प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना में हैदराबाद के परेड ग्राउंड में आज 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। परियोजनाओं में हैदराबाद के बीबी नगर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखना शामिल है। उन्होंने रेलवे से जुड़ी अन्य विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री ने हैदराबाद के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद से तिरुपति के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने तेलंगाना राज्य के विकास की गति को तेज करने का अवसर प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इससे पहले आज दिन में सिकंदराबाद से तिरुपति के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखा कर रवाना करने का भी स्मरण किया। यह रेलगाड़ी सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हैदराबाद की आईटी सिटी को भगवान वेंकटेश्वर, तिरुपति के निवास स्थान से जोड़ेगी। श्री मोदी ने कहा, “सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस आस्था, आधुनिकता, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म को सफलतापूर्वक कनेक्ट करने वाली है।” प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के नागरिकों को आज की 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे और सड़क संपर्क तथा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री ने उल्ले ख किया कि तेलंगाना को अलग राज्य बने करीब-करीब उतना ही समय हुआ है, जितना केन्द्र में वर्तमान सरकार को हुआ है। श्री मोदी ने तेलंगाना राज्य के गठन में योगदान देने वालों के सम्मान में नतमस्तक हुए। श्री मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना पर प्रकाश डालते हुए कहा, “तेलंगाना के विकास से संबंधित राज्य के नागरिकों के सपनों को साकार करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है।” उन्होंने कहा कि इस बात पर विशेष बल दिया गया है कि तेलंगाना पिछले नौ वर्षों में भारत के विकास मॉडल का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सके। शहरों में विकास का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने पिछले नौ वर्षों में बिछाए गए 70 किलोमीटर के मेट्रो नेटवर्क और हैदराबाद मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमएमटीएस) के विकास में हुई प्रगति का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आज 13 एमएमटीएस सेवाओं की शुरुआत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य में इसके विस्तार के लिए तेलंगाना को 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे हैदराबाद, सिकंदराबाद और आसपास के जिलों में लाखों नागरिकों को लाभ होगा, साथ ही नए व्यापारिक केंद्र भी बनेंगे और राज्य में निवेश बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी और दो देशों के बीच चल रहे संघर्ष के कारण दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत उन कुछ गिने चुने देशों में से एक है, जिन्होंने आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए रिकॉर्ड स्तर पर निवेश किया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बजट में भारत में आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में, तेलंगाना के रेल बजट में सत्रह गुना वृद्धि हुई है और नई रेल लाइनें बिछाने, रेल लाइन के दोहरीकरण तथा विद्युतीकरण सहित अन्य कार्य रिकॉर्ड समय में पूरे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “सिकंदराबाद-महबूबनगर परियोजना का विद्युतीकरण इसका एक प्रमुख उदाहरण है”, उन्होंने कहा कि यह हैदराबाद और बैंगलोर के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। प्रधानमंत्री ने बल देकर कहा कि सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के अभियान का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे के साथ-साथ तेलंगाना के राजमार्ग नेटवर्क को भी तेज गति से विकसित किया जा रहा है और उन चार राजमार्ग परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनका आज शिलान्यास किया गया है। श्री मोदी ने राजमार्ग के अक्कलकोट-कुरनूल खंड का उल्लेख किया, जो 2300 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने 1300 करोड़ रुपये की लागत से महबूबनगर-चिंचोली खंड, 900 करोड़ रुपये की लागत से कलवाकुर्थी-कोल्लापुर खंड और 2700 करोड़ रुपये की लागत से खम्मम-देवरापल्ली खंड के निर्माण का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार पूरी शक्ति के साथ तेलंगाना में आधुनिक राजमार्गों के विकास के कार्यों का नेतृत्व कर रही है। श्री मोदी ने बताया कि तेलंगाना में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई वर्ष 2014 में राज्य के गठन के समय 2500 किलोमीटर थी और यह दोगुनी होकर आज 5000 किलोमीटर से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना पर 35,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में 60,000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिसमें बड़े बदलाव वाला हैदराबाद रिंग रोड के निर्माण का कार्य भी शामिल है।
श्री मोदी ने कहा, “केंद्र सरकार तेलंगाना में उद्योग और कृषि दोनों के विकास पर बल दे रही है।” यह देखते हुए कि वस्त्र उद्योग एक ऐसा उद्योग है जो किसान और मजदूर दोनों को ताकत प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने देश भर में 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का निर्णय किया है और उनमें से एक मेगा टेक्सटाइल पार्क तेलंगाना में भी स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। प्रधानमंत्री ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बीबीनगर की आधारशिला रखने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार तेलंगाना में शिक्षा और स्वास्थ्य में भी निवेश कर रही है। उन्होंने कहा, “आज की परियोजनाओं से तेलंगाना में यात्रा में आसानी, जीवनयापन और कारोबार में सुगमता बढ़ेगी।” हालांकि, प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार से सहयोग की कमी के कारण कई केंद्रीय परियोजनाओं को पूरा करने में देरी पर खेद व्यक्त किया। यह इशारा करते हुए कि यह तेलंगाना के लोगों का नुकसान है, श्री मोदी ने राज्य सरकार से विकास से संबंधित कार्यों में कोई बाधा नहीं आने देने और विकास की गति को तेज करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने के लिए अपनी सरकार की प्राथमिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुट्ठी भर लोग विकास की प्रगति से बहुत आंदोलित हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालों का देश हित और समाज के कल्याण से कुछ भी लेना-देना नहीं है और ऐसे लोग ईमानदारी से काम करने वालों के लिए भी समस्याएं पैदा करते रहते हैं। प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि ऐसे लोग हर परियोजना और निवेश में केवल अपने परिवार का हित देखते हैं।
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के बीच समानता पर ध्यान देते हुए दोहराया कि जब भाई-भतीजावाद होता है तो भ्रष्टाचार पनपने लगता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “नियंत्रण परिवारवाद और वंशवादी राजनीति का मूल मंत्र है”। प्रधानमंत्री ने इस प्रकार के सिद्धांतों की अपनी आलोचना को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वंशवादी लोग हर व्यवस्था पर अपना नियंत्रण रखना चाहते हैं और जब कोई उनके नियंत्रण को चुनौती देता है तो उससे घृणा करते हैं। प्रधानमंत्री ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम यानी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली और देश भर में डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देने का उदाहरण देते हुए उन वंशवादी ताकतों की ओर इशारा किया जो इस बात पर नियंत्रण रखती थीं कि किस लाभार्थी को क्या लाभ मिलेगा और इस स्थिति से निकलने वाले तीन अर्थों को विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहला परिवार की प्रशंसा होती रहे, दूसरा भ्रष्टाचार का पैसा परिवार के पास आता रहे और तीसरा जो पैसा गरीबों को भेजा जाता है, वह भ्रष्ट ईकोसिस्टम को मिलता रहे। उन्होंने कहा, ‘आज मोदी ने भ्रष्टाचार की असली जड़ पर प्रहार किया है। इसलिए ये लोग हिल गए हैं और इसके परिणामस्वरूप जो कुछ भी किया जा रहा है वह गुस्से में है।” श्री मोदी ने उन राजनीतिक दलों का जिक्र करते हुए कहा जो विरोध के रूप में न्यायालय में गए लेकिन उन्हें वहां से भी झटका लगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “संविधान की सच्ची भावना का एहसास तब होता है जब सबका विकास (सब लोगों का विकास) की भावना के साथ काम किया जाता है और लोकतंत्र को सही अर्थों में मजबूत किया जाता है।” प्रधानमंत्री ने दोहराया कि वर्ष 2014 में केंद्र सरकार को वंशवादी राजनीति की बेड़ियों से मुक्त होने का परिणाम पूरा देश देख रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में देश की 11 करोड़ माताओं, बहनों और बेटियों को शौचालयों की सुविधा मिली है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के 30 लाख से अधिक परिवारों को शौचालयों का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि देश में 9 करोड़ से अधिक बहनों और बेटियों को मुफ्त उज्ज्वला गैस कनेक्शन मिला है, जिसमें पिछले 9 वर्षों में तेलंगाना के 11 लाख से अधिक गरीब परिवार इस लाभ को प्राप्त करने वालों में शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि आज हमारी सरकार में 80 करोड़ गरीबों को निशुल्क राशन दिया जा रहा है, गरीबों को 5 लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है, तेलंगाना के 1 करोड़ परिवारों के जनधन बैंक खाते पहली बार खोले गए हैं, तेलंगाना के ढाई लाख छोटे उद्यमियों को बिना गारंटी के मुद्रा ऋण मिला है, 5 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को पहली बार बैंक से ऋण मिला है, और तेलंगाना के 40 लाख से अधिक छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लगभग 9 हजार करोड़ रुपये मिले हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “सच्चे सामाजिक न्याय का जन्म तब होता है जब देश ‘तुष्टिकरण’ (कुछ लोगों का अपने फायदे के लिए लाभ) से ‘ संतुष्टिकरण (सभी की संतुष्टि)”‘ की ओर बढ़ता है।” उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि तेलंगाना सहित पूरा देश संतुष्टिकरण के मार्ग पर चलना चाहता है और सबका प्रयास के साथ विकास में योगदान देना चाहता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आजादी का अमृत काल में एक विकसित भारत के निर्माण के लिए तेलंगाना का तेजी से विकास बहुत महत्वपूर्ण है।” प्रधानमंत्री ने तेलंगाना की विकास यात्रा में अगले 25 वर्षों के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन, केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, मलकानगिरी से सांसद श्री ए. रेवंत रेड्डी, तेलंगाना राज्य सरकार के मंत्री और अन्य लोगों उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास, 720 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इसकी योजना इस तरह से बनाई जा रही है कि यह विश्वस्तरीय सुविधाओं और सौंदर्यपूर्ण रूप से डिजाइन किए गए प्रतिष्ठित स्टेशन भवन के साथ बड़े पैमाने पर बदलाव के साथ दिखाई देगा। पुनर्विकसित स्टेशन में एक ही स्थान पर सभी यात्री सुविधाओं के साथ दो स्तरीय अधिक जगह के साथ रूफ प्लाजा होगा, साथ ही यात्रियों को रेल से अन्य मोड में निर्बाध स्थानांतरण प्रदान करने के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी भी प्राप्त होगी।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने हैदराबाद-सिकंदराबाद जुड़वां शहर क्षेत्र के उपनगरीय खंड में 13 नई मल्टी-मॉडल परिवहन सेवा (एमएमटीएस) सेवाओं को झंडी दिखा कर शुभारंभ किया, जो यात्रियों को तेज, सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा का विकल्प प्रदान करती हैं। उन्होंने सिकंदराबाद-महबूबनगर परियोजना के दोहरीकरण और विद्युतीकरण परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित की। 85 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक फैली यह परियोजना लगभग 1,410 रुपये की लागत से पूरी की गई है। यह परियोजना निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और रेलगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि करेगी।
प्रधानमंत्री ने हैदराबाद में आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बीबीनगर की आधारशिला भी रखी। यह देश भर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रधानमंत्री की परिकल्पना का प्रमाण है। एम्स बीबीनगर 1,350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा है। एम्स बीबीनगर की स्थापना तेलंगाना के लोगों को उनके दरवाजे पर व्यापक, गुणवत्तापूर्ण और समग्र तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री ने 7,850 करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। यह परियोजना तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों की सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करेगी।