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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीबीआईसी ने लैंगिक समावेशी सुविधाओं के लिये किये प्रावधान और दो परिपत्र के जरिये अंतरराष्ट्रीय व्यापार में महिला भागीदारी को दिया प्रोत्साहन

केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसीलैंगिक समावेशी व्यापार परिवेश को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सार्थक भागीदारी के लिये महिलाओं को सशक्त बनाता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कार्य स्थल परिवेश में लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देने के लिये सीबीआईसी ने विभिन्न कदम उठाये हैं।

इस भावना को ध्यान में रखते हुये केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा 8 मार्च 2024 को परिपत्र संख्या 02/2024 (https://taxinformation.cbic.gov.in/view-pdf/1003193/ENG/Circulars) जारी किया गया जिसमें क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया गया कि सुनिश्चित करेंः

  • स्थायी व्यापार सुविधा समिति (पीटीएफसी) और सीमा शुल्क मंजूरी सुविधा समिति (सीसीएफसी) बैठकों में महिला का प्रतिनिधित्व हो
  • व्यापार संगठनों/संरक्षकों को महिला व्यवसायियों और महिला लॉजिस्टिक सेवा प्रदाताओं के लिये समर्पित सहायता डेस्क और प्रसंस्करण प्रणाली स्थापित करने को प्रोत्साहित करें, और
  • महिलाओं के लिये संबंधित प्रशिक्षण की पेशकश करते हुये महिला लॉजिस्टिक सेवा प्रदाताओं, माल आगे बढ़ाने वालों और सीमा शुल्क ब्रोकर के कौशल अद्यतन में मदद करें।

इसके अलावालाजिस्टिक क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को देखते हुये सीबीआईसी के विभिन्न फील्ड कार्यालयों को मार्च 2024 को परिपत्र संख्या 03/2024 (https://taxinformation.cbic.gov.om/voew- pdf/1003194/ENG/Circulars)  भी जारी किया गया जिसमें कहा गया सुनिश्चित करें कि:

  • महिलाओं के लिये सुरक्षित और निर्भयपूर्ण कामकाजी परिवेश का प्रावधान और अनुकूल बुनियादी सुविधायें और सेवाओं, विशेषतौर से शिशुओं की देखाभल, पर्याप्त प्रकाश, संकट सहायता बटन सहित लैंगिक समावेशी अवसंरचना के साथ ही लैंगिक परिपेक्ष्य के अनुरूप नियमित रूप से सुविधाओं को अद्यतन करना, और
  • सभी संबंधित स्टाफ/हितधारकों के बीच जागरूकता प्रसार के लिये नियमित रूप से लैंगिक रूप से संवेदनशील प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन

उपरोक्त पहलें कार्यस्थल पारिस्थितिकी में लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देने की सीबीआईसी की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज कृषि एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र का उद्घाटन किया

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली के कृषि भवन में कृषि एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य देश के किसानों को डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सूचना, सेवाओं और सुविधाओं से लैस करके सशक्त बनाना है। इस अवसर पर, श्री मुंडा ने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का एक नवाचार है, जो पूरे देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है।

केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मूल मंत्र- ‘न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन’ को ध्यान में रखते हुए कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सामान्य नागरिकों का जीवन अनावश्यक रूप से प्रभावित न हो और वे अपना कार्य पूरे मनोभाव से, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से कर सकें और स्वयं को आत्मनिर्भर, सक्षम और सशक्त बनाकर देश को सशक्त बनाने में भागीदार बनें। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, कृषि मंत्रालय ने आज किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए इस नए डिजिटल आयाम को शामिल किया है। श्री मुंडा ने कहा कि आज प्रौद्योगिकी प्रत्येक लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बन चुकी है और एक भागीदार के रूप में सरकार की अपनी जिम्मेदारी है क्योंकि प्रौद्योगिकी इसे और ज्यादा सशक्त बनाती है। मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि लोगों को और समर्थन प्रदान किया जाए जिससे सभी लोगों को प्रौद्योगिकी का लाभ प्राप्त हो सके। श्री मुंडा ने कहा कि सरकार पूरी पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और उद्देश्य के साथ चाहती है कि गांव में रहने वाला आम किसान भी प्रौद्योगिकी के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा इस बात पर बल देते हैं कि हम किसानों को बेहतर जानकारी, सेवाएं और सुविधाएं कैसे उपलब्ध कराएं, भागीदार बनकर किस प्रकार से हम उनकी उत्पादन क्षमता और सामर्थ्य को बढ़ाएं। चाहे हम किसी भी क्षेत्र में कितने भी कुशल क्यों न हों, कृषि विशेष रूप से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है क्योंकि मनुष्य भोजन के बिना जिंदा नहीं रह सकता है। इसीलिए; हमने कृषि क्षेत्र के महत्व पर बल दिया है और किसानों को अन्नदाता कहा है क्योंकि उन्हीं के कारण देश में खाद्यान्नों का उत्पादन और भंडारण होता है।

श्री मुंडा ने कहा कि नई पहल का उद्देश्य किसानों को खेतों की वास्तविक जानकारी उपलब्ध कराना है और यह भी पता लगाना है कि हमारे कृषि क्षेत्र के सामने उत्पन्न होने वाली वास्तविक चुनौतियां क्या-क्या हैं। उन्होंने कहा कि वास्तविक समय पर आंकड़ों की उपलब्धता और उसका विश्लेषण करने से कृषि संबंधित समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और इससे कृषि क्षमता का विस्तार होगा तथा फसलें अच्छी होंगी, जिसका लाभ अंततः देश के किसानों को प्राप्त होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम बनेंगे। यह डिजिटल नवाचार 21वीं सदी में भारत को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन का एक मजबूत आधार विश्वास है और सरकार इन प्रयासों द्वारा किसानों के बीच विश्वास और सुरक्षित वातावरण स्थापित करेगी।  मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन ऐसे भारत को न केवल देखा जाना चाहिए बल्कि महसूस भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत न केवल विकसित बने, बल्कि एक समृद्ध भारत का निर्माण हो और आत्मनिर्भरता से साथ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार किया जाए। इसके बाद ही देश का प्रत्येक व्यक्ति गोर्वान्वित और सम्मानित महसूस करेगा और हमारी संस्कृति अपने आप में परिलक्षित होगी। श्री मुंडा ने कहा कि देश के किसी भी भाग में रहने वाला नागरिक भारत की मिट्टी से जुड़ा हुआ है और हमारे किसान खेतों के माध्यम से देश के विकास के भागीदार हैं। इसी क्रम में डिजिटल एग्रीकल्चर में ‘एग्री स्टैक’ एक अहम पहल है। इसके अंतर्गत डिजिटल फसल सर्वे शुरू किया गया है, जिसमें किसानों की फसलों की सटीक जानकारी का पता लगाया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने महिला दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रसोई गैस पर सब्सिडी देकर महिलाओं को विशेष उपहार प्रदान किया है, वहीं गणतंत्र दिवस के अवसर पर 2024 को नारी शक्ति वर्ष घोषित करते हुए देश की महिलाओं की शक्ति को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत में वास्तव में महिलाओं का सम्मान होता है। श्री मुंडा ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हो रहे नवाचारों को भी सही मायने में नारी शक्ति को समर्पित किया जा सकता है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री मनोज आहूजा, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने भी अपने विचार रखे। मंत्रालय के अपर सचिव श्री प्रमोद मेहरदा ने नई पहल के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

‘मल्टीफंक्शनल सेंटर- कमांड सेंटर’ में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कृषि क्षेत्र में किए जा रहे सभी डिजिटल नवाचारों को एक ही स्थल पर एक साथ बड़ी स्क्रीन पर देखा जा सकेगा। मृदा सर्वेक्षण से प्राप्त प्लॉट स्तर के आंकड़े, रिमोट सेंसिंग तकनीक द्वारा प्राप्त फसल सर्वेक्षण की जानकारी, मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी, डिजिटल फसल सर्वे से प्राप्त आंकड़े, कृषि मानचित्र पर उपलब्ध जानकारी, कृषि सांख्यिकी के लिए बनाए गए उपज (उपग) पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी सभी लोगों को एक ही स्थान पर प्राप्त होने से, इसके आधार पर विश्लेषण करना और सटीक निर्णय लेना संभव हो सकेगा, जो इस क्षेत्र में बहुत ही उपयोगी साबित होगा।

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सीआईएल ने 7 मार्च 2024 तक 703.91 मीट्रिक टन के साथ कोयले का रिकॉर्ड उत्पादन किया

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 7 मार्च 2024 तक 703.91 मिलियन टन (एमटी) कोयले का रिकॉर्ड उत्पादन किया है, जो पिछले वित्त वर्ष के 703.20 मीट्रिक टन के उत्पादन को 24 दिनों के प्रभावशाली अंतर से पार कर गया है। इसके अतिरिक्त, सीआईएल ने 7 मार्च 2024 तक 72.70 मीट्रिक टन का पर्याप्त कोयला स्टॉक बनाए रखा है।

घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने के लिए, कोयला मंत्रालय ने कई पहलों का क्रियान्वयन किया है। खान विकासकर्ता और परिचालक (एमडीओ) मॉडल को अपनाने, भूमिगत (यूजी) और भू-सतह पर खुली (ओसी) दोनों तरह के सीआईएल खानों के मशीनीकरण और आधुनिकीकरण, नई परियोजनाएं शुरू करने, मौजूदा परियोजनाओं का विस्तार करने आदि से कोयला उत्पादन में तेजी आई है। इसके अलावा, बड़े पैमाने पर उन्नत उत्पादन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और ईआरपी की शुरुआत सहित संचालन के डिजिटलीकरण ने खान दक्षता और उत्पादकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इसके अलावा, कोयला मंत्रालय ने नीतियां बनाकर और कोयला खनन कंपनियों को आवश्यक सहायता प्रदान करके कोयला क्षेत्र के विकास को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्थायी खनन से जुड़े तौर-तरीकों को बढ़ावा देने, पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित करने और कोयला क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से किये गए नीतिगत सुधारों ने कोल इंडिया लिमिटेड की समग्र वृद्धि और सफलता में योगदान दिया है।

यह उपलब्धि न केवल कोल इंडिया लिमिटेड की परिचालन उत्कृष्टता को दर्शाती है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश में कोयले की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करती है।

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सस्टेनेबल एनर्जी-टेक स्टार्टअप URJA SATHI को मिली 35 लाख रुपये की सीड फंडिंग

10 मार्च, भारतीय स्वरूप संवाददाता, सस्टेनेबल एनर्जी-टेक स्टार्टअप URJA SATHI को मिली 35 लाख रुपये की सीड फंडिंग ताजा फंडिंग का उपयोग Urja Sathi प्रतिभा हासिल करने, ग्राहक सहायता में सुधार करने और अपने संभावित B2B और B2C ग्राहकों के बीच मार्केटिंग, ब्रांडिंग और अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए करेगी. खनऊ स्थित सस्टेनेबल एनर्जी-टेक स्टार्टअप Urja Sathi ने अंकित जैन और शर्ली जैन से 35 लाख रुपये की सीड फंडिंग जुटाई है. इस सीड राउंड में Pror In Pvt Ltd. के को-फाउंडर नीरज कुमार पवार और आयु शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ताजा फंडिंग का उपयोग Urja Sathi प्रतिभा हासिल करने, ग्राहक सहायता में सुधार करने और अपने संभावित B2B और B2C ग्राहकों के बीच मार्केटिंग,
ब्रांडिंग और अपनी पहुच बढ़ाने के लिए करेगी. Urja Sathi के फाउंडर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "यह निवेश Urja Sathi की यात्रा में एक महत्वपूर्ण नए अध्याय को चिह्नित करता है, और सभी खरीदारों, विक्रेताओं और भारत में क्लीन एनर्जी सेक्टर के प्रमुख खिलाड़ियों की एक विविध श्रृंखला को हमारे मंच के माध्यम से एक छत के नीचे लाने की हमारी दीर्घकालिक दृष्टि को बढ़ावा देता है, और अंततः यह भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा, सबसे कुशल और विश्वसनीय बाज़ार बन गया है. Urja Sathi मार्केटप्लेस पोर्टल और आगामी ऐप के माध्यम से, हम भारत में आवासीय और वाणिज्यिक दोनों ग्राहकों के लिए सौर और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह बदले में पूरे उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और इस दशक के अंत तक ग्लोबल क्लीन एनर्जी लीडर बनने और 2070 तक नेट ज़ीरो की ओर बढ़ने के संदर्भ में भारत के स्थिरता लक्ष्यों में सहायता करने में सहायक होगा." Paper Arizona के को-फाउंडर और Urja Sathi के निवेशकों – अंकित जैन और शर्ली जैन ने कहा, "हमारे देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और ऊर्जा सुरक्षा में सुधार के लिए नवीकरणीय ऊर्जा और सौर ऊर्जा का उपयोग करना कभी भी इतना महत्वपूर्ण नहीं रहा है; और Urja Sathi, बाज़ार, टेक्नोलॉजी और सौर ऊर्जा पर अपने फोकस के साथ, भारत में स्वच्छ ऊर्जा व्यवसाय को सकारात्मक रूप से बदलने और क्रांति लाने के लिए तैयार है. हम सभी के लिए टिकाऊ और स्वच्छ ऊर्जा को अधिक सुलभ, लाभदायक और कुशल बनाने के लिए अनुराग और उनकी टीम के दृष्टिकोण और समर्पण से प्रभावित हुए, और इसलिए उनकी विकास यात्रा को तेजी से आगे बढ़ाने में Urja Sathi का समर्थन करने का फैसला किया." FSV Capital के को-फाउंडर और Urja Sathi के सलाहकार और संरक्षक, सौरभ जैन ने कहा, "पर्यावरण-चेतना और तकनीकी प्रगति द्वारा परिभाषित वर्तमान युग में, Urja Sathi दोनों आदर्शों में से सर्वश्रेष्ठ को बढ़ावा दे रहा है, और तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है. स्थिरता और नवाचार के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता सराहनीय है, और मुझे ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की उनकी क्षमता पर भरोसा है."

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पत्रकारों के लिए आयोजित होगा निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर..

कानपुर 9 मार्च भारतीय स्वरूप, कानपुर प्रेस क्लब जीएसवीएम मेडिकल कालेज के सहयोग से हैलट पीजीआई में आगामी 10 मार्च को पत्रकारों और उनके परिवार के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन कर रहा है।
कानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष सरस वाजपेई और महामंत्री शैलेश अवस्थी ने बताया कि यह विशाल शिविर दिन में 12 से 4 बजे तक आयोजित होगा, हर रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम परीक्षण करेगी l रोग की पहचान होने पर उपचार भी किया जाएगा l सभी पत्रकार इस अवसर का लाभ उठायें। इस बाबत मेडिकल कालेज के प्राचार्य संजय काला और प्रमुख अधीक्षक आरके सिंह ने सभी इंतज़ाम पूरे कर लिए हैं.।

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एस. एन. सेन बी.वी. पी.जी. कॉलेज में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध, और प्रतितोष) अधिनियम 2013 हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित”

कानपुर 7 मार्च भारतीय स्वरूप संवाददाता, “एस. एन. सेन बी.वी. पी.जी. कॉलेज में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध, और प्रतितोष) अधिनियम 2013 हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित”एस. एन. सेन बी.वी. पी.जी. महाविद्यालय में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध, और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के सम्बंध में दिनाँक 07/03/24 को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ विशिष्ट अतिथि ए. सी.पी. पुलिस कमिश्नरेट पी. सी.एस. सृष्टि सिंह, मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कानपुर, डॉ. श्याम शंकर सिंह, तथा प्राचार्या प्रो. सुमन, तथा प्रबंधतंत्र सचिव श्री पी.के. सेन द्वारा किया गया। प्रो. निशि प्रकाश ने अतिथि स्वागत करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता में सम्मिलित किया जाना चाहिए| प्रो. मीनाक्षी व्यास ने विषय-प्रवर्तन तथा मंच संचालन की महती भूमिका का निर्वहन किया ।

ए. सी.पी. पुलिस कमिश्नरेट सृष्टि सिंह ने लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम POSH- 2013 से संबंधित सभी कानूनी धाराएं बताते हुए आश्वासन दिया कि आवश्यकता पड़ने पर वो हम सबके साथ हैं| मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय को बधाई दी और भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की|
प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने महाविद्यालय के सुरक्षित वातावरण पर गर्व प्रकट करते हुए कहा कि आने वाले समय में महाविद्यालय में छात्राओं, शिक्षिकाओं तथा सभी के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय बढ़ायेंगे। इस दिशा में प्रयास करते हुए महाविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति का गठन कर दिया गया है जिसमें एस. एस. फाउंडेशन एन.जी.ओ. से सुश्री सुभाषिनी भी एक सदस्य हैं |

डॉ. रचना निगम के निर्देशन में छात्राओं ने पोस्टर बनाकर Prevention of Sexual Harrasment Act – 2013 (POSH 2013) की जागरूकता का प्रदर्शन किया। अंत मे कोऑर्डिनेटर डॉ. रेखा चौबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि लैंगिक उत्पीड़न केवल महिलाओं से नहीं,बल्कि पूरे समाज से जुड़ा हुआ मुद्दा है,संवेदनशीलता बढ़ेगी तभी जागरूकता बढ़ेगी। कार्यक्रम में प्रो. अल्का टंडन, प्रो. गार्गी यादव, डॉ. अनामिका तथा समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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डी जी कॉलेज द्वारा मतदान जागरूकता हेतु एक दिवसीय शिविर आयोजित

कानपुर 13 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, डी जी कॉलेज द्वारा *द्वितीय एक दिवसीय शिविर* का आयोजन अधिकृत मलिन बस्ती अस्पताल घाट में किया गया। शिविर का शुभारंभ एन एस एस लक्षद्वीप “उठे समाज के लिए उठे-उठे” से किया गया। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. अर्चना वर्मा के संरक्षण में एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में सभी छात्राओं ने प्रथम सत्र में शिविर के मुख्य विषय *मतदान जागरूकता अभियान* व्यापक स्तर पर जन जागरूकता लाने के लिए महाविद्यालय से अस्पताल घाट तक रैली निकाली जिसमें ‘महिला मतदाता – लोकतंत्र की भाग्य विधाता’, ‘जाएं-जाएं वोट डालने जाएं – अपना वोट काम में लाएं’, ‘वोट फॉर नेशन’ जैसे नारों के माध्यम से वृहद स्तर पर जन- जागरूकता लाने हेतु तथा मतदान करने की आवश्यकता व मताधिकार की उपयोगिता का व्यापक प्रचार प्रसार किया गया। तत्पश्चात स्वल्पाहार के पश्चात द्वितीय सत्र के अंतर्गत छात्राओं ने *डोर टू डोर कैंपेन* चलाकर मतदान करना जरूरी है के अंतर्गत निश्चित किया कि सभी घरों में मतदान हेतु आवेदन किया जा चुका है एवं मतदाता सूची में अपना नाम चेक कर लिया है। जिन लोगों ने अभी अपना नाम दर्ज नहीं करवाया है उनसे यह अनुरोध किया कि अगले साल अपना नाम जरूर दर्ज करवा ले व फॉर्म 6 समय से भरकर जमा करें। एक मजबूत लोकतंत्र के निर्माण हेतु अपना प्रतिनिधि चुनते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए इस पर भी छात्राओं ने विस्तार पूर्वक चर्चा की। इसके साथ ही कार्यक्रम अधिकारी द्वारा छात्राओं को अभी तक किए गए सभी सर्वे पर अपनी रिपोर्ट तैयार करने एवं लक्ष्य गीत व संकल्प गीत का अभ्यास करने व आगामी सात दिवसीय विशेष शिविर में अपने लीडर के नेतृत्व में सही से कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया । कार्यक्रम में समस्त वॉलिंटियर्स ने अति उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। विशेष रूप से कीर्ति, आकांक्षा, वर्षा एवं नूर का सहयोग सराहनीय रहा।

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एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज में प्रासंगिक विषय “उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव: चुनौतियां एवं समाधान” पर अन्तरविभागीय संगोष्ठी आयोजित

कानपुर 13 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता,एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज के शिक्षाशास्त्र, मनोविज्ञान, शारीरिक शिक्षा तथा दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनाँक 13-02-2024 को एक प्रासंगिक विषय ” उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव: चुनौतियां एवं समाधान” पर अन्तरविभागीय संगोष्ठी का शुभारंभ प्राचार्य प्रो. सुमन, प्रो. चित्रा सिंह तोमर, डाॅ. मोनिका सहाय तथा अतिथियों ने सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ पुष्प अर्पित कर किया | संगोष्ठी में विभिन्न विभागों की लगभग 20 छात्राओं ने अपना लेख प्रस्तुत किया | कार्यक्रम के माध्यम से छात्राओं ने अपने शैक्षिक अनुभव साझा किए जिसमें चुनौतियां तथा समस्या ज्यादा थीं और समाधान ना के बराबर| संगोष्ठी के मुख्य बिंदु व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का व्यावहारिक कार्यान्वयन आशा अनुरूप ना होना, कार्यभार के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षकों का बढ़ता कार्यभार, महाविद्यालय में सीखने के लिए आवश्यक संसाधनों का अभाव, पाठयक्रम तथा परीक्षाओं का बढ़ता दबाव, कम समय, सभी छात्राओं को एक समान अंक देकर परीक्षा परिणाम अच्छा करने की परंपरा का प्रादुर्भाव, विद्यार्थियों की अधिगम में घटती रूचि, शिक्षकों का किसी भी नीति के क्रियान्वयन में महत्व तथा कक्षा में घटती छात्र संख्या, अंकों का बढ़ता महत्व तथा ज्ञान का अर्जन ना होना आदि पर विचार विमर्श किया गया| प्राचार्य ने छात्राओं के विचारों की अभिव्यक्ति की सराहना करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया |

विषय विशेषज्ञों के रूप में प्रो. अल्का टण्डन, प्रो. गार्गी यादव, कैप्टन ममता अग्रवाल ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया | डाॅ. प्रीति सिंह, श्रीमती ऋचा सिंह, डाॅ. संगीता सिंह, डाॅ. अनामिका, डाॅ. शिवांगी यादव, श्रीमती अमिता सिंह, सुश्री प्रीति यादव आदि शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति से छात्राओं का उत्साहवर्धन किया |

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डी जी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने एक दिवसीय शिविर में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया

कानपुर 12 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, डी जी कॉलेज, कानपुर द्वारा अधिग्रहित मलिन बस्ती अस्पताल घाट में आयोजित एक दिवसीय शिविर के अंतर्गत सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया गया। महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने बताया कि इस एक दिवसीय शिविर में प्रथम सत्र के दौरान सर्वप्रथम प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा जी ने झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। जिसमें में छात्राओं ने विभिन्न नारे एवं स्लोगन तथा सड़क सुरक्षा पखवाड़े के अंतर्गत बनाए गए पोस्टर्स के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर बस्ती वासियों तथा सड़क पर वाहन चलाने वाले लोगों को यातायात के नियमों एवं रोड सेफ्टी चिन्हों से अवगत कराया गया। जो लोग दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग नहीं कर रहे थे अथवा तीन लोग एक साथ वाहन पर चल रहे थे उन्हें रोक कर सही नियमों की जानकारी दी गई तथा उन्हें हेलमेट लगाने के फायदे बात कर हेलमेट लगवाया गया।
द्वितीय सत्र में स्वल्पाहार के पश्चात छात्राओं के द्वारा परंपरागत खेलों में खो-खो आदि खेले गए तथा कविताएं व गीत भी प्रस्तुत किए गए।
प्राचार्या जी के द्वारा अपने वक्तव्य में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा जीवन अत्यधिक अनमोल है। दुर्घटना किसी एक के साथ होती है परंतु उसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। अतः हमें लापरवाही, जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए तथा सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात के नियमों का पालन करने का विशेष ध्यान देना चाहिए। महाविद्यालय की सेल्फ फाइनेंस डायरेक्टर प्रो वंदना निगम ने छात्रों के द्वारा समय-समय पर चलाए जाने वाले सड़क सुरक्षा अभियान की अत्यधिक सराहना की। इस शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना की वॉलिंटियर्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। जिनमें प्रमुख रूप से दिव्या, मुस्कान वर्मा, आकांक्षा यादव, एलिना एवम् जैनब आदि की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर 12 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन समाजशास्त्र विभाग,अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ सुमन द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक् मीनाक्षी व्यास ने छात्राओं को वाद-विवाद प्रतियोगिता जिसका शीर्षक था ऑनलाइन शिक्षण बनाम ऑफलाइन शिक्षण में छात्राओं को वक्तव्य देने के लिए आमंत्रित किया। वाद विवाद प्रतियोगिता एम ए की छात्राएं जैसे उन्नति तिवारी शिखा गुप्ता प्रगति द्विवेदी सबा परवीन महिमा यादव संजौली गुप्ता आदि छात्राओं ने प्रति भाग किया। प्राचार्या डॉक्टर सुमन ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कार्यक्रम को रचनात्मक बताया तथा कहा कि आधुनिक काल में दोनों ही शिक्षण पद्धतियों का समान महत्व है। समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्याक्षा डॉ निशि प्रकाश ने छात्राओं के इस कार्यक्रम उनके प्रतिभागिता की सराहना करते हुए सीखने की प्रक्रिया को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ रश्मि गुप्ता द्वारा दिया गया कार्यक्रम में डॉ रेखा चौबे, डॉ अलका टण्डन डॉ निशा वर्मा डॉ चित्रा सिंह डा प्रीति सिंह डा प्रीता अवस्थी डॉ रिचा सिंह डॉ संगीता सिंह आदि उपस्थित रहे।

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