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ब्रज इन्द्रा अभिव्यक्ति मंच के तत्वधान् में पुस्तको का विमोचन्

कानपुर 24 जनवरी ब्रज इन्द्रा अभिव्यक्ति के तत्वाधान में एच ब्लाक किदवई नगर में प्रमिला पान्डेय जी की दो पुस्तकों का प्रथम उपन्यास छांहो चाहति छांह एवं द्वितीय कृति काव्य संग्रह गीत “जो हम गा न सके”का लोकार्पण हुआ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सूबेदार वाई के सिंह मुख्य प्रवक्ता डा0 नारायणी सिंह बीज वक्ता डा0 प्रदीप अवस्थी जी डा0 विनोद त्रिपाठी जी की अध्यक्षता एव॔ डा0 राजीव मिश्र जी का संयोजन रहा ।
कार्यक्रम में उपस्थित कवि कवयित्रियों की संख्या 72
रही। मुख्य रुप से वरिष्ठ कवि अजीत राठौर राज किशोर पान्डेय बिष्णुकान्त पान्डेय राज भाई गौरव भाई युवा व्यंगकार हेमंत व्यंगकार आ0कमलेश द्वि वेदी सुरेश राज हंस रमेश आनंद सीकर जी धीरज चंदन मनीष मीत अलका जी अनीता जी सीतल बाजपेई सुषुमा सिंह नीरू जी कमलेश शुक्ला संध्या शुक्ला आदरणीय कुसुम जी ललिता जी साधना सचान आराधना शुक्ला आदि कवि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मीडिया के सभी छायाकार पत्रकार उपस्थित रहे। स्वल्पाहार ग्रहण कर सभी ने कार्यक्रम की सराहना की। संचालन पर ही कार्यक्रम की गरिमा होती है । ओम प्रकाश पाठक जी ने सकुशल संचालन किया। सभी मंचासीन साहित्कारों को अंग वस्त्र सरस्वती का चित्र मेमोन्टो स्वरूप भेंट कर माल्यार्पण किया गया

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पीपीपी बोली प्रक्रिया के तहत 6 एयरपोर्ट के लिए पोर्टल पर 68 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए

एक समाचारपत्र ने 15 जनवरी 2021 को एक लेख प्रकाशित कर यह बताया था कि 2019 पीपीपी बोली प्रक्रिया में “अदानी को जिन 6 एयरपोर्ट की ज़िम्मेदारी मिली है, उस बोली प्रक्रिया के पूरा होने से पहले वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने इस पर अपनी आपत्ति जताई थी”, लेकिन सरकार ने इस आपत्ति को नज़रअंदाज़ कर दिया था। अख़बार में प्रकाशित यह लेख तथ्यात्मक रूप से गलत है, क्योंकि इस बोली प्रक्रिया को भारत सरकार के ई-टेंडरिंग पोर्टेल के माध्यम से प्रतियोगी और पारदर्शी तरीके से पूरा किया गया था। इस बोली प्रक्रिया के दौरान 6 एयरपोर्ट के लिए दुनियाभर से 25 कंपनियों ने पंजीकरण किया था और कुल 86 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए थे।

इनमें से 32 बोलियाँ 10 अलग-अलग कंपनियों से प्राप्त हुई थीं। चूंकि बोली प्रक्रिया को पारदर्शिता तरीके से पूरा किया गया था, ऐसे में बोली प्रक्रिया में भाग लेने वाली किसी भी कंपनी ने इस प्रक्रिया के खिलाफ कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई। यह भी उल्लेखनीय है कि बोली प्रक्रिया के दौरान जो भी कंपनी सफल होगी, उसके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं थी। निविदा दस्तावेज में निर्धारित बोली का पैमाना बोलीदाता द्वारा तय किया गया ’प्रति यात्री शुल्क’ था। जिस कंपनी की बोली प्रति यात्री शुल्क के संदर्भ में सबसे अधिक है, उसे सफल बोलीदाता घोषित किया जाएगा।

तकनीकी रूप से योग्य बोलीदाताओं की वित्तीय बोली को खोलने के बाद, यह बताया गया था कि सभी 6 एयरपोर्ट के लिए अदाणी एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड की बोली सबसे ज़्यादा है। प्रत्येक एयरपोर्ट की निविदा प्रक्रिया व्यक्तिगत आधार पर की गई थी, और जिस भी बोलीदाता की बोली सबसे ज़्यादा थी, उसे निविदा दस्तावेज़ के प्रावधानों के आधार पर सफल घोषित किया गया।

समाचार पत्र में प्रकाशित यह बयान पूरी तरह से गलत है कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने 2019 में आयोजित एयरपोर्ट की बोली प्रक्रिया पर अपनी आपत्ति दर्ज की थी। इस लेख में तथ्यात्मक कमियां हैं। दरअसल नीति आयोग के सीईओ की अध्यक्षता में एक सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) बनाया गया था, जिसमें वित्त मंत्रालय के सचिव (आर्थिक मामले विभाग और व्यय विभाग) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव को सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। इस समूह को केन्द्रीय मंत्रीमंडल सार्वजनिक निजी भागीदारी मूल्यांकन समिति (पीपीपीएसी) के दायरे से बाहर आने वाले सभी मामलों पर निर्णय लेने की शक्ति प्रदान की थी। इसके अनुसार, ईजीओएस ने 17 नवंबर 2018 को आयोजित अपनी बैठक में पीपीपी के लेन-देन संबंधी नियमों और शर्तों पर विचार कर उन्हें निर्धारित किया। जिस पर पीपीपीएसी ने 11 दिसंबर 2018 को आयोजित अपनी बैठक में सहमति व्यक्त की। ईजीओएस ने विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया कि इस बोली प्रक्रिया के दौरान एक कंपनी को एक एयरपोर्ट के लिए बोली लगाने या उसे केवल एक एयरपोर्ट की ज़िम्मेदारी सौंपने जैसा कोई प्रतिबंध नहीं होगा, क्योंकि ये 6 एयरपोर्ट छोटे स्तर के एयरपोर्ट हैं, जिनपर कुछ यात्री ट्रैफिक केवल 9.5 फीसदी है, जिसे कोई एक कंपनी भी आसानी से संभाल सकती है। जबकि इसके विपरीत वर्ष 2006 में दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल पर दिया गया था। वहां यात्री ट्रैफिक करीब 45 फीसदी था, जिसे एक कंपनी के लिए संभालना मुश्किल था, इसलिए वहां एक कंपनी को एक एयरपोर्ट की बोली लगाने की अनुमति लगाने जैसा प्रतिबंध लगाना आवश्यक था। निजी एयरपोर्ट संचालकों द्वारा यात्रियों की बड़ी संख्या को संभालना एक महत्वपूर्ण पैमाना है और कंपनी के द्वारा संभाले जा रहे एयरपोर्ट की संख्या के हिसाब से यह एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। ऐसे में ईजीओएस ने प्रतियोगिता को बढ़ाने और एयरपोर्ट का अनुभव रखने वाली कंपनियों के एकाधिकार को रोकने के उद्देश्य से पूर्व में दिए गए एयरपोर्ट की बोली प्रक्रिया में लगाए गए प्रतिबंध को इस बोली प्रक्रिया से बाहर करने का निर्णय लिया।

जहाँ तक आर्थिक मामले विभाग (डीईए) और नीति आयोग की सिफारिशों को अनदेखा करने का सवाल है, तो यह ध्यान देने वाली बात है कि ईजीओएस और पीपीपीएसी दोनों ही समूहों में वित्त मंत्रालय (आर्थिक मामले विभाग और व्यय विभाग), नीति आयोग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सदस्य शामिल होते हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने स्वयं ईजीओएस में बोली प्रक्रिया की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया और बाद में पीपीपीएसी में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसलिए वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के विचारों को अनदेखा करने वाला अख़बार में प्रकाशित बयान तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत है और किसी पूर्वाग्रह से प्रभावित है। दरअसल प्रस्ताव के विभिन्न पहलुओं पर वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के विचार पीपीपीएसी की स्थापित प्रक्रिया का हिस्सा हैं, ताकि पीपीपीएसी के समक्ष निर्णय के लिए किसी प्रस्ताव को भेजने से पहले यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रस्ताव के सभी पहलुओं का निरीक्षण कर लिया गया है, ऐसे में इन विचारों को वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की आपत्ति के रूप में नहीं देखा जा सकता।

जहाँ तक अदाणी एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड द्वारा मुंबई एयरपोर्ट के अधिग्रहण में हिस्सेदारी और इसी दौरान अहमदाबाद, लखनऊ और मैंगलोर एयरपोर्ट की ज़िम्मेदारी संभालने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से विस्तार की मांग करने का संबंध है, इस बारे में यह स्पष्ट किया जाता है कि दोनों ही लेनदेन अपने आप में एक-दूसरे से पूरी तरह अलग और स्वतंत्र हैं। एमआईएएल में निजी कंपनियों की हिस्सेदारी की बिक्री विशुद्ध रूप से एमआईएएल के शेयरधारकों के अनुबंध के प्रावधानों द्वारा तय और निर्धारित की जाती है। यहाँ कोई भी शेयरधार एसएचए में निर्धारित प्रक्रिया (जिसे अभी पूरा किया जाना है) का पालन करते हुए अपनी हिस्सेदारी को बेचने के लिए स्वतंत्र है। शेयरों का अधिग्रहण लॉक-इन-अवधि की समाप्ति के बाद, शेयरधारकों के समझौते में निर्दिष्ट पहली रिफ्यूज़ल प्रक्रिया के अधिकार के बाद किसी भी संस्था द्वारा किया जा सकता है। ऐसा लेनदेन पहले भी बेंगलुरु एयरपोर्ट में मामले में हो चुका है। एलएंडटी और ज्यूरिक के शेयर को का अधिग्रहण जीवीके एयरपोर्ट्स होल्डिंग ने किया और उसने बाद में इन्हें फेयरफेक्स को बेच दिया।

जहाँ तक तीन एयरपोर्ट पर रियायत समझौते (कंसेसन एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर से लेकर निर्धारित छह माह की अवधि से अधिक समय तक सीओडी को बढ़ाने का संबंध है, तो यह स्पष्ट करना ज़रूरी है कि यह परिस्थिति कोविड महामारी की वजह से पैदा हुई थी, जिस वजह से सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लेकर जाने मुश्किल था और एयरपोर्ट का चार्ज संभालने भी कठिन था, इसलिए इस अवधि को बढ़ाया गया। साथ ही अखबार के लेख में यह भी कहा गया है कि गुवाहाटी, जयपुर और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के लिए रियायत समझौता पर एएआई ने सितंबर में हस्ताक्षर किए थे, जबकि हकीकत में इस समझौते पर हस्ताक्षर 19 जनवरी 2021 को हुए हैं।

यहां ध्यान देना ज़रूरी है कि अख़बार के उपर्युक्त लेख में जो आरोप लगाए गए हैं, वैसे ही आरोप केरल उच्च न्यायालय में विभिन्न याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका में एएआई एयरपोर्ट के पीपीपी मॉडल पर संचालित होने के विरोध में लगाए थे। जिस पर न्यायालय ने सुनवाई की और अंततः न्यायालय ने अपने फैसले में सरकार द्वारा जारी पीपीपी प्रक्रिया को रोकने की मांग करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।

उपर्युक्त तथ्यों के संदर्भ में समाचार पत्र में प्रकाशित यह लेख तथ्यात्मक रूप से गलत और निराधार है।

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प्रधानमंत्री ने तेजपुर विश्वविद्यालय, असम के 18 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तेजपुर विश्वविद्यालय, असम के 18 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। असम के राज्यपाल प्रो जगदीश मुखी,  केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 1200 से अधिक छात्रों के लिए जीवन भर याद रखने और इसे संजोने का दिन है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि तेजपुर विश्वविद्यालय में छात्रों ने जो सीखा है, वह असम और देश की प्रगति को गति देगा। उन्होंने कहा कि भारत रत्न भूपेन हजारिका द्वारा लिखित विश्वविद्यालय गान में निहित भावना तेजपुर के महान इतिहास को दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय गान की कुछ पंक्तियाँ उद्धृत कीं

“अग्निगड़र स्थापत्य, कलियाभोमोरार सेतु निर्माण,

ज्ञान ज्योतिर्मय,

सेहि स्थानते बिराजिसे तेजपुर विश्वविद्यालय”

अर्थात्, तेजपुर विश्वविद्यालय एक ऐसी जगह पर स्थित है जहाँ अग्निगाड जैसी वास्तुकला है, जहाँ एक कालिया-भोमोरा पुल है, जहाँ ज्ञान का प्रकाश है। उन्होंने कहा कि भूपेन दा, ज्योति प्रसाद अग्रवाल और बिष्णु प्रसाद राभा जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व तेजपुर से पहचाने जाते हैं।

छात्रों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अब से भारत की स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होने तक की अवधि में  आपके जीवन के सुनहरे वर्ष भी हैं। उन्होंने छात्रों से पूरे भारत और पूरे विश्व में तेजपुर का गौरव फैलाने तथा असम और पूर्वोत्तर को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों से पूर्वोत्तर के विकास में सरकार के प्रयासों द्वारा विशेष रूप से कनेक्टिविटी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में बनाई गई संभावनाओं का पूरा लाभ उठाने को कहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजपुर विश्वविद्यालय अपने नवाचार केंद्र के लिए भी जाना जाता है। ये जमीन से जुड़े नवाचार ‘वोकल फॉर लोकल’ को गति दे रहे हैं और इनका उपयोग स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए किया जा रहा है। इससे विकास के नए द्वार खुल रहे हैं। उन्होंने तेजपुर विश्वविद्यालय के नवाचारों जैसे स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कम लागत वाली प्रौद्योगिकी, हर गांव में अपशिष्ट को ऊर्जा में बदलने का प्रयास, बायोगैस और जैव उर्वरकों से संबंधित किफायती और प्रभावी तकनीक, पूर्वोत्तर की जैव विविधता और समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए अभियान, पूर्वोत्तर के जनजातीय  समाज की भाषाओं का दस्तावेजीकरण, जो विलुप्त होने के कगार पर हैं, बाताद्रव थाना, नौगांव में सदियों पुरानी लकड़ी-नक्काशी कला का संरक्षण,  औपनिवेशिक काल के दौरान लिखे गए असम की पुस्तकों और दस्तावेजों का डिजिटलीकरण आदि की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने तेजपुर विश्वविद्यालय कैंपस को ही कई स्थानीय जरूरतों पर काम करने की प्रेरणा का स्रोत बताया। यहां इस क्षेत्र में पहाड़ों और नदियों के नाम पर छात्रावास बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ नाम नहीं हैं, बल्कि जीवन के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं। उन्होंने कहा कि जीवन की यात्रा में, हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, कई पहाड़ों और कई नदियों जैसी समस्याओं को पार करना पड़ता है। उन्होंने छात्रों से कहा कि हर पर्वतारोहण के साथ आपकी विशेषज्ञता बढ़ती है और आपका दृष्टिकोण नई चुनौतियों के लिए तैयार होता है। उन्होंने कहा कि जैसे कई सहायक नदियाँ एक बड़ी नदी में मिल  जाती हैं और फिर समुद्र में विलीन हो जाती हैं,  हमें भी जीवन में विभिन्न लोगों से ज्ञान प्राप्त करना चाहिए तथा अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सीखना चाहिए और उस सीख के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई इस दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेगा, तो पूर्वोत्तर देश के विकास में योगदान करने में सक्षम होगा।

प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर अभियान की अवधारणा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह अभियान संसाधनों, भौतिक अवसंरचना, प्रौद्योगिकी और आर्थिक और रणनीतिक ताकत में बदलाव के बारे में है, लेकिन सबसे बड़ा परिवर्तन सोच, कार्य और प्रतिक्रिया से सम्बंधित है, जो आज के युवाओं की भावना के अनुरूप है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के युवा विशिष्ट तरीके से चुनौतियों का सामना करते हैं। उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में युवा भारतीय क्रिकेट टीम के हाल के प्रदर्शन का उदाहरण दिया। भारतीय क्रिकेट टीम को बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा, फिर भी वे तेजी से उबर गए और अगला मैच जीत लिया। चोटों के बावजूद खिलाड़ियों ने दृढ़ संकल्प दिखाया। उन्होंने चुनौती का सामना किया और कठिन परिस्थितियों से निराश होने की बजाय नए समाधानों की तलाश की। अनुभवहीन खिलाड़ी थे, लेकिन उनका मनोबल ऊंचा था और उन्होंने अवसर का उपयोग किया। उन्होंने अपनी प्रतिभा और स्वभाव के साथ एक बेहतर टीम को पराजित किया।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हमारे खिलाड़ियों का यह शानदार प्रदर्शन केवल खेल के दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है। श्री मोदी ने प्रदर्शन के  महत्वपूर्ण सबक के बारे में बताया। सबसे पहले, हमें अपनी क्षमता पर विश्वास होना चाहिए और दूसरा, सकारात्मक मानसिकता सकारात्मक परिणाम को जन्म देती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण सबक है – यदि कोई दो विकल्पों का सामना कर रहा है, पहला सुरक्षित है और दूसरा मुश्किल जीत है, तो निश्चित रूप से जीत के विकल्प को चुनना चाहिए। यदा-कदा होने वाली विफलता से कोई नुकसान नहीं है और हमें जोखिम लेने से बचना नहीं चाहिए। हमें सक्रिय और निडर होने की जरूरत है। यदि हम असफलता और अनावश्यक दबाव के डर को दूर कर पाते हैं, तो हम निडर होकर उभरेंगे। प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि नया भारत आत्मविश्वास से भरा है और लक्ष्यों के प्रति समर्पित है। यह न केवल क्रिकेट के मैदान से स्पष्ट है, बल्कि आप सभी इस तस्वीर का हिस्सा हैं।

नए पथ पर चलने का आत्मविश्वास, निडरता तथा युवा ऊर्जा ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश को मजबूत किया है। भारत ने शुरुआती आशंकाओं को दूर किया और दिखाया कि यदि संकल्प और सहनीयता हो, तो संसाधन भी उपलब्ध हो जाते हैं। भारत ने स्थिति से समझौता करने की बजाय तेजी से सक्रिय निर्णय लिए और वायरस का प्रभावी रूप से मुकाबला किया। मेड इन इंडिया समाधानों से महामारी का फैलाव नियंत्रित हुआ और स्वास्थ्य ढांचे में सुधार हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे वैक्सीन संबंधी अनुसंधान और उत्पादन क्षमता भारत और दुनिया के कई अन्य देशों को सुरक्षा कवच का भरोसा दिला रहीं हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, फिनटेक डिजिटल समावेश, दुनिया का सबसे बड़ा बैंकिंग समावेश, दुनिया का सबसे बड़ा शौचालय निर्माण अभियान, हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने का सबसे बड़ा अभियान, दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान आज के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हैं। दृष्टिकोण, जो समाधान के लिए प्रयोग करने से डरता नहीं है और बड़े पैमाने पर परियोजनाओं को शुरू करने के लिए तैयार रहता है। ये परियोजनाएँ असम और पूर्वोत्तर को लाभान्वित कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने नई तकनीकों की बात की, जो नई संभावनाएं पैदा कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य के विश्वविद्यालय पूरी तरह से वर्चुअल हो सकते हैं और छात्र व संकाय दुनिया के किसी भी विश्वविद्यालय का हिस्सा हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने इस तरह के परिवर्तन के लिए एक नियामक ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस दिशा में एक कदम है। यह नीति प्रौद्योगिकी, बहु-विषय शिक्षा और सुगमता के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करती है। एनईपी, डेटा और डेटा-एनालिटिक्स के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली को तैयार करने पर जोर देता है। डेटा विश्लेषण, प्रवेश से लेकर शिक्षण और मूल्यांकन तक की प्रक्रियाओं में बड़े पैमाने पर सुधार करेगा।

प्रधानमंत्री ने तेजपुर विश्वविद्यालय के छात्रों से इन लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि, अपनी औपचारिक शिक्षा समाप्त करने के बाद, वे न केवल अपने भविष्य के लिए बल्कि देश के भविष्य के लिए काम करते हैं। उन्होंने छात्रों को अपने आदर्शों को ऊँचा रखने की सलाह दी, जो उन्हें जीवन की विसंगतियों से बचाएगा। उन्होंने कहा कि अगले 25-26 वर्ष उनके साथ-साथ देश के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि छात्र देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

 

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लैंगिक संवेदनशीलता quot (जेंडर सेन्सीटाइजेशन) पर कार्यशाला आयोजित

कानपुर 23 जनवरी आंतरिक शिकायत समिति (आई.सी.सी.), क्राइस्ट चर्च कॉलेज, द्वारा कॉलेज-हॉल में ;लैंगिक संवेदनशीलता" (जेंडर सेन्सीटाइजेशन) पर
    • एक कार्यशाला का आयोजन किया।
      उद्घाटन सत्र की शुरुआत डॉo श्वेता चंद, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग,
      क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर द्वारा की गई, जिसके बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉo जोसेफ डैनियल
      द्वारा स्वागत भाषण दिया गया।
      कार्यशाला की अध्यक्ष, डॉo सोफिया शहाब, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, क्राइस्ट चर्च
      कॉलेज, कानपुर ने छात्रों को समिति, उसके उद्देश्य और कार्य के बारे में अवगत कराया|
      उन्होंने वर्तमान समय में लैंगिक संवेदनशीलता के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
      आज के मुख्य अतिथि एवं अधिवक्ता धर्मेंद्र सिंह, प्राउट सॉलिसिटर एलएलपी ने कहा
      कि लिंग संवेदीकरण दुनिया में उभरते मुद्दों में से एक है। उन्होंने छात्रों को “विशाखा
      दिशानिर्देशों” के बारे में भी बताया, जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक प्रमुख मील का
      पत्थर है क्योंकि यह कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा को मजबूत करता है और उन अधिकारों को
      परिभाषित करता है जो पहले कभी उजागर ही नहीं हुए|
      पूरे सत्र का संचालन डॉo सबीना आर. बोदरा, विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च
      कॉलेज, कानपुर द्वारा किया गया |
      अंत में डॉo मीतकमल, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज,
      कानपुर ने धन्यवाद ज्ञापन किया|
      कार्यशाला में संकाय सदस्यों के साथ 200 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।

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एस एन् सेन बी वी पी जी कॉलेज के शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा सुभाष चंद्र बोस जयंती एवं पराक्रम दिवस पर व्याख्यान आयोजित

कानपुर 23 जनवरी शिक्षा शास्त्र विभाग एस.एन.सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज द्वारा आज ‘सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती’ एवं ‘पराक्रम दिवस’ के अवसर पर व्याख्यान आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के औपचारिक आरम्भ के साथ विभाग की प्रवक्ता डॉ.निशा सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन परिचय प्रस्तुत किया। इसके पश्चात विभाग की एम.ए. की छात्राओं ने नेता जी के विषय में अपने विचार प्रस्तुत किए। एम. ए. द्वितीय वर्ष की छात्राओं ; कंचन सविता एवं अनुपमा तिवारी ने कविता प्रस्तुत की।
कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में संयोजिका डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने छात्राओं को नेता जी सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व एवं कृतित्व तथा आज़ाद हिन्द फौज एवं ‘पराक्रम दिवस’ के महत्व के विषय में बताया एवं प्रेरित किया।
कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीमती रोली मिश्रा एवं अंग्रेजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर कु. कोमल सरोज उपस्थित रहीं ।
संयोजन समिति में शिक्षाशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर कु. ऋचा सिंह, डॉ. संगीता सिंह एवं डॉ. निशा सिंह रहीं।
राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का औपचारिक समापन किया गया।

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वैल्यू एज्युकेशन सेल क्राइष्ट चर्च महाविद्यालय द्वारा “कोविड समय में स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व” पर कार्य शाला का आयोजन

कानपूर 22 जनवरी । वैल्यू एजुकेशन सेल, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर द्वारा 22 जनवरी, 2021 को कॉलेज-हॉल में दोपहर 12 बजे “कोविड समय में स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व” पर एक कार्यशाला का आयोजन कियागया।

उद्घाटन सत्र की शुरुआत डॉo सबीना बोदरा, विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग द्वारा की गई, जिसके बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉo जोसेफ डैनियल ने स्वागत भाषण दिया|

कार्यशाला की संयोजिका, डॉo डोरोथी राय, विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर ने महामारी के वर्तमान परिदृश्य में स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व के बारे में प्रतिनिधियों को अवगत कराया|

आज के मुख्य वक्ता, डॉo डी.के. अवस्थी, विभागाध्यक्ष, रसायन शास्त्र विभाग, जेएनपीजी कॉलेज, लखनऊ ने महामारी के दौरान स्वच्छता और उसके महत्व पर बात की। उन्होंने कहा कि बाहर और विभिन्न सतहों के संपर्क में होने पर सैनिटाइजर सबको सुरक्षित और संरक्षित रख सकता है एवं वायरस और कीटाणुओं के प्रसार को रोकने में मदद करता है।

आयोजन की सचिव, डॉo मीतकमल, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर द्वारा सैनिटाइजर बनाकर प्रदर्शित किया|

कार्यशाला की संयोजिका, डॉo डोरोथी राय ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया|

पूरे सत्र की सह-संयोजिका, डॉo श्वेता चंद, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर द्वारा संचालन किया गया।

डॉo अर्चना पांडेय एवं संकाय सदस्यों के साथ 200 से अधिक छात्रों ने संगोष्ठी में भाग लिया।

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शिक्षाशास्त्र विभाग एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज द्वारा विवेकानंद जयंती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन

  1. शिक्षाशास्त्र विभाग, एस. एन. सेन बी.वी.पी.जी. काॅलेज द्वारा को ‘स्वामी विवेकानंद जयंती’ एवं ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के उपलक्ष्य में विभागीय व्याख्यान का आयोजन किया गया।
    कार्यक्रम का आरम्भ सरस्वती वन्दना के साथ हुआ । इसके पश्चात कार्यक्रम संयोजिका ने प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल जी का स्वागत पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया। तत्पश्चात प्राचार्या ने छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने विवेकानंद जी के ओजस्वी व्यक्तित्व से छात्राओं को प्रेरणा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित किया।
    कार्यक्रम की मुख्य श्रृंखला में विभाग की प्रवक्ताओं ने स्वामी जी के व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। श्रीमती प्रीती साहू ने स्वामी जी के जीवन परिचय, डॉ.निशा सिंह ने स्वामी जी के जीवन से जुड़े कुछ संस्मरणों तथा कु. साक्षी अग्रवाल ने ‘राष्ट्रीय युवा दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।
    संयोजिका डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने वर्तमान समय में भारतीय युवा की भूमिका एवं भागीदारी विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
    अन्त में कु. ऋचा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की।
    कार्यक्रम का संयोजन डॉ. चित्रा सिंह तोमर एवं संचालन कु. ऋचा सिंह ने किया।

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किद्ववई नगर में आम आदमी पार्टी की बैठक संपन्न

कानपुर 28 दिसंबर आम आदमी पार्टी, किदवई नगर विधानसभा कमेटी द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया

इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में आम आदमी पार्टी के दिल्ली के विधायक माननीय राजेश गुप्ता जी ,प्रदेश सचिव एवं जिला प्रभारी रुचि यादव जी, जिला उपाध्यक्ष बलवंत सचान ,जिला सचिव संदीप शुक्ला जी ,विधानसभा अध्यक्ष विवेक द्विवेदी जी ,महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष रश्मि सचान जी ,महासचिव जय सिंह एवम सैकड़ों की संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मीटिंग का आयोजन आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
माननीय विधायक जी ने पार्टी के दिल्ली के मॉडल पर ख़ासतौर से चर्चा की और प्रत्येक सदस्य से इस पर जमीनी स्तर पर कार्य करने की प्रेरणा दी।
बैठक को प्रदेश सचिव श्रीमती रुचि यादव जी ने भी संबोधित किया।
अंत मे क़िदवई नगर विधानसभा अध्यक्ष विवेक द्विवेदी जी ने दिल्ली मॉडल पर कार्य करने का संकल्प लेते हुए सभी को आभार एवम धन्यवाद देकर बैठक का समापन किया।

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किदवई नगर विधासभा के ब्लॉक Y  में  आम आदमी पार्टी की बैठक का आयोजन किया गया

कानपुर २५ दिसंबर  Y ब्लॉक किदवई नगर में आम आदमी पार्टी की किदवई नगर विधासभा में एक बैठक का आयोजन किया गया ।इसमें मुख्य रूप से संगठन के जिला उपाध्यक्ष बलवन्त सचान, जिला सचिव संदीप शुक्ला जी, एवं जिला कार्यसमिति सदस्य बृजेश जी , किदवई नगर विधानसभा अध्यक्ष विवेक द्विवेदी जी ,महासचिव जय सिंह एवं कार्यसमिति के सभी सदस्य उपस्थित थे।कार्यक्रम का आयोजन आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों हेतु किया गया था।बैठक में सभी वॉर्डों की कार्यसमिति का जल्द से जल्द गठन करने का निर्णय लिया गया।और वार्ड स्तर पर केजरीवाल जी के दिल्ली मॉडल की खूबियां जन जन तक पहुचाने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम में  महासचिव द्वारा विवेक द्विवेदी जी को किदवई नगर विधानसभा से प्रत्याशी बनाने हेतु प्रस्ताव पेश किया गया जिसको ध्वनिमत से पूर्ण बहुमत से, सर्वसम्मति से सभी उपस्थित सदस्यों द्वारा पारित किया गया।बैठक को जिला कार्यकारिणी के आये हुए बलवंत जी, संदीप जी बृजेश जी ,विवेक द्विवेदी जी के अलावा लोकेंद्र जी, शैलेश जी,नागेंद्र जी,प्रदीप जी आदि ने भी संबोधित किया।

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ब्रिटेन से भारत आए और पॉजिटिव पाए गए यात्रियों की स्थिति की केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने 10 राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों के साथ समीक्षा की

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव श्री राजेश भूषण ने ब्रिटेन से भारत आए तथा महाराष्‍ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, गोवा, पंजाब, गुजरात और केरल राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों में पॉजिटिव पाए गए यात्रियों की स्थिति तथा इससे उपजे हालात से निपटने के उपायों की आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से आयोजित एक बैठक में समीक्षा की। इस बैठक में आईसीएमआर के महानिदेशक, राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव, एनएचएम एमडी, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री आरती आहूजा, एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह और अन्‍य वरिष्‍ठ स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी भी मौजूद थे।

इस बैठक में ब्रिटेन में पाए गए सार्स कोव-2 के नए वैरिएंट या प्रकार के संदर्भ में मंत्रालय की ओर से 22.12.2020 को जारी महामारी निगरानी एवं प्रतिक्रिया मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के बारे में विस्‍तार से चर्चा की गई।

राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों को ब्रिटेन से भारत लौटे यात्रियों का विवरण ऑनलाइन पोर्टल एयर-सुविधा और ब्‍यूरो ऑफ इमिग्रेशन से प्राप्‍त करने की सलाह दी गई है। राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों से पॉजिटिव पाए जाने व्‍यक्तियों के नमूने जीनोम सीक्वन्सिंग के लिए चिन्हित प्रयोगशालाओं को भेजने को भी कहा गया है।

चिन्हित की गई छह प्रयोगशालाओं की सूची उनके नोडल कार्यालयों के सम्‍पर्क विवरणों सहित राज्‍यों के साथ साझा की गई है। ये प्रयोगशालाएं हैं : सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी,नई दिल्‍ली; सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेलुलर एंड मोलिक्‍यूलर बायोलॉजी, हैदराबाद; डीबीटी – इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, भुवनेश्‍वर; डीबीटी – इनस्‍टेम-एनसीबीएस,बेंगलुरु; डीबीटी – नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्‍स (एनआईबीएमजी), कल्‍याणी, पश्चिम बंगाल और सीएसआईआर-नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे। निर्दिष्‍ट की गई प्रयोगशालाओं की संख्‍या समय के साथ बढ़ाई जाएगी और उनका विवरण राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों के साथ साझा किया जाएगा।

बैठक में राज्‍यों द्वारा लॉजिस्टिक्‍स आदि के बारे में व्‍यक्‍त की गई चिंताओं का निवारण किया गया। राज्‍यों को एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपने-अपने हवाई अड्डा स्‍वास्‍थ्‍य कार्यालयों (एपीएचओ) तथा अपने राज्‍यों के निगरानी अधि‍कारियों के साथ समन्‍वय करने की भी सलाह दी गई।

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