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विराट स्वरूप में मना “कोहली” का जन्मदिन , राहगीरों को मिठाई खिलाकर बोले हैप्पी बर्थडे चीकू , टी 20 वर्ल्ड कप जीतने की हुई कामना

कानपुर 5 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता क्रिकेट प्रेमियों में किंग कोहली के नाम से मशहूर भारत की शान विराट कोहली का जन्मदिन आज कानपुर में धूमधाम से मनाया गया । भरत स्ट्राइकर क्रिकेट क्लब की ओर से हुए इस आयोजन में 34 किलो मिठाई बांटकर “कोहली” का विराट स्वरूप में 34 वां जन्मदिन मनाया गया । किसी के हाथों में विराट कोहली का पोस्टर तो कोई क्रिकेट का बैट लिए था । कोई मिठाई खिला रहा था तो कोई क्रिकेट पैड और ग्लब्स लिए हुए था । ” हैप्पी बर्थ डे विराट कोहली ” के सुरों के बीच क्रिकेट प्रेमियों ने राहगीरों को मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दी । कार्यक्रम के दौरान विराट कोहली के दीर्घायु की कामना के साथ ही टी 20 वर्ड कप में भारत के विजेता होने की प्रार्थना भी की । कहां गया कि विराट कोहली ने अपने प्रतिभा के दम पर पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया है । कई मैच में तो अकेले विराट के खेल से भारत को जीत मिली है । टी 20 वर्ड कप में इंडिया-पाकिस्तान के मैच हुए कांटे के मैच में विराट ने अकेले दम पर भारत को जीत दिलाई थी । विराट ने अपने खेल से यह साबित कर दिया कि विराट का व्यक्तित्व “विराट” है । इस मौके पर भारतेंदु पुरी , विपिन वर्मा , सुनील गुप्ता प्रशांत पुरी , शारदा प्रसाद साहू , कुशाग्र सक्सेना , गौरव श्रीवास्तव , पवन साहू सहित अन्य क्रिकेट प्रेमी मौजूद थे ।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज की छात्राओं के लिए शैक्षिक भ्रमड़ आयोजित

कानपुर 4 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग ने बी एस सी प्रथम द्वितीय तथा तृतीय वर्ष की छात्राओं के लिए शैक्षिक भ्रमड़ का आयोजन किया
दो दिवसीय भ्रमड़ ३-४ नवंबर२०२२ का शुभारम्भ प्रचार्या डॉ सुमन तथा वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह ने छात्राओं का मनोबल बढ़ाकर तथा विज्ञान की उपयोगिता एवं तकनीकी हेतु प्रेरित करके किया
नयी शिक्षा नीति के अन्तर्गत उच्च शिक्षा को रोज़गारपरक तथा आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास में वनस्पति विज्ञान के नए पाठ्यक्रम में शैक्षिक भ्रमण को शिक्षा का अभिन्न अंग बना दिया गया है
बी एस सी की कुल 103 छात्राओं ने चंद्रा शेखर आज़ाद विश्वविद्यालय के सोईल केमिस्ट्री , बाओकोंट्रोल लैब , मशरूम कल्टिवेशन लैब एंटमालजी लैब , हॉर्टिकल्चर गार्डेन, नर्सरी, तितली बाग तथा म्यूज़ीयम का भ्रमड़ किया ।चंद्र शेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय के डीन डॉ डी आर सिंह ने अनुमति के अतिरिक्त स्वयं छात्राओं को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय का इतिहास बताते हुए विज्ञान की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और छात्राओं को विज्ञान की पढ़ाई हेतु प्रेरित किया। वेक अतिरिक्त डॉ अनिल सचान,विभागाध्यक्ष मृदा विज्ञान ,डॉ एड के बिस्वास, विभागाध्यक्ष प्लांट पथॉलॉजी,डॉ वी के त्रिपाठी विभागाध्यक्ष हॉर्टिकल्चर तथा डॉ राम सिंह एंटमालजी , ड़ा द्विवेदी ने सक्रिय सहयोग करते हुए अपने अपने विभागों में छात्राओं का मर्गदर्शन करते हुए अनेक विदेशी उपकरण दिखाए उनकी जानकारी दी एवं किस प्रकार उनका उपयोग शोध कार्यों में होता है दिखाया। इस भ्रमण में डॉ प्रीति सिंह, डॉ समीक्षा सिंह, डॉ रायी घोष तथा डॉ स्नेह त्रिवेदी के अतिरिक्त अवधेश, हरिनारायण तथा दिनेश शुक्ला ने भरपूर सहयोग किया।

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एस.एन.सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज में सतर्कता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया

कानपुर 3 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत एस.एन.सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज कानपुर में एल.आई.सी. कानपुर और सेन महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्त्वाधान में सतर्कता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। सतर्कता जागरूकता सप्ताह 31 अक्टूबर से 6 नवंबर तक मनाया जा रहा है जिसे सार्वजनिक जीवन में नैतिकता को बढ़ाने के लिए, लोगों को भ्रष्टाचार से उत्पन्न खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए, हित धारकों को एक साथ लाने के लिए मनाया जाता है। केंद्रीय सतर्कता आयोग इसे हर वर्ष बनाता है। वर्ष 2022 में सतर्कता सप्ताह की थीम है- *एक विकसित राष्ट्र के लिए, भ्रष्टाचार मुक्त भारत* ।
प्राचार्या प्रोफेसर (डॉ.) सुमन ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा की यदि अब भी हम सजग नहीं हुए तो भ्रष्टाचार रूपी दीमक हमारे देश को खोखला कर देगा। समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) निशि प्रकाश ने कहा कि समाज का हर नागरिक जागेगा तभी भ्रष्टाचार के दानव को समाप्त किया जा सकता है ।इस कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय की छात्राओं ने निबंध, स्लोगन, पोस्टर और भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया। पोस्टर प्रतियोगिता में भव्या शुक्ला ,अनुभवी और संजौली गुप्ता ने क्रमशः प्रथम ,द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया । स्लोगन प्रतियोगिता में रानू तिवारी ने प्रथम एवं कोमल शर्मा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में कृष्णा कठेरिया ने प्रथम स्थान एवं यास्मीन बानो और अमरीन ने संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान एवं प्रगति द्विवेदी और कीर्ति बाजपेई ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रो. (डॉ.) अलका टंडन , डॉ. प्रीति पांडे, डॉ. ममता अग्रवाल, प्रो. (डॉ.) निशा वर्मा, डॉ. शुभा बाजपेई, डॉ. रचना निगम ने निर्णायक मंडल की भूमिका का निर्वहन कर छात्राओं का उत्साह वर्धन किया। कार्यक्रम का प्रभावपूर्ण संचालन समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर (डॉ.) मीनाक्षी व्यास के द्वारा किया गया। डॉ. सुनीता शुक्ला ने कार्यक्रम में सहयोग किया।धन्यवाद ज्ञापन समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर (डॉ.) रेखा चौबे के द्वारा किया गया।

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अविश्वसनीय परिवर्तन

पुणे 3 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, 40 साल की उम्र में, फिटनेस से वंचित शरीर के साथ दो किशोरों की परवरिश करते हुए, सुश्री प्रीति मस्के ने 2016 में अनिच्छा से 5 किमी दौड़ के लिए पंजीकरण कराया। आज, 2022 में, प्रीति म्हास्के, सुपर फिट, दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रखती हैं – प्रत्येक दौड़ने और साइकिल चलाने के लिए। अविश्वसनीय परिवर्तन, है ना!? साइकिल चलाने का उनका जुनून केवल बढ़ रहा है। यदि आप उसे चेतावनी देते हैं कि एक विशेष मार्ग अप्राप्य है या xyz घंटों में नहीं देखा जा सकता है, तो प्रीति इसे एक आदर्श चुनौती के रूप में देखती है! इसे हासिल करने के लिए उसे केवल अगले तीन महीने लगते हैं। उसकी शारीरिक क्षमता, मानसिक शक्ति और इच्छाशक्ति का इससे बेहतर सारांश क्या हो सकता है! ऐसी ही एक राइड में प्रीति का एक्सीडेंट हो गया। इसने, स्वाभाविक रूप से, नाजुक मानव शरीर और मृत्यु के बारे में विचारों का एक हिमस्खलन जारी किया। उनके समर्पित शोध ने उन्हें मस्तिष्क-मृत्यु और अंग दान के समाधान के रूप में सीखने के लिए प्रेरित किया। उसकी खोज एक एनजीओ, रीबर्थ फाउंडेशन में समाप्त हुई, जो उसके शहर – पुणे में काम कर रही थी। रीबर्थ पिछले 7 वर्षों से पूरे भारत में अंगदान के प्रति जागरूकता और प्रसार पर काम कर रहा है। प्रीति ने अब अंगदान जागरूकता के लिए अपनी भविष्य की सवारी को समर्पित करने का फैसला किया है। इस नेक काम में योगदान के रूप में, प्रीति ने पाकिस्तान सीमा से चीन सीमा तक, 13 दिनों में कुल 3800 किमी की ट्रांस-इंडिया सवारी करने का संकल्प लिया है। सवारी 1 नवंबर, 2022 को नारायण सरोवर, कोटेश्वर, गुजरात से शुरू होगी और 13 नवंबर, 2022 (3810 किमी) पर किबिथू, अरुणाचल प्रदेश में समाप्त होगी। बेहद दृढ़ निश्चयी महिला प्रीति का मानना है कि उम्र किसी के जुनून की खोज में बाधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अब साइकिल चलाने के अपने प्यार का पालन करते हुए अंगदान के लिए योगदान देने का संकल्प लिया है। प्रीति मस्के ने कहा, “मेरे कट्टरपंथी तरीके के बावजूद, अगर मैं अंगदान के माध्यम से एक भी जीवन बचाने में सक्षम हूं, तो मुझे लगता है कि मैं इस ग्रह पर अपनी भूमिका निभाऊंगी।” हार्दिक बधाई, टीम रीबर्थ अधिक जानकारी के लिए: वेब: www.rebirthtrust.org फेसबुक: https://www.facebook.com/Rebirthorgandonation Instagram: https://www.instagram.com/rebirthtrust/ Youtube: https://www .youtube.com/channel/UC8jM2PJvQJWs14MF-t0AqFg

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वित्त मंत्री ने 141 कोयला खदानों की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी शुरू की

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने कहा है कि भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को कोयला उत्पादन और उसके गैसीकरण की परियोजनाओं में अधिक निवेश की आवश्यकता है और वह भी तब जब विश्व स्तर पर, विशेष रूप से गैस के ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं। कोयला मंत्रालय की कोयला खदान नीलामी के छठे दौर का आज नई दिल्ली में शुभारंभ करते हुए वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वर्तमान में दुनिया में सबसे अच्छा निवेश गंतव्य है। मंत्री महोदया ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतिगत स्थिरता और पारदर्शी प्रक्रिया के कारण बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में 41% की कमी आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि आज की 141 कोयला खदानों की नीलामी से बारह राज्यों को प्रत्यक्ष लाभ होगाI  कोयला क्षेत्र को खोलने (अनलॉक करने) के लिए हाल में ही की गई पहलों के लिए कोयला मंत्रालय की सराहना करते हुए श्रीमती सीतारमन ने कहा कि खनन क्षेत्र में सुधार हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को सही गति प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्रालय कोयले के गैसीकरण और वाणिज्यिक खनन में प्रोत्साहन के लिए हर संभव सहायता करेगा। समारोह को संबोधित करते हुए कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कोयला मंत्रालय कोयले के उपयोग को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक पद्धति ढूँढ रहा है। श्री जोशी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने कोयले के गैसीकरण के लिए 6000 करोड़ रुपये अन्वेषण प्रक्रिया के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है। अब तक की सबसे बड़ी नीलामी के दौरान आज ग्यारह राज्यों की 141 खदानों की नीलामी की गई। श्री जोशी ने कहा कि पूर्व में नीलाम हो चुकी खदानों में उत्पादन शुरू हो गया है और आशा है कि अगले वर्ष तक नई खदानों से एक से 1.5 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होने लगेगाI श्री जोशी ने आगे कहा कि अब तक  की गई समीक्षा के अनुसार कोयला मंत्रालय इस वर्ष 90 करोड़ टन कोयला उत्पादन होने का अनुमान लगा रहा है। समारोह को कोयला, खान एवं रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे, कोयला सचिव श्री अमृत लाल मीणा और अपर सचिव श्री एम. नागराजू ने भी संबोधित किया।

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वाणिज्यिक नीलामी के छठे दौर में 133 कोयला खदानें नीलामी के लिए रखी गई थीं, जिनमें से 71 नई कोयला खदानें हैं और 62 कोयला खदानें वाणिज्यिक नीलामी के पहले चरणों से चल रही हैं। इसके अतिरिक्त, वाणिज्यिक नीलामी के पांचवें दौर के दूसरे प्रयास के तहत 8 कोयला खदानों को शामिल किया गया था, जिसके लिए पहले प्रयास में एकल बोलियां प्राप्त हुई थीं। नीलामी की इस किश्त के शुभारंभ के साथ ही कोयला मंत्रालय तापीय (थर्मल) कोयले के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

संरक्षित क्षेत्रों, वन्यजीव अभयारण्यों, संवेदनशील बसावटों, 40% से अधिक वन क्षेत्रों, भारी निर्मित क्षेत्र आदि के अंतर्गत आने वाली खदानों को नीलामी से बाहर रखा गया है। जिन क्षेत्रों में घनी बस्ती, उच्च हरित आवरण या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे आदि की उपस्थिति है, के अंतर्गत आने वाली कुछ ऐसी कोयला खदानों की ब्लॉक सीमाओं में बोलीदाताओं की रुचि और इन कोयला ब्लॉकों में भागीदारी बढ़ाने के लिए हितधारकों के परामर्श के दौरान प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर संशोधन किया गया है। नीलाम की जा रही खदानें झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु और बिहार के कोयला/लिग्नाइट वाले राज्यों में फैली हुई हैं।

नीलामी प्रक्रिया की प्रमुख विशेषताओं में अग्रिम राशि और बोली सुरक्षा राशि में कमी, आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों के मामले में कोयला खदान के कुछ हिस्से को छोड़ने की अनुमति, राष्ट्रीय कोयला सूचकांक और राष्ट्रीय लिग्नाइट सूचकांक की शुरुआत, बिना प्रवेश बाधाओं के भागीदारी में आसानी, कोयला उपयोग में पूर्ण लचीलापन, अनुकूलित भुगतान संरचनाएं, शीघ्र उत्पादन के लिए प्रोत्साहन, कोयला गैसीकरण और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल है।

निविदा दस्तावेज की बिक्री 03 नवंबर, 2022 से शुरू होगी। खदानों, नीलामी की शर्तों, समय सीमा आदि का विवरण मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) के नीलामी मंच पर देखा जा सकता है। प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर एक पारदर्शी दो चरण की प्रक्रिया के माध्यम से नीलामी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के लिए कार्य प्रणाली कोयला मंत्रालय के एकमात्र लेनदेन सलाहकार एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड ने विकसित की थी और वही कोयले की नीलामी प्रक्रिया के संचालन में मंत्रालय की सहायता कर रही है।

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महिला स्वयं सहायता समूहों और पतंजलि के उत्पादों की सह-ब्रांडिंग के अवसर तलाशे जाएंगे

ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीएवाई-एनआरएलएम और पतंजलि के बीच महिला स्वयं सहायता समूहों की आपसी ताकत को बढ़ाने और उसका लाभ उठाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता करते हुए, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने इसे ग्रामीण एसएचजी महिलाओं को कम से कम 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की आकांक्षात्मक आय प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो कि लखपति दीदी हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से आरएल, ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह और पतंजलि की ओर से दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और आदान-प्रदान किया गया।

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ग्रामीण भारत को बदलने में मंत्रालय की पहल की सराहना करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह को धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि यह साझेदारी कई आयामों में उनके सहयोग से एसएचजी महिलाओं को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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पतंजलि और डीएवाई-एनआरएलएम के बीच सहमति के अनुसार सहयोग के क्षेत्र हैं-

ए. डीएवाई एनआरएलएम के लिए पतंजलि को राष्ट्रीय संसाधन संगठन (एनआरओ) के रूप में मान्यता।

बी. पतंजलि उत्पादों के लिए डीलरों / वितरकों के रूप में सीएलएफ, पीजी, पीई के लिए व्यावसायिक अवसर।

सी. चयनित एसएचजी उत्पादों को पतंजलि स्टोर्स में रखा जाएगा।

डी. एनआरएलएम और पतंजलि द्वारा एसएचजी के चयनित उत्पादों की सह-ब्रांडिंग।

ई. चयनित एसएचजी उत्पादों और प्रक्रियाओं के लिए एसओपी और गुणवत्ता नियंत्रण।

एफ. सीएलएफ, पीजी, पीई एसएचजी उत्पादकों से चयनित वस्तुओं/सामग्री की आपूर्ति के लिए पतंजलि को आपूर्तिकर्ता के रूप में काम करेगा

जी. सामान्य बीमारियों के लिए पारंपरिक और हर्बल दवाओं और एसएचजी के लिए स्वास्थ्य विकल्पों का विस्तार करने के लिए योग पर एसएचजी प्रशिक्षण।

संदर्भ स्थापित करते हुए, ग्रामीण विकास सचिव श्री नांगेन्द्र नाथ सिन्हा ने समझौता ज्ञापन के प्रमुख आयामों पर प्रकाश डाला। अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह ने इस एमओयू को एमओआरडी और पतंजलि दोनों के लिए फायदे का सौदा बताया। एनआरएलएम ग्रामीण एसएचजी महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों को समर्थन देने के लिए कई प्रयास कर रहा है जो खाद्य उत्पादों, हस्तशिल्प और हथकरघा आदि के उत्पादन में लगी हुई हैं। उत्पादकों को बाजारों से जोड़ने के प्रयासों के हिस्से के रूप में, एनआरएलएम और एसआरएलएम ने कई चैनलों जैसे सरस गैलरी, सरकारी विशिष्ट खुदरा दुकानों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे जीईएम, फ्लिपकार्ट, अमेजन और डीएवाई-एनआरएलएम के ई-कॉमर्स के माध्यम से एसएचजी और एसएचजी सदस्य उद्यमियों के क्यूरेटेड उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।
दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पतंजलि की एक संस्था है जो योग और आयुर्वेद से मानव जाति की सेवा करने के लिए एक प्रतिष्ठान है। अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, यह दिव्य फार्मेसी, दिव्य प्रकाशन, दिव्य योग साधना, दिव्य गौशाला और दिव्य नर्सरी जैसी कई पतंजलि इकाइयों के सहयोग से काम करता है। इसके अलावा पतंजलि संस्थाओं जैसे भरुवा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, भरुवा एग्रीसाइंस प्राइवेट लिमिटेड, पतंजलि जैविक अनुसंधान संस्थान, और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के उपक्रमों के सहयोग से तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
डीएवाई एनआरएलएम के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) अपने प्रमुख कार्यक्रम के रूप में एसएचजी पारितंत्र के माध्यम से आजीविका बढ़ाने और उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर और लाभदायक बाजारों के माध्यम से बढ़ी हुई आय प्रदान कर ग्रामीण भारत के जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से काम कर रहा है।

प्रखंड 6972

जिला 721

राज्य। 34

कवरेज 8.61 करोड़ महिलाएं

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) 79.60 लाख

ग्राम संगठन (वीओ) 4.53 लाख

क्लस्टर स्तरीय संघ (सीएलएफ) 29358

पूंजीगत सहयोग 19249 करोड़ रुपए

बैंक वित्त उत्तोलन 5.70 लाख करोड़ रुपए

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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने भारत का पहला पानी में तैरता वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया

संचार मंत्रालय, भारत सरकार के डाक विभाग के तहत स्थापित इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने आज श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में वित्तीय साक्षरता को बढ़ाने के लिए भारत का पहला पानी पर तैरता वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया। ‘निवेशक दीदी’ पहल के तहत ‘महिलाओं के लिए, महिलाओं के द्वारा’ की अवधारणा के साथ वित्तीय साक्षरता बढ़ाना लक्ष्य है।

विशाल और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत की जनसांख्यिकी में वित्तीय साक्षरता का प्रसार चुनौतीपूर्ण है क्योंकि आबादी का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है। दुनिया के सबसे बड़े डाक नेटवर्क की मदद से आखिरी छोर तक पहुंच बढ़ाने और वित्तीय समावेशन के अंतर को पाटने के लिए आईपीपीबी ने नई पहल की है।

भारत सरकार के निर्देश पर, आईपीपीबी ने ग्रामीण भारत को ध्यान में रखते हुए वित्तीय समावेशन की यह यात्रा शुरू की है, जहां तक पहुंच और संचार में हमेशा बाधा रही है। शुरुआत से ही, डाकिया/ग्रामीण डाक सेवक देश के कोने-कोने में आम जनता तक पहुंचते रहे हैं और उनके दरवाजे पर डिजिटल बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

वित्तीय साक्षरता अभियान को आगे बढ़ाने के लिए, आईपीपीबी ने कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के तत्वावधान में निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) के सहयोग से ‘निवेशक दीदी’ नामक पहल शुरू की है। इसमें ‘महिलाओं के द्वारा, महिलाओं के लिए’ अवधारणा को आत्मसात किया गया है। निवेशक दीदी पहल महिलाओं के लिए महिलाएं की सोच पर आधारित है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपने मन में उठे सवालों को किसी महिला के साथ साझा करने में अधिक सहज महसूस करती हैं। कश्मीर घाटी की तीन निवेशक दीदी प्रतिनिधियों को श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आयोजित हुए आईईपीएफए सम्मेलन के दौरान केंद्रीय कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह और सांसद (श्रीनगर) डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर आईईपीएफए की सीईओ श्रीमती अनीता शाह अकेला, जेएस एमसीए और आईईपीएफए, डाक विभाग, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, सीएससी ई-गवर्नेंस, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

(श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में आईईपीएफए सम्मेलन में केंद्रीय कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह और सांसद (श्रीनगर) डॉ. फारूक अब्दुल्ला)  ‘निवेशक दीदी’ पहल के शुभारंभ के हिस्से के रूप में, आईपीपीबी ने एक नवनियुक्त निवेशक दीदी द्वारा भारत का पहला पानी पर तैरने वाला वित्तीय साक्षरता शिवर आयोजित किया। यह शिविर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में विश्व प्रसिद्ध डल झील के आसपास के स्थानीय निवासियों के बीच आयोजित किया गया। शिकारा इन लोगों के जीवन का अभिन्न अंग है, ऐसे में कई शिकारा पर ही लोग जुटे और ‘निवेशक दीदी’ ने शिकारा से ही स्थानीय कश्मीरी भाषा में वित्तीय साक्षरता सत्र आयोजित किया। इस तरह से पूरा सत्र डल झील के पानी में आयोजित किया गया इस पहल के बारे में बात करते हुए डाक विभाग के सचिव श्री विनीत पांडे ने इसे वित्तीय समावेशन की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। भारत में आयोजित पहला तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर देश के हर घर में दूर-दूर तक पहुंचने की डीओपी टीम की क्षमता को दर्शाता है, जबकि भौगोलिक क्षेत्र अलग-अलग हैं। इसने ग्रामीण महिलाओं के लिए अपने वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को लेकर समझ बढ़ाने, धोखाधड़ी से सावधान रहने और निवेशक दीदी की मदद से अपनी भाषा में सहायता पाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

पहले तैरने वाले वित्तीय साक्षरता शिविर पर बोलते हुए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के एमडी और सीईओ श्री जे. वेंकटरामू ने कहा, ‘निवेशक दीदी के जरिएआईपीपीबी ग्रामीण आबादी के सामने भाषा और वित्तीय उत्पादों एवं सेवाओं की बुनियादी समझ को लेकर सामने आने वाली चुनौतियों को पार करते हुए नया मील का पत्थर हासिल करेगा। ग्रामीण जनता से गहरा सामाजिक जुड़ाव रखने वाली महिला डाकियानिवेशक दीदी विशेष रूप से महिलाओं में वित्तीय जागरूकता बढ़ाएंगी और उनकी समस्याओं का समाधान करने के साथ सुविधाजनक तरीके से सहयोग करेंगी।

(श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में डल झील के आसपास स्थानीय निवासियों के बीच तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया गया)

तैरता हुआ वित्तीय साक्षरता शिविर श्री गुरशरण राय बंसल, मुख्य महाप्रबंधक और मुख्य बिक्री एवं विपणन अधिकारी और श्री विश्वनाथ दिव्य सहायक महाप्रबंधक (विपणन) के साथ आईपीपीबी और डीओपी टीम की देखरेख में आयोजित किया गया। सत्र में बैंकिंग और वित्तीय उत्पादों से लेकर संस्थाओं की ओर दी जाने वाली मुख्यधारा की वित्तीय सेवाओं के महत्व और धोखाधड़ी से बचाव के उपायों के साथ निवेश को लेकर विभिन्न प्रकार के जोखिम से सुरक्षा आदि विषयों पर चर्चा की गई। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक आखिरी छोर तक वित्तीय सशक्तीकरण के अपने अभियान को बढ़ाने के लिए ऐसे प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

आईपीपीबी के बारे में

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) को संचार मंत्रालय के अधीन डाक विभाग के तहत स्थापित किया गया है, जिस पर भारत सरकार का शत-प्रतिशत मालिकाना हक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक सितंबर, 2018 को आईपीपीबी का शुभारंभ किया था। बैंक की स्थापना इस दृष्टिकोण के तहत की गई है कि इसके जरिए भारत के आम जनमानस के लिए अत्यंत सुगम, सस्ती और भरोसेमंद बैंक सेवा उपलब्ध कराई जा सके। आईपीपीबी का बुनियादी काम यह है कि वह बैंकों तक कम पहुंच वाले और बैंकिंग सेवाओं से न जुड़े लोगों के लिए देश के 160,000 डाकघरों (145,000 ग्रामीण डाकघर), 400,000 डाक कर्मियों के नेटवर्क का इस्तेमाल करे। आईपीपीबी की पहुंच और उसके संचालन का स्वरूप ‘इंडिया स्टैक’ के प्रमुख स्तंभों पर आधारित है, जिसके तहत कागज रहित, नकद रहित, बिना बैंक गए, आसान और सुरक्षित तरीके से उपभोक्ता के दरवाजे पर सेवा उपलब्ध हो। इसके लिए सीबीएस-समेकित स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक उपकरण को माध्यम बनाया गया। जनता के लिए सस्ते नवाचार और बैंक प्रक्रिया को सुगम बनाने पर जोर देते हुए आईपीपीबी 13 भाषाओं में उपलब्ध इंटरफेस के जरिए आसान व सस्ते बैंकिंग समाधान सुगम बना रहा है। आईपीपीबी कम से कम नकदी इस्तेमाल वाली अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में अपना योगदान करने के लिए संकल्पित है। भारत समृद्ध होगा, जब हर नागरिक को वित्तीय सुरक्षा और समान अवसर मिलेंगे। हमारा मूलमंत्र है– हर उपभोक्ता महत्वपूर्ण है; हर लेन-देन महत्वपूर्ण है और हर जमा धन मूल्यवान है।

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मिजोरम विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज (3 नवंबर, 2022) आइजोल में मिजोरम विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। उन्होंने शिक्षा से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जिनमें मिजोरम विश्वविद्यालय में एसटी गर्ल्स हॉस्टल और मौलपुई में सरकारी आइजोल कॉलेज, आइजोल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) का स्थायी परिसर और पछुंगा यूनिवर्सिटी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट अकादमिक ब्लॉक शामिल हैं। इस अवसर पर संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मिजोरम विश्वविद्यालय, जो 2001 से सक्रिय हुआ है, आज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाला पूर्वोत्तर क्षेत्र का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है।

उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने शिक्षाविदों को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं जिसके परिणामस्वरूप विज्ञान, कला, वाणिज्य, इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। विश्वविद्यालय ने ‘इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा प्राप्त किया है और कुछ बेहतरीन पहल की हैं। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में मिजोरम विश्वविद्यालय का ढांचागत विकास सराहनीय है। राष्ट्रपति ने कहा कि मिजोरम विश्वविद्यालय में छात्रों को इनोवेशन्स और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तीन इन्क्यूबेटर हैं। विश्वविद्यालय ने विभिन्न शैक्षणिक और तकनीकी सहयोग के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों और संगठनों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करने के रास्ते तलाशने और अकादमिक और तकनीकी क्षेत्रों में उत्कृष्टता के नए मानक बनाने के लिए एक नया खाका तैयार किया है।

छात्रों को संबोधित करते हुए,राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह उनके परिवार के सदस्यों के प्रयासों को याद करने और पहचानने का एक महत्वपूर्ण अवसर है जिन्होंने उनकी पूरी यात्रा में उनका साथ दिया है। उनकी क्षमताओं की कोई सीमा नहीं है। इसलिए उन्हें बस अपनी क्षमता का एहसास करना चाहिए। वे अपनी प्रतिभा और क्षमता को सबसे अच्छी तरह से पहचानते हैं। राष्ट्रपति ने उन्हें दुनिया का पता लगाने और नए प्रयोग करने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने छात्रों से अशिक्षितों को शिक्षित करने और ज्ञान का प्रकाश फैलाने की जिम्मेदारी लेने का भी आग्रह किया। इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कि 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में स्नातक छात्रों में लड़कियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है, राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा में महिलाओं की बढ़ती संख्या प्रशंसनीय है लेकिन इसे उच्च दर से बढ़ाना चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी कार्यबल में भी बढ़ी हुई भागीदारी में तब्दील हो। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो पूरा देश आगे बढ़ेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मिजोरम विश्वविद्यालय और सैरंग में दो अनुसूचित जनजाति बालिका छात्रावासों का उद्घाटन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अन्य सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करके छात्राओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि आईआईएमसी आइजोल के स्थायी परिसर के उद्घाटन से पूरे पूर्वोत्तर में मीडिया और जनसंचार अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।

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श्याम नगर सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों द्वारा 1 किलोमीटर से अधिक मानव श्रृंखला बनाकर गीता का संदेश फैलाने द्वारा बनाई गई मानव श्रृंखला*

कानपुर 3 अक्टूबर संवाद सूत्र सुभाष मिश्र, श्याम नगर स्थिति सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों के द्वारा 1 किलोमीटर से अधिक लंबी श्रंखला बनाकर गीता जयंती पर के छात्र छात्राओं ने जनमानस को किया जागरूक श्याम नगर सरस्वती शिशु मंदिर के उप प्रधानाचार्य श्री रमाशंकर शुक्ल ने इसका उद्देश्य जन-जन तक गीता का संदेश पहुंचाना है गीता ग्रंथ महान है भारत की पहचान है गीता सुने जीवन का सही मार्ग सुने गीता जीवन की बने शांति प्रेम संगीत बने गीता अपनाएं तनाव भय व चिंता मुक्ति पाएं इस अवसर पर स्कूल के मैनेजमेंट अध्यापक श्री राजेश पांडे अनिल तिवारी जी, विनीत पाल, विजय शंकर पांडे मैडम कल्पना, दीपिका अवस्थी, रश्मि, कंचन शुक्ला ने बच्चों के साथ भारत माता की जय का आवाहन करते हुए बच्चों का मनोबल बढ़ाया

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केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पुणे में आयोजित ‘भारत में उद्यान विज्ञान मूल्य श्रृंखला का विस्तार’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों की तरह हमारे किसान भी सम्मानीय और प्रशंसा योग्य हैं। उन्होंने कहा कि देशवासियों का पेट भरने के लिये किसान बहुत सी कुर्बानियां देते हैं। श्री तोमर ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा और किसानी, दोनों समान रूप से महत्त्वपूर्ण कार्य हैं, जिनसे देश की आत्मा तृप्त होती है।

श्री तोमर आज पुणे में आयोजित ‘एक्सपेंशन ऑफ हॉर्टीकल्चर वैल्यू चेन इन इंडिया’ (भारत में उद्यान विज्ञान मूल्य श्रृंखला का विस्तार) कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किया था, जिसमें किसानों, एफपीओ, स्टार्ट-अप और बैंकरों सहित उद्यान विज्ञान से जुड़े लोग उपस्थित थे।

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अपने सम्बोधन में श्री तोमर ने कहा कि यदि गांव समृद्ध और आत्मनिर्भर होंगे, तो देश भी समृद्ध और आत्मनिर्भर बनेगा। श्री तोमर ने कहा कि कृषि हमारी प्राथमिकता है और वह हमारी अर्थव्यवस्था का मेरु है। उन्होंने कहा कि कृषि सेक्टर को दिशा देने की जरूरत है, क्योंकि कृषि और गांवों की पारंपरिक अर्थव्यवस्था देश की सबसे बड़ी ताकत है। परिस्थितियां चाहे कितनी विपरीत हों, लेकिन कृषि हमेशा हमारी अर्थव्यवस्था के लिये सहायक सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि व्यापारी-उद्यमी को कृषि उत्पादों के लिये किसानों को अधिकतम मूल्य चुकाना चाहिये। ऐसा होने से न केवल हमारे किसान समृद्ध होंगे, बल्कि अगली पीढ़ी भी खेती-किसानी करने के लिये प्रेरित होगी।

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श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले आठ वर्षों में कृषि में स्वदेशी प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन दिया है। श्री मोदी ने हमेशा खेती की स्थानीय व पारंपरिक पद्धति के साथ परिवर्तनशील आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया है, ताकि विश्व प्रतिस्पर्धा में हम प्रासंगिक बने रहें। श्री तोमर ने कहा कि श्री मोदी न केवल किसानों की आय बढ़ाने की बात करते हैं, बल्कि उन्होंने राज्य सरकारों को जोड़कर तथा किसानों को सीधे संलग्न करके कई उपाय भी किये हैं।

श्री तोमर ने कहा कि आज युवा, सेवानिवृत्त कर्मचारी और कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े लोग खेती करने के लिये आगे आ रहे हैं। ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती के प्रति लोगों की रुचि भी बढ़ रही है। चार लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का रिकॉर्ड निर्यात किया गया है।

किसानों के जीवनस्तर को ऊंचा करने और खेती को प्रोत्साहित करने के लिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, एक लाख करोड़ रुपये की कृषि अवसंरचना निधि, डिजिटल कृषि मिशन, ड्रोन प्रौद्योगिकी, ई-नाम, पीएम सिंचाई जैसी योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं।

श्री तोमर ने कहा कि आज भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हो गया है। ज्यादातर कृषि उत्पादों में भारत विश्व में पहले या दूसरे स्थान पर है। फसलों के साथ-साथ बागवानी को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। छोटे किसानों के लिये केंद्र सरकार ने उद्यान विज्ञान मिशन और एफपीओ की योजना शुरू की है। प्रयास किये जा रहे हैं कि छोटे किसान एक-साथ खेती करें, ताकि उन्हें अधिकतम लाभ मिल सके। एफपीओ और क्लस्टर प्रणाली को जोड़ने से किसानों को व्यापारियों के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि व्यापारियों को उत्पाद खरीदने के लिये किसानों के पास जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न के उत्पादन के साथ, खासतौर से सब्जियों और फूलों की खेती के लिये उद्यान विज्ञान सेक्टर किसानों की आय बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्री तोमर ने कहा कि फलों, सब्जियों और मोटे अनाजों की खेती पर ध्यान दिया जाये, क्योंकि पोषण के लिये अकेले अनाज से काम नहीं चलेगा।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के कृषि मंत्री श्री अब्दुल सत्तार और उद्यान विज्ञान मंत्री श्री संदीपनराव भूम्रे, केंद्रीय कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा, अपर सचिव श्री अभिलाष लिखी, संयुक्त सचिव श्री प्रिय रंजन, उद्यान विज्ञान आयुक्त श्री प्रभात कुमार, महाराष्ट्र के कृषि सचिव श्री एकनाथ नवले उपस्थित थे। श्री तोमर ने किसानों का सम्मान किया और उद्यान विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

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