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जापान के पूर्व प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे के निधन पर सम्मान स्वरूप कल एक दिन का राष्ट्रीय शोक

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे का 08 जुलाई 2022 को निधन हो गया। दिवंगत गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में, भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि कल पूरे भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक होगा।

पूरे भारत में शोक के दिन राष्ट्रीय ध्वज उन सभी भवनों पर आधे पर झुके रहेंगे, जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराये जाते हैं और इस दिन कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा।

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श्री अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कार, राष्ट्रीय कल्याण एवं पेंशन की संशोधित योजनाओं का शुभारंभ किया

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज नई दिल्ली में खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कार, राष्ट्रीय कल्याण और पेंशन की संशोधित योजनाओं, खेल विभाग की योजनाओं के लिए वेब पोर्टल (dbtyas-sports.gov.in) और राष्ट्रीय खेल विकास कोष वेबसाइट (nsdf.yas.gov.in) का भी शुभारंभ किया। अनुराग ठाकुर ने बताया कि युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने खेल विभाग की इन योजनाओं को उपयोगकर्ता के लिए अधिक अनुकूल, उपयोग में आसान और पारदर्शी बनाने की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं एवं उनके प्रशिक्षकों के लिए नकद पुरस्कार की योजना, खिलाड़ियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष (पीडीयूएनडब्ल्यूएफएस) और मेधावी खिलाड़ी पेंशन योजना में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। केंद्रीय मंत्री ने नागरिकों को सशक्त बनाने तथा सरकार एवं नागरिकों के बीच की खाई को कम करने, प्रणाली और सुविधाओं, समस्याओं व समाधानों का उपाय करने के साथ-साथ न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम के रूप में इस विकास की सराहना की। श्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इन संशोधित योजनाओं से रिकॉर्ड समय में खिलाड़ियों को लाभ देने के लिए अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही आयेगी।

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श्री ठाकुर ने कहा कि अब कोई भी खिलाड़ी अपनी पात्रता के अनुसार तीनों योजनाओं के लिए सीधे आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा, “पहले खेल संघों/भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त भेजे जाते थे, जो प्रस्तावों को प्रस्तुत करने में काफी समय लेते थे। कभी-कभी प्रस्ताव को स्वीकृत करने में 1-2 वर्ष से अधिक समय लग जाता था। नकद पुरस्कार की समय पर प्रस्तुति और बाद में अनुमोदन सुनिश्चित करने के लिए, आवेदक को अब विशेष आयोजन के समापन की अंतिम तिथि से छह महीने के भीतर नकद पुरस्कार योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए तीनों योजनाओं में सत्यापन प्रक्रिया को काफी हद तक आसान कर दिया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रशिक्षक को समय पर नकद पुरस्कार प्रदान करने के उद्देश्य से, योजना में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। डेफलिम्पिक्स के एथलीटों को भी पेंशन का लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा, “खेल विभाग ने इन योजनाओं में उपरोक्त सुविधाओं को लागू करने के लिए, खेल विभाग की उपरोक्त योजनाओं के तहत लाभ लेने के लिए आवेदन करने में खिलाड़ियों की सुविधा के लिए वेब पोर्टल dbtyas-sports.gov.in विकसित किया है।” ठाकुर ने कहा कि यह ऑनलाइन पोर्टल खिलाड़ियों द्वारा आवेदनों के वास्तविक समय का पता लगाने और उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के माध्यम से प्रमाणीकरण की सुविधा प्रदान करेगा। आवेदकों द्वारा मंत्रालय को व्यक्तिगत रूप से आवेदन जमा करने की अब आवश्यकता नहीं होगी। पोर्टल को डीबीटी-एमआईएस के साथ भी जोड़ दिया गया है, जो भारत सरकार के डीबीटी मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए खिलाड़ियों को सीधे उनके बैंक खातों में धन के हस्तांतरण को  संभव बनाएगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पोर्टल न केवल समयबद्ध तरीके से सभी आवेदनों के त्वरित निपटान में विभाग की मदद करेगा, बल्कि इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की आवश्यक रिपोर्ट और खिलाड़ियों के डेटा प्रबंधन के लिए भी किया जाएगा। खिलाड़ियों की आवश्यकता व प्रचलित परिदृश्यों के अनुरूप समय-समय पर ऑनलाइन पोर्टल को और उन्नत किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विभाग ने ‘राष्ट्रीय खेल विकास कोष’ (एनएसडीएफ) के लिए एक समर्पित इंटरैक्टिव वेबसाइट nsdf.yas.gov.in भी विकसित की है। यह कोष देश में खेलों के प्रचार और विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों और व्यक्तियों आदि के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के माध्यम से प्राप्त योगदान पर आधारित है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पोर्टल के माध्यम से अब खिलाड़ी, खेल सुविधाओं और खेल आयोजनों के लिए व्यक्तिगत, संस्था और कॉर्पोरेट संगठन सीधे योगदान कर सकते हैं। एनएसडीएफ कोष का उपयोग लक्ष्य ओलंपिक पोडियम (टीओपी) योजना, प्रख्यात खिलाड़ियों और खेल संगठनों द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास आदि के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा, “यह समर्पित वेबसाइट न केवल खिलाड़ियों को बल्कि सीएसआर के लिए योगदानकर्ताओं को भी आसान और पारदर्शी पहुंच प्रदान करेगी। यह वेबसाइट देश में खेलों के विकास के लिए एनएसडीएफ को बड़ी सफलता दिलाने में हमारी मदद करेगी।”

 

 

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वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान, आरआरबी में परिचालन और शासन सुधारों एवं पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के प्रदर्शन की समीक्षा की गई।

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वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने प्रायोजक बैंकों के प्रमुखों और आरआरबी के अध्यक्षों के साथ आरआरबी के प्रदर्शन की समीक्षा की। वित्त मंत्री ने वित्तीय समावेशन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ऋण जरूरतों को पूरा करने में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। वित्त मंत्री ने प्रायोजक बैंकों से आरआरबी को और मजबूत करने और महामारी के बाद आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिए समयबद्ध तरीके से एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने का आग्रह किया। श्रीमती सीतारमण ने आईबीए और प्रायोजक बैंकों को आगामी समय में आरआरबी में तकनीकी प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाने की सलाह दी। वित्त मंत्री ने आरआरबी की एक कार्यशाला आयोजित करने का सुझाव दिया ताकि वे एक दूसरे के साथ सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा कर सकें।

श्रीमती सीतारमण ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जुलाई के अंत तक ऑन एकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम ऑनबोर्ड करने का निर्देश दिया।

दूसरे सत्र में, श्रीमती सीतारमण ने बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र को केसीसी जारी करने की प्रगति की समीक्षा की। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला भी इस सत्र में शामिल हुए। दोनों सत्रों के दौरान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किसानराव कराड भी मौजूद रहे। अधिक से अधिक किसानों को केसीसी ऋण का लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से, 2 लाख करोड़ रुपए के ऋण प्रोत्साहन के साथ केसीसी के तहत 2.5 करोड़ किसानों को आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत कवर करने के लिए एक विशेष केसीसी संतृप्ति अभियान का शुभारंभ किया गया था। उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई, 2022 तक 3.26 करोड़ किसानों (19.56 लाख पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन किसानों सहित) को केसीसी योजना के तहत कवर किया गया है, जिसकी स्वीकृत ऋण सीमा 3.70 लाख करोड़ रुपए है। अर्थव्यवस्था में पशुपालन और मत्स्य पालन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा के दौरान, वित्त मंत्री ने बैंकों को लंबित केसीसी आवेदनों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। एफएम ने बैंकों को केसीसी के साथ पशु पालन और मछली पकड़ने में लगे सभी लोगों को लाभान्वित करने के लिए शिविर आयोजित करने का भी निर्देश दिया। श्री रूपाला ने पशुपालन और मत्स्य पालन किसान को केसीसी प्रदान करने में बैंकों के प्रयासों की सराहना की और उनसे केसीसी योजना के तहत ऋण स्वीकृत करते समय छोटे मछुआरों और पशुपालन में शामिल लोगों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखने का आग्रह किया। श्रीमती सीतारमण ने अधिकारियों को सभी हितधारकों के साथ केसीसी योजना के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा करने का निर्देश दिया ताकि योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों की अधिकतम संख्या तक पहुंच सके।

 

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प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे शिंजो के दुःखद निधन पर गहरा शोक और दुःख व्यक्त किया

प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे शिंजो के दुःखद निधन पर गहरा शोक और दुःख व्यक्त किया है। श्री मोदी ने श्री आबे के साथ अपने संबंध एवं दोस्ती को भी रेखांकित किया और भारत-जापान संबंधों को एक विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी स्तर तक लाने में उनके महती योगदान की चर्चा की। श्री मोदी ने आबे शिंजो के प्रति गहरा सम्मान दर्शाते हुए 9 जुलाई 2022 को एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने टोक्यो में आबे शिंजो के साथ अपने हाल की बैठक की एक तस्वीर भी साझा की।

ट्वीट की एक श्रृंखला के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने कहा;

“मैं अपने सबसे प्रिय दोस्तों में से एक शिंजो आबे के दुःखद निधन से स्तब्ध और दुखी हूं। वो एक महान वैश्विक राजनीतिज्ञ, एक उत्कृष्ट नेता और एक योग्य प्रशासक थे। उन्होंने जापान और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया।”

“श्री आबे के साथ मेरे संबंध कई साल पुराने हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मेरा उनसे परिचय हुआ और मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद भी हमारी दोस्ती जारी रही। अर्थव्यवस्था और वैश्विक मामलों पर उनकी तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि ने हमेशा मुझ पर गहरी छाप छोड़ी।”

“मेरी हाल की जापान यात्रा के दौरान, मुझे श्री आबे से एक बार फिर मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। वो हमेशा की तरह विनोदपूर्ण और तीक्ष्ण थे। मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। मेरी हार्दिक संवेदनाएं उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं।”

“श्री आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी स्तर तक लाने में महती योगदान दिया। आज पूरा भारत जापान के साथ शोक मना रहा है और इस मुश्किल घड़ी में हम अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं।”

“पूर्व प्रधानमंत्री आबे शिंजो के प्रति हमारे गहरे सम्मान के प्रतीक के रूप में, 9 जुलाई 2022 को एक-दिवसीय राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा।”

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सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीतरगांव के चिकित्सा अधीक्षक एवं आशा बहू की बातचीत का आडियो हुआ वायरल डिलीवरी कराने के नाम पर उत्कोच मांगने संबंधी आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीतरगांव के चिकित्सा अधीक्षक एवं आशा बहू की बातचीत का आडियो वायरल हुआ जिसमे डिलीवरी कराने के नाम पर उत्कोच मांगने संबंधी आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उक्त वायरल आडियों को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी श्री विशाख जी द्वारा प्रकरण की जांच हेतु उप जिलाधिकारी, नर्वल एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को नामित किया गया। समिति द्वारा प्रकरण की जांच की आख्या उपलब्ध करायी गयी, जिसमें जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा डा0 अजय मौर्य के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु शासन को संस्तुति की गयी है एवं संबंधित आशा बहू के विरूद्ध कार्यवाही हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी, कानपुर नगर को निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर डॉक्टर अजय मौर्य को एम आई सी भीतरगांव के पद से हटाते हुए डॉक्टर एम0पी0 तिवारी को एमओआईसी भीतरगांव के रूप में तैनात किया गया है।

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गुजैनी थाना के पुलिसकर्मियों पर लगा 43000 रुपए छीनने का आरोप

कानपुर 8 जुलाई, भारतीय स्वरूप संवाददाता, बिगत दिनों थाना क्षेत्र गुजैनी में लूट व चोरी के माल को फर्जी बरामद करने के मामले में थानाध्यक्ष सहित खुलासा करने वाली पुलिस टीम पर लूट के मामले में एक निर्दोष को जेल भेजने का गम्भीर आरोप स्वयं वादी मुकदमा व मौके के चश्मदीद गवाह द्वारा लगाया जा चुका है। इसी क्रम में गुजैनी थाना के सिपाहियों पर एक युवक द्वारा रुपये छीन लेने व फर्जी तौर पर जुआ खेलते दिखाने का गम्भीर आरोप लगाया गया है। जानकारी के अनुसार, गुजैनी थाना क्षेत्र में रामगोपाल चौराहे में दो युवकों को जुआ खेलने के आरोप में पकड़ा गया था। जिसमे दोनों युवकों पर धारा 13 जी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई थी जिसमें युवकों के पास 9500 रुपये की रकम बरामदी पुलिस द्वारा बताई गई थी। किन्तु आज इनमें से एक आरोपी सुमित कुमार द्वारा डीसीपी साउथ के यहां प्रार्थना पत्र दिया गया है जिसमें सुमित ने गुजैनी थाना के पुलिसकर्मियों पर रुपये छीनने का आरोप लगाया है। सुमित के अनुसार, विगत 6 जुलाई को दिन में करीब 3 बजे बोरिंग का काम करने वाले मिस्त्री के यहां रामगोपाल चौराहे कच्ची बस्ती में गए थे। तभी अचानक वहां पीछे से गुजैनी थाना के उप निरीक्षक गौरव शौलिया व कांस्टेबल सुधीप, अजय, रामबाबू आ धमके और सुमित व मिस्त्री महेश मिश्रा को पकड़ लिया। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों ने जोर जोर धमकाकर कहा कि जुआ खेल रहे हो और यह कहते हुए कांस्टेबल सुधीप ने सुमित की जेब में रखे 43000 रुपए छीन लिए। इसके बाद दोनों को थाने में लाकर बंद कर दिया। सुमित न आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने रुपये हजम करने के उद्देश्य से जुआ खेलता दिखाकर चालान कर दिया गया। आज सुमित ने डीसीपी साउथ के यहां गुजैनी थाना के पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर डीसीपी साउथ से न्याय की गुहार लगाई है। इस संदर्भ में जब गुजैनी थाना प्रभारी रवि शंकर त्रिपाठी से जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि सुमित द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। बताते चलें कि गुजैनी थाना क्षेत्र के गुजैनी नहर के पास घटित दो घटनाओं को एक बनाकर, एक घटना के पीड़ित को वादी व एक घटना के पीड़ित को चश्मदीद गवाह बनाकर, तीन में आरोपियों को गिरफ्तारी दिखाते हुए गुडवर्क के चक्कर में मनगढ़न्त कहानी बनाकर फर्जी खुलासा करने का गम्भीर आरोप लग चुका है जो सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में एक आरोपी को निर्दोष को जेल भेज देने का आरोप थानाध्यक्ष रवि शंकर त्रिपाठी, तत्कालीन उप निरीक्षक राकेश दीक्षित, उप निरीक्षक अरुण कुमार, उप निरीक्षक रिन्कू कुमार, हे. का. देवेन्द्र सिंह, का. ऋषि यादव व का अजय कुमार पर लग चुका है।

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पत्रकार कल्याण योजना के तहत 7 पत्रकारों के साथ-साथ 35 पत्रकारों के परिवारों के लिए सहायता स्वीकृत

केंद्र सरकार ने अपनी जान गंवाने वाले 35 पत्रकारों के परिवारों को वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्रा की अध्यक्षता में पत्रकार कल्याण योजना समिति के एक प्रस्ताव को स्‍वीकृति दे दी है। इनमें उन 16 पत्रकारों के परिवार शामिल हैं जिनकी मौत कोविड-19 से हुई है। पत्रकार कल्याण योजना (जेडब्ल्यूएस) के तहत परिवारों को 5 लाख रुपये तक वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

जेडब्ल्यूएस समिति ने जेडब्ल्यूएस दिशा-निर्देशों के अनुसार स्थायी विकलांगता से पीड़ित दो पत्रकारों और गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे पांच पत्रकारों को भी सहायता देने की सिफारिश की। समिति ने बैठक के दौरान कुल 1.81 करोड़ रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की है।

इस योजना के तहत अब तक कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले 123 पत्रकारों के परिवारों को सहायता प्रदान की जा चुकी है। मौजूदा स्वीकृतियों सहित वर्तमान बैठक में कुल 139 परिवारों को सहायता प्रदान की गई है।

इस योजना के तहत पत्रकार की मृत्यु होने के कारण अत्यधिक कठिनाई होने को ध्‍यान में रखते हुए पत्रकारों के परिवारों को 5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। स्थायी विकलांगता, गंभीर दुर्घटना और गंभीर स्वास्थ्य रोग होने पर भी पत्रकारों को सहायता प्रदान की जाती है।

पिछले वित्त वर्ष के दौरान 134 पत्रकारों और उनके परिवारों को विभिन्न श्रेणियों के तहत 6.47 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई।

जेडब्ल्यूएस समिति की बैठक में श्री जयदीप भटनागर, प्रधान महानिदेशक, पीआईबी; श्री विक्रम सहाय, संयुक्त सचिव (आई एंड बी) के साथ-साथ समिति के पत्रकार प्रतिनिधि श्री संतोष ठाकुर, श्री अमित कुमार, श्री उमेश्वर कुमार, सुश्री सरजना शर्मा, श्री राज किशोर तिवारी और श्री गणेश बिष्ट शामिल थे।

पत्रकार और उनके परिवार पीआईबी की वेबसाइट https://accreditation.pib.gov.in/jws/default.aspx  के माध्यम से पत्रकार कल्याण योजना (जेडब्ल्यूएस) के तहत सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

 

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पुणे-सतारा राजमार्ग (एनएच-4) के खंभातकी घाट पर नई 6-लेन सुरंग की परियोजना मार्च, 2023 तक पूरा होने की संभावना

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर यह बताया कि पुणे-सतारा राजमार्ग (एनएच-4) पर खंभातकी घाट पर नई 3 लेन वाली एक जोड़ी यानी कुल 6-लेन की सुरंग है और वर्तमान में यह पूरी गति से निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा कि सतारा-पुणे दिशा में मौजूदा ‘एस’ घुमाव (कर्व) को जल्द ही पूरा किया जाएगा, जिससे दुर्घटना के जोखिम में भारी कमी आएगी। 6.43 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की कुल पूंजीगत लागत लगभग 926 करोड़ रुपये है और इसके मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज हमारा देश अभूतपूर्व ढांचागत परिवर्तन देख रहा है और ‘कनेक्टिविटी (संपर्क) के माध्यम से समृद्धि’ का प्रसार हो रहा है। उन्होंने कहा कि नए भारत को विश्व स्तरीय अवसंरचना की मांग है।

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गडकरी ने कहा कि यह सुरंग कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यात्रियों को उनके वैल्यू ओवर टाइम (वीओटी) और वैल्यू ओवर कॉस्ट (वीओसी) बचत के माध्यम से सीधा लाभ प्रदान करेगा। मंत्री ने आगे बताया कि पुणे-सतारा और खंभातकी घाट से होते हुए सतारा-पुणे की औसत यात्रा का समय क्रमश: 45 मिनट और 10 से 15 मिनट है। वहीं, इस सुरंग के पूरा हो जाने से औसत यात्रा का यह समय घटकर 5 से 10 मिनट रह जाएगा।

 

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प्रधानमंत्री कल वाराणसी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल 07 जुलाई 2022 को वाराणसी में तीन दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन करेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सहयोग से शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय सम्मेलन में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के  विश्वविद्यालयों के 300 से अधिक कुलपतियों और निदेशकों, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं के साथ-साथ उद्योग के प्रतिनिधियों को भी यह  विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ एक मंच पर लाएगा कि पिछले दो वर्षों में कई पहलों के सफल कार्यान्वयन के बाद देश भर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन को कैसे और आगे बढ़ाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

यह शिखर सम्मेलन राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को लागू करने में रणनीतियों, सफलता की कहानियों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा, विचार-विमर्श और अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए अग्रणी भारतीय उच्च शैक्षणिक संस्थानों (एचईआई) के लिए एक मंच प्रदान करेगा। शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ मिलकर अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, मल्टीपल एंट्री एग्जिट, उच्च शिक्षा में बहु अनुशासन और लचीलापन, ऑनलाइन और ओपन डिस्टेंस लर्निंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विनियम, वैश्विक मानकों के साथ इसे और अधिक समावेशी बनाने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे को संशोधित करने, बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने तथा  भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने और दोनों को शैक्षिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने, कौशल शिक्षा को मुख्य धारा में लाने एवं आजीवन सीखने को बढ़ावा देने जैसी कई नीतिगत पहलों  को शुरू किया है। कई विश्वविद्यालय पहले ही इस कार्यक्रम को अपना चुके हैं, लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे हैं जिनके लिए इन परिवर्तनों को अपनाना और उनके अनुकूल होना बाकी है। चूंकि देश में उच्च शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र केंद्र, राज्यों और निजी संस्थाओं तक फैला हुआ है, इसलिए नीति कार्यान्वयन को और आगे ले जाने के लिए व्यापक परामर्श की आवश्यकता है। परामर्श की यह प्रक्रिया क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर चल रही है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने पिछले महीने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मुख्य सचिवों के एक सेमिनार को संबोधित किया था जहां राज्यों ने इस मुद्दे पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। इस संबंध में परामर्शों की श्रृंखला में वाराणसी शिक्षा समागम की अगली कड़ी है। 7 से 9 जुलाई तक चलने वाले तीन दिनों के इस समागम के  कई सत्रों में बहु-विषयक और समग्र शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार, भारतीय ज्ञान प्रणाली, शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण, डिजिटल सशक्तिकरण तथा ऑनलाइन शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता, गुणवत्ता, रैंकिंग और प्रत्यायन, समान और समावेशी शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों की क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर चर्चा होगी । इस शिखर सम्मेलन से विचारोत्तेजक चर्चाओं के लिए एक ऐसा मंच मिल सकने  की उम्मीद है जो कार्ययोजना और कार्यान्वयन रणनीतियों को स्पष्ट करने के अलावा ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और अंतःविषय विचार-विमर्श के माध्यम से एक नेटवर्क का निर्माण करने के साथ- साथ शैक्षिक संस्थानों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करेगा और उचित समाधानों को स्पष्ट करेगा। अखिल भारतीय शिक्षा समागम का मुख्य आकर्षण उच्च शिक्षा पर वाराणसी घोषणा को स्वीकार करना होगा जो उच्च शिक्षा प्रणाली के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए भारत की विस्तारित दृष्टि और नए सिरे से उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा।

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जून 2022 में कोयला उत्पादन 32.57 प्रतिशत बढ़कर 67.59 मिलियन टन हो गया

भारत का कोयला उत्पादन जून 2021 की तुलना में जून, 2022 के दौरान 50.98 एमटी से 32.57 प्रतिशत बढ़कर 67.59 मिलियन टन (एमटी) हो गया। कोयला मंत्रालय के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जून के दौरान, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) और कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी की खानों/अन्य ने क्रमशः 51.56 एमटी, 5.56 एमटी और 10.47 एमटी उत्पादन करके 28.87 प्रतिशत, 5.50 प्रतिशत और 83.53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। शीर्ष 37 कोयला खदानों में से 22 खानों ने 100 प्रतिशत से अधिक उत्पादन किया और अन्य नौ खानों का उत्पादन 80 से 100 प्रतिशत के बीच रहा।

वहीं, कोयले की रवानगी 20.69 फीसदी बढ़कर 75.46 एमटी हो गई, जो जून 2021 की तुलना में जून, 22 में 62.53 एमटी थी। 22 जून के दौरान सीआईएल और कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी की खानों/अन्य ने क्रमशः 58.98 और 11.05 एमटी भेज कर 15.20 प्रतिशत और 88.23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। एससीसीएल ने महीने के दौरान 0.46 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की।

बिजली की मांग में वृद्धि के कारण जून 21 में 49.62 एमटी की तुलना में इस साल जून के दौरान बिजली उपयोगिताओं का प्रेषण 30.77 प्रतिशत बढ़कर 64.89 एमटी हो गया।

जून 2021 की तुलना में जून 2022 में कोयला आधारित बिजली उत्पादन में 26.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। जून 2022 में कुल बिजली उत्पादन जून 2021 की तुलना में 17.73 प्रतिशत अधिक रहा है। हालांकि, कोयला आधारित बिजली उत्पादन मई 2022 में 98609 एमयू की तुलना में जून 2022 के महीने में 95880 एमयू रहा और 2.77 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की। कुल बिजली उत्पादन भी जून 2022 में घटकर 138995 एमयू हो गया है जो मई 2022 में 140059 एमयू था और 0.76 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

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