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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में अन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन

आन्तरिक गुणवत्ता सुनश्चयन प्रकोष्ठ, क्राइस्ट चर्च कालेज, कानपुर दृवारा एकदिवसीय वेबिनार “Strategies to face challenges in Life” का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता डॉ सिधान्शु राय, छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर थे जिन्होंने बच्चों के व्यक्तित्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण मार्ग दर्शन दिया। उन्होंने बताया कि सही communication एवं attitude का जीवन में अहम योगदान है। दूसरी वक्ता डॉ शिवा मिश्रा ने बच्चों को सफल जीवन यापन के विविध आयामों पर प्रकाश डाला कि जीवन में हमें वास्तविकता में ही जीना चाहिए। कार्यक्रम में कालेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं ऐसे कार्यक्रमों के निरन्तर आयोजन के लिए प्रोत्साहित किया। IQAC के समन्वयक डॉ राजेश कुमार द्विवेदी ने इस प्रकोष्ठ के बारे में चर्चा की और वेबिनार का विषय प्रवर्तन किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ मीतकमल ने किया। इस कार्यक्रम में श्री नलिन श्रीवास्तव, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, श्री डी. सी. श्रीवास्तव और श्री अवधेश मिश्र आदि सभी शिक्षकों सहित २०० प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागी विद्यार्थियों ने इसका भरपूर लाभ उठाया और उनका उत्साह देखने लायक था।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने एनआईटी अरुणाचल प्रदेश में मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्लॉक, बॉयो टेक्नोलॉजी और केमिकल इंजीनियरिंग ब्लॉक सहित अन्य सुविधाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने एनआईटी अरुणाचल प्रदेश के मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्लॉक, बॉयो टेक्नोलॉजी और केमिकल इंजीनियरिंग ब्लॉक के साथ सेंट्रल इंस्ट्रूमेन्टेशन और रिएक्शन इंजीनियरिंग प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया। शिक्षा मंत्री ने यह उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से किया। इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री किरेन रिजिजू, अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री ई.तबा तेदिर भी मौजूद थे। साथ में एनआईटी अरुणाचल प्रदेश के निदेशक, प्रोफेसर पिनाकेश्वर महंता भी शामिल हुए।

इस मौके पर श्री पोखरियाल ने कहा कि एनआईटी अरुणाचल प्रदेश पूरे पूर्वोत्तर भारत को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई राह दिखा सकता है। इस संस्थान का मिशन है “क्षेत्रीय स्तर के साथ-साथ राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर लोगों की जरूरत समझ कर उसे पूरा करना। जिससे समाज की बेहतर तरीके से सेवा की जा सके।” ऐसे मिशन वाले किसी भी संस्थान का राष्ट्रीय स्तर पर महत्व होना स्वाभाविक है। श्री पोखरियाल ने इस अवसर पर कहा कि हमारे शिक्षण संस्थानों को बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए और ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करना चाहिए। ऐसा कर वह युवाओं में पुस्तकों से परे भी सोचने-समझने की सोच विकसित कर सकते हैं। ऐसा होने से युवा न केवल नई चुनौतियों का सामना कर उसे एक अवसर के रूप में स्वीकार करेंगे। बल्कि वह एक अच्छे इंसान भी बनेंगे।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से एनआईटी अरुणाचल प्रदेश ने अनुसंधान और शैक्षणिक स्तर पर काफी सुधार किया है। इसी का परिणाम है कि नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ)-2020 की इंजीनियरिंग श्रेणी में संस्थान को 200 वीं रैकिंग मिली है। जबकि एआरआईआईए रैंकिंग 2020 में बैंड ए (11-25 वी रैंकिंग के बीच) मिली है। यह रैंकिंग राष्ट्रीय महत्व के केंद्रीय विश्वविद्यालय और सीएफटीआई की श्रेणी में दी जाती है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग, मूल विज्ञान और मानविकी विषयों में जिस तरह से संस्थान के शिक्षकों द्वारा पब्लिकेशन और पेटेंट की संख्या बढ़ाई गई है, वह शैक्षणिक और अनुसंधान के बढ़ते स्तर को भी दर्शाता है।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि एनआईटी में इस समय 53 शिक्षकों के अलावा स्नातक, परास्नातक और पीएचडी स्तर पर 800 छात्र हैं। उन्होंने कहा कि पीएचडी के लिए 80 फीसदी पंजीकरण बढ़ने से, यह स्पष्ट होता है कि संस्थान में अनुसंधान गतिविधियां बढ़ी है। नए भवन का उद्घाटन करते हुए शिक्षा मंत्री ने यह आशा जताई है कि एनआईटी अरुणाचल प्रदेश अब स्थायी कैंपस से अपनी सेवाएं दे सकेगा। उन्होंने कहा कि हर अच्छे संस्थान के लिए एक स्थायी कैंपस की जरूरत होती है, जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पूरा कर सके।

इस अवसर पर श्री रिजिजू ने एनआईटी अरुणाचल प्रदेश और संस्थान के उन छात्रों को खास तौर से धन्यवाद दिया जो देश के दूसरे हिस्सों से आकर इस प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से आज एनआईटी अरुणाचल प्रदेश एक सुरक्षित और शिक्षा के लिए छात्रों में प्रेरणा देने वाले संस्थान के रूप में स्थापित हो पाया है। उन्होंने नई शिक्षा नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे प्राइमरी स्तर से लेकर उच्च स्तर तक शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। उन्होंने एनआईटी अरुणाचल प्रदेश के प्रयासों की भी प्रशंसा की, साथ ही भविष्य के लिए भी उसे शुभकामनाएं दी।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्लॉक, बॉयो टेक्नोलॉजी और केमिकल इंजीनियरिंग ब्लॉक को 17.405 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। जिसमें प्रत्येक ब्लॉक का क्षेत्र 7143 वर्गमीटर है। सभी ब्लॉक में 7 नई कक्षाएं बनाई गई हैं। जिसमें 360 छात्र पढ़ सकते हैं। इसके अलावा वर्चुअल कक्षाओं के साथ 9 प्रयोगशालाएं, एक मीटिंग के लिए कमरा और शिक्षकों के लिए 27 केबिन बनाए गए हैं।

इसी तरह सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटल प्रयोगशाला को 0.35 करोड़ की लागत से और रिएक्शन इंजीनियरिंग प्रयोगशाला को 0.05 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। इसके लिए विश्व बैंक के टीईक्यूआईपी-III से फंडिंग मिली है। दोनों प्रयोगशालाएं अनुसंधान और सलाह की जरूरत को पूरा करने के लिए पूरी तरह से आधुनिकतम सुविधाओं के साथ विकसित की गई है।

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रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी सिक्किम में बीआरओ सड़क राष्ट्र को समर्पित की

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने राष्‍ट्रीय राजमार्ग 310 के 19.85 किलोमीटर लंबे वैकल्पिक मार्ग को राष्‍ट्र को समर्पित किया है। इससे पहले वैकल्पिक मार्ग को प्राकृतिक कारणों से काफी नुकसान पहुंचा था जिसकी वजह से यह जरूरी हो गया था क्‍योंकि यह सड़क पूर्वी सिक्किम और खासकर नाथुला सेक्‍टर में रक्षा तैयारियों के लिहाज से काफी अहम मानी जाती है। खराब मौसम के कारण यह कार्यक्रम 33 कोर के मुख्‍यालय में वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए किया गया। इस दौरान रक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रयासों की सराहना की और यह भी कहा कि सिक्किम में सीमा सड़कों के दो लेन बनाने का काम जारी है।

रक्षा मंत्री ने देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे की प्रगति के सरकार के प्रयासों पर जोर दिया और यह भी कहा कि यह न केवल रक्षा तैयारियों को मजबूत करने बल्कि इन क्षेत्रों के सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री की ‘पूर्वोत्तर राज्‍यों की ओर देखो नीति’ के अनुरूप आधारभूत ढांचे को विकास देने के केन्‍द्र सरकार के संकल्‍प को दोहराते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वैकल्पिक मार्ग को बनाने का काम पिछले दो वर्षों में किया गया है।

सिक्किम के मुख्‍यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि इस नए वैकल्पिक मार्ग से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि राज्‍य का सामाजिक, आर्थिक विकास भी होगा। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था को सबसे अधिक सहारा पर्यटन से मिलता है और बीआरओ तथा केन्‍द्र सरकार ने जिस रफ्तार का इस सड़क का निर्माण कार्य कराया है वह काफी सराहनीय है।

बीआरओ ने पिछले कुछ वर्षों में सामग्री, उपकरण और निर्माण तकनीकों में नवाचार को अपनाते हुए अपनी सामर्थ्‍य में अभूतपूर्व विस्‍तार किया है। अटल सुरंग, डीएस-डीबीओ रोड और राष्‍ट्रीय राजमार्ग 310 का नया वैकल्पिक मार्ग इसके उच्‍च गुणवत्ता और त्‍वरित रफ्तार के उदाहरण है। रक्षा मंत्री ने बीआरओ की ओर से भविष्‍य में किए जाने वाले निर्माण कार्यों को भी रेखांकित किया और भरोसा जताया कि आने वाले वर्षों में आत्‍मनिर्भर भारत मिशन में जोरदार प्रगति होगी।

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उत्तर प्रदेश के बरेली में 100 बिस्तरों वाले नए ईएसआईसी अस्पताल का भूमि पूजन किया गया

श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने कल बरेली में 100 बिस्तर वाले नए ईएसआईसी अस्पताल का भूमि पूजन किया।

बरेली में 100 बिस्तर वाले नए ईएसआईसी अस्पताल का भूमि पूजन।

बरेली से आठवीं बार सांसद श्री गंगवार ने अपने अपने संबोधन के दौरान, अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की चिकित्सा जरूरतों के सपनों को साकार करने के वास्ते केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रयासों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह अस्पताल अब आईपी और लाभार्थियों की कठिनाइयों को कम करेगा क्योंकि पहले उन्हें बेहतर चिकित्सा उपचार के लिए एम्स, दिल्ली या लखनऊ जाना पड़ता था। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस ईएसआईसी अस्पताल की सुविधाओं को नाममात्र उपयोगकर्ता शुल्क चार्ज करके आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस अस्पताल को भविष्य में एक मॉडल अस्पताल में बदल दिया जाएगा।

इस अवसर पर उपस्थित और बोलने वाले अन्य गणमान्य व्यक्ति उत्तर प्रदेश बरेली के मेयर डॉ. उमेश गौतम, उत्तर प्रदेश बरेली के विधायक डॉ. अरूण कुमार, मीरगंज के विधायक डॉ. डी. सी. वर्मा, बरेली के ​कमिश्ननर श्री रणवीर प्रसाद आईएएस, डीएम, श्री नितेश कुमार आईएएस, ईएसइाई कॉरपोरेशन के सदस्य डॉ. केशव अग्रवाल और कॉरपोरेटर श्रीमती उषा उपाध्याय थे। सभी वक्ताओं ने बरेली क्षेत्र के कामगारों और अन्य लोगों के लाभ के लिए केंद्रीय मंत्री के प्रयासों के वास्ते को धन्यवाद दिया। इससे पहले, चिकित्सा आयुक्त डॉ. आर.के. कटारिया ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और ईएसआईसी के हालिया कदमों के बारे में भी बात की, जिसमें भारत में श्रमिकों के लिए ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ के तहत उपलब्ध कराए गए विस्तारित लाभ शामिल हैं।

इस अस्पताल का निर्माण 90 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 4.67 एकड़ के एक भूखंड क्षेत्र पर किया जाएगा यह बरेली और आसपास के 2 लाख ईएसआई लाभार्थियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। माइनर ओटी, रिससिटेशन रूम, कैजुअल्टी वार्ड, सीएमओ रूम, फ्रैक्चर क्लिनिक, एक्स-रे, ईसीजी, सैंपल कलेक्शन, रेडियोलॉजी, ओटी/आईसीयू, वार्ड्स होंगे।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम एक अग्रणी सामाजिक सुरक्षा संगठन है जो रोजगार के दौरान चोट, बीमारी, मृत्यु आदि आवश्यकता के समय उचित चिकित्सा देखभाल और नकदी लाभ की एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करता है। ईएसआई अधिनियम परिसर/परिसीमा पर लागू होता है जहां 10  या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं। ईएसआई अधिनियम के तहत, एक महीने में 2,1,000 / रुपए तक वेतन पाने वाले कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा कवर और अन्य लाभों के हकदार हैं। आज, यह लगभग 3.49 करोड़ श्रमिकों के परिवार इकाइयों को कवर कर रहा है और इसके 13.56 करोड़ लाभार्थियों को अतुलनीय नकद लाभ और उचित चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रहा है। 1952 में निगम के पास केवल 21 डिस्पेंसरी थी और कोई ईएसआई अस्पताल नहीं था। आज इसके बुनियादी ढांचे में 1648 औषधालयों/आयुष इकाइयों और 159  ईएसआई अस्पतालों, 793 शाखा/वेतन कार्यालयों, 43 औषधालयों-सह-शाखा कार्यालयों, 64 क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ कई गुना वृद्धि हुई है। ईएसआई योजना आज देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 566 जिलों में लागू है।

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बीजेपी ने यूपी के 10 राज्यसभा सीटों में से 8 पर प्रत्याशी घोषित किया

लखनऊ, बीजेपी ने यूपी के 10 राज्यसभा सीटों में से 8 पर प्रत्याशी घोषित किया उत्तराखंड की भी एक राज्य सभा सीट पर बीजेपी ने प्रत्याशी किया घोषित उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर बीजेपी ने घोषित किया राज्यसभा उम्मीदवार । हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, हरिद्वार दुबे, बृजलाल, नीरज शेखर, गीता शाक्य, बीएल वर्मा, सीमा द्विवेदी बीजेपी के प्रत्याशी । उत्तराखंड से बीजेपी ने नरेश बंसल को बनाया प्रत्याशी। केंद्र में मंत्री हैं हरदीप सिंह पुरी यूपी के पूर्व डीजीपी और अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन हैं बृजलाल

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के महिला प्रकोष्ठ द्वारा महिला सशक्तीकरण और बालिका सुरक्षा अभियान” के अंतर्गत नौ दिनों की वर्चुअल कार्यशाला आयोजित

उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों का त्वरित अनुपालन करते हुए क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के महिला प्रकोष्ठ द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई है. “बालिका सुरक्षा अभियान” के अंतर्गत नौ दिनों की एक वर्चुअल कार्यशाला दिनांक 17 से 25 अक्तूबर 2020 तक आयोजित की गई, जिसके माध्यम से सभी छात्राओं को शारीरिक, मानसिक, आत्मिक और व्यावहारिक रूप से सबल व सुदृढ़ बनने की ओर कदम बढाए गए. 

        कार्यशाला का आरंभ 17.10.2020 को ईश्वर की आराधना के साथ इस प्रार्थना से हुआ कि सम्पूर्ण कार्यशाला निर्विघ्न रूप से संपन्न हो. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जोज़ेफ़ डेनियल ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला का उद्घाटन किया. तत्पश्चात महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, वाणिज्य संकाय, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) ने प्रतिभागियों को इस कार्यशाला के उद्देश्य से परिचित कराया. उन्होंने स्पष्ट किया कि नव-दुर्गा के शक्ति-उपासना के नौ दिनों के समानांतर चलने वाली इस कार्यशाला का ध्येय सभी बालिकाओं में आतंरिक शक्ति एवं बाह्य दृढ़ता का संचार करना ही है. साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस कार्यशाला का लाभ सभी छात्राओं को उनके सुरक्षित व स्वस्थ भविष्य के निर्माण हेतु मिलेगा. इसके बाद डॉ. अर्चना पाण्डेय (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, बी.एन.डी. कॉलेज, कानपुर) द्वारा “सशक्त नारी सशक्त भारत” विषय पर व्याख्यान दिया गया. इसमें छात्राओं के लिए विविध उपयोगी सूत्रों के साथ उनकी सहायता के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए हेल्पलाइन नंबरों की भी उन्होंने जानकारी दी. इस कार्यशाला की विशिष्टता यह थी कि इसमें व्याख्यानों, वार्ताओं, चर्चाओं के अतिरिक्त ऑनलाइन रूप से ही नौ दिन श्री प्रयाग सिंह ने सभी प्रतिभागी छात्राओं को ताइक्वानडो और मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग सफलतापूर्वक दी. श्री प्रयाग सिंह कानपुर ताइक्वानडो एसोसिएशन के सह-सचिव हैं और राष्ट्रीय स्तर के ट्रेनर भी हैं. उनके साथ सुश्री यशी सिंह ने आत्म-सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रेशर पॉइंट अटैक को समझाया और सिखाया. कार्यशाला के दूसरे दिन 18.09.2020 को महाविद्यालय के आई. सी. सी. प्रकोष्ठ की चेयरपर्सन प्रो. सूफिया शहाब (एसोसिएट प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) ने महाविद्यालय में छात्राओं की सहायता के लिए स्थापित आई.सी.सी. सेल के बारे में बताया. साथ ही  छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें अपनी समस्याओं के विषय में खुलकर बोलने के लिए प्रेरित किया. इस दिन डॉ. सुनीता राठौर (प्रोफ़ेसर, विधि संकाय, लखनऊ) ने महिलाओं की सहायता हेतु विभिन्न नियमों और कानूनों के विषय में बताया, जैसे पोस्को, घरेलू हिंसा, शारीरिक एवं मानसिक उत्पीडन आदि से संबद्ध क़ानून आदि. तीसरे दिन, 19.10.2020 की कार्यशाला का आरंभ महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका  डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव, के बहुत प्रेरणास्पद व्याख्यान से हुआ. उन्होंने नवरात्रि में शक्ति के नौ अवतारों का उल्लेख करते हुए अपने भीतर आत्मिक शक्ति के जागरण पर बल दिया. इसके बाद डॉ. फिरदौस कटियार (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, वनस्पतिविज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) ने संतुलित और पोषक आहार की महत्ता पर बात करते हुए महिलाओं के भोजन में पोषक तत्वों की कमी और उनके नुकसान के बारे में बताया. चौथे दिन, 20.10.2020 कार्यशाला में डॉ. डोरोथी राय (एसोसिएट प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष, अंग्रेज़ी विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) ने सभी छात्राओं को समुचित और समयानुकूल वस्त्र धारण करने के विषय में समझाया और सही सलाह दी. साथ ही बी. एच. यू. की डॉ. विभा सिंह ने युवाओं के स्वास्थ्य पर व्याख्यान दिया – “एमेज़िंग डाएट फॉर एमेज़िंग यूथ”. कार्यशाला का पांचवां दिन, 21.10.2020 डॉ. विभा दीक्षित (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, राजनीतिशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) के अत्यंत प्रेरक व्याख्यान से आरंभ हुआ, जिसमें उन्होंने महिला सशक्तीकरण के विषय में विस्तार से समझाया. इसके बाद सुश्री नंदिनी जोशी (क्लिनिकल न्यूट्रीशनिस्ट, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई) ने युवाओं के लिए उचित एवं संतुलित आहार की महत्ता को समझाया ताकि स्वस्थ जीवन की ओर वे सबल कदम बढ़ा सकें. छठे दिन, 22.10.2020 की शुरुआत सकारात्मक चिंतन और उज्ज्वल जीवन पर बहुत सुन्दर व्याख्यान से हुई, जिसे डॉ. श्वेता चंद (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, रसायनशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) ने प्रस्तुत किया. साथ ही आत्मतोष व संतोष को सफलता की कुंजी बताते हुए डॉ. सिधांशु राय (प्रोफ़ेसर, मैनेजमेंट संकाय, सी एस जे एम यू विश्वविद्यालय, कानपुर) ने अत्यंत उपयोगी जीवन-सूत्र बालिकाओं को बताए. इसी दिन सभी प्रतिभागियों के माता-पिता ने भी बालिका सुरक्षा अभियान से संबद्ध शपथ ली. कार्यशाला के सातवें दिन, 23.10.2020 को कार्यशाला समन्वयक डॉ. मीतकमल द्विवेदी (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, रसायनशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) द्वारा युवाओं के मानसिक एवं वैचारिक झुकाव व रुझान को इंगित करते हुए बहुत प्रेरणापूर्ण व्याख्यान दिया गया. साथ ही सुप्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. आलोक वाजपेयी ने मानसिक स्वास्थ्य और सुलझी हुई गवेषणात्मक सोच की महत्ता स्पष्ट की.  24.10.2020 को कार्यशाला के आठवें दिन एन एस एस की भूमिका और उसके कार्यों को डॉ. सुनीता वर्मा (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, वनस्पतिविज्ञान, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) और डॉ. अलका निवेदन (लखनऊ) ने स्पष्ट करते हुए व्यक्तित्व विकास के लिए इसे आवश्यक बताया. डॉ. आशुतोष सक्सेना (एसोसिएट प्रोफ़ेसर और विभागाध्यक्ष, राजनीतिशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) और महाविद्यालय में एन सी सी के संयोजक डॉ. निरंजन स्वरूप (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, गणित विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) ने छात्राओं को ए सी सी की विस्तृत जानकारी देते हुए उसकी उपयोगिता के विषय में जानकारी दी. उनके अनुसार एन सी सी छात्राओं के सर्वांगीण विकास में सहायक होकर राष्ट्रीयता की भावना और सामाजिकता के विकास को पोषित करती है.  इन सभी कार्यक्रमों के साथ निबंध-लेखन, स्लोगन और पोस्टर की प्रतियोगिताएँ भी प्रतिभागी छात्राओं के लिए आयोजित की गईं. इन प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में डॉ. संगीता गुप्ता, डॉ. सुजाता चतुर्वेदी, डॉ. मृदुला सैमसन और डॉ. शालिनी कपूर थीं. कार्यशाला के अंतिम दिन, 25.10.2020 को समापन समारोह का आरंभ महाविद्यालय के प्रबंध-तंत्र के सचिव रेवरेंड सैमुअल पॉल लाल द्वारा की गई ईश-आराधना और उसके बाद अत्यंत सामयिक और प्रेरक वक्तव्य से हुआ, जिसमें छात्राओं को समर्थ और शक्तिमय बनने का आह्वान निहित था. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जोज़ेफ़ डेनियल ने सभी छात्राओं को शपथ दिलाते हुए उनके सामर्थ्यवान और सुरक्षित भविष्य की कामना की. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. रिपुदमन सिंह थे. डॉ. सिंह का स्वागत और परिचय महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव ने किया. डॉ. सिंह ने इस कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई देते हुए स्त्रियों को समाज में उनकी आंतरिक शक्ति, बुद्धि, क्षमता और संवेदना के आधार पर सम्मानजनक स्थान की अधिकारिणी बताया. तत्पश्चात डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव ने इस नौ-दिवसीय वृहद कार्यशाला द्वारा सभी छात्राओं के जीवन और उनकी सोच में सकारात्मक परिवर्तन की अपेक्षा करते हुए शक्ति को आत्मिक और मानसिक रूप से आत्मसात करने की दिशा दिखाई. इस कार्यक्रम में सभी प्रतियोगिताओं के परिणाम निर्णायक मंडल द्वारा घोषित किए गए और सभी विजेताओं को शुभकामनाएं प्रेषित की गईं. कार्यक्रम के अंत में इस कार्यशाला की समन्वयक और महिला प्रकोष्ठ की बहुत कर्मठ सदस्य डॉ. मीतकमल ने समस्त कार्यों का समाहार देते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की. इस प्रकार बालिका सुरक्षा अभियान जैसी कार्यशाला के आयोजन से छात्राओं के आत्मविश्वास और नैतिक बल में वृद्धि तो होती ही है, उनके व्यक्तित्व के बहुआयामी विकास की दिशा में भी प्रगति होती है. इस प्रकार के सकारात्मक उद्देश्यपरक कार्यक्रमों से निश्चय ही “समग्र सुशोभित बहुमुखी सामंजस्यपूर्ण विकास” का महत संकल्प सिद्ध होगा. डॉ. शिप्रा श्रीवास्तव संयोजिका महिला प्रकोष्ठ डॉ. मीतकमल द्विवेदी  समन्वयक  बालिका सुरक्षा अभियान कार्यशाला

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Self- Defence Training Workshop organized by the Women Cell of Christ Church College, Kanpur

The Women Cell of Christ Church College , Kanpur has been proactively engaged in
taking up issues and concerns of women and empowering them to combat sexual harassment and
gender discrimination , ensuring safety and security to women , so that they can walk with pride
and confidence , at par with men in society. As part of its continuous activities , it has taken the
initiative of organizing a Self- Defence Training Workshop ( 17 th to 25 th October , 2020 )
under the aegis and directives of UP Government’s Balika Suraksha Abhiyan . 
The Programme was inaugurated on 17 th October , by offering prayers to the Almighty . The
Welcome Address was delivered by Dr. Joseph Daniel , Principal of the college.
Thereafter , Dr . Shipra Srivastava , Convener , Women Cell addressed the students and
outlined the objectives and theme of the workshop. Dr. Archana Pandey , Associate
Professor , BND College gave a talk on “ Sashakt Nari , Sashakt Bharat ”, wherein she
stressed the importance of women empowerment and informed the participants of the Helpline
number for girls .
This Nine day Physical Training Workshop on Taekwondo and Martial Arts was conducted
by Mr. Prayag Singh , National Trainer and Joint Secretary , Taekwando Association ,
Kanpur along with Yashi Singh . They imparted training on techniques of self defence and laid
stress on the pressure point attack for self defence.
On DAY 2 , the motivational address was given by Prof. Soofia Shahab , Chairperson ICC of
the College . Prof. Shahab informed the participants about the aims and activities of the Cell
and urged the girls to feel free to contact the cell in case of any problem they are facing .
Dr Sunita Rathore , Faculty of Law , Lucknow University , gave a talk on the legal scenario,
regulations and Acts , POSCO and laws related to sexual harassment, eve teasing and domestic
violence .
Day 3 started with a motivational address by Dr. Shipra Srivastava , Convener , Women
Cell of the College , who spoke about the relevance of the Avatars of Shakti during the
auspicious festival of Navratri . Thereafter Dr. Firdos Katiyar , Associate Professor of the
Botany Department , gave tips for a healthy and nutritious diet , particularly with reference to
deficiencies and health issues of women.

On Day 4 , the motivational address was delivered by Dr. Dorothy Rai , Head , Department of
English who talked about the dress code for girls , while Dr. Vibha Singh , of BHU gave a
talk , on health , ‘ Amazing diet for Amazing youth ‘  
DAY 5 began with a motivational talk by Dr Vibha Dixit , Associate Professor , Department of
Political Science on Women Empowerment , followed by a talk on Nutrition for Adolescents , by
Ms. Nandita Joshi , Clinical Nutritionist Tata Memorial Hospital, Mumbai . She emphasized
the importance of a balanced diet and how to adopt healthy choices for a healthy life .
DAY 6 began with a motivational address on Positive Thinking by Dr. Shweta Chand ,
Associate Professor , Department of Chemistry , while Dr. Sidhanshu Rai , Faculty of
Management, CSJMU gave expert advice on “ Self Satisfaction is the Main key for Success ”
On Day 7 , the motivational address was given by Dr Meet kamal on the Mental Conditioning
of the youth , followed by a talk on mental fitness and development of critical thinking by
renowned psychiatrist , Dr Alka Bajpai .
 
On Day 8 a talk on Introduction and benefits of NSS and NCC wings was given by Dr Sunita
Verma and Role of NSS was explained by Dr Alka Nivedan from Lucknow, who spoke about
the development of personality by joining NSS wing .
Dr. Ashutosh Saxena , Head , Department of Political Science and Dr. Niranjan Swaroop ,
Convener , NCC gave detailed information about the NCC wing and its units ,  benefits and
prospects of the NCC . They said that NCC helps in the holistic development of youth , imparts
social skills and a patriotic spirit and is also a launchpad for the forces.
In between , events like Essay writing , Slogan , Poster competitions on “ Swasth Nari Swasth
Bharat ” were also conducted . Dr. Sujata Chaturvedi , Dr. Sangeeta Gupta , Dr. Mridula Samson
and Shalini Kapoor were the Judges for these competitions.
The curtains came down on the Nine day Training Workshop on 25 th October , 2020 . The
closing ceremony commenced with the Address of Revd. Samuel Paul Lal    , Patron & 
Secretary , College Governing Body . This was followed by the Address of Dr. Ripu Daman
Singh , RHEO , Kanpur . In the end , the Prize Distribution ceremony was held in which the
winners of these competitions were awarded.  
The entire program of Nine days was very efficiently and successfully conducted and
coordinated by Dr. Meetkamal , Coordinator , Balika Suraksha Aabhiyan of the college .
Such initiatives and programmes not only help to bolster the confidence and morale of the girl
students, but also impart them the mental agility and physical strength to take any situation in
their stride , with composure and confidence befitting a 21 st century girl.

DR. SHIPRA SRIVASTAVA DR. MEET KAMAL
CONVENER COORDINATOR
WOMEN CELL BALIKA SURAKSHA ABHIYAN

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वीजा और यात्रा प्रतिबंधों में श्रेणीबद्ध छूट

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार ने फरवरी 2020 में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आने और जाने गतिविधि को रोकने के लिए कई कदम उठाए थे।

सरकार ने अब भारत आने या जाने के इच्छुक विदेशी नागरिकों और भारतीय नागरिकों को अधिक श्रेणियों के लिए वीजा और यात्रा प्रतिबंधों में क्रमिक छूट देने का निर्णय लिया है। इस कारण से, अधिकृत हवाई अड्डों और बंदरगाह के आव्रजन चेक पोस्ट के माध्यम से हवाई या पानी के मार्गों से प्रवेश करने के लिए एक पर्यटक वीजा को छोड़कर, सभी ओसीआई और पीआईओ कार्ड धारकों और अन्य सभी विदेशी नागरिकों को किसी भी उद्देश्य के लिए भारत आने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। इसमें वंदे भारत मिशन, एयर ट्रांसपोर्ट बबल की व्यवस्था के तहत या नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अनुमति के अनुसार किसी भी गैर अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों द्वारा संचालित उड़ानें शामिल हैं। हालांकि ऐसे सभी यात्रियों को क्वारन्टीन और अन्य स्वास्थ्य / कोविड-19 मामलों के बारे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।

इस श्रेणीबद्ध छूट के तहत भारत सरकार ने सभी मौजूदा वीजा (इलेक्ट्रॉनिक वीजा, टूरिस्ट वीजा और मेडिकल वीजा को छोड़कर) को तत्काल प्रभाव से बहाल करने का फैसला किया है। यदि ऐसे वीजा की वैधता समाप्त हो गई है, तो उपयुक्त श्रेणियों के नए वीजा संबंधित भारतीय मिशन / डाक से प्राप्त किए जा सकते हैं। चिकित्सा उपचार के लिए भारत आने के इच्छुक विदेशी नागरिक अपने मेडिकल परिचारकों के लिए मेडिकल वीजा सहित आवेदन कर सकते हैं। इसलिए, इस निर्णय से विदेशी नागरिक विभिन्न उद्देश्यों जैसे व्यवसाय, सम्मेलन, रोजगार, अध्ययन, अनुसंधान, चिकित्सा आदि के लिए भारत आने में सक्षम हो सकेंगे।

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भारत स्वदेशी सुपर कंप्यूटर बनाने के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर

भारत अपनी सुपरकंप्यूटर सुविधाओं में तेजी से विस्तार कर रहा है और वह देश में स्वयं के सुपरकंप्यूटरों के विनिर्माण के लिए क्षमता विकसित कर रहा है।

Param-Shakti at IIT-Kharagpur (1

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) अपने विभिन्न चरणों के माध्यम से देश में उच्च शक्ति कंप्यूटिंग को तेजी से बढ़ावा दे रहा है ताकि तेल उत्‍खनन, बाढ़ के अनुमान, जीनोमिक्स और दवा अनुसंधान जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, एमएसएमई और स्टार्टअप की कंप्यूटिंग संबंधी बढ़ती मांगों को पूरा किया जा सके।

एनएसएम के पहले चरण के लिए नियोजित बुनियादी ढ़ांचे की स्‍थापना पहले ही हो चुकी है और दूसरे चरण का काफी काम हो चुका है। देश में सुपर कंप्यूटरों का नेटवर्क जल्द ही लगभग 16 पेटाफ्लॉप्स (पीएफ) तक पहुंच जाएगा। तीसरे चरण की शुरुआत जनवरी 2021 में होगी जिससे कंप्यूटिंग गति लगभग 45 पेटाफ्लॉप तक पहुंच जाएगी।

एनएसएम को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है। इसे प्रगत संगणन विकास केंद्र (सीडैक) पुणे और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलूरु द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

स्‍वदेशी तौर पर असेंबल किए गए पहले सुपर कंप्‍यूटर परम शिवाय को आईआईटी (बीएचयू) में स्थापित किया गया था। उसके बाद परम शक्ति को आईआईटी खड़गपुर में और परम ब्रह्म को आईआईएसईआर पुणे में स्थापित किया गया था।

उसके बाद दो अन्‍य संस्थानों में सुपरकंप्यूटिंग सुविधाएं स्थापित की गईं और पहले चरण के तहत एक की स्‍थापना की जा रही है। इस प्रकार पहले चरण के तहत उच्च शक्ति कंप्यूटिंग गति को 6.6 पीएफ तक बढ़ाया गया। दूसरे चरण में 8 अन्‍य संस्थानों को अप्रैल 2021 तक सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं से लैस किया जाएगा जहां कुल 10 पीएफ की कंप्‍यूटिंग क्षमता होगी।

भारत में असेंबलिग एवं विनिर्माण के साथ सुपरकंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए देश के कुल 14 प्रमुख संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें आईआईटी, एनआईटी, नेशनल लैब्स और आईआईएसईआर शामिल हैं। इनमें से कुछ संस्‍थानों में सुपर कंप्‍यूटर पहले ही स्‍थापित किए जा चुके हैं और जबकि कुछ अन्‍य संस्‍थानों में इस साल दिसंबर तक सुपर कंप्‍यूटर स्‍थापित कर दिए जाएंगे। दूसरे चरण की स्थापना अप्रैल 2021 तक पूरी हो जाएगी।

तीसरे चरण पर काम 2021 में शुरू होगा और इसमें 3 पीएफ की तीन प्रणालियों और 20 पीएफ की एक प्रणाली को राष्ट्रीय सुविधा के रूप में शामिल किया जाएगा।

इन तीनों चरणों के तहत लगभग 75 संस्थानों और सुपरकंप्यूटिंग व्‍यवस्‍था की रीढ़- राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) के माध्यम से काम करने वाले हजारों सक्रिय शोधकर्ताओं एवं शिक्षाविदों को हाई परफॉर्मेंस कम्प्यूटिंग (एचपीसी) की सुविधा उपलब्‍ध होगी।

एचपीसी और कृत्रिम बुद्धिमत्‍ता (एआई) को एकीकृत किया गया है। सीडैक में एक 100 एआई पीएफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम को तैयार कर स्थापित किया जा रहा है। यह बड़े पैमाने पर एआई वर्कलोड को संभाल सकता है जिससे एआई संबंधी कंप्यूटिंग की गति कई गुना बढ़ जाएगी।

इस मिशन ने अब तक 2,400 से अधिक सुपरकंप्यूटिंग मैनपावर और संकायों को प्रशिक्षित करके सुपरकंप्यूटर विशेषज्ञों की अगली पीढ़ी भी तैयार की है।

स्वदेशी क्षमता

एनएसएम द्वारा संचालित भारत के अनुसंधान संस्थानों का नेटवर्क उद्योग के सहयोग से प्रौद्योगिकी एवं विनिर्माण क्षमता को बढ़ा रहा है ताकि अधिक से अधिक पुर्जों का उत्‍पादन देश में ही किया जा सके। हालांकि पहले चरण में भारत में 30 प्रतिशत मूल्यवर्धन किया गया जिसे दूसरे चरण में 40 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है।

सर्वर बोर्ड, इंटरकनेक्ट, प्रोसेसर, सिस्टम सॉफ्टवेयर लाइब्रेरी, स्टोरेज और एचपीसी-एआई कन्‍वर्ज्‍ड एक्‍सेलेटर जैसे पुर्जों को घरेलू तौर पर डिजाइन और विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

भारत ने एक स्वदेशी सर्वर (रुद्र) विकसित किया है जो सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों की एचपीसी संबंधी सभी आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है। यह पहला अवसर है जब सीडैक द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर स्टैक के साथ देश में कोई सर्वर सिस्‍टम बनाया गया है।

विशेषज्ञों ने कहा कि जिस गति से चीजें आगे बढ़ रही हैं उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि हमारे पास जल्द ही भारत में विनिर्मित मदरबोर्ड और सब-सिस्टम हो सकते हैं। इस प्रकार सुपर कंप्यूटर का स्वदेशी तौर पर डिजाइन और विनिर्माण हो सकता है।

भारत में डिजाइन और विनिर्मित अधिकांश पुर्जों के साथ स्वदेशी तौर पर तैयार इन सुपर कंप्‍यूटरों को आईआईटी मुंबई, आईअआईटी चेन्‍नई और दिल्ली के इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आईयूएसी) और सीडैक पुणे जैसे संस्‍थानों में स्थापित किया जाएगा। इसे दूसरे चरण के तहत कवर किया जाएगा। इससे पूरी तरह देश में विकसित एवं विनिर्मित सुपरकंप्‍यूटर की ओर बढ़ने और इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने का मार्ग प्रशस्‍त होगा।

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आईएनएस कावारत्‍ती को नौसेना के बेड़े में थल सेनाध्‍यक्ष पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने शामिल किया

थल सेनाध्‍यक्ष पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने आज 22 अक्‍तूबर 2020 को नौसैनिक डॉकयार्ड, विशाखापतनम में आयोजित एक समारोह में प्रोजेक्‍ट 28 (कामोर्ता क्‍लास) के अंतर्गत निर्मित रेडार से बच निकलने वाले पनडुब्बी रोधी युद्धपोत (एएसडब्ल्यू) आईएनएस कावरत्ती को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया। समारोह में पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के वाइस एडमिरल पीवीएसएम, एवीएसएम वीएसएम, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (एफओसी इन सी) अतुल कुमार जैन, गार्डन रीच शिपबिल्‍डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता (जीआरएसई) के सीएमडी रिअर एडमिरल विपिन कुमार सक्‍सेना (सेवानिवृत्‍त) और अन्‍य गणमान्‍य लोग मौजूद थे। इस तरह देश में बने पनडुब्‍बी रोधी चार युद्धपोतों में से आखिरी आईएनएस कावारत्‍ती को औपचारिक तौर पर नौसेना में शामिल कर लिया गया। जहाज को भारतीय नौसेना के अपने संगठन, नौसेना डिजाइन निदेशालय (डीएनडी) द्वारा डिज़ाइन किया गया है और जीआरएसई ने इसे निर्मित किया है।

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जनरल नरवने को नौसैनिक जेटी पर पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उद्घाटन भाषण जीआरएसई, कोलकाता के सीएमडी रिअर एडमिरल सक्‍सेना (सेवानिवृत्‍त) ने दिया। सीईएनसी में एफओसी वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन ने एकत्र जनसमूह को संबोधित किया। इसके बाद कमांडिंग ऑफिसर कमांडर संदीप सिंह ने युद्धपोत को शामिल करने की जानकारी दी। इसके बाद युद्धपोत पर पहली बार नौसेना की पताका फहराई गई और राष्‍ट्रगान के साथ इसे नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया। सेनाध्‍यक्ष ने बाद में इसकी शुरुआत की पट्टिका का अनावरण किया और युद्धपोत राष्‍ट्र को समर्पित किया। उन्‍होंने समारोह में आए लोगों को संबोधित भी किया।

इसका नाम लक्षद्वीप की राजधानी कावारत्‍ती के नाम पर रखा गया है। आईएनएस  कावारत्‍ती को भारत में निर्मित हाई ग्रेड डीएमआर 249ए स्‍टील से बनाया गया है। आकर्षक और शानदार इस युद्धपोत की लंबाई 109 मीटर, चौड़ाई 14 मीटर और वजन 3300 टन है और यह भारत में निर्मित सबसे ज्‍यादा प्रभावशाली पनडुब्‍बी रोधी युद्धपोत है। युद्धपोत का सम्‍पूर्ण सुपर ढांचा मिश्रित सामग्री से बनाया गया है। यह चार डीजल इंजनों से लैसहै। युद्धपोत में रेडार से बच निकलने की विशेषता है। रेडार की पकड़ में नहीं आने वाले इस युद्धपोत का शत्रु आसानी से पता नहीं लगा सकेगा।

इस जहाज की अनूठी विशेषता उत्पादन में शामिल किया गया स्वदेशीकरण का उच्च स्तर है, जो हमारे आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय उद्देश्य को पूरा करता है। जहाज में परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध की स्थिति में लड़ने के लिए अत्याधुनिक उपकरण और प्रणालियों के साथ उच्च स्वदेशी सामग्री लगी है। साथ ही, हथियार और सेंसर सूट भी पूरी तरह से स्वदेशी हैं और इस प्रमुख क्षेत्र में राष्ट्र की विकास करने की क्षमता को दिखाते हैं। स्वदेशी रूप से विकसित कुछ प्रमुख उपकरणों / प्रणालियों में कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, टारपीडो ट्यूब लॉन्चर्स और इंफ्रा-रेड सिग्नेचर सप्लीमेंट सिस्टम आदि शामिल हैं।

आईएनएसकावारत्ती में उन्नत ऑटोमेशन सिस्टम जैसे कि टोटल एटमॉस्फेरिक कंट्रोल सिस्टम (टीएसीएस), इंटीग्रेटेड प्लेटफ़ॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस), इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम (आईबीएस), बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम (बीडीसीएस) और पर्सन लोकेटर सिस्टम (पीएलएस) उपलब्ध हैं। युद्धपोत के अधिकतम कार्य करने के लिए आधुनिक और प्रक्रिया-उन्मुख प्रणाली लगी है। अपने सभी उपकरणों के समुद्री परीक्षणों को पूरा करने के बाद, कावारत्ती को भारतीय नौसेना की एएसडब्ल्यू क्षमता को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से तैयार लड़ाकू प्‍लेटफॉर्म के रूप में नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया है।

आईएनएस कावारत्ती इसी नाम के तत्‍कालीन युद्धपोत अरनाला क्‍लास मिसाइल (आईएनएस कावारत्‍ती-पी 80) का अवतार है। कावारत्‍ती की अपने पिछले अवतार में उल्‍लेखनीय सेवा रही है और इसका सेवाकाल लगभग दो दशकों का है। इसने 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति के युद्ध में अपने अभियानों के जरिये अहम भूमिका निभाई और इसकी अनेक अन्‍य ऑपरेशनों में तैनाती की गई। 1971 के युद्ध के दौरान इसे बंगाल की खाड़ी में वर्जित सामान पर नियंत्रण रखने और चिट्टगांव के प्रवेश द्वारों पर खनन उद्योग की सहायता के लिए तैनात किया गया था। ऑपरेशन के दौरान इसने पाकिस्‍तानी व्‍यापारी जहाज बकीर को कब्‍जे में ले लिया था। वर्तमान अवतार में कावारत्‍ती समान रूप से ताकतवर और अधिक घातक है। 

इस जंगी जहाज में 12 अधिकारी और 134 नाविक रहेंगे और कमांडर संदीप सिंह पहले कमांडिंग ऑफिसर होंगे और इसका संचालन करेंगे। यह जहाज पूर्वी नौसैनिक कमान के अंतर्गत पूर्वी बेड़े का अभिन्‍न अंग होगा।

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