लोकतंत्र मतलब जनता द्वारा जनता के लिए निर्धारित व्यवस्था। जनता द्वारा निर्धारित व्यक्ति संरक्षक की भूमिका निभाता है। अच्छा बुरा सोच कर उनके हितों को ध्यान में रखता है। इस चुनावी बयार में ही लोकतंत्र की मजबूती का भान होता है। एक वक्त था जब नेता शब्द सम्मानजनक माना जाता था। वो देश – समाज के लिए समर्पणभाव रखता था लेकिन जैसे-जैसे सत्ता में नेताओं की पकड़ मजबूत होती गई वैसे वैसे उनकी सोच, समझ, सलीका और शैली भी बदलती गई। आज के नेता अपने वैचारिक स्तर से नीचे गिर गए हैं। चुनाव, घोषणा – पत्र और सभाओं में दिए के प्रलोभनों द्वारा जनता को बरगलातें हैं लेकिन जनता भी इनको समझ चुकी है। फ्री की चीजों को लेने के बाद वो भी नेताओं जैसा ही व्यवहार करने लगी है। नेताओं के वादों पर से अब लोगों का भरोसा उठ गया है। आज नेताओं को दल बदलने में जरा भी वक्त नहीं लगता। जो नेता पहले अन्य दल की बुराई कर रहे थे दल बदलते ही पुराने दल का विरोध करने लगते हैं। निजी हितों के लिए व्यापारियों की तरह खुलेआम सौदेबाजी खरीद-फरोख्त करते हैं। इनका मकसद अच्छा बुरा सोचे बिना जैसे भी बने सिर्फ अपना कार्य सिद्ध करना होता है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में जो भी नियम कानून बने वह बस जनता के लिए ही थे। चुनावी रैलियों पर यह नियम नहीं लागू हुये। तो सरकार कौन सी सोशल डिस्टेंसिंग की बात कर रही थी। जहां लोगों को मरने के लिए आमंत्रित किया जा रहा था। शादी समारोहों में लोगों की उपस्थिति पर संख्या निर्धारित कर दी गई, स्कूल – कॉलेज बंद कर दिए गए लेकिन चुनावी क्षेत्रों में कोरोना का कहीं असर नहीं दिखाई देता था। सरकारी घोषणाएं, मंत्रियों के मुस्कुराते चेहरे और अखबार के विज्ञापनों में आंकड़ों में विकास नजर आ जाता है तो फिर आज का युवा रोजगार क्यों मांग रहा है? वो क्यों परेशान है? यदि समस्याएं खत्म हो गई है तो आंदोलन क्यों हो रहे हैं? जनता का पैसा चुनाव प्रचार, रैलियों और विज्ञापनों में खर्च हो जाता है और बचा कुचा घपला कर भगोड़े ले जाते हैं और जनता को मुफ्त नाम का लॉलीपॉप थमा दिया जाता है।
हम सरकार चुनते हैं तो यह जरूरी नहीं हो जाता कि सरकार के हर निर्णय का समर्थन किया जाये। हमारे घर का मुखिया पिता होता है और उसके द्वारा लिया हुआ निर्णय अंतिम निर्णय होता है। मगर जब वह गलत निर्णय या तानाशाही करता है तो पुत्र, पुत्री और पत्नी द्वारा विरोध के स्वर उठने लगते हैं। उसे चेताया जाता है कि आपका यह निर्णय सही नहीं है। कुछ यही बात लोकतंत्र के प्रतिनिधि पर भी लागू होती है सरकारें आयेंगी और जायेंगी लेकिन जनता को सही गलत का फर्क समझ में आना चाहिए और आज लोकतंत्र की यही मांग भी है। –प्रियंका वर्मा महेश्वरी
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स्मार्ट सिटी कानपुर द्वारा शहर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं पानी और बिजली की बचत के लिए जल आपूर्ति स्काडा की 21 करोड़ रूपये की परियोजना शुरू
भारतीय स्वरूप संवाददाता, स्मार्ट सिटी कानपुर द्वारा शहर में पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं पानी और बिजली की बचत के लिए जल आपूर्ति स्काडा (पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण) की 21 करोड़ रूपये की परियोजना शुरू की गई है
इस परियोजना के माध्यम से शहर में अधिक से अधिक ‘‘जल आपूर्ति’’ और ’’जल संरक्षण’’ संभव होगा और उसका बेहतर उपयोग हो सकेगा। आज आयुक्त ने जल संस्थान, बेनाझाबर में स्थापित नए कन्ट्रोल रूम और नियंत्रण कक्ष के द्वारा (वाटर फिल्ट्रेशन बेड) में जल आपूर्ति स्काडा परियोजना का निरीक्षण किया और कंट्रोल रूम के कार्यप्रणाली की समीक्षा कीl
इस कंट्रोल रूम के द्वारा जल आपूर्ति प्रणाली का प्रभावी और कुशल संचालन और बेहतर रखरखाव किया जा सकेगा।
निरीक्षण के महत्वपूर्ण बिंदु और परियोजना के तथ्य इस प्रकार हैं-
1. यह स्मार्ट सिटी द्वारा शुरू की गई एक विशेष परियोजना है जो कानपुर शहर में अधिक से अधिक ‘‘जल आपूर्ति’’ ’’जल संरक्षण’’ सुनिश्चित करने में मदद करेगीl
2. यह परियोजना प्रदेश की पहली ऐसी परियोजना है जिसमें सभी प्लांटस को एक ही स्थान से संचालित व मॉनीटर किया जा सकता है जिससे किसी भी समस्या या खराबी का संज्ञान लेकर तत्काल मरम्मत किया जा सकता है।
3. पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (SCADA) एक नियंत्रण प्रणाली है जिसमें उच्च स्तरीय प्रक्रिया पर्यवेक्षी प्रबंधन के लिए कंप्यूटर, नेटवर्क डेटा संचार और ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई) शामिल हैं। जिनसे जल प्रवाह का मापन भी सम्भव है।
4. परियोजना में 100 एम0एल0डी0 का एक व 200 एम0एल0डी0 का रॉ वाटर पम्प हाउस बनाया गया है जिसकी 06 जोनल पम्पिंग स्टेशन से आपूर्ति की जायेगी।
5. गंगा बैराज पर 200 एम0एल0डी0 के तीन वाटर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित किये गये है। तीनो प्लांटस के रॉ वाटर पम्प से पानी निर्गत होने के बाद पानी की बड़ी से बड़ी अशुद्धियों को रोक कर साफ किया जाता है। साफ पानी को ‘‘क्लीयर वाटर पम्प हाउस’’ में भेजा जाता है। ‘‘क्लीयर वाटर पम्प हाउस’’ से पम्पिंग के माध्यम से पूरे शहर में जलापूर्ति की जायेगी, जिसका बेनाझाबर जल-कल बिल्डिंग स्थित कन्ट्रोल रूम से नियंत्रण किया जा सकता है। बेनाझाबर स्थित 200 व 80 एम0एल0डी0 प्लांटस में नये प्रकार के वाल्वस का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। अन्य प्लांटस व जोनल पम्पिंग स्टेशन का कार्य भी जल्दी ही पूर्ण कर लिया जायेगा।
6. SCADA परियोजना कार्यान्वयन के लिए IIT कानपुर मुख्य सलाहकार/पर्यवेक्षण है।
7. इस परियोजना से बड़ी मात्रा में पेयजल संरक्षण और उसकी बेहतर और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी तथा बिजली की खपत में काफी हद तक कमी हो जायेगीl
8. इस परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी जल निगम और जल संस्थान है तथा डेवलपर योकोगावा इण्डिया लि0 कंपनी हैl
9. आयुक्त ने एजेंसी को पहले चरण का कार्य मार्च अन्त तक, द्वितीय चरण के कार्य सितम्बर-2022 तक तथा तृतीय चरण के कार्य को मार्च-2023 तक पूरा करने के निर्देश दिये गये।
आयुक्त ने स्मार्ट सिटी, जल निगम, जल संस्थान, आईआईटी कानपुर टीम के नोडल अधिकारी और निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को साप्ताहिक आधार पर एक साथ बैठने और कार्य प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
Read More »एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन
कानपुर 24 फरवरी एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज कानपुर में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ वीएलसीसी से आए हुई हेड ऑफ इंस्टीट्यूट कु. प्राची , स्किन एक्सपर्ट कु.आस्था, मेक अप आर्टिस्ट कु.अनामिका, श्री गौतम जी, प्रबंध समिति के सचिव श्री पी के सेन, प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल तथा कार्यक्रम प्रभारी डॉ.गार्गी यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया, वीएलसीसी से आई हुई टीम ने छात्राओं को मेकअप, हेयर कटिंग, न्यूट्रीशन के क्षेत्र में किस तरह से अपना करियर बनाए इस बारे में विस्तार से बताया। साथ ही छात्राओं को कैंपस में ही हेयरकट और मेकअप का डेमो भी दिया। वीएलसीसी से आई हुई वहां की हेड ऑफ इंटीट्यूट, प्राची जी ने कन्वेंशनल और नॉन कन्वेंशनल करियर के बारे में विस्तार से बताया। प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत महाविद्यालय में स्थापित ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा छात्राओं के ज्ञानवर्धन, विकास और रोजगार से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम करवाता रहेगा जिससे छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके। कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की प्रभारी डॉ. गार्गी यादव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निशा वर्मा ने किया। कार्यक्रम में प्लेसमेंट सेल की सदस्य डॉ. कोमल सरोज व समस्त प्रवक्ताए और छात्राएं उपस्थित रही।
Read More »केन्द्रीय गृह मंत्रीअमित शाह ने आज नई दिल्ली में एक बैठक में जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में एक बैठक में जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल तथा जम्मू और कश्मीर प्रशासन और सेना सहित भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की जिससे पिछले कुछ वर्षों में जम्मू और कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। आतंकी घटनाएँ 2018 में 417 से घटकर 2021 में 229 हो गई हैं, जबकि सुरक्षा बलों के शहीद हुए कर्मियों की संख्या 2018 में 91 से कम होकर 2021 में 42 हो गई है।
गृह मंत्री ने सुरक्षा ग्रिड को और अधिक मज़बूत करने के निर्देश दिये ताकि सीमा-पार घुसपैठ शून्य हो और आतंकवाद का उन्मूलन हो सके।
Read More »प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह 7 लोक कल्याण मार्ग पर अफगानिस्तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया और अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को सुरक्षित रूप से भारत लाने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।
प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और कहा कि वे अतिथि नहीं है बल्कि अपने ही घर में हैं, उन्होंने यह भी कहा कि भारत उनका घर है। उन्होंने अफगानिस्तान में उनके सामने आने वाली अत्यधिक कठिनाइयों तथा उन्हें सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता के बारे में चर्चा की। इस आलोक में, उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के महत्व तथा समुदाय के लिए इसके लाभ के बारे में भी बात की। उन्होंने उन्हें भविष्य में भी निरंतर सहायता करने के साथ-साथ उनके सामने आने वाली सभी समस्याओं और कठिनाइयों को हल करने का भरोसा दिलाया।
प्रधानमंत्री ने गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान की परम्परा के महत्व के बारे में भी चर्चा की। जिसके आलोक में गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अफगानिस्तान के नागरिकों से प्राप्त अपार प्रेम की भी चर्चा की तथा काबुल की अपनी यात्रा का स्मरण किया।
श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने समुदाय को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत से सहायता भेजने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि जब कोई भी उनके साथ नहीं खड़ा था तो प्रधानमंत्री ने निरंतर समर्थन तथा समय पर सहायता सुनिश्चित की। प्रतिनिधि मंडल के अन्य सदस्यों ने भी संकट के समय उनके लिए खड़े होने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे जब उन्होंने उन्हें समुचित सम्मान के साथ गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से भारत वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था के बारे में सुना। उन्होंने सीएए लाने के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया, जो उनके समुदाय के सदस्यों के लिए अत्यधिक मददगार होगा। उन्होंने कहा कि वह केवल भारत के प्रधानमंत्री नहीं है बल्कि दुनिया के प्रधानमंत्री हैं, क्योंकि वह दुनियाभर में विशेष रूप से हिंदुओं और सिखों के सामने आने वाली कठिनाइयों को समझते हैं तथा ऐसे सभी मामलों में तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी तथा केन्द्रीय राज्य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित थीं।
Read More »भारत-यूएई आर्थिक साझेदारी समझौता भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेगा
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को हस्ताक्षर किए गए भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को एक ऐतिहासिक समझौता बताया है, जो भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेगा।
समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के एक दिन बाद मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा, “भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) एमएसएमई, स्टार्ट-अप, किसानों, व्यापारियों और व्यवसायों के सभी वर्गों के लिए अत्यधिक लाभप्रद होगा।”
क्षेत्रवार लाभों की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान तथा जूते और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे श्रम प्रधान उद्योग सबसे अधिक लाभान्वित होने वालों में शामिल होंगे।
श्री गोयल ने जोर देकर कहा कि सीईपीए एक संतुलित, निष्पक्ष, व्यापक और न्यायसंगत साझेदारी समझौता है, जो वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों में भारत के लिए बढ़ा हुआ बाजार उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा, “यह हमारे युवाओं के लिए रोजगार सृजित करेगा, हमारे स्टार्टअप के लिए नए बाजार खोलेगा, हमारे व्यवसायों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।”
मंत्री ने बताया कि क्षेत्रवार परामर्शों ने दर्शाया है कि यह समझौता भारतीय नागरिकों के लिए कम से कम 10 लाख रोजगार सृजित करेगा।
श्री गोयल ने यह भी बताया कि सीईपीए जिसे केवल 88 दिनों के रिकॉर्ड समय में अंतिम रूप दिया गया था तथा हस्ताक्षर किया गया था, मई की शुरुआत तक, 90 दिनों से भी कम समय में प्रभावी हो जाएगा। उन्होंने मीडिया को बताया कि “भारत से यूएई को निर्यात किए जाने वाले लगभग 90 प्रतिशत उत्पादों पर समझौते के कार्यान्वयन के साथ शून्य शुल्क लगेगा। व्यापार की 80 प्रतिशत लाइनों पर शून्य शुल्क लगेगा, शेष 20 प्रतिशत हमारे निर्यात को ज्यादा प्रभावित नहीं करते हैं, इसलिए यह सभी के लिए लाभप्रद समझौता है।”
किसी व्यापार समझौते में पहली बार सीईपीए में किसी भी विकसित देश में स्वीकृत होने के बाद, 90 दिनों में भारतीय जेनेरिक दवाओं के स्वचालित पंजीकरण और विपणन प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है। इससे भारतीय औषधियों को बड़े बाजार में पहुंच प्राप्त हो सकेगी।
भारतीय आभूषण निर्यातकों को यूएई में शुल्क-मुक्त सुविधा प्राप्त हो सकेगी, जबकि वर्तमान में ऐसे उत्पादों पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है। इससे आभूषण निर्यात में भारी वृद्धि होगी, क्योंकि भारत में डिजाइन किए गए आभूषणों की बाजार में बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है। रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को 2023 तक अपने निर्यात के 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
सीईपीए न केवल भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा, बल्कि भारत को कार्यनीतिक लाभ भी प्रदान करेगा। श्री गोयल ने कहा, “चूंकि संयुक्त अरब अमीरात एक व्यापारिक केंद्र के रूप में कार्य करता है, इसलिए यह समझौता हमें अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में बाजार में प्रवेश बिंदु प्रदान करने में मदद करेगा।”
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सीईपीए के संपन्न होने के साथ भारत और यूएई का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय वस्तु व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाना है। उन्होंने कहा, “यद्यपि, मेरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच व्यापार की संभावनाएं और भी बड़ी हैं, हम अपने लिए निर्धारित लक्ष्य को पार कर लेंगे।” संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार है।
2022 में ही जीसीसी के साथ समझौता
श्री पीयूष गोयल ने यह भी जानकारी दी कि सरकार को इस वर्ष के दौरान ही खाड़ी सहयोग परिषद के देशों के साथ एक समान आर्थिक साझेदारी समझौते किए जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि जीसीसी के महासचिव ने बातचीत में तेजी लाने की इच्छा व्यक्त की है और कहा, “हमें अपनी बातचीत करने की क्षमता पर भी भरोसा है, हमने यूएई के साथ त्वरित रूप से बातचीत की है, और हमें विश्वास है कि जीसीसी के साथ इसी वर्ष व्यापार पर इसी प्रकार का समझौता कर लिया जाएगा।”
जीसीसी 1.6 ट्रिलियन डॉलर के संयुक्त सांकेतिक जीडीपी के साथ खाड़ी क्षेत्र में छह देशों अर्थात् सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का एक संघ है।
Read More »डीआरडीओ ने विज्ञान सर्वत्र पूज्यते में लिया हिस्सा, देश भर के 16 शहरों में प्रदर्शनियों का आयोजन
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत भारत की आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) देश भर में आयोजित होने वाले ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ कार्यक्रम में भाग ले रहा है। 22 से 28 फरवरी, 2022 के दौरान देश के हर हिस्से से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रदर्शित करने के लिए विज्ञान सर्वत्र पूज्यते अखिल भारतीय कार्यक्रम है।
डीआरडीओ पूरे देश के 16 शहरों में ‘अमृत महोत्सव साइंस शोकेस : रोडमैप टू 2047’ विषय पर प्रदर्शनियों का आयोजन भी कर रहा है। डीआरडीओ की ओर से आगरा, अल्मोड़ा, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, हैदराबाद, जोधपुर, लेह, मुंबई, मैसूर, पुणे, तेजपुर, एरानाकुलम, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर बहुत बड़ी प्रदर्शनी आयोजित की जा रही हैं। ‘महोत्सव’ में डीआरडीओ की भागीदारी अनुसंधान एवं विकास संगठनों द्वारा किए जा रहे कार्यों और 2047 की राह में विचारों और प्रौद्योगिकी के प्रयासों को प्रदर्शित करने का एक अवसर है।
विभिन्न तकनीकों से संबंधित कई डीआरडीओ उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें नाग, मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम), आकाश, ब्रह्मोस, अस्त्र, प्रलय, मिशन शक्ति, बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन (एईआरवी), मारीच, 3डी सेंट्रल एक्विजिशन रडार (3डी सीएआर), इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, ब्रिज लेयर टैंक (बीएलटी) आदि के मॉडल शामिल हैं। इसमें रेट्रोमोटर, बूस्टर मोटर, समग्र रॉकेट मोटर आवरण, ड्रॉप टैंक, ब्रेक डिस्क आदि तकनीकी का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
इस सप्ताह के दौरान देश भर के अलग-अलग केंद्रों पर विभिन्न विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास पर प्रख्यात वैज्ञानिकों के व्याख्यान भी होंगे। डीआरडीओ के वैज्ञानिक देश भर के 33 केंद्रों पर 11 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में विभिन्न मुद्दों और विषयों पर व्याख्यान भी दे रहे हैं।
स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने और स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए भारत सरकार एक साल का कार्यक्रम आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित कर रही है। सरकार के विभिन्न विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन राज्यों के स्तर पर एजेंसियों के साथ करीबी साझेदारी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं।
‘अमृत महोत्सव विज्ञान’ जिसका नाम ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ भी है, हमारी वैज्ञानिक विरासत और प्रौद्योगिकी कौशल को प्रदर्शित करेगा, जिसने रक्षा, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य, कृषि, खगोल विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में समस्याओं के समाधान खोजने में मदद की है। यह कार्यक्रम डीआरडीओ, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस), परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई), अंतरिक्ष विभाग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय और संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित किया जाता है।
Read More »गडकरी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 21,559 करोड़ रुपये के निवेश से 51 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आज 21,559 करोड़ रुपए के निवेश से कुल 1380 किलोमीटर लंबी 51 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आंध्र प्रदेश में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क संपर्क तटीय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा, शहरी और ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा और आंध्र प्रदेश के लोगों को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
श्री नितिन गडकरी ने कहा कि सेतु भारतम के तहत आरओबी के निर्माण से निर्बाध यातायात की सुविधा होगी, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, समय के साथ-साथ ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास की धमनियां हैं।
श्री गडकरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और काकीनाडा बंदरगाहों के बीच 4 लेन की सड़क आवाजाही की सुविधाओं में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि बेंज सर्कल फ्लाईओवर के निर्माण से विजयवाड़ा शहर में भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी।
Read More »विकसित देशों की गैर टिकाऊ जीवनशैली आज भी पूरी दुनिया को खतरे में डाल रही है: भूपेन्दर यादव
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्दर यादव ने 16 फरवरी 2022 को विश्व टिकाऊ विकास सम्मेलन 2022 के 21वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में विशेष भाषण दिया। डब्ल्यूएसडीएस ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) का वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम है।
श्री यादव ने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक पर्यावरण चुनौतियों का समाधान करने के लिए, हमें अब अनिवार्य रूप से समानता तथा समान लेकिन विभिन्न जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए सहमति प्राप्त वैश्विक नियमों पर कार्य करना चाहिए। पेरिस समझौता के लक्ष्यों को तब तक अर्जित नहीं किया जा सकता है जब तक कि सभी देशों द्वारा वैश्विक कार्बन बजट के उचित हिस्से के भीतर रहते हुए इक्विटी को कार्यान्वित न किया जाए। हमारा लक्ष्य न्यायसंगत सतत विकास तथा जलवायु कार्रवाईयों में निष्पक्षता होनी चाहिए। केवल तभी ‘‘जलवायु न्याय‘ प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि संसाधनों के उपयोग के प्रति दृष्टिकोण अनिवार्य रूप से ‘सचेत और सुविचारित उपयोग’ न कि ‘विचारहीन तथा विनाशकारी’ होना चाहिए। एल. आई. एफ. आई. (लाइफस्टाइल फॉर द इनविरोनमेंट) जिसका भारत के प्रधानमंत्री ने ग्लासगो में सीओपी 26 में अनावरण किया था, के लक्ष्य को विश्व द्वारा अपनाया जाना चाहिए जिससे कि मानवता तथा ग्रह की रक्षा हो सके। श्री यादव ने कहा, ‘‘ जिन्होंने विश्व को गलत दिशा में ले जाने में सबसे अधिक योगदान दिया है, उन्हें ही अनिवार्य रूप से स्थिरता के मार्ग पर वापस लाने के लिए सर्वाधिक प्रयास करना चाहिए।”
पर्यावरण को बचाने की गहन आवश्यकता पर विचार करते हुए श्री यादव ने रेखांकित किया कि हालांकि औद्योगिक क्रांति से देशों में समृद्ध आई है, पर इसके कारण पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा ‘‘अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, भारत ने वास्तव में अपनी जलवायु महत्वाकांक्षा में वृद्धि की है। भारत विश्व में सबसे महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तनों की अगुवाई कर रहा है।”
श्री यादव ने यह भी कहा कि भारत के समावेशी तथा टिकाऊ वृहद-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है कि देश के अनुकूलन तथा शमन दोनों ही उद्देश्यों को, हमारे लोगों की आकांक्षाओं तथा आवश्यकताओं के बड़े लक्ष्य के भीतर समान तथा न्यायोचित तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे नवीनतम आम बजट ने इस मार्ग का अनुसरण करने के हमारे दृढ़ संकल्प की पुष्टि की है।
अपने संबोधन का समापन समानता की आवश्यकता के साथ करते हुए, उन्होंने कहा कि ‘‘विकसित देशों को अनिवार्य रूप से अपनी ओर से समुचित महत्वाकांक्षा के साथ प्रत्युत्तर देना चाहिए तथा निश्चित रूप से अपने दोनों वादों- अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाने के जरिये उत्सर्जन में भारी कमी लाने तथा विकासशील देशों को अधिक वित्त तथा प्रौद्योगिकीय सहायता उपलब्ध कराने- को पूरा करना चाहिए।
Read More »आयुध पैराशूट फैक्ट्री के कर्मचारियों द्वारा स्थानीय समस्याओं के निवारण हेतु आज से एक सप्ताह का आंदोलन
कानपुर 21 फरवरी, भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के अखिल भारतीय आवाहन पर दिनांक 21/02/2022 से 26/02/2022 तक देश की 41 आयुध निर्माणियों और इनके कर्मचारियों के हित लाभ की रक्षा से जुड़े स्थानीय मुद्दों के शीघ्र निस्तारण हेतु आंदोलन प्रारंभ किया गया। आंदोलन के क्रम में आयुध पैराशूट फैक्ट्री के अंतर्गत पैराशूट राष्ट्रीय मजदूर संघ ने आज दोपहर भोजनवाकश के समय निर्माणी द्वार पर कार्यकर्ताओं की भारी संख्या के साथ आंदोलन प्रारंभ किया। निर्माणी प्रबंधन से मांग की आयुध निर्माणियों का निगमीकरण हुए लगभग 5 माह बीत रहे है परंतु निर्माणी प्रशासन की सुस्ती के कारण कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण निश्चित समय में नही हो रहा हैऔर कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जैसे:- जीपीएफ आहरण समय से नही किया जाना, कच्चे माल की कमी को दूर न किया जाना, IR MECHANISH का गठन न किया जाना, मृतक आश्रितों को गत 3 वर्षों से नौकरी न देना, कोर्ट के आदेश होने के उपरांत एरियर का भुगतान न होना, पदोन्नति तथा पदोन्नति उपरांत वेतन निर्धारण समय से न किया जाना, लंबित मेडिकल बिलों तथा एरियर का भुगतान समय से न करना, वेतन विकल्प का लाभ शीघ्र लागू न करना इत्यादि।
आंदोलन का संचालन सुधीर त्रिपाठी ने किया तथा अध्यक्षता जितेंद्र चोपड़ा ने की, जिसमे मुख्य रूप से यूनियन के महामंत्री प्रेम कुमार तथा यूनियन के मंत्री संजीव कश्यप ने संबोधन दिया। कार्यक्रम में यूनियन के अन्य पदाधिकारियों के रूप में अमर बाबू, अखिलेश प्रताप सिंह, रवी शंकर, प्रदीप सिंह , जय कुमार, सचिन वर्मा, अजय जायसवाल, वेद प्रकाश शर्मा, प्रवीण यादव के साथ अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता और निर्माणी के कर्मचारी उपस्थित थे।
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