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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी के 21वें द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया

भारत ने लंबे समय से शांति, सद्भाव, भाईचारे और आध्यात्मिकता के सिद्धांतों का उदाहरण प्रस्तुत किया है। हमारा प्राचीन दर्शन, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ – जिसका अर्थ है ‘विश्व एक परिवार है’ – भारतीय सभ्यता और संस्कृति का सार है। जब हम पूर्वोत्तर पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो हम अपने जीवन में शांति, सद्भाव, आत्म-खोज और गहन भक्ति चेतना को जगाते हैं। माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज यहां कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी के 21वें द्विवार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा,”हमारे देश की समृद्ध विविधता में एकता का संदेश छिपा है और आध्यात्मिक ज्ञान तथा ध्यान की नींव पर हम एक स्वस्थ समाज तथा राष्ट्र के निर्माण के लिए अपनी क्षमता को मजबूत बनाते हैं।”

इस अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सीईएम, बीटीआर प्रमोद बोरो, भक्तिमातृ कुंतला पटोवारी गोस्वामी, कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी की अध्यक्ष कमला गोगोई भी उपस्थित थीं। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और असम सहित देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु शामिल हुए।

इस अवसर पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कहा, “जब मैं इस कार्यक्रम में पहुंचा तो मुझे ‘गुरु’ गुरुकृष्ण प्रेमानंद प्रभु से मिलकर एक नई ऊर्जा मिली। मैं एक नाम कृष्णगुरु के साथ एक ऊर्जा लेकर जा रहा हूं। कृष्णगुरु का नाम जपने से आध्यात्मिकता और उत्कृष्टता का संगम होता है। मैं इस पल को कभी नहीं भूलूंगा। मैं यहां जो देख रहा हूं वह राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित, आध्यात्मिक रूप से इच्छुक तथा समाज के प्रति योगदान देने की भावना रखने वाले युवाओं का एक उल्लेखनीय, शानदार समागम है। इसका कारण एक नाम – कृष्णगुरु में उनका विश्वास है। यहां शक्तिशाली दिव्य ऊर्जा उत्पन्न है जो परमपूज्य कृष्णगुरु से आई है। वे अपने भक्तों के हृदयों को सेवा, प्रेम और मानवता से आलोकित करने वाली दिव्य कृपा के साकार स्वरूप हैं। मैंने असम के मनमोहक दृश्य देखे हैं जो लोगों के दिल और दिमाग को आध्यात्मिकता से समृद्ध करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।”

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मैं पूर्वोत्तर में हूं। यहां की प्राकृतिक सद्भावना लोगों को आत्म-खोज और आंतरिक शांति प्रदान करती है। आज यहां इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुझे आंतरिक शांति का एक नया अनुभव हुआ है। हमारी आध्यात्मिक विरासत, इस विश्व में किसी भी अन्य की तुलना में समृद्ध और अद्वितीय है, तथा ज्ञान का खजाना है जो रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में समाहित है। यह हमारी मूल पहचान है और यह हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को प्रबुद्ध करेगा। इसके प्रचार-प्रसार में जिसने उदारतापूर्वक योगदान दिया है, वह है एक नाम – कृष्णगुरु। भारतीयता हमारी पहचान है और इसके प्रचार-प्रसार और अभेद्यता के लिए जमीन पर मजबूती से खड़ा है – एक नाम, कृष्णगुरु।”

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मैं पूर्वोत्तर में हूं। यहां की प्राकृतिक सद्भावना लोगों को आत्म-खोज और आंतरिक शांति प्रदान करती है। आज यहां इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुझे आंतरिक शांति का एक नया अनुभव हुआ है। हमारी आध्यात्मिक विरासत, इस विश्व में किसी भी अन्य की तुलना में समृद्ध और अद्वितीय है, तथा ज्ञान का खजाना है जो रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में समाहित है। यह हमारी मूल पहचान है और यह हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को प्रबुद्ध करेगा। इसके प्रचार-प्रसार में जिसने उदारतापूर्वक योगदान दिया है, वह है एक नाम – कृष्णगुरु। भारतीयता हमारी पहचान है और इसके प्रचार-प्रसार और अभेद्यता के लिए जमीन पर मजबूती से खड़ा है – एक नाम, कृष्णगुरु।” कार्य उच्च उद्देश्य से निर्देशित होना चाहिए, जो आज भी दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है जब मैं परम पूज्य के साथ था।

“हम कृष्ण गुरु द्वारा व्यक्त गहन आध्यात्मिक जागरूकता और शांति एवं भाईचारे के संदेश से समाज को प्रेरित करते रहेंगे। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा, “परमानंद प्रभु द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए युवा सामाजिक सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण राह उभरती है, जो हजारों लोगों को कल्याणकारी गतिविधियों और आत्मनिर्भरता की खोज में शामिल कर रहा है।”

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “कृष्णगुरु ने आध्यात्मिकता के माध्यम से आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया है। आज हम एक ऐसे समाज को देखते हैं जो उद्यम के लिए तैयार है।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2047 तक देश आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक मजबूत भूमिका निभाएगा। आध्यात्मिक चेतना की यह दिशा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं इस महत्वपूर्ण क्षण पर उपस्थित होकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं और असम के लोगों को प्रेरित करने के लिए आदरणीय उपराष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।”

इस अवसर पर केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “युवा शक्ति महाशक्ति है। हमारे युवा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और समग्र सामाजिक सशक्तिकरण के माध्यम से राज्य को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आज के द्विवार्षिक सत्र में शांति, सद्भाव, भाईचारे और लचीलेपन का शक्तिशाली संदेश जोरदार ढंग से गूंजा है। मैं ईश्वर की याद में साहस और शक्ति के साथ आगे बढ़ूंगा। कृष्णगुरु ने अध्यात्म के माध्यम से समाज में परिवर्तनकारी बदलाव की शुरुआत की। उन्होंने समाज सुधार के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक स्वरूप प्रदान किए हैं। मैं गुरु के आशीर्वाद से समाज, राज्य और पूरे देश के उत्थान के लिए काम करने का संकल्प लेता हूं। उनके उदाहरण का अनुसरण करते हुए, मैं जीवन के सभी पहलुओं में सद्भाव और मूल्यों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करूंगा। समाज को मजबूत बनाने के लिए सद्भाव और भक्ति बहुत जरूरी है। मेरे समुदाय में आध्यात्मिकता की बहुत आवश्यकता है। राज्य निर्माण की यात्रा भक्ति और समर्पण के प्रकाश से शक्ति प्राप्त करती है। आज, मैं माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की उपस्थिति से प्रेरित हूँ। भक्ति चेतना और आध्यात्मिकता ने राष्ट्र को सशक्त बनाने और जीवन की यात्रा को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्राचीन भारतीय ज्ञान, सेवा और मानवता से जुड़ाव बढ़ाते हुए राष्ट्र की बौद्धिक और आध्यात्मिक चेतना को जागृत किया है। हमारे देश के विद्वान आध्यात्मिक ज्ञान, प्रेम, शांति और सद्भाव के संदेशों से समाज को प्रेरित करते रहे हैं। भाईचारे पर आधारित एक स्वस्थ और मजबूत समाज के निर्माण के हमारे प्रयासों में, मैं लगातार तेरासा के आदर्शों और शिक्षाओं के माध्यम से मार्गदर्शन करूंगा। इस संदर्भ में, कृष्णगुरु हमारे मार्गदर्शक देवताओं में से हैं; इससे पहले, सम्मेलन में पहुंचने पर, असम के राज्यपाल, असम के मुख्यमंत्री, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री के साथ उपराष्ट्रपति का पारंपरिक खोल वादकों के एक समूह द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ताल से प्रेरित होकर उपराष्ट्रपति ने भी समारोह में खोल बजाया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने अपनी पत्नी के साथ अतिथियों की उपस्थिति में पौधे भी लगाए। अतिथियों को कृष्णा गुरु शिवाश्रम की गैलरी में भी ले जाया गया जहां आश्रम की विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया था। इस कार्यक्रम में चंद्र मोहन पटवारी, मंत्री, असम सरकार; रानोज पेगु, मंत्री, असम सरकार; यूजी ब्रह्मा, मंत्री, असम सरकार; केशव महंत, मंत्री, असम सरकार; अतुल बोरा, मंत्री, असम सरकार; जयंत मल्ला बरुआ, मंत्री, असम सरकार; जोगेन मोहन, मंत्री, असम सरकार; संजय किशन, मंत्री, असम सरकार; और बिमल बोरा, मंत्री, असम सरकार; तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में दिव्यांग डेवलपमेंट सोसायटी एव समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दिव्यांग बच्चों ने दीवाली के सुंदर उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में दिव्यांग डेवलपमेंट सोसायटी एवम समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान द्वारा दिव्यांग बच्चों के द्वारा बनाए गए दीवाली के सुंदर उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। प्राचार्या प्रो पूनम विज ने दिव्यांग बच्चों के द्वारा बनाए गए उत्पादों की भूरि भूरि प्रशंसा की और कई उत्पादों की खरीदारी कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। प्राचार्या ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी समर्थ से दूसरों की सहायता करनी चाहिए। जब हम सभी ऐसा करेंगे, तभी एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकेगा । इसी की पहल, कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्याय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी के साथ समझौता ज्ञापन करके की गई है। जो समय समय पर महाविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रमों दिव्यांग बच्चों के लिए भी प्रशंसनीय कार्य करता रहता है। जिससे महाविद्यालय के बच्चों के मन में दिव्यंगता के प्रति सहयोग की भावना उत्पन्न हो सके। इस प्रदर्शनी में सभी शिक्षिकाओं और बच्चों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग लिया। प्रदर्शनी को सफल बनाने हेतु समुचित आयोजन डॉ पूर्णिमा शुक्ला, विभागाध्यक्ष,समाजशास्त्र विभाग द्वारा किया गया।

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माई भारत थीम पर दीपावली:~बाज़ार में चला स्वच्छता अभियान

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर भारत सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय की पहल पर दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर की कार्यक्रम अधिकारी तथा राष्ट्रीय सेवा योजना कानपुर नगर की नोडल अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में आज दिनांक 27 अक्टूबर 2024 को कानपुर स्थित नवीन मार्केट में नवीन मार्केट शॉपकीपर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के सहयोग से वॉलिंटियर्स के साथ मिलकर बाजार में स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिसमें लोगों से कचरा केवल डस्टबिन में फेंकने तथा सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने, उसे रीसाइकिल, रीयूज करने की अपील की गई।
इस अवसर पर नवीन मार्केट शॉपकीपर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अश्विन कोहली, पैटर्न निर्मल कोहली, मंत्री सोना गोपालानी तथा लोकेश आसनानी, कोषाध्यक्ष अरुण त्रिवेदी के साथ अन्य पदाधिकारी भी कार्यक्रम में सक्रिय रूप से सम्मिलित हुए। व्यापारी वर्ग ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विकसित भारत के निर्माण में तथा पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से यह भारत सरकार का एक अति महत्वपूर्ण कदम है। उच्च शिक्षा विभाग के वॉलिंटियर्स के द्वारा जो यह महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है उन्होंने हर प्रकार से इस अभियान में अपना सहयोग करने की अपील की तथा पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संकल्प भी लिया।
डॉ सिरोही ने बताया कि मेरा भारत मेरी दीवाली अभियान 27 अक्टूबर से आरंभ कर 30 अक्टूबर तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य देश के नागरिकों को दिवाली के त्योहार के महत्व के बारे में जागरूक करना और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण एवं विकसित भारत के संकल्प को लेकर आगे बढ़ते हुए माय भारत पोर्टल के माध्यम से युवाओं के द्वारा विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कार्यक्रम किए जाएंगे। जिनमें मुख्य रूप से बाजार में स्वच्छता अभियान सेवा से सीखे के अंतर्गत चिकित्सालय में सेवा तथा यातायात पुलिस के साथ मिलकर यातायात प्रबंधन शामिल है। कार्यक्रम को सफल बनाने में वॉलिंटियर्स टीम लीडर्स पलक झा, खुशी शुक्ला, रोशनी कश्यप, नूर फातिमा आकांक्षा यादव अंतर कश्यप फिरदौस, श्रद्धा, सानिया आदि का योगदान सराहनीय रहा।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में मिशन शक्ति फेज ५ के अंतर्गत महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यक्रम और स्वास्थ्य शिविर आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर क्राइस्ट चर्च कॉलेज द्वारा मिशन शक्ति फेज ५ के अंतर्गत प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल के दिशा निर्देशन में मिशन शक्ति प्रभारी प्रो. मीतकमल द्वारा महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यक्रम और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ पूनम सचान ने छात्रों को महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को बल देते हुए उसके लक्षण से अवगत कराया|पीएमएस, मेनोपॉज आदि के बारे मे जागरूक किया| साथ ही साथ छात्रों का हीमोग्लोबिन, हाइट, वजन आदि का परीक्षण अमित और धर्मेंद्र ने किया । आज के इस कार्यक्रम में अंजली सचान, काँची त्रिपाठी , सुंदरम मिश्रा, आदि लोगों ने अपना विशेष योगदान दिया |

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वीरांगनाओं की कहानी छात्राओं की जुबानी

भारतीय स्वरूप संवाददाता  कानपुर 22 अक्टूबर क्राइस्ट चर्च कॉलेज द्वारा मिशन शक्ति फेज ५ के अंतर्गत प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल के दिशा निर्देशन में मिशन शक्ति प्रभारी प्रो. मीतकमल द्वारा ” *वीरांगनाओं की कहानी उनकी जुबानी* ” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हमारे देश की आजादी में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाली वीरांगनाओं की कहानी रैंप वॉक के माध्यम से प्रदर्शित की। इसमें रानी लक्ष्मीबाई,रानी बेगम हजरत महल, सरोजनी नायडू,आदि की वीरगाथाओं का वर्णन छात्राओं के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के निर्णायक मंडल के सदस्यों में कॉलेज की उप प्राचार्या प्रो. श्वेता चंद, डॉ.सोफिया साहब, प्रो.विभा दीक्षित मौजूद रहे।  रैम्प वॉक में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान क्रमशः साक्षी गुप्ता, अनमता शहाबुद्दीन, स्वास्तिक दुबे ने प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन अंजली सचान द्वारा किया गया। को कर्यक्यूलर प्रोग्राम के समन्वयक प्रो .संजय सक्सेना ने *”काकोरी ट्रेन एक्शन*” पर एक नाट्य मंचन बच्चों के द्वारा करवाय । इस नाट्य की निर्देशिका प्रो○ मीतकमल और सह- निर्देशक कांची त्रिपाठी व सुंदरम मिश्रा रहे। इसमें चंद्रशेखर आज़ाद की भूमिका सुंदरम मिश्रा,राम प्रसाद बिस्मिल कुशल गुप्ता, राजेंद्र लहर,अब्दुल वासिफ रोशन सिंह मनोज बाजपेई द्वारा बहुत ही सुंदर प्रदर्शन किया जिसमें पूरे पिछले इतिहास की छवि एक बार फिर आंखों के सामने नाट्य मंचन के द्वारा देखने को मिली। आज के इस कार्यक्रम में रित्विक द्विवेदी, प्रियांशी सिंह , शाजिया बानो,शोभित गुप्ता आदि लोगों ने अपना विशेष योगदान दिया।

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एस एन सेन बा वि पी जी कालेज में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 21 अक्टूबर एस एन सेन बा वि पी जी कालेज में राजनीति विज्ञान विभाग ने एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया ! कार्यक्रम का शुभारंभ समाज शास्त्र विभागाध्यकक्षा डा‌ निशि प्रकाश ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से छात्राओं में रचनात्मकता व जागरूकता आती है। अंग्रेजी, विभागाध्यक्ष डा.अलका टण्डन ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
इस प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में तीन-तीन छात्राओं की टीम बनाई गई थी, जिनके नाम इस प्रकार हैं-
गंगा, यमुना, सरस्वती और नर्मदा
प्रतियोगिता में कुल छह राउंड थे- चौथा राउंड आडियो- विजुअल राउंड था। सरस्वती टीम ने सर्वाधिक अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। टीम गंगा द्वितीय स्थान पर तथा यमुना टीम तृतीय स्थान पर रही।
कार्यक्रम के अंत में डा.रश्मि गुप्त(विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान ) धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डा. कोमल सरोज ने किया। कार्यक्रम में डा.ममता अग्रवाल, डा.गार्गी यादव, डा.रेखा चौबे, डा.प्रीति सिह, डा.मीनाक्षी व्यास, डा.शुभा बाजपेयी,डा.अनामिका. पूजा गुप्ता, डा.शिवांगी, डा.अमिता, डा.रेशमा, डा.समीक्षा आदि उपस्थित रहे

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सर्जन वाइस एडमिरल कविता सहाय, सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल ने चिकित्सा सेवा (नौसेना) के महानिदेशक का पदभार संभाला

सर्जन वाइस एडमिरल कविता सहाय, सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल ने आज चिकित्सा सेवाएं (नौसेना) के महानिदेशक का पदभार संभाला। उन्हें 30 दिसंबर 1986 को सेना चिकित्सा कोर में कमीशन किया गया था।

कविता सहाय सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणे की पूर्व छात्रा और पैथोलॉजी तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली से ऑन्कोपैथोलॉजी में विशेषज्ञता प्राप्त हैं। वह आर्मी अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) और बेस अस्पताल दिल्ली कैंट (बीएचडीसी) में प्रोफेसर और लैब साईंसिज की विभागाध्यक्ष भी रही हैं। खान सुरक्षा महानिदेशालय (नौसेना) के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, वह सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणे में पैथोलॉजी विभाग में भी प्रोफेसर रही हैं। वह सेना चिकित्सा कोर (एएमसी) ​​सेंटर और कॉलेज की पहली महिला कमांडेंट ओ आई/सी  रिकॉर्ड्स और आर्मी मेडिकल कोर की कर्नल कमांडेंट के रूप में चुनी जाने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। उनकी चिकित्सा शिक्षा में विशेष रुचि है और उन्हें वर्ष 2013-14 में अमेरिका के फिलाडेल्फिया से मेडिकल शिक्षा के विकास के लिए प्रतिष्ठित फाउंडेशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ इंटरनेशनल मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एफएआईएमईआर) फेलोशिप से सम्मानित किया गया था।

कविता सहाय को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए  वर्ष 2024 में सेवा पदक और वर्ष 2018 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2008 और वर्ष 2012 में दो बार सेना प्रमुख और 2010 में भारतीय सेना की पश्चिमी कमान (डब्ल्यूसी) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) द्वारा उनकी सराहना की गई।

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भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाने तथा हरित एवं स्वच्छ ग्रह सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पुणे में बायोपॉलिमर्स के लिए भारत की पहली प्रदर्शन सुविधा का उद्घाटन किया

भारत को अर्थव्यवस्था में वैश्विक नेता बनाने और हरित एवं स्वच्छ ग्रह सुनिश्चित करने में अग्रणी देश बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली से पुणे के जेजुरी में बायोपॉलिमर के लिए भारत की पहली प्रदर्शन सुविधा का उद्घाटन किया। इस सुविधा का निर्माण प्राज इंडस्ट्रीज द्वारा किया गया है।

दर्शकों को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “भारत में बायोपॉलिमर के लिए यह अपनी तरह की पहली प्रदर्शन सुविधा पॉलीलैक्टिक एसिड (पीएलए) बायोप्लास्टिक के उत्पादन के लिए स्वदेशी रूप से एकीकृत तकनीक विकसित करने में एक अग्रणी प्रयास है। यह टिकाऊ समाधानों के लिए भारत की प्रतिबद्धता के लिए एक महत्वपूर्ण विकास को दर्शाता है। यह जीवाश्म-आधारित प्लास्टिक से पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों में बदलाव के लिए भारत के संकल्प को दर्शाता है, जो वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण संकट को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है।”

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “भारत वैश्विक स्तर पर एक बेहद आकर्षक गंतव्य के रूप में उभरा है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के देश को “आत्मनिर्भर” के रूप में स्थापित करने के दूरदर्शी प्रयास से प्रेरित है। हमारी जैव अर्थव्यवस्था 2023 में 150 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है, और 2030 तक 300 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।”

केंद्रीय बजट (2023-2024) में हरित वृद्धि पर जोर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का भारत को ‘नेट जीरो’ कार्बन अर्थव्यवस्था बनाने का विजन और अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’, जैव सुरक्षा, नैतिकता और समावेशी विकास पर आधारभूत ध्यान के साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक-इन इंडिया’ के दोहरे लक्ष्यों को भी सक्षम करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र ने डीबीटी की बायोई3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति को मंजूरी दे दी है। बायोई3 नीति जलवायु परिवर्तन, घटते गैर-नवीकरणीय संसाधनों और असंवहनीय अपशिष्ट उत्पादन की पृष्ठभूमि में सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, “भारत अब बायोटेक में दुनिया में 12वें और एशिया-प्रशांत में तीसरे स्थान पर है। हम सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता और तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं , “ उन्होंने कहा कि देश में बायोटेक इकोसिस्टम 95 बायो इनक्यूबेटर की स्थापना और बायोटेक स्टार्टअप की बढ़ती संख्या के साथ तेजी से उभर रहा है। बायोटेक स्टार्टअप ने उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है, जो 2014 में लगभग 50 से बढ़कर 2023 में 8,500 से अधिक हो गया है। बायोटेक स्टार्टअप का उदय हमारी भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। ये प्रयास भारत को वैश्विक बायोप्लास्टिक आंदोलन में सबसे आगे रखते हैं, जो विश्‍व को दिखाते हैं कि कैसे जैव प्रौद्योगिकी एक स्वच्छ और अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान दे सकती है।

उद्योग, शिक्षा और सरकार के बीच साझेदारी के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह अभिनव विचारों को वास्तविक दुनिया के समाधानों में बदलने और अनुसंधान और विकास के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुविधा भारत की जैव अर्थव्यवस्था के लिए एक नए अध्याय का प्रतीक है। यह तकनीकी नवाचार में अग्रणी होने की हमारी क्षमता को प्रदर्शित करता है और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए एक स्थायी मार्ग प्रदान करता है। उन्होंने कहा, “अगले 25 वर्षों में जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रगति के लिए “अमृत काल” के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी व्यवसायों के बीच व्यापक तालमेल का समय आ गया है, जो इस क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में भारत की क्षमता को रेखांकित करता है।

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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ओला को रिफंड मोड के संबंध में उपभोक्ताओं को विकल्प प्रदान करने वाला तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने एक ऐतिहासिक निर्णय में प्रमुख ऑनलाइन राइड-हेलिंग प्लेटफ़ॉर्म ओला को निर्देश दिया है कि वह शिकायत निवारण प्रक्रिया के दौरान उपभोक्ताओं को रिफंड को या तो सीधे उनके बैंक खाते में या कूपन के माध्यम से अपना पसंदीदा तरीका चुनने की अनुमति देने वाली प्रणाली लागू करे। इसके अतिरिक्त, ओला को निर्देश दिया गया है कि वह अपने प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बुक की गई सभी ऑटो राइड के लिए उपभोक्ताओं को बिल या रसीद या चालान प्रदान करे, ताकि इसकी सेवाओं में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। प्राधिकरण की अध्यक्षता मुख्य आयुक्त श्रीमती निधि खरे करती हैं।

सीसीपीए ने पाया कि जब भी उपभोक्ता ओला ऐप पर कोई शिकायत दर्ज करता है, तो अपनी बिना किसी सवाल के रिफंड नीति के तहत ओला सिर्फ़ एक कूपन कोड प्रदान करता है जिसका इस्तेमाल अगली सवारी के लिए किया जा सकता है, जबकि उपभोक्ता को बैंक खाते से रिफंड या कूपन में से किसी एक को चुनने का स्पष्ट विकल्प नहीं दिया जाता है। यह देखा गया कि यह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करता है और बिना किसी सवाल के रिफंड नीति का मतलब यह नहीं हो सकता कि कंपनी लोगों को सिर्फ़ दूसरी सवारी के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

इसके अलावा, सीसीपीए ने पाया कि यदि कोई उपभोक्ता ओला पर बुक की गई ऑटो सवारी के लिए चालान प्राप्त करने का प्रयास करता है, तो ऐप यह संदेश दिखाता है कि ‘ओला की ऑटो सेवा नियम एवं शर्तों में परिवर्तन के कारण ऑटो सवारी के लिए ग्राहक चालान प्रदान नहीं किया जाएगा।’ यह देखा गया कि बेची गई वस्तुओं या प्रदान की गई सेवाओं के लिए बिल या चालान या रसीद जारी न करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत ‘अनुचित व्यापार व्यवहार’ है।

2. परिभाषाएँ.

(47) “अनुचित व्यापार व्यवहार” से तात्पर्य ऐसे व्यापार व्यवहार से हैजो किसी माल की बिक्रीउपयोग या आपूर्ति को बढ़ावा देने या किसी सेवा के प्रावधान के लिए कोई अनुचित तरीका या अनुचित या भ्रामक व्यवहार अपनाता हैजिसके अंतर्गत निम्नलिखित में से कोई भी व्यवहार शामिल हैअर्थात:—

(vii) बेची गई वस्तुओं या प्रदान की गई सेवाओं के लिए निर्धारित तरीके से बिल या कैश मेमो या रसीद जारी न करना।

उपरोक्त के अलावा, सीसीपीए के हस्तक्षेप से ओला ऐप में निम्नलिखित उपभोक्ता-केंद्रित परिवर्तन हुए हैं –

  1. इससे पहले वेबसाइट पर शिकायत अधिकारी और नोडल अधिकारी का विवरण स्पष्ट रूप से नहीं दिखता था। अब वेबसाइट के सहायता अनुभाग में शिकायत अधिकारी और नोडल अधिकारी का नामफोन नंबर और ई-मेल दर्ज है।
  2. रद्दीकरण नीति के अनुसार रद्दीकरण का अनुमत समय अब ​​सवारी बुकिंग के समय प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाता है।
  3. रद्दीकरण शुल्क की राशि अब सवारी बुकिंग पृष्ठ पर स्पष्ट रूप से उल्लिखित है , ताकि उपभोक्ता को सवारी रद्द करने से पहले स्पष्ट रूप से पता चल सके कि सवारी रद्द करने पर कितना शुल्क लिया जा सकता है।
  4. ड्राइवरों के लिए नई स्वीकृति स्क्रीन जोड़ी गई हैजहां ड्राइवरों को पिकअप और ड्रॉप दोनों स्थानों का पता दिखाया जाता है ।
  5. असुविधा और भ्रम से बचने के लिए, और अधिक कारण जोड़े गए जिनके आधार पर उपभोक्ता यात्रा रद्द करना चाहते हैं ।
  6. कुल किराये में शामिल घटकों की सूची अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है , जैसे आधार किराया, प्रति किमी किराया, प्रतीक्षा-पूर्व शुल्क आदि।
  7. ड्राइवरों को डिजिटल भुगतान करने और एसी चालू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संदेश जारी किए गए ।
  8. ड्राइवरों के लिए भुगतान चक्र संशोधित किया गया ताकि उन्हें शीघ्र भुगतान मिल सके।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) की जानकारी के अनुसार, 01.01.2024 से 09.10.2024 तक ओला के खिलाफ कुल 2,061 शिकायतें दर्ज की गई हैं। शिकायतों की शीर्ष श्रेणियों में शामिल हैं –

  1. सवारी बुकिंग के समय दर्शाए गए किराए से अधिक किराया उपभोक्ता से वसूला गया
  2. उपभोक्ता को राशि वापस न करना
  3. ड्राइवर अतिरिक्त नकदी मांग रहा है
  4. ड्राइवर सही स्थान पर नहीं पहुंचा या गलत स्थान पर उतार दिया

सीसीपीए अपने विनियामक हस्तक्षेप के माध्यम से यह सुनिश्चित करने में दृढ़ रहा है कि ओला उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए स्थापित कानूनी ढांचे का पालन करे। इन उपायों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना, विश्वास बढ़ाना और सेवा प्रदाता की जवाबदेही में सुधार करना है, जो ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म पर सभी उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सीसीपीए की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज में मिशन शक्ति 5.O के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर 14 अक्टूबर सिविल लाइंस स्थित दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी एवम् महाविद्यालय की मिशन शक्ति प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में छात्राओं के द्वारा नारी सुरक्षा, नारी सम्मान एवं नारी स्वावलंबन – मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें छात्राओं ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नारी एक रूप अनेक, महिला सशक्तिकरण तथा लैंगिक समानता आदि विषयों पर पोस्टर बनाए गए। इस अवसर पर जागरूकता रैली निकालकर, शपथ एवं संगोष्ठी आदि कार्यक्रम भी आयोजित किये गए। इस कार्यक्रम में कुल 50 वॉलिंटियर्स ने हिस्सा लिया।

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