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नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने चौथे हेली-इंडिया शिखर सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया

नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज कहा है कि जम्मू में 861 करोड़ रुपये की लागत से एक सिविल एन्क्लेव बनाया जाएगा और श्रीनगर के वर्तमान टर्मिनल का तीन गुना विस्तार 20,000 वर्ग मीटर से 60,000 वर्ग मीटर तक 1500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। श्री सिंधिया ने यह बात केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर, श्रीनगर में ‘हेलीकॉप्टर फॉर लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ विषय के साथ चौथे हेली-इंडिया समिट 2022 का उद्घाटन करते हुए कही।

शिखर सम्मेलन के दौरान श्री सिंधिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट 26.5 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में ईंधन भरने में 360 प्रतिशत की वृद्धि के साथ हवाई संपर्क के लिए एक नया अध्याय शुरू हो गया है, इस प्रकार जम्मू-कश्मीर के लिए हवाई संपर्क में वृद्धि हुई है। सिंधिया ने वर्ष 2014 के बाद से भारत में नागरिक विमानन क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्ष 1947 से 2014 तक, देश में केवल 74 हवाई अड्डे थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 141 हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में 67 नए हवाई अड्डे जोड़े गए हैं जो नागरिक उड्डयन क्षेत्र में प्रगति में तेज़ी को प्रदर्शित करता है। श्री सिंधिया ने कहा कि सरकार इनकी संख्या में और वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्ध है। सिंधिया ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में देश में हवाई अड्डों के संख्या 200 से ऊपर हो जाएगी।सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन अब न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया भर में मानव जाति के लिए समय की आवश्यकता बन गया है क्योंकि यह हमेशा अपने साथ दो महत्वपूर्ण गुणक, आर्थिक गुणक और रोजगार गुणक लाता है। मंत्री महोदय ने बताया कि 3.1 के आर्थिक गुणक और 6 के रोजगार गुणक के साथ इस क्षेत्र का व्यापक प्रभाव है। मंत्री महोदय ने कहा कि इसलिए दुनिया भर में नागरिक उड्डयन आज आर्थिक विकास की दिशा में एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। शिखर सम्मेलन के दौरान श्री सिंधिया ने कहा कि हेलीकॉप्टरों की विभिन्न भूमिकाएं हैं, जो शहरी संपर्क प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर अब भारत में एक अभिजात वर्ग का विशेषाधिकार नहीं रह गया है, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना ‘सब उड़े, सब जुड़े’ पर आधारित है। मंत्री महोदय ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा की अन्य भूमिका बाढ़, बचाव कार्यों आदि के दौरान आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं और आपदा प्रबंधन की रही है। मंत्री महोदय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला पर हेली-क्रेन (स्काई क्रेन) का उपयोग करके ट्रांसमिशन लाइनों और टावरों को खड़ा करते हुए हेलीकॉप्टर सेवा के सर्वोत्तम उपयोग का एक उदाहरण स्थापित किया है। सिंधिया ने कहा कि नागरिक विमानन मंत्रालय न केवल शिखर सम्मेलन आयोजित करता है बल्कि एक शिखर से दूसरे शिखर सम्मेलन में लिए गए संकल्पों की प्रगति की निगरानी भी करता है। देहरादून में तीसरे हेली-इंडिया शिखर सम्मेलन के दौरान, आठ संकल्प लिए गए जैसे हेली-सेवा पोर्टल, हेली-दिशा, हेलीकॉप्टर एक्सेलेरेटर सेल प्रदान करना, हेलीकॉप्टर सेवा के लिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क को समाप्त करना, विशिष्ट हेलीकॉप्टर कॉरिडोर और हेलीपैड का निर्माण। सभी नए हवाई मार्गों के लिए डीपीआर तैयार करते समय प्राथमिकता दी गई, रात के संचालन को समायोजित करने के लिए जुहू एयरबेस के उन्नयन आदि को उनके तार्किक समापन तक ले जाया गया। हेलीसेवा पोर्टल पूरी तरह से ऑनलाइन है और सभी ऑपरेटरों द्वारा हेलीपैड के लिए लैंडिंग अनुमति प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जा रहा है, और यह देश में हेलीपैड का डेटाबेस भी बना रहा है। राज्य प्रशासन के लिए हेलीकॉप्टर संचालन पर मार्गदर्शन सामग्री, हेलीदिशा 780 जिलों में वितरित की गई है। हेलीकॉप्टर एक्सेलेरेटर सेल हेलीकॉप्टर मुद्दों को हल करने में पूरी तरह से सक्रिय है और उद्योग प्रतिनिधियों का सलाहकार समूह समस्या क्षेत्रों की पहचान करने में मदद कर रहा है। श्री सिंधिया ने कहा, “हमने हवाई अड्डों पर हेलीकॉप्टरों के लिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क माफ कर दिया है और हमने हेलीकॉप्टर यातायात को तेज करने के लिए एटीसी अधिकारियों का हेलीकॉप्टर संवेदीकरण प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। मुंबई-पुणे, अहमदाबाद-गांधीनगर और शमशाबाद-बेगमपेट से तीन हेलीकॉप्टर कॉरिडोर बनाए गए हैं और नए आईएफआर कॉरिडोर की योजना बनाई जा रही है। सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ काम करते हुए, हम भविष्य के सभी एक्सप्रेसवे और प्रमुख राजमार्गों के लिए डिजाइन चरण से हेलीपैड के लिए रिक्त स्थान आवंटित करने में सक्षम हैं ताकि इसका उपयोग दुर्घटना पीड़ितों की निकासी के लिए किया जा सके। हमने पहले ही जुहूहेलीबेस के उन्नयन पर काम शुरू कर दिया है, जो कि गगन का उपयोग करते हुए रात के संचालन और हेलीकॉप्टर आईएफआर मार्गों को समायोजित करने के लिए देश में सबसे बड़ा है। मंत्री महोदय ने बताया कि आज आंशिक स्वामित्व मॉडल पर दिशा-निर्देश गैर-अनुसूचित कार्यों को बढ़ाने में मदद करने के लिए जारी किया गया है। सिंधिया ने कहा, “हमारे निर्धारित संचालन तेजी से चल रहे हैं और हमने वर्ष 2013 में 400 हवाई जहाजों से बेड़े का आकार बढ़ाकर वर्ष 2021-22 में इनकी संख्या 700 से अधिक कर दी है। इन दिशानिर्देशों के माध्यम से हमें गैर-अनुसूचित बेड़े में भी विकास को बढ़ावा देने में सक्षम होना चाहिए। आंशिक स्वामित्व कई मालिकों द्वारा एकत्रित पूंजी के माध्यम से हेलीकाप्टरों और हवाई जहाजों के अधिग्रहण की लागत में आने वाली रुकावट को कम करेगा। यह कंपनियों और व्यक्तियों को खरीद लागत साझा करके, जोखिमों के लिए अपने खतरे को कम करके और एनएसओपी व्यवसाय चलाने के लिए वित्तीय रूप से आसान बनाने से अपनी पूंजी के बहिर्गमन को कम करने में मदद करेगा। आंशिक स्वामित्व मॉडल में विमान के स्वामित्व को लोकतांत्रिक बनाकर एनएसओपी सेगमेंट को सक्रिय करने की क्षमता है और यह एनएसओपी उद्योग में मौजूद विमानों की संख्या को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख चालक हो सकता है। हेलीकॉप्टर उद्योग को उसकी समाज सेवा के लिए पहचाना जाना चाहिए। यह एक परिवहन वाहन नहीं है बल्कि एक परिवर्तन उपकरण है, इसका उपयोग न केवल आर्थिक विकास के लिए किया जा सकता है बल्कि जीवन को बदलने के लिए भी किया जा सकता है।”

सिंधिया ने कहा कि हमने ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए अगले कुछ सप्ताह में एक हेलीकॉप्टर तैनात करके प्रोजेक्ट संजीवनी नामक एक एचईएमएस प्रमुख परियोजना को इनक्यूबेट करने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि, हेलीकॉप्टर 20 मिनट के नोटिस पर अस्पताल में पहुंच जाएगा और इसमें 150 किलोमीटर के दायरे में सेवा प्रदान करेगा। श्री सिंधिया ने कहा कि सरकार का इरादा है कि हेलीकॉप्टरों की गति और गतिशीलता का उपयोग करके देश भर में व्यापक जनसंख्या आधार पर चिकित्सा पहुंच और आपात देखभाल सेवाओं तक पहुंच का विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि हम प्रोजेक्ट संजीवनी से मिली सीख का उपयोग इसकी अवधारणा की व्यवहार्यता, इसके लाभों और परिचर जोखिमों का पता लगाने के लिए करेंगे और बाद में बड़े संसाधन देने से पहले एचईएमएस पर एक राष्ट्रीय नीति तैयार करेंगे।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, और शिखर सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट को 26.5 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करने के निर्णय से जम्मू-कश्मीर के लिए हवाई संपर्क में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस वजह से जम्मू-कश्मीर से अब 100 से अधिक उड़ानें संचालित की जा रही हैं। सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, जम्मू-कश्मीर में एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम के साथ सड़क संपर्क, हवाई संपर्क और रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ विकास की एक नई सुबह देखी है। सिन्हा ने जानकारी देते हुए कहा कि रेलवे संपर्क के मामले में, जम्मू-कश्मीर अगले वर्ष तक कन्याकुमारी से जुड़ जाएगा। शिखर सम्मेलन में अन्य गणमान्य व्यक्तियों के अलावा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, श्री राजीव बंसल, प्रमुख सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग, जम्मू-कश्मीर, श्री आलोक कुमार, अतिरिक्त सचिव, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, सुश्री उषा पाधी और श्री रेमी माइलर्ड, अध्यक्ष फिक्की नागरिक उड्डयन समिति और अध्यक्ष और एमडी, एयरबस इंडिया ने भाग लिया।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय स्टार्ट-अप्‍स जल्द ही अंतरिक्ष उपग्रहों के साथ उपग्रह तारामंडल लॉन्च करेंगे और अपने नए रॉकेट का परीक्षण करेंगे

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, प्रधानमंत्री कार्यालय, अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय स्टार्ट-अप्‍स जल्द ही अंतरिक्ष उपग्रहों के साथ उपग्रह तारामंडल लॉन्च करेंगे और अपने नए रॉकेट का परीक्षण करेंगे। उन्‍होंने यह भी बताया कि एलएंडटी और एचएएल द्वारा घरेलू स्तर पर पांच पीएसएलवी का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि वनवेब इसरो और एनएसआईएल के माध्यम से अपने उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) की पहली वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली में इंडिया स्पेस सम्‍मेलन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जून, 2020 में निजी उद्योग के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के लिए प्रधानमंत्री के क्रांतिकारी और लीक से हटकर लिए गए निर्णय ने देश के अंतरिक्ष इको-सिस्‍टम के स्‍वरूप को बदल दिया है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष सुधारों ने स्टार्ट-अप्‍स की नई संभावनाओं को रेखांकित किया है और थोड़े समय में ही आज हमारे पास अत्याधुनिक काम करने वाले 102 स्टार्ट-अप्‍स हो गए हैं, जबकि तीन-चार वर्ष पहले केवल दो स्टार्ट-अप्‍स ही थे। यह स्‍टार्ट-अप्‍स अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण वाहन, जमीनी प्रणाली, अनुसंधान जैसे अत्‍याधुनिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा और उद्योग के एकीकरण के साथ समान भागीदारी में यह कहना उचित ही है कि निजी क्षेत्र और स्टार्ट-अप्‍स के साथ इसरो के नेतृत्व में एक अंतरिक्ष क्रांति क्षितिज पर है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, हमारे युवा और निजी औद्योगिक उद्यम की ताकत और नवीन क्षमता आने वाले समय में वैश्विक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विघटन में अग्रणी होगी। उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि भारत के युवा प्रौद्योगिकी दिग्‍गज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई बाधाओं को पार करेंगे, जबकि वे अंतरिक्ष क्षेत्र द्वारा प्रदान किए गए असीमित अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्‍मरण किया कि 11 अक्टूबर, 2021 को अंतरिक्ष और उपग्रह कंपनियों के एक प्रमुख उद्योग संघ इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) को लॉन्च करते हुए, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा था कि अंतरिक्ष सुधारों के लिए हमारा दृष्टिकोण चार स्तंभों- नवाचार में निजी क्षेत्र को स्वतंत्रता, सक्षम के रूप में सरकार की भूमिका, युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और अंतरिक्ष क्षेत्र को आम आदमी की प्रगति के लिए एक संसाधन के रूप में देखने पर आधारित है।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने एक साल की छोटी सी अवधि में भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के विकास के लिए वैश्विक संपर्क विकसित और स्‍थापित करने में आश्चर्यजनक रूप से काम करने के लिए आईएसपीए की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, आईएसपीए के सदस्य भारत को स्पेस टेक डोमेन के क्षेत्र में एक मार्गदर्शक बनाने की नीति की वकालत करने और ज्ञान व विजन के आदान-प्रदान में शामिल होने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, आईएसपीए भारत को व्यावसायिक अंतरिक्ष-आधारित पर्यटन के क्षेत्र में एक अग्रणी स्थान हासिल करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को पूरा करने की दिशा में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए, प्रमुख हितधारकों के बीच विचार-विमर्श करने के लिए एक कम्यून के रूप में आईएसपीए की भूमिका प्रमुख और महत्वपूर्ण हो जाती है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने यह आशा व्यक्त की कि आईएसपीए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आदर्श वाक्य को प्रशस्त करते हुए देश में महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति और निवेश की शुरूआत करेगा जो आवश्‍यक रूप से अंतरिक्ष सुधारों के लिए सरकार के दृष्टिकोण का पालन करते हुए उच्च-कौशल वाले रोजगार के अवसर पैदा करेगा। हाल के वैश्विक संघर्षों के मद्देनजर अंतरिक्ष की रणनीतिक प्रासंगिकता पर जोर देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष, एक दोहरे उपयोग वाला प्रौद्योगिकी क्षेत्र है जो एक महत्वपूर्ण बहुआयामी प्रवर्तक के रूप में उभर रहा है और अभूतपूर्व पहुंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि कई राष्ट्र आज अपनी सैन्य अंतरिक्ष क्षमताओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर विरोधियों को नकारने के साथ-साथ इसके सुरक्षित, निश्चित और मैत्रीपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित किया जा सके। डॉ. जितेंद्र सिंह ने विस्तार से बताया कि भारत ने भी युद्ध के इस उभरते आयाम की ताकत का लाभ उठाने का संकल्प लिया है और वास्तव में, भारत सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता सुनिश्‍चित करने की दिशा में मजबूत और निर्णायक कदम उठा रही है ताकि हमारी निजी औद्योगिक क्षमता और सामर्थ्य को प्रभावी रूप से सक्रिय और चैनलाइज़ किया जा सके और अत्याधुनिक समाधान विकसित किए जा सकें जिनसे आने वाले समय में भारत को दूसरों के मुकाबले निर्णायक बढ़त मिलेगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, रक्षा मंत्रालय और तीन सेवाओं के साथ उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आईएसपीए द्वारा निभाई गई रचनात्मक भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि आईएसपीए क्षमता और क्षमता निर्माण पहल का समर्थन करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्‍होंने आने वाले समय में इस कार्यक्रम का आयोजन करके शानदार प्रदर्शन करने के लिए आईएसपीए के अध्यक्ष और महानिदेशक के साथ-साथ उनके सदस्यों को भी धन्यवाद दिया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईएसपीए के अध्यक्ष जयंत डी पाटिल, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ के साथ “भारत में अंतरिक्ष इको-सिस्‍टम का विकास: समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करना” शीर्षक से एक सेक्टर रिपोर्ट का भी अनावरण किया।

अंत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, इसरो की उपलब्धियों ने हमारे लिए वैश्विक पहचान और प्रशंसा दोनों अर्जित की हैं और यह किसी सम्मान से कम नहीं है जब इसरो खगोलीय अंतरिक्ष में दुनिया के सबसे बड़े रिमोट-सेंसिंग उपग्रहों के समूह के साथ एक विशेष स्थान बना रहा है। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि इसरो अपनी उपलब्धियों से भारत को गौरवान्वित करता रहेगा।

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भरूच (गुजरात) के आमोद में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्‍यास किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज भरूच (गुजरात) के आमोद में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्‍यास किया। प्रधानमंत्री ने जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क, दहेज में डीप सी पाइपलाइन परियोजना, अंकलेश्वर और पनोली में हवाई अड्डे के पहले चरण और बहुस्तरीय औद्योगिक शेड के विकास की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं को देश को समर्पित किया जो गुजरात में रसायन क्षेत्र को बढ़ावा देंगी। इन परियोजनाओं में जीएसीएल प्लांट, भरूच अंडरग्राउंड ड्रेनेज और आईओसीएल दहेज कोयाली पाइपलाइन का निर्माण शामिल है।

प्रधानमंत्री ने सबसे पहले श्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी। उन्‍होंने कहा कि मुलायम सिंह जी के साथ मेरा रिश्ता बहुत खास रहा है। मुख्यमंत्रियों के रूप में जब भी हम मिलते थे, तो हमारे बीच आपसी सम्मान और निकटता की भावना होती थी। प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद जब श्री मोदी विभिन्न दलों के नेताओं के पास पहुंचे थे, उस पल को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुलायम सिंह जी का आशीर्वाद और उनकी सलाह के शब्द आज भी उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। बदलते समय के बावजूद मुलायम सिंह जी ने अपने 2013 के आशीर्वाद को बनाए रखा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पिछले लोकसभा के अंतिम सत्र में मुलायम सिंह जी के आशीर्वाद का भी स्‍मरण किया, जिसमें दिवंगत नेता ने बिना किसी राजनीतिक मतभेद के 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की वापसी की भविष्यवाणी की थी। श्री मुलायम सिंह जी के अनुसार, श्री मोदी जी एक ऐसे नेता हैं जो सभी को साथ लेकर चलते हैं। आज गुजरात की इस धरती और मां नर्मदा के तट से आदरणीय मुलायम सिंह जी को नमन। मैं ईश्वर से उनके परिवार और प्रशंसकों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कि वह आजादी का अमृत महोत्सव के समय भरूच आए हैं और उन्होंने कहा कि इस जगह की मिट्टी ने देश के लिए ऐसे कई बच्चों को जन्म दिया है जिन्होंने देश का नाम नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने संविधान सभा के एक सदस्य और सोमनाथ आंदोलन में सरदार पटेल के प्रमुख साथी कन्‍हैयालाल माणिकलाल मुंशी और भारतीय संगीत के महान संगीतकार पं. ओंकारनाथ ठाकुर को भी स्‍मरण किया। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात और भारत के विकास में भरूच की महत्वपूर्ण भूमिका है। जब भी हम भारत के इतिहास को पढ़ते हैं और भविष्य के बारे में बात करते हैं, भरूच की हमेशा गर्व के साथ चर्चा की जाती है। प्रधानमंत्री ने भरूच जिले की उभरती महानगरीय प्रकृति का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि भरूच को रसायन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं के साथ पहला ‘बल्क ड्रग पार्क’ प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी से जुड़ी दो बड़ी परियोजनाओं की भी आज शुरुआत की गई है। श्री मोदी ने यह भी बताया कि अंकलेश्वर में भरूच हवाई अड्डे का शिलान्यास भी किया गया है ताकि भरूच के लोगों को बड़ौदा या सूरत पर निर्भर न रहना पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि भरूच एक ऐसा जिला है जिसमें देश के अन्य छोटे राज्यों की तुलना में सबसे अधिक उद्योग हैं और इस नई हवाईअड्डा परियोजना के साथ, यह क्षेत्र विकास के मामले में तीव्र गति से अग्रसर होगा। श्री मोदी ने कहा कि यह नरेन्द्र-भूपेंद्र की डबल इंजन सरकार का ही परिणाम है जो कार्यों को त्‍वरित गति से पूरा करने का प्रयास करती है। श्री मोदी ने कहा कि यह गुजरात का नया चेहरा है। गुजरात, पिछले दो दशकों में, हर क्षेत्र में एक पिछड़े राज्य से एक संपन्न औद्योगिक और कृषि राज्य में परिवर्तित हो गया है। व्यस्त बंदरगाहों और एक विकासशील समुद्र तट के साथ आदिवासियों और मछुआरे समुदाय का जीवन बदल गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के लोगों की कड़ी मेहनत के कारण आजादी के अमृत महोत्सव में राज्य के युवाओं के लिए एक सुनहरे दौर का शुभारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि हमें बाधाओं से मुक्त एक सक्षम वातावरण बनाना चाहिए और इस अवसर को नहीं गंवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सपनों को साकार करने के लिए नीति और नियत दोनों की आवश्‍यकता होती है। उन्होंने भरूच क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के बारे में बात की। उन्होंने यह भी स्‍मरण किया कि कैसे पिछले कुछ वर्षों में कृषि, स्वास्थ्य और पेयजल की स्थिति में व्‍यापक सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात को भी स्‍मरण किया कि कैसे मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने एक समय में एक ही मुद्दे का सामना किया और उसे हल किया। आज, बच्चे कर्फ्यू शब्द को नहीं जानते हैं, जो पहले एक आम शब्‍द था। आज हमारी बेटियां न केवल सम्मान के साथ जी रही हैं और देर तक काम भी कर रही हैं, बल्कि समुदायों का नेतृत्‍व भी कर रही हैं। इसी तरह भरूच में शिक्षा की सुविधाएं आई हैं, जिससे युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं। लंबी अवधि की योजना और कम उपयोग किए गए संसाधनों का लाभ उठाने के कारण, गुजरात एक विनिर्माण, औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्र के रूप में उभरा है और कई विश्व स्तरीय सुविधाएं भी यहां सुलभ हुई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार दोहरे लाभ का एक बड़ा उदाहरण बन गई हैं। प्रधानमंत्री ने वोकल-फॉर-लोकल के अपने आह्वान को दोहराया। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को अपनाकर और आयातित उत्पादों से दूर रहकर हर नागरिक ‘आत्मनिर्भर’ भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने दिवाली के दौरान स्थानीय रूप से बनी चीजों का उपयोग करने का अनुरोध किया, क्योंकि इससे स्थानीय व्यवसायों और कारीगरों की मदद होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जो 2014 में 10वें स्थान पर थी वह आज पांचवें स्थान पर पहुंच गई है। इस उपलब्धि को इस तथ्य ने और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया कि अब भारत ने अपने पूर्व औपनिवेशिक आकाओं को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए युवा, किसान, श्रमिक, छोटे व बड़े व्यवसायी और उद्योगपति बधाई एवं श्रेय के पात्र हैं। उन्होंने भरूच के लोगों को दवाइयों के निर्माण द्वारा लोगों का जीवन बचाने के नेक कार्य में शामिल होने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि महामारी ने फार्मा क्षेत्र के महत्व को बिल्‍कुल स्पष्ट कर दिया है। गुजरात ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश की बहुत मदद की है। देश के फार्मा निर्यात में गुजरात की हिस्सेदारी 25 फीसदी है।

प्रधानमंत्री ने उस समय को भी स्‍मरण किया जब भरूच में कुछ उपद्रवियों ने विकास के मार्ग में बाधाएं डाली थीं। उन्होंने कहा, “जब हम 2014 में सत्ता में आए और गुजरात ने नरेन्द्र और भूपेंद्र की डबल इंजन शक्ति को महसूस किया, तो सभी बाधाएं दूर हो गईं।” प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर बांध के विकास के दौरान शहरी नक्सलियों द्वारा उत्‍पन्‍न की गई बाधाओं की ओर इशारा किया। झारखंड, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में नक्सलियों की व्यापकता की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने गुजरात के आदिवासी समुदायों की प्रशंसा की, जिन्होंने गुजरात राज्य में नक्सलियों का विस्‍तार नहीं होने दिया और राज्य के लोगों का जीवन बचाया। प्रधानमंत्री ने राज्य में शहरी-नक्सलवाद को पैर जमाने नहीं देने के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान और गणित में अच्छी शिक्षा सुनिश्चित किए बिना सरकारी प्रयासों से हो रही सकारात्मक कार्रवाई और अन्य योजनाओं का उचित लाभ उठाना संभव नहीं है। आज आदिवासी युवा पायलट प्रशिक्षण प्राप्त कर डॉक्टर, वैज्ञानिक और एडवोकेट बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि आदिवासी समुदाय ने राज्य और देश के विकास की यात्रा में बहुत योगदान दिया है। उनके योगदान को सम्मान देने के लिए सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर बहादुर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित करने की घोषणा की है। बिरसा मुंडा को देश भर के जनजातीय समुदायों द्वारा सम्मानित किया जाता है। संबोधन के समापन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भरूच एवं अंकलेश्वर का विकास अहमदाबाद और गांधीनगर की तरह विकास के ‘ट्विन सि‍टी मॉडल ऑफ डेवलेपमेंट’ की तर्ज पर किया जा रहा है। लोग, भरूच और अंकलेश्वर के बारे में इसी प्रकार बात करने वाले हैं जैसे वे न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के बारे में बात करते हैं। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री, श्री मनसुख मांडविया, संसद सदस्य श्री सी आर पाटिल और श्री मनसुख वसावा भी उपस्थित थे।

पृष्‍ठभूमि

भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला रखी। 2021-22 में, बल्‍क ड्रग्‍स का कुल दवा आयात में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान था। यह परियोजना आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने और थोक दवाओं के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री ने दहेज में ‘डीप सी पाइपलाइन परियोजना’ की आधारशिला भी रखी, जो औद्योगिक सम्पदाओं से शोधित अपशिष्ट जल के निपटान में सहायता करेगी। जिन अन्य परियोजनाओं की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी, उनमें अंकलेश्वर हवाई अड्डे का चरण 1 और अंकलेश्वर और पनोली में बहुस्तरीय औद्योगिक शेड का विकास शामिल है। इससे एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कई औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए भी शिलान्यास किया। इनमें चार जनजातीय औद्योगिक पार्क शामिल हैं, जो वालिया (भरूच), अमीरगढ़ (बनासकांठा), चकालिया (दाहोद) और वनार (छोटा उदयपुर) में बनेंगे; मुडेथा (बनासकांठा) में एग्रो फूड पार्क; काकवाड़ी दांती (वलसाड) में सी फूड पार्क; और खांडिवव (महिसागर) में एमएसएमई पार्क का निर्माण किया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं को राष्‍ट्र को समर्पित किया जो रसायन क्षेत्र को बढ़ावा देंगी। उन्होंने दहेज में 130 मेगावाट के कोजेनरेशन पावर प्लांट के साथ एकीकृत 800 टीपीडी कास्टिक सोडा संयंत्र को समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने दहेज में मौजूदा कास्टिक सोडा संयंत्र के विस्तार का भी लोकार्पण किया, जिसकी क्षमता 785 मीट्रिक टन/दिन से बढ़ाकर 1310 मीट्रिक टन/दिन कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने दहेज में प्रति वर्ष एक लाख मीट्रिक टन से अधिक क्लोरोमीथेन के निर्माण की एक परियोजना का भी लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित अन्य परियोजनाओं में दहेज में हाइड्राज़िन हाइड्रेट प्लांट भी शामिल है जो इस उत्पाद के आयात को कम करने में मदद करेगा, इसके अलावा आईओसीएल दहेज-कोयली पाइपलाइन परियोजना, भरूच भूमिगत जल निकासी और एसटीपी कार्य एवं उमला आसा पनेथा सड़क को चौड़ा और मजबूत बनाने की परियोजनाएं शामिल हैं।

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केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 11 से 16 अक्टूबर 2022 तक अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष-विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर आज देर रात रवाना होंगी

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 11 अक्टूबर, 2022 से शुरू हो रही आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका जा रही हैं। अपनी यात्रा के दौरान, श्रीमती सीतारमण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों, जी20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की बैठकों में शामिल होंगी।

वित्त मंत्री जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, भूटान, न्यूजीलैंड, मिस्र, जर्मनी, मॉरीशस, यूएई, ईरान और नीदरलैंड सहित कई अन्‍य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगी। वित्त मंत्री ओईसीडी, यूरोपीय आयोग एवं यूएनडीपी के नेताओं और प्रमुखों के साथ ‘वन-आन-वन’ (एक एक करके) बैठकें भी करेंगी।

एक उच्च स्तरीय बैठक में, वित्त मंत्री आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी वित्‍त मंत्री सुश्री जेनेट येलेन और विश्‍व बैंक के अध्‍यक्ष श्री डेविड मलपास से अलग-अलग मुलाकात करेंगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री वाशिंगटन, डीसी में स्थित एक प्रमुख गैर-लाभकारी सार्वजनिक नीति संगठन, ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में “भारत की आर्थिक संभावनाएं और विश्व अर्थव्यवस्था में भूमिका” विषय पर एक फायर साइड चैट में भी भाग लेंगी।

श्रीमती सीतारमण अपनी यात्रा के दौरान जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज (एसएआईएस) में भारत की अनूठी डिजिटल पब्लिक गुड्स (डीपीजी) कहानी और भारत में ‘प्रौद्योगिकी, वित्त और शासन’ के इंटरलिंकेज के माध्यम से सृजित गुणक प्रभावों के बारे में अपने विचार साझा करेंगी।

यात्रा के अंतिम हिस्से के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री यूएसआईबीसी और यूएसआईएसपीएफ के साथ ‘भारत-अमेरिका कॉरिडोर में निवेश और नवाचार को मजबूत बनाना’ और ‘भारत की डिजिटल क्रांति में निवेश’ विषयों पर आयोजित गोलमेज बैठकों में शामिल होंगी। प्रमुख व्यापारिक दिग्‍गजों और निवेशकों के साथ आयोजित इन बैठकों का उद्देश्य भारत की नीतिगत प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालना और एक निवेश गंतव्य के रूप में भारत के आकर्षण को प्रदर्शित करके विदेशी निवेश को सुविधाजनक बनाने के उपायों पर विचार-विमर्श करना है।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है’ अमित शाह ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके पुत्र अखिलेश यादव और परिजनों से भेंट कर संवेदना व्यक्त की।

Image शाह ने ट्वीट्स में कहा कि मुलायम सिंह यादव जी के निधन से उत्तर प्रदेश व राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ी रिक्तता आयी है। अमित शाह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जी अपने अद्वितीय राजनीतिक कौशल से दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे।वह सदैव एक जमीन से जुड़े जननेता के रूप में याद किए जाएँगे। उनका निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है। गृह मंत्री ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों व समर्थकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। Image

 

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प्रधानमंत्री ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर श्रद्धांजलि दी

प्रधानमंत्री मोदी ने वरिष्ठ राजनीतिज्ञ श्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री यादव ने पूरी लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। श्री मोदी ने उस समय का भी स्मरण किया जब श्री यादव रक्षा मंत्री थे और उन्होंने भारत को और मजबूत बनाने की दिशा में कार्य किया। श्री यादव के साथ अपने घनिष्ठ संबंध को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हमेशा उनके विचार सुनने के लिए उत्सुक रहते थे और उनकी बैठकों की तस्वीरें भी साझा करते थे। प्रधानमंत्री ने श्री यादव के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।Mulayam Singh Yadav's wife cremated in Lucknow - Hindustan Times

ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा;

“श्री मुलायम सिंह यादव जी एक उल्लेखनीय व्यक्तित्व थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे। उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

“मुलायम सिंह यादव जी ने उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में स्वयं को स्थापित किया। वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सिपाही थे। रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने एक मजबूत भारत के लिए काम किया। उनकी संसदीय कार्यप्रणाली व्यावहारिक थी और वह राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने पर जोर देते थे।”

“जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में कार्य किया, तो मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बार बातचीत हुई। घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक रहता था। उनका निधन मेरे लिए पीड़ादायक है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ॐ शांति।”

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि कश्मीर घाटी में तैनात केंद्र सरकार के कर्मचारियों को विशेष प्रोत्साहन/रियायतें जारी रहेंगी

कश्मीर घाटी में तैनात केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिल रहे विशेष प्रोत्साहन/रियायतें जारी रहेंगी और इसके लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इन लाभों को अगले तीन साल और बढ़ाने के आदेश पहले ही जारी कर दिए हैं। यह जानकारी आज केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह जो कार्मिक एवं प्रशिक्षण  विभाग के प्रभारी मंत्री भी हैं, ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए अपनी मीडिया ब्रीफिंग में पिछली कुछ तिमाहियों में फैली इस गलतफहमी और भ्रामक सूचना का निराकरण करते हुए दी है कि डीओपीटी कश्मीर घाटी में कार्यरत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध विशेष प्रोत्साहन/रियायतों को बंद करने की प्रक्रिया में था।               https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001CNLL.jpg

इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि  इस आशय का एक कार्यालय ज्ञापन औपचारिक रूप से डीओपीटी द्वारा लगभग दो सप्ताह ही पहले जारी कर दिया गया है और इसकी प्रति सभी संबंधित पक्षों को भी भेजी गई है। उन्होंने कहा कि यह प्रोत्साहन पैकेज भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर समान रूप से लागू होता है और उन्हें इसे लागू करने की प्रक्रिया का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि संबंधित मंत्रालय/विभाग अनुमोदित पैकेज के अनुरूप ही इनके कार्यान्वयन और निगरानी को सुनिश्चित करें। कश्मीर घाटी में तैनात कर्मचारियों के लिए विशेष प्रोत्साहन में यह शामिल है कि इन कर्मचारियों के पास सरकारी खर्च पर अपने परिवार को भारत में अपनी पसंद के किसी एक चयनित स्थान पर स्थानांतरित करने का विकल्प है और इसके लिए यात्रा भत्ता स्थायी स्थानांतरण में स्वीकार्य यात्रा भत्ते के समान होगा जिसमे पिछले महीने के मूल वेतन के 80% की दर से समग्र स्थानांतरण अनुदान भी शामिल है I उन कर्मचारियों के मामले में जो अपने परिवार को किसी चयनित निवास स्थान पर नहीं ले जाना चाहते हैं, को  कार्यालय इत्यादि से आने-जाने के परिवहन में किसी भी अतिरिक्त खर्च की भरपाई के उद्देश्य से  उपस्थिति के प्रत्येक दिन के लिए प्रति दिन 113 रुपये का भत्ता दिया जाएगा जो व्यय विभाग के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार उस शहर के भीतर यात्रा के लिए यात्रा शुल्क की प्रतिपूर्ति के बराबर है। हालांकि, वे कर्मचारी जो भारत में अपनी पसंद के किसी चयनित स्थान पर अपने परिवार को स्थानांतरित करने का विकल्प चुनते हैं, वे प्रति दिन भत्ते के लिए पात्र नहीं होंगे क्योंकि वे पिछले महीने के मूल वेतन के 80% की दर से समग्र स्थानांतरण अनुदान का लाभ उठा रहे होते  हैं। विभाग कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, यदि विभाग द्वारा ठहरने की व्यवस्था नहीं की जाती है, तो कश्मीर घाटी में तैनात कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता (एचआरए) प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी। वास्तव में, ये सभी कर्मचारी वर्ग “वाई” शहर की दर से अतिरिक्त एचआरए प्राप्त करने के पात्र होंगे। मंत्री महोदय के इस  संक्षिप्त विवरण में यह भी निर्दिष्ट किया गया है कि कश्मीर घाटी में छह महीने तक की अवधि के लिए अस्थायी ड्यूटी पर तैनात किए गए कर्मचारियों के मामले में, कश्मीर घाटी विशेष प्रोत्साहन के रूप में जाना जाने वाला प्रोत्साहन भत्ते का भुगतान  ठहरने, सुरक्षा और परिवहन के लिए विभागीय व्यवस्था के अलावा भोजन शुल्क (7वें वेतन आयोग के मानदंडों के अनुसार) के साथ उसके पद के स्तर के आधार पर निर्धारित दरों पर किया जाएगा। इन कर्मचारियों के लिए भोजन भत्ता केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कर्मियों को 97.85/-रुपये प्रतिदिन की दर से दी जाने वाली राशन राशि के बराबर है। डीओपीटी का यह आदेश उन पेंशनभोगियों के लिए भी स्पष्ट रूप से प्रावधान करता है जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक या वेतन और खाता कार्यालय या कोषागार से अपनी पेंशन प्राप्त करने में असमर्थ हैं, उन्हें प्रासंगिक प्रावधानों में छूट के बाद घाटी के बाहर वहां पेंशन दी जाती है जहां वे बस गए हैं।

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केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी, असम में ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी, असम में ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। इसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र में मादक पदार्थों के परिदृश्य और इसे कम करने के तरीकों पर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

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बैठक में श्री अमित शाह ने कहा कि ड्रग्स की तस्करी का प्रचार-प्रसार किसी भी समाज के लिए बहुत घातक होता है। किसी आतंकी घटना का नुकसान सीमित मात्रा में होता है लेकिन समाज में ड्रग्स का प्रसार पीढ़ियों को बर्बाद कर देता है। वह दीमक की तरह हमारे समाज और देश की युवा शक्ति को खोखला करने का काम करता है। उन्होने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के‘नशा-मुक्त भारत के आह्वान को अपना दृढ़ संकल्प बनाने का फैसला किया है। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने मादक पदार्थों, ड्रग तस्करी की‘डर्टी मनी और‘संगठित माफिया द्वारा देश के अर्थतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने की हर कोशिश को नाकाम करने के लिए जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय मादक पदार्थो के खतरे को रोकने के लिए कटिबद्ध है। मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान के तहत आज पूरे पूर्वोत्तर में लगभग 40 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट किया गया। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान 75 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब तक कुल डेढ़ लाख किलोग्राम से ज़्यादा मादक पदार्थों को नष्ट किया जा चुका है, जो लक्ष्य के दोगुने से भी अधिक है।

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श्री अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी एक सीमारहित अपराध है और इससे निपटने के लिए सभी ड्रग लॉ एनफोर्समेंट और इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ-साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के सीमावर्ती ज़िलों के बीच बेहतर समन्वय और सामंजस्य बहुत जरूरी है। उन्होने कहा कि पिछले वर्षों में गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर यह सुनिश्चित किया है कि प्रधानमंत्री जी के दृढ़ नेतृत्व में नारकोटिक्स प्रतिबन्ध कानूनों और नियमों का सख्ती से क्रियान्वयन हो। साथ ही इसमें  आधुनिक तकनीक का उपयोग हो और सभी एजेंसियों में समन्वय स्थपित किया जाये। गृह मंत्री ने कहा कि देश में नशीले पदार्थों की आपूर्ति नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति की सफलता के अल्पावधि में ही परिणाम दिखाई दे रहे हैं। उन्होने कहा कि 2014 के बाद मादक पदार्थो की पकड़ और जब्ती इसका प्रमाण है। श्री शाह ने बताया कि 2006-2013 के बीच कुल 1257 मामले दर्ज़ किए गए थे जो 2014-2022 के बीच 152 प्रतिशत बढ़कर 3172 हो गए। इसी अवधि में कुल गिरफ्तारी की संख्या 1362 के मुक़ाबले 260 प्रतिशत बढ़कर 4888 हो गई। 2006-2013 के दौरान 1.52 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच दोगुना बढ़कर 3.30 लाख किलोग्राम हो गई। 2006-2013 के दरम्यान 768 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच 25 गुना बढ़ोतरी के साथ 20 हज़ार करोड़ रुपये हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में आयोजित इस क्षेत्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य इस विषय के प्रति भारत सरकार की गंभीरता को पूर्वोत्तर राज्यों के समक्ष रखना है। साथ ही इस लड़ाई में राज्यों को साथ लेकर एक सिनर्जी लाना, नारकोटिक्स से सम्बंधित सभी एजेंसीयों को एक प्लेटफार्म पर लाना और राष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश देना कि अब देश ने अब इस समस्या की जड़ में जाकर इसका समाधान करने का मन बना लिया है। श्री शाह ने कहा कि उनका यह स्पष्ट मानना है कि ड्रग या मादक पदार्थों का सेवन करने वाला क्रिमिनल नहीं होता बल्कि वह इसका विक्टिम और पीड़ित होता  है। गृह मंत्री ने कहा कि हमें किसी जब्ती में शामिल ‘चेहरों’ और ड्रग सेवन तथा वितरित करने वालों को पकड़ने से आगे जाना होगा और इनके पीछे सीमा के बाहर से भारत में ड्रग्स भेजने वाले मास्टरमाइंड तक पहुंचना होगा। साथ ही  देश के अन्दर फैले नेटवर्क को ध्वस्त करना होगा। उन्होने कहा कि हमारा प्राइम फोकस नेटवर्क और सीमा पार से होने वाली तस्करी रोकने पर होना चाहिए।

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अमित शाह ने कहा कि देश का उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र चार देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाएं साझा करता है और अफीम उत्पादक क्षेत्र म्यांमार के निकट है जो दुनिया में अफगानिस्तान के बाद अफीम का दूसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक है। उन्होने कहा कि पूर्वोतर भारत में ड्रग्‍स सेवन एक गंभीर समस्‍या है। सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रकाशित मैग्नीट्यूड ऑफ सब्सटेंस रिपोर्ट, 2019 के अनुसार, पूर्वोतर के सात राज्‍यों में अफीम और गांजे का सेवन का खतरनाक स्‍तर पर है देश में इनके सेवन के औसत से अधिक है। गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोतर में इसके कुछ नए ट्रेंड्स सामने आए हैं। ड्रग सिंडिकेट उत्तर पूर्वी भारत से संबंधित बैंक खातों और डाक पते का फायदा उठाते हैं। मणिपुर में कुछ भारतीय बैंकों में म्यांमार के नागरिकों के बैंक खाते हैं। पूर्वोतर के ड्रग तस्करों की नाइजीरियाई लोगों के साथ मिलीभगत। ड्रग्‍स की तस्करी में उत्‍तर पूर्व में रहने वाले दक्षिण भारतीयों की संदिग्ध संलिप्तता भी देखी गई है। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दिशा निर्देश पर गृह मंत्रालय ने नारकोटिक्स पर नकेल कसने के लिए संस्थागत संरचना की मजबूती, सभी नार्को एजेंसियों का सशक्तिकरण एवं समन्वय और विस्तृत जागरूकता अभियान का त्रिसूत्रीय फार्मूला अपनाया है। उन्होने कहा कि एंटी ड्रग्स अभियान में विभिन्न स्तर पर काम कर रहे संस्थानों के लचर रवैय्ये और कानूनों के लचीले क्रियान्वयन में कमी की वजह से पहले अपेक्षित परिणाम नहीं आ पाते थे। परन्तु 2014 के बाद परिस्थितिया बदली हैं, प्रधानमंत्री मोदी की व्यवस्था को मजबूत करने और जवाबदेही पर जोर दिये जाने के कारण गृह मंत्रालय ने नार्को कंट्रोल के लिए भी संस्थागत रिस्ट्रक्चरिंग और कानूनी प्रावधानों को मजबूती देने के सतत प्रयास किये हैं। सरकार की परफॉरमेंस को प्रभावी बनाने के लिए मोदी सरकार ने ‘Whole of Government Approach’ के तहत अंतर विभागीय समन्वय पर निरंतर जोर दिया है। गृह मंत्री ने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एनकॉर्ड की बैठकों को नियमित रूप से आयोजित करने के साथ-साथ इसे नीचे तक पहुंचाने की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स संबंधित मामलों की जांच स्रोत से गंतव्य तक की जानी चाहिए जिससे इसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। अमित शाह ने कहा कि सरकार ने उत्तर पूर्व राज्यों के लिए कई नई पहल की हैं। गुवाहाटी में NCB के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना कर दी गई है। आगामी वर्षों में NCB चार क्षेत्रों अर्थात असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में कार्य करेगा। त्रिपुरा के अगरतला और अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट/लोअर सियांग में नए क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जाने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा, सिक्किम से सटे क्षेत्र के बेहतर कवरेज के लिए न्यू जलपाईगुड़ी में जोनल कार्यालय भी शुरू किये जाने का प्रस्ताव है। गृह मंत्री ने बताया कि उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में गांजा और अफीम पोस्त की अवैध खेती के खिलाफ कई उपाय किए गए हैं। गृह मंत्रालय किसानों को नुकसान पहुंचाए बिना बड़े पैमाने पर ड्रोन और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके पहाड़ी और कठिन इलाकों में अवैध खेती को नष्ट करने के लिए एक अध्ययन समूह का गठन कर रहा है।अवैध फसलों की खेती में लगे किसानों के लिए वैकल्पिक आजीविका व्यवस्था पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है। साथ ही एनसीबी उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र में अफीम पोस्त की अवैध खेती को नष्ट करने के लिए उपग्रह इमेजरी साझा कर रहा है। श्री शाह ने कहा कि नारकोटिक्स से संबंधित सभी मुद्दों के लिए एकल नोडल बिंदु के रूप में सभी उत्‍तर पूर्वी राज्यों ने एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया है। NCB ने पूर्वोतर क्षेत्र सहित देश भर में प्रवर्तन गतिविधियों पर कई विशेष अभियान भी चलाए हैं जिनमें शीर्ष 100 नशीली दवाओं के तस्करों की पहचान करना और हिरासत में लेना शामिल है। अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी केंद्र या राज्य का नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इससे निपटने के प्रयास भी राष्ट्रीय और एकीकृत होने चाहिए। उन्होने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधिओं से एनकॉर्ड (NCORD) पोर्टल एवं निदान प्लेटफॉर्म्स का ड्रग तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हेतु समुचित प्रयोग करने का अनुरोध किया। साथ ही राज्यों में गठित एंटी नार्कोटिक्स टास्क फ़ोर्स को सशक्त किया करने को कहा जिससे ड्रग्स के विरुद्ध युद्ध में निर्णायक कार्यवाही की जा सके। उन्होने कहा कि मादक पदार्थों की आय के वित्तीय साधनों की विस्तार से जांच और बैंकिंग प्राधिकरणों के समन्वय से धन के पलायन को रोकने के लिए उपयुक्त उपाय किए जाने चाहिए। साथ ही NDPS अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। त्‍वरित ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए फास्‍ट ट्रैक कोर्ट्स स्‍थापित करने पर भी विचार किया जा सकता है। गृह मंत्री ने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधिओं से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नशा मुक्त भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने की अपील की।

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मिथक बनाम तथ्य

एक राष्ट्रीय दैनिक में हाल ही में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट ने देश भर में न्यूमोकोकल (पीसीवी) टीके की कमी होने का दावा किया है। यह (एसआईओ, महाराष्ट्र सहित) राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को उद्धृत करते हुए बताती है कि निविदा की प्रक्रिया में देरी के कारण देश भर में एक महीने से अधिक समय तक लाखों बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हुई है।

यह समाचार रिपोर्ट भ्रामक एवं असत्य होने के साथ ही गलत जानकारी भी प्रदान करती है।

कल 7 अक्टूबर 2022 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार न्यूमोकोकल (पीसीवी) वैक्सीन की पर्याप्त खुराक उपलब्ध है। अभी पीसीवी की कुल 70,18,817 (70.18 लाख) खुराकें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं। इसमें महाराष्ट्र राज्य के पास ही पीसीवी की 3,01,794 (3.01 लाख) खुराकें शामिल हैं।

इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य प्रबन्धन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 से सितंबर 2022 की अवधि में, केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपूर्ति की गई पीसीवी की कुल 3,27,67,028 (3.27 करोड़) खुराकों का उपयोग किया गया है। इसमें महाराष्ट्र राज्य में उपयोग की जाने वाली पीसीवी की 18,80,722 (18.80 लाख) खुराकें भी शामिल हैं।

वर्ष 2022-23 के लिए पीसीवी की खरीद में से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसकी आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है।

निमोनिया रोग बाल मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है और भारत सरकार ने इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सक्रियता से कदम उठाए हैं।

न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) को वर्ष 2017 में भारत के सबसे अधिक प्रभावित पांच राज्यों जैसे बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद से ही सार्वभौम प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम–यूआईपी) के तहत पीसीवी का पूरे देश में विस्तार किया गया है।

पीसीवी अब भारत के सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग है और 02 करोड़ 71 लाख शिशुओं के पूरे जन्म समूह के लिए निशुल्क उपलब्ध है। इसे तीन खुराक के कार्यक्रम (6 सप्ताह,14 सप्ताह और 9-12 महीने में बूस्टर डोज) के रूप में दिया जाता है।

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स्मृति चिन्हों की नीलामी इस महीने की 12 तारीख तक बढ़ाई गई

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया है कि प्रधानमंत्री के स्मृति चिन्हों 2022 की नीलामी इस महीने की 12 तारीख तक बढ़ा दी गई है।

संस्कृति मंत्रालय के एक ट्वीट थ्रेड का जवाब देते हुए, प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया:

“ये उन विशेष उपहारों में से है, जो मुझे वर्षों से मिले हैं। लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए स्मृति चिन्हों की नीलामी 12 तारीख तक बढ़ा दी गई है। इसमें अवश्य भाग लें।”

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