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रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह तथा इजरायल के रक्षा मंत्री ने रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए टेलीफोन पर चर्चा की

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज इजरायल के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बेंजामिन गैंट्ज के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की संभावनाओं पर चर्चा की।

दोनों राजनेताओं ने कोविड -19 महामारी की रोकथाम के लिए अनुसंधान और विकास में आपसी सहयोग पर संतोष व्यक्त किया, जो न केवल दोनों देशों को लाभान्वित करेगा, बल्कि संपूर्ण मानवता की भी सहायता करेगा। रक्षा मंत्री ने रक्षा निर्माण में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की नए उदार व्यवस्था के तहत इजरायली रक्षा कंपनियों को अधिक से अधिक भागीदारी करने के लिए आमंत्रित किया। दोनों मंत्रियों ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी विचार-विमर्श किया। श्री राजनाथ सिंह के जल्द से जल्द भारत आने के निमंत्रण पर इजरायल के रक्षा मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

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कुछ देशों से सार्वजनिक खरीद पर प्रतिबंध, भारत सरकार ने सामान्य वित्तीय नियम 2017 में किया संशोधन

भारत सरकार ने आज सामान्य वित्तीय नियम 2017 में संशोधन किया, ताकि उन देशों के बोली लगाने वालों पर प्रतिबंध लगाया जा सके जो भारत के भू-भाग के साथ सीमा साझा करते हैं। संशोधन, भारत की प्रतिरक्षा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा समेत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित मामलों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। उक्त नियमों के तहत, व्यय विभाग ने भारत की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सार्वजनिक खरीद पर एक विस्तृत आदेश जारी किया है।

      आदेश के अनुसार, भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले ऐसे देशों का कोई भी बोली लगाने वाला वस्तु, सेवाओं (परामर्श सेवाओं और गैर-परामर्श सेवाओं सहित) या कार्य (टर्नकी परियोजनाओं सहित) से सम्बंधित किसी भी सरकारी खरीद में बोली लगाने का पात्र होगा, यदि बोलीदाता सक्षम प्राधिकरण के साथ पंजीकृत है। पंजीकरण के लिए सक्षम प्राधिकरण, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा गठित पंजीकरण समिति होगी। विदेश और गृह मंत्रालय से क्रमशः राजनीतिक और सुरक्षा मंजूरी अनिवार्य होगी।

      इस आदेश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और वित्तीय संस्थान, स्वायत्त निकाय, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) और सरकार या इसके उपक्रमों से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाली सार्वजनिक-निजी भागीदारी की परियोजनाएं शामिल हैं।

      राज्य सरकारें भी राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। भारत सरकार ने संविधान की धारा 257(1) के प्रावधानों के तहत राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है कि राज्य सरकार और राज्य उपक्रम आदि भी सरकारी खरीद के लिए इस आदेश को लागू करें। राज्य स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए सक्षम प्राधिकरण का गठन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा लेकिन राजनीतिक और सुरक्षा मंजूरी आवश्यक होगी।

      31 दिसंबर 2020 तक कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए चिकित्सा आपूर्ति की खरीद सहित कुछ सीमित मामलों में छूट प्रदान की गई है। एक अलग आदेश द्वारा उन देशों को पूर्व पंजीकरण की आवश्यकता से छूट दी गई है, जिन्हें भारत सरकार ऋण सुविधा (लाइन ऑफ़ क्रेडिट) देती है या विकास सहायता प्रदान करती है।

      नए प्रावधान सभी नए निविदाओं पर लागू होंगे। पहले से आमंत्रित निविदाओं के संबंध में, यदि योग्यता के मूल्यांकन का पहला चरण पूरा नहीं हुआ है, तो नए आदेश के तहत ऐसे बोलीदाता जो पंजीकृत नहीं हैं, को अयोग्य माना जाएगा। यदि इस चरण को पार कर लिया गया है, तो सामान्यतया निविदाओं को रद्द कर दिया जाएगा और प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की जायेगी। आदेश सार्वजनिक खरीद के अन्य रूपों पर भी लागू होगा। यह आदेश निजी क्षेत्र द्वारा की जाने वाली खरीद पर लागू नहीं होगा।

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अमेरिकी विश्वविद्यालय द्वारा सी.एम.एस. छात्र को 60,000 अमेरिकी डालर की स्कालरशिप

लखनऊ, 23 जुलाई। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) के मेधावी छात्र अयांश सिंह को उच्चशिक्षा हेतु अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी आॅफ सिनसिनाटी द्वारा 60,000 अमेरिकी डालर की स्काॅलरशिप से नवाजा गया है। अयांश को यह स्काॅलरशिप चार वर्षीय उच्चशिक्षा अवधि के दौरान प्रदान की जायेगी। इस प्रकार, सी.एम.एस. के एक और होनहार छात्र ने अपनी लगन, प्रतिभा व शैक्षणिक उत्कृष्टता के दम पर उच्चशिक्षा हेतु विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में स्काॅलरशिप के साथ चयनित होकर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है। सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने इस मेधावी छात्र की सफलता पर हार्दिक बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस वर्ष अभी तक सी.एम.एस. के 87 छात्रों ने अमेरिका, इंग्लैण्ड, कैनडा, आस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, जर्मनी आदि विभिन्न देशों के ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालयों में चयनित होकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जिनमें से अधिकतर को स्काॅलरशिप प्राप्त हुई है। श्री शर्मा ने आगे कहा कि सी.एम.एस. छात्रों के दृष्टिकोण व्यापक बनाने व उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने हेतु सदैव प्रयासरत है और इसी कड़ी में छात्रों को भारत में एवं विदेशों में उच्चशिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान कर रहा है। सी.एम.एस. प्रदेश में एकमात्र एस.ए.टी. (सैट) एवं एडवान्स प्लेसमेन्ट (ए.पी.) टेस्ट सेन्टर है जो उत्तर प्रदेश एवं आसपास के अन्य राज्यों के छात्रों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में स्काॅलरशिप के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद कर रहा है। इससे पहले, विदेश में उच्चशिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक प्रदेश के छात्रों को सैट परीक्षा के लिए दिल्ली जाना पड़ता था।

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भारत-अमेरिका सामरिक ऊर्जा साझेदारी की मंत्रिस्तरीय बैठक में बताई प्रमुख उपलब्धियां, सहयोग के नए क्षेत्रों की प्राथमिकता तय

भारत और अमेरिका ने सुपरक्रिटिकल सीओ2 (एससीओ2) बिजली चक्रों और कार्बन कैप्चर उपयोग एवं भंडारण (सीसीयूएस) समेत उन्नत कोयला प्रौद्योगिकियों पर आधारित परिवर्तनकारी बिजली उत्पादन को लेकर अनुसंधान के नए क्षेत्रों की घोषणा की है।

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ये घोषणा 17 जुलाई, 2020 को भारत-अमेरिका सामरिक ऊर्जा साझेदारी (एसईपी) की वर्चुअल मंत्रिस्तरीय बैठक में हुई जिसे प्रगति समीक्षा, प्रमुख उपलब्धियां रेखांकित करने और सहयोग के लिए नए क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के लिए आयोजित किया गया था। इस बैठक की सह-अध्यक्षता अमेरिकी ऊर्जा सचिव डैन ब्रोइलेट और भारतीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने की।

अमेरिकी ऊर्जा सचिव और भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री के अलावा इस वर्चुअल बैठक में अमेरिकी राजदूत केनेथ आई जस्टर, अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा और अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद थे।

चर्चा के प्रमुख बिंदु 

  • सुपरक्रिटिकल सीओ2 (एससीओ2) बिजली चक्रों और कार्बन कैप्चर उपयोग एवं भंडारण (सीसीयूएस) समेत उन्नत कोयला प्रौद्योगिकियों पर आधारित परिवर्तनकारी बिजली उत्पादन को लेकर अनुसंधान के नए क्षेत्रों की घोषणा की गई
  • 30 भारतीय और अमेरिकी इकाइयों के संघ द्वारा स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण को कार्यान्वित किया जा रहा है
  • स्मार्ट ग्रिड अवधारणाओं, वितरित ऊर्जा संसाधनों, एकीकृत समाधानों के प्रभाव व मूल्य और वितरण प्रणाली संचालकों के रूप में उपयोगिताओं की उभरती भूमिका की सामाजिक स्वीकृति के लिए नीतिगत निर्देश
  • स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों, सुपरक्रिटिकल कार्बन डाइऑक्साइड (एससीओ2) पावर साइकल और कार्बन कैप्चर उपयोग एवं भंडारण (सीसीयूएस) प्रौद्योगिकियों में सहयोग के लिए समान प्राथमिकताएं

इस अवसर पर प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच स्वच्छ ऊर्जा- अनुसंधान तेज़ करने के लिए कार्यक्रम (पीएसीई-आर) के तहत सहयोग बढ़ा है। स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण पर चल रहे मौजूदा सहयोग को 30 भारतीय और अमेरिकी संस्थाओं के संघ द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है जिसमें भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अमेरिका के ऊर्जा विभाग, प्रत्येक द्वारा 7.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश शामिल है जो इस संघ द्वारा मुहैया कराई जाने वाली राशि के बराबर होगा।

उन्होंने कहा कि ये परियोजना अपने कुशल और विश्वसनीय संचालन के लिए वितरण नेटवर्क में भंडारण समेत वितरण ऊर्जा संसाधनों (डीईआर) के साथ स्मार्ट ग्रिड अवधारणाओं को अपनाने और उनकी तैनाती से जुड़े ज़रूरी मुद्दों को संबोधित करती है और ये इसकी सामाजिक स्वीकृति, एकीकृत समाधानों के प्रभाव व मूल्य और वितरण प्रणाली संचालकों के रूप में उपयोगिताओं की उभरती भूमिका के लिए नीतिगत निर्देश भी प्रदान करेगी।

प्रो. शर्मा ने ये भी कहा कि स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों, सुपरक्रिटिकल कार्बन डाइऑक्साइड (एससीओ2) पावर साइकल और कार्बन कैप्चर उपयोग एवं भंडारण (सीसीयूएस) प्रौद्योगिकियों पर अमेरिका के ऊर्जा विभाग (डीओई) और भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के बीच संवाद अच्छे से आगे बढ़ा है और सहयोग के लिए समान प्राथमिकताएं विकसित हुई हैं। उन्होंने ये भी कहा कि इस बातचीत के उल्लेखनीय परिणामों में से एक है सीसीयूएस प्रौद्योगिकियों को तेज़ करने के लिए (एसीटी) बहुपक्षीय मंच में भारत की भागीदारी, जिसके जरिए अमेरिका-भारत के संभावित सहयोग के लिए रास्ते तैयार किए गए हैं।

अमेरिका और भारत ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा पहुंच के लिए उपरोक्त-सभी वाला दृष्टिकोण साझा करते हैं। दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान, विकास और नवाचार के महत्व को समझते हैं और स्मार्ट ग्रिड व ऊर्जा भंडारण पर स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान तेज़ करने के लिए (पीएसीई-आर) अमेरिका-भारत भागीदारी के जरिए संयुक्त अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) का नेतृत्व भी कर रहे हैं ताकि बिजली ग्रिड के लचीलेपन और विश्वसनीयता को बढ़ाया जा सके।

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बार काउंसिल के तर्ज पर, प्रेस काउंसिल भी कराए चुनाव:- शास्त्री

ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने सरकार से मांग किया है कि जिस प्रकार से देश मे बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा देश, प्रदेश, जिला व तहसील स्तर पर बाकायदे चुनाव कराया जाता है, उसी प्रकार से प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भी चुनाव कराए जाने की व्यवस्था एवं अधिकार दिया जाना चाहिए। जिससे प्रेस काउंसिल भी पत्रकारों का चुनाव करा सके। डाक्टरों व अधिवक्ताओं के लिए उनके-उनके काउंसिल अपने-अपने स्तर से देश भर में बाकायदे चुनाव कराती है और निर्वाचित पदाधिकारी देश, प्रदेश एवं जिला स्तर पर अपने विधा के लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करते हैं, लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि पत्रकारों के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है?

श्री शास्त्री जी ने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा है कि उपरोक्त की भांति P.C.I. को संसाधन सहित अधिकार जारी करें जिससे प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया भी पत्रकारों को अधिकार दे सके। जिस प्रकार से देश की उपरोक्त संस्थाएं अपने विधा के लोगों का चुनाव कराती है उसी प्रकार से प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया भी पत्रकारों के लिए देश और राज्य में चुनाव संपन्न कराएं, इससे यह फायदा होगा कि जिस प्रकार से अधिवक्ताओं, डॉक्टरों आदि की समस्याओं के निदान हेतु उनके उनके विधा के लोग कार्य करते हैं उसी प्रकार से पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से निर्वाचित लोग भी देश, प्रदेश व जिला स्तर पर कार्य कर सकेंगे। जिसके साथ ही पत्रकारों का कानूनी तौर पर परिभाषा भी तय हो सकेगा, अभी तक पत्रकार मात्र नाम का चौथा स्तम्भ है।

साथ ही श्री शास्त्री जी ने यह भी कहा कि इसी के साथ देश में नेशनल जर्नलिस्ट रजिस्टर भी तैयार हो जाएगा। इससे यह लाभ होगा कि सरकारो द्वारा पत्रकारों के लिए चलाई गई कल्याणकारी योजना पत्रकारों को सुचारु रुप से मिल पाएगी। नहीं तो पत्रकारो को वास्तविक सुविधा मिलना असंभव हो जाएगा। साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बने नियम कानून भी कड़ाई से लागू हो जिससे देश के पत्रकार राष्ट्रहित न्यायपूर्ण बिना दबाव के अपना कार्य कर सके।

श्री शास्त्री जी ने यह भी कहा कि लोकतंत्र के तीनों स्तंभों की तरह चौथे स्तंभ (पत्रकारो) को भी सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए, इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार से देश के अन्य विधा के लोगो का एक कानून और एक नियम है उसी प्रकार से पत्रकारों का भी एक नियम, कानून होना चाहिए। देश का हर पत्रकार राष्ट्रहित सर्वोपरि रखते हुए अपने दायित्वों का पूरा का पूरा निर्वहन करता है, इसके बाद भी उसके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव रखना बहुत ही दुःखद है।

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कई दिनों के इलाज के बाद मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने ली आखिरी सांस.

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, कई दिनों के इलाज के बाद आज ली आखिरी सांस

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया। मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने जानकारी देते हुए बताया कि लालजी टंडन ने लखनऊ के मेदांता अस्पताल में सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर ली अंतिम सांस ली। लालजी टंडन के निधन के बाद उनके बेटे और यूपी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन  ट्वीट करके कहा कि बाबूजी नहीं रहे। 

गौरतलब है कि लालजी टंडन को 11 जून को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब में परेशानी की वजह से लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला  ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर मंगलवार को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल, वरिष्ठ राजनेता लालजी टंडन जी के निधन पर सादर पुष्पांजलि। सार्वजनिक जीवन में विविध पदों पर रहते हुए आप देश तथा आमजन की सेवा में सदैव तत्पर रहे। उनका दीर्घ अनुभव तथा संवैधानिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ उनकी सलाह को महत्वपूर्ण बनाती थी। 

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जिगर संक्रमण, नियंत्रण और प्रबंधन विषय पर व्यख्यान का आयोजन

जिगर संक्रमण, नियंत्रण और प्रबंधन, विषय पर होप एन जी ओ और SRMIT लखनऊ द्वारा एक पहल 19 जुलाई 2020 एक व्याख्यान कराया गया जिस्मे मुख्य वक्ता डॉ. गौरदास चौधरी जो वर्तमान में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, फोर्टिस चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक हैं। उन्होंने हेपेटाइटिस के प्रकार का विस्तृत विवरण बताया यह निदान उपचार लक्षण हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, लिवर सेरोसिस की सावधानियां और कोविड 19 के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए क्योंकि जिन मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली वीक है, उन्हें कोरोना वायरस से बहुत आसानी से प्रभावित किया जा सकता है। कार्यक्रम का समन्वय रसायन विज्ञान क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मीत कमल ने किया। डॉ डी के अवस्थी एडवाइजर और पवन सिंह चौहान पैटर्न एन ओ एस ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन भी मौजूद थे. कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और प्रतिभागियों के सभी प्रश्नों को स्पष्ट कर दिया गया।

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कोरोना संक्रमण के दौर में डाक विभाग ने आसान की बहनों की मुश्किलें, अब वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में भेजें राखी

भाईयों को डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी बहने ।

कोरोना संक्रमण के बीच भाई- बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 3 अगस्त को मनाया जायेगा और इसके लिए बहनों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में बहनों द्वारा भाईयों की कलाइयों पर बँधने वाली राखी सुरक्षित रूप में व तीव्र गति से भेजी जा सके, इसके लिए डाक विभाग ने विशेष प्रबन्ध किये हैं। इस हेतु जीपीओ और प्रधान डाकघरों में विशेष रुप से निर्मित रंगीन डिजाइनर वाटरप्रूफ राखी लिफाफों की ब्रिकी आरम्भ कर दी गई है। उक्त जानकारी लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ये डिजानइर राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे बारिश के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। राखी लिफाफों को चिपकाने हेतु इनमें विशेष स्टिकर का प्रयोग किया गया है जिससे इस हेतु गोंद की आवश्यकता नहीं होगी। 11 सेमी X 22 सेमी आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य दस रुपया मात्र  है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगो के साथ अंग्रेजी में राखी लिफाफा और नीचे दाहिने तरफ ‘हैप्पी राखी’  लिखा गया है। श्री यादव ने कहा  कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाकों से अलग करने में समय की बचत और पर्व के पूर्व वितरण कराने में भी सहूलियत  होगी। 

लखनऊ जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर श्री आरएन यादव ने बताया कि जीपीओ से सभी प्रधान डाकघरों को बिक्री के लिए राखी लिफाफे भिजवाए जा रहे हैं। जीपीओ में राखी लिफाफे खरीदने आई निहारिका गुप्ता ने कहा कि कोविड 19 के संक्रमण दौर में दूर शहर में नौकरी करने वाले अपने भाईयों को अब इस डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक विभाग द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दी।

पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें द्वार का रहस्य और इससे जुड़े मालिकाना हक विवाद की पूरी कहानी
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर कहते हैं कि इसके तहखाना में इतना खजाना है कि जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती है। दुनिया का सबसे अमीर मंदिर और उसमें कुछ इसी तरह के सात तहखाने और इन्हीं तहखाने में है खरबों रुपए की दौलत जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन यह कोई कल्पना नहीं, कोई फसाना नहीं। यह पूरी हकीकत है। दुनिया के सबसे अमीर स्वामी पद्मनाभस्वामी मंदिर का रसूख जितना ज्यादा है, रहस्य उतना ही गहरा। हिंदुओं की आस्था, विरासत और इतिहास को समेटे पद्मनाभस्वामी मंदिर का सबसे बड़ा और गहरा रहस्य है इसका खजाना। 

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए ये फैसला दिया है। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमेटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। कोर्ट ने राजपरिवार के सेवादार के हक को तो बरकरार रखा है लेकिन देवता की पूजा के तरीके से लेकर, मंदिर की सम्पत्तियों के रखरखाव, श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसे तमाम काम का अधिकार 5 सदस्यीय प्रशासनिक कमेटी और 3 सदस्य एडवाइजरी कमेटी को सौंप दिया है। आज के इस विश्लेषण में आपको बताएंगे क्या है इस मंदिर की कहानी? इस मंदिर को दुनिया का अमीर मंदिर क्यों कहा जाता है? क्या है इसके सात दरवाजों का रहस्य? क्या है इसके प्रबंधन के अधिकार का विवाद, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया?

सोने की तरह चमकते गगनचुंबी मंदिर में इतना खजाना है जिसे देखकर आंखें फटी की फटी रह जाए। मंदिर में इतना सोना है कि देखने वालों की आंखें चौंधिया जाए। सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात, अशर्फियां, सोने की मूर्तियां और भी न जाने क्या-क्या? भगवान विष्णु का यह मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। कहते हैं कि इस मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति को भगवान विष्णु का वरदान मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है। लेकिन मंदिर को लेकर और भी बहुत कुछ कहा जाता है। मंदिर का सातवां दरवाजा खोलने वाला अभी तक पैदा नहीं हुआ। अकूत खजाना छुपाए मंदिर के सातवें दरवाजे को कोई चाबी नहीं खोल सकती है। मंदिर का सातवां दरवाजा मंत्र से कोई सिद्ध पुरुष ही खोल सकता है। यह भी कहा जाता है कि किसी और ने सातवां दरवाजा खोला तो प्रलय आ जाएगी

विश्व के सबसे प्राचीन मानव सभ्यता के जनकों में से एक भारत। हिन्द महासागर के किनारे बसा दक्षिण का एक प्रांत केरल। यहां कि राजधानी है तिरुवनंतपुरम जहां पर स्थित है इसरो का विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र। यहां से 15 किलोमीटर दूर तिरुवनंतपुरम सेंट्रल के निकट स्थित है वो मंदिर जो पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने की क्षमता रखता है- श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

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चलो करें बातें जो सुकूँ दें – पूर्णिमा तिवारी

तुम्हें कैसे लिखूं की तुम क्या हो मेरे
मेरी सारी कायनात हो तुम
ये दिन ये रात ये बादल ये बरसात
ये रोना ये हँसना
ये प्यार ये मनुहार
मेरी छोटी सी दुनिया
दुनिया की महफ़िल
रातों की नींद
निंदो में ख्वाब
जीवन का गीत
गीतों का राग
हो धड़कन मेरे हृदय की
हो रागिनी मेरे अधर की

चलो खत्म करें शिकवे शिकायतें
कुछ तहजीब निभाते हैं
कुछ खामियां हैं दोनों में
भुला उन्हें रिश्ते निभाते हैं
शिकवों का क्या
वो तो उम्र भर खत्म नही होंगे
बेवजह दिल क्यों दुखाते हैं
चलो करे बातें जो सुकून दे दिलों को
जो पड़ गए हैं छाले रिश्तों में उन्हें मरहम लगाते हैं।
आओ हम एक नई राह बनाते हैं

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