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केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया लखनऊ से राष्ट्रव्यापी ‘फिट इंडिया संडे साइकिल’ का नेतृत्व करेंगे; किशोर जेना, PEFI ने मोटापे से लड़ने के लिए समर्थन का संकल्प लिया

केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल और श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 23 मार्च 2025 को मोटापे के विरुद्ध अभियान तेज करते हुए, राष्ट्रव्यापी आंदोलन ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ में हिस्सा लेंगे। केंद्रीय मंत्री के साथ उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के खेल एवं युवा मामले मंत्री  गिरीश चंद्र यादव भी शामिल होंगे। डॉ. मांडविया मरीन ड्राइव (सामाजिक परिवर्तन स्थल) से समता मूलक चौराहा होते हुए 1090 चौराहा तक 3 किलोमीटर की साइकिल यात्रा करेंगे और फिर वापस आएंगे। इस दौरान वे 400 से अधिक साइकिल चालकों के समूह का नेतृत्व करेंगे और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोटापे से लड़ने और स्वस्थ तथा सक्रिय जीवन शैली अपनाने के संदेश का प्रसार करेंगे।

दूसरी ओर, एशियाई खेलों के पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी किशोर जेना मुंबई के खूबसूरत अक्सा बीच पर साइकिलिंग अभियान में भाग लेंगे, जिसमें फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PEFI) के सदस्य नई दिल्ली में इस पहल में हिस्सा लेंगे। अब तक, राष्ट्रव्यापी साइकिलिंग अभियान 4200 स्थानों पर आयोजित किया जा चुका है, जिसमें लगभग 2 लाख लोगों ने हिस्सा लिया है। यह अभियान देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल कार्यप्रणाली को भी बढ़ावा देता है। यह पहल कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइकिलिंग के शौकीनों, एथलीटों, कोचों, खेल विज्ञान विशेषज्ञों आदि की भागीदारी के साथ आयोजित की जा रही है।

इससे पहले, इस साइकिलिंग कार्यक्रम में भारतीय सेना के जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और लवलीना बोरगोहेन, संग्राम सिंह, शैंकी सिंह, नीतू घनघस, स्वीटी बूरा, पेरिस पैरालिंपिक कांस्य पदक विजेता रुबीना फ्रांसिस और सिमरन शर्मा (पैरा विश्व चैंपियन) जैसे प्रमुख खेल सितारों के अलावा राहुल बोस, अमित सियाल और गुल पनाग जैसी मशहूर हस्तियां भी हिस्सा ले चुकी हैं। युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएफआई), माई बाइक्स और माई भारत के सहयोग से ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम देश भर में एसएआई क्षेत्रीय केंद्रों, राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) और खेलो इंडिया केंद्रों (केआईसी) में एक साथ आयोजित किए जाते हैं।

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जीएसएल द्वारा निर्मित परियोजना 1135.6 के दूसरे जलपोत का जलावतरण किया गया

गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा परियोजना 1135.6 के अतिरिक्त अनुवर्ती जहाजों की श्रृंखला के दूसरे जलपोत का जलावतरण किया गया। इसका नाम ‘तवस्या’ है और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ तथा एफओसी-इन-सी पश्चिम वाइस एडमिरल संजय जे सिंह की उपस्थिति में आज 22 मार्च, 2025 को गोवा स्थित जीएसएल में  नीता सेठ द्वारा इसे जलावतरित किया गया। ये युद्धपोत पी1135.6 जहाजों के अनुवर्ती हैं, जिनका निर्माण अब भारतीय शिपयार्ड द्वारा स्वदेशी तौर पर किया जा रहा है।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए रक्षा राज्य मंत्री ने भारतीय नौसेना की बढ़ती आत्मनिर्भरता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह सफलता भारत के नौसैन्य इतिहास में एक निर्णायक क्षण है, जो हमारी तकनीकी क्षमताओं एवं आत्मनिर्भरता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

रक्षा राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, टारपीडो लांचर, सोनार और सहायक नियंत्रण प्रणालियों जैसे महत्वपूर्ण घटकों का सफल स्थानीयकरण भारत के जहाज निर्माण इकोसिस्टम के बढ़ते लचीलेपन को प्रदर्शित करता है। तवस्या का जलावतरण न केवल भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि भारत की रणनीतिक रक्षा महत्वाकांक्षाओं की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

इस पोत का नाम ‘तवस्या ’ रखा गया है, जो ‘महाभारत’ के महान योद्धा ‘भीम’ की गदा के नाम पर है। यह भारतीय नौसेना की अदम्य भावना और बढ़ते सामर्थ्य का प्रतिनिधित्व करता है।

रक्षा मंत्रालय और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के बीच 25 जनवरी 2019 को दो प्रोजेक्ट 1135.6 फॉलो-ऑन फ्रिगेट के निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। पहला जहाज ‘त्रिपुट’ 23 जुलाई, 2024 को जलावतरित किया गया था। इन जहाजों को सतह, उप-सतह और हवाई युद्ध संचालन के लिए तैयार किया गया है। ‘त्रिपुट’ और ‘तवस्या’ 124.8 मीटर लंबे तथा 15.2 मीटर चौड़े हैं और इनका ड्राफ्ट 4.5 मीटर का है। इसका विस्थापन लगभग 3600 टन है और अधिकतम गति 28 नॉट्स है।

‘त्रिपुट’ व ‘तवस्या’ में स्वदेशी उपकरण, हथियार और सेंसर को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है, जिससे भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन सुनिश्चित होता है। आत्मनिर्भरता से देश के भीतर रोजगार और क्षमता में वृद्धि सुनिश्चित होती है। ये जहाज रडार से बच निकलने में सक्षम हुए कई सुविधाओं, उन्नत हथियार एवं सेंसर व प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणालियों से भी सुसज्जित हैं।

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“एड्रेसिंग कार्बन फुटप्रिंट्स फॉर ए बेटर टुमॉरो” विषय पर संगोष्ठी आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 22 मार्च क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के आतंरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आई.क्यू.ए.सी.) एवं जस्ट फॉर एनवायरनमेंट के संयुक्त तत्वावधान में “एड्रेसिंग कार्बन फुटप्रिंट्स फॉर ए बेटर टुमॉरो” संगोष्ठी का आयोजन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में किया गया। क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर की आधारभूत मान्यताओं में सहयोग, समन्वय और संपोषण महत्वपूर्ण है। इसी कारण कॉलेज की संस्कृति में समस्त पर्यावरण के विकास और स्वच्छता हेतु सतत प्रयास रच-बस गए हैं।
उसी कड़ी में आज की यह संगोष्ठी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो “जस्ट फॉर एनवायरनमेंट” संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई है। इस सामाजिक संस्था का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण तथा सतत विकास के मुद्दे पर बात करते हुए लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है। संस्था का लक्ष्य सार्वजनिक अभियान, सेमिनार या कार्यशाला आदि के आयोजन द्वारा पर्यावरणीय समस्याओं, जैसे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग आदि के प्रति जनसाधारण में जागरूकता उत्पन्न करना है।
संगोष्ठी के उदघाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम की संयोजक और आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक, प्रो. सुजाता चतुर्वेदी, ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के विषय से सबका परिचय सुश्री अनीता अग्रवाल, जस्ट फॉर एनवायरनमेंट की अध्यक्ष ने करवाया तथा इस संस्था के संरक्षक प्रो. नरेंद्र मोहन ने मुख्य वक्तव्य दिया। महाविद्यालय की उप प्राचार्य प्रो. श्वेता चंद ने अपने वक्तव्य द्वारा प्रकृति के संपोषित विकास पर बल दिया तथा गौरैया जैसी विलुप्त होती अनेक प्रजातियों की देखभाल एवं जल संरक्षण की महत्ता स्पष्ट की। इसी कड़ी में कॉलेज की छात्रा वैष्णवी दीक्षित द्वारा बनाए गए पक्षियों के घर कॉलेज में लगाने हेतु प्राचार्य जी को भेंट किये गए। ये पूर्णतः पर्यावरण अनुकूल है जिसे उन्होंने प्रयोग में न लाई जा सकने वाली वस्तुओं द्वारा बनाया है। इसके पश्चात अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य प्रो. जोसेफ़ डेनियल ने पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और सतत विकास को छात्रों और देश के भविष्य के लिए अत्यावश्यक बताया। इसके बाद जस्ट फॉर एनवायरनमेंट संस्था ने पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु संस्था के रूप में क्राइस्ट चर्च कॉलेज को और साथ ही अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों, जैसे डॉ. सिधान्शु राय (सी.एस.जे.एम.यू, कानपुर), डॉ. द्रौपदी यादव (सी.एस.जे.एम.यू, कानपुर), डॉ. ब्रजेश कुमार (एच.बी.टी.आई., कानपुर) एवं श्री बी.के.सिंघल (यू.वी.टी.प्रा.लि.) को सम्मानित किया।
तकनीकी सत्र में पाँच विद्वान् वक्ताओं ने अपने विचार अर्यावरण के विभिन्न आयामों पर रखे। इनमें जस्ट फॉर एनवायरनमेंट के सदस्य श्री बी.के. सिंघल, सुश्री नीलम चतुर्वेदी और सुश्री अनुष्का कनोडिया ने पर्यावरण चेतना, जल संरक्षण, संपोषित विकास आदि महत्वपूर्ण अवधारणाओं पर प्रकाश डालते हुए आज के जीवन में इनके समन्वय की महती आवश्यकता बताई। क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रो. नवीन कुमार अम्बष्ट और ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता पर उनके प्रभाव पर चर्चा की और श्री अवधेश मिश्र ने एंथ्रोपोसीन की पृष्ठभूमि में वक्तव्य प्रस्तुत किया। तकनीकी सत्र का सफल संचालन डॉ. अंकिता लाल और डॉ. शुभी तिवारी ने किया।
इस संगोष्ठी के अंतर्गत एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था, जिसमें शहर और प्रदेश के अनेक छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इसके विजेता छात्रों को भी कार्यक्रम के अंत में पुरस्कृत किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अंजलि सचान ने, द्वितीय स्थान कांची त्रिपाठी ने और तृतीय स्थान शिवांग शुक्ला ने प्राप्त किया तथा प्रोत्साहन पुरस्कार उर्वशी कुरील और लवी सोनकर को प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति की सचिव प्रो. मीत कमल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन छात्रा कांची त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, शोध विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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बिठूर महोत्सव में एस. एन. सेन पी. जी कालेज की अनुष्का सिंह का लोगो चयनित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 22 मार्च बिठूर महोत्सव कानपुर में एस. एन. सेन पी. जी कालेज के चित्रकला विभाग की अनुष्का सिंह का लोगो चयनित हुआ है ।और उसको सभी बैनर में शामिल करा गया है।

अनुष्का बताती हैं, पहले मैंने लोगो को मैन्युअल रूप से ड्रा करके बनाया, मेरी प्रेरणा रानी लक्ष्मीबाई थी तो मैंने ये दिखाने की कोशिश की, कि वे बहुत ही बहादुर थी। आग की लपटें उनके अंदर की ज्वाला को दिखाती है Adobe illustrator का उपयोग करके बनाया गया है, इसमें मैंने बहुत से टूल्स का उपयोग किया है। जैसे: shape tool, gradient too

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पर्यावरण के दुश्मन प्लास्टिक पाउच, पॉलिथीन

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 22 मार्च दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा दिनांक 22 मार्च, 2025 को आजाद नगर स्थित लल्लन पुरवा बस्ती में कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ एन एस एस गीत गाकर हुआ। शिविर के प्रथम सत्र में छात्राओं ने रैली निकालकर बस्ती वासियों को प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण का संदेश देते हुए बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक, पाउच पॉलिथीन यह सभी पर्यावरण के लिए अत्यधिक खतरा है। हमें इनका प्रयोग करने से बचना चाहिए तथा पर्यावरण की रक्षा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करना चाहिए।
शिविर के दूसरे सत्र में वॉलिंटियर्स ने पोषक आहार के तत्वों के बारे में विशेष रूप से जानकारी देते हुए उन्हें अपने खाने में सम्मिलित करने का महत्व बताया तथा बस्ती के बच्चों को इस अवसर पर वॉलिंटियर्स के द्वारा गन्ने के जूस का वितरण किया गया। राष्ट्रगान गाकर शिविर का समापन हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अंजना श्रीवास्तव का विशेष सहयोग रहा।

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डीपीआईआईटी और किंड्रिल ने भारत के विनिर्माण और आईटी स्टार्टअप इकोसिस्टम में नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए साझेदारी की

भारत सरकार के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) और किंड्रिल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने नवाचार में तेजी लाने और भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी डिजिटल रूपांतर और जेनेरेटिव एआई समाधानों में किंड्रिल की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर विनिर्माण और आईटी क्षेत्रों में स्टार्टअप का सहयोग करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

इस अवसर पर बोलते हुए डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री संजीव ने कहा कि यह सहयोग भारत में नवाचार-संचालित स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किंड्रिल की वैश्विक विशेषज्ञता और उद्यम समाधानों का लाभ उठाकर, डीपीआईआईटी का लक्ष्य स्टार्टअप्स को उनके परिचालन को बेहतर करने और उद्योगों में तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में मदद करना है।

इस साझेदारी के अंतर्गत, स्टार्टअप को मेंटरशिप, इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग और बाजार पहुंच के माध्यम से सशक्त बनाया जाएगा, जिससे वे ऑटोमोटिव, फार्मास्यूटिकल्स, बीएफएसआई, तेल व गैस और सरकारी सेवाओं जैसे उद्योगों में उद्यम इकोसिस्टम में अपने समाधानों को एकीकृत करने में सक्षम होंगे। डिजिटल उत्पाद, स्टार्टअप, एआई-संचालित इनोवेटर्स और उद्यमियों का सहयोग करने के लिए किंड्रिल समर्पित कार्यक्रमों को संस्थागत रूप देगा।

किंड्रिल स्टार्टअप के विकास में सहायता करेगा, उनके नवाचारों को उद्यम समाधानों में एकीकृत करेगा और उन्हें बड़े पैमाने के व्यावसायिक ग्राहकों से जोड़ेगा। स्टार्टअप को उत्पाद विकास, बाजार की तत्परता, साइबर सुरक्षा तन्यकशीलता और उद्यम परिनियोजन पर मार्गदर्शन मिलेगा। किंड्रील ग्राहक अनुभव और परिचालन दक्षता को बढ़ाने के लिए सलाहकार सत्र और उद्योग कार्यशालाएं आयोजित करेगा। स्टार्टअप इंडिया और डीपीआईआईटी के सहयोग से, किंड्रिल ज्ञान साझाकरण, नीतिगत अंतर्दृष्टि और सरकारी प्रोत्साहनों तक पहुंच प्रदान करेगा। स्टार्टअप को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने समाधानों को बढ़ाने और नए बाजारों का पता लगाने के बारे में भी मार्गदर्शन मिलेगा।

डीपीआईआईटी निदेशक डॉ. सुमीत कुमार जारंगल और किंड्रिल के प्रतिनिधि ने दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

यह साझेदारी भारत को वैश्विक नवाचार केंद्र के तौर पर स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। डीपीआईआईटी के स्टार्टअप सहायता ढांचे को किंड्रील की उद्यम क्षमताओं के साथ एकीकृत करके, सहयोग एक संरचित पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेगा जहां स्टार्टअप फल-फूल सकते हैं, नवाचार कर सकते हैं और आर्थिक विकास में योगदान दे सकते हैं।

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भारत एक अग्रणी वैश्विक पर्यटन स्थल

पर्यटन मंत्रालय ने 2014-15 में स्वदेश दर्शन योजना शुरू की थी जिसका उद्देश्य चिन्हित विषयगत सर्किटों के अंतर्गत पर्यटन सुविधाओं का विकास करना था और देश में 5287.90 करोड़ रुपये की लागत से 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। मंत्रालय ने स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया रूप दिया और एसडी 2.0 के तहत 791.25 करोड़ रुपये की लागत से 34 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

पर्यटन मंत्रालय देश के प्रमुख और कम ज्ञात पर्यटन स्थलों तक सड़क और हवाई संपर्क सहित सुधार करने के लिए नियमित रूप से संबंधित मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ समन्वय करता है।

मंत्रालय ने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता और विविध आकर्षणों की खोज में रुचि रखने वाले यात्रियों और हितधारकों के लिए एक व्यापक संसाधन के रूप में 27 सितंबर, 2024 को अतुल्य भारत डिजिटल प्लेटफॉर्म (आईआईडीपी) का नया संस्करण लॉन्च किया है। आईआईडीपी की नई विशेषताओं में से एक अतुल्य भारत सामग्री हब है – एक व्यापक डिजिटल भंडार, जिसमें भारत में पर्यटन से संबंधित उच्च गुणवत्ता वाली छवियों, फिल्मों, ब्रोशर और समाचार पत्रों का समृद्ध संग्रह है। यह भंडार विभिन्न प्रकार के हितधारकों के उपयोग के लिए है, जिसमें टूर ऑपरेटर, पत्रकार, छात्र, शोधकर्ता, फिल्म निर्माता, लेखक, प्रभावित करने वाले, सामग्री निर्माता आदि शामिल हैं। आईआईडीपी समकालीन मौसम अपडेट, शहर की खोज और आवश्यक यात्रा सेवाएं प्रदान करके व्यक्तिगत आगंतुक अनुभव प्रदान करेगा।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी

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भारत-अमेरिका सांस्कृतिक संपदा समझौता

भारतीय पुरावशेषों की तस्करी को रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सांस्कृतिक संपदा करार (सीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. करार के निवारक प्रकृति के होने के कारण ऐसी कोई समय समय सीमा या संख्या निर्धारित नहीं की गई है. अभी तक 588 पुरावशेष संयुक्त राज्य अमेरिका से वापस लाए गए हैं जिनमें से 297 पुरावशेष वर्ष 2024 में प्राप्त हुए हैं.

भारत आवश्यकता अनुसार यूनेस्को और इंटरपोल सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग करता है.

सांस्कृतिक संपदा करार (सीपीए) में तकनीकी सहायता, अवैध व्यापार और सांस्कृतिक संपदा के लूट के मामलों में सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा देने का प्रावधान है.

भारत आवश्यकतानुसार यूनेस्को और इंटरपोल सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करता है.

सीपीए में तकनीकी सहायता, अवैध व्यापार और सांस्कृतिक संपत्ति की लूट के मामलों में सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा देने का प्रावधान है. यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री  गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी.

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डॉ. मनसुख मांडविया ने दूसरे खेलो इंडिया पैरा गेम्स का उद्घाटन किया

केन्द्रीय युवा कार्य एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में इंदिरा गांधी स्टेडियम परिसर के केडी जाधव इंडोर हॉल में दूसरे खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 की शुरुआत की घोषणा की। आठ दिन तक चलने वाली इस चैंपियनशिप में छह खेल विधाओं में 1300 से अधिक पैरा एथलीट हिस्सा लेंगे।

छह पैरालिंपियन – सिमरन शर्मा (एथलेटिक्स), प्रवीण कुमार (बैडमिंटन), नितेश कुमार (बैडमिंटन), नित्या श्री (बैडमिंटन) और प्रीति पाल (एथलेटिक्स) खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाने के लिए केन्द्रीय युवा कार्य और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार, अरुणाचल प्रदेश के खेल और युवा कार्य मंत्री श्री केंटो जिनी और भारतीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष और पूर्व पैरालिंपियन श्री देवेंद्र झाझरिया के साथ एक अनूठी मशाल रैली में शामिल हुए।

डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि वह खेलो इंडिया के हर आयोजन को मिल रही प्रतिक्रिया को देखकर उत्साहित हैं, जो अब देश के लिए सम्मान जीतने के इच्छुक सभी एथलीटों के लिए “प्रतिष्ठा” बन गया है। डॉ. मांडविया ने कहा, “खेलो इंडिया द्वारा भारतीय खेलों में दिए गए योगदान से मैं बेहद गर्वित और उत्साहित हूं। चाहे वह खेलो इंडिया यूथ गेम्स हो, खेलो इंडिया स्कूल गेम्स हो, खेलो इंडिया विंटर गेम्स हो या खेलो इंडिया पैरा गेम्स हो, हमारे एथलीट हर जगह अपनी प्रतिभा से देश को गौरवान्वित कर रहे हैं।”

डॉ. मांडविया ने आगे कहा, “जब कोई दृढ़ निश्चय कर लेता है, सही दिशा में आगे बढ़ता है और कड़ी मेहनत करता है, तो परिणाम हमेशा सकारात्मक होता है। पेरिस पैरालिंपिक 2024 में मिली सफलता, जहाँ हमने कुल 29 पदक जीते, ने साबित कर दिया कि हमारे एथलीटों में देश को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित करने की क्षमता है। खेलो इंडिया पैरा गेम्स के माध्यम से हमारे एथलीटों को बेहतरीन अवसर मिल रहे हैं और वे सफलता का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। यह बिल्कुल वैसा ही है जिसकी हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल्पना की थी।”

डॉ. कुमार ने भी खेलो इंडिया पहल की सराहना की और कहा, “खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 भारतीय एथलीटों के लिए एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने और अपनी प्रतिभा को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने के लिए एक विश्व स्तरीय मंच है। साथ ही, यह पैरा एथलीटों को न केवल खुद को साबित करने का मौका देता है, बल्कि अपनी चुनौतीपूर्ण यात्रा के माध्यम से दूसरों को प्रेरित भी करता है।”

उद्घाटन समारोह में देश भर से एथलीट, कोच और सहयोगी स्टाफ शामिल हुए। सचिव (खेल) श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी और भारतीय खेल प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी भी उद्घाटन समारोह में मौजूद थे।

केआईपीजी 2025 के बारे में अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें: स्वागत | केआईपीजी 2025

खेलो इंडिया पैरा गेम्स के बारे में

खेलो इंडिया पैरा गेम्स, खेलो इंडिया मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रतिभाशाली एथलीटों को अपने खेल और प्रतिस्पर्धी कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। दिसम्बर 2023 में आयोजित खेलो इंडिया पैरा गेम्स का पहला संस्करण पैरा-एथलीटों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने में सक्षम बनाने के लिए आयोजित किया गया था। खेल नई दिल्ली में तीन स्थानों पर सात खेल विधाओं में खेले गए। राजधानी में तीन स्थानों पर 20-27 मार्च, 2025 के बीच आयोजित होने वाले केआईपीजी के दूसरे संस्करण में छह विधाएँ – पैरा-एथलेटिक्स, पैरा तीरंदाजी, पैरा पावरलिफ्टिंग, पैरा बैडमिंटन, पैरा टेबल टेनिस और पैरा शूटिंग – आयोजित की जाएँगी।

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अमृत ​​ज्ञान कोष पोर्टल

अमृत ​​ज्ञान कोष केस स्टडी के रूप में शासन की अच्छी प्रथाओं का ज्ञान भंडार है। यह भारत-केंद्रित विचारों और स्केलेबल शासन मॉडल पर ध्यान केंद्रित करता है, जो केंद्र, राज्य, शहरी स्थानीय निकाय और पंचायतों में सरकारी अधिकारियों के लिए सुलभ सामग्री प्रदान करता है।

अमृत ​​ज्ञान कोष पोर्टल निम्नलिखित तरीके से विभिन्न सरकारी विभागों में सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करने में योगदान देता है:

i.    शासन संबंधी चुनौतियों के प्रति वास्तविक जीवन, समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण के मूल्यवान उदाहरण के रूप में कार्य करना, जिससे अधिकारी समान मुद्दों को अधिक प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकें।

ii.    शासन संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि प्रदान करना, निरंतर नवाचार को बढ़ावा देना और व्यावहारिक ज्ञान-साझाकरण को बढ़ावा देना।

iii.   लोक सेवकों को प्रेरित करना, उन्हें अनुकरण करने के लिए सफल शासन मॉडल प्रदान करना तथा लोक सेवा वितरण में सुधार के लिए नवीन रणनीतियों को अपनाना।

iv.   आईजीओटी पोर्टल जैसे प्लेटफार्मों पर उनके योगदान को मान्यता देकर सरकारी अधिकारियों के उच्च प्रदर्शन को प्रोत्साहित करना, लोक सेवकों को उनकी भूमिकाओं में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करना।

अमृत ​​ज्ञान कोष पोर्टल को आईजीओटी (एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण) प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है, जो मिशन कर्मयोगी पहल के तहत एक प्रमुख डिजिटल शिक्षण उपकरण है जो सरकारी अधिकारियों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सामग्री प्रदान करता है।

सभी सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अमृत ज्ञान कोष के केस स्टडीज को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे सरकारी अधिकारियों की समस्या-समाधान और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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