों के हित लाभ की रक्षा से जुड़े स्थानीय मुद्दों के शीघ्र निस्तारण हेतु आंदोलन प्रारंभ किया गया। आंदोलन के क्रम में आयुध पैराशूट फैक्ट्री के अंतर्गत पैराशूट राष्ट्रीय मजदूर संघ ने आज दोपहर भोजनवाकश के समय निर्माणी द्वार पर कार्यकर्ताओं की भारी संख्या के साथ आंदोलन प्रारंभ किया। निर्माणी प्रबंधन से मांग की आयुध निर्माणियों का निगमीकरण हुए लगभग 5 माह बीत रहे है परंतु निर्माणी प्रशासन की सुस्ती के कारण कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण निश्चित समय में नही हो रहा हैऔर कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

जैसे:- जीपीएफ आहरण समय से नही किया जाना, कच्चे माल की कमी को दूर न किया जाना, IR MECHANISH का गठन न किया जाना, मृतक आश्रितों को गत 3 वर्षों से नौकरी न देना, कोर्ट के आदेश होने के उपरांत एरियर का भुगतान न होना, पदोन्नति तथा पदोन्नति उपरांत वेतन निर्धारण समय से न किया जाना, लंबित मेडिकल बिलों तथा एरियर का भुगतान समय से न करना, वेतन विकल्प का लाभ शीघ्र लागू न करना इत्यादि।

आंदोलन का संचालन सुधीर त्रिपाठी ने किया तथा अध्यक्षता जितेंद्र चोपड़ा ने की, जिसमे मुख्य रूप से यूनियन के महामंत्री प्रेम कुमार तथा यूनियन के मंत्री संजीव कश्यप ने संबोधन दिया। कार्यक्रम में यूनियन के अन्य पदाधिकारियों के रूप में अमर बाबू,  अखिलेश प्रताप सिंह, रवी शंकर, प्रदीप सिंह , जय कुमार, सचिन वर्मा, अजय जायसवाल, वेद प्रकाश शर्मा, प्रवीण यादव के साथ अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता और निर्माणी के कर्मचारी उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री ने मणिपुर के रानी गाइदिन्ल्यू रेलवे स्टेशन पर पहली बार मालगाड़ी पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की

प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के रानी गाइदिन्ल्यू रेलवे स्टेशन पर पहली बार मालगाड़ी पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि मणिपुर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा तथा वाणिज्य को बढ़ावा दिया जाएगा।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी के एक ट्वीट के जवाब में, प्रधानमंत्री ने कहा:

“उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बदलाव जारी है।

मणिपुर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा तथा वाणिज्य को बढ़ावा दिया जाएगा। इस राज्य के उत्कृष्ट उत्पाद देशभर में भेजे जा सकते हैं।”

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भारत का स्टार्टअप ’बोटलैब’ कल शाम ’बीटिंग रिट्रीट’ समारोह के दौरान 1,000 ड्रोन उड़ाएगा

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा वित्त पोषित और आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों की अगुवाई में भारत का स्टार्टअप ’बोटलैब’ गणतंत्र दिवस से संबंधित लगभग एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों के समापन पर कल शाम ’बीटिंग रिट्रीट’ समारोह में लाइट शो के तहत 1,000 ड्रोन उड़ाएगा। उन्होंने बताया कि इससे भारत 1,000 ड्रोन के साथ इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने वाला चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद चौथा देश बन जाएगा।

ड्रोन की प्रस्तुति के एक निदर्शन के दौरान आज मंत्री ने अपने आवास पर ’बोटलैब’ स्टार्टअप टीम के सदस्यों के साथ बातचीत की जिसमें तन्मय बुनकर, सरिता अहलावत, सुजीत राणा, मोहित शर्मा, हर्षित बत्रा, कुणाल मीणा व अन्य शामिल थे। बोटलैब डायनेमिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और इंजीनियर्स इस बात से उत्साहित थे कि भारत में पहली बार 1,000 ड्रोन से एकसाथ आकाश को रोशन करने वालों में वे शुमार होंगे। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्टार्ट-अप, बोटलैब डायनेमिक्स को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा अनुसंधान एवं विकास के लिए एक करोड़ रुपये का सीड फंड दिया गया था और बाद में भारत में अपनी तरह की पहली तकनीकी परियोजना विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड की ओर से व्यापक पैमाने और व्यावसायीकरण के लिए 2.5 करोड़ रुपये दिए गए थे। मंत्री ने भारत को स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र का वैश्विक केंद्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को पूरा करने के लिए इस तरह के और नवोन्मेषी टिकाऊ स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। बोटलैब डायनेमिक्स की एमडी डॉ सरिता अहलावत ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई पूरी वित्तीय सहायता के कारण ही ड्रोन परियोजना सफल हो पाई, क्योंकि निजी क्षेत्र हार्डवेयर स्टार्ट-अप को मदद करने के खिलाफ थे। उन्होंने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रस्तावों को छोड़ देने और इस विचार को अपनाने के लिए परियोजना से जुड़े इंजीनियरों का भी आभार जताया।डॉ अहलावत ने 3डी कोरियोग्राफ किए गए ड्रोन लाइट शो के लिए 500-1000 ड्रोन से निर्मित रूप बदलने वाली झुंड प्रणाली यानी रिकन्फिगरेबल स्वार्मिंग सिस्टम डिजाइन व विकसित करने की परियोजना को पूरा समर्थन और प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह को धन्यवाद दिया।डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में विकसित बोटलैब डायनेमिक्स टीडीबी से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के बाद 6 महीने में एक फ्लीट 1000 झुंड ड्रोन विकसित करने में सक्षम हुआ। उन्होंने इस बात पर भी गर्व महसूस किया कि इस परियोजना को देश के भीतर स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, जिसमें सभी आवश्यक घटकों का विकास शामिल था, जिसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों जैसे फ्लाइट कंट्रोलर (ड्रोन का मस्तिष्क), सटीक जीपीएस, मोटर नियंत्रक, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) एल्गोरिदम आदि शामिल हैं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के सहयोग से बोटलैब ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अनोखा ’ड्रोन शो’ की परिकल्पना की है। उन्होंने कहा कि ड्रोन शो 10 मिनट की अवधि का होगा और अंधकारमय आकाश में कई रचनात्मक संरचनाओं के माध्यम से आजादी के 75 साल में सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना की सफलता अंतर-मंत्रालयी समन्वय का एक आदर्श उदाहरण है जिसमें रक्षा मंत्रालय, डीएसटी, टीडीबी और आईआईटी दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर अंतिम कार्यकारी अधिकारी तक सभी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने और आत्मनिर्भर भारत मिशन की उपलब्धि को प्रदर्शित करने में कंपनी को प्रोत्साहन देने के लिए मिलकर काम किया। मंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का सांविधिक निकाय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड भारत में विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों के लिए नए अवसरों और क्षेत्र मुहैया करके अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में सहायक रहा है। टीडीबी का मानना है कि देश के आर्थिक, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विकास में योगदान करते हुए, नई प्रौद्योगिकियों को भविष्य के दशक में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।अपने अद्वितीय अधिदेश के साथ, टीडीबी स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास और वाणिज्यिक अनुप्रयोग का प्रयास करने वाले या आयातित प्रौद्योगिकियों को व्यापक घरेलू अनुप्रयोगों के अनुकूल बनाने वाले भारतीय औद्योगिक संस्थाओं और अन्य एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। टीडीबी के वित्तपोषण को अन्य वित्तीय निकायों से विशिष्ट बनाने वाला दूसरा पहलू यह है कि यह उन कंपनियों को भी धन मुहैया करता है जिनमें उच्च जोखिम वाली प्रौद्योगिकी शामिल होती है। “टीडीबी के सचिव, आईपी एंड टीएएफएस, श्री राजेश कुमार पाठक ने कहा, “समय की कमी के कारण, यह परियोजना टीडीबी के लिए एक चुनौती के रूप में आई थी, लेकिन इसमें शामिल नवाचार और राष्ट्र निर्माण में योगदान को देखते हुए, टीडीबी ने इसे स्वीकार किया और हमें खुशी है कि हम समय पर सहायता प्रदान कर सके। साथ ही, परियोजना के लिए समय पर समर्थन देने के लिए प्रो. आशुतोष शर्मा (पूर्व अध्यक्ष, टीडीबी और पूर्व सचिव, डीएसटी) और परियोजना के राष्ट्रीय महत्व को समझने के लिए मेरे पूर्ववर्ती डॉ. नीरज शर्मा (पूर्व सचिव, टीडीबी) को मेरा आभार है।

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ब्रह्मोस ने तट आधारित एंटी-शिप (जहाज रोधी) मिसाइल प्रणाली के निर्यात को लेकर फिलीपींस के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) ने फिलीपींस को तट आधारित एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति को लेकर 28 जनवरी, 2022 को फिलीपींस गणराज्य के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। बीएपीएल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की संयुक्त उद्यम कंपनी है। भारत सरकार की जिम्मेदारी पूर्ण रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने की नीति को लेकर यह अनुबंध एक महत्वपूर्ण कदम है।

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डीजीजीआई गाजियाबाद के अधिकारियों ने 3,100 करोड़ रुपये से अधिक के जाली बिलों का फर्जीवाड़ा करने वाली 275 फर्जी फर्मों का भंडाफोड़ किया

वस्तु एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई), गाजियाबाद क्षेत्रीय इकाई ने एक ऐसे सिंडीकेट का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी फर्में बनाकर जाली बिल जारी करता था। इस फर्जीवाड़े में यह सिंडीकेट बिना कोई माल भेजे या सेवा दिये ही जीएसटी रिफंड को भुना लेता था। सटीक गोपनीय सूचना मिलने के बाद, दो परिसरों की छानबीन की गई, जहां से विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज/वस्तुयें मिलीं, जो 200 से ज्यादा फर्जी फर्मों से सम्बंधित थीं, यानी मोबाइल फोन, डिजिटल हस्ताक्षर, डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, लोगों की फोटो, किरायेदारी समझौता, लैपटॉप, पेन ड्राइव, मुहरें, दफ्तर की चाबियां, सिम कार्ड, चेक-बुक और कुछ कच्चे दस्तावेज।

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गहराई से पड़ताल करने पर पता चला कि इस फर्जीवाड़े में क्लाउड प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता था। इन सबको जमा किया गया। आंकड़ों और सबूतों का विश्लेषण करने पर यह बात सामने आई कि इस गोरखधंधे में 275 फर्जी फर्में हैं, जो सिर्फ कागज पर मौजूद हैं। ये फर्जी फर्में जाली बिल जारी करती थीं। इस तरह कुल 3,189 करोड़ रुपये के जाली बिल मिले हैं, जिनके जरिये 362 करोड़ रुपये की जीएसटी की चोरी की गई।

 

फर्जी फर्में बनाने की नीयत से लोगों के पहचान-पत्र जमा करने का काम करने वाले सरगना का नाम टिंकू यादव है, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। टिंकू यादव ने जो सूचना दी और कई आईपी ऐड्रेसों की जांच करने पर वास्तविक मास्टर-माइंड लोगों का पता चल गया, जिनके नाम विपिन कुमार उर्फ निक्कू और योगेश मित्तल हैं। इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पता चला है कि विपिन कुमार गुप्ता और योगेश मित्तल आदतन अपराधी हैं। दोनों अपराधियों को पहले भी राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया है।

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कोविड-19: मिथक बनाम तथ्य

महाराष्ट्र में वैक्सीन की कमी का आरोप लगाने वाली कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वैक्सीन की कमी के कारण राज्य सरकार राज्य में टीकाकरण की गति को बढ़ाने में असमर्थ है। इस तरह की रिपोर्टें गलत हैं।

यह स्पष्ट किया जाता है कि, आज (14 जनवरी 2022) को उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, महाराष्ट्र में कोवैक्सिन की 24 लाख से अधिक अप्रयुक्त खुराक उपलब्ध हैं। आज अतिरिक्त 6.35 लाख खुराक प्राप्त हुई है। कोविन पर उपलब्ध उनके साप्ताहिक खपत आंकड़ों के अनुसार, पात्र लाभार्थियों को 15-17 वर्षों तक कवर करने के लिए महाराष्ट्र द्वारा औसत खपत और एहतियाती खुराक प्रति दिन लगभग 2.94 लाख खुराक है। इसलिए, राज्य के पास पात्र लाभार्थियों को कोवैक्सिन के साथ कवर करने के लिए लगभग 10 दिनों के लिए पर्याप्त टीका खुराक है।

इसके अलावा, कोविशील्ड के लिए, राज्य के पास अब तक 1.24 करोड़ अप्रयुक्त और शेष खुराक उपलब्ध हैं। प्रतिदिन 3.57 लाख की औसत खपत के साथ, यह लाभार्थियों के लिए टीके का उपयोग करके टीकाकरण के लिए 30 दिनों से अधिक समय तक बना रहेगा।

इसलिए, मीडिया रिपोर्टें तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं और महाराष्ट्र के पास उपलब्ध शेष खुराक और अप्रयुक्त कोविड वैक्सीन खुराक की सही तस्वीर को नहीं दर्शाती हैं।

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गडकरी ने उत्तर प्रदेश में 12981 करोड़ रुपये की लागत वाली 572 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज उत्तर प्रदेश के कौशांबी, अयोध्या और बस्ती में 12981 करोड़ रुपये की लागत वाली 572 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

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श्री गडकरी ने कौशांबी में 2659 करोड़ रुपये की लागत वाली 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने अयोध्या में 8,698 करोड़ रुपये की लागत वाली 6 एनएच परियोजनाओं की आधारशिला रखी और बस्ती में मंत्री महोदय ने 1,624 करोड़ रुपये की लागत वाली 3 एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग बन जाने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या रिंग रोड बनने से ट्रैफिक जाम की समस्या दूर हो जाएगी। भगवान श्री राम वन गमन मार्ग के निर्माण से महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल प्रयागराज, चित्रकूट, कौशांबी और श्रृंगवेरपुर धाम जुड़ जाएंगे। एनएच-233  के निर्माण से लुम्बिनी स्थित भगवान बुद्ध की जन्मस्थली वाराणसी और सारनाथ से जुड़ जाएगी।

 

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केन्द्रीय गृह अमित शाह ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के माध्यम से मणिपुर में 2,450 करोड़ रूपए के 29 विकास कार्यों का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के माध्यम से मणिपुर में 2,450 करोड़ रूपए के 29 विकास कार्यों का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हर जगह विकास पहुंचाने में मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह ने सफलता प्राप्त की है इन पांच सालों में ना कभी ब्लॉकेड हुआ, ना बंद हुआ और हिंसा पर भी काफ़ी हद तक क़ाबू पा लिया गया है, जब तक स्थिरता और शांति नहीं होती, तब तक विकास असंभव है बिरेन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि इसने स्थिरता, स्थायित्व, शांति के साथ-साथ विकास के रास्ते भी मणिपुर के लिए खोल दिए हैं पिछली सरकारों की ब्लॉकेड, हिंसा, भ्रष्टाचार, बंद, ड्रग्स के व्यापार की परंपरा से बाहर निकलने के लिए मणिपुर ने एक सफल प्रयास किया है प्रधानमंत्री मोदी ने कल ही 3000 करोड़ रूपए से अधिक की 21 परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया और पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी आज 265 करोड़ रुपए से अधिक लागत की 15 परियोजनाओं का उद्घाटन और 2194 करोड़ रुपए की 14 परियोजनाओं का भूमिपूजन हुआ हैदो ही दिनों में लगभग 5500 करोड़ रूपए की लागत के काम मणिपुर की जनता के लिए शुरू हुए हैं पिछली सरकारों के लंबे शासन में ऐसे दो दिन बता दीजिए जब 5500 करोड़ रूपए के कामों का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ हो पहले सरकारें 24 घंटे राजनीति करती थीं, हथियारबंद समूहों का साथ देती थीं, फ़िरौती, अपहरण, ड्रग्स का व्यापार और बंद के नाम पर जनता को परेशान करती थीं, लेकिन अब केन्द्र में मोदी सरकार और मणिपुर में बिरेन सिंह सरकार, दोनों ने मिलकर डबल इंजिन विकास से मणिपुर का परिचय कराया है

नरेन्द्र मोदी सरकार ने पूरे पूर्वोत्तर के विकास के लिए कई आयाम खोले हैं और प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि 8 राज्य भारत की अष्टलक्ष्मी हैं

पिछले साढ़े सात सालों में 1500 बार मंत्रियों का और अनेक बार प्रधानमंत्री जी का दौरा हुआ है

कई समस्याएं थीं, जैसे, बांग्लादेश के साथ लैंड बाउंड्री विवाद थे जिन्हें समझौतों के ज़रिए सुलझाया गया, ब्रू-रियांग समझौता किया गया, बोडो समझौता किया गया, 8 उग्रवादी समूहों से समझौता किया गया

लगभग 3000 उग्रवादी हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं और ये युवा आज देश के विकास में लगे हैं

पिछली सरकार के तीन आई (I) थे, Instability (अस्थिरता), Insurgency (उग्रवाद) and Inequality (असमानता), हमने तीन नए आई (I) बनाए, Innovation, Infrastructure and Integration

Integration से ही देश एक हो सकता है और पूर्वोत्तर एक हो सकता है

मणिपुर की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए रानी मां का और सारे जनजाति नेताओं का संग्रहालय निर्माण करने का काम किया, 31 जनजातीय संग्रहालय देशभर में बनेंगे जिनमें से एक मणिपुर में बनेगा

मोदी जी ने हम सबके सामने एक कल्पना रखी है कि एक विकसित नॉर्थईस्ट हो, जो पूरे पूर्वी भारत के विकास का आधार बने और इसी के माध्यम से ही पूर्वी भारत और पूरे भारत का विकास होगा

अंडमान में महाराजा कुलचंद्र और उनके साथियों ने अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी थी और उन्हें जहां रखा गया था उस जगह का नाम माउंट मणिपुर रखकर मोदी सरकार ने उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का काम किया है

ये मणिपुर ही है जिसे नेताजी ने स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार बनाया था और आईएनए का पहला झंडा फहराने का मौक़ा भी मणिपुर को ही मिला

आज़ादी के 75 वर्ष और मणिपुर के 50 वर्ष सभी मणिपुरवासियों के लिए नए संकल्प और नई ऊर्जा के वर्ष हैं

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के माध्यम से मणिपुर में 2,450 करोड़ रूपए के 29 विकास कार्यों का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी। इस अवसर पर मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ये मणिपुर ही है जिसे नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार बनाया था और आईएनए का पहला झंडा फहराने का मौक़ा भी मणिपुर को ही मिला। ये वर्ष देश की आज़ादी का 75वां वर्ष है और पूरा देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और मणिपुर भी अपने गठन के 50 वर्ष पूरे करेगा। एक मायने में आज़ादी के 75 वर्ष और मणिपुर के 50 वर्ष सभी मणिपुरवासियों के लिए नए संकल्प और नई ऊर्जा के वर्ष हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार बड़े मनोयोग के साथ पांच साल से मणिपुर के चप्पे-चप्पे के विकास के लिए प्रतिबद्ध दिखाई पड़ती है। पहाड़ हो, घाटी हो, वन हो, गांव हो या शहर हो, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व हर जगह विकास पहुंचाने में मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह ने सफलता प्राप्त की है। जब भी मणिपुर का इतिहास लिखा जाएगा, इन पांच सालों को एक स्वर्णिम युग के रूप में लिखा जाएगा। इन पांच सालों में विकास तो हुआ ही है, ना कभी ब्लॉकेड हुआ, ना बंद हुआ और हिंसा पर भी काफ़ी हद तक क़ाबू पा लिया गया है। जब तक स्थिरता और शांति नहीं होती, तब तक विकास असंभव है और बिरेन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि इसने स्थिरता, स्थायित्व, शांति के साथ-साथ विकास के रास्ते भी मणिपुर के लिए खोल दिए हैं। पिछली सरकारों की ब्लॉकेड, हिंसा, भ्रष्टाचार, बंद, ड्रग्स के व्यापार की परंपरा से बाहर निकलने के लिए मणिपुर ने एक सफल प्रयास किया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कल ही 3000 करोड़ रूपए से अधिक की 21 परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया और पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, शहरी विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, कला और संस्कृति जैसे क्षेत्रों को समाहित करते हुए अनेक योजनाएं शुरू कीं। आज इस कार्यक्रम के माध्यम से 265 करोड़ रुपए से अधिक लागत की 15 परियोजनाओं का उद्घाटन और 2194 करोड़ रुपए की 14 परियोजनाओं का भूमिपूजन हुआ है। लगभग 2450 करोड़ रूपए की लागत की परियोजनाओं की भेंट नरेन्द्र मोदी जी और बिरेन सिंह जी ने मणिपुर को दी है। दो ही दिनों में लगभग 5500 करोड़ रूपए की लागत के काम मणिपुर की जनता के लिए शुरू हुए हैं। पिछली सरकारों के लंबे शासन में ऐसे दो दिन बता दीजिए जब 5500 करोड़ रूपए के कामों का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ हो।

श्री अमित शाह ने कहा कि आने वाले समय में ऑर्गेनिक खाद्य उत्पादों का महत्व बहुत बढ़ने वाला है। इसी दिशा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आर्गेनिक मिशन की विशेष योजना के तहत सैनजेनथोंग में ऑर्गेनिक आउटलेट, कोल्ड रूम और पैकिंग यूनिट का उद्घाटन हुआ है। उन्होंने मणिपुर के सभी किसानों से कहा कि ऑर्गेनिक खेती को उन्होंने जिस प्रकार स्वीकार किया है और आपको उपज के ज़्यादा से ज़्यादा दाम मिल पाएं, इसके लिए भारत सरकार और मणिपुर सरकार कटिबद्ध हैं और इसी दिशा में आज ये नई शुरूआत हुई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 8 करोड़ रूपए की लागत से 75 ट्यूबवेल भी आज शुरू हुए। 16 करोड़ रुपए की लागत से पशुपालन क्षेत्र की पांच परियोजनाओं की शुरूआत हुई है, 21 करोड़ करोड़ रुपए की लागत से चार पुलों और सड़कों का निर्माण होने वाला है, 36 करोड़ रुपए की कुल लागत से तैयार चार जलापूर्ति परियोजनाओं से करीब 31,000 लोगों को कल से ही पेयजल की आपूर्ति होगी। पर्यटन स्थल के लिए भी काम हुआ है, मणिपुर विश्वविद्यालय परिसर में अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास भवन समर्पित हुआ है और आज

पुलिस स्मारक का भी उद्घाटन हुआ है। इसके साथ ही 46 करोड़ रुपए की लागत से सिरूई महोत्सव के लिए अवसंरचना विकास परियोजना की घोषणा, ‘हुनर हब’ का विकास, इम्फाल में ‘ओलंपियन पार्क’ की आधारशिला, लुवांगसांगबाम में क्रिकेट स्टेडियम में विस्तारित सुविधाएं, सेनापति, नोनी और काकचिंग ज़िलों में 108 करोड़ रुपए की लागत से जिला न्यायालय परिसरों की आधारशिला, 22 करोड़ रुपए की लागत से थंगापत में पांच जलाशयों और दो प्रमुख परियोजनाएं और ढेर सारे वॉटर बॉडी के लिए ख़र्च, 450 एकड़ के लम्फेलपत वाटरबॉडी के विकास की योजना भी बनाई है। न्यू डेवलपमेंट बैंक से 650 करोड़ रुपए के वित्त पोषण के साथ 450 एकड़ के लम्फेलपत वाटरबॉडी के कायाकल्प की परियोजना और न्यू डेवलपमेंट बैंक से लगभग 1149 करोड़ रुपए के वित्त पोषण से इंफाल शहर के लिए एकीकृत सीवरेज प्रणाली के दूसरे चरण का काम शुरू होगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पहले सरकारें 24 घंटे राजनीति करती थीं, हथियारबंद समूहों का साथ देती थीं, फ़िरौती, अपहरण, ड्रग्स का व्यापार और बंद के नाम पर जनता को परेशान करती थीं। लेकिन अब केन्द्र में मोदी सरकार और मणिपुर में बिरेन सिंह सरकार, दोनों ने मिलकर डबल इंजिन विकास से मणिपुर का परिचय कराया है। अंडमान में महाराजा कुलचंद्र और उनके साथियों ने अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी थी और उन्हें जहां रखा गया था उस जगह का नाम माउंट मणिपुर रखकर मोदी सरकार ने उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का काम किया है। हमने राज्य की सभी मांगों को समझा, स्वीकारा और आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने पूरे पूर्वोत्तर के विकास के लिए कई आयाम खोले हैं और प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि 8 राज्य भारत की अष्टलक्ष्मी हैं। मोदी जी ने भारत सरकार के सभी मंत्रियों को आदेश दिया है कि 15 दिन में हर मंत्री एक ना एक राज्य में उपस्थित हो और ज़िला कक्षा का कार्यक्रम करे। पिछले साढ़े सात सालों में 1500 बार मंत्रियों का और अनेक बार प्रधानमंत्री जी का दौरा हुआ है। श्री शाह ने कहा कि कई समस्याएं थीं, जैसे, बांग्लादेश के साथ लैंड बाउंड्री विवाद थे जनिहें समझौतों के ज़रिए सुलझाया गया, ब्रू-रियांग समझौता किया गया, बोडो समझौता किया गया, 8 उग्रवादी समूहों से समझौता किया गया। लगभग 3000 उग्रवादी हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं और ये युवा आज देश के विकास में लगे हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकार के समय में तीन आई (I) थे, Instability (अस्थिरता), Insurgency (उग्रवाद) and Inequality (असमानता)। हमने तीन नए आई (I) बनाए हैं, Innovation, Infrastructure and Integration। Integration से ही देश एक हो सकता है और पूर्वोत्तर एक हो सकता है। उन्होंने कहा कि तीन आई के फ़ॉर्म्यूला और प्रधानमंत्री जी के अष्टलक्ष्मी के आह्वान को हम ज़मीन पर उतारें। मणिपुर को हमने ब्लॉकेड फ्री किया है, बंद फ्री किया है और विकास के रास्ते पर चलाया है और मौका मिलने पर मणिपुर को हम ड्रग फ्री बनाने का काम भी सुनिश्चित करेंगे। मणिपुर की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए रानी मां का और सारे जनजाति नेताओं का संग्रहालय निर्माण करने का काम किया, 31 जनजातीय संग्रहालय देशभर में बनेंगे जिनमें से एक मणिपुर में बनेगा। उन्होंने बहुत अच्छे कोविड मैनेजमेंट के लिए भी मुख्यमंत्री और मणिपुर सरकार को बधाई दी और कहा कि सभी 16 जिलों में ऑक्सीजन संयंत्र भी लग गए हैं। मोदी जी ने हम सबके सामने एक कल्पना रखी है कि एक विकसित नॉर्थईस्ट हो, जो पूरे पूर्वी भारत के विकास का आधार बने और इसी के माध्यम से ही पूर्वी भारत और पूरे भारत का विकास होगा।

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प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे के समय आज हुई सुरक्षा चूक के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है-गृहमंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पंजाब दौरे के समय हुई सुरक्षा चूक के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

अपने ट्वीट में गृहमंत्री ने कहा है, “गृह मंत्रालय ने पंजाब में आज हुई सुरक्षा चूक की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रधानमंत्री के दौरे पर सुरक्षा प्रक्रिया में ऐसी लापरवाही कतई स्वीकार्य नहीं है और इसकी जवाबदारी तय की जायेगी।”

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