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राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) और भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने लक्षद्वीप के तट से दूर बीच समुद्र में छापा मार कर 218 किलोग्राम हेरोइन जब्त की

ल्रगातार  कई महीनों तक विशिष्ट खुफिया जानकारी हासिल कर लेने के बाद  राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने यह पक्‍का अनुमान लगा लिया था कि दो भारतीय नावें तमिलनाडु के तट से रवाना होंगी और मई 2022 के दूसरे/तीसरे सप्ताह के दौरान अरब सागर में कहीं न कहीं उन पर भारी मात्रा में मादक द्रव्‍य या नशीले पदार्थ लादे जाएंगे। तदनुसार, भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के साथ मिलकर डीआरआई का एक संयुक्त अभियान ऑपरेशन खोजबीन के कोडनेम से 7 मई 2022 को शुरू किया गया था। इस कार्रवाई के तहत तटरक्षक जहाज सुजीत, जिस पर डीआरआई के कई अधिकारी सवार थे, विशेष आर्थिक जोन के निकट निरंतर कड़ी निगरानी रखता था। समुद्र में अक्‍सर तूफान आने के बीच लगातार कई दिनों तक तलाश और निगरानी करने के बाद दो संदिग्ध नौकाओं ‘प्रिंस’ और ‘लिटिल जीसस’ को भारत की ओर बढ़ते हुए देखा गया। इन दोनों ही भारतीय नौकाओं को 18 मई 2022 को लक्षद्वीप के तट से दूर आईसीजी और डीआरआई के अधिकारियों ने रोक लिया था। पूछताछ करने पर इन दोनों ही नौकाओं के चालक दल के कुछ सदस्यों ने यह स्वीकार कर लिया कि उन्हें बीच समुद्र में भारी मात्रा में हेरोइन मिली थी और उन्होंने इसे इन दोनों नौकाओं में छिपा दिया था। इसे देखते हुए इन दोनों ही नौकाओं को इस दिशा में आगे की कार्यवाही के लिए कोच्चि ले जाया गया। कोच्चि स्थित तटरक्षक के जिला मुख्यालय में इन दोनों ही नौकाओं की गहन तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप प्रत्येक 1 किलो के 218 पैकेटों में छिपाकर रखी गई हेरोइन बरामद हुई। एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत जब्ती की कार्रवाई फि‍लहाल डीआरआई द्वारा की जा रही है। इस मामले में विभिन्न स्थानों पर लगातार तलाशी ली जा रही है और आगे की जांच की जा रही है।

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इस अभि‍यान के तहत डीआरआई और आईसीजी द्वारा सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई एवं फि‍र उस पर अमल किया गया और लगातार कई दिनों तक समुद्र में अक्‍सर तूफान आने के बीच व्यापक निगरानी की गई। जब्त की गई नशीली दवा हाई-ग्रेड हेरोइन की प्रतीत होती है और अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में इसकी कीमत लगभग 1,526 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। हाल के दिनों में आईसीजी और डीआरआई ने नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। पिछले एक महीने में डीआरआई की ओर से यह नशीली दवाओं का चौथा बड़ा भंडाफोड़ है। इससे पहले डीआरआई ने 20.04.2022 को कांडला बंदरगाह पर जिप्सम पाउडर की एक वाणिज्यिक आयात खेप से 205.6 किलोग्राम हेरोइन, 29.04.2022 को पिपावाव बंदरगाह पर 396 किलो सूत (हेरोइन युक्‍त), और 10.05.2022 को एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स, आईजीआई, नई दिल्ली में 62 किलो हेरोइन बरामद की थी जिनकी कुल कीमत अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में लगभग 2,500 करोड़ रुपये आंकी गई है।

अप्रैल 2021 से लेकर अब तक डीआरआई ने 3,800 किलोग्राम से भी अधिक हेरोइन जब्त की है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में लगभग 26,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। सितंबर 2021 में मुंद्रा में 3,000 किलो हेरोइन की जब्ती; जुलाई 2021 में न्हावा शेवा बंदरगाह पर 293 किलो हेरोइन की जब्‍ती; और फरवरी 2022 में नई दिल्ली के तुगलकाबाद में 34 किलो हेरोइन की जब्ती भी शामिल है। इसके अलावा अनेक हवाई यात्रियों से भी हेरोइन की बरामदगी की गई है। इसके अतिरिक्‍त, इसी अवधि के दौरान 350 किलोग्राम से भी अधिक कोकीन डीआरआई द्वारा जब्त की गई थी, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में लगभग 3,500 करोड़ रुपये आंकी गई है और जिसमें अप्रैल 2021 में तूतीकोरिन बंदरगाह पर एक कंटेनर से 303 किलोग्राम कोकीन की अब तक की सर्वाधिक मात्रा में जब्‍ती भी शामिल है। वहीं, दूसरी ओर आईसीजी ने पिछले 3 वर्षों में अपने विभिन्न अभियानों के तहत लगभग 6,200 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग 3 टन नशीले पदार्थ बरामद किए हैं, जिससे अब तक नशीली दवाओं की कुल बरामदगी 12,206 करोड़ रुपये की आंकी गई है। इस तरह के उल्लेखनीय मामलों में श्रीलंकाई नौकाओं शेनाया दुवा और रविहांसी को पकड़ा जाना शामिल है, इन दोनों ही नौकाओं को नशीली दवाओं और विभिन्‍न हथियारों जैसे कि एके-47 और पिस्तौल के साथ पकड़ा गया था। हाल ही में ईरानी नौका जुम्मा, पाक नौका अल हुसेनी और अल हज को पकड़ा गया था। मादक द्रव्‍यों की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्कों के खिलाफ आईसीजी और डीआरआई का संयुक्त अभियान समुद्री मार्गों के जरिए देश में नशीली दवाओं के प्रवाह को बाधित करने में कामयाब रहा है।

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ओला और उबर को उपभोक्ता अधिकारों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के उल्लंघन पर नोटिस जारी

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ओला और उबर, दो ऑनलाइन सवारी उपलब्ध कराने वाले प्लेटफॉर्म को अनुचित व्यापार प्रथाओं और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के लिए को नोटिस जारी किया है।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के आंकड़ों के अनुसार, 01.04.2021 से 01.05.2022 तक, उपभोक्ताओं द्वारा ओला के खिलाफ 2,482 शिकायतें दर्ज की गईं और उबर के खिलाफ 770 शिकायतें दर्ज की गईं। पिछले सप्ताह, विभाग ने सवारी उपलब्ध कराने वाली कंपनियों ओला, उबर, रैपिडो, मेरु कैब्स और जुगनू के साथ बैठक में उन्हें उपभोक्ताओं के लिए बेहतर शिकायत निवारण और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 और ई-कॉमर्स नियम का अनुपालन करने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन में अभिसरण भागीदार बनने का निर्देश दिया।

नोटिस में उठाए गए प्राथमिक मुद्दों में शामिल हैं: –

· सेवा में कमी जिसमें ग्राहक सहायता से उचित प्रतिक्रिया की कमी, ड्राइवर द्वारा ऑनलाइन मोड से भुगतान लेने से इनकार करना और केवल नकद के लिए जोर देना, पहले से कम शुल्क पर एक ही मार्ग पर जाने के बावजूद अधिक शुल्क लिया जाना, अव्यवसायिक चालक व्यवहार और ड्राइवर द्वारा एसी को चलाने से इनकार करना शामिल है, जब कि उपभोक्ता को ऐप पर एसी की सवारी का वादा किया जाता है।

· ग्राहक सेवा संख्या और शिकायत अधिकारी के विवरण, दोनों के अभाव में अपर्याप्त उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र, जैसा कि प्लेटफॉर्म पर उल्लेख किया जाना आवश्यक है।

· रद्दीकरण शुल्क की अनुचित वसूली जिसमें उपयोगकर्ताओं को वह समय नहीं दिखाया जाता है जिसके भीतर एक सवारी को यात्रा रद्द करने की अनुमति है। राइड बुक करने से पहले रद्द करने के शुल्क की राशि प्लेटफॉर्म पर प्रमुखता से प्रदर्शित नहीं होती है। अनुचित रद्दीकरण शुल्क उपयोगकर्ताओं द्वारा वहन किया जाता है जब उन्हें ड्राइवर द्वारा सवारी स्वीकार करने या पिक-अप स्थान पर आने की अनिच्छा के कारण सवारी को रद्द करने के लिए मजबूर किया जाता है।

· दो व्यक्तियों से एक ही मार्ग के लिए अलग-अलग किराए वसूलने के लिए कंपनी द्वारा उपयोग किए जाने वाले एल्गोरिदम या विधि के बारे में किसी भी जानकारी का अभाव

· प्रत्येक सवारी से पहले स्पष्ट और सकारात्मक कार्रवाई द्वारा सहमति प्राप्त किए बिना ऐड-ऑन सेवाओं को शामिल करने के लिए पूर्व-चिह्नित बक्सों द्वारा ऐड-ऑन सेवाओं के लिए शुल्क शामिल करना।

यह उल्लेख किया जा सकता है कि देश भर में उपभोक्ताओं द्वारा कई मुद्दों पर शिकायतें दर्ज की गई हैं, जो दोनों राइड उपलब्ध कराने वाले प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुक की गई उनकी सवारी को प्रभावित करती हैं। सीसीपीए देश में उपभोक्ता संरक्षण परिदृश्य की नियमित रूप से निगरानी कर रहा है। हाल ही में, सीसीपीए ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वायरलेस जैमर की अवैध बिक्री और सुविधा के खिलाफ एडवाइजरी जारी की। सीसीपीए ने सभी मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स संस्थाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए एक परामर्श भी जारी किया है कि उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के नियम 6 के उप-नियम (5) के अंतर्गत अनिवार्य रूप से विक्रेताओं का विवरण, नाम और संपर्क नंबर सहित शिकायत अधिकारी को स्पष्ट और सुलभ तरीके से उपलब्ध कराया जाता है, जो मंच पर उपयोगकर्ताओं को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाता है। इसके अलावा, सीसीपीए ने अधिनियम की धारा 18 (2) (जे) के अंतर्गत सुरक्षा नोटिस भी जारी किए हैं ताकि उपभोक्ताओं को ऐसे सामान खरीदने के प्रति सतर्क और सावधान किया जा सके जो वैध आईएसआई मार्क वाले नहीं होते हैं और अनिवार्य बीआईएस मानकों का उल्लंघन करते हैं। पहला सुरक्षा नोटिस 06.12.2021 को हेलमेट, प्रेशर कुकर और रसोई गैस सिलेंडर के संबंध में जारी किया गया था और दूसरा सुरक्षा नोटिस 16.12.2021 को जारी किया गया था, जिसमें इलेक्ट्रिक इमर्शन वॉटर हीटर, सिलाई मशीन, माइक्रोवेव ओवन, एलपीजी आदि के साथ घरेलू गैस स्टोव सहित घरेलू सामान शामिल थे।

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केंद्र ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय आयोगों को एक महीने से अधिक के लिए स्थगन नहीं देने और उपभोक्ता शिकायतों के निपटारे में तेजी लाने के लिए कहा

उपभोक्ता कार्य विभाग (डीओसीए) ने उपभोक्ता शिकायतों का जल्द निपटाने सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला आयोगों के रजिस्ट्रारों और अध्यक्षों को  पत्र लिखकर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत प्रदान की गई समयसीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक महीने से अधिक के लिए स्थगन आदेश नहीं देने को कहा है। स्थगन अनुरोधों के कारण शिकायतों के समाधान में 2 महीने से अधिक की देरी के मामले में, आयोग पार्टियों पर लागत लगाने पर विचार कर सकता है। सचिव डीओसीए श्री रोहित कुमार सिंह ने अपने पत्र में उपभोक्ताओं को सस्ता, परेशानी मुक्त और जल्द न्याय दिलाने पर जोर दिया है। इस पत्र में कहा गया है कि बार-बार और लंबे समय तक स्थगन न केवल उपभोक्ता को उसके सुनने और उसके निवारण के अधिकार से वंचित करता है, बल्कि उस अधिनियम की भावना को भी खत्म कर देता है जिसका विधायिका ने इरादा किया था। इसलिए, उपभोक्ता आयोगों से अनुरोध है कि वे सुनिश्चित करें कि किसी भी परिस्थिति में लंबी अवधि के लिए स्थगन प्रदान नहीं किया जाए। इसके अलावा, किसी भी पक्ष द्वारा स्थगन के दो से अधिक अनुरोधों के मामले में, उपभोक्ता आयोग निवारक उपाय के रूप में पार्टियों पर लागत लगा सकता है। अधिनियम की धारा 38(7) के तहत शिकायत स्वीकार करने की प्रक्रिया पर उपभोक्ता आयोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र में जोर दिया गया है कि प्रत्येक शिकायत का यथासंभव शीघ्र निपटारा किया जाना आवश्यक है और विरोधी पक्ष द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से 3 महीने की अवधि के भीतर जहां शिकायत के लिए वस्तुओं के विश्लेषण या परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती है और यदि वस्तुओं के विश्लेषण या परीक्षण की आवश्यकता होती है तो 5 महीने के भीतर शिकायत पर निर्णय लेने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा, अधिनियम यह भी कहता कि कोई भी स्थगन आमतौर पर उपभोक्ता आयोगों द्वारा तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि पर्याप्त कारण नहीं दिखाया गया हो और स्थगन के कारणों को लिखित रूप में दर्ज नहीं किया गया हो। आयोगों को स्थगन से होने वाली लागतों के बारे में आदेश देने का भी अधिकार है। यह उल्लेख किया जा सकता है कि अधिनियम की धारा 38(2)(ए) के अनुसार आयोग स्वीकार की गई शिकायत की एक प्रति विरोधी पक्ष को 30 दिनों की अवधि के भीतर या विस्तारित 15 दिनों की अवधि के भीतर मामले पर अपना पक्ष देने का निर्देश देगा, जो इसके द्वारा दी जा सकती है। धारा 38(3)(बी)(ii) में आगे प्रावधान है कि यदि विरोधी पक्ष कोई कार्रवाई करने में या निर्धारित समय के भीतर अपने मामले को पेश करने में विफल रहता है, तो आयोग साक्ष्य के आधार पर एक पक्षीय निर्णय लेने के लिए आगे बढ़ सकता है। इसके अलावा, पत्र में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम हिली मल्टीपर्पज कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड में भारत के सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के 04.03.2020 को दिए फैसला का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया था कि उपभोक्ता आयोगों के पास शिकायतों का जवाब दाखिल करने के लिए अधिनियम की धारा 13 में उल्लिखित 30 दिनों के अतिरिक्त 15 दिनों की अवधि के अलावा और समय बढ़ाने की कोई शक्ति नहीं है। मेसर्स डैडीज बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य बनाम मनीषा भार्गव और अन्य के मामले में 11.02.2021 को दिए गए फैसले तथा डायमंड एक्सपोर्ट्स और अन्य बनाम यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड एंड ओर्स मामले में 14.12.2021 को दिए गए फैसले में भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उसी निर्णय की पुष्टि की गई है। सचिव डीओसीए ने सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और सभी उपभोक्ता आयोगों को पत्र लिखकर उपभोक्ताओं को ई-दाखिल पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है। पत्र में, इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों ने ई-दाखिल तंत्र स्थापित किया है जिसमें ई-नोटिस, केस डॉक्यूमेंट डाउनलोड लिंक और वर्चुअल हियरिंग लिंक, विपरीत पक्ष द्वारा लिखित प्रतिक्रिया दाखिल करने, शिकायतकर्ता द्वारा प्रत्युत्तर दाखिल करने और एसएमएस/ई-मेल के माध्यम से अलर्ट पाने सहित कई विशेषताएं हैं। आयोगों से अनुरोध किया गया है कि वे ई-दाखिल पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ताओं को अपनी शिकायतों को दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करें।  उपभोक्ता कार्य विभाग 31.05.2022 को राष्ट्रीय, राज्य और जिला आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ-साथ राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में उपभोक्ता मामलों के प्रभारी सचिव के साथ राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन भी कर रहा है। इसमें उपभोक्ताओं के लिए विवाद निवारण तंत्र को अधिक प्रभावी, तेज और परेशानी मुक्त बनाने पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाएगा।

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अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्‍ड कॉरिडोर सितम्‍बर 2023 तक पूरा होगा

केन्‍द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर एनएचएआई द्वारा विकसित किए जा रहे सबसे महत्वपूर्ण ग्रीनफील्ड कॉरिडोर में से एक है और इसका निर्माण पूरी क्षमता से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरा कॉरिडोर सितम्‍बर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। ट्वीट्स की एक श्रृंखला में श्री गडकरी ने विशेष रूप से सूचित किया, बीकानेर से जोधपुर तक 277 किलोमीटर के खंड को इस वर्ष के अंत तक पूरा करने और जनता के लिए खोलने का लक्ष्य है।

Imageगडकरी ने कहा कि 1,224 किलोमीटर लंबा प्रमुख अमृतसर-भटिंडा-जामनगर कॉरिडोर 26,000 करोड़ रुपये की कुल पूंजीगत लागत से बनाया जा रहा है और यह चार राज्‍यों- पंजाब, हरियाणा, राजस्‍थान और गुजरात के अमृतसर, बठिंडा, संगरिया, बीकानेर, सांचौर, समाखियाली और जामनगर जैसे आर्थिक शहरों को जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में ग्रीनफील्डर कॉरिडोर के निर्माण के साथ हम देश में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।  गडकरी ने कहा कि कॉरिडोर देश के उत्तरी औद्योगिक और कृषि केन्‍द्रों को पश्चिमी भारत के प्रमुख बंदरगाहों जैसे जामनगर और कांडला से जोड़ेगा। इससे बद्दी, बठिंडा और लुधियाना के औद्योगिक क्षेत्रों के मुख्‍य मार्ग से निकले हुए रास्‍तों और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के जम्मू और कश्मीर राज्य के जुड़ने से औद्योगिक क्रांति को बढ़ावा मिलेगा। राजमार्ग मंत्री ने कहा कि ट्रांस-राजस्थान कॉरिडोर पारगमन समय और ईंधन की रसद लागत को काफी कम कर देगा, इससे प्रतिस्पर्धी वैश्विक निर्यात बाजार में खड़ा होने में मदद मिलेगी।

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केन्‍द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर कन्हेरी गुफाओं में विभिन्न सुविधाओं का उद्घाटन किया

केन्‍द्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्‍तर पूर्व क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर) श्री जी. किशन रेड्डी ने आज बोरीवली के नजदीक संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कन्हेरी गुफाओं में पर्यटकों के लिए विभिन्न सुविधाओं का उद्घाटन किया। संस्‍कृति मंत्री ने कहा, “कन्हेरी गुफाएं हमारी प्राचीन विरासत का हिस्सा हैं क्योंकि वे हमारे उद्भव और अतीत का प्रमाण प्रदान करती हैं। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर किए गए कार्यों का उद्घाटन करना सौभाग्य की बात है। बुद्ध का संदेश संघर्ष और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए आज भी महत्‍वपूर्ण है।”

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श्री रेड्डी ने कहा कि हमारी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण में रुचि दिखाना और उसकी जिम्मेदारी लेना प्रत्येक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। संस्‍कृति मंत्री ने कहा कि हमारी विरासत की रक्षा, संरक्षण और प्रचार-प्रसार में सार्वजनिक-निजी भागीदारी, कॉरपोरेट और सिविल सोसाइटी संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ताकि आने वाली पीढ़ियां इन खजानों तक पहुंच सकें। इंडियन ऑयल फाउंडेशन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में कन्हेरी में उन्नत पर्यटक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के कार्य में शामिल है। वर्तमान इमारत में आगन्‍तुक मंडप, रखवाली करने वालों के आवास, बुकिंग ऑफिस को अपग्रेड करने के साथ उनका नवीनीकरण किया गया है। बुकिंग काउंटर से लेकर कस्टोडियन क्वार्टर तक के क्षेत्र को प्राकृतिक दश्‍यों से सुशोभित किया गया है। चूंकि गुफाएं जंगल के मुख्य क्षेत्र में आती हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है, इसके बावजूद सौर ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से बिजली की व्यवस्था की गई है। आगंतुकों की रुचि बनाए रखने के लिए सरल और सुविधाजनक विवेचना केन्‍द्र की स्‍थापना की गई है जिसमें ग्यारह व्‍याख्‍यात्‍मक पैनलों की मदद से प्रमुख गुफाओं की उत्कृष्ट विशेषताओं और अद्वितीयता को उजागर किया गया है। कन्हेरी का ट्रेल मैप यानी रास्‍ता दिखाने वाला नक्‍शा एक और महत्वपूर्ण विशेषता है जो आगंतुकों का समय बचाने में मदद करता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पूरे मठ परिसर के 3डी वर्चुअल टूर पर भी काम कर रहा है। कन्हेरी गुफाएं मुंबई के पश्चिमी बाहरी इलाके में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों में बड़े पैमाने पर बेसाल्ट आउटक्रॉप में गुफाओं का समूह और कटी हुई चट्टानों से बने स्मारकों का एक समूह है। इनमें बौद्ध मूर्तियां और राहत नक्काशी, पेंटिंग और शिलालेख हैं, जो पहली शताब्दी सीई से 10वीं शताब्दी सीई तक की हैं। पानी के अनेक जलाशयों के साथ खुदाई की सतह और क्षेत्र, शिलालेख, एक सबसे पुराना बांध, एक स्तूप दफन गैलरी और उत्कृष्ट वर्षा जल संचयन प्रणाली इसकी एक आश्रम और तीर्थ केन्‍द्र के रूप में लोकप्रियता का संकेत देती है। कन्हेरी सातवाहन, त्रिकुटक, वाकाटक और सिलहारा के संरक्षण में और क्षेत्र के धनी व्यापारियों द्वारा किए गए दान के माध्यम से फला-फूला।

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संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक महामहिम शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के असामयिक निधन पर सम्मान स्‍वरूप कल पूरे देश में एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा

संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक महामहिम शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान का असामयिक निधन हो गया है। भारत सरकार ने दिवंगत गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में पूरे देश में एक दिन का राजकीय शोक मनाने की घोषणा की है।

राजकीय शोक के दिन पूरे देश में उन सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराया जाता है। इस दिन कोई भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।

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स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिये असम और अरुणाचल प्रदेश में काष्ठशिल्प और अगरबत्ती उद्योग को गति देने में केवाईआईसी का बड़ा प्रयास

खादी और ग्रामीण उद्योग आयोग (केवाईआईसी)ने असम और अरुणाचल प्रदेश में 100 महिलाओं सहित 150 प्रशिक्षित खादी शिल्पकारों को स्व-रोजगार की विभिन्न गतिविधियों से जोड़ा है। केवाईआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 50 शिल्पकारों को काष्ठकला की मशीनें वितरित कीं। इसी तरह उन्होंने गुवावाटी, असम में शिल्पकारों को अगरबत्ती बनाने वाली 50 मशीनें और अचार बनाने वाली 50 मशीनों का वितरण किया। पहली बार केवाईआईसी ने मशीनों द्वारा काष्ठकला का प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय युवाओं को दिया जा रहा है, जिसका उद्देश्य तवांग के स्थानीय जनजातीय युवाओं के लिये स्थायी रोजगार उत्पन्न हो सकें। इसका एक और उद्देश्य है राज्य की पारंपरिक काष्ठकला को दोबारा जीवित करना। सभी काष्ठ शिल्पकार बीपील परिवारों से सम्बंधित हैं तथा केवाईआईसी 20 दिनों का समग्र प्रशिक्षण देता है। प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद इन शिल्पकारों को मशीनें प्रदान की जाती हैं।

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शनिवार को, श्री सक्सेना ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएम-ईजीपी) के तहत 50 महिला शिल्पकारों को अगरबत्ती बनाने वाली 50 मशीनें वितरित कीं, ताकि वे अपनी अगरबत्ती निर्माण इकाइयां स्थापित कर सकें। इसका एक और उद्देश्य है कि स्थानीय अगरबत्ती उद्योग को मजबूत किया जाये। उल्लेखनीय है कि असम में अगरबत्ती निर्माण में बहुत रोजगार हैं। केवाईआईसी ने इसके लिये एक व्यापारिक साझीदार को भी जोड़ा है, जो असम का सफल स्थानीय अगरबत्ती निर्माता है। वह कच्चा माल उपलब्ध करायेगा तथा इन 50 महिला उद्यमियों को मजदूरी चुकाते हुये उनके द्वारा बनाई गई समस्त अगरबत्तियां खरीदेगा। केवाईआईसी अध्यक्ष श्री सक्सेना ने कहा कि पूर्वोत्तर में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुये खादी गतिविधियों को प्रधानमंत्री की परिकल्पना “आत्मनिर्भर भारत” के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा, “केवाईआईसी ने पूर्वोत्तर में स्थायी रोजगार सृजन और पारंपरिक शिल्प को मजबूत करने पर लगातार जोर दिया है। केवाईआईसी के समर्थन से काष्ठशिल्प, अगरबत्ती निर्माण और अचार बनाने जैसे कृषि व खाद्य-आधारित उद्योगों के बल पर स्थानीय युवा व महिलायें सशक्त बनेंगी तथा उनके घर में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे।” उल्लेखनीय है कि हाल में ही केवाईआईसी ने अरुणाचल प्रदेश में दो ‘अरि रेशम प्रशिक्षण और उत्पादन केंद्र’ खोलेहैं। साथ ही तवांग में मोनपा हस्तनिर्मित कागज उद्योग को दोबारा जीवित किया गया है। इसके अतिरिक्त केवाईआईसी ने पिछले दो वर्षों में अगरबत्ती और गोल बांस की छड़ी निर्माण सहित बांस उत्पादों की 430 इकाइयां असम और अरुणाचल प्रदेश में स्थापित की हैं।

 

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प्रधानमंत्री ने लुम्बिनी, नेपाल में मायादेवी मंदिर के दर्शन किये

गेट खुलने की आवाज़ सुन कर मीरा ने खिड़की से झांका तो देखा ,शेखर फ़ैक्ट्री से आ गये थे।शेखर मीरा के पति जो शहर के जाने माने बिज़नेसमैन है।मीरा एक घरेलू औरत जो नौकरों की मदद से घर को चला रही है।गर्मी से झुनझुनाइये शेखर ने अपने नौकर से पानी माँगा और सोफ़े पर बैठ गया।बाहर बहुत गर्मी है!ज़रा ऐ-सी तेज करो नौकर से ये कह कर आँखे बंद कर थोड़ा आराम करने के इरादे से लेट गया।सारा दिन काम करके थक जाता हूँ ,शेखर सोच रहा था कितने सालों से वो सारा बिज़नेस अकेले ही देख रहा है ,किस के लिए अपनी पत्नी और बच्चों

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तुम्हें रानी बनाने की चाह मे ,पता नही कब ..मै राजा से गुलाम हो गया”

गेट खुलने की आवाज़ सुन कर मीरा ने खिड़की से झांका तो देखा ,शेखर फ़ैक्ट्री से आ गये थे।शेखर मीरा के पति जो शहर के जाने माने बिज़नेसमैन है।मीरा एक घरेलू औरत जो नौकरों की मदद से घर को चला रही है।गर्मी से झुनझुनाइये शेखर ने अपने नौकर से पानी माँगा और सोफ़े पर बैठ गया।बाहर बहुत गर्मी है!ज़रा ऐ-सी तेज करो नौकर से ये कह कर आँखे बंद कर थोड़ा आराम करने के इरादे से लेट गया।सारा दिन काम करके थक जाता हूँ ,शेखर सोच रहा था कितने सालों से वो सारा बिज़नेस अकेले ही देख रहा है ,किस के लिए अपनी पत्नी और बच्चों के लिये।फिर सोचने लगा!
मेरे बच्चे सब अपनी मर्ज़ी ही करते है।मै उनकी हर ख्वाहिश पूरी करताहूँ,क्या वो भी मेरी कोई इच्छा या ज़रूरत पूरी कर पायेंगे?
ये कैसे कैसे सवाल आज मेरे मन मे आ रहे है ?शेखर ने सोचा।शायद थका हुआ हूँ तभी ऐसे विचार मेरे मन में आ रहे हैं।तभी मीरा आई और शेखर से कहा जल्दी से तैयार हो जाओ।आज पुनीत के यहाँ किटी पर जाना हैं।शेखर थका हुआ था सोचा कि बोल दूँ ,कि तुम ही हो आओ।फिर सोचा इस किटी में उसके दोस्त भी होगें।वो जायेगा तो अच्छा भी लगेगा।बेमन से उठा और तैयार होने के लिये अपने कमरे मे चला गया।दोनों थोड़ी ही देर मे पुनीत के यहाँ पहुँच गये।
सब से मिले ,बाते चली ,गाने बजाने नाचने का माहौल ने शेखर को तरोताज़ा कर दिया।रात को काफ़ी देर तक पार्टी चली।शेखर ने मीरा को चलने का इशारा किया और वो दोनों वहाँ से निकल पड़े।रास्ते में मीरा ने शेखर से पार्टी की बात छेड़ दी ,कहा आज सोनिया ने नये डायमंड के टॉपस पहने हुये थे।बता रही थी कि उसके पति ने उसे शादी की सालगिरह का तोहफ़ा दिया और ये भी कह रही थी, बारह लाख के बनवाये।तुनक कर बोली!पता नही,क्या समझती है खुद को और ज़िद्द करने के लहजे से शेखर से बोली !मुझे भी वैसे ही कानों के टॉपस चाहिए।शेखर ने कहा ,ले लेना।ये कौन सी बड़ी बात है। फिर मीरा ने इक और तीर चलाया।कहने लगी और देखा था,रश्मि ने इतना सुन्दर डायमंड का सैट पहना हुआ था।बता रही थी तीस लाख का लिया था।उसके पति ने उस को पचासवीं सालगिरह पर तोहफ़ा दिया है।वो भी चहक चहक कर सब को दिखा रही थी।शेखर मुझे भी वैसा ही सैट चाहिए । शेखर जो पीये हुये भी था कहने लगा !ले लेना।हम कौन सा कम है किसी से। जब सुबह दोनों चाय पीने बैठे तो भी मीरा ने फिर वही बातें दोहरा दी।शेखर ने कहा ! हाँ मैं भी देख रहा था पुनीत मित्तल अपनी फरारी गाड़ी की कितनी ढींगे मार रहा था।मैं भी लैमबरगीनी गाड़ी निकलवाता हूँ ताकि लोगों को भी पता लगना चाहिए कि हम भी किसी से कम नहीं।अपनी 4 कनाल की कोठी की बात ,पता नहीं कितनी दफ़ा अपने दोस्तों के सामने की उसने। क्या समझता है खुद को,हम भी अब 8 कनाल की कोठी लेंगे जल्दी ही, अब बडे लोगों के बीच रहना है तो ये सब तो करना ही पड़ेगा ।शेखर चाय पी कर जल्दी से फ़ैक्ट्री चला गया, दोस्तों कोई बड़ी बात नही।पैसा हो तो खर्च भी करना चाहिए।जो इच्छा हो, पूरी भी करनी चाहिए। देखा जाये ,तो औरतो का सपना होता है बड़ा घर ,पैसा ,गाड़ी और भी बहुत कुछ डिमांड करती रहती है पतियों से ।मगर देखने मे ये आता है जितनी बड़ी माँग को पूरा करना होता है ।पति को उतनी ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है ।कई बार तो साम दाम दंड भेद कोई भी तरीक़े से पैसा कमाया जाता है।ज़मीर तक दावँ पर लगा डालते हैं। शराफ़त से कमाई गई दौलत से इक सादा सच्चा जीवन जीया जा सकता है।बड़े बड़े शौक़ पूरे नही किये जा सकते। ये अलग बात है बड़ी बड़ी फ़ैक्टरियों की आमदनी से ये सब संभव भी है दोस्तों !
डायमंड जिसे मै सिर्फ़ इक चमकता हुआ पत्थर ही कह सकती हूँ और सोना जिसे पीले रंग की धातु मात्र ही समझती हूँ और इस बात से भी इनकार नहीं कर सकती ,ये सब चीज़ें हमारे दुख सुख मे काम भी आते है। ये बैंक बैलेंस ,ये ज़मीनें जायदाद जो हम पता नही ,कैसे कैसे किसी को दुख दे कर या किसी की आह ले कर ,बड़ी ख़ुशी के साथ इकट्ठा करते है जो अंत मे हमारा साथ न देंगी और मरने के बाद हमसे जब बल छल से किये गये करमो का हिसाब माँगा जायेगा तो कोई बच्चा या पत्नी इल्ज़ाम अपने सर नही लेगी कि मेरे कहने पर मेरे पति ने मुझे हीरे का सैट या जुलरी लेने के लिये ही ऐसा कोई करम बना लिया ।हमारी औरतों की बड़ी बड़ी इच्छायें आदमियों से ऐसे ऐसे काम करवा देती है जो उसके शरीर तो भुगतता ही है ,रूह पर भी दाग लग ज़ाया करते है। ये सोशल गैदरिगं मे यही सब हो रहा है आजकल।इक दूसरे से आगे निकलने की रेस। आनन्द लीजिए !इन सोशल नेटवर्किंग का ,मगर कोई ऐसी इच्छा अपने पति के सामने न रखे जिसे पूरा करते वक़्त वो अपना ईमान ही बेच डाले।
अग्नि के इर्द गिर्द फेरे लेने का मतलब ये नहीं ,उसे अपनी इच्छा पूर्ति का ज़रिया बना लिया जायें। उनकी भी अपनी इच्छा होती होगी ,पत्नियों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए। कई पुरुष औरत की हर इच्छा को पूरा करने के लिए कई हदें पार कर देता है और अगर पुरूष की ख़ास इच्छा हो ,जिसमें उसकी ख़ुशी हो ,तो पूरे परिवार को भी उस इच्छा का सम्मान भी करना चाहिए और कहीं न कहीं शायद हम सब ही अपने पिता या पति के प्रयासों के लिये ढंग से आभार भी प्रकट नही कर पाते। अगर आप सच में रानी बनना चाहतीं है तो अपने पति को राजा बनाये न कि अपना या अपनी इच्छायों का गुलाम। कहीं ऐसा न हो कि पति को ये लगने लगे।
“शौक़ तेरे भी थे और मेरे भी,मगर “ईमान”मेरा बिक गया ..तुम्हें रानी बनाने की चाह मे ,पता नही कब ..मै राजा से गुलाम हो गया”।

स्मिता केंथ

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू के कठुआ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत रिकॉर्ड 68 सड़कों के निर्माण की समीक्षा की

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं पीएमओ, कार्मिक और लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू के कठुआ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत रिकॉर्ड 68 सड़कों के निर्माण कार्य पूरे होने की समीक्षा की और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल-नाहयान के निधन के सम्मान में आज मनाए गए राजकीय शोक के कारण औपचारिक उद्घाटन को टाल दिया।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 547 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 526 किलोमीटर तक की हर मौसम उपयुक्त सड़कों से एक लाख 20,000 से अधिक लोगों को लाभ हो सकता है, जिनमें से अधिकांश दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न गंभीर चुनौतियों के बावजूद कुछ को छोड़कर सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद देश में विकास की रफ्तार से, विशेष रूप से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में, समझौता में नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि सड़कें एक विकासशील राष्ट्र की जीवन रेखा होती हैं जिनसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि उत्पादों के विपणन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लाभ मिलता है और साथ ही इससे समाज को अनेक फायदे मिलते हैं।

मंत्री ने 29.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 22 पुलों के पूरा होने के कार्य की भी समीक्षा की जिनका जल्द ही लोकार्पण किया जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 7-8 वर्षों में देश में कार्य संस्कृति में भारी बदलाव आया है और परियोजनाओं को अब किसी अन्य बातों के बजाय आवश्यकता-आधारित जरूरतों को देखते हुए मंजूरी दी जा रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई सड़क परियोजनाओं की स्वीकृति में स्थानीय सांसदों या विधायकों द्वारा किए गए अनुरोध के बजाय सरपंचों और अन्य स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों के विचारों को प्राथमिकता दी जाती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र उधमपुर-कठुआ-डोडा को 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में पीएमजीएसवाई अनुदान का सबसे अधिक आवंटन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि नई परियोजनाओं के लिए पीएमजीएसवाई की केंद्रीय निधि के 4,175 करोड़ रुपये में से करीब 3,884 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो उधमपुर-कठुआ-डोडा के पहाड़ी और दुर्गम इलाकों की निधि का लगभग दो-तिहाई है, समीक्षा बैठक में डॉ. जितेंद्र ने केंद्रशासित प्रदेश में सड़क संपर्क को मजबूत करने की दिशा में सरकार की पहल पर प्रकाश डाला और कहा कि वर्तमान सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता है कि जम्मू और कश्मीर के हर हिस्से को तेजी से विकास के लिए एक टिकाऊ सड़क नेटवर्क मिले। उन्होंने कहा कि सरकार पीएमएवाई, पीएमजीएसवाई और मनरेगा जैसी योजनाओं का लाभ दूरस्थ पंचायतों और ब्लॉकों और जम्मू-कश्मीर के अन्य कठिन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से पीआरआई सदस्यों के साथ समन्वय में काम करने और बेहतर समन्वय व तालमेल के लिए एसओपी बनाने का आग्रह किया ताकि समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। डीडीसी अध्यक्ष, उधमपुर श्री लाल चंद, डीडीसी अध्यक्ष, डोडा श्री. धनतेर सिंह, डीडीसी अध्यक्ष, किश्तवाड़ पूजा ठाकुर, डीडीसी अध्यक्ष, रामबन डॉ. शमशाद शान, डीडीसी अध्यक्ष सांबा, श्री. केशव शर्मा, डीडीसी अध्यक्ष रजौरी एडवोकेट नसीम लियाकत और डीडीसी अध्यक्ष, रियासी श्री सराफ सिंह नाग भी बैठक में शामिल हुए।

बैठक में कठुआ के डीसी श्री राहुल पांडे, उधमपुर की डीसी कृतिका ज्योत्सना, सांबा की डीसी अनुराधा गुप्ता, रामबन के डीसी श्री मुसरत इस्लाम, किश्तवाड़ के डीसी श्री अशोक कुमार शर्मा, डोडा के डीसी श्री विकास शर्मा और रियासी डीसी बबीला रखवाल ने भी हिस्सा लिया।

गौरतलब है कि सितंबर, 2020 में डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू क्षेत्र के कठुआ, डोडा, उधमपुर और रियासी जिलों में 23 सड़कों और पुलों की परियोजनाओं का अनावरण किया था। लगभग 73 करोड़ रुपये की लागत और 111 किलोमीटर की लंबाई वाली परियोजनाओं से इस क्षेत्र के 35,000 से अधिक लोगों को लाभ मिला। 23 परियोजनाओं में पीएमजीएसवाई के तहत संपर्क के लिए हर मौसम में उपयुक्त 15 सड़कें और लोगों को बेहतर संपर्क के लिए 8 पुल शामिल हैं।

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