परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से यह योजना कार्यान्वित की गई थी, इसलिए, निधि आवंटन पर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश-वार आंकड़े मंत्रालय में नहीं रखे जाते हैं। शुरुआत से ही योजना के तहत 562.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें से. 2022-23 तक 456.19 करोड़ का उपयोग किया जा चुका है।
तालाश उसकी.. जो रूह को छुए
न ही मोहताज हूँ मैं…
और .. न ही आरज़ू है कोई..
कि वो मुझे गुलाब देता …
बेहतरीन सौग़ातों से नवाज़ा हुआ है उसने मुझे …
शिद्दत दी ..
लम्हे दिये..
यादे दी ..
इन्तज़ार दिया ..
उसपर वो ..
उसका
बेशक़ीमती इश्क़ जो
आज भी
मेरी रूह को
महका रहा है
🌹♥️🌹♥️
ये फूल है .. या फिर तेरा ख़याल .. जिसे छूते ही ..महक जाती हूँ मैं .,
दोस्तों !
वैलेण्टाइन बहुत ख़ास दिन होता है उन लोगों के लिए जो प्यार का इज़हार करना चाहते हैं मेरे हिसाब से प्यार बताने की ..या जताने की चीज है ही नहीं .. इसे दिल और रूह अपने आप ही महसूस कर लेती है …
वैलेण्टाइन पर कुछ शेयर करना चाहती हूँ आप सब से .. 🙏
आज सब कन्फ़्यूज है सोचते हैं उन्हें मोहब्बत हो गई है..मगर कई बार वो महज़ एक आकर्षण या फिर ज़रूरत से बढ़ कर कुछ भी नहीं ..मोहब्बत तो इक पाक जज़्बा है जो सिर्फ़ इक बार ही होती है बार बार नही .. मगर लोगों का कहना है कि ये कभी भी हो सकता है।
..असल में ..ये एक अनियंत्रित मन की अवस्था है जिसे अपने मन पर ..इन्द्रियों पर कंट्रोल नही ।
हम सब…दोस्तों से
रिश्तेदारों से ..
बच्चों से और माँ बाप से करते है।
मगर हर प्यार मे फ़र्क़ होता है ..
शिद्दत का ..
तासीर का ..
केवल एक प्यार ,एक सम्बन्ध जो हमे सकून देता है जिसका सम्बंध हमारे जिस्म और रूह के साथ होता है वो एक ही हो सकता है ।
हमारे ऋषि मुनि कहा करते थे घर में रह कर ही ..
सब भोगों को ..भोग सकते है
भोगों को भोगते भोगते मन विरक्त होने लगता है .. और हम विरह की ओर चल पढ़ते हैं ।
विरह बहुत क्षरेठ अवस्था है जो इन्सान को भगवान की ओर ले जाने में सहायक होती है ..
जब इन्सान जीवन भोग चुकता है कुछ समय पश्चात कहने लगता है अब वो चीज़ नहीं रही ..चाहे वो रिश्ता हो या दुनियादारी हो ।
तब इन्सान उदासीनता को महसूस करने लगता है तो ऐसे मे ध्यान भटकता है यानि इधर उधर जाता है
जब कि वो ही अवस्था होती है जब हम अपने असली उद्देश्य की तरफ़ चल सके जिस कारण हम देह में आये हैं इक उम्र के बाद सहज होना .. रूक जाना और गहरा सोचना ज़रूरी है जो हम सब नहीं कर रहे ।
आज के दौर में लोग शादी को ले कर भी बड़े कन्फ़्यूज.है हर कोई यही चाहता कि उसकी शादी बड़े घर में हो … पैसे वाले के साथ हो .. जब कि हम सब जानते हैं कि पैसा हमें वो सुख नहीं दे सकता जिसे हम सकून कहते है।
दोस्तों !
लोगों की सूरतों पर न जा कर बल्कि दिल और संस्कारों को परखना लेना।
जीवन साथी पोटेन्षियिलटी …क्षमताओं .. और
क़ाबलियत के हिसाब से ही ढूँढना।याद ये भी रखना ..हर इन्सान पहले थोड़े से ही शुरू करता है फिर आगे बढ़ता है।जिन को पहले से ही सब बना बनाया मिल जाता है उनकी अपनी.. क्या क़ाबलियत हो सकती है। इन्सान वही है जो खुद खड़ा हो कर.. अपना रास्ता बनाता है गिर गिर कर संभलने वाला इन्सान ही असल मे सफल कहलाने के काबिल है ।
किसी ऐसे की तालाश…जो सिर्फ़ आप ही का हो .. जिसमें मर्यादा हो।
किसी ऐसे की तालाश.. जो तुम्हारी रूह को महका दे।
पैसा तो वक़्त के साथ बन भी जाता है और कई बार आप को दुख दे चला भी जाता है..देखा जा रहा है ..कई बार बच्चों की ..जहां शादियाँ हो रही होती है ..वहाँ सिर्फ़ पैसा ही पैसा होता है मगर सच्चाई ,लौयलटी ..,प्यार बिलकुल नहीं होते।लोग एक दूसरे से बहुत जल्दी ऊब रहे है ।
हर चीज़ की तरह ..उन्हें रिश्तो मे भी वैरायइटी चाहिए होती है।
यही वजह है कि लोग अपने रिश्तो मे ज़्यादा देर तक ख़ुश नहीं रह पा रहे ..और फिर शुरू हो जाती है किसी और की तालाश …जो लोगों के घुटन और डिप्रेशन की ख़ास वजह बन रही हैं समाज में।
दोस्तों ।
आज के दौर में प्यार जिस्मों तक ही सीमित है, जो बेहद अफ़सोस की बात है …इन्सान उस जिस्म की चाह में रहता है जो ख़त्म हो जायेगा ..किसी को अगर अपना बनाने की चाह हो, तो कोशिश करो कि उसकी रूह को छू पाओ या कोई …तुम्हारी रूह को छू पाये …जो वाक़ई में तुम्हारे सकून का सबब होगा ..सच्चे प्यार की तलाश अगर है तो पहले खुद सच्चा बनना पढ़ता .. अगर सीता जैसा पार्टनर चाहिए तो खुद को राम बनाना होगा ..केवल यही एक रास्ता है
जो आप को सकून की ओर ले जायेगा 🙏🌹
एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज द्वारा मतदाता जागरुकता विषय पर एक-दिवसीय शिविर आयोजित
कानपुर 7 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की एन एस एस इकाई द्वारा मतदाता जागरुकता विषय पर एक-दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभ आरम्भ महाविद्यालय में ऍन एस ऐस यूनिट की स्वयंसेविकाओं द्वारा स्लोगन के द्वारा किया गया एवम ऍन एस एस प्रभारी प्रोफ चित्रा सिंह तोमर ने मतदाता जागरुकता पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया जिसमें महाविद्यालय की सब शिक्षिकाओं ने तथा छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया । इसके पश्च्यात स्वयंसेविकाओं ने रैली निकल कर मतदाता जागरुकता के विषय में आम नागरिकों को जागरूक किया साथ ही गॉड ली हुई बस्ती ‘छोटी बीवी का हाता’ के प्रत्येक घर में जाकर महिलाओं, पुरुषों व युवाओं को मतदान के विषय में जानकारी प्रदान की तथा उन्हें मतदान के महत्व को समझाते हुए मतदान करने के लिए प्रेरित किया। शिविर का समापन महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. सुमन के स्वयंसेविकाओं को दिए गए मार्ग दर्शन के द्वारा किया गया । इस अवसर पर ऍन सी सी की इकाई प्रमुख डॉ प्रीति यादव भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं । एवम शिविर का सफलतापूर्वक संचालन ऍन एस एस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने किया।
Read More »तंत्र छोटे से शब्द की बड़ी कहानी…
तंत्र छोटे से शब्द की बड़ी कहानी भाग 10
जय श्री महाकाल
आज हम जानेंगे कन्फ्यूजन स्पेल/ इल्यूजन स्पेल
इल्यूजन स्पेल का अर्थ है विभभ्र्म, भ्रम, जा ल, मिथ्या भ्रांति या माया
इस क्रिया में इंद्रियों से प्राप्त ज्ञान में गड़बड़ ( अ सत्य ) यानी जो कुछ आपने सीखा है या जानते हैं उसमें हेर फेर कर देना जैसे वास्तविकता की जगहकुछ और हो दिखाई देना जैसे आप सोते हुए सपने देखते हैं उन सपनों में आपकी परिस्थिति भयावह कर दी जाती है नॉर्मल सपने कुछ देर चलते हैं और आप उन सपनों से विचलित नहीं होते ना ही डरते हैं क्योंकि आप उन सपनों को भूल जाते हैं जबकि जब आप पर इस तरह की क्रिया की जाती है तो वह सपने लंबे समय तक चलते हैं आपको याद रहते हैं और उठने के बाद आप खुद को काफी लो फील करते हैं बीमार महसूस करते हैं और बहुत थक गए हो जैसे ऐसा आपको महसूस होता है।
इन सपनों में आप खुद को किसी भी भयानक स्थिति में देख सकते हैं जैसे
1 ) आप किसी रेगिस्तान में चले जा रहे हैं आपको भूख प्यास लगी है लेकिन आपके आसपास कोई नहीं है तेज धूप है और आप सिर्फ दूर तक रेतीले टी लों में चलते-चलते जा रहे हैं और प्यास के मारे आपका गला पूरी तरह से सूखा जा रहा है जैसे आप अभी गिर पड़ेंगे !
2 ) आप कुछ बिल्डिंगों के ऊपर से, छतो पर पानी की टंकियों से कूदते हुए भाग रहे हैं, आपके पीछे कोई पड़ा है जिसे आप देख नहीं सकते लेकिन आपको महसूस हो रहा है कि कोई आपके पीछे पड़ा है जिससे आपको खुद को बचाना है।
3 ) आप किसी समुद्र या नदी में डूब रहे हैं कोई बड़ी मछली जानवर आपके पीछे पड़ा है और आप उससे बचने की कोशिश किया जा रहे हैं हाथ पांव मार रहे हैं तैरने की कोशिश कर रहे हैं!
4) जैसे जंगल से गुजर रहे हैं वहां दलदल में आप फस गए और जोर-जोर से ची ख रहे हैं बचाओ बचाओ कोई तो बचाओ कई बार आपके पीछे कोई जानवर पड़ जाता है और आप उससे बचने के लिए कहीं गुफाओं में घुस रहे हैं एवं किसी पेड़ के ऊपर चढ़ रहे हैं।
5) आप महसूस करते हैं जैसे आप किसी कमरे में हैं और उस कमरे की दीवारें आपके पास आती चली जा रही हैं और आप उन चारों दीवारों के बीच फंस जाने वाले हो, दब जाने वाले हो इस तरह के सीन कई बार पुरानी पिक्चरों में भी दिखाए जाते थे।
6) आप महसूस कर सकते हैं जैसे आपके शरीर पर कुछ कीड़े जैसे कॉकरोच,बिच्छू, सांप,कनखजूरे,चींटी,जोक,चूहे आदि आपके ऊपर चढ़ रहे हैं और आप वास्तव में उनसे डर कर उन्हें खुद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं एवं नींदों में आपके हाथ पांव चलने लगते हैं उनको हटाने के लिए।
7) आपको अपने शरीर में जलन महसूस हो सकती है जैसे किसी ने पेट्रोल मिट्टी का तेल आदि डालकर जला दिया हो और आप बचने के लिए भाग रहे हैं जहां पानी दिख रहा है पानी में कूद रहे हैं मिट्टी दिख रही है मिट्टी में लो ट रहे हैं और वह आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही।
8) कई बार आपको आपके परिवार के ही मरे हुए लोग दिखाई देते हैं जो आपको मार रहे होते हैं पीट रहे होते हैं या खींचकर अपने साथ ले जा रहे होते हैं इस तरह के के बुरे सपने आते हैं पूरी तरह से नेगेटिव।
इस तरह के स्वप्न पूरी रात चलते रहते हैं आप डरते रहते हैं और जब सुबह उठते हैं तो पूरी तरह से हैरान परेशान बीमार जैसे किसी ने आपकी पूरी एनर्जी ही खींच ली हो इसी तरह से कई बुरे अनुभव उस इंसान को हो सकते हैं। इससे बचने के लिए कोशिश करें जैसे ही आपको पहला हल्का अनुभव होता है उसी वक्त से मंत्र जाप करे,अपनी नजर उतारे औरा क्लीन करें खुद की भी और घर की भी, रात को कोई ना कोई कवच सुने जिस भी ईस्ट को आप मानते हैं, खुद को पैक करके सोए खुद को सकारात्मक रखें किसी भी नकारात्मकता को स्वयं पर हावी न होने दें ऐसी क्रिया करने वाले लोग तो चाहते ही यही है कि आप कई रातों तक डर से सो ना पाए आपके व्यक्तित्व में नकारात्मकता झलके,आप परेशान रहे और किसी भी तरह का कार्य आप ना कर सके।
आपको कुछ भी हो रहा हो तुरंत उस परेशानी से संबंधित डॉक्टर से मिले लेकिन अपने कॉन्शियस लेवल को बनाए रखें क्योंकि इस तरह की क्रिया जो भी करता है वह आपके पास का ही आपका अपना खास व्यक्ति, दोस्त,रिश्तेदार होता है ऐसा ना हो कि वह आपको किसी गलत डॉक्टर के पास ले जाए या गलत दवाइयां दे जिससे आपकी स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ जाए।
कन्फ्यूजन स्पेल इसका अर्थ है उलझा हुआ, उलझन में डालना अ स्पष्ट जैसे
1) कई प्रश्न पूछ कर उलझन में डाल देना
2) क्लियर रोड साइन ना होने पर उलझा जाना गलत दिशा में जाना
3) इतने ऑप्शन दे देना या दिखाना की आप समझ ही ना पाए आपको करना क्या है आप चाहते क्या है?
नर्सिंस्ट या आपका बुरा चाहने वाला आपके आसपास होता है और यह क्रिया आप पर की जाती है तो आप अपने लिए कभी भी सही समय पर सही जगह सही निर्णय नहीं ले पाते वह आपके कार्य,रिश्तो, खुशियों पर ग्रहण लगने के लिए तैयार रहता है इसलिए जब आप कोई कार्य करने की शुरुआत करना चाहते हैं तो वह आपके सामने कई प्रकार के सवाल खड़े कर देगा जैसे वह पैसा कहां से आएगा – अगर लाभ नहीं हुआ तो चूकाओगे कैसे- जिससे पैसा ले रहे हैं यदि वह गलत इंसान हुआ तो – इस काम को करने से अच्छा तो ऐसा कर ले – वैसा कर ले इस तरह के अनगिनत सवाल आपके सामने रख दिए जाते हैं और आप पहली ही सिढ़ी पर कन्फ्यूजन होकर खड़े रह जाते हैं आगे बढ़ ही नहीं पाते।
इसी तरह आपके रिश्तों पर भी यह सवाल उठाते हैं कभी आपकी गलतियां दिखाते हैं जो पास्ट में कभी अा पने की थी या आपके साथी ने अनजाने में की थी, कभी आपके स्टेटस का हवाला दिया जाता है कभी धर्म का तो कभी कार्य पर सवाल उठा दिए जाते हैं आपके अहंकार को इतनी हवा दे दी जाती है कि आपको समझ ही नहीं आता कि रिश्ते निभाने के लिए हमेशा दिमाग को नहीं लगना चाहिए आपकी खुद की गलती हो और आप अपने साथी से माफी मांगना चाहते हैं तो भी यह लोग आपको इतनी बातें सुनते हैं आपके अहम को आपके अहंकार को और सामने वाले की कुछ ऐसी बातों को जिससे कि आप उन रिश्तो को सुधारने की जगह और बिगाड़ देते हैं और फिर अंत में अकेले रह जाते हैं।
आपकी खुशी किसमे है जब आप यह जानकर उस दिशा में बढ़ने लगते हैं तो आपसे जलन ईर्ष्या द्वेष का भाव रखने वाले लोग आपके ही प्रिय बन कर आपके सामने ऑप्शन का पिटारा खोल देते हैं जैसे काम करने के लिए कई ऑप्शन रिश्तो में ऑप्शन घूमने में ऑप्शन कई तरह की बातों में उलझा कर आपको सबसे गलत जो होगा वही आपको चुनने में मदद करते हैं आपसे वह चुनवाते हैं जिससे आप उनसे ज्यादा आगे ना बढ़ सके आप तरक्की ना कर सके और आपके सामने रोज एक नई समस्या नई परेशानी खड़ी हो आपके रिश्ते इतने कलुषित क्लेश वाले हो जाए की मानसिक शांति पूरी तरह से खत्म हो जाए आपकी आप जीवन से पूरी तरह निराश हो जाए और यह सोचने पर मजबूर हो जाए कि मैं आखिर मेरी गलती कहां थी आखिर मेरी किस्मत इतनी खराब क्यों है एवं आप कई बार आत्महत्या तक की सोच को हवा देने लगते हैं और ऐसा लगता हैं कि आपके लिए इस जीवन में कुछ बचा ही नहीं है।
ऐसी स्थिति अगर आपको महसूस होती है तो सबसे पहले खुद को कुछ दिन के लिए अकेला कर लीजिए उस भीड़ से अलग जो आपके मार्ग में अवरोध डाल रहे हैं आपको गलत डायरेक्शन दे रहे हैं शांत मन से स्वयं से बात कीजिए आपकी स्वयं की खुशी किस में है खुद को समझते हुए आपको आगे बढ़ना होता है और जैसे ही आप अपनी खुशी को समझते हैं खुद को समझते हैं आपकी जीत निश्चित हो जाती है आप किसी पर आश्रित नहीं रहते हैं आपके जो निर्णय होते हैं वह आपके अपने होते हैं जो दूसरों के बताए हुए सलाहों से कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं क्योंकि यदि आप इसमें कुछ गलत भी करते हैं तो भी आप उनसे सीखते हैं और उन गलतियों के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होते हैं खुद को जिम्मेदार ठहराते हैं ना कि किसी और को इसलिए सबसे पहले स्वयं से सवाल कीजिए आपको अपने जीवन से क्या चाहिए आपको क्या काम करने से खुशी मिलेगी आपके साथी धनी होनी चाहिए या साथ देने वाले संस्कारी, इंसानियत,प्रेम का,सम्मान का भाव रखने वाले होने चाहिए इन सवालों का जवाब मिलते ही आप सही दिशा में आगे बढ़ते हैं सही समय पर सही निर्णय लेते हैं इस तरह से किसी भी स्थिति में स्वयं को शांत रखने का प्रयास करें और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े।
जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाली
यदि आपको किसी भी तरह की सहायता की आवश्यकता है तो आप संपर्क कर सकते हैं ज्योतिष राखी हीलर तंत्र विशेषज्ञ सुनीता वाधवानी जी से 9784862029
मां हमेशा जिंदा रहती है
मां हमेशा जिंदा रहती है…
कभी रसोई में तो कभी बगीचे में
दिख जाती है….
अक्सर सुई धागे में भी दिख जाती है
यूं ही बातों बातों में भी कभी याद बनकर
दिख जाती है…
मंदिर में, अलमारी में, पल पल पर घटते जा रहे हैं जीवन में
अक्सर मां दिख जाती है …. कोई व्यंजन कब सीखा.. याद नहीं
पर किसने कैसे सिखाए यह याद आ जाता है बगीचे का पौधा जो अब बड़ा हो गया है
अपने बड़े होने की बात बताता है…
न जाने कितनी बातें हैं याद आती….
मां घर के हर कोने में यूंही चलती रहती है
शायद…. हमेशा.
~प्रियांका वर्मा माहेश्वरी
Read More »600 एलएमटी से अधिक की धान की खरीद और 1,30,000 करोड़ रुपये से अधिक के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के प्रवाह से 75 लाख किसान लाभान्वित हुए
खरीफ विपणन सीजन 2023-24 (खरीफ फसल) के दौरान 600 लाख एमटी से अधिक धान की खरीद पूरी हो चुकी है। इससे 1,30,000 करोड़ रुपये से अधिक का एमएसपी परिव्यय प्रदान करके 75 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। यह खरीद अक्टूबर 2023 में शुरू हुई थी।
600 मीट्रिक टन धान की खरीद के मौजूदा स्तर के साथ, केंद्रीय पूल में पीएमजीकेएवाई/टीपीडीएस और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत लगभग 400 एलएमटी वार्षिक आवश्यकता की तुलना में 525 एलएमटी से अधिक चावल उपलब्ध है। सरकार की ओर से मार्च, 2024 में शुरू होने वाले आगामी रबी सीजन के दौरान गेहूं की अधिकतम खरीद के लिए भी तैयारी की जा रही है, जिसके लिए प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के परामर्श से विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं।
जर्मनी के न्यूरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेले में भारतीय खिलौना विनिर्माताओं को बड़ी संख्या में ऑर्डर प्राप्त हु
निर्यातकों का कहना है कि 30 जनवरी 2024 से 3 फरवरी, 2024 तक चलने वाले जर्मनी के न्यूरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेले में भाग लेने वाले भारतीय खिलौना विनिर्माताओं को 10 मिलियन डॉलर से अधिक के बराबर के बड़ी संख्या में ऑर्डर प्राप्त हुए हैं, क्योंकि उन्होंने वहां उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को प्रदर्शित किया था। भारतीय खिलौना उद्योग ने रेखांकित किया कि सरकार की अनिवार्य गुणवत्ता मानदंडों, सीमा शुल्क में वृद्धि और खिलौनों पर राष्ट्रीय कार्य योजना ( एनएपीटी ) जैसी पहलों ने उच्च गुणवत्ता वाले खिलौनों के विनिर्माण में सहायता की है जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर काफी सराहना प्राप्त की। भारतीय खिलौना सेक्टर एक स्वस्थ विकास दर से आगे बढ़ रहा है और वैश्विक कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। मेले में सबसे लोकप्रिय वर्गों के बीच लकड़ी से बने खिलौनों और शैक्षणिक शिक्षण खिलौनों से संबंधित उत्पादों की प्रधानता रही।
शीर्ष निर्यातकों के अनुसार, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी जैसे देशों के खरीदारों ने उनमें दिलचस्पी प्रदर्शित की और अच्छी संख्या में ऑर्डर दिए। इस वर्ष भारत से 55 से अधिक प्रतिभागी थे। न्यूरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेले में भारतीय खिलौना विनिर्माताओं ने कहा कि खरीदारों के दृष्टिकोण और व्यवहार में उल्लेखनीय परिवर्तन देखा गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की खिलौना अर्थव्यवस्था की व्यापक अपील के कारण भारत को अब एक आकर्षक वैकल्पिक सोर्सिंग गंतव्य के रूप में सराहना प्राप्त हो रही है।
भारतीय खिलौना विनिर्माताओं ने यह भी कहा कि इस प्रतिष्ठित मंच ने अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त उद्यमों के लिए द्वार खोल दिए हैं क्योंकि भारतीय विनिर्माण इकोसिस्टम को वैश्विक स्वीकृति प्राप्त हो रही है। भारतीय उद्योग के साथ साझीदारी करने में वैश्विक कंपनियों की दिलचस्पी ने घरेलू विनिर्माताओं को बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों ही बाजारों में मांग की पूर्ति करने के लिए अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने का प्रोत्साहन प्रदान किया है।
‘ मेड इन इंडिया ‘ खिलौनों की उभरती अंतर्राष्ट्रीय पहचान से निर्यात में वृद्धि में योगदान मिलने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2014-15 में 332.55 मिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में 158.7 मिलियन डॉलर के खिलौनों के समग्र आयात में उल्लेखनीय 52 प्रतिशत की कमी और वित्त वर्ष 2014-15 में 96.17 मिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में 325.72 मिलियन डॉलर के खिलौनों के समग्र निर्यात में 239 प्रतिशत की भारी वृद्धि पहले ही दर्ज की जा चुकी है।
जहां घरेलू विनिर्माताओं को पहले ही जर्मनी में सफलता प्राप्त हो चुकी है, स्नैपडील और वॉलमार्ट सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी बड़ी कंपनियों के साथ गठबंधन पाइपलाइन में है। सरकार और उद्योग के समेकित प्रयासों के साथ, इस सेक्टर का भविष्य में सफलता अर्जित करना तय है।
न्यूरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेला 3 फरवरी, 2024 को संपन्न हुआ। विश्व के सबसे बड़े खिलौना मेलों में से एक इस मेले में 65 देशों के 2,000 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया।
अनुसूचीबद्ध विमानन सेवा प्रदाताओं ने वर्ष 2023 के दौरान अपने बेड़े में 112 हवाई जहाज शामिल किए
हवाई परिवहन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विमानन सेवा प्रदाता अपने बेड़े में नए विमान शामिल कर रहे हैं। प्रमुख विमानन सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा हवाई जहाजों के लिए दिए गए ऑर्डरों का उल्लेख अनुलग्नक-II में संलग्न किया गया है।
अनुलग्नक-I
31.12.2023 तक विभिन्न विमानन सेवा प्रदाता कंपनियों के साथ एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट) पर स्वीकृति प्राप्त विमानों की संख्या
क्रम संख्या | विमानन सेवा प्रदाता का नाम | बेड़े की संख्या |
निर्धारित संचालक | ||
1 | एआईएक्स कनेक्ट प्रा. लिमिटेड
(जिसे पूर्व में एयरएशिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) |
24 |
2 | एयर इंडिया लिमिटेड (एयर इंडिया) | 124 |
3 | एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड (एयर इंडिया एक्सप्रेस) | 34 |
4 | एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड (एलायंस एयर) | 21 |
5 | ब्लू डार्ट एविएशन लिमिटेड (ब्लू डार्ट) | 8 |
6 | गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड (गो फर्स्ट)* | 54* |
7 | इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) | 342 |
8 | क्विकजेट कार्गो एयरलाइंस प्रा. लिमिटेड (क्विकजेट) | 2 |
9 | एसएनवी एविएशन प्रा. लिमिटेड (अकासा एयर) | 20 |
10 | स्पाइस जेट लिमिटेड (स्पाइस जेट) | 57 |
11 | टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड (विस्तारा) | 66 |
12 | ज़ेक्सस एयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (ज़ूम) | 2 |
अनुसूचीबद्ध नियमित आने-जाने वाले संचालक | ||
13 | बिग चार्टर प्रा. लिमिटेड (फ्लाई बिग) | 2 |
14 | जीएसईसी मोनार्क और डेक्कन एविएशन प्रा. लिमिटेड (इंडिया वन एयर) | 3 |
15 | घोड़ावत इंटरप्राइजेज प्रा. लिमिटेड (स्टार एयर) | 8 |
16 | पवन हंस लिमिटेड (एससीओ)28 | 4 |
कुल संख्या | 771 |
* गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड (गो फर्स्ट) वर्तमान में दिवाला और दिवालियापन संहिता की धारा 10 के अनुसार कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है।
अनुलग्नक- II
प्रमुख विमानन सेवा प्रदाताओं द्वारा दिए गए विमान ऑर्डर
(एयरलाइंस कंपनियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार)
क्रम संख्या | संचालक का नाम | विमान का प्रकार | आदेशित विमानों की संख्या | वर्ष |
1 | एयर इंडिया ग्रुप | ए320/ए321 | 210 | 2023 |
ए350 | 40 | 2023 | ||
बी787 | 20 | 2023 | ||
बी777 | 10 | 2023 | ||
बी737-8 | 190 | 2023 | ||
2 | इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) | ए320 फैमिली | 400 | 2015 |
ए320 फैमिली | 300 | 2019 | ||
ए320 फैमिली | 500 | 2023 | ||
एटीआर 72-212ए (600 संस्करण) | 50 | 2017 | ||
3 | एसएनवी एविएशन प्रा. लिमिटेड (अकासा एयर) | बी737-8 | 76 | 2021 |
बी737-8 | 150 | 2024 | ||
4 | स्पाइसजेट लिमिटेड
(स्पाइसजेट) |
बी737-8 | 155 | 2016 |
कुल | 2101 |
नोट:
- विमान सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा विमान शामिल करने के साथ-साथ पट्टा अवधि की समाप्ति होने के बाद उनके मौजूदा विमानों की पुनः सुपुर्दगी/निर्यात भी किया जाएगा। इस तरह से विमान शामिल होने से एयरलाइन के बेड़े में संख्या बढ़ोतरी के अलावा समय के साथ मौजूदा बेड़े के बदलाव की भी आवश्यकता पूरी होगी।
- विमान सेवा प्रदाता कंपनियों व्यावसायिक विचारों के आधार पर समय के साथ अपने बेड़े की योजना बनाएंगे/अनुकूलन करेंगे।
नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
प्रथम सर्वेक्षण विशाल मालवाहक जहाज, आईएनएस संध्याक को विशाखापत्तनम में रक्षा मंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में जलावतरण को ऐतिहासिक बताया और विश्वास जताया कि आईएनएस संध्याक भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करेगा और भारतीय नौसेना को शांति और सुरक्षा बनाए रखने में सहयोग करेगा। उन्होंने किसी भी देश की सुरक्षा के महत्व को मनुष्य के विकास के साथ जोडते हुए बताया। उन्होंने कहा “जीवन के प्रारंभिक वर्षों में अपने परिवार पर निर्भर रहने से, एक बच्चा समाज में ज्ञान का प्रसार करने से पहले धीरे-धीरे आत्मनिर्भर हो जाता है। इसी प्रकार, कोई भी देश अपने विकास के प्रारंभिक चरण में अपनी सुरक्षा की क्षमता विकसित करने से पहले सुरक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता है। अंतत: तृतीय चरण का प्रादुर्भाव होता है जब वह इतना शक्तिशाली हो जाता है कि न केवल अपने हितों की रक्षा करता है, बल्कि अपने मित्र देशों की रक्षा करने में भी सक्षम हो जाता है”।
रक्षा मंत्री ने आशा व्यक्त की कि आईएनएस संध्याक महासागरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और देश के साथ-साथ अन्य देशो की रक्षा करने के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करने में सहयोगी होगा। उन्होंने कहा “समुद्र विशाल और अथाह है। हम जितना अधिक इसके तत्वों को जानने में सक्षम होंगे, हमारे ज्ञानकोष में उतनी ही वृद्धि होगी और हम मजबूत बनेंगे। जितना अधिक हम महासागर, इसकी पारिस्थितिकी, इसकी वनस्पतियों और जीवों के बारे में जानकारी एकत्र करेंगे, हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेंगे। जितना अधिक हम महासागर के बारे में जानेंगे, उतना ही अधिक सार्थक रूप से हम अपने रणनीतिक सुरक्षा हितों को पूरा करने में सक्षम होंगे”।
श्री राजनाथ सिंह ने बताया कि आजादी के बाद, कई विषम चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करते हुए, भारत अपनी सुरक्षा के लिए आगे बढ़ता रहा और स्वयं को खतरों से बचाता रहा। उन्होंने कहा, आज देश विकास के पथ पर अग्रसर है, हमारी मजबूत नौसेना हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पहले से कहीं अधिक उत्तरदायित्व निभाते हुए सुरक्षा प्रदान कर रही है।
रक्षा मंत्री ने हिंद महासागर को वैश्विक व्यापार के लिए हॉटस्पॉट बताया। उन्होंने अरब सागर में व्यापारिक जहाजों के अपहरण के प्रयासों और समुद्री डाकुओं से जहाजों की रक्षा करने के लिए भारतीय नौसेना के साहस और फुर्ती की बात करते हुए कहा “हिंद महासागर में अदन की खाड़ी, गिनी की खाड़ी आदि जैसे कई चोक पॉइंट स्थित हैं, जिनके माध्यम से विशाल स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होता है। इन अवरोध बिंदुओं पर कई खतरे विद्यमान हैं, जिनमें से सबसे बड़ा खतरा समुद्री डाकुओं से है”।
श्री राजनाथ सिंह ने ‘न्यू इंडिया’ की प्रतिज्ञा बताते हुए आश्वासन दिया कि समुद्री डकैती और तस्करी में शामिल गतिविधियों को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभी हाल ही में आईएनएस इंफाल के जलावतरण के अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा था कि भारत नापाक गतिविधियों में संलिप्त तत्वों को समुद्र की गहराई से भी ढूंढ निकालेगा और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा।
रक्षा मंत्री ने आईएनएस संध्याक के जलावतरण समारोह के अवसर पर न केवल भारतीय जहाजों, बल्कि मित्र देशों के जहाजों को भी सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने हाल ही में अदन की खाड़ी में एक ब्रिटिश जहाज पर ड्रोन हमले का हवाला देते हुए बताया, जिसके परिणामस्वरूप तेल टैंकरों में आग लग गई। उन्होंने आग बुझाने में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए भारतीय नौसेना की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रयास को विश्व ने पहचाना और सराहा।
श्री राजनाथ सिंह ने विगत कुछ दिनों में पांच समुद्री डकैती के प्रयासों को विफल करने व ड्रोन और मिसाइलों से हमला किए गए जहाजों की सहायता करने के अलावा 80 मछुआरों/नौसैनिकों को बचाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा “हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना शांति और समृद्धि सुनिश्चित करते हुए सुरक्षित व्यापार की सुविधा प्रदान कर रही है। कई रक्षा विशेषज्ञ इसे एक महाशक्ति का उदीयमान बता रहे हैं। यही हमारी संस्कृति है – हर किसी की रक्षा करना”।
रक्षा मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि बढ़ती ताकत के साथ, भारत न केवल क्षेत्रीय स्तर पर, बल्कि पूरे विश्व से अराजकता को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विभिन्न देशों के बीच नौवहन, व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता बनाए रखने के भारत के दर्शन को दोहराया। “हमारी बढ़ती शक्ति का उद्देश्य नियम-आधारित विश्व व्यवस्था सुनिश्चित करना है। हमारा उद्देश्य हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अवैध और अनियमित मत्स्याखेट को रोकना है। नौसेना इस क्षेत्र में नशीले पदार्थों और मानव तस्करी को रोक रही है। यह न केवल समुद्री डकैती रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि इस पूरे क्षेत्र को शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। आईएनएस संध्याक हमारे उद्देश्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार जिस उद्देश्य से नौसेना को मजबूत कर रही है, उससे विश्व शांति का प्रवर्तक बनने की हमारी नियति साकार होगी।”
इस अवसर पर अपने संबोधन में, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि एसवीएल परियोजना सरकार और नौसेना द्वारा समुद्र में कार्य करने की सर्वोत्कृष्ट शर्त – महासागरों की अथाह गहराई के सर्वेक्षण – को दिए जा रहे बढ़ते महत्व को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं और कार्यों को करने के लचीलेपन का लाभ उठाने के लिए नौसेना द्वारा स्वदेशी तौर पर अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म लॉन्च किए जा रहे है। उन्होंने कहा “चाहे वह शक्तिशाली विमानवाहक पोत विक्रांत हो, विशाखापत्तनम क्लास के घातक विध्वंसक, बहुमुखी नीलगिरि क्लास फ्रिगेट्स, गुप्त कलवरी क्लास पनडुब्बियां, फुर्तीला शैलो वॉटर एएसडब्ल्यू क्राफ्ट या विशेष डाइविंग सपोर्ट वेसल्स हों – हम सावधानीपूर्वक सशक्त भारत की सेवा में एक संतुलित ‘आत्मनिर्भर’ शक्तिबल का निर्माण कर रहे हैं”।
एडमिरल आर हरि कुमार ने बताया कि 66 जहाजों और पनडुब्बियों के आर्डर में से 64 का निर्माण कार्य भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है। इसका अर्थ है कि नौसेना इस क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिससे शिपयार्ड की क्षमता और श्रमिकों के साथ-साथ सहायक उद्योगों में कार्यरत लोगों की क्षमताओं में वृद्धि होगी।
रक्षा मंत्री के इस आश्वासन पर कि हिंद महासागर में शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, नौसेना प्रमुख ने कहा: “न केवल भारत तथापि पूरी दुनिया ने पिछले चार-पांच सप्ताहों में श्री राजनाथ सिंह के निर्देशों का प्रभाव देखा है। भारतीय नौसेना तब तक नहीं रुकेगी जब तक हिंद महासागर पूरी तरह से मुक्त, सुरक्षित और स्वतंत्र नहीं हो जाता। हम तैयार हैं!”
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता में निर्माणाधीन एसवीएल परियोजना के चार जहाजों में से पहले जहाज को जलावतरण समारोह में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा किया गया है।
जहाज की आधारशिला 12 मार्च, 2019 को रखी गई थी और जहाज को 05 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था। यह बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षणों से गुजर चुका है, जिसके बाद इसे लॉन्च किया जाएगा। जहाज का विस्थापन 3,400 टन और कुल लंबाई 110 मीटर और बीम 16 मीटर है।
आईएनएस संध्याक गहरे और उथले पानी के मल्टी-बीम इको-साउंडर्स, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, दूर से संचालित वाहन, साइड स्कैन सोनार, डेटा अधिग्रहण और प्रसंस्करण प्रणाली, उपग्रह-आधारित पोजिशनिंग सिस्टम सहित अत्याधुनिक जलमाप चित्रण संबंधी जलीय उपकरणों से सुसज्जित है। स्थलीय सर्वेक्षण उपकरण जहाज दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित है और 18 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है। इसमें लागत के हिसाब से 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री लगी हुई है और यह एमएसएमई सहित भारतीय नौसेना और उद्योग के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के लिए एक श्रद्धांजलि स्वरूप है। इसका शामिल होना राष्ट्र के बढ़ते समुद्री हितों और क्षमताओं को दर्शाता है।
‘संध्याक’ का अर्थ है विशेष खोज करने वाला। इसके शिखर पर स्थित शिखा एक नाविक के कम्पास के सोलह बिंदुओं को दर्शाती है, जिसमें समुद्र पर सवार एक ‘डिवाइडर’ और एक ‘लंगर’ शामिल है, जो महासागरों की स्थिति का दर्शाता है, यह सर्वेक्षण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को एनआईटी- गोवा के परिसर का उद्घाटन करेंगे
इस परियोजना की परिकल्पना गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनोहर पर्रिकर ने की थी। वे राज्य में राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान स्थापित करना चाहते थे, जिससे गोवा शिक्षा के लिए भी एक गंतव्य के रूप में अपनी सेवा दे सके।
साल 2010 में एनआईटी गोवा ने राज्य में पोंडा के फार्मागुडी स्थित गोवा इंजीनियरिंग कॉलेज के परिसर स्थित अपने पारगमन (ट्रांसिट) परिसर में काम करना शुरू किया था। इसके बाद शिक्षा मंत्रालय की सहायता से साल 2023 में दक्षिण गोवा स्थित कुनकोलिम में संस्थान के अपने परिसर का निर्माण कार्य पूरा हुआ। अपने स्थायी परिसर के लिए गोवा सरकार ने जुलाई 2017 में कुनकोलिम गांव में 4,56,767 वर्गमीटर (113 एकड़) भूमि हस्तांतरित की थी। इस परिसर का शिलान्यास गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. मनोहर पर्रिकर ने 15 दिसंबर, 2018 को किया था। इस अवसर पर तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर भी उपस्थित थे।
मई, 2019 में एनआईटी गोवा परिसर के निर्माण की योजना सीपीडब्ल्यूडी के साथ परियोजना निगरानी समिति के रूप में शुरू की गई थी और पहले चरण के तहत 46 एकड़ भूमि पर काम करने की परिकल्पना की गई। इस परिसर का निर्माण आरसीसी प्रीकास्ट 3एस तकनीक का उपयोग करके किया गया है। इस परिसर का कुल निर्मित क्षेत्र 70,750 वर्गमीटर है, जिसकी निर्माण लागत 390.83 करोड़ रुपये है। इसकी कुल क्षमता 1,260 छात्र की है।
इस परिसर में विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध हैं। इनमें शैक्षणिक परिसर, विभागीय परिसर, संगोष्ठी परिसर, प्रशासनिक परिसर, छात्रावास, स्वास्थ्य केंद्र, स्टाफ क्वार्टर, सुविधा केंद्र, खेल मैदान व और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
इसके अलावा परिसर की कई पर्यावरण-अनुकूल विशेषताएं भी हैं। इनमें सौर संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र, जल की बचत करने वाली फिटिंग व सैनिटरीवेयर में फिक्स्चर, कुशल विद्युत प्रकाश व्यवस्था और सौर ऊर्जा संचालित स्ट्रीट लाइट शामिल हैं। इसके निर्माण के दौरान राज्य में मौसम की स्थिति के अनुकूल बागवानी कार्यों के तहत स्थानीय पौधों का रोपण किया गया और सौर पैनलों को लगाया गया है। इसके अलावा भवनों में बिजली के उपयोग को कम करने और प्रकाश व्यवस्था प्रदान करने के लिए बेहतर प्राकृतिक वेंटिलेशन डिजाइन किया गया है।