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डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 से लड़ाई में भारत की सफलता पर आयोजित ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजीन (बीएपीआईओ) वेल्स के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बीती कल रात को डिजिटल माध्यम के जरिए निर्माण भवन से ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन्स ऑफ इंडियन ओरिजीन (बीएपीआईओ) वेल्स के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया। उनके इस संबोधन को ‘भारत में कोविड- एक सफल कहानी’ शीर्षक दिया गया।

अपने संबोधन की शुरूआत में डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 महामारी की शुरूआत के बाद से भारत की एक साल की लड़ाई को याद किया। उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी दिसंबर, 2019 में सामने आई और फिर पूरे विश्व में फैल गई। ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण के साथ अन्य देशों की तुलना में हम इस महामारी से लड़ने में कहीं अधिक सक्षम थे। जब डब्ल्यूएचओ ने इसे एक महामारी घोषित किया, उसके एक घंटे के भीतर प्रतिक्रिया देने वाला पहला देश भारत था। आठ जनवरी को योजना शुरू हुई, संपूर्ण देश के लिए दिशानिर्देशों के मसौदे को 17 जनवरी तक तैयार किया गया, विश्व में सूक्ष्म संपर्क पर नजर रखने के साथ उसी दिन व्यापक निगरानी की शुरूआत हुई। भारत उन अग्रणी देशों में एक था, जिसने वायरस को अलग किया था। स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित कर हमने आज प्रयोगशाला सुविधाओं की संख्या को एनआईवी (राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान- पुणे) स्थित एकमात्र प्रयोगशाला से बढ़ाकर 2,362 कर लिया है। कोविड की गंभीरता के आधार पर विभिन्न स्तरों पर लोगों की सेवा करने वाले 15,000 से अधिक सुविधाओं के लिए 19 लाख से अधिक बिस्तरों के प्रावधान तैयार किए गए, आसानी से अलगाव करने के लिए 12,000 क्वारांटीन सेंटर्स का निर्माण किया गया। देश ने प्रतिदिन पांच लाख पीपीई किटों को बनाने के साथ आत्मनिर्भर होने का साहसिक निर्णय लिया। इसके अलावा हमने जैव-भंडारगृह का भी निर्माण किया है, जबकि जीनोम अनुक्रमण भी छह महीने पहले शुरू हुआ था।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, “22 मार्च को जनता कर्फ्यू के लिए प्रधानमंत्री के आह्वाहन पर ध्यान दिया और स्वयं, अपने परिवार और संपूर्ण समाज को इस वायरस से बचाने के लिए खुद इसे लागू किया। इस ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण ने विश्व की सर्वोच्च रिकवरी रेट के पीछे निर्णायक अंतर पैदा किया।” उन्होंने यह भी विस्तार से बताया कि कैसे सरकार ने प्रभावित वर्गों के लिए अगले छह से सात महीनों के लिए भोजन और अन्य सभी बुनियादी जरूरतों का प्रबंध सुनिश्चित कर उनके दर्द को समाप्त करने का काम किया। इसके अलावा विशेष रेलगाड़ियों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक स्थान पर वापस भेजने के भी प्रावधान किए गए।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे सरकार के प्रत्येक और सभी अंगों ने महामारी को नियंत्रित करने का काम किया है। डॉ. हर्षवर्धन ने आगे बताया, “सभी प्रयासों के साथ, कोविड को लेकर उपयुक्त व्यवहार सीखाना महत्वपूर्ण था, जिसके के लिए हमारे प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत तौर पर राष्ट्र को आठ से नौ बार संबोधित किया, कोविड उपयुक्त व्यवहार की जानकारी देने के लिए कॉलर ट्यून सेट किया गया, नजदीक स्थित संक्रमित व्यक्ति के बारे में चेतावनी देने का काम आरोग्य सेतु एप ने किया, 16 करोड़ लोगों ने इसे डाउनलोड किया।”

केंद्रीय मंत्री ने देश द्वारा सामना किए गए निरंतर पूर्वाग्रहों को भी सामने लाया। उन्होंने कहा कि शीर्ष विश्वविद्यालयों से जुड़े कई आलोचकों ने 30 से 40 करोड़ मामले और 60 लाख मौत के अनुमान के साथ देश के लिए कयामत की आंशका जाहिर की थी। इसके विपरित भारत में कुल मामलों की संख्या एक करोड़ 70 हजार (इनमें एक करोड़ 40 हजार स्वस्थ हो चुके हैं) है, सक्रिय मामलों की संख्या कुल मामलों का 1.58 फीसदी है। वहीं रिकवरी रेट 97 फीसदी पहुंच चुका है, जबकि मृत्यु दर कुल मामलों का 1.44 फीसदी है, जो विश्व में सबसे कम है।

डॉ. हर्षवर्धन ने टीके के विकास और परीक्षण में अमूल्य योगदान के लिए वैज्ञानिक समुदाय के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हमारे सभी वैज्ञानिक इस अवसर पर सामने आकर टीके के विकास को लेकर अथक प्रयास किए हैं। वास्तविक समय सूचना के साथ टीकाकरण गतिविधि को सहायता देने के लिए अद्वितीय डिजिटल प्लेटफॉर्म- कोविन (कोविड पर जीत) को विकसित किया गया है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि टीका सही लोगों को सही समय पर दिया जा रहा है। देश में विकास के विभिन्न चरणों के तहत कई टीकों में से दो टीकों को जनवरी, 2021 में भारतीय नियामकों द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकार दिया गया था।” उन्होंने आगे कहा, “भारत टीकों के सबसे बड़े वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं में से एक है और विश्व के लगभग 60 फीसदी टीकों का उत्पादन करता है। अपने स्वास्थ्यकर्मियों को कवर करने के लिए और वैश्विक स्तर पर टीके के निर्यात के लिए इसके उत्पादन में बढ़ोतरी की गई है। जल्द ही भारत अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों के टीकाकरण का काम शुरू करेगा।” टीकाकरण एवं संचार और राष्ट्रीय मीडिया त्वरित प्रतिक्रिया समूह की स्थापना के लिए रणनीतिक कोविड-19 संचार रणनीति की व्याख्या करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “टीकाकरण के लिए कोविड-19 संचार रणनीति को स्पष्ट, सुसंगत और पारदर्शी संदेश के माध्यम से टीके को लेकर विश्वास निर्मित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार किया गया और कोविड-19 टीकों के बारे में सही जानकारी प्रदान करने, टीके को लेकर दुविधा एवं टीका उत्सुकता को संबोधित करने और कोविड उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। लोगों द्वारा आम तौर पर पूछे जाने वाले सवालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में एक राष्ट्रीय मीडिया त्वरित प्रतिक्रिया समूह का गठन और स्वास्थ्यकर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों की जानकारी को मंत्रालय की वेबसाइट पर विकसित और अपलोड किया गया। मीडिया चैनल्स, रेडियो जॉकी, प्रोड्यूसर्स एवं प्रोग्रामिंग प्रमुख, क्षेत्री पीआईबी प्रमुख कोविड-19 टीकाकरण पर उन्मुख थे। कोविड-19 टीकाकरण अभियान अब तक का विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है, जिसकी शुरूआत 16 जनवरी, 2021 को प्रधानमंत्री ने की। पहले दिन 68,000 से अधिक सत्रों में 35,00,027 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया। यह पूरे विश्व में पहले दिन पर टीका लगाने वाले लाभार्थियों की सबसे अधिक संख्या है।”

डॉ. हर्षवर्धन ने इस अभ्यास के समन्वय के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसके लिए राज्य संचालन समिति, राज्य कार्य बल, जिला कार्य बल, प्रखंड/शहरी कार्य बल के माध्यम से शासन और निगरानी तंत्र स्थापित करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं। वहीं मंत्रालयों/विभागों, पेशेवर निकायों, मेडिकल कॉलेजों, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), नागरिक समाज संगठन (सीएसओ), मीडिया हाउस, निजी क्षेत्र, युवा और महिला नेटवर्क को कार्यान्वय में ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण के साथ एक जनभागीदारी आंदोलन के रूप में शामिल किया गया।

कोविड के साथ अपने प्रयासों के दौरान भारत द्वारा प्राप्त की गई सफलताओं जैसे; ई-संजीवनी टेलिमेडिसिन प्रोजेक्ट और महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के सारे पहलू पर समय की कमी के बीच डॉ. हर्षवर्धन ने विस्तार से बताया कि आजादी के 75वें वर्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया के दृष्टिकोण के साथ वे कैसे योग्य हैं। नया भारत बनाने का आह्वाहन उन श्रोताओं के साथ गूंजता है, जिनकी जड़ें भारत में हैं। इस महामारी के समाप्त होने के बाद इन परिवर्तनकारी नीतियों के विस्तृत अध्ययन करने के लिए आयोजकों ने डॉ. हर्षवर्धन को शारीरिक रूप से आमंत्रित करने का वचन दिया।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में व्याख्यान श्रंखला ऑन केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ कार्यक्रम आयोजित

क्राइस्ट चर्च कॉलेज में आज एक व्याख्यान श्रंखला ऑन केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ कार्यक्रम का दूसरे लेक्चर का आयोजन किया गया

कार्यक्रम में सभी छात्रों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता ने किया।इस कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रार्थना से जैस्मीन मैम द्वारा की गई। क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल ने छात्रों को रसायन विज्ञान की श्रंखला की अहमियत बताई। इसमें शामिल रही श्रद्धा सिन्हा जो कि नॉर्थ जोन के वाइस प्रेसिडेंट है। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ श्वेता चंद्र ने किया, इस श्रंखला का आयोजन कार्यक्रम संयोजिका डॉ मीत कमल के संरक्षण में किया गया। इस कार्यक्रम में हमारे अतिथि वक्ता रहे डॉ रोहित सिंह चौहान जो रसायन विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं केजेएस कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स जिन्होंने रसायन के महत्वपूर्ण विषय ट्रांजिशन मेटल के बारे में जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में रसायन विज्ञान की शिक्षिका डॉ ज्योत्स्ना लाल व अन्य शिक्षक डॉ सौरभ सिंह, डॉ अवधेश, डॉ मनोज इत्यादि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक छात्र मौजूद थे, अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ ए के नैथेनियल द्वारा किया गया।

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शिक्षा शास्त्र विभाग, एस.एन.सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज द्वारा अभिविन्यास् कार्यक्रम आयोजित

शिक्षा शास्त्र विभाग, एस.एन.सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज द्वारा आज दिनांक 02/02/2021 को परास्नातक प्रथम वर्ष की छात्राओं के लिए ‘अभिविन्यास कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का औपचारिक आरंभ प्राचार्य डॉ.निशा अग्रवाल, मुख्य अतिथि डॉ.नूतन वोहरा एवं संयोजिका डॉ चित्रा सिंह तोमर ने दीप प्रज्वलन के माध्यम से किया। तत्पश्चात एम. ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा हिना भारती ने गणेश वंदना पर नृत्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की मुख्य श्रृंखला में एम. ए. प्रथम वर्ष की छात्राओं को बैज एवं उपहार प्रदान कर विभाग एवं महाविद्यालय परिवार में उनका स्वागत किया गया। इसके पश्चात छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति दी । अर्शी अख्तर,चिया यादव ने भाषण एवं पारुल गुप्ता ने अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत कर शिक्षा शास्त्र विभाग को भेंट की। छात्राओं ने ‘कोरोना के समय शिक्षा को जारी रखने पर जागरूकता हेतु एक एकांकी’ प्रस्तुत की साथ ही अर्शी, हिना ,साक्षी और अर्चना के समूह नृत्य ने सभा को भावविभोर कर दिया। इसके पश्चात मुख्य अतिथि डॉ नूतन वोहरा ने छात्राओं को संबोधित कर आशीर्वचन दिए एवं उन्होंने आत्म सम्मान एवं अपने ‘स्व’ को स्वीकार करने के विषय पर छात्राओं को प्रोत्साहित किया। तत्पश्चात कार्यक्रम संयोजिका डॉ चित्रा सिंह तोमर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की।

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सिनेमा हॉल का संचालन 100 प्रतिशत क्षमता के साथ किया जा सकता है, श्री प्रकाश जावडेकर ने फिल्म प्रदर्शन के लिए एसओपी जारी किया

केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज सिनेमा हॉल और थियेटर में कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी निवारक उपायों पर एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की। निर्णय की घोषणा करते हुए मंत्री श्री जावडेकर ने कहा कि अब सिनेमा हॉल पूरी क्षमता के साथ काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, लेकिन लोग थिएटरों के अंदर स्टालों से खाद्य-सामग्री खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण लगाए गए प्रतिबंध समाप्त होने के कगार पर हैं।

गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने आदेश संख्या 40-3 / 2020 डीएम-I (ए) दिनांक 27 जनवरी, 2021 के द्वारा सिनेमा हॉल और थियेटर को खोलने की अनुमति दी है। इसी पृष्ठभूमि में यह एसओपी जारी किया गया है।

एसओपी शुरुआत में ही कहता है कि नियंत्रित क्षेत्रों (कांटेंनमेंट जोन) में फिल्म-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी और राज्य / केंद्र शासित प्रदेश, अपने क्षेत्रीय आकलन के आधार पर अतिरिक्त उपायों का प्रस्ताव दे सकते हैं। एसओपी में सिनेमा हॉल के अंदर सौ प्रतिशत बैठने की क्षमता के उपयोग की अनुमति दी गयी है।

एसओपी स्पष्ट करता है कि परिसर के अंदर कोविड से संबंधित सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाना चाहिए। सामान्य दिशानिर्देशों में कहा गया है कि श्वसन शिष्टाचार का पालन किया जाना चाहिए, जिसमें फेस मास्क का उपयोग तथा सभागार के बाहर, सामान्य क्षेत्रों और प्रतीक्षा क्षेत्रों में हमेशा एक-दूसरे से न्यूनतम 6 फीट की दूरी बनाए रखना शामिल हैं, थूकना निषिद्ध होगा और आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग प्रवेश-द्वार पर की जाएगी और बाहर निकलने के दौरान भीड़ से बचने के लिए कतारबद्ध तरीके से निकासी की व्यवस्था की जानी चाहिए। सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल और कई स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स में एक शो के ख़त्म होने तथा दूसरे शो के शुरू होने के बीच पर्याप्त समय अंतराल सुनिश्चित किया जाना चाहिए और कतारबद्ध तरीके से दर्शकों के प्रवेश व बाहर निकलने की व्यवस्था की जानी चाहिए। भीड़ से बचने के लिए कई स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स में शो के समय में पर्याप्त अंतराल सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

एसओपी टिकटों, खाद्य और पेय पदार्थ आदि के भुगतान के लिए संपर्क-रहित डिजिटल लेनदेन के उपयोग को बढ़ावा देता है। पर्याप्त संख्या में बॉक्स ऑफिस काउंटर खोले जाने चाहिए और काउंटर पर पूरे दिन टिकटों की खरीद की व्ययस्था होनी चाहिए। भीड़ से बचने के लिए बिक्री काउंटरों पर अग्रिम बुकिंग की सुविधा होनी चाहिए।

पूरे परिसर की स्वच्छता पर जोर देते हुए, एसओपी में कहा गया है कि पूरा  परिसर, सामान्य सुविधाओं और मानव संपर्क में आने वाले सभी बिंदुओं जैसे हैंडल, रेलिंग, आदि की बार-बार साफ़-सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए और प्रत्येक स्क्रीनिंग के बाद ऑडिटोरियम को सेनिटाईज किया जाना चाहिए।

एसओपी में कोविड के खिलाफ जन जागरूकता के लिए विशिष्ट उपायों के बारे में बताया गया है। घोषणा, स्टैंड, पोस्टरों आदि के माध्यम से पूरे परिसर में ‘क्या करें’ और ‘क्या ना करें’ का प्रदर्शन किया जाना चाहिए।

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 भारतीय तटरक्षक बल  मना रहा हैअपना 45वां स्थापना दिवस

भारतीय तटरक्षक बल 1 फरवरी 2021 को अपना 45वां स्थापना दिवस मना रहा है। 1978 में केवल 7 जमीनी प्लेटफार्मों के साथ एक साधारण शुरुआत से आज आईसीजी अपनी सूची में 156 जहाजों और 62 विमानों के साथ एक अजेय सेना बन चुका है और 2025 तक 200 जमीनी प्लेटफार्मों और 80 विमानों के लक्षित बल प्राप्त करने की संभावना है।

दुनिया में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में, भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट को सुरक्षित करने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने आदर्श वाक्य “वयम रक्षाम” का अर्थ “हम रक्षा करते हैं”। भारतीय तटरक्षक बल ने 1977 में स्थापना के बाद से 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाने और लगभग 14,000 बदमाशों को पकड़ने का काम किया है।

कोविड-19 महामारी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, भारतीय तटरक्षक बल ने लगभग 50 जहाजों और 12 विमानों को दैनिक रूप से तैनात करके, महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में 24×7 सतर्कता बनाए रखी है। समुद्र में हवाई निगरानी सेवा की मदद से वर्ष 2020 में भारतीय ईईजेड जोन में अवैध रूप से काम कर रहे 80 उपद्रवियों के साथ लगभग 1,500 करोड़ मूल्य की 10 से अधिक विदेशी मछली पकड़ने की नौकाओं को जब्त किया। भारतीय तटरक्षक बल द्वारा एक साल पहले निवारक और सोची-समझी प्रक्रिया के तहत पिछले साल 11 चक्रवातों के दौरान लगभग 40,000 मछुआरों के साथ 6,000 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सुरक्षित बंदरगाह पर ले जाया गया। इससे बड़े पैमाने पर समुद्री जान-माल का नुकसान से बचाया गया।

माननीय प्रधानमंत्री की ‘सागर’ दृष्टि के अनुरूप- सुरक्षा और क्षेत्र में सभी की प्रगति, भारतीय तटरक्षक बल ने श्रीलंका के 333 मीटर लंबे बहुत बड़े क्रूड कार्टर मोटर टैंकर न्यू डायमंड जिसमें तीन लाख मैट्रिक टन कच्चा तेल था जिसमें आग लग गयी थी को बचाने का काम किया जिससे एक बड़ी पारिस्थितिक आपदा टल गई। इसके अलावा, आईसीजी ने मर्चेंट वेसेल वेकेशियो की ग्राउंडिंग के दौरान मॉरीशस को प्रदूषण प्रतिक्रिया सहायता प्रदान की और प्रशिक्षण के अलावा 30 टी प्रदूषण उपकरण प्रदान किए। इसके साथ आईसीजी समुद्री देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने और अपनी अधिकार वाले क्षेत्र में और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सहयोग कर रहा है।

आईसीजी ने समुद्री और नागरिक उड्डयन खोज और बचाव तंत्र का सामंजस्य स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड की बैठक आयोजित की और बड़े पैमाने पर बचाव कार्यों को करने के लिए मौजूदा तंत्र को मान्य करने के लिए एसएआर एक्सरसाइज-2020 (एसएआरईएक्स-2020) के साथ इसका पालन किया। तटीय सुरक्षा और खुफिया समन्वय के लिए, हितधारकों के बीच इंटेलिजेंस साझाकरण की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए एक पहली संगोष्ठी आयोजित की गई थी। यह सेवा केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में भी काम कर रही है ताकि एक मजबूत तटीय सुरक्षा तंत्र बनाया जा सके।

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने राष्ट्र के लिए 44 शानदार वर्ष पूरे करने पर भारतीय तटरक्षक बल को बधाई दी और समुद्री क्षेत्रों में देश के हितों की खोज में सेवा द्वारा निभाई गई उल्लेखनीय भूमिका की सराहना की।

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तेलंगाना को पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 179 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी मिली; राज्य को यह अतिरिक्त राशि प्रोत्साहन के रूप में चार नागरिक केंद्रित सुधारों में से तीन को पूरा करने के बाद मिली है

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने तेलंगाना को पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 179 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। यह पहले राज्य में स्वीकृत 179 करोड़ रुपये की पूंजी परियोजनाओं के अतिरिक्त है। राज्य को यह अतिरिक्त राशि चार नागरिक केंद्रित सुधारों में से वन नेशन, वन राशन कार्ड,  ईजी ऑफ डूइंग बिजनेस (बिजनेस करना आसान) और शहरी स्थानीय निकाय सुधार के उपक्रमों के लिए प्रोत्साहन के रूप में मंजूरी दी गई है। परियोजनाओं को “पूंजी परियोजनाओं के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता” की नई लॉन्च की गई योजना के तहत अनुमोदित किया गया है।

तेलंगाना देश का दूसरा  ऐसा राज्य बन गया है, जिसे इस योजना के तहत अतिरिक्त पूंजी दी गई है। इससे पहले मध्य प्रदेश को पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 660 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी दिया गया। राज्य को यह अतिरिक्त राशि चार नागरिक केंद्रित सुधारों में से तीन को पूरा करने के बाद मिली थी। राज्यों द्वारा सुधारों के लिए भारत सरकार द्वारा पहचाने जाने वाले नागरिक-केंद्रित क्षेत्र वन नेशन, वन राशन कार्ड रिफॉर्म्स, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म्स, पावर सेक्टर रिफॉर्म्स और अर्बन लोकल बॉडीज रिफॉर्म्स हैं।

179 करोड़ की अतिरिक्त स्वीकृत राशि में से, राज्य को पहली किस्त के रूप में 89.50 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई है। तेलंगाना राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त पूंजी से की जाने वाली सभी पूंजी परियोजनाएं सड़क क्षेत्र में हैं।

वित्त मंत्री द्वारा 12 अक्टूबर, 2020 को आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत “राज्यों को विशेष सहायता” की योजना की घोषणा की गई थी। इस योजना का उद्देश्य राज्य सरकारों द्वारा पूंजीगत व्यय को बढ़ाना है, जो इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण राजस्व में कमी  के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। अर्थवस्था को रफ्तार देने के लिए पूंजीगत खर्च का कई स्तरों पर पर असर होता है। जिसका फायदा ऊंजी आर्थिक विकास दर के रूप में दिखता है। इसलिए, केंद्र सरकार ने प्रतिकूल वित्तीय परिस्थिति के बावजूद, वित्त वर्ष 2020-21 में पूंजीगत व्यय के संबंध में राज्य सरकारों को विशेष सहायता देने का निर्णय लिया था।

इस योजना को राज्य सरकारों ने गर्मजोशी से स्वागत किया है। वित्त मंत्रालय द्वारा अब तक 27 राज्यों को 10835.50 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत पहली किस्त के रूप में राज्यों को 5417.70 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। राज्यवार आवंटन, दी गई मंजूरी और जारी किए गए फंड संलग्न हैं। तमिलनाडु ने इस योजना का लाभ नहीं उठाया है।

स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, जल आपूर्ति, सड़क और पुल, सिंचाई, बिजली, परिवहन, शिक्षा, शहरी विकास जैसे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी व्यय परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

योजना के तीन भाग हैं। योजना के भाग-1 में उत्तर-पूर्वी और पर्वतीय राज्यों को शामिल किया गया है। इसके तहत, 7 पूर्वोत्तर राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा) में से प्रत्येक को 200 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं और 450 करोड़ रुपये की राशि, प्रत्येक पर्वतीय राज्यों (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड) को आवंटित की गई है। साथ ही असम राज्य में अधिक जनसंख्या और ज्यादा भौगोलिक क्षेत्र को देखते हुए, उसे योजना के तहत 450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है।

योजना के भाग- 2 में वह राज्य शामिल किए गए हैं, जो पहले भाग में शामिल नहीं है। इस भाग के लिए 7,500 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। यह राशि इन राज्यों को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 15वें वित्त आयोग द्वारा केंद्रीय कर में हिस्से के तहत तय अनुपात के आधार पर राज्यों को आवंटित की गई है।

योजना के भाग-3 का उद्देश्य राज्यों में विभिन्न नागरिक-केंद्रित सुधारों को आगे बढ़ाने का है। इस भाग के तहत 2000 करोड़ रुपये की राशि अनुमोदित की गई है। यह राशि केवल उन राज्यों को उपलब्ध होगी जो वित्त मंत्रालय द्वारा 17 मई 2020 को तय किए गए 4 सुधारों में से कम से कम 3 को , 15 फरवरी, 2021 तक लागू कर, उस संबंध में अपनी सिफारिशें नोडल मंत्रालय को भेजेंगे।

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भारतीय रेलवे ने अब तक 18 रूटों पर किसान रेल सेवाएं संचालित करना शुरू कर दिया है

केन्द्रीय बजट 2020-21 में की गई घोषणा के अनुसार भारतीय रेलवे ने दूध, मीट और मछली सहित जल्दी ख़राब होने वाले खाद्य पदार्थ और कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल सेवा शुरू कर दी है।

यह मल्टी-कमोडिटी, मल्टी-कंसाइनर/कंसाइनी, मल्टी-लोडिंग/अनलोडिंग परिवहन सेवा है, जिसका उद्देश्य किसानों को बड़े स्तर पर बाज़ार उपलब्ध कराना है।

किसान रेल सेवा का मुख्य उद्देश्य उत्पादन केन्द्रों को बाज़ार और उपभोक्ता केन्द्रों से जोड़कर कृषि क्षेत्र की आय को बढ़ाना है।

भारतीय रेलवे किसान रेल सेवा को औपचारिक रूप से शुरू करने की योजना बनाने के लिए कृषि मंत्रालय, राज्य सरकारें और स्थानीय निकायों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। डिमांड संबंधी रुझान और हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर रेलवे ने अब तक 18 रूटों पर किसान रेल सेवा संचालित करना शुरू कर दिया है।

पहली किसान रेल सेवा को 07 अगस्त 2020 को देवलाली (महाराष्ट्र) और दानापुर (बिहार) के बीच हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।

इन किसान रेल गाड़ियों को निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार संचालित किया जाता है, और रास्ते में आने वाली किसी बाधा या देरी से बचाने के लिए इनकी समय की पाबंदी के पैमाने पर कड़ी निगरानी की जाती है। अब तक 18 रूटों पर इन सेवाओं की शुरुआत की जा चुकी है। 22 जनवरी 2021 तक 157 किसान रेल सेवाएं संचालित की जा चुकी हैं, जो 49000 टन से अधिक माल की ढुलाई कर रही हैं। अब तक जिन रूटों पर किसान रेल सेवाएं संचालित की जा रही हैं, वे रूट निम्नलिखित हैं:

 

रूट संख्या कहां से-कहां तक उद्घाटन की तिथि
1 देवलाली से दानापुर
(अब संगोला से मुज़फ्फरपुर)
07-08-2020
2 अनंतरपुर से आदर्श नगर, दिल्ली 09-09-2020
3 यशवंतपुर से निज़ामुद्दीन 19-09-2020
4 नागपुर से आदर्श नगर, दिल्ली 14-10-2020
5 छिंदवाड़ा से हावड़ा/न्यू तिनसुकिया 28-10-2020
6 संगोला से हावड़ा (सिकंदराबाद के रास्ते) 29-10-2020
7 संगोला से शालीमार 21-11-2020
8 इंदौर से न्यू गुवाहाटी 24-11-2020
9 रतलाम से न्यू गुवाहाटी 05-12-2020
10 इंदौर से अगरतला 27-12-2020
11 जालंधर से जिरानिया 31-12-2020
12 नागरसोल से न्यू गुवाहाटी 05-01-2021
13 नागरसोल से चितपुर 07-01-2021
14 नागरसोल से न्यू जलपाईगुड़ी 10-01-2021
15 नागरसोल से नौगचिया 11-01-2021
16 नागरसौल से फतुहा 13-01-2021
17 नौगरसौल से बैहाटा 19-01-2021
18 नागरसौल से मालदा टाउन 20-01-2021

 

रेलवे भण्डार (पार्सल वैन) का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए इन सेवाओं के बेहतर उपयोग की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।

मुख्य रूप से जिन वस्तुओं को किसान रेल के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा रहा है, उनमें प्याज़, टमाटर, संतरा, आलू, अनार, केला, शरीफा, गाजर, शिमला मिर्च और अन्य सब्ज़ियां शामिल हैं।

किसान रेल के माध्यम से बुक की जाने वाली वस्तुओं पर ‘पी’ स्केल का माल शुल्क लगाया जाता है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की ‘ऑपरेशन ग्रीन्स-टोप टू टोटल’ योजना के तहत किसान रेल के माध्यम से फल एवं सब्ज़ियों की ढुलाई पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। ये सब्सिडी कन्साइनर/किसान को अपने सामान की बुकिंग के समय पर ही दी जा रही है, ताकि ये लाभ बिना किसी झंझट और देरी के किसानों तक पहुंच सके।

किसान रेल गाड़ियों को संचालित करने के लिए आरआईटीईएस (राइट्स) द्वारा एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जो परियोजना से जुड़े विभिन्न पहलुओं का आकलन करेगी।

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शिक्षाशास्त्र विभाग, एस. एन. सेन बी.वी.पी.जी. काॅलेज, कानपुर द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (सप्ताह)’ के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित्

  1. शिक्षाशास्त्र विभाग, एस. एन. सेन बी.वी.पी.जी. काॅलेज, कानपुर द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (सप्ताह)’ के अवसर पर तीन दिवसीय अकादमिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
    कार्यक्रम के पहले दिन ; दिनांक – 28/01/2021 को स्नातक स्तर की छात्राओं के लिए टेलीग्राम एप पर आॅनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,जिसमें लगभग 300 छात्राओं ने भाग लिया। यह 30 प्रश्नो की प्रश्नोत्तरी थी प्रत्येक प्रश्न के लिए 1अंक निर्धारित था, जिसमें 2 छात्राओं ने 30 अंक प्राप्त किए।
    कार्यक्रम के दूसरे दिन ;दिनांक – 29/01/2021 को परास्नातक स्तर की छात्राओं के लिए ‘आॅनस्पाॅट पोस्टर काॅमपटीशन’ आयोजित किया गया जिसका विषय था – ‘यूजेज़ एण्ड मिसयूजेज़ आॅफ मोबाइल फोन्स।’ जिसके निर्णायक मंडल में डॉ.वर्षा खानवलकर एवं डॉ.अलका टंडन जी रहीं। इस प्रतियोगिता में अनन्या गुप्ता प्रथम, अनुपमा तिवारी द्वितीय एवं चिया यादव तृतीय स्थान पर रहीं।
    कार्यक्रम समापन के दिन ;दिनांक- 30/01/2021 को ‘रोल आॅफ यूथ इन डिज़ास्टर एण्ड पैण्डेमिक’ विषय पर आॅनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के औपचारिक आरंभ के साथ प्राचार्य डॉ.निशा अग्रवाल जी ने प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, मुख्य वक्ता ब्रिगेडियर डॉ. विनोद दत्ता, निर्णायक मंडल की सदस्य डॉ.वर्षा खानवलकर एवं डॉ.अलका टंडन तथा सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन जी ने कहा कि, तेजी से बदलते समय में युवाओं की भूमिका पहले से अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है; कोविड-19 महामारी के समय में युवाओं ने अपनी जिजीविषा एवं जुझारूपन का उपयुक्त परिचय दिया।
    कार्यक्रम की मुख्य श्रृंखला में मुख्य वक्ता ब्रिगेडियर डॉ.विनोद दत्ता ने अपने व्याख्यान में आपदा प्रबंधन की बारीकियों के विषय में बताया तथा यह भी कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण बढ़ती जनसंख्या का प्रबंधन करना है, साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के समुचित दोहन एवं सतत विकास के मानकों का पालन करके ही राष्ट्र का विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगली सदी एशिया की है और युवा ही इसके भाग्य निर्माता हैं।
    कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन द्वारा संयोजिका डॉ चित्रा सिंह तोमर ने कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की।

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गणतंत्र दिवस के अवसर पर ब्रह्मानंद कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 27 जनवरी, 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ब्रह्मानंद कॉलेज, कानपुर की संस्कृति समिति द्वारा रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया. संस्कृति समिति की अध्यक्ष डॉ. अर्चना पांडेय के संरक्षण में समवयक डॉ. मधु सहगल के नेतृत्व में महाविद्यालय के छात्रों द्वारा विभिन्न मनोरंजन कार्यक्रम प्रस्तुत किए गये. कु. ममता, मोहिनी एवं आदर्श द्वारा एकल गीत तथा अमन एवं मोहिनी द्वारा प्रस्तुत. युगल गीत ने सबको आनंदित किया. उदिता, वनशिंका, ज्योति, अंशिका, वैष्णवी ने देश भक्ति के गीत पर समूह नृत्य प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन छात्रा अपर्णा एवं उर्वशी ने किया. गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. विवेक द्विवेदी ने ध्वजारोहण, राष्ट्रगान, सरस्वती प्रतिमा का माल्यार्पण एवं दीपप्ज्वलन से किया. समिति की अध्यक्ष डॉ. अर्चना पांडेय ने स्वागत भाषण देते हुए अवगत कराया कि प्रसार क्रिया कलाप प्रकोष्ठ के तत्वावधान में NSS प्रभारी डॉ. ए. सी. पांडेय के नेतृत्व में NSS के वॉलंटियर की सहायता से विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा संकलित अन्न, दाल, चावल, दैनिक उपभोग की वस्तुओं को अनाथ, दिवयांग वृद्ध जनों हेतु वृद्धाश्रम को उपलब्ध कराया गया. इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. अरुण अग्निहोत्री, डॉ. अरविंद पाण्डेय, डॉ. नवनीत मिश्रा, डॉ. अमित कुमार डॉ. प्रमोद कुमार एवं डॉ. स्तुति शुक्ला आदि उपस्थित रहे.

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गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में राष्ट्रीय संस्था इंडियन रोटी बैंक द्वारा निशुल्क भोजन का वित्तरण

  • जरूरतमंदों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने वाली राष्ट्रीय संस्था इंडियन रोटी बैंक साउथ जोन द्वारा गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के शुभ अवसर पर अक्षम ओर गरीव झुग्गी झोपड़ी में रहने बाले बच्चो को आर्ट कॉम्पिटिशन करा कर पुरुस्कार वितरित किये गए

इसी क्रम में इंडियन रोटी बैंक लखनऊ,साउथ जोन निकट परागडेरी के पास बच्चो को पढ़ने के लिए अग्रसर करने बाली सामग्री जैसे कॉपी कलर पेंसिल एवम साफ सफाई के लिए मंजन साबुन हेयर बैंड तामाम अन्य सामग्री का वितरण किया गया
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से अतिथि के तौर पर ब्रजेश सिंह जी,संस्थापक विक्रम पांडेय जी, जितेश तिवारी जी मौजूद रहे

इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर विजयकांत मिश्रा, राष्ट्रीय महिला कोर्डिनेटर उपासना वैश्य ,संजीवनी टीम की ओर से डॉ प्रियंका मौर्या, अभिषेक मौर्य एवं , लखनऊ जिला कोआर्डिनेटर मोहित शर्मा,जिला महिला कोआर्डिनेटर ,वर्किंग टीम इंचार्ज शोभित पांडे, मध्य जोनल कोऑर्डिनेटर संतोष वर्मा,नॉर्थ जोनल कोऑर्डिनेटर शिखा सिन्हा,साउथ जोनल कोऑर्डिनेटर नीतू राय, साउथ जोनल पुरुष कोऑर्डिनेटर आशीष मिश्रा,मानस, अलका सिंह,सरिता सिंह , राजा सिन्हा ,हितेश तिवारी, रुद्र ,आशु ,अक्षय यादव, विकास सैनी ,पंकज पांडेय, संजीव राठौर ने प्रतिभाग कर कार्यक्रम को संपन्न किया! इंडियन रोटी बैंक का सपना, भूखा न सोये कोई अपना
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