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हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं वरन हमारी संस्कृति भी है

प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

अक्सर मैंने अपने बड़ों को कहते सुना है कि अगर अच्छी हिंदी सीखना चाहते हो तो अखबार पढ़ो। अखबार वह माध्यम है जो आपकी भाषा का विस्तार करता है। देश-विदेश की खबरों के साथ साहित्य से भी जोड़कर रखता है। वरिष्ठ साहित्यकारों, लेखकों, कवियों की रचनाओं के द्वारा भाषा का स्तर बढ़ता है और हिंदी का विकास होता है। सबसे प्रमुख बात है कि हिंदी भाषा के विकास में हिंदी पत्रकारिता का बहुत योगदान रहा है। इसी के जरिए बड़े – बड़े लेखक, कवि, विद्वान और साहित्यकारों से लोगों को परिचय प्राप्त हुआ।
आज हिंदी विश्व में लोकप्रिय भाषा है। लोग हिंदी में बातचीत करना और उसे अपनाना पसंद करते हैं। लघु भारत कहे जाने वाले मॉरीशस में हिंदी की उच्च शिक्षा के लिए कई व्यवस्थाएं हैं। डिप्लोमा कोर्स, बीए ऑनर्स हिंदी. एम. ए. हिंदी की व्यवस्था है। नेपाल, श्रीलंका, जापान में भी हिंदी की शिक्षण व्यवस्था अच्छी है। अमेरिका में हिंदी भाषा प्रचलित नहीं है लेकिन वहां हिंदी की अच्छी मांग है और वहां के कई विश्वविद्यालयों में हिंदी की शिक्षण व्यवस्था है।
यह तो रही विदेशों की बात लेकिन मौजूदा वक्त में हमारे यहां हिंदी भाषा का प्रचलन कम होता जा रहा है। समय की मांग और आधुनिकीकरण ने हिंदी भाषा के स्तर को कम कर दिया है और धीरे-धीरे उसका स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। आजकल लोग जरूरत के मुताबिक हिंदी बोलते हैं या फिर खिचड़ी भाषा का इस्तेमाल करते हैं ताकि आमजन को भाषा समझ में आ सके, लेकिन पहले भी लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और समझते थे। इस तरह खिचड़ी भाषा का चलन नहीं था। आज हमारा प्रयास होना चाहिए कि फिर से भाषा की उसी सभ्यता और संस्कृति को वापस लाया जाए। हिंदी भाषा ने कई विद्वानों और साहित्यकारों को जन्म दिया है, जिन्हें हम आज भी पूजते हैं। आज जरूरत है कि आज की पीढ़ी उन्हें जाने, पढ़े और समझे ताकि वह अपने साहित्य से परिचित हो।
आज सबसे बड़ी समस्या बच्चों की है जो अपने कैरियर और स्टेटस को बनाए रखने के लिए अंग्रेजियत अपनाए हुए हैं और वैसे ही समाज का निर्माण भी कर रहे हैं और उससे भी बड़ी त्रासदी यह है कि आज के शिक्षक भी अशिक्षित होते है। उन्हें ठीक ढंग से हिंदी बोलना और पढ़ना भी नहीं आता है तो वह बच्चे को क्या सिखाएंगे? किस तरह भविष्य का निर्माण करेंगे और हिंदी भाषा को किस तरह से आगे ले जाएंगे?
आज का युग तकनीकी युग है और भाषा को भी दो भागों में बांटा जा सकता है। एक भाषा वह जो जगह जगह पर देशज शब्दों और लहजों में बोली जाती है और दूसरी साहित्य की भाषा जो उच्च स्तर पर लिखी व पढ़ी जाती है। आजकल के साहित्य में क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग बढ़ गया है और वह स्वागतीय भी बन गया है ताकि भाषा की मौलिकता और  देशज शब्दावली बनी रहे। आज की तकनीक ने लोगों को भाषाई तौर पर बहुत जोड़ा है। तकनीकी शब्दावली का विकास हो रहा है मगर फिर भी आज जरूरत है हिंदी को तकनीकी तौर पर और ज्यादा विकसित किया जाए।
हिंदी एक दिवस का नाम नहीं है बल्कि यह हमारी सभ्यता और संस्कृति है और हमें अपनी मातृभाषा को सम्मान देना होगा और सबसे बड़ी बात कि हमारे हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए विद्वानों को प्रथम पंक्ति में खड़ा होना होगा।

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मंडलायुक्त ने यूपीएफसी का लिया अतिरिक्त प्रभार

कानपुर 13 सितंबर,”श्रम आयुक्त यूपी” और “एमडी उत्तर प्रदेश वित्त निगम (यूपीएफसी)” का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण करते हुए मंडलायुक्त राजशेखर_

_मंडलायुक्त राजशेखर ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के तहत विभाग को सौंपे गए कार्यों में उत्साहजनक परिणाम देने के लिए हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे_

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औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना की अध्यक्षता में मेडिकल कॉलेज सभागार में डेंगू , मलेरिया ओर कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के संबंध में बैठक

कानपुर 12 सितंबर, औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना की अध्यक्षता में मेडिकल कॉलेज सभागार में जनपद में डेंगू मलेरिया व कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियो के सम्बंध में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कानपुर नगर को निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को गुणवत्तापूर्ण बेहतर इलाज मिले, किसी भी प्रकार के कोई सनसाधनों की कोई कमी नहीं है बेहतर प्रबंधन से हम बड़ी से बड़ी महामारी पर कंट्रोल कर सकते हैं इसके लिए पूरी क्षमता से कार्य करना है और समस्त डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को कड़ी मेहनत करनी है आप लोगो की कड़ी मेहनत की वजह से ही कोरोना पर अंकुश लगा है ।उन्होंने कहा कि कहा कहा डेंगू की टेस्टिंग होगी इसके लिए लोगो को बताया जाए तथा नगर निगम के स्थापित कंट्रोल रूम नम्बर 18001805159 पर अब डेंगू, मलेरिया व वायरल फीवर से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी दी जाती रहे इसके लिए लोगो को बताया जाए।शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई होती रहे इसके लिए कार्य योजना बना कर अभियान के तौर पर सफाई कराई जाए तथा लोगो को सफाई हेतु जागरूक भी किया जाता रहे । उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की सम्पूर्ण तैयारी कर ली जाए इसके लिए मार्च व अप्रैल माह में ऑक्सीजन की कितनी आवश्यकता थी उसका आकलन मुख्य चिकित्सा अधिकारी सरकारी व्यवस्था व समस्त प्राइवेट व्यवस्था के अनुसार कर ले ।जो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होने है इसके लिए जो समस्या आ रही है उनका निस्तारण युद्ध स्तर पर करे ताकि प्लांट जल्दी स्थापित हो सके।उन्होंने हैलेट अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा की तो उपस्थित डॉक्टर ने बताया कि हैलेट अस्पताल में 200 बेड तीसरी लहर के लिए बनाया गया था जिसमें वतर्मान में वारयल फीवर के मरीज भर्ती है। आने वाले मरीजों को बेहतर ईलाज किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि यहां आने वाले मरीज को प्रत्येक दशा में बेहतर इलाज मिले इसमे लापरवाही नही होनी चाहिए। बैठक में जिलाधिकारी कानपुर नगर, मुख्य विकास अधिकारी कानपुर नगर , नगर आयुक्त , मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर आदि उपस्थित रहे।

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एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न

कानपुर 11 सितम्बर, शुक्रवार को होटल के. डी. पैलेस में एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न हुआ,

समारोह में शिक्षा ओर कला क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले करीब 30 शिक्षको को महापौर प्रमिला पांडेय द्वारा सम्मानित किया गया,

इस मौके पर राजीव शुक्ल, राजेंद्र गर्ग, नलिन श्रीवास्तव, डा शिप्रा श्रीवास्तव, डा प्रियंका सिंह, अंजू शुक्ल, डा राजकिशोर सिंह, आदि उपस्थित रहे।

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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर के तत्वाधान में एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित

कानपुर, दिनांक 11 सितम्बर, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ निर्देशों के अनुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर के तत्वाधान एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर श्री में दीवानी न्यायालय परिसर कानपुर नगर में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुये राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें मोटर दुर्घटना प्रतिकर, सिविलवाद, लघुवाद, आपराधिक एवं वैवाहिक आदि वादों का तथा प्रीलिटीगेशन स्तर पर विभिन्न बैंको के वादों का निस्तारण सुलह-समझौते के आधार आर0 पी0 सिंह, की अध्यक्षता पर किया गया। दीवानी न्यायालय के पीठासीन अधिकारीगण द्वारा 11089 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें मु० और 8.33.39.397.00 रु0 धनराशि दिलायी/वसूल की गयी। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा 171 वादो का निस्तारण किया गया और 5,61,41,000.00 रु0 धनराशि दिलायी की गयी। कामर्शियल कोर्ट द्वारा 22 वादो का निस्तारण किया गया और 1.56,51,256.00 रु0 धनराशि दिलायी की गयी। प्रीलिटीगेशन स्तर पर 1028 वादो का निस्तारण किया गया 4,48,97.926.00 रु0 का समझौता बैंको द्वारा किया गया। विशेष उल्लेखनीय है कि, आर0 पी0 सिंह, जनपद न्यायाधीश, कानपुर नगर द्वार कुल-12 वादों का निस्तारण कर 25,000.00 रूपये वसूल/दिलाये गये। इस प्रकार कुल मिलाकर 12117 वादो का निस्तारण किया गया तथा कुल धनराशि 12,82,37,323.00 रु0 वसूल/दिलायी गयी। वैवाहिक प्रकृति के कुल 67 वादो का निस्तारण किया गया जिसमें प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय, कानपुर नगर श्री रमेश चन्द्र-I, द्वारा 47 वादों का निस्तारण किया गया एवं कुल 09 पारिवारिक जोड़ों को महोदय द्वारा आशीर्वाद देकर एक दूसरे को गले मिलवाया गया व एक-दूसरे को मिठाई खिलवाकर विदा किया गया। मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट, कानपुर नगर श्री शैलेन्द्र यादव द्वारा सर्वाधिक 5057 मुकदमों का निस्तारण किया गया। आज राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में रामगोपाल विधि महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर न्यायालयों की कार्यवाही का अवलोकन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत का संचालन श्री प्रथम कान्त, नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कक्ष सं0-04 एवं श्रीमती अंशू शुक्ला, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कानपुर नगर द्वारा किया गया।

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सिटी बस सेवाओं में सुधार लाने हेतु और संचालन हानि को कम करने के लिए मंडलायुक्त / अध्यक्ष द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

सिटी बस सेवाओं में सुधार लाने हेतु और संचालन हानि को कम करने के लिए मंडलायुक्त / अध्यक्ष द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय।

1) कानपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लि0 की संचालन के संबंध में एक बैठक आहूत की गयी, बैठक के दौरान के.सी.टी.एस.एल के संचालन के संबंध में निम्न बिन्दुओ पर चर्चा हुई एवं उन पर तत्काल कार्यवाही/अनुपालन कराये जाने के निर्देश दिये गये:-

2) अवगत कराया गया कि कानपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लि0 के पास 270 बसें थीं जिनमें से 80 मेरठ सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लि0 को भेज दी गयीं, 39 बसें निष्प्रयोज्य की गयीं तथा 5 बसें नीलामी में लगी हैं। इस प्रकार वर्तमान में कम्पनी के पास 146 बसें हैं जिनमें से 20 बसें लो-फ्लोर बसे हैं जो वर्तमान में चल नही रही है। इस प्रकार वर्तमान में 126 बसें आपरेशनल हैं। जानकारी करने पर अवगत कराया गया कि 39 बसों को निष्प्रयोज्य किये जाने का निर्णय तत्कालीन आयुक्त/अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2018 में किया गया था। निर्देशित किया गया कि सभी बसें पूर्ण क्षमता के साथ आपरेशनल की जायें।

3) लो-फ्लोर बसों का संचालन मेट्रो का कार्य गतिशील होने के कारण लगभग डेढ़ वर्षों से नही हो रहा है। इस सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि सम्बन्धित अधिकारी साइट पर जाकर देखें और इन बसों का संचालन प्रत्येक दशा में प्रारम्भ करायें। प्रस्तावित 100 इलेक्ट्रिक बसों के अन्दर विज्ञापन कराये जाने की कार्य योजना तैयार की जाये जिससे आय हो सके। निर्देशित किया गया कि आय-व्यय का लक्ष्य इस प्रकार से निर्धारण किया जाये कि प्रत्येक वर्ष अनुमानित आय में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो। वर्ष 2019-20 का जो रू0 78.60 लाख लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उससे वर्तमान लक्ष्य कम न हो। इस सम्बन्ध में समुचित अनुश्रवण कर लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाये। प्रर्वतन दस्ते द्वारा समय-समय पर बसों मे टिकट चेक किये जायें और इस सम्बन्ध में दोषी पाये जाने पर कर्मचारियों/परिचालकों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
4) सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, के.सी.टी.एस.एल. को निर्देश दिये गये कि टाॅप 20 रूटों का तीन दिन के अन्दर सर्वे कराकर पिकिंग प्वाइन्टों पर चलने वाली डग्गामार/अवैध रूप से संचालित वाहनों की सूची तैयार करने एवं उनकी वीडियो फोटोग्राफी इस प्रकार से करायी जाये कि डग्गामार वाहनों की स्थिति का पता चल सके। ऐसे अवैध रूप से संचालित वाहनों की सूची तैयार कर उपायुक्त, यातायात एवं सम्भागीय परिवहन अधिकारी, कानपुर के साथ बैठक कर, उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। जिन रूटों पर आय कम हो रही है, उनका प्रत्येक माह रिव्यू किया जाये। इस सम्बन्ध में कृत कार्यवाही की आख्या एक सप्ताह में प्रस्तुत की जाये।

5) अवगत कराया गया कि 100 इलेक्ट्रिक बसों का रूट तय हो गया है। यह बसें शहर के अन्दर 07 रूटों पर संचालित की जायेंगी। इस सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि इन बसों के संचालन से पूर्व मेट्रो के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर यह तय कर लें कि इन बसांे का संचालन किस प्रकार किया जाये ताकि आय में वृद्धि की जा सके। निर्देशित किया गया कि इन बसों के जो रूट तय हो जायें, उनके अतिरिक्त बसें अन्य रूट पर कदापि न जायें। इस सम्बन्ध में प्लान तैयार कर इस माह के अन्तिम तक आख्या उपलब्ध करा दी जाये।

6) आयुक्त द्वारा काॅल सेन्टर का एक प्रपोजल तैयार करने के निर्देश दिये गये, जिसका संचालन दो शिफ्टों में किया जायेगा, जिसमे प्राप्त होने वाले शिकायत/सुझाव की काॅल रिकार्डिंग दर्ज होगी। इस हेतु किसी प्रोफेशनल काॅल सेन्टर का विजिट कर उनसे सुझाव/मार्गदर्शन प्राप्त करके अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। प्रत्येक बस में सी0सी0टी0वी0 व जी0पी0एस0 सिस्टम लगाये जायें और बसों के नम्बर का डिस्प्ले कराया जाये। उक्त कार्य स्मार्ट सिटी के तत्वाधान में कराये जाने की रूपरेखा तैयार करायी जाये। निर्देश दिये गये कि हेल्पलाइन स्थापित कर उसे 50 दिन के अन्दर (30 October तक) प्रारम्भ किया जाये।

7) प्रतिवर्ष नगरीय बस सेवाओं की “संचालन हानि” लगभग ₹ 10 से 12 करोड़ रहता है। और प्रतिवर्ष हानि बढ़ रहा है।
लेकिन वर्तमान में प्रभावी परावर्तन और नई कई रूट्स पर बस संचालन से आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

मंडलायुक्त ने एक बड़ी लक्ष कर रूप में आगामी 3 वर्षों में संचालन हानि को शून्य करने के निर्देश दिए है।
इस वर्ष ₹ 2 करोड़, वर्ष 2022- 23 में ₹ 4 करोड़, वर्ष 23-24 में ₹ 5 करोड़ “संचालन हानि “ में कमी लाने हेतु प्लान कर उसका फ़ॉलोअप करने के निर्देश दिए।

8) निर्देशित किया गया कि कोविड गाइडलाइन के अनुसार समस्त मार्गों पर संचालित होने वाली सभी नगरीय बसें पूर्ण रूप से साफ-सुथरी एवं सेनेटाइज्ड हों तथा चालक/परिचालक वर्दी पहने हों एवं मास्क लगायें हों तथा सभी यात्रियों को भी मास्क लगाये जाने हेतु प्रेरित किया जाये।

बैठक में श्री अनिल कुमार अग्रवाल, प्रबन्ध निदेशक, के.सी.टी.एस.एल. कानपुर, श्री धीरज पाण्डेय, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक(वित्त), के.सी.टी.एस.एल.कानपुर, श्री आर.के. सिंह, अधिशाषी अभियन्ता, नगर निगम, कानपुर, श्री अरविन्द शर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर, सी0एण्डडी0एस0 विभाग, उ0प्र0 जल निगम, कानपुर, श्री एस0सी0 शंखवार, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, के.सी.टी.एस.एल. फजलगंज, श्री जुनैद अहमद अंसारी, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक (चे0प्र0/संचा0), के.सी.टी.एस.एल फजलगंज, श्री राम सिंह, प्रबन्धक, पी0एम0आई0 इलेक्ट्रो मोबिलिटी सा0प्रा0लि0 उपस्थित रहे।

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मिशन शक्ति के तृतीय चरण में एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में “पोषण एवम जागरूकता” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर 11 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, मिशन शक्ति के तृतीय चरण महिलाओं एवम बालिकाओं के सुरक्षा, सम्मान एवम स्वावलंबन के लिए एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज की इकाई के अंतर्गत प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल एवम मिशन शक्ति तथा एन एस एस प्रभारी डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने ” पोषण एवम जागरूकता” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें छात्राओं ने पूर्ण उत्साह के साथ बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया तथा विषय से संबंधित पोस्टर बनाएं। पोस्टर प्रतियोगिता का निरीक्षण निर्णायक मंडल की सदस्या डॉ. अलका टंडन विभागाध्यक्ष अंग्रेजी तथा डॉ. गार्गी यादव विभागाध्यक्ष रसायन विभाग ने किया। विजयी छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता का परिणाम निम्नवत है

प्रथम स्थान – आयुषी शुक्ला (पोषाहार) बी. ए. II

द्वितीय स्थान – यास्मीन बानो ( कुपोषण) बी ए
II

तृतीय स्थान – श्रेया श्रीवास्तव (पोषण एवम कुपोषण) बी ए III

सांत्वना पुरस्कार – सोनम शर्मा ( स्वस्थ रहो) बी ए π

महाविद्यालय की हेल्थ इकाई की प्रभारी डॉ. प्रीति सिंह ने बालिका स्वास्थ्य एवम स्वच्छता ( Women Health and Hygiene) विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन करवाया जिसमें गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के गाइनी विभाग की प्रोफेसर डॉ.सीमा द्विवेदी ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया तथा उन्हें फर्स्ट एड मेडिकल किट तैयार करने के विषय में बताया। छात्राओं को फर्स्ट एड मेडिकल किट वितरित भी किए गए। हेल्थ क्लब की सह प्रभारी डॉ. मोनिका शुक्ला ने छात्राओं को पोषण, खाद्य पदार्थों को प्रभावी ढंग से स्वास्थ्य की लाभप्रद अवस्था में प्रयोग करने के गुर बताए।

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केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री 11 और 12 सितंबर, 2021 को मणिपुर में ‘पोषण माह’ समारोहों की शोभा बढ़ाएंगी

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत मनाए जा रहे ‘पोषण माह’ के भाग के रूप में, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी 11 और 12 सितंबर, 2021 को इम्फाल, मणिपुर में होने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला में भाग लेंगी।

11 सितंबर को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री इम्फाल में सिटी कन्वेंशन सेंटर में हो रहे राष्ट्रीय पोषण माह पर एक कार्यक्रम में मुख्य संबोधन देंगी। इसके बाद, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को औषधीय पौधों व गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों सहित आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों को न्यूट्री-किट्स का वितरण करेंगी। इम्फाल में सिटी कन्वेंशन सेंटर में एक एनीमिया जांच शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री बासापुरा, इम्फाल में मुख्यमंत्री सचिवालय में मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बीरेन सिंह से भी मुलाकात करेंगी।

 

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12 सितंबर, 2021 को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री बिष्णुपुर जिले में डिस्ट्रिक्ट पंचायत रिसोर्स सेंटर में पोषण माह समारोह पर एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। कार्यक्रम औषधीय पौधों और फल देने वाले पेड़ों के पौधारोपण के साथ शुरू होगा, जिसके बाद एक एनीमिया शिविर का शुभारम्भ होगा। कार्यक्रम में संबोधन देने के बाद केंद्रीय मंत्री पोषण साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाएंगी।

12 सितंबर को अन्य प्रमुख कार्यक्रम आईएनए, मोइरैंग में होगा, जहां आईएनए मेमोरियल हॉल में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री लाभार्थियों, एडब्ल्यूडब्ल्यू, एडब्ल्यूएच, सुपरवाइजरों, सीडीपीओ और डीपीओ के साथ संवाद करेंगी। केंद्रीय मंत्री एक पोषण वॉक को भी हरी झंडी दिखाएंगी।

पोषण अभियान

पोषण अभियान बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण में सुधार के उद्देश्य से शुरू किया गया भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। 8 मार्च, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राजस्थान के झुंझुनू से शुरू किया गया पोषण (प्राइम मिनिस्टर्स ओवरआर्चिंग स्कीम फोर होलिस्टिक न्यूट्रिशन) अभियान का उद्देश्य कुपोषण की समस्या की ओर देश का ध्यान आकर्षित करना और इससे मिशन के रूप में निपटना है।

पोषण अभियान स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधियों, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों और सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी वाला एक जनांदोलन है। सामुदायिक एकजुटता सुनिश्चित करने और लोगों की भागीदारी बढ़ाने के क्रम में, देश भर में सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर पोषण माह- 2021 के दौरान गतिविधियों की एक श्रृंखला के आयोजन की योजना बनाई है। इस साल पोषण माह के दौरान सभी हितधारकों के द्वारा की जाने वाली गतिविधियां आंगनबाड़ियों, स्कूल परिसरों, ग्राम पंचायतों और अन्य स्थानों में उपलब्ध स्थान में पोषण वाटिका के लिए पौधारोपण अभियान पर केंद्रित हैं।

पौधारोपण गतिविधि पोषक फल देने वाले पौधों, स्थानीय सब्जियों, औषधीय पौधों और जड़ी बूटियों के पौधे रोपने पर केंद्रित है। कोविड टीकाकरण और कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए संवेदनशील/ जागरूक बनाने का अभियान चलाया जा रहा है, बच्चों (6 साल से उम्र से कम) के लिए लंबाई और वजन मापने का विशेष अभियान, गर्भवती महिलाओं के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषक खाद्य पदार्थों को रेखांकित करने के लिए नारा लेखन और पाक विधि प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया जा रहा है। पोषण माह के दौरान होने वाली गतिविधियों में क्षेत्रीय/ स्थानीय खाद्य, क्षेत्रीय खाद्य पदार्थों से युक्त न्यूट्रीशियन किट्स के वितरण, एनीमिया शिविरों, विकासखंड वार एसएएम बच्चों की पहचान के लिए अभियान, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में एसएएम के प्रसार को रोकने की पहल के रूप में एसएएम बच्चों के लिए पूरक आहार कार्यक्रम की निगरानी, भारी कुपोषण के सामुदायिक प्रबंधन के लिए संवेदनशील बनाने और एसएएम बच्चों के लिए पोषक खाद्य पदार्थों का वितरण शामिल है।

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भारत में कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 72.37 करोड़ के पार पहुंचा

पिछले 24 घंटों के दौरान टीके की 67,58,491 खुराकें लगाने के साथ आज सात बजे सुबह तक की अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार देश का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 72.37 करोड़ (72,37,84,586) के पार पहुंच गया। इसे 74,18,183 सत्रों के जरिये पूरा किया गया।

आज शाम सात बजे तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पूरा ब्योरा इस प्रकार हैः

स्वास्थ्य कर्मी पहली खुराक 1,03,62,796
दूसरी खुराक 85,55,939
अग्रिम पंक्ति के कर्मी पहली खुराक 1,83,35,063
दूसरी खुराक 1,38,66,099
18-44 वर्ष आयु वर्ग पहली खुराक 29,00,15,880
दूसरी खुराक 3,99,36,894
45-59 वर्ष आयु वर्ग पहली खुराक 14,12,24,670
दूसरी खुराक 6,11,18,659
60 वर्ष से अधिक पहली खुराक 9,19,04,711
दूसरी खुराक 4,84,63,875
योग 72,37,84,586

केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये कटिबद्ध है।

पिछले 24 घंटों में 37,681 मरीजों के स्वस्थ होने से स्वस्थ होने वाले मरीजों की कुल संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है (महामारी के शुरू होने से लेकर अब तक), जो इस समय 3,23,42,299 है।

परिणामस्वरूप भारत का रिकवरी दर इस समय 97.49 प्रतिशत है।

लगातार 75 दिन से 50 हजार से कम दैनिक मामले आ रहे हैं। यह केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मिले-जुले और सतत प्रयासों का नतीजा है।

पिछले 24 घंटों में कुल 34,973 दैनिक नये मामले दर्ज किये गये।

इस समय सक्रिय केसलोड 3,90,646 है। सक्रिय मामले देश के कुल पॉजीटिव मामलों का इस समय 1.18 प्रतिशत हैं।

देश में जांच क्षमता को लगातार बढ़ाया जा रहा है, जिसके सिलसिले में देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 17,87,611 जांचें की गईं। आमूल रूप से भारत ने अब तक 53.86 करोड़ से अधिक (53,86,04,854) जांचें की गईं हैं।

एक तरफ देशभर में जांच क्षमता बढ़ाई गई, तो दूसरी तरफ साप्ताहिक पॉजीटिविटी दर इस समय 2.31 प्रतिशत है, जो पिछले 77 दिनों में तीन प्रतिशत से नीचे कायम है। दैनिक पॉजीटिविटी दर भी पिछले 11 दिनों से तीन प्रतिशत से नीचे और 95 दिनों से लगातार पांच प्रतिशत से कम पर बनी हुई है।

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डीआरडीओ ने राजस्थान के जैसलमेर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना को वायु रक्षा मिसाइल (एमआर-सैम) प्रणाली सौंपी

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भारत की रक्षा क्षमताओं को एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन देने के लिए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना को मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआर-सैम) प्रणाली की पहली सुपुर्दगी योग्य फायरिंग यूनिट दिनांक 9 सितंबर, 2021 को राजस्थान में जैसलमेर वायुसेना स्टेशन में सौंपी गई।
एमआरएसएएम भारतीय उद्योग के सहयोग से एमएसएमई सहित निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय कंपनियों के साथ तालमेल कर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक उन्नत नेटवर्क केंद्रित लड़ाकू वायु रक्षा प्रणाली है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया को पहली डिलीवरी योग्य फायरिंग यूनिट सौंपी। आयोजन के दौरान डीआरडीओ और आईएआई के अधिकारियों ने ऑन-साइट स्वीकृति परीक्षण (ओएसएटी) के हिस्से के रूप में एमआर-सैम प्रणाली की क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

प्रमुख बातें:

  •  एमआर-सैम लड़ाकू विमानयूएवीनिर्देशित और अनिर्देशित हथियारों एवं क्रूज मिसाइलों जैसे हवाई खतरों के खिलाफ हवाई सुरक्षा प्रदान करता है
  •  70 किलोमीटर तक दूरी पर अनेक लक्ष्यों को एंगेज़ करने में सक्षम
  •  उच्च गतिशीलता प्राप्त करने के लिए स्वदेश में विकसित रॉकेट मोटर एवं कंट्रोल प्रणाली
  •  अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली

 

अपने संबोधन में श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, आईएआई, विभिन्न निरीक्षण एजेंसियों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्योग भागीदारों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की और उन्होंने इस प्रणाली को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों में से एक करार दिया। उन्होंने कहा, “भारतीय वायुसेना को एमआरएसएएम प्रणाली सौंपने के साथ, हमने अपने प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ हासिल करने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है। यह वायु-रक्षा-प्रणाली में गेम चेंजर साबित होगी।”

रक्षा मंत्री ने तेजी से बदलते वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य से उत्पन्न होने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए देश के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार के संकल्प को दोहराया । उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। एक मजबूत सेना की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा और समग्र विकास सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा उद्योग कॉरिडोर की स्थापना सहित सरकार द्वारा उठाए गए उपायों- आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण; निजी क्षेत्र को डीआरडीओ द्वारा निर्यात और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) बढ़ाने के लिए 200 से अधिक वस्तुओं की दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना का उल्लेख किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ रक्षा प्रणालियों का वैश्विक विनिर्माण केंद्र बन जाएगा।

श्री राजनाथ सिंह ने ‘मेक इन इंडिया, ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वदेशी अनुसंधान, डिजाइन और विकास के माध्यम से तकनीकी आधार को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रौद्योगिकी भागीदारों और मित्र देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग ने इस दृष्टि को साकार करने की दिशा में तेजी से प्रगति की है और एमआर-सैम का विकास इस तरह के सहयोगात्मक प्रयास का एक बड़ा उदाहरण है।

रक्षा मंत्री ने एमआर-सैम प्रणाली के विकास को भारत और इज़राइल के बीच घनिष्ठ साझेदारी का एक जीवंत उदाहरण बताया और कहा कि भारतीय वायुसेना को प्रणाली प्राप्त होना दशकों पुरानी दोस्ती को और अधिक ऊंचाइयों पर ले गया है। उन्होंने कहा कि इसने भारत और इज़राइल के रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कार्यक्रम के विकास में नई परीक्षण सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भविष्य में दोनों देशों के लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के उत्पादन में सहायक होगा । उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए निर्मित की जा रही उप-प्रणालियों को भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच तालमेल का एक बड़ा उदाहरण बताया।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को याद करते हुए उन्हें एक दूरदर्शी व्यक्ति बताया, जिन्होंने रक्षा क्षेत्र में, विशेष रूप से मिसाइल विकास कार्यक्रम में, आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि लगभग 30 साल पहले डॉ कलाम ने एकीकृत मिसाइल विकास कार्यक्रम की शुरुआत ऐसे समय में की थी जब वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न प्रतिबंधों का सामना कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि इन सबके बावजूद कार्यक्रम की सफलता ने न केवल मिसाइल विकास में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की, बल्कि सीमा पार से किसी भी खतरे की संभावना को भी विफल कर दिया।

एमआर-सैम प्रणाली लड़ाकू विमान, यूएवी, हेलीकॉप्टर, निर्देशित और बिना निर्देशित युद्ध सामग्री, सब-सोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों आदि समेत खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला के खिलाफ जमीनी संपत्तियों को एक स्थान विशेष पर और क्षेत्र विशेष पर वायु रक्षा प्रदान करती है । यह गंभीर संतृप्ति परिदृश्यों में 70 किलोमीटर की दूरी तक अनेक लक्ष्यों को एंगेज करने में सक्षम है। टर्मिनल चरण के दौरान उच्च गतिशीलता प्राप्त करने के लिए मिसाइल स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट मोटर और कंट्रोल प्रणाली द्वारा संचालित है।

फायरिंग यूनिट में मिसाइल, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (एमएलएस), एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार, मोबाइल पावर सिस्टम (एमपीएस), रडार पावर सिस्टम (आरपीएस), रीलोडर व्हीकल (आरवी) और फील्ड सर्विस व्हीकल (एफएसवी)
शामिल हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने एमआर-सैम (आईएएफ) की पूरी टीम के प्रयासों को बधाई दी और कहा कि यह प्रणाली देश की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने एमआर-सैम प्रणाली के विकास में शामिल टीमों की सराहना की।

इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, दक्षिण पश्चिमी वायुसेना कमान के एओसी-इन-सी एयर मार्शल संदीप सिंह तथा आईएआई के अध्यक्ष और सीईओ श्री बोज लेवी और अन्य वरिष्ठ नागरिक तथा सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे ।

 

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