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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया

कानपुर 22 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता. 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर की वॉलिंटियर्स के द्वारा कु. अनुराधा चंदेल के नेतृत्व में ग्रीन पार्क में आयोजित कार्यक्रम में योग किया गया। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का थीम *स्वयं और समाज के लिए योग* रहा। इसी संकल्प को दोहराते हुए समस्त वॉलिंटियर्स ने योग को अपने जीवन शैली में नियमित रूप से अपनाने का संकल्प लेते हुए यह भी प्रण लिया कि वह अपने परिवार तथा समाज को योग के लाभों से अवगत कराते हुए योग करने के लिए प्रेरित करेंगी। योगासनों के साथ-साथ छात्राओं ने विभिन्न यौगिक कक्रियाओं, ध्यान, प्राणायाम, साधना आदि के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। इस अवसर पर जिला प्रशासन के द्वारा वॉलिंटियर्स को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हेतु विशेष रूप से तैयार की गई टी-शर्ट का वितरण भी किया गया।

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एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज में “दसवां अंतराष्ट्रीय योग दिवस” धूम-धाम से मना

कानपुर 22 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन एस एस यूनिट द्वारा “दसवां अंतराष्ट्रीय योग दिवस” को धूम-धाम से मनाया गया। फूलबाग बस्ती में ऍन एस ऐस की स्वयंसेविकाओं ने योग पर बस्ती वासियों को जागरूक किया साथ ही योग प्रशिक्षक भूमि तिवारी ने स्वयंसेविकाओं को योग का प्रशिक्षण दिया । ४० स्वयंसेविकाओं ने, बस्ती वासियों ने तथा अनेक शिक्षक व शिक्षिकाओं एवम शिक्षिनेतर्र कर्मचारियों ने योग का अभ्याहस किया। ऍन एस एस प्रभारी प्रो चित्रा सिंह तोमर ने योग के समापन पर स्वयंसेविकाओं को फल एवम मिष्ठान का वितरण किया।

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उत्तर प्रदेश में एक दिन में सर्वाधिक दुर्घटना बीमा कर वाराणसी डाक परिक्षेत्र ने बनाया नया कीर्तिमान

मात्र एक दिन में 2679 लोगों का दुर्घटना बीमा करके वाराणसी परिक्षेत्र ने उत्तर प्रदेश में बनाया रिकॉर्ड

डाक विभाग के उपक्रम रूप में स्थापित इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने पाँच वर्षों के अपने सफर में ‘आपका बैंक, आपके द्वार’ को प्रोत्साहित करते हुए तमाम नए आयाम स्थापित किये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और डिजिटल इण्डिया के क्षेत्र में आज इसकी अहम् भूमिका है। समाज के अंतिम वर्ग के लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु विभिन्न कंपनियों से एग्रीमेंट के तहत सस्ती दरों पर बीमा का लाभ भी आईपीपीबी द्वारा प्रदान किया जा रहा है। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।

गौरतलब है कि वाराणसी परिक्षेत्र ने 13 जून को मात्र एक दिन में 2679 लोगों का दुर्घटना सुरक्षा बीमा करके उत्तर प्रदेश परिमंडल में एक दिन में सर्वाधिक बीमा करने का नया कीर्तिमान स्थापित किया, जिसके सापेक्ष साढ़े ग्यारह लाख रूपये का प्रीमियम जमा किया गया। यही नहीं, जीआई सर्वसुरक्षा अभियान के तहत पहले ही दिन प्रदत्त लक्ष्य के सापेक्ष 329 फीसदी सफलतापूर्वक प्राप्तकर वाराणसी परिक्षेत्र ने पूरे भारत में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके उपलक्ष्य में इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने आईपीपीबी के चीफ मैनेजर श्री बृज किशोर और प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजीव कुमार के संग केक काटकर लोगों से खुशियाँ बाँटी एवं डाक विभाग के ग्रामीण डाक सेवक, पोस्टमास्टर्स, निरीक्षक, सहायक अधीक्षक, मण्डलाधीक्षक और आईपीपीबी मैनेजर्स सहित समस्त स्टाफ को शुभकामनाएँ देते हुए भविष्य में नए कीर्तिमान स्थापित करने हेतु हौसलाआफ़जाई की।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आईपीपीबी की परिवर्तनकारी उपस्थिति ने बैंकिंग परिदृश्य को नया आकार दिया है, जो डोर-स्टेप बैंकिंग की पेशकश करता है एवं सुलभ सेवाओं का प्रतीक है जो परिवर्तन को प्रज्ज्वलित करता है। आईपीपीबी के माध्यम से डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक आज एक चलते फिरते बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं। सीईएलसी के तहत घर बैठे बच्चों का आधार बनाने, मोबाइल अपडेट करने, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, डीबीटी, बिल पेमेंट, एईपीएस द्वारा बैंक खाते से भुगतान, वाहनों का बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी तमाम सेवाएं आईपीपीबी द्वारा डाकिया के माध्यम से घर बैठे मुहैया कराई जा रही हैं। आईपीपीबी में खाता होने पर डाकघर की सुकन्या, आरडी, पीपीएफ, डाक जीवन बीमा में भी ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। आईपीपीबी उन तमाम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनके पास बीमा और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच नहीं है।

इस अवसर पर सहायक निदेशक बृजेश शर्मा, लेखाधिकारी प्लाबन नस्कर, सहायक अधीक्षक पल्ल्वी मिश्रा, निरीक्षक अनिकेत रंजन, दिलीप पांडेय, सहायक लेखाधिकारी संतोषी राय, मनीष मिश्रा, श्रीप्रकाश गुप्ता, आनंद प्रधान, राकेश कुमार सहित तमाम कर्मी उपस्थित रहे।

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आयुष पर किए गए सर्वेक्षण के परिणाम (जुलाई 2022 से जून 2023) जारी किए गए

मुख्य निष्कर्ष
  • लगभग 95% ग्रामीण और 96% शहरी उत्तरदाताओं को आयुष के बारे में जानकारी है।
  • लगभग 85% ग्रामीण और 86% शहरी परिवारों में कम से कम एक सदस्य औषधीय पौधों/घरेलू उपचार/स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा/लोक चिकित्सा के बारे में जानकारी रखता है।
  • पिछले 365 दिनों में लगभग 46% ग्रामीण और 53% शहरी लोगों ने बीमारियों की रोकथाम या उपचार के लिए आयुष का उपयोग किया।
  • आयुर्वेद ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उपचार के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली है।
  • आयुष का उपयोग मुख्य रूप से कायाकल्प और निवारक उपायों के लिए किया जाता है।

परिचय

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के 79वें दौर के हिस्से के रूप में जुलाई 2022 से जून 2023 तक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा ‘आयुष’ पर पहला विशेष अखिल भारतीय सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वेक्षण में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ दुर्गम गांवों को छोड़कर पूरे देश को शामिल किया गया। 1,81,298 परिवारों से जानकारी एकत्र की गई, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 1,04,195 और शहरी क्षेत्रों में 77,103 परिवार शामिल रहे।

सर्वेक्षण के व्यापक उद्देश्य निम्नलिखित के बारे में जानकारी एकत्र करना था:

  • स्वास्थ्य सेवा की पारंपरिक प्रणाली (चिकित्सा की आयुष प्रणाली) के बारे में लोगों की जागरूकता,
  • बीमारियों की रोकथाम या उपचार के लिए आयुष का उपयोग,
  • घरेलू उपचार, औषधीय पौधों, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा/लोक चिकित्सा के बारे में परिवारों की जागरूकता।

इसके अतिरिक्त, सर्वेक्षण में आयुष चिकित्सा प्रणालियों का उपयोग करके उपचार के लिए घरेलू व्यय के बारे में जानकारी एकत्र की गई। परिणाम (यूनिट स्तर के डेटा के साथ तथ्य पत्रक) मंत्रालय की वेबसाइट ([www.mospi.gov.in](http://www.mospi.gov.in)) पर उपलब्ध हैं।

बी. नमूना डिजाइन

आयुष पर किया गया सर्वेक्षण एक स्तरीकृत बहु-चरणीय नमूना डिजाइन का उपयोग के जरिए किया गया जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में गांवों और शहरी क्षेत्रों में शहरी फ्रेम सर्वेक्षण (यूएफएस) ब्लॉक या गांवों या यूएफएस ब्लॉकों की उप-इकाइयों (एसयू) को पहले चरण की इकाइयों (एफएसयू) के रूप में माना गया था। दोनों क्षेत्रों में अंतिम चरण की इकाइयाँ (यूएसयू) परिवारों में रहने वाले लोग थे. एफएसयू के साथ-साथ चुने गए एफएसयू से घर परिवारों के चयन के लिए प्रतिस्थापन के बिना सरल यादृच्छिक नमूनाकरण (एसआरएसडब्ल्यूओआर) का उपयोग किया गया।

सी. संकल्पनात्मक रूपरेखा

सर्वेक्षण के उद्देश्य से, आयुष के बारे में ‘जागरूकता’ और ‘उपयोग’ को नीचे वर्णित तरीके से परिभाषित किया गया है:

एक परिवार के 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के उस सदस्य को “आयुष के बारे में जागरूक” माना गया है, यदि निम्नलिखित में से एक या अधिक शर्तें पूरी होती हैं:

  1. यदि उसने कभी भी आयुष चिकित्सा पद्धति का उपयोग करके उपचार लिया हो, चाहे वह डॉक्टर के पर्चे के साथ हो या बिना डॉक्टर के पर्चे के।
  2. यदि उसने किसी भी आयुष पद्धति के बारे में सुना हो, जैसे आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा/आमची, होम्योपैथी – परिवार, मित्रों, चिकित्सक, मीडिया (टीवी, रेडियो, होर्डिंग्स, समाचार पत्र और पत्रिकाएँ, इंटरनेट- फेसबुक/व्हाट्सएप/ट्विटर/आउटरीच कैंप, संगठनों के सर्वेक्षण आदि के माध्यम से आईईसी सामग्री), शोध लेख/चिकित्सा समाचार-पत्र/पाठ्य पुस्तकें आदि।
  3. यदि वह औषधीय पौधों या औषधीय महत्व वाले पौधों, घरेलू उपचारों या उपचार या रोकथाम के लिए पारंपरिक प्रथाओं/लोक प्रथाओं के बारे में जानता है/जानती है/ या जानती थी।
  4. यदि वह पेशे से निम्न में से किसी भी श्रेणी में आयुष स्वास्थ्य सेवा केंद्रों/सेवा प्रदाताओं से जुड़ा हुआ है/था: पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी, अपंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी, दाई, मालिश करने वाले, फार्मासिस्ट, योग प्रशिक्षक, पंचकर्म चिकित्सक, कपिंग चिकित्सक आदि या आयुष दवाओं के उत्पादन/निर्माण में शामिल है।

‘आयुष चिकित्सा पद्धति के उपयोग’ से तात्पर्य किसी चिकित्सक/प्रशिक्षक की सलाह पर बीमारियों/बीमारियों के उपचार/उपचार या बीमारियों/बीमारियों की रोकथाम के लिए आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी की एक या अधिक प्रणालियों के उपयोग/अपनाने से है। इसमें उपचार/दवा के निवारक या लाभकारी प्रभावों को जानने वाले घर के किसी सदस्य द्वारा उपयोग किए जाने वाले घरेलू उपचार/स्व-चिकित्सा/स्व-उपचार भी शामिल रहते हैं।

D. सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष:

1. आयुष के बारे में जागरूकता:

ग्रामीण भारत में, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 95% पुरुष और महिलाएँ आयुष के बारे में जागरूक पाए गए हैं, जबकि शहरी भारत में यह लगभग 96% है। अखिल भारतीय स्तर पर लिंग (जेंडर) के आधार पर आयुष प्रणाली के बारे में जागरूक लोगों(15 वर्ष या उससे अधिक आयु के) के प्रतिशत का अनुमान चित्र 1 में दिखाया गया है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/11111edewwewe7TFE.png

ग्रामीण भारत में लगभग 79% घरों और शहरी भारत में लगभग 80% घरों में कम से कम एक सदस्य औषधीय पौधों और घरेलू दवाओं के बारे में जानता है, जबकि ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में लगभग 24% घरों में कम से कम एक सदस्य लोक चिकित्सा या स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा के बारे में जानता है।

2. आयुष का उपयोग:

बीमारियों की रोकथाम या उपचार के लिए आयुष का उपयोग, पिछले 365 दिनों के दौरान, ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में अधिक देखा गया है। नीचे दिया गया चित्र 2 पिछले 365 दिनों के दौरान बीमारियों की रोकथाम या उपचार के लिए आयुष का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के प्रतिशत का अनुमान दर्शाता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/22222fsdfddf412R.png

ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में, बीमारियों की रोकथाम या उपचार के लिए आयुर्वेद को आयुष की अन्य प्रणालियों की तुलना में प्राथमिकता दी गई है।.

तालिका 1: चिकित्सा पद्धति के अनुसार बीमारियों की रोकथाम या उपचार के लिए आयुष का उपयोग करने वाले लोगों का प्रतिशत
चिकित्सा प्रणाली ग्रमीण शहरी
आयुर्वेद 40.5 45.5
अन्य* 9.4 12.8
कोई भी 46.3 52.9
* इसमें योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी शामिल हैं

यह भी देखा गया है कि आयुष का उपयोग ज्यादातर कायाकल्प या निवारक उद्देश्य के लिए किया जाता है, उसके बाद चिकित्सीय या उपचारात्मक उपचार किया जाता है।

3. आयुष के उपचार का लाभ उठाने के लिए किया गया व्यय::

ग्रामीण और शहरी भारत के लिए पिछले 365 दिनों के दौरान आयुष का उपयोग करके बीमारियों की रोकथाम या उपचार के लिए प्रति व्यक्ति औसत व्यय का अनुमान तालिका 2 में दिया गया है।

तालिका 2: आयुष का उपयोग करके बीमारियों की रोकथाम या उपचार के लिए प्रति व्यक्ति औसत व्यय (रु.)
चिकित्सा प्रणाली ग्रामीण शहरी
आयुर्वेद 394 499
अन्य* 622 592
कोई भी 472 574
* इसमें योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी शामिल हैं।

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मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव का जोश पूरे देश में जोरों पर: दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और पुणे में मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव की बेहतरीन फिल्में देखें!

18वां मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव (एमआईएफएफ) का जादू मुंबई के साथ-साथ अन्य शहरों में भी सर चढ़कर बोल रहा है। पहली बार, एमआईएफएफ का यह आयोजन न केवल मुंबई में होगा, बल्कि दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और पुणे जैसे शहरों में भी समानांतर स्क्रीनिंग के साथ दुनिया भर की बेहतरीन गैर-फीचर फिल्में – डॉक्यूमेंट्री, लघु कथा और एनीमेशन फिल्में दिखाई जाएंगी।

मुख्य कार्यक्रम 15 जून को शुरू होगा और 21 जून, 2024 तक मुंबई के पेडर रोड पर राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम-फिल्म प्रभाग परिसर में चलेगा। दिल्ली में फिल्म प्रेमियों के लिए, 16 जून से 20 जून तक सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम 1, 2 और 3 में फिल्मों का एक समानांतर चयन दिखाया जाएगा। कोलकाता में फिल्म प्रेमी प्रतिष्ठित सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एसआरएफटीआई) में स्क्रीनिंग देख सकते हैं। वहीं, चेन्नई एनएफडीसी के टैगोर फिल्म सेंटर में स्क्रीनिंग दिखाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, पुणे में स्क्रीनिंग नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया के परिसर में होगी। आयोजन स्थलों पर पंजीकरण डेस्क स्क्रीनिंग के लिए आगंतुक उपस्थित लोगों के पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेंगे। बैठने की व्यवस्था पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी। शुरुआती फिल्म बिली एंड मौली: एन ओटर लव स्टोरी 15 जून को दोपहर 2.30 बजे सभी स्थानों पर एक साथ दिखाई जाएगी।

 

कृपया चार शहरों में 18वें एमआईएफएफ के लिए स्क्रीनिंग शेड्यूल यहां देखें:

दिल्ली

कोलकाता

चेन्नई

पुणे

यह अभिनव कदम राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) की उच्च गुणवत्ता वाली डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण को व्यापक भारतीय दर्शकों के लिए अधिक सुलभ बनाने की प्रतिबद्धता से प्रेरित है। इस महोत्सव का उद्देश्य इन जीवंत सांस्कृतिक केंद्रों में एमआईएफएफ को लाकर, देश भर के सिनेमा प्रेमियों के बीच डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए गहरी रुचि को बढ़ावा देना है।

डॉक्यूमेंट्री फिल्में हमारे आस-पास की दुनिया के बारे में शक्तिशाली और विचारोत्तेजक अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। महोत्सव की पहुंच का विस्तार करके, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम सार्थक बातचीत को बढ़ावा देने और भारत के सभी कोनों में इस महत्वपूर्ण कला के लिए जुनून जगाने की उम्मीद करता है। मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव लंबे समय से भारत में डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के निर्माण का चैंपियन रहा है। यह विस्तार न केवल फिल्म उत्सव के मंच को मजबूत करता है, बल्कि दिल्ली, कोलकाता, पुणे और चेन्नई के दर्शकों को बड़े पर्दे पर वृत्तचित्रों के विविध चयन का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करता है।

विश्व सिनेमा की सिनेमाई उत्कृष्टता का उत्सव, मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव, दक्षिण एशिया में सबसे बड़े और सबसे पुराने गैर-फीचर फिल्म समारोहों में से एक के रूप में पहचाना जाता है। 1990 से हर दो साल में आयोजित होने वाले मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म, लघु फिल्म और एनीमेशन श्रेणियों में असाधारण कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए लगातार एक मंच प्रदान किया है।

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प्रधानमंत्री ने कुवैत में अग्नि त्रासदी की समीक्षा की

प्रधानमंत्री मोदी ने आज नई दिल्ली में 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर कुवैत में हुई अग्नि त्रासदी पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अग्नि त्रासदी में कई भारतीय नागरिकों की मृत्यु हो गई हैं और कई घायल हो गए हैं।

प्रधानमंत्री ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की।

प्रधानमंत्री ने सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। विदेश राज्य मंत्री को राहत कार्यों की निगरानी और पार्थिव शरीरों को शीघ्र स्वदेश लाने के लिए जल्दी ही कुवैत जाएंगे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, विदेश राज्य मंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव श्री प्रमोद कुमार मिश्र, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल, विदेश सचिव श्री विनय क्वात्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया पुरस्कार-2024 के तीसरे संस्करण की घोषणा की

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान-2024 के तीसरे संस्करण की घोषणा की है। भारत और विदेशों में योग के संदेश को फैलाने में मीडिया की सकारात्मक भूमिका और जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए मंत्रालय ने जून 2019 में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान (एवाईडीएमएस) शुरू किया था।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान-2024 के तहत, बाईस भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में तीन श्रेणियों अर्थात प्रिंट, टेलीविजन और रेडियो के तहत तैंतीस सम्मान प्रदान किए जाएंगे:

  1. 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में 11 सम्मान – “अखबारों में योग पर सर्वश्रेष्ठ मीडिया कवरेज” श्रेणी के तहत प्रदान किए जाएंगे
  2. 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में 11 सम्मान – “इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (टीवी) में योग पर सर्वश्रेष्ठ मीडिया कवरेज” श्रेणी के अंतर्गत प्रदान किए जाएंगे
  3. 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में 11 सम्मान – “इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (रेडियो) में योग पर सर्वश्रेष्ठ मीडिया कवरेज” श्रेणी के अंतर्गत प्रदान किए जाएंगे

 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

हर साल 21 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, दुनिया भर में स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक जन आंदोलन का अलग जगाया है। शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए इसके समग्र दृष्टिकोण ने महत्वपूर्ण रुचि पैदा की है, जिससे यह एक वैश्विक आयोजन बन गया है। भारत और विदेश दोनों में योग के संदेश को बढ़ाने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, इस प्राचीन परंपरा और इसके कई लाभों को बढ़ावा देने में मीडिया की अपार शक्ति और जिम्मेदारी को मान्यता प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

 

एवाईडीएमएस अनुशंसा और दिशानिर्देश

इस सम्मान में एक विशेष पदक/पट्टिका/ट्रॉफी और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है। इसे एक स्वतंत्र जूरी द्वारा अनुशंसित किया जाता है। यह पुरस्कार प्रिंट मीडिया, रेडियो और टेलीविजन से जुड़े सभी मीडिया घरानों/कंपनियों के लिए खुले हैं, जिनके पास सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से पंजीकरण/अनुमति है।

दिशानिर्देशों के अनुसार, मीडिया हाउस 12 जून, 2024 से 25 जून, 2024 की अवधि के दौरान बनाए गए और प्रकाशित लेखों या प्रसारित/ऑडियो/विजुअल सामग्री की संबंधित क्लिपिंग के साथ एक निर्धारित प्रारूप में नामांकन का विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रविष्टियों की अंतिम तिथि 8 जुलाई, 2024 है। विस्तृत दिशानिर्देश पत्र सूचना कार्यालय (https://pib.gov.in/indexd.aspx) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (https://mib.gov.in/sites/default/files/AYDMS%20Guidelines%202024_0.pdf) की वेबसाइटों पर देखे जा सकते हैं।

 

एवाईडीएमएस दूसरा आयोजन – 2023

पहली बार 7 जनवरी, 2020 को पुरस्कार प्रदान प्रदान किए गए थे। एवाईडीएमएस का दूसरा आयोजन – 2023 के लिए सम्मान अभी तक प्रदान नहीं किए गए हैं। पिछले वर्ष के एवाईडीएमएस (द्वितीय आयोजन) के विजेताओं को भी इस वर्ष के एवाईडीएमएस (तृतीय आयोजन) के विजेताओं के साथ-साथ सम्मान प्रदान किया जाएगा।

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