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रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ द्वारा विकसित उत्पाद सशस्त्र बलों को सौंपे

रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित उत्पाद 14 दिसंबर, 2021 को डीआरडीओ भवन, नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह और रक्षा मंत्रालय द्वारा मनाए जा रहे विशेष सप्ताह के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सौंपे। उन्होंने सात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को छह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते भी सौंपे। इससे पहले डीआरडीओ ने ’भविष्य की तैयारी’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें सशस्त्र बलों के उप प्रमुखों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने अपने विचार साझा किए।

इस अवसर पर रक्षामंत्री ने कहा, इस तरह के सेमिनार से शीर्ष नेतृत्व का समागम और दुश्मन के खतरों का सामना करने के लिए एक आम रणनीति विकसित करने में मदद मिलती है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ’’जब हम एकीकरण और संयुक्तता की बात करते हैं, तो यह सिर्फ सरकार द्वारा की गई पहलों तक सीमित नहीं है। इसकी सफलता हमारे रक्षा बलों के शीर्ष नेतृत्व के समागम से हासिल करनी है। यह हमारे विरोधियों द्वारा पेश की गई चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त रूप से हमारी क्षमताओं को बढ़ाने का एक प्रयास है।’’

उन्होंने कहा, ’’हम जिस एकीकरण की बात करते हैं, वह हमारे बलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका मतलब देश के हर संबंधित संगठन के बीच तालमेल भी है।’’

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में डीआरडीओ के दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव आया है जिससे यह न सिर्फ मौजूदा खतरों की गंभीरता को कम करने वाली प्रौद्योगिकी पर काम कर रहा है बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी तरह की पहली प्रौद्योगिकी विकसित करने में भी जुटा है।

भारत को रक्षा विनिर्माण आधार और शुद्ध रक्षा निर्यातक का एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनाने के मकसद को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि डीआरडीओ ने इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ’’इसका मार्ग डीआरडीओ, सशस्त्र बलों, निजी उद्योग, स्टार्ट-अप और शिक्षाविदों के बीच सहयोग से होकर गुजरता है। निजी कंपनियों के साथ आज हुआ टीओटी यह दर्शाता है कि हम देश में एक मजबूत रक्षा औद्योगिक आधार बनाने के लिए तैयार हैं जो न सिर्फ देश की रक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा बल्कि रक्षा उपकरणों के निर्यात से मित्र देशों की जरूरतों को भी पूरा करेगा।

दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल बिपिन रावत और हाल ही में एक हवाई दुर्घटना में जान गंवाने वाले अन्य लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए, रक्षामंत्री ने कहा कि सीडीएस पद के सृजन के साथ-साथ तीनों सेनाओं के एकीकरण और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई। सैन्य मामलों का विभाग निर्बाध रूप से इस दिशा में आगे कार्य करता रहेगा बढ़ेंगे और जल्द से जल्द लक्ष्य को हासिल करना सरकार की प्राथमिकता होगी।

युद्ध में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर देते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाना और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास को एक ऐसी उन्नत तकनीक के रूप में विकसित करना होना चाहिए, जिसके लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।

मिशन शक्ति को विकसित करने में डीआरडीओ के वैज्ञानिक कौशल का हवाला देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि डीआरडीओ स्मार्ट सामग्री, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग आधारित सिस्टम, स्वार्म ड्रोन्स और एसिमेट्रिक वारफेयर आदि पर काम कर रहा है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आॅटोमेटिक रूट से रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाकर 74 फीसदी करने, ओएफबी का काॅरपोरेटाइजेशन, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों का निर्माण, रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020 बनाने, घरेलू विनिर्माण आदि के लिए रक्षा वस्तुओं की सकारात्मक सूची लाने आदि जैसी अनेक नीतिगत सुधारों के माध्यम से सरकार ’मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वल्र्ड के उद्देश्य को साकार करने के लिए संगठित तरीके से काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि इन नीतियों का उद्देश्य घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत करके हमारे सशस्त्र बलों को मजबूत बनाना है।

सशस्त्र बलों और गृह मंत्रालय को सौंपे गए उत्पादों में एंटी-ड्रोन सिस्टम, मॉड्यूलर ब्रिज, स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन, चैफ वेरिएंट और लाइट वेट फायर फाइटिंग सूट शामिल हैं। आने वाले ड्रोनों का पता लगाने, उन्हें रोकने और नष्ट करने के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित काउंटर ड्रोन सिस्टम रक्षामंत्री द्वारा सीआईएससी को सौंपा गया।

उन्होंने सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवने को मॉड्यूलर ब्रिज भी सौंपा। आरएंडडीई (इंजीनियर्स) द्वारा विकसित मॉड्यूलर ब्रिज मिलिट्री लोड क्लास एमएलसी-70 का सिंगल स्पैन, मेकेनिकली लॉन्च किया गया असॉल्ट ब्रिज है, और इसे अलग-अलग स्पैन में लॉन्च किया जा सकता है।

रक्षामंत्री ने वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चैधरी को स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (एसएएडब्ल्यू), एक एयर लॉन्च, लॉन्ग-रेंज, स्टैंड-ऑफ, एयर-टू-सरफेस स्मार्ट बम सौंपा। एडवांस्ड चैफ के वेरिएंट नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार को सौंपे गए। डीआरडीओ के सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस), दिल्ली द्वारा विकसित स्ट्रक्चरल फायर फाइटिंग सूट गृह मंत्रालय के विशेष सचिव श्री वी एस के कौमुदी को सौंपा गया।

इस कार्यक्रम के दौरान तटीय सर्विलांस रडार, आटोमेटिक केमिकल एजेंट डिटेक्शन एंड अलार्म (एसीएडीए) और केमिकल एजेंट मॉनिटर (सीएएम), यूनिट रखरखाव वाहन, यूनिट मरम्मत वाहन, फ्यूज्ड सिलिका आधारित सिरेमिक कोर प्रौद्योगिकी और अग्नि शमन जेल नामक सिस्टम/प्रौद्योगिकी के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित सात प्रणालियों के एलएटीओटी दस्तावेज सौंपे गए।

मुख्य विशेषताएं:

  • डीआरडीओ द्वारा विकसित पांच उत्पाद सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सौंपे गए
  • सात सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ छह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते किए गए

इस अवसर पर सचिव, डीडीआरएंडडी और अध्यक्ष, डीआरडीओ डॉ जी सतीश रेड्डी, थलसेना, नौसेना और वायुसेना के उप प्रमुख, रक्षा और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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एस. एन. सेन बा. वि. पी. जी. कॉलेज ने संरक्षक दिवस वार्षिकोत्सव ‘लावण्या 2021’ के रूप में मनाया।

भारतीय स्वरूप संवाददाता!

कानपुर 15 दिसंबर, एस. एन. सेन बा. वि. पी. जी. कॉलेज ने संरक्षक दिवस वार्षिकोत्सव ‘लावण्या 2021’ के रूप में मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री वीरेंद्रजीत सिंह, क्षेत्र संघ चालक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विशिष्ट अतिथि प्रो. राहुल गोयल, निदेशक, गौर हरि सिंघानिया मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट, प्रो. पारुल गोयल, गौर हरि सिंघानिया मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट, विशिष्ट अथिति डॉ. शालिनी वेद, निदेशक, लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी, महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार मिश्रा, सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, सदस्या श्रीमती दीपा श्री सेन, समिति के गणमान्य सदस्य प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन तथा समीर सेन जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस शुभ अवसर पर संगीत विभाग की छात्राओं ने सुमधुर सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। महाविद्यालय के स्वर्णिम इतिहास से वेष्टित कुलगीत को संगीत की छात्राओं ने प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में अतिथियों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए महाविद्यालय की वार्षिक आख्या प्रस्तुत की। वार्षिक उत्सव लावण्या 2021 का शुभारंभ शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ, जिसमें मां दुर्गा की स्तुति “ऐ गिरी नंदिनी..” से की गई जिसमें नव देवियां अवतरित होकर सभागार में शक्ति और भक्ति का संचार करा गईं। उपस्थित दर्शकों ने अपने भीतर दैवीय ऊर्जा का अनुभव किया।दूसरी प्रस्तुति गृह विज्ञान विभाग के कालबेलिया नृत्य की हुई, जिसके बोल थे “काॾ़ॊपूत पड्यो मेले में।” तीसरे स्थान पर कव्वाली श्रृंखला संगीत विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई। चतुर्थ प्रस्तुति में हिंदी विभाग द्वारा ज्ञानपीठ पुरस्कार से पुरस्कृत दिनकर की ‘उर्वशी’ का मंचन किया गया। इसमें छात्राओं ने मूल कृति के पद्यात्मक संवादों को उसी शैली में प्रस्तुत कर दर्शकों के मन को आनंद से भर दिया। पांचवें स्थान पर पंजाबी मेडले नृत्य बी.एस.सी. की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया, इसमें विभिन्न गीतों को संयुक्त रूप से जोड़ा गया। इसके पश्चात बी.कॉम. की छात्राओं द्वारा विषय आधारित नृत्य और बाल श्रम पर अभिनय करते हुए एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। सातवीं प्रस्तुति अर्थशास्त्र विभाग द्वारा प्रस्तुत गुजराती नृत्य गरबा ने लोगों को आह्लादित कर दिया। अंतिम प्रस्तुति शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा रामायण से सीता स्वयंवर के अंश को बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया।

मुख्य अतिथि श्री वीरेंद्रजीत सिंह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्राओं में ऊर्जा का संचार करते हैं। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राहुल गोयल ने कहा कि इस कार्यक्रम में भारतीय जीवन के अनेक रंग देखने को मिले तथा प्रोफेसर पारुल गोयल ने छात्राओं की प्रतिभा की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी। विशिष्ट अतिथि शालिनी वेद ने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम से युवा पीढ़ी न केवल भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों से परिचित होती है अपितु उनकी प्रतिभा भी तराशी जाती है।

संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ छात्राएं पाठ्येत्तर गतिविधियों में भी अपनी प्रतिभा को निखारने में सफल रहीं। आज के आयोजन के लिए सभी छात्राओं व शिक्षिकाओं को बधाई दी तथा स्वर्गीय समीर सेन जी को याद करते हुए ऐसे ही कार्यक्रम होते रहे ऐसी शुभकामना दी। वार्षिकोत्सव समारोह में डॉ. निशी प्रकाश, डॉ. रेखा चौबे, डॉ. अलका टंडन, सांस्कृतिक प्रभारी डॉ. चित्रा सिंह तोमर, डॉ. मोनिका सहाय, डॉ. रचना शर्मा, डॉ. शुभा बाजपेई, डॉ. मीनाक्षी व्यास, डॉ. रश्मि गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से शारीरिक शिक्षा विभाग की डॉ. प्रीति पांडे एवं रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. गार्गी यादव द्वारा किया गया। डॉ. गार्गी यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री किसान मान धन योजनान्तर्गत 60 वर्ष की आयु के बाद अंशदान करने वाले किसानों को देगी रूपये 3000 मासिक पेंशन

दिसंबर 14, भारतीय स्वरूप संवाददाता, प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के हित में कई योजनाएं चलाई है, इसी परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना संचालित है, जिसके तहत 60 साल की उम्र के बाद किसानों के लिए पेंशन का प्रावधान है। प्रदेश में संचालित इस योजना के अन्तर्गत 18 साल से 40 साल तक की उम्र का कोई भी किसान लाभ ले सकता है, जिसे उम्र के हिसाब से मासिक अंशदान करने पर 60 वर्ष की उम्र के बाद 3000 रूपये मासिक या 36000 रूपये सालाना पेंशन मिलेगी। इसके लिए अंशदान 55 रूपये से 200 रूपये तक मासिक है। अब तक इस योजना से लाखों किसान जुड़ चुके हैं। इस पेंशन कोष का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना के अन्तर्गत 18 से 40 वर्ष तक की आयु के छोटी जोत वाले लघु एवं सीमान्त किसान हिस्सा ले सकते हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक ही खेती की जमीन है। इस योजना के तहत कम से कम 20 साल और अधिकतम 40 साल तक 55 रूपये से 200 रूपये तक मासिक अंशदान करना होगा, जो उनकी उम्र पर निर्भर है। अगर 18 साल की उम्र में किसान जुड़ते हैं तो मासिक अंशदान 55 रूपये या सालाना 660 रूपये होगा, वहीं अगर 40 की उम्र में जुड़ते हैं तो 200 रूपये महीना या 2400 रूपये सालाना योगदान करना होगा।
पीएम किसान मानधन योजनान्तर्गत जितना योगदान किसान का होगा, उसी धनराशि के बराबर योगदान सरकार भी पीएम किसान अकाउंट में करती है। यानी अगर किसान का योगदान 55 रूपये है तो सरकार भी 55 रूपये का योगदान करेगी। अगर कोई किसान बीच में स्कीम छोड़ना चाहता है तो उसका पैसा नहीं डूबेगा, उसके स्कीम छोड़ने तक जो पैसे जमा किये होंगे, उस पर बैंकों के सेविंग अकाउंट के बराबर का ब्याज मिलेगा। अगर पॉलिसी होल्डर किसान की मौत हो गई, तो उसकी पत्नी को 50 फीसदी रकम मिलती रहेगी।
पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड और खसरा-खतौनी की नकल ले जानी होगी। रजिस्ट्रेशन के लिए 2 फोटो और बैंक की पासबुक की भी जरूरत होगी। रजिस्ट्रेशन के लिए किसान को अलग से कोई भी फीस नहीं देनी होगी, रजिस्ट्रेशन के दौरान किसान का किसान पेंशन यूनिक नंबर और पेंशन कार्ड बनाया जाता है।
नेशनल पेंशन स्कीम, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) स्कीम, कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम (EPFO) जैसी किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा स्कीम के दायरे में शामिल लघु और सीमांत किसान, ऐसे किसान जिन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लिए विकल्प चुना है, या ऐसे किसान जिन्होंने श्रम और और रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना के लिए विकल्प चुना है। ऐसे किसानों को इस योजना से लाभ नहीं मिलेगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान मानधन (पी0एम0-के0एम0वाई0) योजना के तहत वर्ष 2019-20 में प्रदेश के लघु एवुं सीमान्त कृषकों को सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने एवं वृद्धावस्था में उनकी आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वैच्छिक रूप से पुरूष व महिला दोनों के लिए 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर रू0 3000 प्रति माह की यह सुनिश्चित मासिक पेंशन योजना लागू की है। यह एक स्वैच्छिक एवं अंशदायी पेंशन योजना है। योजनान्तर्गत दिनांक 16.11.2021 तक 252256 लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है, जिसमें पुरूष 74.00 प्रतिशत एवं महिला 26.00 प्रतिशत हैं। इस योजना में 18-25 आयु वर्ग के 23.60 प्रतिशत, 26-35 आयु वर्ग के 49.90 प्रतिशत तथा 36-40 आयु वर्ग के 26.40 प्रतिशत लाभार्थी हैं। वर्ष 2015-16 की कृषि गणना के अनुसार प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषक परिवारों की संख्या 221.10 लाख (92.80 प्रतिशत) है। किसानों की हितकारी प्रदेश सरकार किसानों को बुढ़ापे में पेंशन देकर उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मुहैया करा रही है।
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राज्य सूचना आयुक्त ने नगर निगम सभागार में विभाग के सूचना अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

कानपुर 13 दिसम्बर, 2021(सू0वि0) राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने नगर निगम सभागार में विभाग के सूचना अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने अफसरों को समय से सूचना न देने पर जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने चेतावनी दी कि समय से सूचना न देने पर कोई भी जनसूचना अधिकारी दंड से बच नहीं सकता। लापरवाही पर एक अपर नगर आयुक्त और एक सहायक नगर आयुक्त पर दंड अधिरोपित किया जा चुका है।
राज्य सूचना आयुक्त द्वारा समीक्षा बैठक में विभागों में लंबित वादों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गयी तथा आर0टी0आई0 एक्ट की जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि आर0टी0आई0 एक्ट के तहत मांगी गयी सूचना को तीस दिन के अन्दर उपलब्ध कराना होता है। नगर निगम एक महत्वपूर्ण विभाग है। जनता के प्रति उसकी जवाबदेही किसी भी अन्य सरकारी विभाग से अधिक है। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा साफ-सफाई विकास कार्यो के साथ-साथ नगर वासियों को बेहतर स्वास्थ्य व बेहतर शिक्षा भी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होती है।
कानपुर नगर निगम का लगभग 700 करोड रूपये का सालाना बजट है। इस बजट से नगर निगम द्वारा साफ-सफाई, विकास कार्य, शिक्षा व स्वास्थ्य के कार्य किये जाते है। आर0टी0आई0 एक्ट सिस्टम में भ्रष्टाचार को समाप्त करने व कार्यो में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लाया गया था। आज की बैठक में नगर निगम के समस्त अपर नगर आयुक्त, सहायक नगर आयुक्त व समस्त जन सूचना अधिकारियों को बुलाया गया था लेकिन बैठक में आधे से ज्यादा जन सूचना अधिकारी अनुपस्थित पाये गये। इस लापरवाही पर सूचना आयुक्त नाराज दिखे। उन्होंने बताया कि अभी हाल में आर0टी0आई0 एक्ट के तहत मांगी गयी सूचनाओं को समय से सूचना उपलब्ध न कराने, पूर्ण सूचना उपलब्ध न कराने व गलत सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में नगर निगम के एक अपर नगर आयुक्त, एक सहायक नगर आयुक्त व आधा दर्जन से अधिक जन सूचना अधिकारियों पर दण्ड अधिरोपित किया गया है। लापरवाही पर आगे भी दंड अधिरोपित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे यह प्रतीत होता है कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा आर0टी0आई0 एक्ट के तहत मांगी गयी सूचनाओं को गम्भीरता से नही लिया जाता है।
बैठक में नगर निगम के एक अधिकारी द्वारा यह स्वीकार किया गया कि विभाग में आरटीआई एक्ट के तहत मांगी गयी सूचनाओं को गम्भीरता से नही लिया जाता है। सूचनाओं के प्रकरण का समयबद्ध निस्तारण हेतु नगर निगम में मासिक समीक्षा बैठक होनी चाहिये।
बैठक में अपर नगर आयुक्त रोली गुप्ता और सहायक नगर आयुक्त पूजा त्रिपाठी भी उपस्थित थीं।
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खुद को जानना हो तो अकेले में जानें

”अकेले मे हम वो होते हैं जो हम असल में होते है”इन्सान वही है जो बाहर और अंदर से एक ही हो।खुद को जानना हो तो अकेले में जानें।तब अपने दिल दिमाग़ और विचारों को ध्यान दे और देखे,क्या वाक़ई में हम वो दिखाई देते हैं जो हम असल में हैं।कई बार सामाज और वक़्त के साथ चलने की चाह में हम असलीयत से कोसो दूर हो जाते है।
अकेलापन अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है, मगर बहुत लोग अकेलेपन से घबराते भी हैं।सोच अपनी अपनी है।अकेलेपन मे या तो हम उदास ग़ुस्सा या डिप्रेशन में चले जाये और अपने किये फ़ैसलों पर रोये या पछताये।
कई बार सारी उम्र ज़िम्मेदारियों को निभाते निभाते हम ख़ुद को वक़्त ही नहीं दे पाते।यही तो वक़्त होता है जब हम कुछ नया करें नया सोचें,खुद को पहचाने,खुद को निखारे।कहते है “अकेलेपन और ख़ाली मन “शैतान का घर होता है बस हमें वही नहीं होने देना।हमे यहाँ पर इक कड़ी नज़र रखनी है “इक पैनी नज़र”
दोस्तों ये ज़रूरी नहीं कि हम किसी की मदद पैसों से ही कर सकते है।किसी की बात सुनना ,हौसला देना और कई बार हमारी दी गई सलाह दूसरे की ज़िन्दगी का मुख ही मोड़
कर रख देती हैं।
दोस्तों ! इक आंटी शायद उनकी उम्र लगभग 70 के आसपास रही होगी।मैं हालाँकि उनको जानती नहीं थी मगर अक्सर पार्क में देखा करती थी।कई बार मैंने उन्हें अपने दुपट्टे से अपनी आँखों की कोरो को साफ़ करते देखा था।उनको ऐसे देख कर,मैं घर जा कर भी बेचैनै रहती। इक रोज़ मैं पार्क में सैर कर रही थी तो आंटी को बैंच पर बैठे देखा,रोज़ की तरह उतरा सा चेहरा,जैसे रात भर सोई ही न हो।बाल भी ढंग से नहीं बनाये हुए और आज आँसुओं को दुपट्टे से छुपाने की भरसक कोशिश भी उनकी नाकाम हो रही थी।शाम हो चुकी थी और अन्धेरा भी बढ़ रहा था मैं खुद को रोक न पाई और उनके पास धीरे से बैठ कर पूछ ही लिया। क्या आप ठीक है? पहले तो वो थोड़ा हिचकिचाई ,फिर मेरी तरफ़ देख कर कहने लगी !अब क्या बताऊँ तुम्हें।तीन बेटे हैं मेरे।तीनों को मुश्किलों से पढ़ा कर शादी भी कर दी।दो तो पहले से ही अलग रह रहे है।जब कभी पार्टी वारटी पर जाना होता है तो ले जाते हैं अपने घर बच्चों की देख रेख के लिये।इसी बहाने से मैं अपने पोता पोती को मिल पाती हूँ।मैं छोटे बेटे बहू के साथ रहती हूँ ।जब बच्चे ऊँचा नीचा या ग़लत बोलते हैं तो मन बहुत दुखी होता है।हर वक़्त लड़ाई कलह में जरा भी सकून नहीं मिलता।ये बेटा बहू भी अब अलग रहने चाहते हैं और वो कहती जा रही थी ,पति की मौत बहुत साल पहले हो चुकी थी ।अब पैंशन पर गुज़ारा कर रही हूँ।
जैसे ही मैंने उनका हाथ अपने हाथ में लिया वो मेरे गले लग कर बच्चों की तरह रोने लगी।उस वक़्त दिल तो मेरा भी भर आया कि इक माँ का हृदय कितना विशाल होता है।कैसे बच्चों की गलती को माफ़ कर देती है।माँ जो ज़िन्दगी की सारी ज़िम्मेदारी पूरी कर के इक थोड़ा सा सकून ही तो चाह रही है।जब माँ बाप को सबसे ज़्यादा ज़रूरत बच्चों की होती हैं ,तो कैसे वो ऐसा बर्ताव कर सकते है।क्या वो भूल जाते कि इक दिन वो भी बुजुर्ग होंगे, उन्हें भी इक दिन ऐसे ही अपने बच्चों का सहारा चाहिए होगा।
मैंने कहा आंटी आप कयूं सह रहे हो ये सब।कह दीजिये बेटे से कि वो अलग से घर ले ले। कहने लगी मैं अकेले नहीं रह सकती।कैसे काटूँगी ज़िन्दगी।मैंने कहा आप कब तक दूसरे का सोचेंगी ,अब अपने लिए सोंचे।अगर आप खुद अपनी इज़्ज़त करोगे तो सब भी आपकी इज़्ज़त करेंगे।मैंने कहा !आप का घर तो है।पैशन लगी हुई है।तो क्यों नहीं किसी को किराए पर रख लेती।आमदनी भी हो जायेगी और आप को अकेलापन भी नहीं लगेगा।उस दिन तो वो अपने घर चली गई मगर मै उनसे मिलने के बहाने हर रोज़ सैर पर जाने लगी और इस तरह मेरे बहुत समझाने पर उन्होंने अपना मन बना लिया और बेटे से कह दिया कि वो अलग हो सकता है।फिर एक पति पत्नी और उनकी बच्ची को ,दो कमरे किराये पर दे दिये।इस तरह दिन पर दिन महीने निकलते गये।इस दौरान मैं अपनी ज़िन्दगी मे व्यस्त हो गई।इक रोज़ मैं आंटी के घर उनसे मिलने चली गई।आंटी मुझे देख बहुत ख़ुश हुई।गले लगा कर कहने लगी ! तुम्हारी बात मान कर अब ज़िन्दगी को बड़ी सकून से जी रही हूँ।रोज मन्दिर चली जाती हूँ।वहाँ कितनी सहेलियाँ बन गई हैं।सब हंसते है योगा करते है।आंटी को यूँ ख़ुश देख कर मन को सकून मिल रहा था।वो कहती जा रही थी !अब बेटे भी आ जाते है मिलने कभी कभार।बहू भी खुश है।मैंने कहा आंटी कभी कभी अपनी सहेलियों के साथ बाहर घूमने चले ज़ाया करे इससे आपकी रोज सैर भी हो ज़ाया करेंगी।मुझे यक़ीन नही था वो ऐसा कर पायेंगी,मगर वो करने लगी।मैंने उनमे इक शक्ति का आवाहन होते हुये देखा।बताने लगी कि मुझे लगता है जैसे मैं फिर से जवान हो गई हूँ और शरीर से भी मज़बूत महसूस करती हूँ क्योंकि अब मुझे पता हैं कि सब मुझे ही करना है।

दोस्तों आंटी को भी अकेलापन मिला।वो चाहती तो उदास बीमार या डिप्रेशन मे चली जाती,मगर सोच पाजीटिव होने की वजह से ज़िन्दगी को अच्छे ढंग से जी रही थी।
दोस्तों मेरी कहानी की पात्र “आंटी वास्तविक मे शक्तिशाली मानसिकता वाली औरत थी”मगर हालातो ने उन्हें कमजोर बना दिया था।थोड़ी हिम्मत की और तो
अब सकून से ज़िन्दगी जी रही है।
यही है जीवन दोस्तों!
मुश्किलें तो आती है घबराये नही,रास्ता ढूँढे ,अगर सोच बुलन्द है तो वजूद पर भी इसका असर ज़रूर होता है।खुद को बदलना हमारे ही हाथ में है।खुद को बदल कर हालात ही बदल डालें मगर 🙏”बदलाव” बशर्ते पाजीटिव ही हो। *स्मिता

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मुद्दा

चुनाव जिन मुद्दों पर लड़े जाते हैं वो मुद्दे सत्ता में आने के बाद ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। आज धर्म को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर चुनावी फसलें लहलहाई जाती है और मंहगाई, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे कई मूलभूत मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। यूं भी सत्ता हासिल करने के लिए साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल किया जाता है।

धीरे-धीरे विधानसभा चुनाव करीब आते जा रहे हैं सभी दल आश्वासनों का लालीपॉप लेकर जनता को लुभाने का सिलसिला शुरू कर चुके हैं। फिर चाहे वह पेट्रोल के दाम कम किए गए हो या कृषि कानून को वापस लेना हो दल कोई भी हो मगर कोई भी दल मंहगाई, स्वास्थ्य, शिक्षा रोजगार जैसे मुद्दे पर बात नहीं कर रही है। सरकारों द्वारा किये गए पुराने वादे ही अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। नोटबंदी करके काला धन कहां जमा हो गया अभी तक उसका खुलासा नहीं हुआ। साल में दो करोड़ रोजगार देने की वादा खोखला साबित हुआ। सड़कें, यातायात व्यवस्था, रेलवे, शिक्षा ऐसे कई मूलभूत मुद्दे हैं जिन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नोटबंदी के वक्त बहुतेरे परिवार बिखर गए, कैशलैस इकोनामी के चक्कर में दिहाड़ी और छोटे व्यापारियों के हाल हो गये। कोरोना काल में स्वास्थ्य व्यवस्था सही ना होने के कारण उसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ा। निजीकरण द्वारा ही समस्याओं का समाधान  क्या एकमात्र विकल्प है?
2014 के पहले जो दल डीजल पेट्रोल के बढ़ते दाम, गैस के बढ़ते दामों को लेकर, खाद्य पदार्थ के बढ़ते दाम दामों को लेकर बहुत मुखर था आज इन्हीं मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है। आज महिला सुरक्षा की बात नहीं की जाती, गिरता रूपया, जीडीपी पर कोई बहस नहीं होती। 2014 के पहले की सरकारें भी इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़तीं थी लेकिन सत्ता में आने के बाद वो ठंडे बस्ते में चली जाती थीं। आखिर ये दल चुनाव के समय ही क्यों सक्रिय होते हैं और क्यों जनता का विश्वास जीत कर उन्हें “वोट” बनाने पर तुले रहते हैं। क्या ये जरूरी नहीं कि राजनीति के साथ जनता की समस्याओं का भी समाधान हो? आम आदमी परेशान है और उसे विकल्प चाहिए ताकि उनकी जरूरतों और समस्याओं का निदान हो सके।

:# प्रियंका वर्मा महेश्वरी

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एसएन सेन बा.वि.पी.जी कॉलेज के विज्ञान संकाय द्वारा युवा महोत्सव 2021 के अंतर्गत अंर्तमहाविद्यालय प्रतियोगिता ऑन स्पॉट पोस्टर मेकिंग कंपटीशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

कानपुर 9 दिसंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस एसएन सेन बा.वि.पी.जी कॉलेज कानपुर के विज्ञान संकाय द्वारा युवा महोत्सव 2021 के अंतर्गत अंर्तमहाविद्यालय प्रतियोगिता ऑन स्पॉट पोस्टर मेकिंग कंपटीशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रबंध समिति के सचिव श्री पी. के .सेन संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन , प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल तथा युवा महोत्सव की प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने मां सरस्वती का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन द्वारा किया। कार्यक्रम प्रभारी रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ गार्गी यादव ने प्रतियोगिता के नियम बताएं। अतिथियों का स्वागत जंतु विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ पूनम अरोड़ा ने किया।
निर्णायक मंडल के रूप में डॉक्टर गोवर्धन लाल, साइंटिस्ट डी.एम.एस.आर.डी.ई. कानपुर एवं डॉ अशोक कुमार गौतम, साइंटिस्ट डी.एम.एस.आर.डी.ई. कानपुर रहे।
कानपुर महानगर के 15 महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
प्रथम ,द्वितीय ,तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार निम्नलिखित रहे-
प्रथम- वारिशा लाइक एस.एन. सेन कॉलेज
द्वितीय-कौशिकी दीक्षित जागरण कॉलेज
तृतीय- दिव्या शुक्ला जागरण कॉलेज
सांत्वना- ऊषारा सिद्दीकी डी. जी. कॉलेज
विशेष पुरस्कार- मारिया इमरान पी.पी.एन कॉलेज, अगम शुक्ला पी.पी.एन कॉलेज एवं श्रेया द्विवेदी एस.एस.एन कॉलेज को मिला इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों से शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। अनुशासक मंडल डॉ निशि प्रकाश ,डॉ अलका टंडन, डॉ रेखा चौबे रही। डॉ शैल बाजपेई डॉ राई घोष,श्रीमती प्रतिभा मजूमदार, कु.वर्षा सिंह कु. तैयबा का विशेष योगदान रहा।

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दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजाजीपुरम ,लखनऊ में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत कविता प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं क्विज प्रतियोगिता आयोजित

लखनऊ, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजाजीपुरम ,लखनऊ में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ. अर्चना राजन (सड़क सुरक्षा नोडल अधिकारी ,लखनऊ संभाग ) की अध्यक्षता एवं डॉ नेहा जैन (महाविद्यालय नोडल अधिकारी सड़क सुरक्षा ), डॉ. पीके मौर्य , डॉ. रिचा पांडे, डॉ.साधना सिंह यादव, डॉ. निशी मिश्रा के कुशल निर्देशन में लखनऊ संभाग स्तरीय कविता प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया l कार्यक्रम में अतिथि के रूप में डॉ.जी .एस. गुप्ता ,सेवानिवृत्त प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय ,हरख बाराबंकी ,डॉ.मीनू सक्सेना, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय गोसाई खेड़ा, उन्नाव ,डॉ .मीना श्रीवास्तव ,पूर्व प्राचार्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ ,एवं डॉ वीणा गोपाल प्राचार्य भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी उपस्थित रहे ! कार्यक्रम का शुभारंभ में मां शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन हुआ इसके उपरांत कविता प्रतियोगिता प्रारंभ की गई जिसमें प्रथम स्थान पर राजकिशोर ,राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोसाई खेड़ा ,द्वितीय स्थान पर गरिमा सिंह, नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ एवं तृतीय स्थान पर स्वाति कुरील भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी रही ! पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आरती प्रजापति ,पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ , द्वितीय स्थान प्रीति आर.एम.पी .जी कॉलेज सीतापुर एवं प्रिया गुप्ता ,नवयुग कन्या पीजी कॉलेज लखनऊ ने प्राप्त किया l सड़क सुरक्षा जागरूकता पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता में प्रथम धीरज मिश्रा ,आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग महाविद्यालय सीतापुर, द्वितीय पियूष शुक्ला, महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदोई एवं तृतीय स्थान स्वाति कुरील भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी ने प्राप्त किया ! इन प्रतियोगिताओं में जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों ने सहभागिता की जिसमें प्रमुख रुप से भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी lमहाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,हरदोई l इंदिरा गांधी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बांगरमऊ, उन्नाव l पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,लखनऊ ! नेशनल पीजी कॉलेज ,लखनऊ ! नवयुग कन्या महाविद्यालय ,लखनऊ! आर. एम. पी. जी .कॉलेज, सीतापुरl आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज सीतापुर, महाराजाबिजली पासी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,लखनऊ , नारीशिक्षा निकेतन महाविद्यालय, लखनऊ !कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों गणमान्य प्राध्यापकों ने सहभागिता की! कार्यक्रम में मंच संचालन करते हुए डॉ नेहा जैन ने सभी मंचासीन अतिथियों एवं आए हुए आगंतुकों का स्वागत एवं अभिनंदन किया ! कार्यक्रम की अगली कड़ी में पवन कुमार मौर्या जी ने सड़क सुरक्षा पर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना, रेंजर एवं नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत गठित एक्टिविटी क्लब के माध्यम से महाविद्यालय में सड़क सुरक्षा जागरूकता से संबंधित कार्यक्रमों की आख्या प्रस्तुत की ! विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित डॉ. मीना श्रीवास्तव जी ने सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली क्षति और सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि इन कार्यक्रमों की सार्थकता तभी है जब हम इन के माध्यम से दिए जा रहे संदेशों को अपने जीवन में अमल में लाएं l विशिष्ट अतिथि के रुप के रूप में उपस्थित डॉ.जी .एस .गुप्ता जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए समाज में जागरूक नागरिक बनने के लिए तमाम जानकारियों को अपने व्यवहार में और अभ्यास में शामिल करने की अपील ! महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ.अर्चना राजन ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए यह बताया कि इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से चयनित छात्र छात्राएं अपने जनपद में सड़क सुरक्षा की जानकारी से संबंधित एक ब्रांड एंबेस्डर के रूप में है और उन्हें समाज में अपने दायित्वों को पूरा करना है, वह स्वयं और अपने आसपास के लोगों को जागरूक करें कि किस प्रकार सावधानियां रखते हुए हम दुर्घटनाओं से बच सकते हैं और समाज को भी बचा सकते हैं! कार्यक्रम के अंत में डॉ .पवन कुमार मौर्या ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया! कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य , छात्राएं एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे!

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में मतदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 30 नवंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में मतदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। आज के कार्यक्रम में क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ जोसेफ डेनियल, उप प्रधानाचार्य डॉ सबीना बोदरा , प्रोग्राम ऑफिसर डॉ सुनीता वर्मा एवं हमारे मुख्य अतिथि एनएसएस कोऑर्डिनेटर सीएसजेएम कानपुर डॉ के एन मिश्रा आदि मौजूद थे।

प्रधानाचार्य और मुख्य अतिथि ने एनएसएस इकाई के छात्र एवं छात्राओं को मतदान के प्रति जागरूक किया तथा उन्हें कई महत्वपूर्ण सूचनाओं से अवगत कराया। एनएसएस के छात्र एवं छात्राओं ने आज मतदान जागरूकता के संबंध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम में एनएसएस इकाई के छात्रों के प्रतिनिधि हर्षवर्धन दीक्षित एवं खुशी मल्होत्रा ने अपनी एनएसएस की टीम जिनमें आयुष कुमार, अरबाज खान, गिरीशा माथुर, वर्षा आनंद, आयुषी पाठक, सय्यद मोमीन, दीपांशी, मैत्री पन्ना, कांची त्रिपाठी, आशुतोष शुक्ला, पवन श्रीवास्तव, सिमरन गौतम, मुस्कान मिश्रा, मानसी त्रिपाठी, बिना खातून, सृष्टि त्रिपाठी, साक्षी, शालिनी सिंह, श्रद्धा गुप्ता, संस्कृति सिंह। इन्होंने कार्यक्रम का आयोजन किया।

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आयुक्त, डॉ. राज शेखर ने मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक बुलायी

कानपुर 30 नवंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, आयुक्त, डॉ. राज शेखर की अध्यक्षता में आज मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक बुलायी गयी। बैठक में उद्योग संघों के सदस्य एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। पनकी और दादा नगर औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क के कार्यों के संबंध में आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि दादा नगर और पनकी को जोड़ने वाले पुल तक पहुंचने वाले मार्ग को तत्काल पूरा किया जाए। इस संबंध में एक समयरेखा अगले 2 दिनों में उपलब्ध कराई जानी चाहिए। दादा नगर के पास रिटेनिंग वॉल का कार्य भी निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। जैनपुर औद्योगिक क्षेत्र में हाई मास्ट लाइट के संबंध में बताया गया कि दिसंबर में काम शुरू हो जाएगा. आयुक्त ने आरएम, यूपीएसआईडीए को इस कार्य को पूरा करने के लिए समय सीमा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। जैनपुर औद्योगिक क्षेत्र में सीईटीपी के मुद्दे पर भी चर्चा हुई और बताया गया कि अगले 10 दिनों में काम शुरू हो जाएगा । रनिया औद्योगिक क्षेत्र की जल निकासी समस्या के संबंध में आयुक्त ने संयुक्त आयुक्त उद्योग को दिनांक 04.12.2021 को कानपुर देहात में स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक बुलाने का निर्देश दिया । लगातार कोशिशों के बावजूद हाउस टैक्स की समस्या अनसुलझी है। आयुक्त ने संयुक्त आयुक्त उद्योग को मामले को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ ए.सी.एस. नगर विकास से मिलने का निर्देश दिया। सीएफओ, कानपुर देहात एवं डीसी, कानपुर देहात को डीएम कानपुर देहात के समन्वय से 15.12.2021 तक रानिया में फायर स्टेशन के लिए भूमि को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया गया था। इसी तरह यह निर्देश दिया गया था कि सीएफओ, कानपुर नगर को तुरंत पनकी फायर स्टेशन के लिए शेष बजट की मांग प्रेषित करें । यह भी निर्देश दिया गया था कि संयुक्त आयुक्त उद्योग, एडीएम (नगर), सी.एफ.ओ. और उद्योग संघों की एक समिति को फायर स्टेशन का दौरा करना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसे पूरा होने तक आपातकालीन उपयोग के लिए संचालित किया जा सकता है या नहीं। अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग ने समिति को बताया कि मेधनीपुरवा से बिठूर को जोड़ने वाली सड़क का कार्य फरवरी 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा आयुक्त ने उद्योग संघों को अगले तीन दिनों में अपने सदस्यों की बैठक आयोजित करने और सख्ती से कोई भी कूड़ा न जलाने के निर्देश दिए। अगर ऐसा पाया जाता है तो उद्योगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। नगर निगम को औद्योगिक क्षेत्रों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। समिति के संज्ञान में लाया गया कि भौंती-भीमसेन मार्ग को चौड़ा करते समय सड़क के बीचो-बीच बिजली के पोल आ गए। आयुक्त ने इसे बहुत गंभीरता से लिया और एस.ई., पीडब्ल्यूडी को यह जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया कि मूल आंगणन में इसे क्यों नहीं सम्मिलित किया गया। निर्देश दिया गया कि सड़क के बीचों-बीच खंभों को अविलंब हटाया जाए। अधिशाषी अभियंता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने बंसल और कैलाश फीडर में ट्रिपिंग रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों से समिति को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 33 के.वी. पावर स्टेशन के कंडक्टर बदलने का कार्य 15 जनवरी, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। एन.एच.ए.आई. के प्रतिनिधि रनिया में ओवर ब्रिज और अतिक्रमण के मुद्दे को विशेष रूप से स्पष्ट नहीं कर सके।

आयुक्त ने एन.एच.ए.आई. के प्रतिनिधि को चेतावनी दी और संयुक्त आयुक्त उद्योग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बैठक में जी.एम., एनएचएआई पूरे विवरण के साथ मौजूद रहे। यह भी निर्देश दिया गया कि डीएम, कानपुर देहात उद्योग संघों और एन.एच.ए.आई. के अधिकारियों के साथ साइट का दौरा करें और 07.12.2021 तक संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सभी विभागीय अधिकारियों को विभिन्न कार्यों के लिए दी गई समय-सीमा का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए गए। बैठक का संचालन श्री सर्वेश्वर शुक्ला, संयुक्त आयुक्त उद्योग, कानपुर मण्डल द्वारा किया गया।

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