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भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी को संयुक्त राष्ट्र अवार्ड

वर्ष 2019 में दक्षिण सूडान (यूएनएमआईएसएस) में संयुक्त राष्ट्र मिशन में महिला शांतिदूत के रूप में सेवाएं प्रदान करने वाली भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी को 29 मई 2020 को प्रतिष्ठित “यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड” से सम्मानित किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांतिदूत दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में आयोजित किए जा रहे एक ऑनलाइन समारोह के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस उन्‍हें यह अवार्ड प्रदान करेंगे।  मेजर सुमन को यह अवार्ड ब्राजील  की नौसेना अधिकारी कमांडर कार्ला मोंटेइरो डी कास्त्रो अरुजो के साथ मिलेगा।

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भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी

मेजर सुमन ने नवंबर 2018 से दिसंबर 2019 तक यूएनएमआईएसएस में एक सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया। मिशन में रहते हुए, वह मिशन में सैन्य पर्यवेक्षकों के लिए महिलाओं से संबंधित मामलों के लिए संपर्क का प्रमुख केंद्र बिंदु थीं। इस अधिकारी ने क्षेत्र की अत्‍यंत कठोर परिस्थितियों के कारण होने वाली समस्‍याओं के बावजूद महिला-पुरुष संतुलन बरकरार रखने के लिए संयुक्त सैन्य गश्‍त में भागीदारी को प्रोत्साहित किया। उन्‍होंने मिशन की योजना और सैन्य गतिविधि में महिलाओं के परिप्रेक्ष्य को शामिल करने के लिए दक्षिण सूडान में विभिन्न मिशन टीम साइट्स का दौरा किया। सैन्‍य अधिकारी को नैरोबी में संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा (सीआरएसवी) पर एक विशेष प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए चुना गया था और उन्‍होंने यह प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न संयुक्त राष्ट्र मंचों में भाग लिया कि कैसे महिलाओं का परिप्रेक्ष्य,  विशेषकर संघर्ष संबंधी यौन हिंसा से नागरिकों की रक्षा करने में मदद कर सकता है। यूएनएमआईएसएस सुरक्षा बलों की पहलों को समर्थन देने के अलावा उन्‍होंने सीआरएसवी से संबंधित पहलुओं के बारे में  दक्षिण सूडान की सरकारी सेनाओं को प्रशिक्षित किया। अधिकारी ने यूएनएमआईएसएस में आयोजित संयुक्‍त राष्‍ट्र शांतिरक्षक दिवस परेड की भी कमान संभाली, जहां उन्होंने यूएनपीओएल, सैन्य और नागरिकों के बारह टुकड़ियों की कमान संभाली।

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कोविड-19 में शहीद हुए पत्रकार स्व. पंकज कुलश्रेष्ठ को नेशनल मीडिया क्लब ने पत्रकारिता दिवस पर दी श्रद्धांजलि एवं ₹ 1 लाख की आर्थिक सहायता

कोरोना महामारी के इस काल में आगरा में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ जी की दुःखद मौत के बाद आज नेशनल मीडिया क्लब द्वारा webinar के माध्यम से किए गए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हजारों पत्रकार जुड़े और सभी पत्रकारों के द्वारा दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई।

इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित जी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की, इस मौके पर नेशनल मीडिया क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन अवस्थी जी ने स्व०पंकज कुलश्रेष्ठ जी के आवास पहुंचकर उनके परिजनों को 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद करते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री दीक्षित जी के माध्यम से सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वाधीनता का इतिहास में पत्रकारों के उत्पीडन की तमाम मिसालें हैं। हम आधुनिक काल के पत्रकार उस कालखंड के पत्रकारों के ऋणी हैं। आजादी के दौरान डॉ०अम्बेडकर लोकनायक निकालते थे, पं दीनदयाल उपाध्याय, डा लोहिया भी लिख रहे थे।

साथ ही श्री दीक्षित ने कहा कि आधुनिक भारत में पत्रकारिता काफ़ी कठिन हो गयी है, आज के दौर में कई चुनौतियां भी हैं। कोरोना महामारी के दौरान अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुये पंकज कुलश्रेष्ठ का निधन हो गया है । इस शोक की घडी में हम सब उनके साथ आत्मसात करते है।
कुछ लोग ऐसे ही आते है ऐसे ही चले जाते है , लेकिन कुछ लोग ऐसा कर जाते है कि लोग उन्हे याद करते है ।
मैं दिवंगत पंकज के परिजनों का हाथ जोडकर प्रणाम करते है। हम आपके साथ हैं, उन्होंने कर्तव्यपालन कर लिया है, उन्हें सम्मानित किया जा रहा है हम आपके साथ हैं।

इस मौके पर नेशनल मीडिया क्लब के संस्थापक श्री रमेश अवस्थी जी ने पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने लगभग एक दशक तक आगरा में पत्रकारिता की है और वह व्यक्तिगत रूप से पंकज कुलश्रेष्ठ को जानते हैं, निश्चित ही अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए पंकज ने जिस तरीके से अपनी जान गवाँई है, उससे पत्रकार साथियों में गम का माहौल है, नेशनल मीडिया क्लब भी उनके इस गम में शरीक है।

इस अवसर पर उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि इस कोरोनाकाल में कार्यरत देश के सभी राज्यों के जिले, तहसील व ग्रामीण स्तर के पत्रकारों को चिन्हित करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा, एआने वाले समय में दिल्ली में आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले पत्रकारों के आने-जाने व रहने-खाने का खर्चा भी नेशनल मीडिया क्लब उठाएगा।

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के पत्रकारों की पहली रीजनल कॉन्फ्रेंस और पहला नेशनल मीडिया रत्न समारोह का आयोजन भी नेशनल मीडिया क्लब ने ही पहली बार किया था। नेशनल मीडिया क्लब के क्रियाकलापों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि “सोंच भारत की” भावना के तहत नेशनल मीडिया क्लब काम कर रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “स्वच्छ भारत मिशन” में नेशनल मीडिया क्लब ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कराने के लिए हरिद्वार से वाराणसी तक की पाँच दिवसीय स्वच्छता ज़न जागरण यात्रा को आयोजित करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी पत्र लिखकर बधाई भी दी।

पत्रकार साथी पंकज के परिजनों को नेशनल मीडिया क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन अवस्थी ने आगरा में स्व0 पंकज कुलश्रेष्ठ के घर पर जाकर उनके परिजनों को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी,और अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की। श्री अवस्थी ने उत्तरप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से भी आग्रह किया है कि दुःख की इस घड़ी में स्वर्गीय पंकज कुलश्रेष्ठ के परिजनों को राज्य सरकार भी आर्थिक मदद मुहैया कराए।।

नेशनल मीडिया क्लब द्वारा आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में एक तरफ जहाँ देश के हजारों पत्रकार साथियों ने वेबिनार के माध्यम से पंकज कुलश्रेष्ठ को श्रद्धांजलि अर्पित की तो वहीं फेसबुक और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म के जरिये लाखों लोग भी जुड़े।।

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गठिया की समस्या से हैं परेशान तो इन फूड आइटम्स को कहें न

गठिया की समस्या से हैं परेशान तो इन फूड आइटम्स को कहें नो
गठिया की शिकायत है तो बहुत अधिक मीठे का सेवन नहीं करना चाहिए। जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ चीनी की मात्रा ही सीमित करें, बल्कि स्वीट डिश व अन्य तरल पदार्थों में भी शुगर की मात्रा को नियंत्रित करना बेहद आवश्यक है।

बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि उनका खानपान उनके गठिया के दर्द को प्रभावित कर सकता है। गठिया की मुख्य वजह इनफलेमेशन है और अगर आप अपने डाइट में इनफलेमेटरी फूड्स को शामिल करते हैं तो इससे आपकी समस्या काफी हद तक बढ़ जाती है। इसलिए अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो आपको अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आज हम आपको ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी गठिया की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसलिए आपको इनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए−

नमक के बिना भोजन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन जिन लोगों को गठिया की शिकायत है, उनके लिए अत्यधिक नमक परेशानी खड़ी कर सकता है। इसके अलावा आप अपने रेग्युलर नमक को काला नमक या पिंक साल्ट से स्विच कर लें।

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कई मंजिलें हासिल की, कई बाकी, सरकार की सालगिरह पर बोले भाजपा अध्यक्ष,

सरकार की सालगिरह पर बोले BJP अध्यक्ष, कई मंजिलें हासिल की, कई बाकी हैं
जेपी नड्डा ने कहा कि स्वदेशी और स्वावलंबन के मंत्र को लेकर हम आज आगे बढ़ रहे हैं। 1.70 लाख करोड़ का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज दिया गया। उसके माध्यम से 80 करोड़ लोगों के राशन की व्यवस्था की गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का केंद्र में दूसरे कार्यकाल को शनिवार को एक साल पूरे हो गए। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सरकार की सालगिरह पर मोदी सरकार की उपलब्धियों का ब्यौरा देश के सामने रखा। जेपी नड्डा ने कहा कि अन्य देशों के मुकाबले भारत ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई इस तरह लड़ी जिसमें भारत की स्थिति संभली हुई है। लॉकडाउन के समय भारत की कोरोना टेस्ट की क्षमता सिर्फ 10,000 टेस्ट प्रतिदिन थी और आज ये क्षमता 1.60 लाख टेस्ट प्रतिदिन है। आज देश में करीब 4.50 लाख पीपीई किट्स प्रतिदिन देश में बन रहे हैं। करीब 58,000 वेंटिलेटर्स देश में बन रहे हैं। नड्डा ने कहा की पीएम मोदी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएंगे। भारत ने इस संकट में खुद को संभाला है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम आत्मनिर्भर भारत की ओर आगे बढ़ रहे हैं। जेपी नड्डा ने कहा कि स्वदेशी और स्वावलंबन के मंत्र को लेकर हम आज आगे बढ़ रहे हैं। 1.70 लाख करोड़ का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज दिया गया। उसके माध्यम से 80 करोड़ लोगों के राशन की व्यवस्था की गई। 20 करोड़ महिलाओं के जनधन खातों में 500 रुपये की मदद, बुजुर्गों और दिव्यांगों को आर्थिक सहायता और मनरेगा मजदूरी में वृद्धि की गई। 20 लाख करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर भारत पैकेज दिया गया। इस पैकेज के माध्यम से ये प्रयास हुआ है कि कैसे हर सेक्टर आत्मनिर्भर बनाकर मुख्यधारा में खड़ा किया जाए और कैसे उन्हें रियायतें दी जाएं।

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मुक्त हो मानव मन

मुक्त हो मानव मन

भाव विश्वास श्रध्दा के बंधन  संदेह भाव मुक्ति दाता 

विश्वास अविश्वास मृत्यु संदेह की  तीव्रता संदेह की निमित्त बनती खोज की 

संदेह प्यास, अभीप्सा संदेह, संदेह अग्नि प्राणो का मंथन 

पीड़ा संदेह की मानो विचार जन्म की प्रसव पीड़ा 

काम क्रोध से कुंठित अपनी ईष्यायें अपने भ्रम

व्देष अपने वैमनस्य अपने मूढताएँ अपनी शत्रुताएँ अपनी 

जडताएँ भी अपनी अंहकार भी अपने भावों का ये मकड़जाल 

मानव मन के घुन और ज्वार मन, देह, विचार भावों के दास

छोड़ो जडता हरो भावों का तम भाव मृगमरीचिका से मुक्त हो मानव मन 

मुक्त हो मानव मन

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विधायक से याराना निभाना पुलिस को पड़ा भारी,

चौकी इंचार्ज निलंबित क्षेत्राधिकारी समेत थाना प्रभारी निरीक्षको से मांग गया जवाब

सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई पर दर्ज हुआ मुकदमा, रेड जोन में विधायक के आने की खबर से इकट्ठा हुए थी भीड़, थाना चमनगंज क्षेत्र में हॉटस्पॉट एरिया, रेड जोन मे इक्कठा हुई भीड़,

विधायक इरफान सोलंकी उनके भाई फरहांन लहरी, पूर्व पार्षद के घर के सामने आए, लॉक डाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का हुआ उल्लंघन, लॉक डाउन एवं धारा 144 सीआरपीसी लागू होने व कोविड-19 की शर्तों का हुआ उल्लंघन।

महामारी फैलने की आशंका

पुलिस की लापरवाही पुलिस की छवि धूमिल होने के कारण थाना चमनगंज के चौकी प्रभारी तकिया पार्क उ0नि0 सुरेंद्र नारायण शुक्ला को निलंबित किया गया। क्षेत्राधिकारी सीसामऊ त्रिपुरारी पांडे, प्रभारी निरीक्षक चमनगंज राजबहादुर सिंह व प्रभारी निरीक्षक बजरिया राममूर्ति का स्पष्टीकरण लिया गया है… धारा 144 का उल्लंघन मे सपा विधायक इरफान सोलंकी उनके भाई व फरहान लारी व अन्य अज्ञात के विरुद्ध धारा-188,269,270 भादवि व महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत “FIR” दर्ज हुई…

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तेजस एफओसी विमान भारतीय वायुसेना को सौंपा गया

तेजस एफओसी विमान भारतीय वायुसेना को सौंपा गया

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने बुधवार को वायु सेना स्टेशन सुलूर में तेजस एमके-1 एफओसी विमान को हाल ही में पुनर्जीवित किए गए नंबर 18 स्‍क्‍वैड्रन, जो कि  “फ्लाइंग बुलेट” के नाम से जाना जाता है, में शामिल किया। यह भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के विमान को शामिल करने वाला भारतीय वायुसेना का यह पहला स्क्वैड्रन है। यह देश के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। तेजस एमके-1 एफओसी एक एकल इंजन, हल्के वजन, बेहद चुस्त, सभी मौसम में बहु-भूमिका निभाने वाला लड़ाकू विमान है। हवा से हवा में ईंधन भरने में इसकी सक्षमता इसे वाकई एक बहुमुखी प्लेटफॉर्म बनाती है।

इस स्क्वैड्रन का संचालन वायुसेना प्रमुख (सीएएस), एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने किया। इस समारोह के दौरान, दक्षिणी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन-चीफ, एयर मार्शल अमित तिवारी और 18 स्‍क्‍वैड्रन के कमोडोर कमांडेंट, एयर मार्शल टीडी जोसेफ, श्री आर माधवन, एचएएल के सीएमडी और  डॉं. गिरीश एस देवधर, पीजीडी (सीए) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निदेशक भी मौजूद थे। वायु सेना स्टेशन, सुलूर में कर्मियों को संबोधित करते हुए, वायुसेना प्रमुख ने उन्हें बधाई दी और दक्षिणी वायु कमान और वायु सेना स्टेशन, सुलूर द्वारा नए हवाई प्लेटफॉर्म को शामिल करने की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए, एलसीए के उत्पादन में शामिल चेयरमैन, एचएएल, एडीए, डीआरडीओ प्रयोगशाला, डीपीएसयू, एमएसएमई और सभी एजेंसियों की सराहना की।

इस अवसर पर, एचएएल के सीएमडी द्वारा वायुसेना प्रमुख को तेजस एफओसी संस्करण के विमान दस्तावेज प्रस्तुत किया जाना उल्लेखनीय रहा। जिसके बाद, वायुसेना प्रमुख ने यूनिट के लिए औपचारिक चाबियों के साथ इन विमानों को 18 स्‍क्‍वैड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन मनीष तोलानी को सुपुर्द किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत, एक विमान-परेड के साथ हुई, जिसमें एमआई 17 वी 5 का निर्माण और एएलएच, एएन-32 परिवहन विमान और तेजस एमके-1 लड़ाकू विमान भी शामिल हुए।

18 स्‍क्‍वैड्रन का गठन, 15 अप्रैल 1965 को अंबाला में फोलैंड जीनेट एयरक्राफ्ट के साथ किया गया था। भारतीय वायु सेना के एकमात्र परमवीर चक्र विजेता, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इस स्‍क्‍वैड्रन का हिस्सा थे। इस स्‍क्‍वैड्रन को एचएएल निर्मित दो एयरक्राफ्ट, तेजस और अजीत का संचालन करने का भी अनूठा गौरव प्राप्त है, जिसका उसने एक ही स्टेशन से संचालन किया था। इन वर्षों में, इसने देश भर के विभिन्न एयरबेसों से मिग-27 एमएल विमानों का भी संचालन किया है। इस स्‍क्‍वैड्रन को अप्रैल 2016 में नंबर प्लेटेड किया गया था। यह स्‍क्‍वैड्रन, दक्षिणी वायु कमान के परिचालन नियंत्रण में आता है, जो कि इस स्‍क्‍वैड्रन को भारतीय वायु सेना के परिचालन की अवधारणा में एकीकृत करने के लिए उत्तरदायी है।

अधिष्ठापन समारोह से पहले, वायु सेना प्रमुख (सीएएस), एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, पीवीएसएम एवीएसएम वीएम एडीसी ने 45 स्क्वाड्रन के साथ तेजस एमके-1 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।

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भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 50 लाख प्रवासियों को 85 लाख से भी अधिक ‘मुफ्त भोजन’ और 1.25 करोड़ ‘मुफ्त पानी की बोतलें’ वितरित कीं

भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले लगभग 50 लाख प्रवासियों को 85 लाख से भी अधिक ‘मुफ्त भोजन’ और लगभग 1.25 करोड़ ‘मुफ्त पानी की बोतलें’ वितरित कीं

भारतीय रेलवे (Indian Railway) का दावा-  3,276 'श्रमिक स्पेशल ट्रेनों' से करीब 42 लाख प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया गया

 भारतीय रेलवे ने 1 मई, 2020 से ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले लगभग 50 लाख प्रवासियों को 85 लाख से भी अधिक ‘मुफ्त भोजन’ और लगभग 1.25 करोड़ ‘मुफ्त पानी की बोतलें’ वितरित की हैं। इसमें भारतीय रेलवे के पीएसयू आईआरसीटीसी द्वारा तैयार किए जा रहे और जोनल रेलवे द्वारा वितरित किए जा रहे भोजन शामिल हैं।सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा कर रहे प्रवासियों को भोजन और पानी की बोतलें उपलब्‍ध कराई जा रही हैं। आईआरसीटीसी यात्रा कर रहे प्रवासियों को रेल नीर पानी की बोतलों के साथ भोजन के रूप में पुरी-सब्जी-अचार, रोटी-सब्जी-अचार, केला, बिस्कुट, केक, बिस्कुट-नमकीन, केक-नमकीन, शाकाहारी पुलाव, पाव भाजी, नींबू-चावल-अचार, उपमा, पोहा-अचार, इत्‍यादि उपलब्‍ध करा रही है।

विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की विशेष रेलगाड़ियों से आवाजाही के संबंध में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद भारतीय रेलवे 1 मई 2020 से ही ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का परिचालन कर रही है। 28 मई 2020 तक देश भर के विभिन्न राज्यों से 3736 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलाई गई हैं, जबकि लगभग 67 ट्रेनें पाइपलाइन में हैं। 27 मई 2020 को 172 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना की गईं। अब तक 27 दिनों में लगभग 50 लाख प्रवासियों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से उनके गृह राज्‍यों में ले जाया गया है। उल्लेखनीय है कि आज चलने वाली ट्रेनों को किसी भी तरह के ट्रैफि‍क जाम (कंजेशन) का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

ये 3736 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से रवाना हुई थीं। जिन शीर्ष पांच राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से अधिकतम ट्रेनें रवाना हुई हैं, उनमें गुजरात (979 ट्रेनें), महाराष्ट्र (695 ट्रेनें), पंजाब (397 ट्रेनें), उत्तर प्रदेश (263 ट्रेनें) और बिहार (263 ट्रेनें) शामिल हैं।

इन ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का परिचालन देश भर के विभिन्न राज्यों में समाप्त हुआ। जिन शीर्ष पांच राज्यों में अधिकतम ट्रेनों का परिचालन समाप्त हुआ है, उनमें उत्तर प्रदेश (1520 ट्रेनें), बिहार (1296 ट्रेनें), झारखंड (167 ट्रेनें), मध्य प्रदेश (121 ट्रेनें) और ओडिशा (139 ट्रेनें) शामिल हैं।

श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों के अलावा, रेलवे नई दिल्ली से जुड़ने वाली 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चला रही है। रेलवे ने समय सारणी के अनुसार 1 जून से 200 और ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है।

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उत्तरी भारत भर में विशाल टिड्डी दलों के पहुंचने के बीच राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे प्रभावित राज्यों में नियंत्रण अभियानों में तेजी लाई गई

टिड्डी दल का आक्रमण: टिड्डियों से ...

पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भारत भर में विशाल टिड्डी दलों के पहुंचने के बीच, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) राजस्थान, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्रभावित राज्यों में टिड्डियों पर नियंत्रण पाने की कार्रवाइयों में तेजी लाए हैं। आज तक, ये टिड्डी दल राजस्थान के बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, जयपुर जिलों और मध्य प्रदेश के सतना, ग्वालियर, सीधी, राजगढ़, बैतूल, देवास, आगर मालवा जिलों में सक्रिय हैं।

वर्तमान में 200 टिड्डी सर्कल कार्यालय (एलसीओ) प्रभावित राज्यों के जिला प्रशासन और कृषि फील्‍ड मशीनरी के साथ तालमेल कायम करते हुए सर्वेक्षण और नियंत्रण कार्य कर रहे हैं। राज्य कृषि विभागों और स्थानीय प्रशासन के समन्वय के साथ टिड्डी नियंत्रण का कार्य जोरों पर हैं। अब तक राजस्थान के 21 जिलों, मध्य प्रदेश के 18 जिलों, पंजाब के एक जिले और गुजरात के 2 जिलों में टिड्डी नियंत्रण कार्य किया गया है। अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्रों से परे टिड्डियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण पाने के लिए, राजस्थान के अजमेर, चित्तौड़गढ़ और दौसा; मध्य प्रदेश के मंदसौर, उज्जैन और शिवपुरी तथा उत्तर प्रदेश के झांसी में अस्थायी नियंत्रण शिविर स्थापित किए गए हैं।

अब तक (26.05.2020 तक), राजस्थान,पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश में जिला प्रशासन और राज्य कृषि विभाग के साथ समन्वय करते हुए एलसीओ द्वारा कुल 303 स्थानों के 47,308 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों पर  नियंत्रण पाने की कार्रवाइयां की गई हैं। टिड्डियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण पाने के लिए कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 89 दमकल गाडि़यों; 120 सर्वेक्षण वाहनों; छिड़काव करने वाले उपकरणों और 810 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर युक्‍त 47 नियंत्रण वाहनों को आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग दिनों के दौरान तैनात किया गया।

आमतौर पर, टिड्डी दल पाकिस्तान के रास्‍ते से भारत के अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र में जून / जुलाई के महीने में मानसून के आगमन के साथ ग्रीष्‍मकालीन प्रजनन के लिए प्रवेश करते हैं। इस वर्ष हालांकि इन हॉपर और गुलाबी रंग की टिड्डियों का प्रवेश समय से काफी पहले हो गया है, जिसकी वजह पाकिस्तान में पिछले सीजन में टिड्डियों की अवशिष्ट आबादी की उपस्थिति बताई गई हैं, जिन्‍हें वह नियंत्रित नहीं कर सका था। राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती जिलों में 11 अप्रैल, 2020 से टिड्डी हॉपर और 30 अप्रैल, 2020 से गुलाबी अपरिपक्व वयस्क टिड्डियों के प्रवेश की सूचना मिल रही है, जिन्हें नियंत्रित किया जा रहा है। गुलाबी अपरिपक्व वयस्क ऊंची उड़ान भरते हैं और पाकिस्तान की तरफ से आने वाली पश्चिमी हवाओं के साथ एक दिन में एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक की लंबी दूरी तय करते हैं। इनमें से अधिकांश गुलाबी अपरिपक्व वयस्क रात को पेड़ों पर ठहरते हैं और ज्यादातर दिन में उड़ान भरते हैं।

इस वर्ष समय से पहले टिड्डी दलों के हमले से चिंतित केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने प्रभावित राज्‍यों में टिड्डियों पर नियंत्रण पाने की तैयारियों की समीक्षा के लिए 6 मई, 2020 को कीटनाशक निर्माताओं और सभी संबंधित हितधारकों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। कृषि मंत्री श्री तोमर के निर्देशों का पालन करते हुए 22 मई, 2020 को सचिव (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) श्री संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में पंजाब, राजस्थान, गुजरात मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के टिड्डियों के खतरे वाले जिलों के जिला प्रशासन और जिला कृषि अधिकारियों और एनडीएमए  के प्रतिनिधियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। बैठक में राज्यों के साथ टिड्डी के बारे में जागरूकता फैलाने वाला साहित्य, एसओपी, स्‍वीकृत कीटनाशक और जागरूकताफैलाने वाले वीडियो साझा किए गए। इससे पहले, 5 मई, 2020 को राजस्थान, गुजरात और पंजाब के टिड्डी दल के हमले की आशंका वाले जिलों के प्रधान सचिव (कृषि) और डीएम के साथ सचिव, डीएसी एंड एफडब्ल्यू की अध्यक्षता में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें आवश्‍यक कार्रवाई करने के लिए टिड्डी दल के हमले की आशंका वाले राज्यों के साथ तैयारियों और तालमेल बनाए रखने की समीक्षा की गई। 

भारत में एफएओ प्रतिनिधि के कार्यालय में 11 मार्च, 2020 को दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों में डेजर्ट लोकस्ट के बारे में एक उच्च-स्तरीय वर्चुअल  बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में चार सदस्य देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) और एफएओ, रोम के प्लांट प्रोटेक्शन डिवीजन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया था। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री कैलाश चौधरी और सचिव, डीएसी एंड एफडब्ल्यू ने भाग लिया था। इस बैठक में सदस्य देशों के तकनीकी अधिकारियों की स्काइप के माध्यम से प्रत्येक सोमवार को वर्चुअल  बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया था और अब तक ऐसी नौ बैठकें हो चुकी हैं। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और पंजाब राज्यों को टिड्डी दल के हमले तथा उन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आवश्यक उपायों और फसल वाले क्षेत्रों में असरदार कीटनाशकों के उपयोग के बारे में परामर्श जारी किए गए हैं।

वर्तमान में टिड्डी नियंत्रण कार्यालयों में 21 माइक्रोनेयर और 26 उल्‍वामास्ट (47 छिड़काव उपकरण) हैं, जिनका उपयोग टिड्डियों पर नियंत्रण पाने के लिए किया जा रहा है। कृषि मंत्री श्री तोमर के अनुमोदन पर, अतिरिक्त 60 स्प्रेयर्स के लिए मेसर्स माइक्रोन, ब्रिटेन को सप्‍लाई ऑर्डर दिया गया है। ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कीटनाशकों के एरियल स्‍प्रे हेतु ड्रोन सेवाएं प्रदान करने वाली एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए ई-निविदा आमंत्रित की गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 मई, 2020 को ‘’टिड्डियों पर नियंत्रण पाने संबंधी कार्रवाइयों के लिए रिमोट पाइलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम के उपयोग के लिए सरकारी इकाई (डीपीपीक्‍यूएस) को सशर्त छूट” को मंजूरी प्रदान की है और इस आदेश के अनुसार, टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए कीटनाशकों के छिड़काव हेतु ड्रोन के उपयोग के लिए निविदा के जरिए दो कम्‍पनियां तय की गई हैं।  

इस बीच, नियंत्रण क्षमता को मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त 55 वाहनों की खरीद के लिए आपूर्ति आदेश दिया गया है। टिड्डी नियंत्रण संगठनों के पास कीटनाशकों का पर्याप्त  भंडार (53,000 लीटर मैलाथियान) बनाए रखा जा रहा है। कृषि यांत्रिकीकरण पर उप-मिशन के तहत, राजस्थान के लिए 2.86 करोड़ रुपये की लागत से 800 ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रे उपकरणों की सहायता स्वीकृत की गई है। इसके अलावा, वाहनों, ट्रैक्टरों को भाड़े पर लेने और कीटनाशकों की खरीद के लिए आरकेवीवाई मंजूरी के तहत 14 करोड़ रुपये मूल्‍य राजस्थान के लिए जारी किए गए हैं। वाहनों, छिड़काव उपकरणों, सेफ्टी यूनिफॉर्म, एंड्रॉइड एप्लिकेशन की खरीद और प्रशिक्षण के लिए 1.80 करोड़ रुपये की लागत से आरकेवीवाई मंजूरी गुजरात के लिए भी जारी की गई है।

एफएओ के 21 मई, 2020 के लोकस्‍ट स्‍टेट्स अपडेट के अनुसार, पूर्वी अफ्रीका में वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है जहां यह खाद्य सुरक्षा और आजीविका के लिए एक अभूतपूर्व खतरा बना हुआ है। नए टिड्डी दल  भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों ओर के साथ-साथ सूडान और पश्चिम अफ्रीका के ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्रों में दाखिल होंगे। जैसे-जैसे वनस्पति सूखती जाएगी, इनके और अधिक झुंड और दल तैयार होंगे और इन क्षेत्रों से भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों ओर ग्रीष्‍म प्रजनन क्षेत्रों का रुख करेंगे। भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे क्षेत्रों में जून के शुरुआती दिनों के दौरान अच्छी बारिश का पूर्वानुमान व्‍यक्‍त किया गया है, जो इनके लिए अंडे देने हेतु अनुकूल है ।

वर्ष 2019-20 के दौरान, भारत में बड़े पैमाने पर टिड्डियों का हमला हुआ, जिसे सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया। 21 मई, 2019 से लेकर 17 फरवरी 2020 तक, कुल 4,03,488 हेक्टेयर क्षेत्र का उपचार किया गया और टिड्डियों को नियंत्रित किया गया। इसके साथ ही, राजस्थान और गुजरात के राज्य कृषि विभाग ने राज्य के फसल वाले क्षेत्रों में टिड्डियों पर नियंत्रण पाने के लिए तालमेल किया। वर्ष 2019-20 के दौरान, राजस्थान के 11 जिलों के 3,93,933 हेक्टेयर क्षेत्र; गुजरात के 2 जिलों के 9,505 हेक्टेयर क्षेत्र और पंजाब के 1 जिले के 50 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण कार्य किए गए । 16-17 जनवरी 2019 को भारत का दौरा करने वाले एफएओ के सीनियर लोकास्‍ट फोरकास्टिंग ऑफिसर ने टिड्डियों को नियंत्रित करने में भारत की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना भी की।

टिड्डी नियंत्रण संगठन और जिला प्राधिकरण तथा राज्य कृषि विभाग के अधिकारी प्रतिदिन प्रातकाल के समय एलसीओ के कंट्रोल स्प्रे व्‍हीकल्‍स,  ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर्स  और दमकल गाडि़यों  के साथ टिड्डी नियंत्रण कार्य कर रहे हैं। अपरिपक्व टिडि्डयां बहुत सक्रिय हैं और उनकी गतिशीलता इस दल को एक स्थान पर नियंत्रित करना मुश्किल बना देती है और विभिन्न स्थानों पर किसी विशेष टिड्डी दल को नियंत्रित करने में 4 से 5 दिन का समय लगता है।

 टिड्डी एक सर्वाहारी और प्रवासी कीट है और इसमें सामूहिक रूप से सैकड़ों किलोमीटर उड़ने की क्षमता होती है। यह दो देशों की सीमाओं के आर-पार जाने वाला या ट्रांस-बॉर्डर कीट है और विशाल दल  में फसल पर हमला करता है। अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया में पाया जाने वाला यह कीट करीब 60 देशों में पाया जाता है और यह पृथ्वी की भू सतह के वन-फिफ्थ हिस्से को कवर कर सकते हैं। डेजर्ट लोकस्ट की विपत्ति विश्‍व की मानव आबादी के दसवें हिस्से की आर्थिक आजीविका के लिए खतरा बन सकती है। ग्रीष्‍म  मानसून सीजन के दौरान अफ्रीका / खाड़ी / दक्षिण पश्चिम एशिया से ये टिड्डी दल भारत में दाखिल होते हैं और वसंतकालीन प्रजनन के लिए ईरान, खाड़ी और अफ्रीकी देशों की ओर लौट जाते हैं।

भारत में 2 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र के अंतर्गत आता है। टिड्डी चेतावनी संगठन और भारत सरकार के 10 टिड्डी सर्कल कार्यालय (एलसीओ) राजस्थान (जैसलमेर, बीकानेर, फलोदी, बाड़मेर, जालौर, चुरू, नागौर, सूरतगढ़) और गुजरात (पालमपुर और भुज) राज्य सरकारों के साथ समन्वय करते हुए अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र में डेजर्ट लोकस्‍ट के नियंत्रण, निगरानी, सर्वेक्षण के लिए उत्‍तरदायी हैं।

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जिला जज ने किया वर्चुअल कोर्ट से न्यायिक कार्य

जिला जज कानपुर नगर ने वर्चुअल कोर्ट से किया न्यायिक कार्य का प्रारंभ

कानपुर-माननीय उच्च न्यालय इलाहाबाद के निर्देशानुसार दिनांक 26.05.2020 से जिला न्यायालय कानपुर नगर सीमित न्यायिक कार्य संपादित करने हेतु खोला गया। न्यायिक कार्य का प्रारंभ स्वयं जनपद न्यायाधीश श्री ए के सिंह द्वारा वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से किया गया तथा अर्जेंट प्रार्थना पत्रों का निस्तारण किया गया। इसी प्रकार विशेष क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय,न्यायालय मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट व विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा भी अलग-अलग टाइम स्लॉट मे वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से न्यायिक कार्य संपादित किया गया। जनपद न्यायाधीश श्री ए के सिंह के द्वारा अन्य अधिकारियों के साथ जिला न्यायालय परिसर का निरीक्षण किया गया तथा समस्त कर्मचारियों को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करने हेतु निर्देशित किया। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार न्यायालय परिसर का प्रतिदिन सैनिटाइजेशन करवाया जाएगा तथा मात्र 10% कर्मचारी ही न्यायालय आएंगे। यह सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कानपुर नगर के सचिव श्री ऐश्वर्य प्रताप सिंह द्वारा प्रदान की गई।

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