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एस. एन. सेन बी.वी. पी.जी. कॉलेज में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध, और प्रतितोष) अधिनियम 2013 हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित”

कानपुर 7 मार्च भारतीय स्वरूप संवाददाता, “एस. एन. सेन बी.वी. पी.जी. कॉलेज में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध, और प्रतितोष) अधिनियम 2013 हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित”एस. एन. सेन बी.वी. पी.जी. महाविद्यालय में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध, और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के सम्बंध में दिनाँक 07/03/24 को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ विशिष्ट अतिथि ए. सी.पी. पुलिस कमिश्नरेट पी. सी.एस. सृष्टि सिंह, मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कानपुर, डॉ. श्याम शंकर सिंह, तथा प्राचार्या प्रो. सुमन, तथा प्रबंधतंत्र सचिव श्री पी.के. सेन द्वारा किया गया। प्रो. निशि प्रकाश ने अतिथि स्वागत करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता में सम्मिलित किया जाना चाहिए| प्रो. मीनाक्षी व्यास ने विषय-प्रवर्तन तथा मंच संचालन की महती भूमिका का निर्वहन किया ।

ए. सी.पी. पुलिस कमिश्नरेट सृष्टि सिंह ने लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम POSH- 2013 से संबंधित सभी कानूनी धाराएं बताते हुए आश्वासन दिया कि आवश्यकता पड़ने पर वो हम सबके साथ हैं| मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय को बधाई दी और भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की|
प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने महाविद्यालय के सुरक्षित वातावरण पर गर्व प्रकट करते हुए कहा कि आने वाले समय में महाविद्यालय में छात्राओं, शिक्षिकाओं तथा सभी के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय बढ़ायेंगे। इस दिशा में प्रयास करते हुए महाविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति का गठन कर दिया गया है जिसमें एस. एस. फाउंडेशन एन.जी.ओ. से सुश्री सुभाषिनी भी एक सदस्य हैं |

डॉ. रचना निगम के निर्देशन में छात्राओं ने पोस्टर बनाकर Prevention of Sexual Harrasment Act – 2013 (POSH 2013) की जागरूकता का प्रदर्शन किया। अंत मे कोऑर्डिनेटर डॉ. रेखा चौबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि लैंगिक उत्पीड़न केवल महिलाओं से नहीं,बल्कि पूरे समाज से जुड़ा हुआ मुद्दा है,संवेदनशीलता बढ़ेगी तभी जागरूकता बढ़ेगी। कार्यक्रम में प्रो. अल्का टंडन, प्रो. गार्गी यादव, डॉ. अनामिका तथा समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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डी जी कॉलेज द्वारा मतदान जागरूकता हेतु एक दिवसीय शिविर आयोजित

कानपुर 13 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, डी जी कॉलेज द्वारा *द्वितीय एक दिवसीय शिविर* का आयोजन अधिकृत मलिन बस्ती अस्पताल घाट में किया गया। शिविर का शुभारंभ एन एस एस लक्षद्वीप “उठे समाज के लिए उठे-उठे” से किया गया। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. अर्चना वर्मा के संरक्षण में एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में सभी छात्राओं ने प्रथम सत्र में शिविर के मुख्य विषय *मतदान जागरूकता अभियान* व्यापक स्तर पर जन जागरूकता लाने के लिए महाविद्यालय से अस्पताल घाट तक रैली निकाली जिसमें ‘महिला मतदाता – लोकतंत्र की भाग्य विधाता’, ‘जाएं-जाएं वोट डालने जाएं – अपना वोट काम में लाएं’, ‘वोट फॉर नेशन’ जैसे नारों के माध्यम से वृहद स्तर पर जन- जागरूकता लाने हेतु तथा मतदान करने की आवश्यकता व मताधिकार की उपयोगिता का व्यापक प्रचार प्रसार किया गया। तत्पश्चात स्वल्पाहार के पश्चात द्वितीय सत्र के अंतर्गत छात्राओं ने *डोर टू डोर कैंपेन* चलाकर मतदान करना जरूरी है के अंतर्गत निश्चित किया कि सभी घरों में मतदान हेतु आवेदन किया जा चुका है एवं मतदाता सूची में अपना नाम चेक कर लिया है। जिन लोगों ने अभी अपना नाम दर्ज नहीं करवाया है उनसे यह अनुरोध किया कि अगले साल अपना नाम जरूर दर्ज करवा ले व फॉर्म 6 समय से भरकर जमा करें। एक मजबूत लोकतंत्र के निर्माण हेतु अपना प्रतिनिधि चुनते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए इस पर भी छात्राओं ने विस्तार पूर्वक चर्चा की। इसके साथ ही कार्यक्रम अधिकारी द्वारा छात्राओं को अभी तक किए गए सभी सर्वे पर अपनी रिपोर्ट तैयार करने एवं लक्ष्य गीत व संकल्प गीत का अभ्यास करने व आगामी सात दिवसीय विशेष शिविर में अपने लीडर के नेतृत्व में सही से कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया । कार्यक्रम में समस्त वॉलिंटियर्स ने अति उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। विशेष रूप से कीर्ति, आकांक्षा, वर्षा एवं नूर का सहयोग सराहनीय रहा।

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एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज में प्रासंगिक विषय “उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव: चुनौतियां एवं समाधान” पर अन्तरविभागीय संगोष्ठी आयोजित

कानपुर 13 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता,एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज के शिक्षाशास्त्र, मनोविज्ञान, शारीरिक शिक्षा तथा दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनाँक 13-02-2024 को एक प्रासंगिक विषय ” उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव: चुनौतियां एवं समाधान” पर अन्तरविभागीय संगोष्ठी का शुभारंभ प्राचार्य प्रो. सुमन, प्रो. चित्रा सिंह तोमर, डाॅ. मोनिका सहाय तथा अतिथियों ने सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ पुष्प अर्पित कर किया | संगोष्ठी में विभिन्न विभागों की लगभग 20 छात्राओं ने अपना लेख प्रस्तुत किया | कार्यक्रम के माध्यम से छात्राओं ने अपने शैक्षिक अनुभव साझा किए जिसमें चुनौतियां तथा समस्या ज्यादा थीं और समाधान ना के बराबर| संगोष्ठी के मुख्य बिंदु व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का व्यावहारिक कार्यान्वयन आशा अनुरूप ना होना, कार्यभार के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षकों का बढ़ता कार्यभार, महाविद्यालय में सीखने के लिए आवश्यक संसाधनों का अभाव, पाठयक्रम तथा परीक्षाओं का बढ़ता दबाव, कम समय, सभी छात्राओं को एक समान अंक देकर परीक्षा परिणाम अच्छा करने की परंपरा का प्रादुर्भाव, विद्यार्थियों की अधिगम में घटती रूचि, शिक्षकों का किसी भी नीति के क्रियान्वयन में महत्व तथा कक्षा में घटती छात्र संख्या, अंकों का बढ़ता महत्व तथा ज्ञान का अर्जन ना होना आदि पर विचार विमर्श किया गया| प्राचार्य ने छात्राओं के विचारों की अभिव्यक्ति की सराहना करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया |

विषय विशेषज्ञों के रूप में प्रो. अल्का टण्डन, प्रो. गार्गी यादव, कैप्टन ममता अग्रवाल ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया | डाॅ. प्रीति सिंह, श्रीमती ऋचा सिंह, डाॅ. संगीता सिंह, डाॅ. अनामिका, डाॅ. शिवांगी यादव, श्रीमती अमिता सिंह, सुश्री प्रीति यादव आदि शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति से छात्राओं का उत्साहवर्धन किया |

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डी जी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने एक दिवसीय शिविर में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया

कानपुर 12 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, डी जी कॉलेज, कानपुर द्वारा अधिग्रहित मलिन बस्ती अस्पताल घाट में आयोजित एक दिवसीय शिविर के अंतर्गत सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया गया। महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने बताया कि इस एक दिवसीय शिविर में प्रथम सत्र के दौरान सर्वप्रथम प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा जी ने झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। जिसमें में छात्राओं ने विभिन्न नारे एवं स्लोगन तथा सड़क सुरक्षा पखवाड़े के अंतर्गत बनाए गए पोस्टर्स के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर बस्ती वासियों तथा सड़क पर वाहन चलाने वाले लोगों को यातायात के नियमों एवं रोड सेफ्टी चिन्हों से अवगत कराया गया। जो लोग दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग नहीं कर रहे थे अथवा तीन लोग एक साथ वाहन पर चल रहे थे उन्हें रोक कर सही नियमों की जानकारी दी गई तथा उन्हें हेलमेट लगाने के फायदे बात कर हेलमेट लगवाया गया।
द्वितीय सत्र में स्वल्पाहार के पश्चात छात्राओं के द्वारा परंपरागत खेलों में खो-खो आदि खेले गए तथा कविताएं व गीत भी प्रस्तुत किए गए।
प्राचार्या जी के द्वारा अपने वक्तव्य में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा जीवन अत्यधिक अनमोल है। दुर्घटना किसी एक के साथ होती है परंतु उसका खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। अतः हमें लापरवाही, जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए तथा सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात के नियमों का पालन करने का विशेष ध्यान देना चाहिए। महाविद्यालय की सेल्फ फाइनेंस डायरेक्टर प्रो वंदना निगम ने छात्रों के द्वारा समय-समय पर चलाए जाने वाले सड़क सुरक्षा अभियान की अत्यधिक सराहना की। इस शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना की वॉलिंटियर्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। जिनमें प्रमुख रूप से दिव्या, मुस्कान वर्मा, आकांक्षा यादव, एलिना एवम् जैनब आदि की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर 12 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन समाजशास्त्र विभाग,अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ सुमन द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक् मीनाक्षी व्यास ने छात्राओं को वाद-विवाद प्रतियोगिता जिसका शीर्षक था ऑनलाइन शिक्षण बनाम ऑफलाइन शिक्षण में छात्राओं को वक्तव्य देने के लिए आमंत्रित किया। वाद विवाद प्रतियोगिता एम ए की छात्राएं जैसे उन्नति तिवारी शिखा गुप्ता प्रगति द्विवेदी सबा परवीन महिमा यादव संजौली गुप्ता आदि छात्राओं ने प्रति भाग किया। प्राचार्या डॉक्टर सुमन ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कार्यक्रम को रचनात्मक बताया तथा कहा कि आधुनिक काल में दोनों ही शिक्षण पद्धतियों का समान महत्व है। समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्याक्षा डॉ निशि प्रकाश ने छात्राओं के इस कार्यक्रम उनके प्रतिभागिता की सराहना करते हुए सीखने की प्रक्रिया को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ रश्मि गुप्ता द्वारा दिया गया कार्यक्रम में डॉ रेखा चौबे, डॉ अलका टण्डन डॉ निशा वर्मा डॉ चित्रा सिंह डा प्रीति सिंह डा प्रीता अवस्थी डॉ रिचा सिंह डॉ संगीता सिंह आदि उपस्थित रहे।

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विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में “भारत की संकल्पना 2024” पर पोस्टर प्रतियोगिता एवं *जनसामान्य मुद्दे एवं समस्याओं* विषय पर चर्चा आयोजित

कानपुर 12 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय ,स्वरूप नगर के समाजशास्त्र विभाग द्वारा *” भारत की संकल्पना #2024″* पर पोस्टर प्रतियोगिता एवम *जनसामान्य मुद्दे एवम समस्याओं* विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने बहुत ही उत्साह के साथ प्रतिभाग लिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्राचार्या प्रो पूनम विज़ ने बताया कि प्रत्येक बालिका को शिक्षा का अधिकार प्राप्त होना चाहिए है, जो उसका मौलिक अधिकार है । 2047 तक बालिका शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में भारत का प्रथम स्थान होगा ऐसा हमारी आशा है। कार्यक्रम प्रभारी डॉ पूर्णिमा शुक्ला ने कहा कि समाज में समता का सशक्त माध्यम मात्र शिक्षा है अतः यदि समाज में समता को लाना है तो सभी को शिक्षित होना होगा। शिक्षा की नीतियां सभी वर्गों को ध्यान में रखकर, समुचित विकास करने वाली होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता का निर्णय, निर्णायक मंडल कानपुर विद्या मंदिर बालिका इंटर कॉलेज की शिक्षिका श्रीमती प्रगति राठौर एवम नीलम मिश्रा द्वारा दिया गया। जिसमें प्रथम स्थान रिया गुप्ता, द्वितीय स्थान स्नेहा बेनवांशी, तृतीय स्थान आशिका गौतम तथा सांत्वना पुरस्कार सौम्या मैसी ने प्राप्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन छात्रा सौम्या मैसी एवम रागिनी वर्मा द्वारा तथा संयोजन डॉ पूर्णिमा शुक्ला, विभाग अध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग के निर्देशन में छात्राओं अनाया कश्यप,सौम्या गुप्ता, निधि, शिवानी कॉल, शिवांगी त्रिपाठी ,खुशबू गुप्ता एवं प्रज्ञा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय में उपस्थित सभी शिक्षिकाएं तथा प्रतिभागी छात्राएं उपस्थित रहीं।

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एस एन सेन बालिका महाविद्यालय में पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका महाविद्यालय के विज्ञान संकाय ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन की प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्राचार्या प्रो सुमन , रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो गार्गी यादव , वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह तथा मुख्य अनुशासक कप्तान ममता अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित करके किया ।
प्राचार्या डॉ सुमन ने छात्राओ का उत्साह वर्धन करते ह्यूज उनको पीपीटी की उपयोगित बतायी और शैक्षिक गतिविधियों में अधिकाधिक प्रतिभाग के लिए प्रेरित किया बी एस सी प्रथम द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की छात्राओ ने प्रतिभाग किया और Black hole, Pedigree analysis,DNA structure,Plant movement,Digestive system of humans,Nuclic acid आदि विषयों पर अपने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए । निर्णायक मंडल में डॉ शैल बाजपेयी तथा डॉ समीक्षा सिंह रहे ।कु श्रृष्टि राजपाल प्रथम , कु अंशिका चौरासिया द्वितीय तथा कु आफ़रीन तृतीय रही । महाविद्यालय के समस्त शिक्षक गण एवं विषय से संबंधित छात्रायें उपस्थित रहे।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज द्वारा “प्लेसमेंट ड्राइव” अयोजित

कानपुर 11 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज परिसर में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड द्वारा” प्लेसमेंट ड्राइव” कार्यक्रम, महाविद्यालय के कैरियर काउंसलिंग सेल द्वारा अयोजित किया गया।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की ओर से सोनू वर्मा ( ब्रांच हेड कानपुर), उपेंद्र सिंह (एच.आर.), शोभित और ऐश्वर्या(टीम लीड)के नेतृत्व में पहले चरण का साक्षात्कार किया गया, साथ ही उन्होंने बताया कि वे सब इसी प्रकार से प्रतिभागियों का मार्ग दर्शन आगे भी करते रहेंगे जो कि उनके भविष्य के लिए अत्यंत फलदायी होगा ,
इस सत्र में महाविद्यालय के स्नातक अंतिम वर्ष तथा परास्नातक के कुल 86 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग लिया , जिसमे से पहले चरण के साक्षात्कार के लिए 27 छात्र-छात्राओं को चयनित किया गया।
सभी प्रतिभागियों ने अपने कौशल के अनुसार साक्षात्कार में अपना बेहतर प्रदर्शन किया और इसे प्लेसमेंट की दिशा में एक शुभ अवसर बताया ।
सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में किया गया। कॅरियर काउंसलिंग सेल की संयोजिका प्रो. मीत कमल तथा अन्य स्टाफ प्रो. ज्योत्षना लाल,अंकिता ब्रगेंज़ा, आशीष दुबे,अरुनेश शुक्ला, तथा छात्र प्रतिनिधि सुंदरम मिश्रा, वैष्णवी, अनंत, उज्जवल, ,अंजलि, अभिषेक, यश, एवम महाविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे सभी ने इस सत्र को अत्यंत प्रभावपूर्ण बताया।

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सौर ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 2.82 गीगावॉट से बढ़कर दिसंबर 2023 में 73.32 गीगावॉट हो गई: केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री श्री आरके सिंह ने बताया कि देश में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 31.03.2014 को 2.82 गीगावॉट से बढ़कर 31.12.2023 तक 73.32 गीगावॉट हो गई है।

राष्ट्रीय सौर मिशन के अंतर्गत सौर ऊर्जा क्षमता की राज्यवार स्थापना का विवरण नीचे दिया गया है।

सौर ऊर्जा की राज्यवार स्थापित क्षमता (31.12.2023 तक)

क्रम संख्या राज्यकेंद्र शासित प्रदेश सौर ऊर्जा क्षमता मेगावाट में
1 आंध्र प्रदेश                                                 4565.60
2 अरुणाचल प्रदेश                                                             11.79
3 असम                                                 155.81
4 बिहार                                                 223.54
5 छत्तीसगढ़                                     1072.24
6 गोआ                                                 35.76
7 गुजरात                                     10549.07
8 हरियाणा                                    1240.47
9 हिमाचल प्रदेश                                                 111.55
10 जम्मू-कश्मीर                                                 54.98
11 झारखंड                                                 121.77
12 कर्नाटक                                                 9412.71
13 केरल                                                 859.01
14 लद्दाख                                                 7.80
15 मध्य प्रदेश                                     3170.05
16 महाराष्ट्र                                     5080.28
17 मणिपुर                                                 13.04
18 मेघालय                                                 4.19
19 मिज़ोरम                                                 30.43
20 नागालैंड                                                 3.17
21 ओड़ीशा                                    473.03
22 पंजाब                                     1266.55
23 राजस्थान                                     18777.14
24 सिक्किम                                                 4.69
25 तमिलनाडु                                     7360.94
26 तेलंगाना                                     4712.98
27 त्रिपुरा                                                 18.47
28 उत्तर प्रदेश                                        2740.87
29 उत्तराखंड                                    575.53
30 पश्चिम बंगाल                                    194.06
31 अंडमान-निकोबार द्वीप समूह                                                 29.91
32 चंडीगढ़                                                 64.05
33 दादरा और नगर हवेली तथा दमण और दीव                                                 46.47
34 दिल्ली                                     237.29
35 लक्षद्वीप                                                 4.97
36 पुद्दुचेरी                                                 43.27
37 अन्य                                                 45.01
  कुल योग  (मेगावाट)                                     73318.49

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय छत पर सौर ऊर्जा पैनल (आरटीएस) लगाने के कार्यक्रम का चरण- II लागू कर रहा है, जिसमें आवासीय कल्याण संघ (आरडब्ल्यूए)/समूह सहित केवल आवासीय क्षेत्र में छत पर सौर ऊर्जा पैनल (आरटीएस) की स्थापना के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान की जा रही है। हाउसिंग सोसायटी (जीएचएस)। कार्यक्रम में 31.03.2026 तक आवासीय क्षेत्र में 4,000 मेगावाट छत पर सौर ऊर्जा पैनल (आरटीएस) क्षमता की स्थापना की परिकल्पना की गई है। केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) अन्य श्रेणियों यानी संस्थागत, शैक्षणिक, सामाजिक, सरकारी, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए उपलब्ध नहीं है क्योंकि इन क्षेत्रों में लाभार्थी उच्च टैरिफ-भुगतान करने वाले उपभोक्ता हैं और केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) के बिना भी सौर ऊर्जा को अपनाना उनके लिए आर्थिक रूप से लाभदायक होगा।

यह जानकारी केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युत मंत्री आर.के. सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।

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वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति

भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था के विषय राज्य सरकारों के पास हैं। हालाँकि, भारत सरकार (भारत सरकार) वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित राज्यों के प्रयासों को पूरा कर रही है। एलडब्ल्यूई  समस्या को समग्र रूप से संबोधित करने के लिए, 2015 में ” एलडब्ल्यूई को संबोधित करने के लिए एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना” को मंजूरी दी गई थी। इसमें सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और अधिकारों को सुनिश्चित करने आदि से संबंधित एक बहु-आयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है। सुरक्षा पर रहते हुए मोर्चे पर, भारत सरकार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल बटालियन, प्रशिक्षण, राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए धन, उपकरण और हथियार, खुफिया जानकारी साझा करना, पूर्ण सज्जित  पुलिस स्टेशनों का निर्माण आदि प्रदान करके वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य सरकार की सहायता करती है I विकास के मोर्चे पर भी  प्रमुख योजनाओं के अलावा, भारत सरकार  ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में कई विशिष्ट पहल की हैं, जिसमें सड़क नेटवर्क के विस्तार, दूरसंचार सम्पर्क (कनेक्टिविटी)  में सुधार, कौशल और वित्तीय समावेशन पर विशेष जोर दिया गया है।

पिछले 05 वर्षों में 2018-19 से 2022-23 के बीच विशेष अवसंरचना योजना (एसआईएस), सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) और विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजनाओं के तहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों की क्षमता निर्माण के लिए 4931 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा, वामपंथी उग्रवाद प्रबंधन के लिए केंद्रीय एजेंसियों को सहायता (एसीएएलडब्ल्यूईएम) योजना के अंतर्गत  वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों में हेलीकॉप्टरों के संचालन और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को संबोधित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को 765 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

विकास के मोर्चे पर, भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के अलावा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में कई विशिष्ट पहलें की गई हैं, जिनमें सड़क नेटवर्क के विस्तार, दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार, कौशल विकास और वित्तीय समावेशन पर विशेष जोर दिया गया है। कुछ उपाय इस प्रकार हैं:

  • सड़क नेटवर्क के विस्तार के लिए 13620 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है।
  • दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार के लिए वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 13823 टावरों को मंजूरी दी गई है। अब तक 3700 से अधिक टावर चालू हो चुके हैं।
  • वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में स्थानीय जनसंख्या  के वित्तीय समावेशन के लिए 4903 नए डाकघर खोले गए हैं। इसके अलावा, अप्रैल-2015 से 30 सबसे अधिक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में 955 बैंक शाखाएं और 839 एटीएम खोले गए हैं।
  • कौशल विकास के लिए वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में 46 आईटीआई और 49 कौशल विकास केंद्र (एसडीसी) क्रियाशील बनाए गए हैं।

वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों के आदिवासी प्रखंडों (ब्लॉकों) में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 130 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) को क्रियाशील बनाया गया है।

नीति के दृढ़ कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप हिंसा में लगातार गिरावट आई है और इसके भौगोलिक प्रसार में कमी आई है। वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं  और उनकी परिणामी मौतें (नागरिक + सुरक्षा बल) 2010 के उच्चतम स्तर से 2023 में क्रमशः 73% और 86% कम हो गई हैं।

वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की सूचना देने  वाले पुलिस स्टेशनों की संख्या 2010 में 96 जिलों के 465 पुलिस स्टेशनों से घटकर 2023 में 42 जिलों के 171 पुलिस स्टेशनों पर आ गई है। भौगोलिक प्रसार में गिरावट सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना। के अंतर्गत कवर किए गए जिलों की कम संख्या में भी परिलक्षित होती है। अप्रैल 2018 में एसआरई जिलों की संख्या 126 से घटकर 90 हो गई थी और जुलाई 2021 में और घट कर 70 रह  गई।

यह जानकारी गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है ।

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