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मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र महत्वपूर्ण वृद्धि के लिए तैयार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी अधिनियम2013 के अधीन  धारा कंपनी के रूप में एनीमेशनविजुअल इफेक्ट्सगेमिंगकॉमिक्स एंड एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसीएक्सआरके लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओईकी स्थापना को मंजूरी प्रदान की हैजिसमें फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और भारतीय उद्योग परिसंघ भारत सरकार के साथ भागीदार के रूप में उद्योग निकायों का प्रतिनिधित्व करेंगे। एनसीओई की स्थापना मुंबईमहाराष्ट्र में की जाएगी और यह देश में एक एवीजीसी कार्य बल की स्थापना के लिए केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री की वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अनुसरण में है।

एवीजीसीएक्सआर क्षेत्र आज मीडिया और मनोरंजन के पूरे क्षेत्र में अपरिहार्य भूमिका निभाता हैजिसमें फिल्म निर्माणओवर द टॉप (ओटीटीप्लेटफॉर्म, गेमिंगविज्ञापन तथा  स्वास्थ्यशिक्षा और अन्य सामाजिक क्षेत्रों सहित कई अन्य क्षेत्र शामिल हैंइस प्रकार देश की विकास गाथा की समग्र संरचना को समेटे हुए है। तेजी से विकसित हो रही तकनीक और पूरे देश में इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथसाथ सबसे सस्ती डेटा दरों सहितवैश्विक स्तर पर एवीजीसीएक्सआर का उपयोग तेजी से बढ़ने को तैयार है।

एवीजीसीएक्सआर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना

इस तेज गति को बनाए रखने के लिएदेश में एवीजीसीएक्सआर इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के शीर्ष संस्थान के रूप में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की जा रही है। एनसीओई शौकिया और पेशेवर दोनों को अत्याधुनिक एवीजीसीएक्सआर तकनीकों के नवीनतम कौशलों से लैस करने के लिए विशेष प्रशिक्षणसहशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करने के साथसाथ,अनुसंधान एवं विकास को भी बढ़ावा देगा और कंप्यूटर विज्ञानइंजीनियरिंगडिजाइन और कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा जो एवीजीसीएक्सआर क्षेत्र में बड़ी सफलताओं का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र घरेलू उपयोग और वैश्विक आउटरीच दोनों के लिए भारत के आईपी के निर्माण पर भी व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित करेगाजिससे कुल मिलाकर भारत की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित कॉन्टेंट का सृजन होगा। इसके अलावाएनसीओईएवीजीसीएक्सआर क्षेत्र में स्टार्टअप और शुरुआती अवस्था वाली  कंपनियों को प्रोत्साहन देने के लिए उन्हें संसाधन प्रदान करते हुए एक इनक्यूबेशन सेंटर के रूप में कार्य करेगा। साथ हीएनसीओई केवल एक अकादमिक उत्प्रेरक के रूप में ही नहींबल्कि उत्पादन/उद्योग उत्प्रेरक के रूप में भी काम करेगा।

एनसीओई को एवीजीसीएक्सआर उद्योग के विकास के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में स्थापित किए जाने से यह देश के सभी हिस्सों के युवाओं के लिए रोजगार के सबसे बड़े स्रोतों में से एक के रूप में काम करेगा। इससे रचनात्मक कला और डिजाइन क्षेत्र को बहुत बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत पहल के लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए भारत को एवीजीसीक्सआर गतिविधियों का केंद्र बनाया जा सकेगा।

एवीजीसीएक्सआर के लिए एनसीओई भारत को अत्याधुनिक कॉन्टेंट उपलब्ध कराने वाले कॉन्टेंट हब के रूप में स्थापित करेगाजिससे वैश्विक स्तर पर भारत की सॉफ्ट पावर बढ़ेगी और मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र के प्रति विदेशी निवेश आकर्षित होगा।

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शान ए अवध के बैनर तले संगीत का समागम हुआ

भारतीय स्वरूप संवाददाता लखनऊ स्थित होटल पिनेकल में शान ए अवध के बैनर तले नए पुराने गीतों के साथ संगीत की बेहतरीन महफिल सजी, जिसमे गायकी के शौकीनों ने अपनी कला से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस संगीतमय कार्यक्रम में हिंदुस्तान के विभिन्न कोनो से लोग आए और अपनी कला का जौहर दिखाया

संगीत के इस कार्यक्रम का शुभारम्भ माता सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया, सूरों  के महारथियों ने गायकी के जलवे बिखेरे। नए पुराने गीतों के साथ पूरे दिन सुरों की गंगा यमुना बही,

अत्यंत ही खुशनुमा माहौल में गायक गायिका अपने गीत गाने के बाद दूसरों के लिए श्रोता भी थे एक दूसरे की गायकी को मंत्रमुग्ध से सुनते साथ में नाचते गाते रहे, अलग अलग गायकों के गाए गीतों से पूरा प्रांगण संगीतमय हो गया लोगों से बात करने पे उन्होंने कहा कि वक्त का पता ही नहीं चला कब सुबह से रात हो गई।

 

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अतुल दीक्षित  “सम्पादक मुद्रक स्वामी”

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पी०के० इण्डस्ट्रीज में दादू ब्रांड नाम से बनाया जा रहा था अत्यंत गन्दगी के साथ सेंधा नमक, काला नमक एवं साधारण नमक

कानपुर 03 सितम्बर, (सू0वि0) सहायक आयुक्त खाद्य-II, कानपुर नगर संजय प्रताप सिंह ने बताया है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, संजय वर्मा एवं डा० अजय कुमार मौर्य के द्वारा हंसपुरम नौबस्ता कानपुर नगर स्थित पी०के० इण्डस्ट्रीज में औचक छापेमारी की गयी उक्त इण्डस्ट्री में अत्यन्त गन्दगी के साथ सेंधा नमक, काला नमक एवं साधारण नमक दादू ब्राण्ड के नाम से पैकिंग कर मानव उपभोग हेतु विक्रयार्थ भण्डारित करते हुए पाया गया। काला नमक में साधारण नमक की मिलावट की जा रही थी। कार्यस्थल पर कार्मिको द्वारा तैयार व पैक्ड नमक पर जूते पहनकर चला जा रहा था। तत्क्रम में उपरोक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम द्वारा मौके पर ही सेंधा नमक, काला नमक एवं साधारण नमक के तीन नमूने संग्रहित किये गये एवं साथ ही 25 कुन्टल काला नमक, कीमत 1,99,680/- (रू० एक लाख निन्याबे हजार छः सौ अस्सी) तथा 50 कुन्टल साधारण नमक कीमत 24,995/- (रू० चौबीस हजार नौ सौ पन्चानबे) को सीज कर दिया गया। निर्माणस्थल की साफ-सफाई व अन्य कार्यों के सुधार करने तक वहां पर निर्माण कार्य को रोक दिया गया।

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प्रदेश सरकार के ‘‘हर घर को नल से जल’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत लगभग 2.25 करोड़ आबादी को जलापूर्ति

लखनऊ: 02 सितम्बर, प्रदेश में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति हेतु केन्द्र सहायतित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का संचालन केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 50ः50 प्रतिशत वित्त पोषण के आधार पर किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत ‘‘हर घर को नल से जल‘‘ उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही तेजी से की जा रही है। भारत सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त अनाच्छादित बस्तियों को पाइप पेयजल योजनाआंे से वर्ष 2024 तक आच्छादित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के क्षेत्र मंे तेजी से कार्य किये गये है। प्रदेश में कुल 2.6584 करोड़ घरों को वर्ष 2024 तक शुद्ध पाइप पेयजल से आच्छादित किया जाना लक्षित है।

प्रदेश में अब तक लगभग 2.2359 करोड़ (84.10ः) फन्कशनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (एफ0एच0टी0सी0) के माध्यम से ग्रामीण आबादी को पाइप पेयजल योजना से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है तथा अवशेष लगभग 42.25 लाख घरों में एफ0एच0टी0सी0 का कार्य वर्ष 2024 तक पूर्ण किया जा रहा है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 41 सतही स्रोत जल आधारित एवं 423 भूजल आधारित पाइप पेयजल परियोजना के माध्यम से कुल 3748 राजस्व ग्रामों में 11,22,994 एफ0एच0टी0सी0 के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति किये जाने के सापेक्ष बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अद्यतन 10,92,000 एफ0एच0टी0सी0 उपलब्ध कराया जा चुका है।
विन्ध्य क्षेत्र में 21 सतही स्रोत जल परियोजनाओं एवं 140 भूजल आधारित परियोजनाओं के माध्यम से 2998 राजस्व ग्रामों में 5,98,999 एफ0एच0टी0सी0 के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूति दिसम्बर, 2024 तक किये जाने के सापेक्ष अद्यतन 5,27,230 एफ0एच0टी0सी0 उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रदेश के अन्य जनपदों हेतु 33 कार्यदायी फर्मों को सूचीबद्ध करते हुए समस्त राजस्व ग्रामों में कार्य आवंटित किया गया है। प्रदेश के गुणता प्रभावित जनपदों आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, बलिया, उन्नाव, प्रयागराज एवं चन्दौली के 6439 राजस्व ग्रामों में 14 सतही स्त्रोत आधारित योजनाओं का कार्य चयनित फर्मों द्वारा किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के समस्त 75 जनपदों की 58,287 ग्राम पंचायतों में कुल 163 आई0एस0ए0 संस्थाओं को कार्य आवंटित किया गया था। आई0एस0ए0 द्वारा तीन चरणों में जन जागरूकता संबंधित कार्य संपादित किए जा रहें है- योजना चरण, कार्यान्यवयन चरण, पोस्ट कार्यान्वयन चरण पर कार्य किये गये है।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक राजस्व ग्राम में 05 महिलाओं को जल गुणवत्ता की जांच हेतु को एफ0टी0के0 के माध्यम से अब तक कुल 5,57,958 महिलाओें को प्रशिक्षित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 36,73,192 एवं चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 18,01,841 पेयजल स्रोतों की जांच की गयी है। प्रदेश में जल जीवन मिशन एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से कुल 1,14,807 स्कूलों एवं 1,51,258 आंगनबाड़ी केन्द्रों मेें पाइप द्वारा पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराई गयी है।
योजना के सुचारू रूप से संचालन एवं रखरखाव हेतु प्रदेश में प्रति ग्राम पंचायत 06 ट्रेड मेें 13 व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 1,16,037 प्लम्बर, 116007 पम्प ओपरेटर, 1,15,505 मोटर मैकैनिक 1,16,078 फिटर, 1,16667 इलेक्ट्रीशियन तथा 175880 मेशन, कुल 756174 कर्मियों को प्रश्क्षिित करते हुये स्वरोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है।
योजना को भविष्य मेें सही दिशा में चलाये रखने हेतु पंचायती राज इंस्टीट्यूशन का प्रशिक्षण वर्तमान में चल रहा है जिसमें प्रधान, वार्ड मेम्बर्स, बी0डी0सी0 मेम्बर्स, जिला पंचायत सदस्य, सचिव, लेखपाल तथा रोजगार सेवक को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब तक 945959 हितग्राहियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा धनराशि रू0 22000.00 करोड़ का बजट प्राविधान किया गया है। भारत सरकार द्वाररा केन्द्रांश में आवंटित धनराशि रू012621.95 करोड़ के सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष में धनराशि रू03786.58 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है। राज्य सरकार द्वारा मैचिंग राज्यांश/शार्ट फॉल/सेन्टेज के सापेक्ष अब तक कुल धनराशि रू0 2498.80 करोड़ अवमुक्त की जा चुकी है। कुल उपलब्घ धनराशि के सापेक्ष अद्यतन रू0 4684.41 करोड़ व्यय किया गया है।

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विश्वरूप एजुकेशन की निदेशिका डॉ. शैली बिष्ट प्रतिष्ठित माँ जीजाबाई शिक्षक सम्मान से सम्मानित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, विश्वरूप एजुकेशन की निदेशक डॉ. शैली बिष्ट को क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए प्रतिष्ठित माँ जीजाबाई शिक्षक सम्मान प्राप्त हुआ। यह कार्यक्रम फोरम ऑफ पब्लिक स्कूल्स और विश्वरूप एजुकेशन द्वारा आयोजित किया गया था, और यह 31 अगस्त, 2024 को शालीमार बाग के ग्रीन लाउंज बैंक्वेट हॉल में हुआ। यह अवसर शिक्षक दिवस के साथ मेल खाता था, जिससे इस आयोजन का महत्व और महत्व और बढ़ गया। विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ी। इस अवसर की मुख्य अतिथि माननीय लोकसभा सदस्य श्रीमती कमलजीत सहरावत थीं। इसके अतिरिक्त, दिल्ली सरकार के शिक्षा सचिव श्री अशोक कुमार आईएएस भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। समारोह के दौरान विभिन्न स्कूलों के लगभग 80 प्रधानाध्यापकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। प्रत्येक प्रिंसिपल को भावी पीढ़ी को आकार देने और अपने छात्रों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के प्रति उनके समर्पण के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के बाद, इन उल्लेखनीय शिक्षकों के प्रयासों का जश्न मनाने और उन्हें स्वीकार करने के लिए एक दोपहर के भोजन का आयोजन किया गया। इसने उपस्थित लोगों को जुड़ने, अनुभव साझा करने और शिक्षा के क्षेत्र में आगे के सहयोग पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया। कुल मिलाकर, माँ जीजाबाई शिक्षक सम्मान कार्यक्रम समाज के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों द्वारा किए गए अमूल्य योगदान को स्वीकार करने का एक यादगार और महत्वपूर्ण अवसर था।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वोच्च न्यायालय के 75 वर्ष पूरे होने पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आज भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित जिला न्यायाधीशों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान इस डाक टिकट का अनावरण किया गया।

इस कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉडीवाईचंद्रचूड़ केन्द्रीय विधि एवं न्याय तथा संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

यह स्मारक टिकटभारत की न्यायिक प्रणाली में सर्वोच्च न्यायालय के अमूल्य योगदान तथा राष्ट्र के कानूनी परिदृश्य को स्वरुप प्रदान करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का प्रतीक है। 28 जनवरी1950 को स्थापित सर्वोच्च न्यायालय कानून के शासन को बनाए रखनेनागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने तथा पूरे देश में न्याय प्रशासन सुनिश्चित करने में अग्रणी रहा है।

संचार मंत्रालय के अंतर्गत डाक विभागयह स्मारक डाक टिकट जारी करते हुए गर्व का अनुभव कर रहा हैजो भारत के न्यायिक इतिहास में सर्वोच्च न्यायालय की स्थायी विरासत का प्रमाण है।

यह आयोजनभारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हैजिसके तहत देश में न्याय और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की प्रतिबद्धता के साढ़े सात दशकों का उत्सव मनाया जा रहा है।

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भारतीय सेना ने प्रोजेक्ट नमन का शुभारंभ किया: पूरे भारत में स्पर्श-केंद्रित कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए जाएंगे

भारतीय सेना ने थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सैनिकों की पत्नियों के कल्याण के लिए काम करने वाली संस्‍था (एडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूए) की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता द्विवेदी की उपस्थिति में प्रोजेक्ट नमन के पहले चरण का शुभारंभ किया। यह परियोजना रक्षा पेंशनभोगियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को सहयोग और सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाई गई है, प्रोजेक्ट नमन स्पर्श (सिस्‍टम फॉर पेंशन एडमिन्‍सट्रेशन रक्षा), डिजिटल पेंशन प्रणाली के कार्यान्वयन पर केंद्रित है, जो रक्षा पेंशनभोगियों के लिए पेंशन संबंधी प्रक्रियाओं को सुगम बनाती, देश भर के पूर्व सैनिकों और उनके निकटतम परिजनों (एनओके) के लिए सुलभ सुविधा केन्‍द्रों की महत्वपूर्ण आवश्यकता संभव बनाती है।

इसके शुभारंभ के अवसर पर, जनरल उपेन्‍द्र द्विवेदी ने कहा कि इस सेवा की शुरूआत से पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को वह देखभाल और सहायता मिलेगी जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने सैन्य स्टेशनों और आसपास के इलाकों की पूरी आबादी तक इन आवश्यक सेवाओं को पहुंचाने और उनका विस्तार करने में परियोजना की भूमिका पर प्रकाश डाला।

इस परियोजना में स्वागत और सुविधा केन्‍द्रों की स्थापना शामिल है। इसके लिए पिछले वर्ष सितम्‍बर 2023 में भारतीय सेना के डायरेक्‍टरेट ऑफ इंडियन आर्मी वैटरंस (एडजुटेंट जनरल की शाखा), कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए गए थे। ये कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पूर्व सैनिकों, पेंशनभोगियों, शहीदों की विधवाओं और शहीदों के परिजनों को स्पर्श-सक्षम पेंशन सेवाएं, सरकार से नागरिक (जी2सी) सेवाएं और व्यवसाय से उपभोक्ता (बी2सी) सेवाएं, सभी एक ही सुविधाजनक स्थान पर प्रदान करते हैं।

प्रोजेक्ट नमन के पहले चरण में, भारत भर में प्रमुख स्थानों पर 14 सीएससी स्थापित किए गए हैं, जिनमें नई दिल्ली, जालंधर, लेह, देहरादून, लखनऊ, जोधपुर, बेंगलुरू, गोरखपुर, झांसी, सिकंदराबाद, सागर, गुंटूर, अहमदाबाद और बेंगलुरु शामिल हैं। अगले 2-3 वर्षों में देश भर में लगभग 200 केन्‍द्र स्थापित करने की योजना के साथ, इस परियोजना का काफी विस्तार होना है। बैंकिंग भागीदार, एचडीएफसी बैंक ने सीएससी को चालू करने के लिए आवश्यक आईटी बुनियादी ढांचा प्रदान किया है, जबकि स्थानीय सैन्य स्टेशनों ने आवश्यक बुनियादी ढांचा और सुविधाएं उपलब्‍ध कराई हैं।

प्रोजेक्ट नमन की कल्पना रक्षा समुदाय से सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श और जानकारी हासिल करने के बाद की गई थी, जो सेवारत और सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह पहल न केवल सम्मानित दिग्गजों को आवश्यक देखभाल और सहायता प्रदान करती है, बल्कि सैन्य स्टेशनों और आसपास के इलाकों की संपूर्ण आबादी को भी सेवाएं प्रदान करती है।

प्रत्येक सीएससी का प्रबंधन एक ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) करता है, जिसे संबंधित स्थानीय सैन्य प्राधिकरण (एलएमए) द्वारा पूर्व सैनिकों या एनओके में से चुना जाता है। इन वीएलई को सीएससी ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड द्वारा शामिल किया जाता है और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है। एचडीएफसी बैंक भी पहले 12 महीनों के लिए ₹ 20,000 का मासिक अनुदान प्रदान करता है, जिससे केंद्रों के स्थिरीकरण और स्थायित्व में सहायता मिलती है।

प्रोजेक्ट नमन भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति समर्पण का प्रमाण है। एक ही स्थान पर स्पर्श केंद्रित सुविधा, सामान्य रूप से आवश्यक ई-गवर्नेंस सेवाएं और बैंकिंग समाधान प्रदान करके, परियोजना दिग्गजों और एनओके के लिए उद्यमशीलता के अवसर भी पैदा करती है।

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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक अपने प्रमुख कार्यक्रम ‘आपका बैंक, आपके द्वार’ के माध्यम से लोगों को विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान कर रहा है – पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में एक उपक्रम के रूप में कार्यरत इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने ‘आपका बैंक, आपके द्वार’ कार्यक्रम को विस्तार देते हुए पिछले 6 वर्षों की अपनी यात्रा के दौरान कई अभूतपूर्व सफलताएं अर्जित की हैं। बैंक की ग्रामीण इलाकों में वित्तीय सेवाओं के विस्तार और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके माध्यम से केन्द्र और राज्य सरकार की अनेकों जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों तक भी आसानी से पहुंचाया जा रहा है। उत्तर गुजरात क्षेत्र, अहमदाबाद में बड़े डाकघर के पोस्टमास्टर जनरल  कृष्ण कुमार यादव ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के 7वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित किये गए कार्यक्रम में यह बात कही। इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक-आईपीपीबी की स्वतंत्र निदेशक सुश्री जयश्री वृजलाल दोशी, आईपीपीबी के सहायक महाप्रबंधक डॉ. राजीव अवस्थी, मुख्य प्रबंधक श्री कपिल मंत्री और मुख्य पोस्टमास्टर श्री रितुल गांधी के साथ केक काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। श्री कृष्ण कुमार यादव ने आईपीपीबी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1 सितंबर, 2018 को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया था। यह जानकारी देना महत्वपूर्ण है कि गुजरात मण्डल में 33 लाख से अधिक आईपीपीबी खाते संचालित हो रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में गुजरात में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के द्वारा अब तक 1.19 लाख खाता धारकों का सामान्य सुरक्षा बीमा, सीईएलसी के तहत 1.80 लाख लोगों का घर बैठे मोबाइल अद्यतन और 2571 बच्चों का आधार नामांकन किया गया है। इसके अलावा, 15 लाख से अधिक लोगों को 242 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए भुगतान भी हुआ है। इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने दूरदराज के इलाकों में भी अनेक लोगों को उनके द्वार पर ही कागज रहित, नकदी रहित और समयसीमा रहित बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करके बैंकिंग परिदृश्य को एक नया स्वरूप प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की विभिन्न सेवाओं का फायदा उठाने वाले प्रमुख लाभार्थी वित्तीय रूप से समाज के सबसे अधिक वंचित व कमजोर वर्ग के लोग हैं और बैंक ने किफायती नवाचार तथा सरल एवं सहज उपयोगकर्ता इंटरफेस के माध्यम से समाज के अंतिम छोर तक सहायक व आसान बैंकिंग को सुलभ बनाया है।  कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आईपीपीबी की 44% ग्राहक महिलाएं हैं और यह संख्या महिला सशक्तिकरण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी प्रदर्शित करती है। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक पहुंचाने वाले हमारे डाकिये और ग्रामीण डाक सेवक आईपीपीबी के माध्यम से एक चलते-फिरते बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक अपने डाकियों के माध्यम से घर-घर तक विभिन्न सेवाएं उपलब्ध करा रहा है, जिनमें सीईएलसी सुविधा के माध्यम से 5 वर्ष तक के बच्चों का आधार नामांकन और मोबाइल अद्यतन करना, डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, आधार सक्षम भुगतान प्रणाली, बिलों का भुगतान, वाहन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना आदि शामिल हैं। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के पास इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का खाता है तो डाकघर की सुकन्या योजना, आरडी, पीपीएफ और डाक जीवन बीमा में उनका धन ऑनलाइन भी जमा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आईपीपीबी उन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रति वचनबद्ध है, जिन्हें बीमा और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसानी से पहुंच उपलब्ध नहीं है।

इस अवसर पर इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के सहायक महाप्रबंधक डॉ. राजीव अवस्थी ने कहा कि उनका बैंक डाक विभाग के विस्तृत एवं भरोसेमंद नेटवर्क के माध्यम से अपने ग्राहकों को वृहद पैमाने पर वित्तीय समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को नवरत्न का दर्जा प्राप्त हुआ

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को वित्त मंत्रालय द्वारा 30 अगस्त, 2024 को नवरत्न का दर्ज़ा प्राप्त हुआ।

अपने गठन के 13 वर्ष पूरे करने के बाद, एसईसीआई एक अग्रणी सीपीएस  है जो भारत में अक्षय ऊर्जा क्षमता के विकास और विस्तार के लिए समर्पित है, जिसकी संचयी उत्पादन क्षमता 69.25 जीडब्ल्यू है और वार्षिक बिजली व्यापार मात्रा 42 बिलियन यूनिट से अधिक है। एसईसीआई भारत की अग्रणी अक्षय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसी (आरईआईए) है जो जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और सतत विकास के लिए प्रयासरत है।

कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में 20.85% की वृद्धि दर्ज करते हुए 13,118.68 करोड़ रुपये का समेकित वार्षिक कारोबार और वित्तीय वर्ष 2023-24 में 34.89% की वृद्धि दर्ज करते हुए 510.92 करोड़ रुपये का कर-पश्चात लाभ (पीएटी) दर्ज किया है।

नवरत्न सीपीएसई के रूप में वर्गीकरण से एसईसीआई को वित्तीय और परिचालन मामलों में स्वायत्तता बढ़ाने में मदद मिलेगी और बेहतर चपलता, बेहतर भौगोलिक उपस्थिति और प्रौद्योगिकी फोकस के माध्यम से कंपनी के विकास पथ को गति मिलेगी। यह भारत के सतत ऊर्जा की ओर संक्रमण पर सरकार के फोकस का एक और संकेत है।

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9 फॉर्मों को मिलाकर एकल फॉर्म बनाया गया: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए नया एकल एकीकृत पेंशन फॉर्म जारी किया”

पूरे देश में वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नौ अलग-अलग प्रपत्रों (फॉर्म) को मिलाकर एक एकीकृत फॉर्म शुरू करने की घोषणा की। यह पहल वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता को दिखाती है, जिससे वे अपने बहुमूल्य समय की बचत करते हुए अपनी ऊर्जा और विशेषज्ञता को संरक्षित करके “विकसित भारत” की सोच में प्रभावी रूप से अपना योगदान करने में सक्षम हो सकेंगे।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image00208E8.jpg
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग व अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री ने डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस सुधार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एकल सरलीकृत पेंशन आवेदन फॉर्म और ई-एचआरएमएस के साथ भविष्य का डिजिटल एकीकरण‘ की शुरुआत पेंशन विभाग की एक और उपलब्धि है, जिसने हमारे वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार सुधार प्रस्तुत किए हैं। यह कदम केवल सुविधा के बारे में नहीं है, बल्कि यह हमारे बुजुर्गों के समय व अनुभव का सम्मान करने और यह सुनिश्चित करने के संबंध में है कि वे सम्मानजनक, कठिनाई मुक्त जीवन जी सकें।”

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्राथमिकता को साकार करने और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को लेकर दोनों विभागों को इन संयुक्त प्रयासों के लिए बधाई दी। पेंशन विभाग पिछले कुछ वर्षों में कई ऐतिहासिक सुधार लागू करने में अग्रणी रहा है। इनमें डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, पेंशन अदालतें, अनुभव पुरस्कार और सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श कार्यशालाएं शामिल हैं। ये पहल पूरे देश में पेंशनभोगियों के लिए पारदर्शिता, दक्षता और सुगम अनुभव सुनिश्चित करने में सहायक रही हैं। मंत्री ने पारिवारिक पेंशन शिकायतों के लिए विशेष अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने आगे बताया कि इसने 96 प्रतिशत निवारण दर का आंकड़ा पार कर लिया है, जिसमें आश्रित नाबालिग बच्चों, दिव्यांग बेटियों, विधवा/तलाकशुदा बेटियों, आश्रित माताओं और योद्धाओं की विधवाओं के लंबे समय से लंबित कई मामलों का समाधान शामिल है।

मंत्री ने विवरणों की व्याख्या की। उन्होंने कहा, “सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी, जो ई-एचआरएमएस पर हैं, वे ई-एचआरएमएस के माध्यम से प्रपत्र 6-ए भरेंगे (केवल पेंशन मामले) और सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी, जो ई-एचआरएमएस पर नहीं हैं, वे भविष्य पर प्रपत्र 6-ए भरेंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि पेंशनभोगी की ओर से एकल ई-साइन (आधार आधारित ओटीपी) के साथ प्रपत्र जमा करना पर्याप्त होगा।

डॉ. सिंह के अनुसार इस नए एकीकृत फॉर्म को पेंशनभोगियों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, जिससे विभिन्न फॉर्मों को संभालने की जटिलता कम होगी और जरूरी समय और प्रयास में भी काफी कमी आएगी। इस उपयोगकर्ता-अनुकूल दृष्टिकोण से लाखों वरिष्ठ नागरिकों को लाभ प्राप्त होने की आशा है, जिससे वे अपने पेंशन संबंधी मामलों को अधिक आसानी और सुविधा के साथ प्रबंधित कर सकेंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “सरकार वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने और राष्ट्र के विकास के लिए उनके ज्ञान व अनुभव का उपयोग करने के अपने दृष्टिकोण को लेकर प्रतिबद्ध है। यह नई पहल हमारी बुजुर्ग आबादी के जीवन को सीधे प्रभावित करने वाली प्रणालियों को सुगम और बेहतर बनाने के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।” चूंकि, सरकार इस तरह के सुधारों को निरंतर लागू कर रही है, डॉ. सिंह ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि बुजुर्ग लोग सम्मान व मानसिक शांति के साथ अपने स्वर्णिम वर्षों का आनंद ले सकें और “विकसित भारत” के विकास में भी अपना योगदान कर सकें।

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