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Aayu App- आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए

अपने घर के आराम से नजदीकी मेडिकल स्टोर से दवाओं का ऑर्डर करें और डिलीवरी घर पर पाएं वो भी सबसे कम समय में।

 

कभी आपके साथ ऐसा हुआ है की ज़रूरत पड़ने पर अच्छा डॉक्टर नहीं मिला? या किसी डॉक्टर को दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला? ये परेशानियाँ सबकी ज़िंदगी में कभी न कभी ज़रूर आयी हैं। 

इसी तरह की और भी कई सारी परेशानियाँ हैं जो हमारे बेहतर स्वास्थ्य के आड़े आती हैं, जैसे:

. सबसे पहले तो बीमारी के वक़्त हमें सही डॉक्टर नहीं मिलता, और अगर डॉक्टर मिल भी जाता है तो घर से कई बार दूर उनके क्लीनिक या अस्पताल जाना पड़ता है , साथ ही काफ़ी समय लाइन में इंतज़ार भी करना पड़ता है। गाँव वासियों के लिए तो और भी बड़ी समस्या होती है क्यूँकि उनको इलाज के लिए शहर जाना पड़ता है जो की उनके गाँव के कुछ नहीं तो 20-30 km दूर ही होता है। एक तो मरीज़ बीमार, उसके ऊपर इतनी दूर की यात्रा करके डॉक्टर तक पहुँचना पड़ता है।

  • आज कल विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज करवाने में इतना ज्यादा पैसा लगता है कि मानो महीने भर के वेतन(salary) की आधी रकम तो इलाज में ही लग जाती है। 
  • हमेशा पुराने मेडिकल रिपोर्ट्स और पर्चे (prescription) कहीं न कहीं खो जाते है जिसके कारण डॉक्टर फिर से वही मेडिकल टेस्ट्स और जांच करवाने बोलता है। 
  • एक साथ पूरे परिवार के स्वास्थ्य का ख़याल रखना भी काफ़ी मुश्किल हो जाता है।

 

सारी परेशानियों को समझते हुए MedCords, जो की स्वास्थय के क्षेत्र में काम करने वाली एक हेल्थ केयर कंपनी है, ने ढेरों सुविधाओं के साथ सभी लोगों के लिए AAYU ऐप  की शुरुवात की | गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध, AAYU ऐप फ़ोन में रखकर सीधे विशषज्ञ डॉक्टरों से बात कर अपनी बीमारी का बेहतरीन इलाज कर सकेंगे | आप सीधे अपने घर के आराम से नजदीकी मेडिकल स्टोर से दवाओं का ऑर्डर कर सकते हैं और दवाओं की डिलीवरी घर पर पा सकते हैं वो भी सबसे कम समय में।

 

Aayu App में 5000+ से अधिक स्पेशलिस्ट् डॉक्टर और 25000+ मेडिकल स्टोर हैं जो आपके बेहतर स्वास्थ्य और दवाओं की डिलीवरी के  लिए उपलब्ध हैं| परिवार की पूरे साल भर सुरक्षा और विशेषज्ञ डॉक्टर्स से निशुल्क इलाज के लिए आयु ऐप में “आयु कार्ड” की सुविधा भी है | एक बार परिवार का आयु कार्ड ले लिया तो फिर पूरे साल विशेषज्ञ डॉक्टर्स से कभी भी कहीं से भी निशुल्क इलाज मिलेगा। आयु कार्ड भारत की 100 करोड़ से ज्यादा आबादी को ध्यान में रखकर , उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करवाने और स्वास्थय खर्चे कम करने के लिए बनाया गया है |

Aayu App के फायदे

 

  • घर बैठे ही सीधे स्पेशलिस्ट (विशेषज्ञ) डॉक्टरों से सही सलाह और फॉलो-अप लें |
  • सामान्य से 10 गुना कम खर्च में बेहतरीन डॉक्टरों से बीमारी का इलाज
  • नज़दीकी मेडिकल स्टोर्स से घर पर दवा मंगवाएं।  सबसे तेज़ सबसे भरोसेमंद |
  • बीमारियों और उनके उपायों से जुड़ी जानकारी, लेख (Articles) और स्पेशलिस्ट डॉक्टर द्वारा “सेहत की बात”

 

बीमारी बता कर नहीं आती इसलिए जरुरी है की आप पूरे परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहें। आज ही Aayu App से जुड़ें और निश्चिंत हो जाएँ।

 

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परिंदा

याद आता है अब भी वह गुजरा ज़माना
वो दोस्तों के जमघट वो हंसना हँसाना
मस्त हवाओं का संगीत झूमते पेड़ों का तराना
वो आज़ाद परिंदों का सुरों में चहचहाना,
घर की ऊँची मुँडेर पे डाले बाजरे के दाने
को चुगने पंछियों का लगातार आना जाना
उन पंछियों में एक परिंदा सबसे अलग था
उसे मेरी मुँडेर पसंद थी या फ़िर मेरा गाना
हर सुबह मुझे भी उसका इंतेज़ार रहता था
मुझे देख उसका चहचहाना अच्छा लगता था
याद आता है मुझे वो हर मुलाक़ात के बाद
निशानी के रूप में अपना पंख छोड़ जाना ,
अब ना वो शजर है, न वो मुँडेर न वो परिंदे
शजर जिस पर नीड़ था, बंजर है बेजान है
हाँ नीड़ अब भी उस ठूंठ शजर पे  विधमान है
थकी आँखो से बुलाता है परिंदे कभी तो आना
परिंदा अब कभी नहीं आएगा,मालूम है फ़िरभी
नीड़ की सूखी टहनियां उसको बुलाती हैं
शजर का ठूंठ भी कब का बिखर गया होता
बूढ़ी जड़ों को ज़मीं की नयी हरियाली ने थामा
याद आता है अब भी वह गुजरा ज़माना
वो दोस्तों के जमघट वो हंसना हँसाना

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एस.एन.सेन बी.वी.पी.जी कॉलेज के शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्मपखवाड़े के अवसर पर  दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

शिक्षा शास्त्र विभाग, एस.एन.सेन बी.वी.पी.जी कॉलेज द्वारा श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्मपखवाड़े के अवसर पर  दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया । दिनांक 22/12/2020 को विभाग द्वारा “श्री अटल बिहारी वाजपेई जी का व्यक्तित्व एवं देश के प्रति उनका योगदान” विषय पर एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निबंध प्रतियोगिता में परास्नातक स्तर की छात्राओं ने भाग लिया और अपने लेखन प्रतिभा का कुशलता से प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में परास्नातक प्रथम वर्ष की छात्राओं में चिया यादव प्रथम स्थान, पारुल गुप्ता द्वितीय स्थान तथा बुशरा अरशद तृतीय स्थान पर रहीं। जबकि द्वितीय वर्ष की छात्राओं में समरीन फातिमा प्रथम स्थान, कंचन सविता द्वितीय स्थान तथा अनुपमा तिवारी तीसरे स्थान पर रहीं।
कार्यक्रम समापन के दिन; दिनांक 23/12/ 2020 को “श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की कविताओं के काव्य पाठ” का आयोजन किया गया, जिसमें स्नातक तथा परास्नातक स्तर की छात्राओं ने भाग लिया ।
कार्यक्रम का प्रारंभ गणेश वंदना तथा प्राचार्या के स्वागत के साथ किया गया। सर्वप्रथम प्राचार्या डॉ.निशा अग्रवाल जी ने छात्राओं को संबोधित कर आशीर्वचन प्रदान किया ।
कार्यक्रम की मुख्य श्रृंखला में छात्राओं ने श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की कविताओं का काव्यपाठ कर  सभा को भावविभोर कर दिया ।
  कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में विभाग की प्रवक्ता डॉ.निशा सिंह  ने श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जीवन के विभिन्न संस्मरण सुनाए  तथा विभाग की प्रवक्ता कु.साक्षी अग्रवाल ने श्री अटल बिहारी वाजपेई जी का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। इसके पश्चात कार्यक्रम संयोजिका एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.चित्रा सिंह तोमर ने छात्राओं को श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के महान व्यक्तित्व से प्रेरणा प्राप्त करने के लिए उत्साहित किया।
तत्पश्चात ‘काव्य पाठ प्रतियोगिता’ के परिणामों की घोषणा की गई । जिसमें स्नातक स्तर पर स्नेहा पांडे (बी.ए. 1) प्रथम स्थान पर, सेजल सिंह (बी.ए.2)द्वितीय स्थान पर एवं इरम शकील (बी.ए.1 ) तृतीय स्थान पर रहीं। जबकि परास्नातक स्तर पर अर्शी अख्तर (एम.ए. 2)प्रथम स्थान पर, पारुल गुप्ता (एम.ए. 2)द्वितीय स्थान पर तथा प्रतिमा भंडारी (एम.ए. 2)तृतीय स्थान पर रहीं।
 कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में विभाग की प्रवक्ता श्रीमती प्रीति साहू ने इस दो दिवसीय कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
अन्त में विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर कु. ऋचा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्म पखवाड़े के अवसर पर आयोजित  इस दो दिवसीय कार्यक्रम का संयोजन डॉ.चित्रा सिंह तोमर ने किया। तथा  संयोजन समिति में कुमारी ऋचा सिंह, श्रीमती प्रीती साहू, डॉ.निशा सिंह एवं कु.साक्षी अग्रवाल रहीं।
 अंत में राष्ट्रगान के द्वारा कार्यक्रम  का औपचारिक समापन किया गया ।

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विद्युत क्षेत्र में कौशल विकास के लिए कौशल भारत द्वारा प्रथम उत्‍कृष्‍टता के केंद्र की स्‍थापना

कौशल विकास और व्‍यावसायिक प्रशिक्षण के प्रति अपनी संकल्‍पबद्धता के अनुरूप कदम उठाते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार, राष्‍ट्रीय शिक्षा एवं युवा मंत्रालय, फ्रांस सरकार तथा शनाइडर इलेक्ट्रिक ने देश भर में प्रमाणित प्रशिक्षकों और आकलनकर्ताओं का सुदृढ़ कैडर तैयार करने के लिए ग्वाल पहाड़ी (गुरुग्राम) स्थित राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा संस्‍थान (एनआईएसई) के परिसर में आज विद्युत क्षेत्र के प्रथम उत्‍कृष्‍टता के केंद्र के शुभारंभ की घोषणा की।

भविष्‍य की प्रौद्योगिकी को ध्‍यान में रखते हुए इस उत्‍कृष्‍टता के केंद्र में अच्‍छी गुणवत्‍ता वाली आधुनिक प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं, जो ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के संबंधों को और मजबूती प्रदान करेंगी। केंद्रीय विद्युत राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (स्‍वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्‍य मंत्री श्री राज कुमार सिंह ने आज विशिष्‍ट अतिथि फ्रांस के आर्थिक एवं वित्‍तीय कार्य मंत्री-काउंसलर, भारत और दक्षिण एशिया के लिए क्षेत्रीय आर्थिक विभाग के प्रमुख श्री डेनियल मातेर की मौजूदगी में आभासी रूप से उत्‍कृष्‍टता के केंद्र का शुभारंभ किया।

उत्‍कृष्‍टता के केंद्र की स्‍थापना एमएसडीई, शिक्षा मंत्रालय, फ्रांस और शनाइडर इलेक्ट्रिक के बी‍च पहले हस्‍ताक्षरित समझौता ज्ञापन का परिणाम है। इसके अलावा, एक केंद्र की स्‍थापना करने के लिए तथा विद्युत और सौर के क्षेत्र में उच्‍च स्‍तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने और कौशल विकास के लिए राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी),शनाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया फाउंडेशन (एसईआईएफ), विद्युत क्षेत्र कौशल परिषद (पीएसएससी) और राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा संस्‍थान (एनआईएसई) के बीच एक परिचालन समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए।

उत्‍कृष्‍टता के केंद्र का उद्धाटन करते हुए केंद्रीय विद्युत राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (स्‍वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्‍य मंत्री श्री राज कुमार सिंह ने कहा, ‘’ आर्थिक विकास को गति प्रदान करने, ऊर्जा सुरक्षा तथा ऊर्जा तक पहुंच में सुधार लाने के साथ ही जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से भी निपटते हुए भारत नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में त्‍वरित गति से बढ़ रहा है। ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी संख्‍या में कामगार तैयार करने संबंधी मांगों को पूरा करने में हमें जो सफलता हासिल होगी, वह भारत को विश्‍व में नवीकरणीय ऊर्जा के बाजार के शीर्षतम स्‍थान की ओर प्रवृत्‍त करेगी। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति को प्रोत्‍साहन देने के लिए निरंतर किए जाने वाले प्रयास हमें माननीय प्रधानमंत्री के ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उत्‍कृष्‍टता के केंद्र की स्‍थापना में फ्रांस सरकार के साथ की गई हमारी साझेदारी दीर्घकालिक ऊर्जा लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग का एक और शानदार उदाहरण है।‘’

उत्‍कृष्‍टता का केंद्र विद्युत, स्‍वचालन और सौर ऊर्जा के क्षेत्रों में उम्‍मीदवारों की रोजगार परकता में वृद्धि करने के लिए विस्‍तृत प्रशिक्षण देने हेतु उच्‍च दक्षता प्राप्‍त प्रशिक्षकों और आकलनकर्ताओं का समूह तैयार करने पर ध्‍यान केंद्रित करेगा। केंद्र विद्युत और सौर क्षेत्र में प्रशिक्षकों, अनुदेशकों के लिए प्रशिक्षण, आकलनकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण तथा अन्‍य उच्‍च गुणवत्‍तापूर्ण कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगा।

4000 वर्गफुट क्षेत्र में स्‍थापित इस परियोजना के लिए उत्‍कृष्‍टता के केंद्र स्‍थापना हेतु एनआईएसई की ओर से अपने परिसर में भूमि उपलब्‍ध कराई गई है।  यह उत्‍कृष्‍टता का केंद्र दो प्रयोगशालाओं से लैस होगा, जिनकी स्‍थापना शनाइडर इलेक्ट्रिक द्वारा अपनी सीएसआर पहल के भाग के रूप में की गई है। यह उन्‍नत इलेक्ट्रिशियन प्रयोगशाला गृह और भवन में प्रशिक्षण, और उद्योग की स्‍थापना और स्‍वचालन हेतु विशेष रूप से तैयार किए गए उपकरणों से लैस है। सौर प्रयोगशाला, सौर क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकी से संबंधित व्‍यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगी। उत्‍कृष्‍टता के केंद्र विद्युत के लॉन्‍च होने के सा‍थ ही आकलनकर्ताओं का ऑनलाइन प्रशिक्षण आरंभ हो जाएगा, जिनमें देश भर के प्रशिक्षक शामिल होंगे। इसके अतिरिक्‍त, केंद्र में युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने पर भी विचार किया जा रहा है। केंद्र में परिचालनों का प्रबंधन करने वाली विद्युत क्षेत्र कौशल परिषद ने शिक्षण में सहायता प्रदान के लिए उत्‍पादन, पारेषण, वितरण और बाद के चरणों से संबंधित उपक्षेत्रों में विभिन्‍न भूमिकाओं के लिए आवश्‍यक शिक्षण सामग्री भी तैयार की है। शिक्षा विभाग, फ्रांस ने प्रस्‍तावित उत्‍कृष्‍टता के केंद्र की संकल्‍पना, डिजाइन तथा अध्‍यक्षता के लिए तीन वर्ष के लिए एक विशेषज्ञ को नियुक्‍त किया। इस विशेषज्ञ ने रूपरेखा, दिशानिर्देशों तथा विद्युत क्षेत्र  की उत्‍कृष्‍ट पद्धतियों की पेशकश करने के माध्‍यम से योगदान दिया है। राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम सभी हितधारकों को सहायता प्रदान कर रहा है और वह इस परियोजना के लिए व्‍यावसायिक मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वियतनाम के प्रधानमंत्रीश्री गुयेन जुआन फुक के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 21 दिसंबर, 2020 को वियतनाम के प्रधानमंत्री श्री गुयेन जुआन फुक के साथ आभासी शिखर सम्मेलन में सहभागी बनेंगे।

शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों नेता व्यापक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और भविष्य में भारत-वियतनाम व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

2020 में, दोनों देशों ने उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान को बनाए रखा है। वियतनाम की उपराष्ट्रपति सुश्री डांग थी नगोक थिन्ह फरवरी 2020 में एक आधिकारिक यात्रा पर भारत आईं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कोविड​​-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए 13 अप्रैल, 2020 को दूरभाष के माध्यम से वार्तालाप किया। 25 अगस्त, 2020 को दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की सह-अध्यक्षता वाली संयुक्त आयोग की बैठक (वर्चुअल) के 17वें संस्करण का आयोजन किया गया। 27 नवंबर, 2020 को रक्षा मंत्री ने अपने समकक्ष के साथ एक ऑनलाइन बैठक की।

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क्राइस्ट चर्च काॅलेज के वाणिज्य विभाग और कैरियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल और आई एस बी एंड एम के संयुक्त तत्वाधान् में छात्र विकास कार्यक्रम का आयोजन

कानपुर। वाणिज्य विभाग और कैरियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल, क्राइस्ट चर्च काॅलेज, कानपुर ने आई एस बी एंड एम के साथ मिलकर शुक्रवार को ‘जीडी / प्रस्तुति / व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए तैयारी’ पर जूम प्लेटफाॅर्म के माध्यम से किया। 
  कार्यक्रम की शुरुआत सचिव, काॅलेज के गवर्निंग बाॅडी, रेव. सैमुअल पाॅल लाल द्वारा लोगों की भलाई और वेबिनार के सुचारू संचालन के लिए की गई प्रार्थना से हुई।
उद्घाटन सत्र में, अतिथियों का स्वागत और उद्घाटन टिप्पणी वाणिज्य विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नलिन  कुमार ने किया।
इस मौके पर काॅलेज के प्राचार्य, डाॅ जोसेफ डैनियल ने कहा कि वर्तमान समय में विषय प्रासंगिक है क्योंकि यह छात्रों के लिए एक परिवर्तनकारी रोडमैप प्रदान करेगा।
 एसोसिएट वाइस-प्रेसिडेंट और ग्रुप हेड, आईएसबीएम डोलमणि साहू ने वेबिनार के विषय के महत्व और विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
 विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान, और समन्वयक, डाॅ आशुतोष सक्सेना ने वेबिनार के विषय और महत्व के बारे में बात करते हुए कहा कि समूह चर्चा / साक्षात्कार के लिए तैयारी में कुछ समय लगता है, इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि छात्र पहले से अच्छी शुरुआत करें क्योंकि यह हफ्तों में नहीं हो सकता है।
  विशिष्ट वक्ता एवं पीएचडी और पीजीडीएम इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, कलकत्ता के निदेशक प्रोफेसर डाॅ0 एस जयरामन ने आई एस बी एंड एम के बारे में एक संक्षिप्त परिचय के साथ अपनी बात कहते हुए कहा कि जीडी में, जिन पहलुओं के लिए भर्तीकर्ता आगे देखता है, वे हैं संचार, टीम वर्क, व्यक्तित्व और चर्चा को अपने पक्ष में मोड़ने की क्षमता। इस प्रकार, समूह चर्चा की तैयारी करते समय, किसी को इन पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए।
उन्होने यह भी कहा कि एक व्यक्तिगत साक्षात्कार एक अन्य मौखिक संचार घटना है। हालाँकि, समूह चर्चा के विपरीत, व्यक्तिगत साक्षात्कार साक्षात्कारकर्ता पर एक व्यक्तिगत छाप बनाने के लिए एक मंच है। यह कमरे में किसी अन्य उम्मीदवार के बिना एक उद्देश्यपूर्ण एक-एक साक्षात्कार है। यहां, रिक्रूटर को केवल आपके ध्यान की आवश्यकता होती है और इसके विपरीत। छात्रों को अपने आप में आत्मविश्वास विकसित करना चाहिए क्योंकि बेहतर संचार केवल तभी प्राप्त किया जा सकता है जब वह आत्मविश्वास से भरा हो। इस प्रकार, साक्षात्कारकर्ताओं के लिए सभी चरणों में एक अच्छी छाप बनाना आवश्यक है।
छात्रों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देने के बाद इस बात का पालन किया गया। सभी सवालों का जवाब संसाधन व्यक्ति द्वारा धैर्यपूर्वक दिया गया था।
पूरे सत्र की अध्यक्षता एसोसिएट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च काॅलेज डाॅ0 विभा दीक्षित  कानपुर ने की।
डीन एंड संयोजक, वाणिज्य संकाय, सीएसजेएम विश्वविद्यालय, डाॅ शिप्रा श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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किदव्इ नगर यादव मार्केट में बी एन के मिलक डेरी का शुभारंभ

 

 

किदव्इ नगर के ब्लॉक यादव मार्केट  मे  पं ओम प्रकाश मिश्रा  एवं शिवराम सिंह  (बउआ भैया) के कर कमलो द्वारा उद्घाटन करके शुभारंभ किया गया,

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क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय, orientation program आयोजित

कानपुर 17 दिसम्बर , अत्यंत उपयोगी online orientation program आयोजित किया गया . क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय में इसके संयोजन का दायित्व डॉ. सुनीता वर्मा (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग) ने संभाला और महाविद्यालय प्रबंध-समिति के सचिव रेवरेंड एस. पी. लाल तथा प्राचार्य डॉ. जोसफ डेनियल ने orientation program के बारे में जानकारी दी, orientation program का आरम्भ करते हुए NSS officer डॉ. सुनीता वर्मा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत किया और मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ताओं का परिचय प्रस्तुत किया. तत्पश्चात डॉ सबीना बोधरा द्वारा ईश्वर की आराधना द्वारा सभी विघ्न-बाधाओं के निराकरण और संगोष्ठी के सफल आयोजन की प्रार्थना की गई.

डॉ मृदुला सैमसन ने पहले वक्ता का परिचय दिया, कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मुख्य वक्ता डॉ अन्शुमालि शर्मा ने NSS की उपयोगिता और आवश्यकता का उल्लेख भी उन्होंने किया. इस संगोष्ठी के द्वितीय मुख्य वक्ता डॉ के एन मििश्रा ने NSS की उपयोगिता और प्रभाव पर विचार विमर्श किया, कार्यक्रम के वक्ताओं में Dr Neeta Jain, Dr Soofiya Sahaab थि
इस Orientation program का समापन करते हुए डॉ.सबीना बोधरा ने सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं प्रतिभागियों के प्रति हार्दिक धन्यवाद प्रेषित किया.

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भारत के आर्थिक इतिहास में ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ एक ऐतिहासिक घटना है : रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में उद्योग जगत की जानी-मानी संस्था फिक्की के 93वें वार्षिक सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी ने देश के सामने कई नई चुनौतियों को जन्म दिया है। ऐसे में लोगों की ज़िंदगी और आजीविका पर पड़ने वाले कोविड के विपरीत प्रभाव से निपटने और उसे कम करने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।उन्होंने कहा कि कोरोना से लोगों की जान बचाने को सबसे पहली प्राथमिकता दी गई है और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कोरोना वारियर्स ने लोगों की जान के जोखिम को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं।

सरकार की तरफ से आर्थिक मोर्चे पर किए गए प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा ‘ऐसा माना जा रहा था कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में
23.9 फीसदी की जो गिरावट दर्ज की गई है,उससे निपटने और इसे फिर से पटरी पर लाने में भारत को एक-दो साल का समय लग जाएगा’। लेकिन भारत ने आर्थिक मोर्चे पर इस चुनौती से निपटने में ज़्यादा समय नहीं लिया और जल्दी ही देश की जीडीपी पटरी पर आ गई। यही वजह है कि दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी में केवल 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई,जबकि दूसरी तरफ निर्माण क्षेत्र में पहली तिमाही में 39.3 फीसदी की गिरावट की तुलना में दूसरी तिमाही में  0.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में जारी इन विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी)ने भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे मे अपने पूर्व के 9 फीसदी गिरावट के अनुमान में बदलाव करते हुए वर्ष 2020-21 में 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है।

अर्थव्यवस्था की मज़बूती पर बल देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अप्रैल-अगस्त 2020 में भारत में 35.73 बिलियन अमरीकी डॉलर का सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) दर्ज किया गया है,जोकि पिछले वित्त वर्ष में इस दौरान दर्ज किए गए एफडीआई की तुलना में 13 फीसदी ज़्यादा है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “ये सब निर्णायक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए चलाए जा रहे है ‘आत्मनिर्भर भारत’ की मदद और सरकार द्वारा सही समय पर सही निर्णय लेने से संभव हुआ है।”

रक्षा मंत्री ने उद्योग जगत से आग्रह  किया कि “…वे वैश्विक स्तर पर निर्माण क्षेत्र में लागत को कम करने के रास्ते निकालकर इस दिशा में आगे बढ़ें और जल्द ही भारत को वैश्विक स्तर पर निर्माण क्षेत्र का हब बनाने की दिशा में ज़रूरी रास्तों पर विचार करें।”

श्री राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और आत्मनिर्भर अभियान को मज़बूत बनाने की दिशा में रक्षा क्षेत्र अहम भूमिका अदा करेगा। उन्होंने कहा कि “हम दुनिया की सबसे बड़ी सशस्त्र सेना में से एक हैं, इसके बावजूद हम कई अहम क्षेत्रों में आयात पर निर्भर हैं। हालाँकि हमने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में कई स्तरों पर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं,लेकिन अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना बाकी है।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि “हमने निजी क्षेत्र के लिए भी दरवाज़े खोल दिए हैं, घरेलू स्तर पर उत्पादन को प्रोत्साहित किया है, रक्षा गलियारे का निर्माण के अलावा और भी बहुत कुछ इस दिशा में किया जा रहा है। हम दूसरे देशों के साथ मिलकर संयुक्त उपक्रम (ज्वाइंट वेंचर)और सहभागिता बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।”

श्री राजनाथ सिंह ने विश्वास जताया कि नई रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया के साथ-साथ स्वचालित तरीके से एफडीआई को 74 फीसदी तक बढ़ाने के पूर्व में लिए गए निर्णय से घरेलू निर्माण और विकास को गति मिलेगी। साथ ही नवीन प्रौद्योगिकी और वैश्विक स्तर पर अपनाए जाने वाले उपायों का लाभ भी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 101 सामानों की नकारात्मक आयात सूची जारी की गई है। इससे विशेषरूप से निजी क्षेत्र को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि 1,75,000 करोड़ के टर्नओवर और 35,000 करोड़ के आयात के लक्ष्य को हासिल करने में निजी क्षेत्र सक्रिय भागीदार की भूमिका निभाएगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने मई 2020 में देश को विभिन्न चुनौतियों से निकालने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत अभियान को मज़बूत करना भी था। उन्होंने कहा कि “भारत के आर्थिक इतिहास में आत्मनिर्भर भारत अभियान एक ऐतिहासिक घटना है”।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत करीब 81 लाख एमएसएमई ने प्रधानमंत्री एमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस)का लाभ लिया है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोविड-19 संकट से निपटने के दौरान भारत ने अपने लोगों की मदद करने के अलावा दुनियाभर के लोगों की मदद की।“चाहे एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित पहुंचाना हो, दवाइयों की आपूर्ति हो या कोई अन्य सहायता,भारत ने हर दिशा में सकारात्मक तरीके से बढ़चढ़कर मदद की।” उन्होंने कहा कि भारत ने स्वयं की प्रेरणा से दूसरों को भी प्रेरित करने का काम किया। “भारत एक ऐसा देश है,जहाँ सैकड़ों सालों से ‘संगच्छध्वं,संवदध्वं’ विचार का पालन किया जाता,जिसका अर्थ है कि हम सब आगे बढ़ेंगे,हम सबको मिलकर आगे बढ़ना है।”

कृषि क्षेत्र से जुड़े सुधारों पर रक्षा मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र से जुड़े सभी सुधार भारत के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हमेशा हमारे किसान भाइयों की बात को सुनने और उनकी गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार ने किसान भाइयों के साथ चर्चा और वार्ता के सभी रास्ते खोल रखे हैं।”

हिमालय से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति पर रक्षामंत्री ने कहा कि लद्दाख में एलएसी पर सशस्त्र बलों की भारी संख्या और पर्याप्त सुविधाएं मौजूद है। उन्होंने कहा कि परीक्षा की इस घड़ी में हमारे सुरक्षा बलों ने ज़बर्दस्त साहस और धैर्य दिखाया है,इतना ही नहीं हमारे सुरक्षा बलों ने पीएलए का बहादुरी से सामना करते हुए उन्हें वापस भेजने पर मज़बूर किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सेना की संख्या किसके पास ज़्यादा है, इस पर गंभीर बहस की जा सकती है, लेकिन जब बात साहस और जज़्बे की आती है,तो हमारी सेना का कोई जवाब नहीं है। जब विचारों के स्तर पर दुनिया का नेतृत्व करने की बात आती है तो भारत चीन से कई गुणा आगे नज़र आता है।

सीमापार आतंकवाद पर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने ख़ुद इस समस्या का सामना किया है, वो भी ऐसे समय में जब कोई भी हमारे साथ नहीं खड़ा था। लेकिन बाद में,दुनिया को यह बात समझ आ गई कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में हैं और वहीं से दुनियाभर में आतंकवाद फैलाया जा रहा है।

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जीएसटी की क्षतिपूर्ति में हुई कमी को पाटने के लिए बैक टू बैक लोन के तौर पर राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 7वीं किस्त जारी की गई

वित्त मंत्रालय ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति में हुई कमी को पाटने के लिए राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 7वीं साप्ताहिक किस्त जारी की है।इसमें से कुल 5,516.60 करोड़ रुपये की राशि 23 राज्यों को जारी की गई है और 483.40 करोड़ रुपये की राशि विधानसभा वाले 3केन्द्रशासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुदुचेरी), जोकि जीएसटी काउंसिल के सदस्य हैं, को जारी की गई है।शेष 5 राज्यों -अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम- में जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में कोईकमी नहीं हुई है।

भारत सरकार ने जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में पैदा हुई 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए अक्टूबर, 2020 में एक विशेष उधार खिड़की की व्यवस्था की थी।भारत सरकार द्वारा राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की ओर से इस खिड़की के जरिए उधारलिया जा रहा है। ये उधारियां 7 चरणों में की गई हैं।अब तक उधार ली गई राशि क्रमशः 23 अक्टूबर, 2020, 2 नवंबर, 2020, 9 नवंबर, 2020, 23 नवंबर, 2020, 1 दिसंबर, 2020, 7 दिसंबर, 2020 और 14 दिसंबर, 2020 को राज्यों को जारी की गई हैं।

इस सप्ताह जारी की गई राशिराज्यों को प्रदान की गई ऐसी निधि की 7वीं किस्त थी। इस सप्ताह यह राशि 5.1348% की ब्याज दर पर उधार ली गई है।केन्द्र सरकार द्वारा अब तक4.7712% की औसत ब्याज दर पर विशेष उधार खिड़की के जरिए कुल42,000 करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई है।

जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व में हुई कमी को पूरा करने के लिए विशेष उधार खिड़की के जरिए धन प्रदान करने के अलावा, भारत सरकार ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति में हुई कमी को पूरा करने के लिए विकल्प–1 का चुनाव करने वाले राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद करने के उद्देश्य से राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50% के बराबर की राशि अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति भी दी है।सभी राज्यों ने विकल्प-1 के प्रति अपनी प्राथमिकता जतायी है।इस प्रावधान के तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50%) की संपूर्ण अतिरिक्त राशि उधार लेने की अनुमति दी गई है।

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