Breaking News

प्रधानमंत्री ने मुंबई में आयोजित एक समारोह में लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार प्राप्त किया

प्रधानमंत्री मोदी आज मुंबई में मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री को प्रथम लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत रत्न लता मंगेशकर की स्मृति में स्थापित किया गया यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष सिर्फ एक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण में अनुकरणीय योगदान के लिए दिया जाएगा। इस अवसर पर, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी और  मंगेशकर परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। पीएम मोदी ने मंगेशकर परिवार का धन्यवाद किया

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि मुझे संगीत जैसे गहन विषय की बहुत जानकारी तो नहीं है, लेकिन सांस्कृतिक बोध से यह महसूस होता है कि संगीत एक ‘साधना’ भी है और एक भावना भी। उन्होंने कहा, “जो अव्यक्त को व्यक्त कर दे, वो शब्द है। जो व्यक्त में ऊर्जा और चेतना का संचार कर दे, वो ‘नाद’ है। जो चेतन में भावों और भावनाओं को भरकर सृष्टि और संवेदनशीलता की पराकाष्ठा तक ले जाए, वो ‘संगीत’ है। संगीत आपको वीररस और मातृत्व स्नेह की अनुभूति करवा सकता है। यह राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यबोध के शिखर पर पहुंचा सकता है।” उन्होंने कहा, “हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमने संगीत के इस सामर्थ्य और शक्ति को लता दीदी के रूप में साक्षात देखा है।” एक व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए, श्री मोदी ने कहा, “मेरे लिए, लता दीदी ‘सुर साम्राज्ञी’ होने के साथ-साथ मेरी बड़ी बहन भी थीं। पीढ़ियों को प्रेम और भावनाओं का उपहार देने वाली लता दीदी से अपनी बहन जैसा प्यार पाने से बड़ा सौभाग्य और क्या होगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे आमतौर पर पुरस्कार लेते हुए बहुत सहज नहीं महसूस करते, लेकिन जब मंगेशकर परिवार लता दीदी जैसी बड़ी बहन का नाम लेता है और उनके नाम पर पुरस्कार देता है, तो यह उनके स्नेह और प्यार का प्रतीक बन जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरे लिए इसे ना कहना संभव नहीं है। मैं यह पुरस्कार सभी देशवासियों को समर्पित करता हूं। जिस तरह लता दीदी लोगों की थीं, वैसे ही उनके नाम पर मुझे दिया गया यह पुरस्कार भी लोगों का है।” प्रधानमंत्री ने कई व्यक्तिगत किस्से सुनाए और सांस्कृतिक जगत में लता दीदी के असीम योगदान के बारे में विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, “लता जी की जीवन यात्रा ऐसे समय में पूरी हुई जब हमारा देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने आजादी से पहले भारत को आवाज दी थी और देश की इन 75 वर्षों की यात्रा भी उनकी आवाज के साथ जुड़ी रही।”

प्रधानमंत्री ने मंगेशकर परिवार की राष्ट्रभक्ति के गुण के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, “संगीत के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति की जो चेतना लता दीदी के भीतर थी, उसका स्रोत उनके पिताजी ही थे।” श्री मोदी ने वह घटना सुनाई जब आजादी की लड़ाई के दौरान शिमला में ब्रिटिश वायसराय के एक कार्यक्रम में दीनानाथ जी ने वीर सावरकर का लिखा एक गीत गाया था। यह गीत वीर सावरकर ने ब्रिटिश शासन को चुनौती देते हुए लिखा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभक्ति की यह भावना अपने परिवार को दीनानाथ जी ने विरासत में दी थी। लता जी ने संगीत को अपनी पूजा बना लिया लेकिन देशभक्ति और राष्ट्र सेवा को भी उनके गीतों से प्रेरणा मिली।

लता दीदी के शानदार करियर का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “लता जी ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की मधुर प्रस्तुति की तरह थीं। उन्होंने 30 से अधिक भाषाओं में हजारों गाने गाए। चाहे वह हिंदी हो, मराठी, संस्कृत या दूसरी भारतीय भाषाएं हो, उनका स्वर हर भाषा में एक जैसा घुला हुआ था।” श्री मोदी ने आगे कहा, “संस्कृति से आस्था तक, पूर्व से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक, लता जी के सुरों ने पूरे देश को एक करने का कार्य किया। वैश्विक स्तर पर भी, वह भारत की सांस्कृतिक राजदूत थीं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “ वह हर राज्य, हर क्षेत्र के लोगों के मन में बसी हुई हैं। उन्होंने दिखाया कि कैसे भारतीयता के साथ संगीत अमर हो सकता है।” प्रधानमंत्री ने मंगेशकर परिवार के परोपकारी कार्यों की भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए विकास का मतलब सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। इस परियोजना में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सभी के कल्याण के दर्शन को भी शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि विकास की ऐसी अवधारणा सिर्फ भौतिक क्षमताओं से हासिल नहीं की जा सकती। इसके लिए आध्यात्मिक चेतना बेहद महत्वपूर्ण है। इसीलिए भारत योग, आयुर्वेद और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान कर रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन को समाप्त करते हुए कहा, “मेरा मानना ​​है, हमारा भारतीय संगीत भी भारत के इस योगदान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आइए हम इस विरासत को उन्हीं मूल्यों के साथ जीवित रखें तथा इसे आगे बढ़ाएं और इसे वैश्विक शांति का एक माध्यम बनाएं।”

Read More »

इस अग्नि के फेरे में पुरुष भी तो जलते है

इस अग्नि के फेरे में पुरुष भी तो जलते है
स्त्री तकलीफ में होती है माना, मग़र पुरुष भी कहाँ सुकून से पलते है!!
इस अग्नि के फेरे में पुरुष भी तो जलते है
कुछ पुरुष होते है जो दर्द को अन्दर ही अन्दर पीते है,अपने बच्चो का चेहरा देखकर उसी में वो जीते है!!
स्त्री रो कर बाह लेती है अपने दर्द को,वही पुरुष रोने भी कह बैठ पाता है
क़भी बच्चो में देखता है अपने अस्क को, तो क़भी आईने में खोजता फिरता है खुद को!!
इस अग्नि के फेरे में पुरुष भी तो जलते है
तकलीफ होती हज़ार गुना जब माँ कहती है की
मेरा बेटा अब मेरा बेटा नहीं रह बस किसी का पति बन गया है, इस उलझन को वो कैसे सुलझाये
अपनी माँ को वो क्या बतलाये की वो क्या था और क्या बन के रह गया!!
इस अग्नि के फेरे में पुरुष भी तो जलते है
हर पुरुष की नहीं ये कहानी, मग़र है बहुत से जो इस दर्द से है गुजरते,एक कोने में बैठ कर अपनी ज़िन्दगी की डोर को हाथों में लेकर घन्टो बैठ कर देखते है, फिर उसी डोर को सीने से लगा कर
ज़िम्मेदारियों को उठाने वो घर से निकलते है! इस अग्नि के फेरे में पुरुष भी तो जलते है …श्रद्धा श्रीवास्तव

Read More »

एस. एन. सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज की कोदोम्बिनी देवी एन. एस. एस. इकाई तथा ‘आरोग्य भारती’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा’ विषय पर एक कार्यशाला आयोजित

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस एस. एन. सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज, कानपुर के कोदोम्बिनी देवी एन. एस. एस. इकाई तथा ‘आरोग्य भारती’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल,मुख्य अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा उर्सला हॉस्पिटल की पूर्व निदेशक डॉ. मधु लाल, एन. एस. एस. इंचार्ज डॉ. चित्रा सिंह तोमर तथा आरोग्य भारती के प्रान्त अध्यक्ष डॉ. सुनील भारती, प्रांत सचिव डॉ. अनोखेलाल पाठक तथा सदस्या डॉ. पूनम वाजपेयी ने माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया ।
अतिथियों के स्वागत के पश्चात आरोग्य भारती के प्रांत सचिव डॉ. अनोखेलाल ने धन्वन्तरि मंत्र के साथ कार्यक्रम का औपचारिक आरम्भ किया। इसके पश्चात डी. ए. वी. कॉलेज में योग प्रशिक्षक तथा आरोग्य भारती की सदस्या डॉ. पूनम वाजपेयी ने छात्राओं तथा शिक्षिकाओं को योग की महत्ता बताते हुए योगाभ्यास तथा प्राणायाम कराया। छात्राओं को वृक्ष आसन, त्रिकोन आसन, वज्रासन, मंडूक आसन,वक्र आसन,मकरासन, पवनमुक्तासन, सेतुबंध आसन, मर्कट आसन, कपालभाती, अनुलोम विलोम,भ्रामरी आदि का अभ्यास कराया।
तत्पश्चात् मुख्य अतिथि डॉ. मधु लाल ने स्वास्थ्य एवं पौष्टिक आहार विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। अगली श्रृंखला में आरोग्य भारती के प्रांत अध्यक्ष डॉ. सुनील भारती ने अपनी संस्था ‘आरोग्य भारती’ के लक्ष्य एवं उद्देश्यों के विषय में बताया तथा छात्राओं को प्रोत्साहित किया ।
प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा छात्राओं को सीख लेने के लिए प्रोत्साहित किया ।
आरोग्य भारती के सदस्य आशीष वाजपई ने रोग निवारण के लिए ‘रेकी’ विधा के विषय में बताया। अंत में आरोग्य भारती के प्रांत सचिव डॉ. अनोखेलाल पाठक ने ‘शांति मंत्र’ के साथ कार्यशाला का औपचारिक समापन किया ।

Read More »

प्रधानमंत्री ने बनासकांठा के दियोदर में बनास डेयरी संकुल में कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बनासकांठा जिले के दियोदर में एक नया डेयरी कॉम्प्लेक्स और आलू प्रसंस्करण संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया गया है। नया डेयरी कॉम्प्लेक्स एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है। यह प्रतिदिन लगभग 30 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण, लगभग 80 टन मक्खन, एक लाख लीटर आइसक्रीम, 20 टन संघनित दूध (खोया) और 6 टन चॉकलेट का उत्पादन करने में सक्षम होगा। आलू प्रसंस्करण संयंत्र विभिन्न प्रकार के प्रसंस्कृत आलू उत्पादों जैसे फ्रेंच फ्राइज, आलू चिप्स, आलू टिक्की, पैटी आदि का उत्पादन करेगा, जिनमें से कई उत्पाद अन्य देशों में निर्यात किए जाएंगे। ये संयंत्र स्थानीय किसानों को सशक्त बनाएंगे और क्षेत्र में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे। प्रधानमंत्री ने बनास सामुदायिक रेडियो स्टेशन भी राष्ट्र को समर्पित किया। यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन किसानों को कृषि और पशुपालन से संबंधित प्रमुख वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। उम्मीद है कि रेडियो स्टेशन लगभग 1700 गांवों के 5 लाख से अधिक किसानों से जुड़ेगा। प्रधानमंत्री ने पालनपुर में बनास डेयरी संयंत्र में पनीर उत्पादों और मट्ठा पाउडर के उत्पादन के लिए विस्तारित सुविधाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही, प्रधानमंत्री ने गुजरात के दामा में स्थापित जैविक खाद और बायोगैस संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने खिमना, रतनपुरा-भीलडी, राधनपुर और थावर में स्थापित होने वाले 100 टन क्षमता के चार गोबर गैस संयंत्रों की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल शामिल थे।

आयोजन से पहले, प्रधानमंत्री ने बनास डेयरी के साथ अपने जुड़ाव के बारे में ट्वीट किया तथा 2013 और 2016 में अपनी यात्राओं से तस्वीरें साझा कीं। प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले कई वर्षों में, बनास डेयरी स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने का केंद्र बन गया है। मुझे डेयरी के अभिनव उत्साह पर विशेष रूप से गर्व है जो उनके विभिन्न उत्पादों में देखा जाता है। शहद पर उनका निरंतर ध्यान रखना भी प्रशंसनीय है।” श्री मोदी ने बनासकांठा के लोगों के प्रयासों और भावना की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मैं बनासकांठा के लोगों की कड़ी मेहनत दृढ़ता की भावना की सराहना करना चाहता हूं। जिस तरह से इस जिले ने कृषि के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है वह काबिले तारीफ है। किसानों ने नई तकनीकों को अपनाया, जल संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया और परिणाम सभी के सामने हैं।”

Read More »

प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के दाहोद और पंचमहाल में 22,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज दाहोद में आदिजाति महासम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने लगभग 22,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने दाहोद जिला दक्षिणी क्षेत्र में क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजना का उद्घाटन किया, जिसे नर्मदा नदी बेसिन पर लगभग 840 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। यह योजना दाहोद जिले के लगभग 280 गांवों और देवगढ़ बरिया शहर की जलापूर्ति की जरूरतों को पूरा करेगी। प्रधानमंत्री ने दाहोद स्मार्ट सिटी की पांच परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिन्हें लगभग 335 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। इन परियोजनाओं में एकीकृत आदेश व नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) भवन, तेज प्रवाह जल निकासी प्रणाली, सीवरेज कार्य, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और वर्षा जल संचयन प्रणाली शामिल हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पंचमहाल और दाहोद जिले के 10,000 आदिवासियों को 120 करोड़ रुपये के लाभ प्रदान किये गए। प्रधानमंत्री ने 66 केवी घोड़िया सबस्टेशन, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी आदि का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने दाहोद स्थित उत्पादन इकाई में 9,000 एचपी विद्युत रेल इंजन के निर्माण की आधारशिला भी रखी। इस परियोजना की लागत करीब 20,000 करोड़ रुपये है। दाहोद कार्यशाला को भाप इंजनों की एक निश्चित अवधि के बाद की जाने वाली सम्पूर्ण मरम्मत के लिए 1926 में स्थापित किया गया था, जिसका अब अवसंरचना संबंधी सुधारों के साथ विद्युत रेल इंजन निर्माण इकाई के रूप में उन्नयन किया जाएगा। यह 10,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने लगभग 550 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इनमें शामिल हैं- करीब 300 करोड़ रुपये की जलापूर्ति से संबंधित परियोजनाएं, 175 करोड़ रुपये की दाहोद स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, दुधिमती नदी परियोजना से संबंधित कार्य, घोड़िया में जीईटीसीओ सबस्टेशन आदि। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, श्रीमती दर्शना जरदोश, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल और गुजरात सरकार के कई मंत्री उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्थानीय आदिवासी समुदाय के साथ  अपने लंबे जुड़ाव को याद किया। उन्होंने राष्ट्र सेवा की ओर उन्हें प्रेरित करने का श्रेय इस समुदाय के लोगों के आशीर्वाद को दिया। उन्होंने एक ऐसे परिदृश्य के निर्माण का श्रेय भी इन समुदाय के समर्थन और आशीर्वाद को दिया जिसमें केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार द्वारा आदिवासी समुदायों और विशेष रूप से महिलाओं की सभी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है उनमें एक पेयजल से जुड़ी योजना है और दूसरी दाहोद को स्मार्ट सिटी बनाने से जुड़ी परियोजना है। इन दोनों परियोजनाओं से इस इलाके की माताओं और बेटियों का जीवन आसान होगा। उन्होंने कहा कि दाहोद मेक इन इंडिया अभियान में योगदान देगा क्योंकि दाहोद स्थित उत्पादन इकाई में 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से 9000 एचपी वाले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव तैयार होने वाले हैं। उन्होंने याद किया कि कैसे दाहोद का रेलवे का इलाका मरता जा रहा था जब वो इस इलाके में सर्वेंट क्वार्टरों का दौरा किया करते थे। उन्होंने इस इलाके के रेलवे से संबंधित ढांचे को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया और आज उस सपने के साकार होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह विशाल निवेश इस इलाके के युवाओं को नए अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि रेलवे सभी पहलुओं में उन्नत हो रहा है और इस किस्म के उन्नत लोकोमोटिव का निर्माण भारत के कौशल का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की विदेशों में मांग बढ़ रही है। इस मांग को पूरा करने में दाहोद बड़ी भूमिका निभाएगा। भारत अब दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जो 9 हजार हॉर्स पावर के शक्तिशाली लोको बनाता है।”

गुजराती में संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रगति की इस यात्रा में हमारी माताएं और बेटियां पीछे न रह जाएँ। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी वजह से सरकार की सभी योजनाओं के केंद्र में महिलाओं के जीवन को आसान बनाना और उनका सशक्तिकरण करना है। उन्होंने महिलाओं को सबसे पहले प्रभावित करने वाली पानी की कमी की समस्या का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार इसलिए हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले कुछ वर्षों में छह करोड़ परिवारों को नल के पानी की सुविधा मिली है। गुजरात में पांच लाख आदिवासी परिवारों को नल के पानी की सुविधा मिल चुकी है। आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महामारी और युद्धों के कठिन दौर में, सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग जैसे कमजोर समुदायों और प्रवासी मजदूरों के कल्याण को सुनिश्चित किया। यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी गरीब परिवार भूखा न सोए और 80 करोड़ से अधिक लोगों को दो साल से अधिक समय से मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने इस संकल्प को दोहराया कि प्रत्येक आदिवासी परिवार के पास शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली, पानी के कनेक्शन से लैस एक पक्का घर होना चाहिए। उनके गांव में स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र, शिक्षा, एंबुलेंस और सड़कों की सुविधा होनी चाहिए। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र और राज्य की सरकार अथक प्रयास कर रही हैं। उन्होंने लाभार्थियों को प्राकृतिक खेती जैसी राष्ट्र सेवा से जुड़ी परियोजनाओं में शामिल होते देख अपार प्रसन्नता व्यक्त की। सरकार ने सिकल सेल रोग की समस्या के समाधान की ओर भी ध्यान दिया है।

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि कई वास्तविक स्वतंत्रता सेनानियों को वह उचित सम्‍मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा जैसे श्रद्धेय सेनानियों को दिए गए उचित सम्‍मान के बारे में बताया। उन्होंने स्थानीय शिक्षकों से दाहोद में हुए नरसंहार के बारे में पढ़ाने को कहा जो जलियांवाला बाग हत्याकांड जैसा ही था, ताकि नई पीढ़ी को इन घटनाओं के बारे में पता चल सके। उन्होंने उन बीते दिनों से तुलना करते हुए इस क्षेत्र में हुई उल्‍लेखनीय प्रगति के बारे में भी चर्चा की जब एक भी विज्ञान स्कूल वहां नहीं था। अब वहां मेडिकल व नर्सिंग कॉलेज खुल रहे हैं, युवा पढ़ाई के लिए विदेश जा रहे हैं और एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं। जनजातीय अनुसंधान संस्थानों की संख्या में काफी हद तक वृद्धि हो चुकी है। उन्होंने स्‍मरण किया कि किस तरह से 108 केंद्रों में सर्पदंश के लिए इंजेक्शन दिया जा रहा है।

अपने संबोधन के आखिर में उन्होंने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के वर्ष में उन 75 सरोवरों के लिए अपना अनुरोध दोहराया जिन्‍हें इस जिले में बनाया जाना है।

Read More »

आयुष्मान भारत प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य मेलों में 3 लाख 57 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सहभागिता में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 16 अप्रैल से 22 अप्रैल, 2022 तक आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की चौथी वर्षगांठ मना रहा है। पूरे देश में इस उत्सव को बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, विधायक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव/स्वास्थ्य सचिव राज्य स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय गणमान्य व्यक्ति भी एबी-एचडब्ल्यूसी दौरा का कर रहे हैं। इसके साथ ही जनता के बीच सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने में एबी-एचडब्ल्यूसी के महत्व के बारे में जागरूकता भी उत्पन्न कर रहे हैं।

A group of people sitting at a tableDescription automatically generated with medium confidence

18-22 अप्रैल, 2022 तक पूरे देश के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के हर एक जिले के कम से कम एक प्रखंड में स्थित एक लाख से अधिक एबी-एचब्ल्यूसी में प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जा रहा है। हर एक प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य मेला एक दिन के लिए होगा और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के प्रत्येक ब्लॉक को कवर किया जाएगा। स्वास्थ्य मेले के दूसरे दिन पूरे देश में 3 लाख 57 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। लगभग 490 प्रखंडों ने स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया। इसके अलावा 60,000 से अधिक आभा स्वास्थ्य आईडी बनाए गए और 21,000 पीएमजेएवाई गोल्डन कार्ड जारी किए गए। साथ ही उच्च रक्तचाप और मधुमेह आदि के लिए हजारों लोगों की जांच की जा रही हैं।

A picture containing person, people, group, crowdDescription automatically generated

16 अप्रैल, 2022 को आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) में एक दिन में ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म के जरिए रिकॉर्ड 3 लाख टेली- परामर्श किए गए। यह एबी-एचडब्ल्यूसी में एक दिन में अब तक किए गए टेली-परामर्श की सबसे अधिक संख्या है, जो हर दिन 1.8 लाख टेली-परामर्श के अपने पहले के रिकॉर्ड को पार कर गया है। वहीं, 19 अप्रैल 2022 को पूरे देश में 25,000 से अधिक टेली-परामर्श किए गए।

 

Read More »

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर का प्रिंट मीडिया मालिकों एवं संपादकों से सीधा संवाद

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर गुजरात के दौरे पर हैं। मंत्री ने आज गांधीनगर में प्रमुख समाचार पत्रों के मालिकों और प्रमुख संपादकों के साथ बैठक की। इस अनौपचारिक बैठक में अखबार जगत के नेताओं ने मीडिया जगत से जुड़े क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि सरकार लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा कि सरकार पत्रकारों के साथ-साथ समाचार पत्रों के लाभ के लिए कई कदम उठा रही है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/anu1HMES.jpg

प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा आयोजित, मंत्री ने जनहित के कई मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया। मंत्री ने भ्रामक और झूठी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए अखबार जगत से राय मांगी। इस अवसर पर पीआईबी के अतिरिक्त ADG डॉ धीरज काकड़िया, राज्य सरकार के सूचना एवं प्रसारण सचिव सुश्री अवंतिका सिंह, सूचना निदेशक श्री आरके मेहता आदि भी उपस्थित थे। 

 

Read More »

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने जम्मू और कश्मीर में एक जिला एक उत्पाद के तहत विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित किया

जम्मू और कश्मीर व्यापार संवर्धन संगठन (जेकेटीपीओ) के सहयोग से उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के ‘एक जिला एक उत्पाद’ पहल के तहत व्यापार को बढ़ावा देने और बाजार संपर्क बनाने की दृष्टि से, जम्मू और कश्मीर में 21 अप्रैल 2022 को एक विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया गया।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व वाले कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की उपस्थिति रही और उनके उत्पाद दुनियाभर में एक मिलियन से अधिक खुदरा दुकानों पर उपलब्ध हैं। जम्मू और कश्मीर के विभिन्न जिलों के विक्रेताओं, व्यापारियों, किसानों, एग्रीगेटर्स ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया जो घाटी की अद्वितीय चीजें हैं। इसमें विश्व प्रसिद्ध कश्मीरी केसर, हिमालयन व्हाइट बबूल शहद, लाल चमकदार किडनी बीन्स, ताजी उगाई गई जैविक सब्जियां और बहुत कुछ शामिल हैं।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन ने एक ऐसा मंच प्रदान किया, जहां विभिन्न सरकारी विभाग और संस्थान चयनित उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आए। जम्मू एवं कश्मीर कृषि और उद्योग विभाग बाजार की आवश्यकता के अनुसार गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। साथ ही किसानों की आय क्षमता में सुधार के लिए इस श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों को प्रसिद्ध ब्रांडों के साथ जोड़ना अनिवार्य है। सभी हितधारकों के बीच सामूहिक चर्चा से केसर आधारित डेयरी उत्पादों, अखरोट आधारित बेकरी उत्पादों आदि जैसे उत्पादों की विविधता पर नए-नए विचार सामने आए। खरीदारों और विक्रेताओं के बीच व्यापार पर केंद्रित चर्चा की सुविधा प्रदान की गई, जिसके परिणामस्वरूप 1.2 करोड़ रुपये की धनराशि के 4 उत्पादों के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

यह आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष परिणाम है। अपने एक जिला एक उत्पाद पहल के तहत, डीपीआईआईटी किसानों की आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस तरह के जुड़ाव को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। कृषि, कपड़ा, हस्तशिल्प और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में 700 से अधिक उत्पादों के साथ, ओडीओपी पहल के जरिए देश के हर जिले से एक उत्पाद का चयन, ब्रांड और प्रचार किया जाता है। समन्वय और सहयोगात्मक नेटवर्क तैयार करना इसकी मुख्य भूमिका है। व्यापार को बढ़ावा देने और सुविधा के लिए यह खरीदारों और विक्रेताओं की मदद करता है।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने मुख्य संबोधन दिया। कार्यक्रम के दौरान सुमिता डावरा, अपर सचिव डीपीआईआईटी, नवीन कुमार चौधरी प्रधान सचिव कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग के अलावा जम्मू और कश्मीर सरकार के कृषि एवं बागवानी विभागों के विषय विशेषज्ञ आदि विभिन्न गणमान्य उपस्थित रहे।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के साथ-साथ वेब आधारित बिक्री के जरिए व्यापार का विस्तार करने के लिए जम्मू-कश्मीर के विक्रेताओं का सहयोग करने को देश के एक प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा ई-कॉमर्स सत्र भी आयोजित किया गया। इससे पहले ओडीओपी पहल के माध्यम से बडगाम, कश्मीर से 6750 किलोग्राम सेब और 2000 किलोग्राम अखरोट कर्नाटक के खरीदारों को बेचा गया, जो पहले इसका आयात कर रहे थे। विभिन्न उत्पादों के अनूठे बिक्री प्रस्ताव (यूएसपी) की पहचान और सहयोग के माध्यम से, ओडीओपी पहल अपने विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के माध्यम से ऐसे प्रयासों को बड़े पैमाने पर दोहराने का प्रयास कर रही है।

Read More »

कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर और फिलीपींस के कृषि मंत्री श्री डार के बीच हुई बैठक

नई दिल्ली 21 अप्रैल, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर से आज कृषि भवन, नई दिल्ली में फिलीपींस के कृषि मंत्री श्री विलियम डार ने प्रतिनिधिमंडल सहित मुलाकात की। इस दौरान श्री तोमर ने आश्वासन दिया कि भारत जल्द ही आगामी संयुक्त कृषि कार्य बैठक की मेजबानी करेगा, जिसमें सभी द्विपक्षीय कृषि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। श्री तोमर ने सभी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए श्री डार की दिल्ली यात्रा के साथ-साथ भारत और फिलीपींस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों पर प्रसन्नता व्यक्त की। श्री तोमर ने व्यापार और कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों पर संतोष व्यक्त करने के साथ ही कृषि क्षेत्र में फिलीपींस के लोगों की कड़ी मेहनत पर प्रसन्नता व्यक्त की और उनसे कृषि क्षेत्र में फिलीपींस के नए अनुसंधान के बारे में अपने ज्ञान व अनुभव को भारत के साथ साझा करने का अनुरोध किया। श्री तोमर ने कहा कि दोनों देशों में चावल का काफी उपभोग होता है और चावल प्रिय देश हैं, जिससे ये भौगोलिक रूप से समरूप और एक-दूसरे से घनिष्ठ हो जाते हैं। फिलीपींस के कृषि मंत्री श्री डार ने कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के अच्छे संबंधों की सराहना की। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत के फिलीपींस के साथ बेहतर संबंध है। वर्तमान में भारत, आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। श्री डार ने जैविक और गैर-जैविक क्षेत्र जैसे बेहतर कृषि उत्पादों के क्षेत्र में भारत के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने जोर दिया कि प्रकृति को प्रभावित किए बिना दोनों देशों को जैविक उत्पादों के क्षेत्र में संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। श्री डार ने किसानों की आय दोगुनी करने के भारत सरकार के विचार पर प्रकाश डालते हुए स्थानीय किस्म की कृषि को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने स्तर पर जेडब्ल्यूजी बैठक करें, जो गत वर्ष से महामारी के कारण लंबित है।

Read More »

जनपद स्तरीय अप्रेन्टिसशिप मेला आयोजित

कानपुर 21 अप्रैल (सू0वि0) प्रदेश सरकार के निर्देशों के क्रम में जनपद स्तरीय अप्रेन्टिसशिप मेला का आयोजन आज राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पाण्डुनगर में किया गया। इस अप्रेन्टिसशिप मेला का शुभारम्भ विधायक गोविन्द नगर सुरेन्द्र मैथानी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। अप्रेन्टिसशिप मेला में प्रदेश सरकार के द्वारा अप्रेन्टिसशिप करे, आत्मनिर्भर बने के अन्तर्गत विभिन्न कम्पनियों ओईएफ, शिवम स्प्रिरिंग, कैलाश मोटर्स सहित कुल 38 कम्पनियों ने भागीदारी करते हुये विभिन्न ट्रेड जैसे-फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मशीनिस्ट, ऑटोमोबाइल आदि सेक्टर के अप्रेन्टिसशिप हेतु लगभग 300 अभ्यर्थियों/छात्रों का चयन किया। के0एम0 सिंह, प्राधानाचार्य राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पाण्डुनगर ने बताया है कि आज अप्रेन्टिस मेला में जनपद के लगभग 2800 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग करते हुये विभिन्न व्यवसाय में अप्रेन्टिस किये जाने हेतु अपना इन्टरव्यू दिया। इस अवसर पर गोविन्द नगर विधायक श्री सुरेन्द्र मैथानी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अप्रेन्टिसशिप मेला के माध्यम से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों व अन्य संस्थानों में तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त किये अभ्यर्थियों को विभिन्न कम्पनियों में अप्रेन्टिसशिप करने का अच्छा अवसर मिलेगा और इसके पश्चात उन्हें आत्म निर्भर बनने हेतु स्वरोजगार व रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक राहुल देव, उपायुक्त जिला उद्योग एस0पी0 यादव, सहायक निदेशक सेवायोजन एस0पी0 द्विवेदी, विवेक शुक्ला आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

Read More »