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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ईमानदार , लेकिन अधिकारी भ्रष्टाचार से बाज नहीं आ रहे -शिवपाल

उत्तर प्रदेश के इटावा में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की तारीफ की वहीं उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं। लेकिन जो अधिकारी वह भ्रष्टाचार से बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश में दिन व दिन महंगाई बढ़ती जा रही है। वहीं उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में बिजली का बिल काफी कम है ।और उत्तर प्रदेश में बिजली की कीमत काफी अधिक है। वही देश में बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दामों पर सरकार पर निशाना साधा और सरकार से कहा कि सरकार को पेट्रोल डीजल के दामों को वापस लेना चाहिए । वहीं उन्होंने आगामी पंचायती चुनाव को लेकर जानकारी देते हुए बताया है कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी सभी पंचायती चुनाव मैं अपने उम्मीदवारों को उतारेगी ।वहीं भाजपा के द्वारा 4 साल विकास के नाम पर उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के द्वारा जो विकास कार्य किए गए उन विकास कार्य को भाजपा सरकार अपना बता रही।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज के पूर्व छात्रों का समागम

  1. कानपुर 21 मार्च क्राइस्ट चर्च कॉलेज के पूर्व छात्रों ने होली की थीम पार्टी में एक दूसरे को गुलाल लगा कर होली की शुभ कामनाएं दी, कॉलेज के ये पूर्व छात्र समय समय पर कॉलेज में भी सहयोग करते रहते हैं,  शहर के सिविल लाइंस स्थिित  एक resturant में पुरानी यादेे ताजा  हुई, अंत में रात्रि भोजन के पशचात शीघ् पुन:  मिलने के वादे के साथ सबने विदा ली।

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21 मार्च 21 को भारतीय नौसेना की सर्वाधिक सुसज्जित इकाई आईएनएएस 310 डायमंड जुबली मनाएगी

गोवा स्थित भारतीय नौसेना की एक समुद्री टोही स्क्वाड्रनइंडियन नैवेल एयर स्क्वाड्रन (आईएनएएस) 310, द कोबरा, दिनांक 21 मार्च 21 को अपनी डायमंड जुबली मना रही है । दिनांक 21 मार्च 61 को फ्रांस के हाइरेसमें कमीशन प्राप्त स्क्वाड्रन के पास भारतीय नौसेना की सबसे अलंकृत इकाईहोने का गौरव प्राप्त है ।

आईएनएएस 310 ने 1961 के बाद से कई ऑपरेशनों में देश के लिएअभूतपूर्व सेवा प्रदान की है और समुद्र तट पर दैनिक निगरानी अभियानों कोअंजाम देने का काम जारी है । स्क्वाड्रन ने 1991 तक एलिज़ विमान का संचालनकिया और बाद में तट आधारित डोर्नियर-228 विमान को चुन लिया ।

पिछले एक वर्ष में कोविड 19 महामारी के बीच, स्क्वाड्रन केएयरक्राफ्ट ने समूचे देश में उड़ान भर कर महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति कीहै, कोविड परीक्षण किट की आपूर्ति की है और चिकित्सा टीमों और चिकित्सासंबंधी साजोसामान को लाने ले जाने का काम किया है, इन कामों हेतु लगभग 1000 उड़ानें भरी हैं ।

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भारतीय रेल ने की पहले एसी थ्री टियर इकॉनमी क्लास कोच की शुरुआत

भारतीय रेल की उत्पादन इकाई – रेलवे कोच फैक्ट्री, कपूरथला ने हाल ही में भारतीय रेल (आई आर) के पहले लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी)एसी थ्री टियर इकॉनमी क्लास कोच की शुरुआत की है। परीक्षण-परिचालन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।

यह एलएचबी एसी थ्री-टियर कोच का एक नया संस्करण है, जिसकी विशेषताएंनिम्न हैं: –

  1. यात्री डेक पर विद्युत पैनल के लिए कम जगह का इस्तेमाल, इससे यात्री को उपयोग के लिए अतिरिक्त जगह मिलेगी।
  2. यात्री क्षमता में वृद्धि, अब 83 बर्थ।
  3. दिव्यांगजन के लिए व्हीलचेयर के उपयोग के साथ एक सक्षम प्रवेश द्वार व कोच और व्हीलचेयर पहुंच के साथ दिव्यांगजन अनुकूल शौचालय का प्रावधान, सुगम्य भारत अभियान मानदंडों का अनुपालन।
  4. सभी बर्थ के लिए एसी डक्टिंग में अलग-अलग जालीदार-द्वार (वेंट)की सुविधा।
  5. आराम, कम वजन और बेहतर रखरखाव के लिए सीट और बर्थ के मॉड्यूलर डिजाइन।
  6. लम्बवत और अनुप्रस्थ दिशा में मुड़ने वाली स्नैक टेबलों से यात्री-सुविधा में वृद्धि, चोट लगने की संभावना में कमी; पानी की बोतल, मोबाइल फोन और पत्रिका रखने के लिए होल्डर।
  7. प्रत्येक बर्थ के लिए अलग-अलग रीडिंग लाइट और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट।
  8. मध्य और ऊपरी बर्थ तक पहुँचने के लिए सीढ़ी का सुविधजनक व बेहतर डिज़ाइन।
  9. मध्य और ऊपरी बर्थ की ऊँचाई में वृद्धि से अतिरिक्त जगह।
  10. भारतीय और पश्चिमी शैली की शौचालयों की बेहतर डिजाइन।
  11. आरामदायक और सुन्दर प्रवेश द्वार।
  12. गलियारे में लाइट मार्कर।
  13. बर्थ का संकेत देने के लिए लाइट, जिसे नाईट लाइट से जोड़ा गया है तथा रोशनीयुक्त बर्थ संख्या संकेतक।
  14. अग्नि सुरक्षा मानकों के सन्दर्भ में विश्व बेंचमार्क का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए ई एन 45545-2  एच एल 3सामग्री का उपयोग।

ये एलएचबी इकोनॉमी क्लास के कोच, आवश्यक मंजूरी के बाद, एलएचबी कोच के साथ चलने वाली सभी मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों(राजधानी, शताब्दी और दुरंतो और जन शताब्दी आदि विशेष ट्रेनों को छोड़कर) में शामिल किए जाएंगे।

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प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा के दौरान होने वाले समारोहों की शोभा बढ़ाएगी खादी मुजीब जैकेट

भारत की विरासत के रूप में पहचानी जाने वाली खादी माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 26 और 27 मार्च को होने वाली दो-दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के दौरान सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए तैयार है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने खासतौर पर डिजाइन की गई 100 “मुजीब जैकेटों” की आपूर्ति की है, जो प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान गणमान्य लोगों के द्वारा पहनी जाएगी।

“मुजीब जैकेट” बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान द्वारा पहने जाने वाले मुख्य परिधान के रूप में प्रसिद्ध है, जिन्हें बांग्लादेश का राष्ट्रपिता कहा जाता है। क्योंकि बांग्लादेश शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी पर “मुजीब बोरशो” मना रहा है, ढाका में भारतीय उच्चायोग के इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केन्द्र ने माननीय प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले 100 मुजीब जैकेट का ऑर्डर दिया था।

विशेष रूप से डिजाइन की गई मुजीब जैकेट को हाथों से तैयार ऊंची गुणवत्ता वाली पॉलि खादी फैब्रिक से बनाया गया है। काली मुजीब जैकेट को6 बटन, निचले हिस्से में दो जेब और सामने बायीं तरफ एक जेब के साथ डिजाइन किया गया, जैसे रहमान पहना करते थे। खादी वस्त्र की पर्यावरण अनुकूल प्रकृति की तर्ज पर इन जैकेट का कवर भी काले खादी कॉटन फैब्रिक से बनाया गया है, जिसके ऊपर खादी इंडिया का लोगो बना हुआ है। इन जैकेट को जयपुर में केवीआईसी के कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट (केएनएचपीआई) में विशेष रूप से डिजाइन किए गए हाथ से बने प्लास्टिक मिश्रित पेपर कैरी बैग में ले जाया जाएगा।

केवीआईसी के चेयरमैन श्री विनय कुमार सक्सेना कहा, “मुजीब जैकेट का बांग्लादेश में ऐतिहासिक महत्व है और यह बड़े गर्व की बात है कि खादी से बनी मुजीब जैकेट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान पहनी जाएंगीजो खुद खादी के एक बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं।”

श्री सक्सेना ने कहा कि “मुजीब जैकेट बांग्लादेश में खासा लोकप्रिय परिधान है। पुरानी पीढ़ी के लिए मुजीब जैकेट उनके महान नेता शेख मुजीबुर रहमान की विचारधारा का प्रतीक हैवहीं यह बांग्लादेश के युवाओं के बीच तेजी से फैशन की अभिव्यक्ति बनता जा रहा है। इसी प्रकारभारत की वस्त्र धरोहर खादी, परम्परा और फैशन का एक खास मिश्रण है। खादी से बनी मुजीब जैकेट से समारोह के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों में खासी बढ़ोतरी होगी।” उन्होंने कहा कि इससे खादी कोवैश्विक और राजनयिक मंच पर व्यापक प्रोत्साहन भी मिलेगा।

राजनयिक कन्साइनमेंट को पहले ही ढाका के लिए रवाना कर दिया गया है। जैकेट के राजनयिक उद्देश्यों को देखते हुए, केवीआईसी ने इसे काफी प्राथमिकता दी थी और समय से पहले इसकी आपूर्ति कर दी गई।

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गृह मंत्रालय ने देश में महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए

देश में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं, जिनके लिए निर्भया कोष से वित्तपोषण किया गया है। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने यौन हमलों के मामलों में समय से जांच पूरी करने सहित महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के प्रति राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को संवेदनशील बनाने के लिए एक अलग महिला सुरक्षा इकाई की स्थापना भी की है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने बीते 7 साल के दौरान महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा की दिशा में कई कदम उठाए हैं। यौन हमलों के घृणित मामलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए भारत सरकार ने आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 2018 के माध्यम से बलात्कार की सजा को ज्यादा कठोर कर दिया है। कानून में संशोधन को प्रभावी रूप से जमीनी स्तर पर लागू किया जाना सुनिश्चित करने के लिए एमएचए द्वारा कई कदम उठाए गए हैं और उनकी प्रगति की लगातार निगरानी की जा रही है। इनमें यौन अपराधों के लिए जांच निगरानी प्रणाली (आईटीएसएसओ), यौन अपराधियों का राष्ट्रीय डाटाबेस (एनडीएसओ), सीआरआई-एमएसी (क्राइम मल्टी-एजेंसी केन्द्र) और नई नागरिक सेवाएं शामिल हैं। आईटी से जुड़ी इन पहलों से समयबद्ध और प्रभावी जांच में सहायता मिलती है।गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों से इन ऑनलाइन टूल्स के प्रभावी उपयोग के लिए बलपूर्वक सिफारिश की है।

 

आईटीएसएसओ और एनडीएसओ

यौन अपराधों के लिए जांच निगरानी प्रणाली (आईटीएसएसओ) एक ऑनलाइन विश्लेषणात्मक साधन है, जिसे यौन हमलों के मामलों  में पुलिस जांच की निगरानी और समयबद्ध तरीके से पूरा किए जाने (आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 के तहत वर्तमान में यह दो महीने है) के लिए लॉन्च किया गया है। वहीं, यौन अपराधियों के राष्ट्रीय डाटाबेस (एनडीएसओ) को बार-बार अपराध करने वालों की पहचान करने और साथ ही जांच में यौन अपराधियों पर अलर्ट हासिल करने के लिए पेश किया गया है।

 

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आपराधिक मामलों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्यों को सहूलियत देने के कदम के रूप में एक स्थगन चेतावनी मॉड्यूल भी विकसित किया गया है। इसके तहत, जब भी एक सरकारी वकील किसी आपराधिक मामले में दो बार से ज्यादा स्थगन की मांग करता है, तो इस प्रणाली में अपरिहार्य देरी से बचने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट भेजने का एक प्रावधान है।

 

सीआरआईएमएसी

क्राइम मल्टी एजेंसी केन्द्र (सीआरआई-एमएसी) को राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के पुलिस थानों और मुख्य कार्यालयों को घृणित अपराधों और अंतर राज्यीय अपराध के मामलों में सामंजस्य से संबंधित अन्य मुद्दों से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए 12 मार्च, 2020 को पेश किया गया है। इसे राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को ईमेल/एसएमएस के माध्यम से अपराध और अंतर राज्यीय अपराधों के अलर्ट या संबंधित जानकारियां भेजने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

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नई नागरिक सेवाएं

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों के लिए अपने पोर्टल digitalpolicecitizenservice.gov.in पर नई नागरिक सेवाएं लॉन्च की हैं। इन सेवाओं में ‘गुमशुदा लोगों की खोज’ जैसे कार्य शामिल हैं, जिससे नागरिकों को खोजे गए अज्ञात लोगों/ अज्ञात मृतकों के राष्ट्रीय डाटाबेस से अपने लापता परिजनों को खोजने में मदद मिलती है।इसके अलावा ‘घोषित अपराधियों’ से जुड़ी एक अन्य सेवा है, जिससे नागरिकों को घोषित अपराधियों से जुड़ी ऑनलाइन जानकारी हासिल करने में मदद मिलती है।

 

 

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निर्भया कोष परियोजनाओं में तेजी

महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एमएचए द्वारा निर्भया कोष से वित्तपोषित परियोजनाओं को तेजी से लागू किया जा रहा है। ‘आपात प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली (ईआरएसएस)’ ऐसी पहलों का एक उदाहरण है। यह अखिल भारतीय, एकल, कई आपात स्थितियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नंबर 112 है। ईआरएसएस वर्तमान में मार्च, 2022 तक देश के 34 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों में परिचालित है। इसे आधिकारिक रूप से 16 फरवरी, 2019 को पेश किया गया था। तब से ईआरएसएस अखिल भारतीय स्तर पर 15.66 मिनट के प्रतिक्रिया समय के साथ 11.48 करोड़ कॉल्स का प्रबंधन (31 जनवरी, 2021 तक) कर चुका है। 112 इंडिया मोबाइल एप्लीकेशन के फरवरी, 2019 तक 9.98 लाख डाउनलोड हो चुके हैं, जिस पर 5.75 लाख यूजर पंजीकृत हैं जिनमें 2.65 लाख महिलाएं हैं।

 

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महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों की रोकथाम

एमएचए का महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम पर मुख्य जोर है। वर्तमान में, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित 14 राज्यों ने साइबर फॉरेंसिक ट्रेनिंग लैबोरेटरी की स्थापना कर ली है। 13295 पुलिस कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों को महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों की पहचान, पता लगाने और समाधान में प्रशिक्षण दिया गया है। गृह मंत्रालय ने एक पोर्टल www.cybercrime.gov.in भी लॉन्च किया है, जिस पर नागरिक अश्लील कंटेंट की सूचना दे सकते हैं और उसे 72 घंटों के भीतर ब्लॉक कराया जा सकता है। एमएचए द्वारा सुधार के साथ इस पोर्टल को 30 अगस्त, 2019 को लॉन्च किया गया है।

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प्रधानमंत्री ने ‘’आजादी का अमृत महोत्सव’’ मनाने के लिए राष्ट्रीय समिति को संबोधित किया

स्वतंत्रता के 75 वर्ष का समारोह, आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय समिति की आज पहली बैठक आयोजित हुई। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पैनल को संबोधित किया। राज्यपालों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं, वैज्ञानिकों, अधिकारियों, मीडिया शख्सियतों, आध्यात्मिक नेताओं, कलाकारों तथा फिल्म से जुड़े व्यक्तियों, खिलाड़ियों तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों के विख्यात व्यक्तियों सहित राष्ट्रीय समिति के विभिन्न सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।

राष्ट्रीय समिति के जिन सदस्यों ने बैठक में इनपुट तथा सुझाव दिये, उनमें पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच डी देवेगौड़ा, श्री नवीन पटनायक, श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, श्रीमती मीरा कुमार, श्रीमती सुमित्रा महाजन, श्री जे.पी. नड्डा, मौलाना वहीदुद्दीन खान शामिल थे। समिति के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को “आजादी का अमृत महोत्सव” की योजना बनाने तथा इसके आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने महोत्सव के दायरे के और विस्तारित करने के लिए अपने सुझाव तथा इनपुट दिए। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसी और अधिक बैठकें होंगी तथा आज प्राप्त हुए सुझावों एवं इनपुटों पर विचार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश धूमधाम और उत्साह के साथ आजादी के 75 वर्ष का समारोह मनाएगा, जो ऐतिहासिक प्रकृति, गौरव और इस अवसर के महत्व के अनुकूल होगा। उन्होंने समिति के सदस्यों से प्राप्त होने वाले नए विचारों तथा विविध सोचों की सराहना की। उन्होंने आजादी के 75 वर्ष के महोत्सव को भारत के लोगों को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष का समारोह एक ऐसा समारोह होना चाहिए, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम की भावना, शहीदों को श्रद्धांजलि तथा भारत के निर्माण के उनके संकल्प का अनुभव किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस समारोह को सनातन भारत के गौरव की झलकियों तथा आधुनिक भारत की चमक को भी साकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समारोह को संतों की आध्यात्मिकता की रोशनी तथा हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और ताकत को भी परिलक्षित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विश्व के सामने इन 75 वर्षों की उपलब्धियों को भी प्रदर्शित करेगा तथा अगले 25 वर्षों के लिए हमारे लिए संकल्प करने की एक रूपरेखा भी प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी संकल्प बिना समारोह के सफल नहीं है। उन्होंने कहा कि जब कोई संकल्प समारोह का रूप ले लेता है तो लाखों लोगों की प्रतिज्ञा और ऊर्जा उसमें जुड़ जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 75 वर्षों का समारोह 130 करोड़ भारतीयों की भागीदारी के साथ किया जाना है तथा लोगों की यह भागीदारी इस समारोह के मूल में है। इस समारोह में 130 करोड़ देशवासियों की अनुभूतियां, सुझाव तथा सपने शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि 75 वर्षों के समारोह के लिए पांच स्तंभों का निर्णय किया गया है। ये हैं- स्वतंत्रता संग्राम, 75 पर विचार, 75 पर उपलब्धियां, 75 पर कदम तथा 75 पर संकल्प। इन सभी को 130 करोड़ भारतीयों के विचारों तथा भावनाओं में शामिल किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कम ज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने तथा लोगों को उनकी कहानियों के बारे में भी बताने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश का हर कोना देश के बेटों और बेटियों की शहादत से भरा हुआ है और उनकी कहानियां देश के लिए प्रेरणा का शाश्वत स्रोत होंगी। उन्होंने कहा कि हमें प्रत्येक वर्ग के योगदान को सामने लाना है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो पीढ़ियों से देश के लिए बहुत महान कार्य कर रहे हैं, उनके योगदान, विचार तथा सोच को राष्ट्रीय प्रयासों के साथ समेकित किये जाने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक समारोह स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरे करने, ऐसी ऊंचाई पर भारत को पहुंचाने, जिसकी उन्होंने कल्पना की थी, को लेकर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश ऐसी चीजें अर्जित कर रहा है, जिसके बारे में कुछ वर्ष पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह समारोह भारत के ऐतिहासिक गौरव के अनुरूप होगा।

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“क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर त्रिदिवसीय व्याख्यान कार्यशाला के अंतिम दिन का कार्यक्रम आयोजित 

क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर आयोजित कार्यशाला का तीसरा दिन भौतिक विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, भारतीय विज्ञान अकादमी बंगलुरू, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी दिल्ली एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में “क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर  त्रिदिवसीय व्याख्यान कार्यशाला  के अंतिम दिन

के पांचवे तकनीकी सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोo अनुराधा मिश्रा FNA ने दो व्याख्यानों में क्वांटम भौतिकी के मूल सिद्धांतों जैसे द्विविमीय निकाय के लिए विविधता विधि (Variation methods for 2-D system), अनहार्मोनिक दोलित्र, बेल असमानता आदि महत्वपूर्ण विषयो को विस्तार में बताया जिसके बिना क्वांटम प्रौद्योगिकी के विशिष्ट अनुप्रयोगों को समझना असंभव है।

छठे और अंतिम तकनीकी सत्र के प्रथम एवम द्वितीय दोनो व्याख्यानो में JIIT नोएडा के प्रोo अनिर्बान पाठक, FNA ने क्वांटम क्रिप्टोग्राफी तथा उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस विधा में अभेद्य क्रिप्टोसिस्टम के विकास के लिये कुछ विशेष कणों या प्रकाश तरंगों (फोटोन) तथा उनकी मूलभूत क्वांटम विशेषताओं का प्रयोग किया जाता है। यह तकनीक काफी व्यावहारिक है क्योंकि किसी प्रणाली की क्वांटम अवस्था का मापन उस पूरी प्रणाली में अवरोध उत्पन्न किये बिना असंभव है।क्वान्टम क्रिप्टोग्राफी को प्रयोगशाला में कैसे किया जाए तथा अभी हम कहां पर है, का विस्तार में वर्णन किया। कार्यशाला के सभी सत्रों की अध्यक्षता क्रमश डाo सत्य प्रकाश सिंह, मनीष कपूर एवम मीतकमल ने की। कार्यशाला के समापन सत्र में IISER, भोपाल के डाo तेजस टैंक, सैंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली की डाo संजू एo, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की एमएससी की छात्राएं कुo भाव्या भट्ट तथा कुo हिमांशी त्रिवेदी ने कार्यशाला के विषय में अपने विचार व्यक्त किए तथा इस महत्वपूर्ण विषय और देश के प्रमुख संस्थानो के द्वारा अपने अनुसंधान को इस प्लेटफार्म पर सरल तरीके से समझाने पर आभार व्यक्त किया। कार्यशाला पर विस्तृत रिपोर्ट समन्वयक डाo राजेश कुमार द्विवेदी, तथा धन्यवाद प्रस्ताव व संचलन उप समन्वयक डाo सत्य प्रकाश सिंह द्वारा किया गया। कालेज के प्राचार्य डॉo जोजेफ डेनियल द्वारा तीनों विज्ञान अकादमी, कार्यशाला निदेशक, सभी रिसोर्स पर्सन्स तथा भौतिक विज्ञान विभाग का इस कार्यशाला के सफल संचालन पर आभार व्यक्त किया गया। तकनीकी संचालन श्री अतहर रशीद द्वारा किया गया।

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“क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर व्याख्यान कार्यशाला, का दूसरा दिन

कानपुर 13 मार्च, भौतिक विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, भारतीय विज्ञान अकादमी बंगलुरू, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी दिल्ली एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में “क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर व्याख्यान कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।

आज दूसरे दिन के तीसरे तकनीकी सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोo अनुराधा मिश्रा FNA ने दो व्याख्यानों में क्वांटम भौतिकी के मूल सिद्धांतों को विस्तार में पढ़ाया जो क्वान्टम अनुप्रयोगों को समझने के लिए महत्त्वपूर्ण है।

चौथे तकनीकी सत्र के प्रथम व्याख्यान में भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू के प्रोo सीo एमo चंद्रशेखर ने क्वांटम सिमुलेशन के विषय में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि क्वांटम सिमुलेशन के द्वारा दूसरे व्याख्यान में टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान के प्रोo आरo विजयराघ्वन ने आईबीएम क्वांटम कंप्यूटर के बारे में विस्तार से बताया। आज कार्यशाला का विशिष्ट व्याख्यान प्रोo एसo एo रामाकृष्णा, निदेशक, CSIR-CSIO, चंडीगढ़ के द्वारा दिया गया जिसमे उन्होंने मेटामैटेरियल के अनुप्रयोगों की विस्तार में चर्चा की। कार्यशाला के सभी सत्रों की अध्यक्षता क्रमश डाo राजेश कुमार द्विवेदी, सत्य प्रकाश सिंह, रवि प्रकाश महलवाला तथा मनीष कपूर ने की। तकनीकी संचालन श्री अतहर रशीद द्वारा किया गया।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में उर्सला अस्पताल के सहयोग से, कॉलेज हॉल में  कॉलेज के छात्रों और अध्यापको के लिए एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोज।

कानपुर 12 , क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में उर्सला अस्पताल के सहयोग से, कॉलेज हॉल में  कॉलेज के छात्रों और अध्यापको के लिए एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोज।
कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस कॉलेज इकाई की स्वास्थ्य शिविर संयोजिका डॉ सुनीता वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग ने डॉक्टरों और मेडिकल टीम का स्वागत किया और पूरे सत्र का संचालन किया।
शिविर की शुरुआत रसायन विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉश्वेता चंद ने बोदरा, अर्थशास्त्र विभाग की प्रमुख ने आम लोगों की भलाई और सुरक्षा के लिए ईश्वर् से प्रार्थना की ।
प्राचार्य डॉ जोसेफ डैनियल ने कहा कि सभी को नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए क्योंकि इस तनावपूर्ण दुनिया का यह एक अनिवार्य हिस्सा है। उन्होंने जोर दिया कि “स्वच्छता भगवान की भक्ति के समान है” और इस प्रकार हर एक को अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की उचित देखभाल करनी चाहिए ।
डॉ एस के निगम इस बात पर जोर दिया कि हर व्यक्ति को धूम्रपान, मद्यपान और तंबाकू चबाने आदि के प्रति मोह से बचना चाहिए । इससे व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।

डॉ संदीप कुमार सिंह , डॉ सुनील पाठक , डॉ अरुण यादव , डॉ आवदेश जी प्रोग्राम में उपस्थित हुए
सभी ने मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपनी परेशानी का हल निकालने के लिए उर्स ला अस्पताल के मन कक्ष में आने की सलाह दी, अर्थशास्त्र विभाग की प्रमुख,  एसोसिएट प्रोफेसर सबीना बोधरा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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