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दिसंबर, 2023 में 10.75 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कोयला उत्पादन 92.87 मिलियन टन तक पहुंचा

कोयला मंत्रालय ने दिसंबर 2023 के दौरान कुल कोयला उत्पादन में भारी वृद्धि हासिल की। उत्‍पादन पिछले वर्ष के 83.86 मिलियन टन के आंकड़े को पार करते हुए 92.87 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया है और यह 10.75 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन दिसंबर 2023 में 8.27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 71.86 मिलियन टन हो गया है, जबकि दिसंबर 2022 में यह 66.37 मिलियन टन था। संचयी कोयला उत्पादन (दिसंबर 2023 तक) वित्तीय वर्ष 23-24 में बढ़कर 684.31 मिलियन टन हो गया है, जबकि वित्तीय वर्ष 22-23 की समान अवधि के दौरान यह 608.34 मिलियन टन था। यह उत्‍पादन में 12.47 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

दिसंबर 2023 में कोयला प्रेषण 86.23 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो दिसंबर 2022 में 79.58 मिलियन टन था। यह 8.36 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का प्रेषण दिसंबर 2023 में 66.10 मिलियन टन रहा, जबकि दिसंबर 2022 में 62.66 मिलियन टन था और यह 5.49 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 23-24 में संचयी कोयला प्रेषण (दिसंबर 2023 तक) 11.36 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 709.80 मिलियन टन हो गया है, जबकि वित्तीय वर्ष 22-23 की इसी अवधि के दौरान यह 637.40 मिलियन टन था।

कोयला क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है, उत्पादन, प्रेषण और स्टॉक का स्तर उल्लेखनीय ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। इस वृद्धि में कोयला सार्वजनिक उपक्रमों ने योगदान दिया है और इस प्रगति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह कोयला आपूर्ति श्रृंखला के समर्पण को रेखांकित करता है, जिससे देश भर में कोयले का निर्बाध वितरण सुनिश्चित होता है। कोयला मंत्रालय निरंतर  कोयला उत्पादन और प्रेषण को बनाए रखने, एक विश्वसनीय एवं सुदृढ़ ऊर्जा क्षेत्र के लिए निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।

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एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज में स्मार्ट क्लासेज का शुभारंभ

कानपुर 31 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज में *दो स्मार्ट क्लासेज का भव्य उद्घाटन प्रमिला पाण्डे मेयर, कानपुर नगर , लोकसभा सांसद सत्यदेव पचौरी एवं उच्च क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी प्रोफेसर रिपुदमन सिंह एवं बलराम नरुला, उद्योगपति एवं संरक्षक भारतीय विचारक समिति के कर कमलों द्वारा हुआ*।एनसीसी के कैडेट्स ने अतिथि गण को सैनिक सलामी दी।कार्यक्रम का शुभारंभ प्रमिला पांडे मेयर, कानपुर नगर , सांसद सत्यदेव पचौरी, उच्च क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी,कानपुर मंडल, प्रोo रिपु दमन सिंह , बलराम नरुला,उद्योगपति एवं संरक्षक भारतीय विचारक समिति,प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष पी.के मिश्रा, सचिव पी.के सेन, महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० सुमन, व मुख्य अनुशासिका कप्तान ममता अग्रवाल ने दीप प्रज्वलन व सरस्वती मां के माल्यार्पण से किया। अतिथियों का स्वागत तथा आभार पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं उत्तरीय प्रदान कर किया गया।
प्राचार्या प्रो० सुमन ने अतिथियों का परंपरागत स्वागत करते हुए कहा कि हर्ष का विषय है कि गत वर्ष की विदाई एवं नूतन वर्ष का शुभारंभ हम स्मार्ट क्लास के उद्घाटन से कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह दोनो स्मार्ट क्लास माननीय सत्यदेव पचौरी जी ने सांसद निधि से जो कुल रु 25.953 लाख रुपए में बनकर तैयार है ,के द्वारा अनुदानित है lउन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास से बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में और अधिक सुधार होगा। माननीय प्रमिला पांडे जी ने सबको बधाई देते हुए कहा की स्मार्ट क्लास छात्राओं की उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए एक सशक्त माध्यम होगा।माननीय सांसद श्री सत्यदेव पचौरी जी ने कहा कि स्मार्ट क्लास बनाने से छात्राओं का न सिर्फ सर्वांगीण विकास होगा बल्कि उनकी अपने विषय में गहरी रुचि एवं समझ भी विकसित होगी तथा आज के आभासी दुनिया से पठन-पाठन को जोड़ने में मदद मिलेगी। माननीय श्री बलराम नरूला शिक्षा जी ने कहा कि स्मार्ट क्लास के द्वारा इंटरएक्टिव और सहभागी शिक्षण का साधन उपलब्ध हो रहा है जो छात्राओं तथा शिक्षण के लिए प्रभावकारी सिद्ध होगा। प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार मिश्रा जी ने कहा कि स्मार्ट क्लास के द्वारा छात्राओं को विजुअल तरीके से जटिल विषयों को समझाने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुमन ने कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि एक स्मार्ट क्लास आर्ट्स ब्लॉक तथा दूसरा साइंस ब्लॉक में बनाया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्राओं को इसका लाभ मिल सके l डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रयोग करने से यह शिक्षिकाओं की क्षमता को भी बढ़ाएगीl छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए यह निश्चित रूप से सार्थक सिद्ध होगा lउन्होंने सभी शिक्षिकाओं और छात्राओं को बधाई दीl कार्यक्रम का संचालन प्रो० गार्गी यादव जी विभागाध्यक्षा, रसायन शास्त्र ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय की वरिष्ठ प्रवक्ता प्रो० निशि प्रकाश, प्रो० अलका टंडन, प्रो० मीनाक्षी व्यास, प्रो प्रीति पांडे, डॉ० रचना निगम तथा अन्य सभी प्रवक्ताएं उपस्थित रही। साथ ही तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की । इस अवसर पर एनसीसी प्रभारी कुमारी प्रीति यादव एवं एनसीसी कैडेट्स प्रियंका कुमारी ,प्रियंका शर्मा ,ज्योति यादव, दीपाली अग्रहरि का सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ l

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आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत 1.52 लाख प्रतिष्ठानों के माध्यम से 60.49 लाख लाभार्थियों को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि संवितरित की गई

नए रोजगार के सृजन और कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार के नुकसान की पुनर्बहाली हेतु नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) 1 अक्टूबर, 2020 से आरंभ की गई थी। लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि 31.03.2022 थी। 05.12.2023 तक, 1.52 लाख प्रतिष्ठानों के माध्यम से 60.49 लाख लाभार्थियों को 10,043.02 करोड़ रुपये की राशि संवितरित की गई हैं। योजना के तहत राज्य-वार और सेक्‍टर-वार लाभार्थी क्रमशः अनुबंध-I और II में हैं।

 

अनुबंध- I

एबीआरवाई के तहत लाभार्थियों का राज्य-वार विवरण (05.12.2023 तक)

 

State No. of Beneficiary Establishment No. of Beneficiary Employees
ANDAMAN AND NICOBAR ISLANDS 36 479
ANDHRA PRADESH 4044 166959
ARUNACHAL PRADESH 17 514
ASSAM 669 19902
BIHAR 1213 28551
CHANDIGARH 1584 64817
CHATTISGARH 2951 85101
DELHI 3146 227663
GOA 542 20947
GUJARAT 15578 644000
HARYANA 7640 400551
HIMACHAL PRADESH 2164 83380
JAMMU AND KASHMIR 891 19384
JHARKHAND 2248 62773
KARNATAKA 11007 486776
KERALA 2732 96338
LADAKH 17 190
MADHYA PRADESH 6257 205799
MAHARASHTRA 22447 978812
MANIPUR 57 1692
MEGHALAYA 39 1224
MIZORAM 15 377
NAGALAND 17 234
ORISSA 4195 89354
PUNJAB 6550 171000
RAJASTHAN 11480 326553
SIKKIM 113 3766
TAMIL NADU 16760 817952
TELANGANA 5392 283292
TRIPURA 150 5440
UTTAR PRADESH 12413 433565
UTTARAKHAND 2425 93500
WEST BENGAL 7710 227625
Grand Total 152499 6048510

स्रोतः ईपीएफओ, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय

 

अनुबंध- I I

एबीआरवाई के तहत लाभार्थियों का राज्य-वार विवरण (05.12.2023 तक)

Sl. No. Industry No. of Beneficiary Establishment No. of Beneficiary Employees
1 AERATED WATER 126 2801
2 AGARBATTI 120 4718
3 AGRICULTURE FARMS 482 9496
4 APARTITE MINES 1 4
5 ARCHITECTS 109 1665
6 ASBESTOS 13 391
7 ASBESTOS CEMENT SHEETS 24 1109
8 ASBESTOS MINES 7 56
9 ATTORNEYS 6 141
10 AUTOMIBILE SERVICING 1865 50525
11 BALL CLAY MINES 2 17
12 BANKS OTHER THAN NATIONALISED BANKS. 228 7649
13 BARYTES MINES 2 11
14 BAUXITE MINES 3 58
15 BEEDI MAKING 250 19326
16 BEER MFG. 19 640
17 BISCUIT MAKING 240 11957
18 BONE CRUSHING 14 146
19 BOTANICAL GARDENS 25 421
20 BREAD 159 6604
21 BRICKS 752 8447
22 BRUSHES 26 488
23 BUILDING AND CONSTRUCTION INDUSTRY 8475 223764
24 BUTTONS 9 128
25 CALCITE MINES 3 89
26 CANE FARMS 4 68
27 CANTEENS 458 15474
28 CARDAMOM PLANTATIONS 4 231
29 CASHEWNUTS 246 5746
30 CATTLE FEED INDUSTRY 107 8188
31 CEMENT 182 3762
32 CHARTERED OR REGD. ACCOUNTANTS 160 2184
33 CHINA CLAY MINES 4 58
34 CHROMITE MINES 8 1020
35 CIGARETTES 7 138
36 CINEMA THEATRES EMPLOYING 5 OR MORE WORKERS 23 110
37 CINEMAS INCLUDING PREVIEW THEATRES 71 727
38 COFFEE CURING 8 180
39 COFFEE PLANTATIONS 18 190
40 COIR 68 1278
41 COLLEGE 930 18102
42 COMPANIES OFFERING LIFE INSURANCE , ANNUITES ETC. 48 5248
43 COMPANIES/SOCIETIES/ASSC/CLUBS/TROUPES FOR PERFORMANCES 488 12107
44 CONFECTIONERY 418 18445
45 CORUNDUM MINES 2 29
46 COST – WORKS ACCOUNTANTS 43 795
47 COTTON GINNING – PRESSING 361 10100
48 CROCKERY 82 1260
49 DAL MILLING 103 1557
50 DIAMOND CUTTING 321 13124
51 DIAMOND MINES 3 43
52 DIAMOND SAW MILLS 8 82
53 DISTILLING – RECTIFYING OF SPRITS 63 1744
54 DISTRIBUTION-FILM 21 305
55 DOLOMITE MINES 7 130
56 EDIBLE OIL – FAT 350 7856
57 ELEC, MECH OR GEN ENGG PRODUCTS 9964 271237
58 ELECT. PORCELAIN INSULATOR 121 2103
59 ELECTRICITY (G,T,D) 469 7807
60 ELECTRONIC MEDIA COMPANIES IN PRIVATE SECTOR 211 6633
61 EMERALD MINES 2 225
62 ENGINEERS – ENGG. CONTRACTORS 11195 288312
63 ESTABLISHMENT ENGAGED IN MANUFACTURE, MARKETING SERVICING, USAGE OF COMPUTERS 2125 98823
64 ESTABLISHMENT ENGAGED IN RAILWAYS FOR CONSTRUCTION, MAINTENANCE, OPERATION 383 8629
65 ESTABLISHMENTS ENGAGED IN CLEANING,SWEEPING SERVICES 2731 154243
66 ESTABLISHMENTS ENGAGED IN RENDERING COURIER SERVICES 126 20501
67 ESTABLISHMENTS OF AIRCRAFT OR AIRLINES 12 176
68 EXPERT SERVICES 38932 2155431
69 EXPLOSIVES 79 2658
70 FELDSPAR MINES 5 118
71 FERRO CHROME 18 1721
72 FERRO MANGANESE 22 381
73 FILM PROCESS-LABORATORIES 17 250
74 FILM PRODUCTION CONCERN 22 983
75 FILM STUDIOS 12 101
76 FINANCING ESTABLISHMENT 863 150104
77 FIRE WORKS 147 2095
78 FIRECLAY MINES 2 167
79 FISH PROCESSIGN AND NON-VEG FOOD PRESERVATION 188 16657
80 FLAVOURITE MINES 3 420
81 FLOUR MILLING 313 5008
82 FORWARDING AGENCY 248 7959
83 FRUIT ORCHARDS 13 420
84 FRUITS – VEG. PRESERVATION 338 8906
85 GARMENTS MAKING 2339 275523
86 GAUR GUM FACTORIES 14 223
87 GENERAL INSURANCE 24 7288
88 GLASS 241 7361
89 GLU AND GELATINE FACTORIES 6 56
90 GOLD MINES 41 672
91 GRAPHITE MINES 3 41
92 GYPSUM MINES 6 44
93 HEAVY – FINE CHEMICALS 1905 54425
94 HOSPITALS 4721 141504
95 HOTEL 2635 51188
96 ICE OR ICE CREAM 67 1372
97 INDIGO 8 1518
98 INDL. – POWER ALCOHOL 11 290
99 INDOLEUM 31 907
100 INLAND WATER TRANSPORT 24 613
101 IRON AND STEEL 2229 60869
102 IRON ORE MINES 26 778
103 IRON ORE PELLETS 41 1060
104 JUTE 38 1948
105 JUTE BAILING OR PRESSING 10 178
106 KATTHA MAKING 15 266
107 KNOWLEDGE OR TRAINING INSTITUTION 375 10548
108 KYANITE MINES 2 20
109 LAC / SHELLAC 9 83
110 LAUNDRY – LAUNDRY SERVICES 48 1494
111 LEATHER PRODUCTS 846 52369
112 LIGNITE MINES 4 202
113 LIMESTONE MINES 35 681
114 LINOLEUM 1 19
115 LODGING HOUSES, SSERVICE APARTMENT,CONDOMINIUMS 164 7102
116 MAGNESITE MINES 7 198
117 MANGANESE MINES 7 65
118 MARBLE MINES 25 429
119 MATCHES 74 1173
120 MEDICAL PRACTITIONERS 506 11991
121 MESSES 32 548
122 MICA MINES 6 82
123 MICA MINES – MICA INDUSTRY 24 793
124 MILK PRODUCTS 496 12530
125 MINERAL OIL REFINING 45 461
126 MIXED PLANTATIONS 33 465
127 MUNICIPAL COUNCILS/CORPORATIONS 127 4404
128 MYROBALAN – VEG. TANNING 7 156
129 NEWSPAPER ESTABLISHMENTS 102 1012
130 NON EDIBLE OIL / FAT 67 1934
131 NONFERROUS METAL AND ALLOYS 382 19604
132 OCHRE MINES 9 705
133 OTHERS 7932 211264
134 PAINTS – VARNISH 294 11581
135 PAPER 280 7379
136 PAPER PRODUCTS 939 19307
137 PEPPER PLANTATIONS 3 29
138 PETROLEUM / NAT.GAS PRODUCTION 266 2576
139 PETROLEUM NAT.GAS REFINING 263 2667
140 PICKERS 36 1174
141 PLASTICS PRODUCTS 2299 79846
142 PLYWOOD 534 12246
143 POULTRY FARMING 155 15865
144 PRINTING 773 14820
145 PRIVATE AIRPORTS AND JOINT VENTURE AIRPORTS 1 13
146 PROCESSING AND TREATMENT OF WOOD 67 1951
147 QUARTXITE MINES 2 8
148 QUARTZ MINES 10 3090
149 RAILWAY BOOKING AGENCIES 3 17
150 REFRACTORIES 111 4727
151 RESEARCH INSTITUTE 83 2791
152 RESTAURANT 1501 42740
153 RICE MILLING 1334 9484
154 ROAD MOTOR TRANSPORT 1080 37981
155 RUBBER PLANTATIONS 14 514
156 RUBBER PRODUCTS 694 38373
157 SALT 51 620
158 SANITARY WARE 134 3156
159 SAW MILLS 58 964
160 SCHOOL 4993 64132
161 SCIENTIFIC INSTITUTES 51 895
162 SILICA(SAND) MINES 16 194
163 SILIMINITE MINES 5 92
164 SOAP STONE MINES 27 741
165 SOCIETIES / CLUBS / ASSOCIATIONS 188 3782
166 SOCIETIES CLUBS OR ASSOCIATIONS 1108 21691
167 SORTING / CLEANING / TEASING OF COTTON WASTE 42 1760
168 STARCH 28 981
169 STATIONERY PRODUCTS 102 2237
170 STEATITE MINES 11 135
171 STEMMING OR REDRYING OF TOBACCO LEAF 2 24
172 STEVEDORING, LOADING-UNLOADING SHIPS 77 4925
173 STONE QUARRIES FOR CHIPS BUILDERS ETC. 99 1267
174 STONE QUARRIES FOR ROOF-FLOOR SLABS ETC. 107 1719
175 STONEWARE JARS 15 356
176 STONEWARE PIPES 45 570
177 STORAGE, TRANSPORT OR DISTT OF PETROL/ NATURAL GAS 637 7225
178 SUGAR 134 7522
179 TEA 121 4758
180 TEA PLANTATION 60 2859
181 TENT MAKING 25 574
182 TEXTILES 6516 468518
183 THEATERS HOLDING DRAMATIC PERFORMANCES 14 435
184 TILES 196 3490
185 TOBACCO INDUSTRY 66 1524
186 TRADING – COMMERCIAL ESTABLISHMENTS 11526 424392
187 TRAVEL AGENCIES 525 11328
188 UNIVERSITY 163 4520
189 UNIVERSITY, COLLEGE, SCHOOL. ETC. 2228 28666
190 WINDING THREAD YARN REELING 85 7144
191 WOOD PRESERVATION PLANTS 10 174
192 WOOD SEASONING KILNS 9 3225
193 WOOD WORKSHOP 334 10943
194 ZOOLOGICAL GARDENS 12 337
  Grand Total 152499 6048510

स्रोतः ईपीएफओ, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय

यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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विकसित भारत संकल्प यात्रा : अन्नदाता हो रहे सशक्त

विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) के माध्यम से भारत सरकार जन-जन तक लाभार्थी योजनाओं को पहुंचाने में जुटी हुई है। यात्रा में शामिल सूचना, शिक्षा एवं संचार वाहनें (आईईसी वैन्स) शहर-शहर, गांव-गांव तक जागरूकता अभियान चला रही हैं। आईईसी वैन्स अब तक एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों तक पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा, 22 दिसंबर 2023 (दोपहर 02:30 बजे) तक, लगभग 4.5 करोड़ लोग वीबीएसवाई में शामिल हुए और 3 करोड़ से अधिक लोगों ने विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया ।

15 नवंबर 2023 को झारखंड के खूंटी से शुरु हुई यह विकसित भारत संकल्प यात्रा, किसानों के लिए विशेष रूप से मददगार साबित हो रही है। इस यात्रा के माध्यम से केंद्र सरकार किसानों को तकनीकी और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने पर विशेष बल दे रही है। इस जन जागरण अभियान के सहारे भारत सरकार किसानों को बीज से बाजार तक के सफ़र को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभा रही है।

उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ के किसान जनक यादव और बिहार के सहरसा जिले के भेलाही पंचायत निवासी नसीरुद्दीन ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है। दोनों किसानों ने “पीएम-किसान” योजना को बहुत लाभकारी बताते हुए कहा कि ये गरीब किसानों के लिए बहुत अच्छी योजना है। इससे कृषकों को मदद मिलती है।

केंद्र सरकार विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से किसानों को तकनीक से भी जोड़ने का अथक प्रयास कर रही है। यात्रा के दौरान तकरीबन सभी ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन से खेतों में छिड़काव कर किसानों को दिखाया जा रहा है, इसके साथ ही ड्रोन से फसलों की जांच करना भी सिखाया जा रहा है। ऐसा ही एक प्रदर्शन असम के बक्सा जिले में भी देखने को मिला जिसमें कृषकों को ड्रोन से फसलों का निरीक्षण करना सिखाया गया। प्रदर्शन देखने के बाद एक किसान रोनित सिंह ब्रह्मा ने अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा, ‘आज, हमने ड्रोन को हमारी सरसों की फसलों का परीक्षण करते देखा और हम उसकी दक्षता से प्रभावित हुए। इससे हमें एहसास हुआ कि इस तकनीक को अपनाने से समय की बचत तो होगी ही साथ ही श्रम लागत में भी कमी आएगी।”

रोनित सिंह ब्रह्मा

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उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद के निवासी और आत्मा योजना के लाभार्थी श्री रामगोपाल चौधरी ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत चल रहे अभियान में अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कृषि गतिविधियों के लिए आधुनिक मशीनरी के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त करने का अपना सुखद अनुभव व्यक्त किया। उन्होंने आगे बताया कि आधुनिक पद्धति से खेती करने से उनकी लागत में भी कमी आई है और उनकी आय भी बढ़ी है।

रामगोपाल चौधरी

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केन्द्र सरकार ने राज्यों को कर हस्तांतरण की अतिरिक्त किस्त के रूप में 72,961.21 करोड़ रुपये जारी किए गए

आगामी त्योहारों के सीजन और नववर्ष को मद्देनजर, केंद्र सरकार ने विभिन्न सामाजिक कल्याण उपायों और बुनियादी ढांचागत विकास योजनाओं के वित्तपोषण के लिए राज्य सरकारों की मदद के लिए 72,961.21 करोड़ रुपये की कर हस्तांतरण राशि की अतिरिक्त किस्त को भी स्वीकृति दी है।

यह किस्त, 10 जनवरी 2024 को राज्यों को देय कर हस्तांतरण और 11 दिसंबर 2023 को पहले जारी की गई 72,961.21 करोड़ रुपये की किस्त, के अतिरिक्त है।

दिसंबर, 2023 के लिए केंद्रीय करों और शुल्कों की कुल प्राप्ति का राज्य-वार वितरण:

 

क्रम संख्या राज्य कुल राशि
  •  करोड़ में )
1 आंध्र प्रदेश 2952.74
2 अरुणाचल प्रदेश 1281.93
3 असम 2282.24
4 बिहार 7338.44
5 छत्तीसगढ़ 2485.79
6 गोवा 281.63
7 गुजरात 2537.59
8 हरियाणा 797.47
9 हिमाचल प्रदेश 605.57
10 झारखंड 2412.83
11 कर्नाटक 2660.88
12 केरल 1404.50
13 मध्य प्रदेश 5727.44
14 महाराष्ट्र 4608.96
15 मणिपुर 522.41
16 मेघालय 559.61
17 मिजोरम 364.80
18 नागालैंड 415.15
19 ओडिशा 3303.69
20 पंजाब 1318.40
21 राजस्थान 4396.64
22 सिक्किम 283.10
23 तमिलनाडु 2976.10
24 तेलंगाना 1533.64
25 त्रिपुरा 516.56
26 उत्तर प्रदेश 13088.51
27 उत्तराखंड 815.71
28 पश्चिम बंगाल 5488.88
  कुल 72961.21

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रीअमित शाह ने आज राज्य सभा में भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 पर चर्चा का जवाब दिया, सदन ने चर्चा के बाद तीनों विधेयकों को पारित किया

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगभग 150 वर्ष पुराने आपराधिक न्याय प्रणाली को चलाने वाले तीनों कानूनों में पहली बार भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले परिवर्तन किए गए हैं

अब भारत के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में एक नए युग की शुरूआत होगी, जो पूर्णतया भारतीय होगा

हमारी आपराधिक न्यायिक प्रणाली भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों से चलेगी

मोदी जी ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाई है और आने वाले इन नए कानूनों की आत्मा, सोच, शरीर सब भारतीय है

मोदी सरकार द्वारा लाए इन कानूनों से संगठित अपराध पर नकेल कसी जाएगी

नए कानूनों के आने के बाद गरीब से गरीब व्यक्ति को जल्दी न्याय मिलेगा

इन कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद तारीख पर तारीख का ज़माना खत्म हो जाएगा

भारतीय न्याय के मूल विचार विश्व के सभी न्यायिक विचारों में सबसे उदार और महान हैं और ये नए कानून उन्ही विचारों से प्रेरित हैं

स्वराज का मतलब स्वशासन नहीं होता, बल्कि स्वधर्म, स्वभाषा, स्वसंस्कृति और स्वशासन को प्रस्थापित करना है

हमारा इतिहास नहीं है बोल कर भूल जाना… मोदी जी जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं

हमने विक्टिम-सेन्ट्रिक कानून बनाए हैं, इसका उद्देश्य पीड़ित को न्याय देने और उसके आत्मसम्मान व गरिमा को पुनर्स्थापित करना है

इन कानूनों पर अमल होने के बाद FIR से लेकर फैसले तक पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी

इनमें जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर और 2027 तक देशभर के सभी मामलों के रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज़ करने का प्रावधान भी किया गया है

मोदी सरकार ने आज इस देश के कानून में से राजद्रोह को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया है, लेकिनभारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ कोई कुछ करेगा तो उसे कठोरतम सजा मिलेगी

मोदी जी ने आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए आतंकवाद की परिभाषा को इसमें शामिल किया है

तकनीक के उपयोग के साथ पुलिस, वकील और कोर्ट के लिए समयसीमा तय कर जल्द न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है

आजादी के बाद सबसे कम मॉब लिंचिंग की घटनाएं मोदी जी के कार्यकाल में हुई है

हमने कहा था कि न्याय मिलने की गति बढ़ाएंगे, कानूनों का सरल, भारतीय बनाएंगे और न्यायिक और न्यायालय प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे और मोदी जी ने आज ये भी कर दिखाया है

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज राज्य सभा में भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 पर चर्चा का जवाब दिया। सदन ने चर्चा के बाद तीनों विधेयकों को पारित कर दिया। लोक सभा ने बुधवार, 20 दिसंबर 2023 को इन विधेयकों को पारित कर दिया था।

चर्चा का जवाब देते हुए श्री अमित शाह ने कहा किसंसद से ये तीनों विधेयक पारित होने पर भारत के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में एक नए युग की शुरूआत होगी, जो पूर्णतया भारतीय होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के 75 सालों बाद इस देश में सारे कोलोनियल कानूनों में बदलाव कर या समाप्त कर भारत की आत्मा को प्रस्थापित करने की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि इन तीनों कानूनों को वर्ष 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज़ों के शासन की रक्षा के लिए बनाया गया था और इनमें कहीं भारतीय नागरिकों, उनके सम्मान, मानवाधिकारों की सुरक्षा और निर्बल को संरक्षण देने की व्यवस्था नहीं थी। श्री शाह ने कहा कि पुराने कानूनों में मानव वध और महिला के साथ दुर्व्यवहार को प्राथमिकता न देकर खज़ाने की रक्षा, रेलवे की रक्षा और ब्रिटिश ताज की सलामती को प्राथमिकता दी गई थी। उन्होंने कहा कि आज प्रस्तुत इन तीनों विधेयकों का उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना है। उन्होंने कहा कि भारतीय आत्मा वाले इन तीन कानूनों से हमारी आपराधिक न्यायिक प्रणाली भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों से चलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे पुराणों में स्थापित न्याय की कल्पना विश्व की सभी न्यायिक कल्पनाओं में सबसे अधिक उदार है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इन कानूनों पर अमल होने के बाद FIR से लेकर फैसले तक पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी और तकनीक का सबसे अधिक उपयोग अगर किसी देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में होगा, तो वो भारत में होगा। उन्होंने कहा कि इनमें ज़ीरो एफआईआर, ई-एफआईआर और 2027 तक देशभर के सभी मामलों के रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज़ करने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वराज का मतलब स्वशासन नहीं होता, बल्कि स्वधर्म, स्वभाषा, स्वसंस्कृति और स्वशासन को प्रस्थापित करना है। श्री शाह ने कहा कि 2014 से श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की महान आत्मा को जागृत करने का काम किया है और वही आज भारत के उत्थान का कारण बना है। गृह मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में बैलेंस ऑफ वर्क को बहुत महत्व दिया जाता है और हमारी वर्तमान आपराधिक न्यायिक प्रणाली में ये बिगड़ गया है, लेकिन इन नए कानूनों में हमने इसका खास ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद तारीख पर तारीख का ज़माना खत्म हो जाएगा और 3 सालों में पीड़ित को न्याय देने वाली न्यायिक प्रणाली देश में स्थापित होगी।

श्री अमित शाह ने कहा कि संसद से ये विधेयक पारित होने के बाद हमारी आपराधिक न्यायिक प्रणाली 19वीं सदी से निकलकर 2 सदियों का फासला तय कर सीधे 21वीं सदी में प्रवेश करेगी। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से भारतीय न्याय की मूल अवधारणा से हम पूरे विश्व को परिचित करा सकेंगे और इनके सुफल इस देश की जनता को मिलेंगे। गृह मंत्री ने  कहा कि विश्व की सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक न्याय प्रणाली भारत की 140 करोड़ जनता को उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि आज और आने वाले 100 सालों की तकनीक को नियमों में परिवर्तित कर समाहित किया जा सके, इतनी दूरदृष्टि के साथ तकनीक को इन कानूनों में समाहित किया गया है। श्री शाह ने कहा कि 7 साल से अधिक सज़ा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री की विज़िट को अनिवार्य किया है जिससे कन्विक्शन रेश्यो बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ये नए कानून पारित होने के बाद कश्मीर से कन्याकुमारी औऱ द्वारका से असम तक पूरे देश में एक ही न्याय प्रणाली होगी। श्री शाह ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हम परंपरागत सम्मान को कानून का स्वरूप देने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 75 वर्षों औऱ 4 दशकों से आतंकवाद का दंश झेलने के बाद इस देश के कानून में आतंकवाद की परिभाषा ही नहीं थी, लेकिन मोदी जी ने आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए आतंकवाद की परिभाषा को इसमें शामिल किया है।

गृह मंत्री ने कहा कि इस कानून से राजद्रोह अब देशद्रोह में बदल दिया गया है। उन्होने कहा किमहात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर जैसे लोग राजद्रोह के आरोप में कई साल जेल में रहे और विपक्ष ने भी इसका उपयोग करते हुए आपातकाल के दौरान कई लोगों को जेल में डाल दिया। अब मोदी सरकार राजद्रोह के अंग्रेज़ी कॉन्सेप्ट को समाप्त कर दिया है, शासन के खिलाफ कोई भी बोल सकता है, लेकिन देश के खिलाफ अगर कोई बोलेगा या कुछ करेगा तो इन कानूनों में कठोरतम दंड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि देश महान होता है और इस विचार को इसमें लाया गया है। संगठित अपराध के लिए हमने एक नई व्याख्या जोड़कर इस पर नकेल कसने का काम किया है। छोटे और पहली बार किए गए अपराधों के लिए जेल की जगह पछतावे के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान इसमें किया गया है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के आने के बाद गरीब से गरीब व्यक्ति को जल्दी न्याय मिलेगा। तकनीक के उपयोग के साथ पुलिस, वकील औऱ कोर्ट के लिए समयसीमा तय कर जल्द न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि ज़िलास्तर पर डायरेक्टर ऑफ प्रॉसीक्यूशन रहेगा और जो प्रक्रिया से अलग रहकर अपील की योग्यता पर निर्णय करेगा। श्री शाह ने कहा कि ब्रिटिश संसद द्वारा बनाए कानूनों को समाप्त कर मोदी जी ने भारतीय संसद के गौरव को बढ़ाया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 484 धाराओं वाले CrPC को रिप्लेस करने वाली भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में अब 531 धाराएं रहेंगी, 177 धाराओं को बदल दिया गया है, 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 14 धाराओं को निरस्त किया गया है। भारतीय न्याय संहिता, जो IPC को रिप्लेस करेगी, में पहले की 511 धाराओं के स्थान पर अब 358 धाराएं होंगी, 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सज़ा रखी गई है, 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड रखा गया है और 19 धाराओं को निरस्त किया गया है। इसी प्रकार, भारतीय साक्ष्य विधेयक, जो Evidence Act को रिप्लेस करेगा, में  167 के स्थान पर अब 170 धाराएं होंगी, 24 धाराओं में बदलाव किया गया है, 2 नई धाराएं जोड़ी गई है और 6 धाराएं निरस्त की गई हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि ये नरेन्द्र मोदी सरकार है, जो कहती है वो करती है। हमने कहा था कि धारा 370 और 35ए को हटा देंगे, हटा दिया, आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे औऱ सुरक्षाबलों को फ्री हैंड देंगे, हमने किया। उन्होंने कहा कि इन नीतियों के कारण जम्मू औऱ कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों और नॉर्थईस्ट में हिंसक घटनाओं में 63 प्रतिशत और मृत्यु में 73 प्रतिशत की कमी आई है।हमने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे और 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर में राम लला विराजमान होंगे। हमने कहा था कि संसद औऱ विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देंगे, हमने सर्वानुमति से देकर देश की मातृशक्ति को सम्मानित करने का काम किया। हमने कहा था कि न्याय मिलने की गति बढ़ाएंगे, कानूनों का सरल, भारतीय बनाएंगे और न्यायिक और न्यायालय प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे और मोदी जी ने आज ये भी कर दिखाया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाई है और आने वाले इन नए कानूनों की आत्मा, सोच, शरीर सब भारतीय है। गृह मंत्रालय ने 2019 से इन तीनों पुराने कानूनों में परिवर्तन लाने के लिए गहन विचार-विमर्श शुरू किया था। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के संबंध में कुल 3200 सुझाव प्राप्त हुए थे और इन तीनों कानूनों पर विचार के लिए उन्होंने स्वयं 158 बैठकें कीं। श्री शाह ने कहा कि 11 अगस्त, 2023 को इन तीनों नए विधेयकों को गृह मंत्रालय की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजा गया था और समिति के 72 प्रतिशत अराजनीतिक सुझावों को स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक ICJS के माध्यम से देश के 97% पुलिस स्टेशन को कम्‍प्‍यूराइज्‍ड करने का काम समाप्त कर दिया गया है और 82 प्रतिशत पुलिस स्टेशन्स का रिकॉर्ड भी डिजिटाइज़ हो चुका है। श्री शाह ने कहा कि अब तक ICJS के माध्यम से 8 करोड़ जितनी एफआईआर का डेटा ऑनलाइन कर लिया है, ई-कोर्ट, ई-प्रिज़न, ई-प्रॉसीक्यूशन औऱ ई-फॉरेन्सिक का प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं। आईसीजेएस के माध्यम से फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, थाना, गृह विभाग, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ऑफिस, जेल और कोर्ट एक ही सॉफ्टवेयर के तहत ऑनलाइन होने जा रहे हैं। सभी प्रकार के डेटाबेस को इंटीग्रेट करने का काम भी हो रहा है जिससे सभी प्रकार के अपराधों पर नकेल कसी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि ये नरेन्द्र मोदी सरकार है जो प्लानिंग और नतीजे के साथ काम करती है। हर जिले और थाने में पुलिस अधिकारी को पदनामित किया है जो गिरफ्तार लोगों की सूची बनाकर उनके संबंधियों को इन्फॉर्म करेगा।3 वर्ष से कम कारावास के मामलों में 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों और महिलाओं की गिरफ्तारी के नियम भी पुख्ता किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने विक्टिम-सेन्ट्रिक कानून बनाए हैं, इसका उद्देश्य पीड़ित को न्याय देने, उसके आत्मसम्मान और गरिमा को पुनर्स्थापित करना है। एवीडेंस, तलाशी और जब्ती में वीडियो रिकॉर्डिंग का कंपलसरी प्रोविजन किया गया है, जिससे किसी को फ्रेम करने की संभावनाओं में बहुत कमी आएगी।

श्री अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने आज इस देश के कानून में से राजद्रोह को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि भारत की एकता, अखंडता औऱ संप्रभुता के खिलाफ कोई कुछ करेगा तो उसे कठोरतम सज़ा मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमने देशद्रोह की परिभाषा में उद्देश्य और आशय की बात की है और अगर उद्देश्य देशद्रोह का है, तो आरोपी को कठोर से कठोर दंड मिलना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए भी इन कानूनों में कई प्रावधान किए गए हैं।18 वर्ष से कम उम्र की महिला के बलात्कार के अपराध में आजीवन कारावास औऱ मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि गैंगरेप के मामलों में 20 साल या ज़िंदा रहने तक की सज़ा का प्रावधान किया गया है। श्री शाह ने कहा कि आज़ादी के 75 सालों के बाद पहली बार आतंकवाद को आपराधिक न्याय प्रणाली में जगह देने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। डायनामाइट, विस्फोटक पदार्थ, ज़हरीली गैस, न्यूक्लीयर का उपयोग जैसी घटनाओं में कोई भी मृत्यु होती है, तो इसका ज़िम्मेदार आतंकवादी कृत्य में लिप्त माना जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि इस परिभाषा से इस कानून के दुरुपयोग की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है, लेकिन जो आतंकवादी कृत्य करते हैं उन्हें कठोर से कठोर सज़ा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 70 हज़ार से अधिक लोग आतंकवाद की बलि चढ़े हैं और अब इसमें 70 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि गैरइरादतन हत्या के मामले में पुलिस के पास जाने और पीड़ित को अस्पताल  ले जाने के मामले में कम सज़ा का प्रावधान किया है। श्री शाह ने  कहा कि हिट एंड रन केस में हमने 10 साल की सज़ा का प्रावधान किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद सबसे कम मॉब लिंचिंग के अपराध नरेन्द्र मोदी जी के साढ़े 9 सालों में हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के माध्यम से जल्द न्याय मिले, इसके लिए इन कानूनों में पुलिस, वकील और न्यायाधीश के लिए समयसीमा रखने का काम भी किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि अब पुलिस को शिकायत के 3 दिनों में ही FIR दर्ज करनी होगी और 3 से 7 साल की सज़ा वाले मामले में प्रारंभिक जांच करके एफआईआर दर्ज करनी होगी। जांच की रिपोर्ट 24 घंटे में और तलाशी की रिपोर्ट ज़्यादा से ज़्यादा 24 घंटे में कोर्ट के सामने रखना होगा। उन्होंने कहा कि अब हमने बिना किसी देर के बलात्कार पीड़िता की मेडिकल जांच रिपोर्ट को 7 दिनों के अंदर पुलिस थाने और न्यायालय में सीधे भेजने का प्रावधान किया है। अब चार्जशीट दाखिल करने की समयसीमा तय कर इसे 90 दिन रखा गया है और इसके बाद और 90 दिन ही आगे जांच हो सकेगी। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट को 14 दिनों में मामले का संज्ञान लेना ही होगा औऱ कार्रवाई शुरू हो जाएगी। श्री शाह ने कहा कि आरोपी द्वारा आरोपमुक्त होने का निवेदन भी 60 दिनों में ही करना होगा। कई मामले ऐसे हैं जिनमें 90 दिनों में आरोपी की अनुपस्थिति में भी ट्रायल कर उन्हें सज़ा सुनाई जा सकेगी और अब मुकदमा खत्म होने के 45 दिनों में ही न्यायाधीश को निर्णय देना होगा। ट्रायल इन एब्सेंशिया के तहत अब अपराधियों को सज़ा भी होगी और उनकी संपत्ति भी कुर्क होगी। इसके साथ ही निर्णय औऱ सज़ा के बीच 7 ही दिनों का समय मिलेगा। उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अपील खारिज करने के 30 दिनों के अंदर ही दया याचिका दाखिल की जा सकती है।

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हर शय “इश्क़ नहीं “…

वक़्त से पूछा मैने .. अब इसका हल क्या है ? …
वक़्त ने कहा … मुझे गुज़र जाने दे ..
मैंने पूछा !! इस दर्द का इलाज क्या है ?
वक़्त ने हसं कर कहा .. .. “थोड़ा सब्र रख “
संभलने में वक़्त तो लगेगा.. इस जहान में हर शय
“इश्क़ नहीं “ जो पल भर में हो जाये….
🌹❤️🌹
दोस्तों ! समुद्र में तूफ़ान आने से कई बार बड़े बड़े

जहाज़ डूब ज़ाया करते हैं
मगर इक लकड़ी का टुकड़ा जो हमे समुद्र से बाहर निकालने की

क्षमता रखता है। किसी ने ठीक ही कहा है कि “सह ले !
हँस कर ,हर सितम ज़िन्दगी का ..
न कर शिकायत … न शिकवा किसी से …बस मान कर चल …तेरे
सब्र में ही तेरा सकून छिपा है।
🌹🌹🌹
जो इन्सान अपनी ज़ुबान से किसी को ग़लत नहीं कहता, गाली गलौज नहीं करता ।अच्छा सोचता है ,हर लम्हा मालिक की याद में रहकर मालिक का नाम जिस की ज़ुबान पर रहे ।ऐसे इन्सान की ज़ुबान में ताक़त आ जाती है उसी ताक़त को वाणी की सिद्धि कहते है और ऐसा इन्सान किसी को कुछ कह दे तो वो सच होने लगता है,
और अगर हाथ सब को देने के लिए ही उठे, सब की मदद करे तो हाथों में बरकत आ जाती है।ऐसे लोग जब दूसरों को आशीर्वाद देते हैं तो वो फलीभूत होने लगता है।
इसी तरह जब आँखे दूसरों मे सिर्फ़ अच्छाई ही देखती है ,कुछ बुरा दिखाई ही नही देता , जिनकी आँखों में सदा करूणा रहती है उनकी नज़र में ताक़त आ जाती है इसी को ही सिद्धी पाना कहते हैं हम ने अक्सर ये सुना होगा कि फ़लाह इन्सान की नज़र हम पर क्या पड़ी ,मेरी तकलीफ़ दूर हो गई।
कभी-कभी हम ये भी कह देते है ,किसी ने हमे जो कहा था ,देखो आज मेरे साथ हो रहा है।
ये सब ताक़ते है ज़रूरी नहीं कि मंत्रों से ही हम सिद्धि पा सकते हैं ।अपने मन करम विचारों से भी हम सिद्धियो के स्वामी बन सकते है। भगवान के यहाँ बस यहीं नियम है कि इन्सान को इन्सान बन कर रहना चाहिए।
मगर काम क्रोध लोभ मोह हम इन्सानों को, इन्सानियत से हैवानियत की तरफ़ मोड़ देता है।
दोस्तों !
इक औरत
बहुत कमाई वाली थी।उसे मै साध्वी कह सकती हूँ
उसके यहाँ उसकी सेवा मे इक औरत रहा करती थी जिसका नाम लौरा था
लौरा आये दिनों बिमार रहने लगी .. वो साध्वी से कहती ,आप मुझे किसी तरह ठीक कर दो .. साध्वी बस मुस्कुरा देती .. और कहती !
लौरा “सह लो अभी “..
मगर लौरा की बिमारी में कोई सुधार नहीं आ रहा था।
इक दिन फिर लौरा ने साध्वी से कहा !
मैंने कितने साल आप की सेवा की है ।आप मुझे ठीक क्यों नहीं करती ।साध्वी ने फिर बड़े प्यार से लौरा के सिर पर हाथ फेर कर कहा!
तभी कह रही हूँ तुम से कि अभी तुम इस बिमारी को सह लो।
लौरा सोचने लगी मैंने ऐसे ही अपना वक़्त बर्बाद कर दिया, इस साध्वी के पीछे लग कर ..
दिन पर दिन लौरा की बिमारी तेज़ी से बढ़ने लगी।
लौरा फिर साध्वी के पास आ कर रो कर कहने लगी अब ये दर्द मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा ,मेरी मदद किजीए ।
मुझे ठीक कर दो .. मै बहुत तकलीफ़ में हूँ ।
इस बार साध्वी ने आँखें बंद करके लौरा के लिए प्रार्थना की और इक पुड़िया लौरा के हाथ में रख दी और कहा !
ये लो विभूति ,इसका सेवन रोज़ करना।मेरे गुरू की किरपा से तुम जल्दी ठीक हो जाओगी.. लौरा को दस बाहर दिनों मे ही असर होने लगा और वो धीरे धीरे ठीक होने लगी ।
कुछ साल लौरा के अच्छे गुज़र गये मगर कुछ सालों बाद लौरा की बीमारी फिर ज़ोरों से आई और लौरा इस संसार को छोड़ कर चली गई।
वक़्त गुजरने लगा।
अब जब भी साध्वी अपने ध्यान में बैठती तो उसे लौरा दिखने लगी ..जो साध्वी के सामने रोया करती ।साध्वी ने कहा !
अब कंयू रोती हो लौरा ?
लौरा कहती !
यहाँ इक दरवाज़ा है सब जीवात्माये अन्दर जा रही है ।जब भी वो दरवाज़ा खुलता है, बहुत अच्छी सुगंध बाहर तक आती है।मै भी वहाँ जाना चाहती हूँ मगर मुझे अन्दर नहीं जाने देते।
बाहर ही रोक लेते हैं ।
जब वजह पूछती हूँ तो कहते हैं कि तुम्हारे करमो की वजह से वो बिमारी आई थी और उन्हीं करमो का तुम्हें भुगतान करना था मगर तुमने उस बिमारी को सहा नहीं , रब की रजा को न मान कर अपनी दख़लंदाज़ी की और रब की रजा में ख़लल डाला। इसी लिए तुम अन्दर नहीं जा सकती ।
लौरा कहने लगी जब आप को सब पता था फिर मुझे उस वक़्त आपने कंयू ठीक किया था।
अब मै जहां हूँ ,वहाँ कुछ भी अच्छा नही है
इक अजीब सी गंध है वहाँ जो असहनीय है।
साध्वी ने लौरा से कहा !
तभी मै कहा करती थी ,अभी यहाँ सह लो ..ताकि तुम्हारा आगे का रास्ता सुखमय हो जाये मगर तुम ही ज़िद्द किया करती थीं अगर उस वक़्त मेरा कहा मान लेती तो तुम भी आज उस ..दरवाज़े से अन्दर जा सकती।
.. दोस्तों
जैसे किसी परिन्दे के पंखों पर बहुत बड़े बड़े पत्थर रख दिये जाये तो वो परिन्दा आसानी से उड़ नहीं सकता है और जब हम करमो को हँस कर सह लेते है
तो करम रूपी पत्थर पँखो से हटने लगते है और रूह हल्की महसूस करने लगती हैं और जब इस संसार को छोडने का वक़्त आता है आसानी से उड़ जाती है .. करमो का यहीं बोझ हमें यहाँ भी तंग करता है और वहाँ भी …..।

जो मिल रहा है उसी में ही शुक्र
करें ।
“दुख सुख उसका ही भेजा हुआ है प्रशाद है “ऐसा मान कर उसे ह्रदय से ग्रहण करें तो ही हम सकून से रह सकते हैं यहाँ भी और फिर आगे के संसार मे भी

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डी जी कॉलेज में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा आरंभ

डी जी कॉलेज, कानपुर में रोड सेफ्टी क्लब के द्वारा सड़क सुरक्षा पखवाड़े के अंतर्गत प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में रैली निकाल कर जनमानस में जागरूकता लाने का कार्य किया गया। इस अभियान में महाविद्यालय की समस्त छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर छात्राओं को सड़क सुरक्षा की शपथ भी दिलवायी गई।प्राचार्य जी के द्वारा अपने वक्तव्य में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा गया कि हमें स्वयं तो यातायात व सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना ही चाहिए अपने परिवार, आस-पड़ोस तथा अन्य व्यक्तियों को भी इन नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत कारगर उपाय साबित हो सकता है, हमें किशोर विभिन्न गतिविधियों के द्वारा गतिशीलता लाने चाहिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय एन सी सी इंचार्ज डॉ मनीष पांडे, कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव तथा अनुराधा सिंह का विशेष योगदान रहा।

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पूर्वोत्तर क्षेत्र में 11,703 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली बिजली परियोजनाएं शुरू की गई हैं: केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री

केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने सूचित किया है कि हमारे देश के उत्तर पूर्वी हिस्से में राज्य बड़ी जलविद्युत क्षमता से संपन्न हैं और सरकार ने क्षेत्र में जलविद्युत विकास में निवेश बढ़ाने के लिए निम्नलिखित पहल की है।

• बड़े हाइड्रो पावर (एलएचपी) (> 25 मेगावाट परियोजनाओं) को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत घोषित करना।

• हाइड्रो खरीद दायित्व (एचपीओ) लागू करना।

• पनबिजली टैरिफ को कम करने के लिए टैरिफ युक्तिकरण उपाय।

• जल विद्युत परियोजनाओं (एचईपी) में बाढ़ नियंत्रण/भंडारण के लिए बजटीय सहायता।

• सक्षम बुनियादी ढांचे, यानी सड़कों/पुलों की लागत के लिए बजटीय सहायता।

• नई पनबिजली परियोजनाओं के लिए अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) शुल्क की पूर्ण 100% छूट, जिसमें निर्माण कार्य सौंपा गया है और पावर खरीद समझौते (पीपीए) पर 30.06.2025 को या उससे पहले हस्ताक्षर किए गए हैं।

जहां निर्माण कार्य सौंपा गया है और 30.06.2025 के बाद पीपीए पर हस्ताक्षर किए गए हैं, वहां आईएसटीएस शुल्क प्रक्षेपवक्र की छूट का विवरण नीचे दिया गया है।

छूट आईएसटीएस शुल्क प्रक्षेप पथ का विवरण जहां निर्माण कार्य सौंपा गया है और पीपीए पर 30.06.2025 के बाद हस्ताक्षर किए गए हैं

 

 

क्रम संख्या निर्माण कार्य का आवंटन+ पीपीए पर हस्ताक्षर आईएसटीएस शुल्क प्रक्षेपवक्र की छूट
1 01.07.2025 to 30.06.2026 75%
2 01.07.2026 to 30.06.2027 50%
3 01.07.2027 to 30.06.2028 25%

छूट कमीशनिंग के 18 साल बाद तक लागू रहेगी

 

पूर्वोत्तर क्षेत्र में 11,703 मेगावाट (ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों से 6,760 मेगावाट और ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों से 4,943 मेगावाट) की कुल स्थापित क्षमता वाली परियोजनाएं शुरू की गई हैं। विवरण नीचे दिया गया है।

 

उत्तर पूर्वी क्षेत्र में स्थित चालू बिजली परियोजनाओं (ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों से) का विवरण (31.10.2023 तक)

 

राज्य परियोजना का नाम ईंधन क्षमता (मेगावाट)
अरुणाचल प्रदेश कामेंग एचपीएस हाइड्रो 600
पारे हाइड्रो 110
रंगनाडी एचपीएस हाइड्रो 405
असम कार्बी लांपी एचपीएस हाइड्रो 100
लकवा जीटी गैस 97
लकवा रिप्लेसमेंट पावर प्रोजेक्ट गैस 70
नामरूप सीसीपीपी गैस 139
कथलगुड़ी सीसीपीपी गैस 291
खोंडोंग एचपीएस हाइड्रो 50
कोपिली एचपीएस हाइड्रो 200
बोंगाईगांव टीपीपी कोयला 750
मणिपुर लीमाखोंग डीजी डीजल 36
लोकतक एचपीएस हाइड्रो 105
मेघालय किर्डेमकुलई एचपीएस हाइड्रो 60
मायटंडू (लेशक)एसट-1 एचपीएस हाइड्रो 126
न्यू उम्त्रू एचपीएस हाइड्रो 40
उमियाम एचपीएस एसटी-I हाइड्रो 36
उमियाम एचपीएस एसटी- IV हाइड्रो 60
मिजोरम तुइरियल एचपीएस हाइड्रो 60
नगालैंड डोयांग एचपीएस हाइड्रो 75
त्रिपुरा अगरतला जीटी गैस 135
मोनारचक सीसीपीपी गैस 101
त्रिपुरा सीसीपीपी गैस 727
बरमुरा जीटी गैस 42
रोखिया जीटी गैस 63
सिक्किम रंगीत एचपीएस हाइड्रो 60
तीस्ता वी एचपीएस हाइड्रो 510
तीस्ता -III एचपीएस हाइड्रो 1,200
ताशीडिंग एचपीएस हाइड्रो 97
रोंगनीचू एचपीएस हाइड्रो 113
चुज़ाचेन एचपीएस हाइड्रो 110
जोरेथांग लूप हाइड्रो 96
डिक्चु एचपीएस हाइड्रो 96

एचपीएस – हाइड्रो पावर स्टेशनजीटी – गैस टर्बाइनसीसीपीपी – कंबाइन साइकल पावर प्लांटएसटी – स्टीम टर्बाइन

 

पूर्वोत्तर क्षेत्र में 30.11.2023 तक ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों की राज्य-वार स्थापित क्षमता

(मेगावाट में)

  राज्य लघु जल विद्युत जैव शक्ति सौर ऊर्जा बड़ी जल विद्युत कुल क्षमता
1 अरुणाचल प्रदेश 133 12 1,115 1,260
2 असम 34 2 156 350 542
3 मणिपुर 5 13 105 123
4 मेघालय 55 14 4 322 395
5 मिजोरम 45 30 60 136
6 नगालैंड 33 3 75 111
7 सिक्किम 55 5 2,282 2,342
8 त्रिपुरा 16 18 34

 

वर्तमान में, देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 6,037 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाली आठ जलविद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। विवरण नीचे दिया गया है।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र में निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजनाओं (25 मेगावाट से अधिक) की सूची

क्रम संख्या परियोजना का नाम क्षेत्र क्षमता निष्पादन के तहत (मेगावाट) समापन का अनुमानित वर्ष
अरुणालच प्रदेश      
1 सुबनसिरी लोअर केंद्रीय 2,000 2023-26 (मई 25)
2 दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना केंद्रीय 2,880 2031-32
(फरवरी 32)
असम      
3 लोअर कोपली राज्य 120 2024-25
(मई 25)
सिक्किम      
4 तीस्ता एसटी VI केंद्रीय 500 2026-27
(अगस्त 26)
5 रंगीत-IV केंद्रीय 120 2024-25 (अगस्त 24)
6 भस्मेय निजी 51
7 रंगीत-II निजी 66
8 पैनन निजी 300

 

इसके अलावा, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र में सत्रह जलविद्युत योजनाओं (कुल 14,589 मेगावाट) को सहमति दे दी है। विवरण नीचे दिया गया है।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र में जलविद्युत योजनाओं के विवरण को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा सहमति प्रदान की गई

 

क्रम संख्या परियोजना का नाम राज्य स्थापित क्षमता (मेगावाट) समापन का अनुमानित वर्ष
तीस्ता एसटी-IV सिक्किम 520 2031-32
तवांग एसटी -I अरुणाचल प्रदेश 600 2031-32 से आगे
वाह-उमियम चरण-III मेघालय 85 2029-30
तवांग एसटी-II अरुणाचल प्रदेश 800 2031-32 से आगे
हेओ अरुणाचल प्रदेश 240 2028-29
ताटो-I अरुणाचल प्रदेश 186 2028-29
ताटो-II अरुणाचल प्रदेश 700 2031-32 से आगे
डेमवे लोअर अरुणाचल प्रदेश 1750 2031-32
कलाई-II अरुणाचल प्रदेश 1200 2031-32 से आगे
तालोंग लोंडा अरुणाचल प्रदेश 225 2031-32
एटालिन अरुणाचल प्रदेश 3,097 2030-31
नफरा अरुणाचल प्रदेश 120 2027-28
हीरोंग अरुणाचल प्रदेश 500 2031-32 से आगे
नायिंग अरुणाचल प्रदेश 1,000 2031-32 से आगे
अटुनली अरुणाचल प्रदेश 680 2030-31
लोअर सियांग अरुणाचल प्रदेश 2,700 2031-32 से आगे
दिखू नगालैंड 186 2030-31

 

यह जानकारी केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने आज, 12 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।

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पीएम-कुसुम के तहत 140 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र और 2.73 लाख स्टैंड-अलोन सौर पंप स्थापित किए गए: केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) के मुख्य उद्देश्यों में कृषि क्षेत्र का डी-डीजलाइजेशन (डीजल के इस्तेमाल को खत्म करना), किसानों को पानी और ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना, किसानों की आय बढ़ाना और पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाना शामिल है। इस योजना के तीन घटक हैं जिनका लक्ष्य कुल 34,422 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ 31.3.2026 तक सौर ऊर्जा क्षमता में 34.8 गीगावॉट की वृद्धि हासिल करना है। योजना की अन्य मुख्य विशेषताएं नीचे दी गई हैं।

पीएम- कुसुम योजना की अन्य मुख्य विशेषताएं

घटक, लक्ष्य और मानदंड उपलब्ध वित्तीय सहायता
यह योजना मांग आधारित है और योजना के लिए जारी दिशानिर्देशों के अनुसार कार्यान्वयन के उद्देश्य से देश के सभी किसानों के लिए खुली हुई है

 

घटक ए: किसानों की बंजर/ परती/ चारागाह/ दलदली/ खेती योग्य भूमि पर 10,000 मेगावाट के विकेन्द्रीकृत ग्राउंड/ स्टिल्ट माउंटेड सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना। ऐसे संयंत्र व्यक्तिगत किसान, सौर ऊर्जा डेवलपर, सहकारी समितियों, पंचायतों और किसान उत्पादक संगठनों द्वारा स्थापित किए जा सकते हैं।

 

घटक बी: ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में 14 लाख स्टैंडअलोन सौर पंपों की स्थापना।

 

घटक सी: (i) व्यक्तिगत पंप सौरीकरण और (ii) फीडर लेवल सौरीकरण के माध्यम से 35 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सौरीकरण।

 

घटक-बी और घटक-सी के तहत व्यक्तिगत किसान, जल उपयोगकर्ता संघ, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां और समुदाय/ क्लस्टर आधारित सिंचाई प्रणालियां लाभार्थी हो सकते हैं।

 

 

 

इस योजना के तहत सौर/ अन्य नवीकरणीय ऊर्जा खरीदने के लिए डिस्कॉम को 40 पैसे/ किलोवाट या 6.60 लाख रुपये/ मेगावाट/ वर्ष, जो भी कम हो, की दर से खरीद आधारित प्रोत्साहन (पीबीआई)। डिस्कॉम को संयंत्र के वाणिज्यिक संचालन की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए पीबीआई दिया जाता है। इसलिए, डिस्कॉम के लिए देय कुल पीबीआई 33 लाख रुपये प्रति मेगावाट है।

 

 

 

घटक-बी और घटक-सी के तहत व्यक्तिगत पंप सौरीकरण के लिए:

एमएनआरई द्वारा जारी बेंचमार्क लागत का 30% सीएफए या निविदा में सामने आईं प्रणालियों की कीमतें, जो भी कम हों, उपलब्ध हैं। हालांकि, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप समूह सहित उत्तर पूर्वी राज्यों में, एमएनआरई द्वारा जारी बेंचमार्क लागत का 50% सीएफए या निविदा में सामने आई प्रणालियों की कीमतें, जो भी कम हो, उपलब्ध हैं।

इसके अलावा, संबंधित राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश को कम से कम 30% वित्तीय सहायता प्रदान करनी होगी। शेष लागत का योगदान लाभार्थी द्वारा किया जाना है। पीएम कुसुम योजना के घटक बी और घटक सी (आईपीएस) को राज्य की 30% हिस्सेदारी के बिना भी लागू किया जा सकता है। केंद्रीय वित्तीय सहायता 30% बनी रहेगी और शेष 70% किसान द्वारा वहन किया जाएगा।

कृषि फीडर सौरीकरण के लिए 1.05 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट का सीएफए प्रदान किया जाता है। इसमें भाग लेने वाले राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश से वित्तीय सहायता की कोई आवश्यकता अनिवार्य नहीं है। फीडर सौरीकरण को कैपेक्स या रेस्को (आरईएससीओ) मोड में लागू किया जा सकता है।

 

पीएम-कुसुम के तहत राज्य-वार लक्ष्य या निधि का आवंटन नहीं किया जाता है क्योंकि यह एक मांग आधारित योजना है। क्षमताओं का आवंटन राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से मिली मांग के आधार पर किया जाता है। इसके अलावा, कुछ लक्ष्य हासिल करने पर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को धनराशि जारी की जाती है।

तमिल नाडु से प्राप्त मांग के आधार पर, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस योजना के तहत अब तक 31.51 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।

राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशवार आवंटित सौर पंप और अब तक इनके लगाए जाने का विवरण नीचे दिया गया है।

पीएम-कुसुम के तहत प्रगति (31.10.2023 तक)

क्र. सं. राज्य घटक-ए (मेगावाट) घटक-बी (संख्या) घटक-सी (संख्या)
स्वीकृत स्थापित स्वीकृत स्थापित स्वीकृत (आईपीएस) स्वीकृत (एफएलएस) स्थापित
1 अरुणाचल प्रदेश 2 0 400 199 0 0 0
2 असम 10 0 4000 0 1000 0 0
3 छत्तीसगढ 30 0 0 0 0 330500 0
4 बिहार 0 0 0 0 0 160000 0
5 गुजरात 500 0 8082 2459 2000 425500 0
6 गोवा 150 0 200 0 0 11000 700
7 हरियाणा 85 2.25 252655 64919 0 65079 0
8 हिमाचल प्रदेश 100 22.45 1580 501 0 0 0
9 जम्मू एवं कश्मीर 20 0 5000 838 4000 0 0
10 झारखंड 20 0 36717 12985 1000 0 0
11 कर्नाटक 0 0 10314 314 0 337000 0
12 केरल 40 0 100 8 45100 25387 2417
13 लद्दाख 0 0 2000 0 0 0 0
14 मध्य प्रदेश 600 11 17000 7134 0 595000 0
15 महाराष्ट्र 700 2 225000 71958 0 275000 0
16 मणिपुर 0 0 150 78 0 0 0
17 मेघालय 0 0 2535 54 0 0 0
18 मिजोरम 0 0 1700 0 0 0 0
19 नगालैंड 5 0 265 0 0 0 0
20 ओडिशा 500 0 5741 1411 40000 10000 0
21 पुदुचेरी 0 0 0 0 0 0 0
22 पंजाब 220 0 78000 12952 186 100000 0
23 राजस्थान 1200 102.5 198884 59732 1144 200000 1375
24 तमिल नाडु 424 0 7200 3187 0 0 0
25 तेलंगाना 0 0 400 0 0 8000 0
26 त्रिपुरा 5 0 8021 2117 2600 0 50
27 उत्तर प्रदेश 155 0 66842 31752 2000 370000 0
28 उत्तराखंड 0 0 3685 318 200 0 0
29 पश्चिम बंगाल 0 0 10000 0 23700 0 20
  कुल 4766 140.2 946471 272916 122930 2912466 4562

 

पीएम कुसुम के लक्ष्यों को समय पर हासिल करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए नए कदमों सहित प्रमुख पहलों में शामिल हैं:

  • पीएम-कुसुम योजना को 31.03.2026 तक बढ़ा दिया गया है।
  • केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) उत्तर-पूर्वी राज्यों, पहाड़ी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों और द्वीप केंद्र शासित प्रदेशों के व्यक्तिगत किसानों और सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च जल स्तर वाले क्षेत्रों में क्लस्टर/ सामुदायिक सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े प्रत्येक किसान के लिए 15 एचपी (7.5 एचपी से बढ़ाकर) तक की पंप क्षमता के लिए उपलब्ध है।
  • किसानों को कम लागत पर वित्तपोषण की उपलब्धता के लिए बैंकों/ वित्तीय संस्थानों के साथ बैठकें।
  • स्टैंडअलोन सौर पंपों की खरीद के लिए राज्य स्तरीय निविदा की अनुमति।
  • कार्यान्वयन के लिए समयसीमा प्रारंभिक मंजूरी की तारीख से 24 महीने तक के लिए बढ़ा दी गई है।
  • घटक-ए और घटक-सी (फीडर लेवल सौरीकरण) के तहत प्रदर्शन आधारित बैंक गारंटी की आवश्यकता में छूट दी गई।
  • योजना के तहत लाभ में बढ़ोतरी में तेजी लाने के लिए इंस्टॉलर आधार को बढ़ाने के लिए निविदा की शर्तों को संशोधित किया गया है।
  • किसानों को सब्सिडी वाले ऋण प्रदान करने के लिए कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) के तहत शामिल योजना के तहत पंपों का सौरीकरण।
  • वित्त तक पहुंच को आसान बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) दिशानिर्देशों के तहत इस योजना को शामिल किया गया है।
  • स्थापना में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए सौर पंपों की विशिष्टताओं और परीक्षण प्रक्रिया को समय-समय पर संशोधित किया गया है।
  • योजना की निगरानी के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर वेब-पोर्टल विकसित किए गए हैं।
  • सीपीएसयू के माध्यम के साथ-साथ अन्य तरीकों से प्रचार और जागरूकता पैदा करना।
  • योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करने में आसानी के लिए टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराया गया है।
  • कार्यान्वयन के दौरान सीखे गए सबकों के आधार पर योजना की प्रगति और स्पष्टीकरण और संशोधन जारी किए जाने की नियमित निगरानी करना।
  • योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं के लिए प्रगति और प्राप्त लक्ष्यों के आधार पर विस्तार दिया गया।
  • घटक ‘सी’ में भूमि एकत्रीकरण (समूहन) प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए योजना के दिशानिर्देशों को 12.07.2023 को संशोधित किया गया है।
  • मंत्रालय ने सितंबर, 2023 के दौरान घटक ‘बी’ के तहत बेंचमार्क लागत जारी की है।
  • दिनांक 20.11.2023 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से अनिवार्य राज्य हिस्सेदारी प्रावधान को हटाने के साथ योजना में संशोधन किया गया है।
  • घटक ‘सी’ के तहत डीसीआर सामग्री की छूट दिनांक 11.09.2023 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से 31.03.2024 तक बढ़ा दी गई है।
  • डीओई ने दिनांक 06.09.2023 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से कम्पोजिट ‘बी’ और ‘सी’ के तहत लक्ष्य को 35 लाख से बढ़ाकर 49 लाख करने की मंजूरी दी।

यह जानकारी केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने आज 12 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।

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