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डी जी कॉलेज में स्वच्छता पखवाड़े का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर द्वारा स्वच्छता पखवाड़े का शुभारंभ एनएसएस वॉलिंटियर्स के द्वारा वाटिका में साफ सफाई करके किया गया। इस दौरान उन्होंने कैंपस को प्लास्टिक मुक्त बनाने हेतु जागरूकता अभियान चलाते हुए लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक जैसे पानी की बोतल, रैपर, पाउच एवम् पॉलीथिन आदि का प्रयोग न करने की अपील भी की। यह पखवाड़ा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक *स्वच्छता ही सेवा है* अभियान के अंतर्गत चलाया जाएगा। इस दौरान वॉलिंटियर्स के द्वारा विभिन्न गतिविधियां करके अपने शहर, अपने महाविद्यालय तथा सार्वजनिक स्थलों को साफ रखने मे अपना योगदान किया जाएगा तथा इस संबंध में लोगों को जागरूक करते हुए साफ सफाई एवं स्वच्छता का महत्व भी समझाया जाएगा। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो वंदना निगम ने कहा कि यह अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है क्योंकि साफ सफाई एवं स्वच्छता रखना हम सभी का कर्तव्य है। छात्राओं के द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की उन्होंने प्रशंसा की तथा उनका मनोबल बढ़ाते हुए अपना हर संभव सहयोग देने का वादा भी किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में भूगोल विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजना श्रीवास्तव, श्वेता गोंड, अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ साधना सिंह, मनोविज्ञान विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अपूर्व बाजपेई समेत आकांक्षा यादव अंतरा कश्यप जहान्वी कश्यप आदि वॉलंटियर्स का योगदान सराहनीय रहा।

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भारत ने 12 और 13 सितंबर 2024 को ब्राजील के कुइआबा में जी-20 कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान अमेरिका, ब्राजील, जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, स्पेन, यूएई के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर ने जी-20 द्विपक्षीय बैठकों के दौरान ब्राजील में भारत के राजदूत श्री सुरेश रेड्डी और कृषि एवं किसान विभाग के संयुक्त सचिव श्री फ्रैंकलिन एल. खोबुंग के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। श्री राम नाथ ठाकुर और जापान के कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन मंत्री श्री साकामोटो के बीच 12 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक संपन्न हुई।

दोनों पक्षों ने प्रौद्योगिकी के प्रयोग, खाद्य प्रसंस्करण, शीत भंडारण आदि, भारत में सतत कृषि और उत्पादकता सहित पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में निजी निवेश के माध्यम से सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

बैठक में बाजार पहुंच के मुद्दों पर चर्चा की गई, जहां भारतीय मंत्री श्री ठाकुर ने जापान में भारतीय अनार और अंगूर की बाजार पहुंच में तेजी लाने का आग्रह किया, जबकि जापान के मंत्री श्री साकामोटो ने जापानी देवदार की बाजार पहुंच का मुद्दा उठाया।

राम नाथ ठाकुर और ब्राजील के कृषि एवं पशुधन मंत्री श्री होस्ट कार्लोस फावारो के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक हुई।

श्री फेवरो ने भारतीय अध्यक्षता से मिली सीख और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों पर जोर दिया। श्री ठाकुर ने एडब्ल्यूजी बैठकों के सफल समापन पर ब्राजील की अध्यक्षता को बधाई दी।

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग, इथेनॉल उत्पादन में सहयोग और बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।

दोनों पक्षों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की तथा आशा व्यक्त की कि आईसीएआर इंडिया और एम्ब्रापा ब्राजील के बीच समझौता ज्ञापन नवंबर में जी-20 नेताओं की बैठक से पहले पूरा हो जाएगा।

ब्राजील पक्ष ने इथेनॉल उत्पादन प्रौद्योगिकी में सहयोग करने की प्रतिबद्धता दिखाई, जिससे जलवायु परिवर्तन संबंधी कार्रवाई में सहायता मिलेगी।

भारत अपने ज्वार, रेपसीड, कपास, गेहूं, जौ और प्याज के लिए ब्राजील के बाजार तक पहुंच चाहता है। ब्राजील पक्ष साइट्रस आदि के लिए भारत के बाजार तक पहुंच चाहता है। मंत्रियों ने लंबित मुद्दों को हल करने के लिए आशा व्यक्त की जिससे व्यापारिक बाधा दूर हो जाएगी।

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री ठाकुर और अमेरिका की कृषि उप-सचिव सुश्री ज़ोचिटल टोरेस स्माल के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राज़ील में द्विपक्षीय बैठक हुई।

दोनों पक्षों ने यूएसडीए और एमए एंड एफडब्ल्यू वार्ता पहल पर आगे की कार्रवाई पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने जलवायु-स्मार्ट कृषि; कृषि उत्पादकता वृद्धि; कृषि इनोवेशन; पूर्वानुमान और उत्पादन रिपोर्टिंग तथा कृषि एवं फसल जोखिम संरक्षण और कृषि ऋण के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। अमेरिका ने कंसेप्ट नोट और इसके निरंतर विकास की सराहना की। यूएसडीए ने फसल बीमा क्षेत्र में दौरों के माध्यम से प्राप्त अनुभवों को साझा करने पर सहमति व्यक्त की।

श्री ठाकुर ने फलों और सब्जियों आदि के लिए बाजार पहुंच के मुद्दों पर प्रकाश डाला। अमेरिका ने भारत को अल्फाल्फा घास चारे के लिए बाजार पहुंच में तेजी लाने का अनुरोध किया। दोनों पक्षों ने सहमत रणनीतियों के अनुसार बाजार पहुंच से संबंधित लंबित मुद्दों को हल करने पर सहमति व्यक्त की।

श्री राम नाथ ठाकुर की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और जर्मनी की संसदीय राज्य सचिव सुश्री ओफेलिया निक की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई

सुश्री ओफेलिया निक ने श्री ठाकुर को बर्लिन में खाद्य एवं कृषि के ग्लोबल फोरम तथा कृषि मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। राम नाथ ठाकुर की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और ब्रिटेन के खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण मामले मंत्री श्री डैनियल ज़ीचनर की अध्यक्षता वाले प्रतिनिधिमंडल के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई।

ठाकुर ने भारत जर्मन संयुक्त कार्य समूह की चल रही नियमित बैठकों पर प्रसन्नता व्यक्त की और आशा व्यक्त की कि संयुक्त कार्य समूह की अगली आगामी बैठक सार्थक होगी। सुश्री ओफेलिया निक ने सुझाव दिया कि भारत-जर्मन कार्य समूह को नई दिल्ली में अगले आहार खाद्य मेले के समानांतर आयोजित किया जाना चाहिए। दोनों पक्ष त्रिकोणीय विकास परियोजनाओं के माध्यम से कृषि इको सिस्टम, तकनीकी आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के अनुप्रयोग, छोटे किसानों को सहायता, कृषि इको सिस्टम और जैविक खेती जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने कृषि खाद्य प्रणाली को सतत कृषि, अनुसंधान और साइंस प्रेसिजन ब्रीडिंग, जीन एडिटिंग और विस्तार सेवाओं में परिवर्तन के संबंध में सहयोग करने में अपनी रुचि व्यक्त की।

श्री ज़ीचनर ने किसानों तक विज्ञान पहुंचाने में केवीके और एटीएमए की भूमिका की सराहना की तथा आईसीएआर के साथ संयुक्त कार्यशाला के माध्यम से भारतीय मॉडल से सीखने और कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र के ब्रिटेन के अनुभव को साझा करने में रुचि दिखाई। ब्रिटेन ने कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाने में भी रुचि दिखाई।

श्री ठाकुर की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और स्पेन के कृषि, मत्स्य पालन और खाद्य मंत्री महामहिम लुइस प्लानस की अध्यक्षता वाले प्रतिनिधिमंडल के बीच 13 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। प्लानस ने डेयरी उत्पादों के लिए पशु चिकित्सा प्रमाण पत्र की स्वीकृति हेतु भारतीय मंत्री को धन्यवाद दिया और भविष्य में इस तरह के प्रोटोकॉल पर काम करने में रुचि दिखाई। उन्होंने मांस और मांस उत्पादों के लिए सैनिटरी और वेटेरिनरी प्रमाण पत्र के समाधान में भी रुचि दिखाई और संतरे के लिए ट्रांजिट में कोल्ड स्टोरेज की वैधता की पुष्टि प्राप्त होने की उम्मीद जताई।     दोनों पक्षों ने प्रौद्योगिकी, नई जीनोमिक तकनीकों, जल उपयोग दक्षता की प्रथाओं और तकनीकों, जलवायु सहिष्णु कृषि, बीजों और पौधों के लिए तकनीकी और वैज्ञानिक समाधान तथा दोनों देशों के अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग के आदान-प्रदान की इच्छा व्यक्त की। श्री प्लानस ने श्री ठाकुर को मैड्रिड आने का निमंत्रण दिया।

श्री ठाकुर की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और यूएई की पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय की महामहिम डॉ. आमना अल दहाक की अध्यक्षता वाले प्रतिनिधिमंडल के बीच 12 सितंबर 2024 को ब्राजील में द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। दोनों पक्षों ने कृषि क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता जताई। दोनों पक्षों ने तकनीकी टीमों द्वारा बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों की चर्चा करने पर सहमति व्यक्त की।

यूएई ने अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में सहयोग, वर्टिकल फार्मिंग, उच्च उपज प्रौद्योगिकियों पर अनुभव साझा करने में रुचि दिखाई। दोनों पक्षों ने सतत कृषि, लचीली खाद्य प्रणालियों से संबंधित मुद्दों की भी चर्चा की।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में महिला सशक्तिकरण पर कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज द्वारा मिशन शक्ति के अंतर्गत प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल के दिशानिर्देश में हुए कार्यक्रम में महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया। मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीतकमल ने सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की छात्राओं से बताया कि हमारा मानना ​​है कि हर लड़की और महिला को सम्मान के साथ अपने मासिक धर्म का प्रबंधन करने का अधिकार है, और हमारा लक्ष्य एक ऐसी दुनिया बनाना है जहां मासिक धर्म अब शर्म या डर का स्रोत नहीं रह जाए। महिलाओं के लिए चलाई जा रहीं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 के विषय में भी जानकारी दी गई |सभी छात्राओं को सेनेटरी पैड भी बांटे गए। इसमें हमारे शहरों को साफ रखने के लिए पैड के उचित निपटान के बारे में जागरूकता फैलाना भी शामिल था| इस दौरान अंजली, प्राची ,सिमरन, फैरी,प्रियांशी, शाजिया, साची आदि मौजूद रहे।

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कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में ई-ऑफिस का शुभारंभ

कानपुर 5 सितंबर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा आज कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में ई-ऑफिस का शुभारंभ किया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने ई-ऑफिस प्रणाली को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है, जिसके तहत सरकारी कार्यालयों में कागजी कार्रवाई को कम करने और कार्य प्रक्रिया को डिजिटल बनाने का लक्ष्य है। आज कानपुर कलेक्ट्रेट के प्रमुख पाटलो में ई-ऑफिस व्यवस्था को प्रारंभ किया गया। इस व्यवस्था के माध्यम से फ़ाइल/पत्रावली कर्मचारियों/अधिकारियों के पास स्वतः पहुँचजाएगी। इस व्यवस्था के लागू होने से गुणवत्तापूर्ण समय से निस्तारण होगा जिसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सकेगी साथ मे यह भी सुनिश्चित होगा की कौन कौन सी फ़ाइल किस पटल पर लंबित है।
उपरोक्त व्यवस्था के लागू होने से निम्न सुविधाए होगी:-
– कार्यालय में कागजी कार्रवाई कम होगी।
– कार्यालय में जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी ,
– कार्यालय में निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी।
– कार्यालय में पारदर्शिता बढ़ेगी।
– कार्यालय में कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
– कार्यालय में नागरिकों की सेवाओं में सुधार होगा।
– कार्यालय में काम करने के तरीके में बदलाव आएगा।
– कार्यालय में तकनीकी का उपयोग बढ़ेगा।
इस अवसर पर ई-ऑफिस ई- के नोडल अधिकारी एडीएम (न्यायिक) चंद्र शेखर तथा जिला सूचना विज्ञान अधिकारी एके गोस्वामी उपस्थित रहे ।

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शिक्षक दिवस के अवसर पर जनपद कानपुर के परिषदीय विद्यालयों के 50 शिक्षक सम्मानित

कानपुर 5 सितंबर जिलाधिकारी द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार मे जनपद कानपुर नगर के परिषदीय विद्यालयों के 50 शिक्षकों को सम्मान किया। आज जिन शिक्षकों को सम्मानित किया गया उन शिक्षकों द्वारा विद्यालय में नामांकन, उपस्थित, नवाचार, निपुण भारत मिशन इत्यादि में उत्कृष्ट कार्य किया गया है।
जिलाधिकारी द्वारा अपने उद्बबोधन में कहा कि शिक्षक बच्चों को तीन से चार वर्ष की आयु के बाद पढ़ाना शुरू कर देता है और 13 से 14 साल तक की आयु होने तक बेसिक शिक्षाp के अंतर्गत ‌ पढ़ाते है। शिक्षक समाज के पथ प्रदर्शक है एवं बेहतर भारत के निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है, ‌जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित शिक्षकों से अपेक्षा की गई कि कि जनपद में शिक्षक सभी बच्चों को निपुण बनाएं,विद्यालय मे बेहतर वातावरण का सृजन करें, विद्यालयों में सड़क सुरक्षा, स्काउट गाइड, नशा विरुद्ध अभियान आदि जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन बेहतर ढंग से किया जाना चाहिए, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके तथा उन्हें सभी तरह की जानकारी प्राप्त हो सके, जिसके अंतर्गत बच्चों को क्या करना है क्या नहीं करना है इसके विषय में भी उन्हें जानकारी दी जाए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती दीक्षा जैन ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हुए निपुण भारत मिशन के उद्देश्य को सफल बनाने तथा टीएलएम के माध्यम से सीखने के लिए शिक्षकों से अपेक्षा की गई।
कार्यक्रम में सुरजीत कुमार सिंह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,श्री शिशिर जयसवाल वित्त एवं लेखाधिकारी तथा बेसिक शिक्षा विभाग के विभिन्न शिक्षक उपस्थित रहे।

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केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पैरा-बैडमिंटन दल को सम्मानित किया, असाधारण प्रदर्शन के लिए खिलाडियों की प्रशंसा की

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में भारतीय पैरा-बैडमिंटन दल को भारत लौटने पर सम्मानित किया। भारत ने जीते गए कुल पदकों के मामले में पैरा बैडमिंटन में: पेरिस पैरालिंपिक खेल 2024 में 5 पदक (1 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य) के साथ अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
पैरा एथलीटों को संबोधित करते हुए, डॉ. मांडविया ने उनकी उपलब्धियों पर बेहद गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “आपने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से पूरे देश को गौरवान्वित किया है। आपके समर्पण और भावना ने भारतीय खेलों के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है।”

उन एथलीटों के लिए जो पदक से चूक गए, डॉ. मांडविया ने प्रोत्साहन के शब्द व्यक्त करते हुए कहा, “हमने पदक नहीं खोए हैं, हमने अमूल्य अनुभव प्राप्त किया है  मुझे विश्वास है कि भविष्य के पैरालिंपिक खेलों में हमारी पदक संख्या और बढ़ेगी और आप में से प्रत्येक विजेता बनकर उभरेगा।” अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत की प्रगति के बारे में बात करते हुए, डॉ. मांडविया ने पिछले दशक में ओलिंपिक खेलों और पैरालिंपिक खेलों, दोनों में देश के बेहतर प्रदर्शन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, हमने वैश्विक मंच पर अपनी योग्यता सिद्ध करते हुए अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है।” केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने पैरा-एथलीटों को बेहतर सुविधाएं, प्रशिक्षण और उच्चतम स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायता करने के अवसरों के साथ समर्थन देने की सरकार की प्रतिबद्धता पर भी बल दिया  उन्होंने भारतीय दल को निरंतर सहायता का आश्वासन दिया और उन्हें भविष्य की प्रतियोगिताओं में और भी ऊंचे लक्ष्य रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

पांच पदक विजेताओं में नितेश कुमार (स्वर्ण), सुहास एलवाई (रजत), थुलासिमथी मुरुगेसन (रजत), निथ्या श्री (कांस्य) और मनीषा रामदास (कांस्य) शामिल हैं।

भारत ने 03 सितंबर, 2024 को स्पर्धाओं के अंत तक कुल 20 पदक हासिल कर लिए हैं, जो टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में हासिल किए गए 19 पदकों की पिछली संख्या को पार कर गया है। पैरा-एथलीटों ने अपने अनुभव साझा किए और विशेष रूप से लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टीओपीएस) के अंतर्गत सहायता के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने संबंधित खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराने का श्रेय इस योजना को दिया।

खेलों में भाग लेने वाले 13 पैरा बैडमिंटन खिलाडियों के लिए पेरिस पैरालिंपिक खेलों की तैयारी के लिए भारत सरकार द्वारा कुल 19 विदेशी यात्राओं की सुविधा प्रदान की गई थी।

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भारत में वस्त्र उद्योग के साल 2030 तक 35,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने और इसमें 3.5 करोड़ नौकरियां उत्पन्न होने का अनुमान है: गिरिराज सिंह

भारत में वस्त्र उद्योग के साल 2030 तक 35,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने और 3.5 करोड़ नौकरियां सृजित करने की आशा है। यह बात केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज नई दिल्ली में ‘भारत टेक्स- 2025’ के पूर्वावलोकन कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने आगे आशा व्यक्त की कि भारत को उसके ‘भारत’ ब्रांड और हरित टिकाऊ वस्त्र उत्पादों के कारण वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी। केंद्रीय वस्त्र और विदेश राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा, वस्त्र सचिव श्रीमती रचना शाह और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।

श्री सिंह ने कहा कि वस्त्र के लिए केंद्र सरकार की पीएलआई योजना परिधान उद्योग को उत्पादन बढ़ाने और अपनी ब्रांडिंग को बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगी। इसके अलावा मंत्री ने यह भी कहा कि पीएलआई योजना से वस्त्र मूल्य श्रृंखला को जोड़ने में सहायता मिलेगी और देश में एफडीआई को आकर्षित किया जा सकेगा।

श्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय जनसांख्यिकी लाभ भारत को चीन से आगे बढ़ने में सहायता करेगा। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकारों से इस आयोजन में समान रूप से हिस्सा लेने का अनुरोध किया। मंत्री ने आगे कहा, “नवाचार, सहभागिता और मेक इन इंडिया की भावना के साथ यह आयोजन माननीय प्रधानमंत्री की ‘5एफ- फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन’ सोच का मूर्त रूप है।”

भारत टेक्स- 2025 एक वैश्विक वस्त्र कार्यक्रम है। इसका आयोजन वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) के एक संघ की ओर से किया जा रहा है और इसे वस्त्र मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है। 14-17 फरवरी, 2025 तक आयोजित होने वाले भारत टेक्स- 2025 कार्यक्रम को वैश्विक स्तर के वस्त्र व्यापार मेले और ज्ञान मंच के रूप में स्थापित किया गया है।

यह आयोजन दो अत्याधुनिक स्थलों- नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम् और ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर व मार्ट में एक साथ आयोजित किया जाएगा। इसका मुख्य कार्यक्रम 14-17 फरवरी, 2025 तक भारत मंडपम् में आयोजित किया जाएगा और इसमें वस्त्रों की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को कवर किया जाएगा। वहीं, 12 से 15 फरवरी, 2025 तक ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में हस्तशिल्प, परिधान मशीनरी, जातीय परिधान से संबंधित प्रदर्शनियां प्रदर्शित की जाएंगी।

भारत टेक्स- 2025 का लक्ष्य साल 2024 के संस्करण की शानदार सफलता को और आगे बढ़ाना है। लचीली वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं और वस्त्र स्थिरता की दोहरी विषयवस्तुओं के आस-पास निर्मित इस वर्ष का शो पहले संस्करण की तुलना में और भी अधिक जीवंत और आकर्षक होने का संकल्प करता है, जो शीर्ष नीति निर्माताओं, वैश्विक सीईओ, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शकों और वैश्विक खरीदारों को आकर्षित करेगा।

2,00,000 वर्ग मीटर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में 5,000 से अधिक प्रदर्शक, 110 से अधिक देशों के 6,000 अंतरराष्ट्रीय खरीदार और 1,20,000 से अधिक आगंतुकों के हिस्सा लेने की आशा है। इसके अलावा इस कार्यक्रम में लगभग 100 अंतरराष्ट्रीय वक्ता भी हिस्सा लेंगे।

भारत टेक्स प्रदर्शनी में परिधान, घरेलू सामान, फर्श कवरिंग, फाइबर, यार्न, धागे, कपड़े, कालीन, रेशम, वस्त्र आधारित हस्तशिल्प, तकनीकी वस्त्र और कई अन्य वस्तुएं प्रदर्शित होंगी। इसके अलावा इसमें भारत के फैशन खुदरा बाजार के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक रिटेल हाई स्ट्रीट भी होगा। इसके अलावा हस्तशिल्प व परिधान मशीनरी पर प्रदर्शनियां, पारंपरिक परिधानों के प्रदर्शन को सहयोगी स्थल- ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में आयोजित किया जाएगा।

इस वस्त्र महोत्सव में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें वैश्विक स्तर का व्यापार मेला व एक्सपो, वैश्विक स्तर का वस्त्र सम्मेलन, सेमिनार, सीईओ गोलमेज सम्मेलन और बी2बी व जी2जी बैठकें शामिल हैं। इसके अलावा इसमें रणनीतिक निवेश की घोषणाएं, उत्पादों की लॉन्चिंग और वैश्विक कपड़ा उद्योग को नया आकार देने के लिए सहभागिताओं की घोषणाएं भी शामिल होंगी। इस कार्यक्रम में आने वाले लाइव प्रदर्शनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, फैशन प्रस्तुतियों, डिजाइनर व ब्रांड प्रदर्शनियों का आनंद प्राप्त करने के साथ स्थिरता कार्यशालाओं और विशेषज्ञ वार्ताओं में अपनी मौजूदगी दर्ज कर सकते हैं।

भारत टेक्स- 2025 के पूर्वावलोकन समारोह में उद्योग संघों, वस्त्र क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों और विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक प्रतिष्ठित सभा आयोजित हुई। भारत टेक्स- 2024 एक्सपो के बारे में अधिक जानकारी www.bharat-tex.com पर उपलब्ध है।

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भारतीय पैरालंपिक दल द्वारा अब तक के सर्वाधिक पदक जीतने का रिकॉर्ड कायम करने पर प्रधानमंत्री ने अपार गर्व और प्रसन्नता व्यक्त की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय पैरालंपिक दल द्वारा हमारे देश के लिए पैरालंपिक में अब तक के सर्वाधिक पदक जीतने का रिकॉर्ड कायम करने पर अपार गर्व और प्रसन्नता व्यक्त की है। श्री मोदी ने खिलाड़ियों के समर्पण और जुनून की प्रशंसा की तथा प्रत्येक खिलाड़ी को उसकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट में कहा है ;

“भारत गौरवान्वित और प्रफुल्लित है!

हमारे असाधारण पैरालंपिक दल ने पैरालंपिक में हमारे देश के लिए अब तक के सर्वाधिक पदक जीतने का रिकॉर्ड कायम किया है। यह हमारे खिलाड़ियों के समर्पण, जुनून और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। प्रत्येक खिलाड़ी को बधाई।

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नई पेंशन योजना कितनी कारगर?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यूनिफाइड पेंशन योजना लागू की जिसके तहत इस योजना का लाभ सरकारी कर्मचारियों को दिया जाएगा साथ ही यह भी कहा गया कि 2004 के बाद रिटायर्ड   सरकारी कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा। यह योजना एनडीए गवर्नमेंट की नई योजना है जिसे नेशनल पेंशन स्कीम एनपीएस के समांतर जारी किया गया है और यह योजना 1अप्रैल 2025 से लागू होगी। गौरतलब है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस और यूपीएस में से एक को चुनने का विकल्प रखा गया है। वहीं देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना ओपीएस अभी भी लागू है। अब ऐसे में लोगों को ओपीएस, एनपीएस और यूपीएस में अंतर करना मुश्किल हो रहा है, लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि कौन सी योजना उनके लिए लाभदायक है और उनके लिये अनुकूल होगी।

यूपीएस पेंशन योजना के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दिया जाएगा जो आखरी 12 महीने की औसत मूल वेतन का 50% होगा। कर्मचारियों को यह पेंशन पाने के लिए कम से कम 25 साल तक नौकरी करनी होगी। वहीं अगर किसी कर्मचारी की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने की स्थिति में परिवार (पत्नी) को 60 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा 10 साल तक की न्यूनतम सेवा की स्थिति में कर्मचारी को कम से कम 10 हज़ार रुपये प्रति माह पेंशन के रूप में दिए जाएंगे। इसके अलावा कर्मचारी और फ़ैमिली पेंशन को महंगाई के साथ जोड़ा जाएगा। इसका लाभ सभी तरह की पेंशन में मिलेगा। वहीं ग्रैच्युटी के अलावा नौकरी छोड़ने पर एकमुश्त रकम दी जाएगी। इसकी गणना कर्मचारियों के हर छह महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के दसवें हिस्से के रूप में होगी।
सरकार का दावा है कि इससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। पहले कर्मचारी पेंशन के लिए 10 प्रतिशत का अंशदान करते थे और केंद्र सरकार भी इतना ही अंशदान करती थी, लेकिन 2019 में सरकार ने सरकारी योगदान को 14 प्रतिशत कर दिया था, जिसे बढ़ाकर अब 18.5 प्रतिशत कर दिया जाएगा। नयी एकीकृत पेंशन योजना 1अप्रैल 2025 से लागू होगी, तब तक इसके लिए संबंधित नियमों को बनाने के काम किया जाएगा और कर्मचारियों के पास एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम या यूपीएस में रहने का विकल्प होगा।
एनपीएस के तहत दो अकाउंट होते हैं टायर 1 टायर 2 जिसे कोई भी खोल सकता है और निवेश कर सकता है। यूपीएस एक निश्चित पेंशन स्कीम है साथ ही फैमिली पेंशन भी मिलेगा। मिनिमम निश्चित पेंशन का भी प्रावधान है जबकि एनपीएस में ऐसा नहीं है। यूपीएस सुरक्षित पेंशन योजना है जबकि एनपीएस एक मार्केट लिंक योजना है लेकिन देश में सरकारी कर्मचारी काफी समय से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं। पिछले 10 सालों से यह मसला उलझा हुआ है और कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। इस योजना के लागू होने के साथ ही यह सवाल भी आने लगे हैं कि जब एनपीएस और यूपीएस का विकल्प है तो ओपीएस का विकल्प क्यों नहीं रखा गया? यदि यूपीएस में 50% देने की बात रखी गई है तो ओपीएस में भी तो यही 50% देने की बात कही गई है। फिर सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू क्यों नहीं कर रही है?
दरअसल ओपीएस एक परिभाषित लाभ योजना है जो वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर समायोजन के साथ जीवन भर पेंशन के रूप में प्राप्त अंतिम वेतन के आधे हिस्से की गारंटी देती है। वहीं, एनपीएस एक परिभाषित योगदान योजना है जहां सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान करते हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मचारियों के विषय में कुछ नहीं कहा गया है। यह कर्मचारी भी देश के विकास में टैक्स के रूप में रकम चुकाते हैं।
कई विधानसभा चुनाव में ओपीएस की मांग भाजपा पर भारी पड़ी है और वहां कांग्रेस को फायदा पहुंचा है। अब फिर से विधानसभा चुनाव का सिलसिला शुरू हो गया है ऐसे में भाजपा 370 जैसे कार्ड के अलावा नई पेंशन योजना द्वारा सरकारी कर्मचारियों को लुभा रही है। 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभान्वित होने की बात कही गई है और इन्हीं कर्मचारियों में से अधिकतर ने पुरानी पेंशन योजना की मांग रखी है। दूसरी ओर एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या यह चुनावी वादों से घिरे प्रधानमंत्री की छवि को सुधारने का प्रयास है?

~प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

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पी०के० इण्डस्ट्रीज में दादू ब्रांड नाम से बनाया जा रहा था अत्यंत गन्दगी के साथ सेंधा नमक, काला नमक एवं साधारण नमक

कानपुर 03 सितम्बर, (सू0वि0) सहायक आयुक्त खाद्य-II, कानपुर नगर संजय प्रताप सिंह ने बताया है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, संजय वर्मा एवं डा० अजय कुमार मौर्य के द्वारा हंसपुरम नौबस्ता कानपुर नगर स्थित पी०के० इण्डस्ट्रीज में औचक छापेमारी की गयी उक्त इण्डस्ट्री में अत्यन्त गन्दगी के साथ सेंधा नमक, काला नमक एवं साधारण नमक दादू ब्राण्ड के नाम से पैकिंग कर मानव उपभोग हेतु विक्रयार्थ भण्डारित करते हुए पाया गया। काला नमक में साधारण नमक की मिलावट की जा रही थी। कार्यस्थल पर कार्मिको द्वारा तैयार व पैक्ड नमक पर जूते पहनकर चला जा रहा था। तत्क्रम में उपरोक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम द्वारा मौके पर ही सेंधा नमक, काला नमक एवं साधारण नमक के तीन नमूने संग्रहित किये गये एवं साथ ही 25 कुन्टल काला नमक, कीमत 1,99,680/- (रू० एक लाख निन्याबे हजार छः सौ अस्सी) तथा 50 कुन्टल साधारण नमक कीमत 24,995/- (रू० चौबीस हजार नौ सौ पन्चानबे) को सीज कर दिया गया। निर्माणस्थल की साफ-सफाई व अन्य कार्यों के सुधार करने तक वहां पर निर्माण कार्य को रोक दिया गया।

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