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लेख/विचार

आई क्यू ए सी, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर एवं आई ई ई ई पी एस आई टी (छात्र शाखा) के संयुक्त तत्वावधान में दो-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन

आई क्यू ए सी, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर एवं आई ई ई ई  पी एस आई टी (छात्र शाखा) के संयुक्त तत्वावधान में दो-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला (ऑनलाइन) का आयोजन दिनांक 29 और 30 जुलाई, 2020 को किया गया, जिसका विषय था – “लर्निंग गूगल एप्स एंड मूडल फॉर ऑनलाइन एजुकेशन”. इस कार्यशाला द्वारा पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों के स्थान पर आज समय की आवश्यकतानुसार विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी.

                आज 29.07.2020 को कार्यशाला को आरम्भ करते हुए डॉ. आर. के. द्विवेदी (आई क्यू ए सी समन्वयक एवं इस कार्यशाला के संयोजक) ने सभी का स्वागत करते हुए समय की मांग के अनुसार इस कार्यशाला के आयोजन का महत्व बताया. कार्य की सफलता हेतु ईश्वर के आशीष अत्यंत आवश्यक होते हैं. इस कार्यशाला के आरम्भ में रेवरेंड सैमुअल पॉल लाल द्वारा कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रभु की प्रार्थना की गई. तत्पश्चात क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जोज़ेफ़ डेनियल ने इस प्रकार की कार्यशाला का आज के समय में बहुत महत्व बताया. विभिन्न आई सी टी साधनों के द्वारा शिक्षण में अब आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है और इस कार्यशाला द्वारा इनकी विस्तृत जानकारी दी जाएगी. इसके बाद कॉलेज के नैक समन्यवक और दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष, डॉ. डी. सी. श्रीवास्तव ने दो-दिवसीय कार्यशाला की अवधारणा, महत्व और क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला.

कार्यशाला के प्रथम दिन डॉ. विश्वनाथ बिटे (एसिस्टेंट प्रोफ़ेसर, अंग्रेज़ी विभाग, महाराष्ट्र राजकीय राजाराम महाविद्यालय, कोल्हापुर) ने गूगल एप्स और गूगल क्लासरूम के विषय में विस्तार से बताया और समझाया. उन्होंने डेमो क्लास के माध्यम से सभी बिंदु बहुत स्पष्टता से समझाए. यह समस्त कार्यक्रम वेब एक्स प्लेटफार्म पर संपन्न हुआ. डॉ. बिटे ने सभी शिक्षकों के लिए आज के समय की मांग के अनुसार आई सी टी साधनों की जानकारी को अनिवार्य बताते हुए गूगल की वृहद जानकारी से सभी को लाभान्वित किया.

आज की कार्यशाला का संचालन अत्यंत कुशलता से डॉ. अनिंदिता भट्टाचार्य (एसोसिएट प्रोफ़ेसर, रसायनशास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) द्वारा किया गया. 

 देश-भर से लगभग 450 प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला का लाभ उठाया.

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जिगर संक्रमण, नियंत्रण और प्रबंधन विषय पर व्यख्यान का आयोजन

जिगर संक्रमण, नियंत्रण और प्रबंधन, विषय पर होप एन जी ओ और SRMIT लखनऊ द्वारा एक पहल 19 जुलाई 2020 एक व्याख्यान कराया गया जिस्मे मुख्य वक्ता डॉ. गौरदास चौधरी जो वर्तमान में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, फोर्टिस चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक हैं। उन्होंने हेपेटाइटिस के प्रकार का विस्तृत विवरण बताया यह निदान उपचार लक्षण हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, लिवर सेरोसिस की सावधानियां और कोविड 19 के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए क्योंकि जिन मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली वीक है, उन्हें कोरोना वायरस से बहुत आसानी से प्रभावित किया जा सकता है। कार्यक्रम का समन्वय रसायन विज्ञान क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मीत कमल ने किया। डॉ डी के अवस्थी एडवाइजर और पवन सिंह चौहान पैटर्न एन ओ एस ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन भी मौजूद थे. कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और प्रतिभागियों के सभी प्रश्नों को स्पष्ट कर दिया गया।

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कोरोना संक्रमण के दौर में डाक विभाग ने आसान की बहनों की मुश्किलें, अब वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में भेजें राखी

भाईयों को डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी बहने ।

कोरोना संक्रमण के बीच भाई- बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 3 अगस्त को मनाया जायेगा और इसके लिए बहनों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में बहनों द्वारा भाईयों की कलाइयों पर बँधने वाली राखी सुरक्षित रूप में व तीव्र गति से भेजी जा सके, इसके लिए डाक विभाग ने विशेष प्रबन्ध किये हैं। इस हेतु जीपीओ और प्रधान डाकघरों में विशेष रुप से निर्मित रंगीन डिजाइनर वाटरप्रूफ राखी लिफाफों की ब्रिकी आरम्भ कर दी गई है। उक्त जानकारी लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ये डिजानइर राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे बारिश के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। राखी लिफाफों को चिपकाने हेतु इनमें विशेष स्टिकर का प्रयोग किया गया है जिससे इस हेतु गोंद की आवश्यकता नहीं होगी। 11 सेमी X 22 सेमी आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य दस रुपया मात्र  है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगो के साथ अंग्रेजी में राखी लिफाफा और नीचे दाहिने तरफ ‘हैप्पी राखी’  लिखा गया है। श्री यादव ने कहा  कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाकों से अलग करने में समय की बचत और पर्व के पूर्व वितरण कराने में भी सहूलियत  होगी। 

लखनऊ जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर श्री आरएन यादव ने बताया कि जीपीओ से सभी प्रधान डाकघरों को बिक्री के लिए राखी लिफाफे भिजवाए जा रहे हैं। जीपीओ में राखी लिफाफे खरीदने आई निहारिका गुप्ता ने कहा कि कोविड 19 के संक्रमण दौर में दूर शहर में नौकरी करने वाले अपने भाईयों को अब इस डिजाइनर लिफाफे के माध्यम से डाक विभाग द्वारा राखी भेजकर निश्चिन्त हो सकेंगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दी।

पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें द्वार का रहस्य और इससे जुड़े मालिकाना हक विवाद की पूरी कहानी
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर कहते हैं कि इसके तहखाना में इतना खजाना है कि जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती है। दुनिया का सबसे अमीर मंदिर और उसमें कुछ इसी तरह के सात तहखाने और इन्हीं तहखाने में है खरबों रुपए की दौलत जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन यह कोई कल्पना नहीं, कोई फसाना नहीं। यह पूरी हकीकत है। दुनिया के सबसे अमीर स्वामी पद्मनाभस्वामी मंदिर का रसूख जितना ज्यादा है, रहस्य उतना ही गहरा। हिंदुओं की आस्था, विरासत और इतिहास को समेटे पद्मनाभस्वामी मंदिर का सबसे बड़ा और गहरा रहस्य है इसका खजाना। 

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए ये फैसला दिया है। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमेटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। कोर्ट ने राजपरिवार के सेवादार के हक को तो बरकरार रखा है लेकिन देवता की पूजा के तरीके से लेकर, मंदिर की सम्पत्तियों के रखरखाव, श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसे तमाम काम का अधिकार 5 सदस्यीय प्रशासनिक कमेटी और 3 सदस्य एडवाइजरी कमेटी को सौंप दिया है। आज के इस विश्लेषण में आपको बताएंगे क्या है इस मंदिर की कहानी? इस मंदिर को दुनिया का अमीर मंदिर क्यों कहा जाता है? क्या है इसके सात दरवाजों का रहस्य? क्या है इसके प्रबंधन के अधिकार का विवाद, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया?

सोने की तरह चमकते गगनचुंबी मंदिर में इतना खजाना है जिसे देखकर आंखें फटी की फटी रह जाए। मंदिर में इतना सोना है कि देखने वालों की आंखें चौंधिया जाए। सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात, अशर्फियां, सोने की मूर्तियां और भी न जाने क्या-क्या? भगवान विष्णु का यह मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। कहते हैं कि इस मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति को भगवान विष्णु का वरदान मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है। लेकिन मंदिर को लेकर और भी बहुत कुछ कहा जाता है। मंदिर का सातवां दरवाजा खोलने वाला अभी तक पैदा नहीं हुआ। अकूत खजाना छुपाए मंदिर के सातवें दरवाजे को कोई चाबी नहीं खोल सकती है। मंदिर का सातवां दरवाजा मंत्र से कोई सिद्ध पुरुष ही खोल सकता है। यह भी कहा जाता है कि किसी और ने सातवां दरवाजा खोला तो प्रलय आ जाएगी

विश्व के सबसे प्राचीन मानव सभ्यता के जनकों में से एक भारत। हिन्द महासागर के किनारे बसा दक्षिण का एक प्रांत केरल। यहां कि राजधानी है तिरुवनंतपुरम जहां पर स्थित है इसरो का विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र। यहां से 15 किलोमीटर दूर तिरुवनंतपुरम सेंट्रल के निकट स्थित है वो मंदिर जो पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने की क्षमता रखता है- श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

देश की सबसे बड़ी अदालत में देश के सबसे अमीर मंदिर की निगहबानी को लेकर चल रहे विवाद पर राजवंश के हक में फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है।

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चलो करें बातें जो सुकूँ दें – पूर्णिमा तिवारी

तुम्हें कैसे लिखूं की तुम क्या हो मेरे
मेरी सारी कायनात हो तुम
ये दिन ये रात ये बादल ये बरसात
ये रोना ये हँसना
ये प्यार ये मनुहार
मेरी छोटी सी दुनिया
दुनिया की महफ़िल
रातों की नींद
निंदो में ख्वाब
जीवन का गीत
गीतों का राग
हो धड़कन मेरे हृदय की
हो रागिनी मेरे अधर की

चलो खत्म करें शिकवे शिकायतें
कुछ तहजीब निभाते हैं
कुछ खामियां हैं दोनों में
भुला उन्हें रिश्ते निभाते हैं
शिकवों का क्या
वो तो उम्र भर खत्म नही होंगे
बेवजह दिल क्यों दुखाते हैं
चलो करे बातें जो सुकून दे दिलों को
जो पड़ गए हैं छाले रिश्तों में उन्हें मरहम लगाते हैं।
आओ हम एक नई राह बनाते हैं

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एक्साईटेल कानपुर और लखनऊ में लाया किफ़ायती इंटरनेट

भारत के सबसे तेज़ी से विकसित होते ब्रॉडबैण्ड नेटवर्क एवं ऑन-द-गो स्ट्रीमिंग पार्टनर, एक्साइटेल ने लखनऊ शहर में अपना संचालन शुरू कर दिया है। ब्रॉडबैण्ड सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, एक्साइटेल शहर में  बिना किसी एफयूपी सीमा के किफ़ायती सशक्त प्लान लेकर आया है।  

o   पैसा वसूल एवं अनलिमिटेड एफयूपी ब्रॉडबैंड प्लान्स के साथ शुरू किया संचालन

o   वर्तमान में कंपनी कानपुर में 12,000 और लखनऊ में 6000 सब्सक्राइबर्स को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है

o   2021 तक 50000 उपभोक्ताओं तक पहुंचने की योजना

इस लॉन्च के अवसर पर विवेक रैना, सह-संस्थापक एवं सीईओ, एक्साइटेल ने कहा, ‘‘उत्तरप्रदेश सबसे महत्वपूर्ण बाज़ारों में से एक है और हमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपना संचालन शुरू करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। कोविड लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी मांग कई गुना बढ़ गई है क्योंकि ज़्यादातर लोग अब घर से ही काम कर रहे हैं। कारोबार, छात्रों की पढ़ाई और घरेलू कामकाज सभी इंटरनेट सेवाओं पर निर्भर हो गए हैं। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हम लखनऊ शहर में किफ़ायती दरों पर विश्वस्तरीय एफटीटीएच सेवाओं के साथ बेहतरीन प्लान लेकर आए हैं।’ 

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘‘हम पहले, दूसरे एवं तीसरे स्तर के शहरों में हर उस क्षेत्र की ज़रूरत को पूरा करना चाहते हैं, जो अब तक टेलीकॉम कंपनियों द्वारा भी उपेक्षित होते रहे हैं। एक्साइटेल में हम डिजिटल एक्सक्लुज़न को दूर करने, उपभोक्ताओं को हाई स्पीड इंटरनेट का अनुभव प्रदान करने तथा शहर के सभी क्षेत्रों में किफ़ायती दरों पर 100 फीसदी एफटीटीएच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए…

प्लान का नामविवरणस्पीड mbpsवैद्यताप्रति माह कीमत
एक्साइटेल फाइबर 100 699फाइबर          1001699
एक्साइटेल फाइबर 100 3M 1694फाइबर1003565
एक्साइटेल फाइबर100 6M 2940फाइबर1006490
एक्साइटेल फाइबर100 12M 5230फाइबर10012436
एक्साइटेल फाइबर 100 6 plus 3फाइबर1009405
एक्साइटेल फाइबर WFH 100 3 plus 1फाइबर1004508

एक्साइटेल ब्रॉडबैण्ड के बारे में: भारत का गो-टू स्ट्रीमिंग पार्टनर एक्साइटेल ब्रॉडबैण्ड तेज़ी से विकसित हो रहा है और वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, बैंगलोर, जयपुर, लखनऊ और कानपुर में इसके 390,000 से अधिक सब्सक्राइबर हैं। आईएसपी अब 2020 के अंत तक इस आंकड़े 500,000 तक पहुंचने की योजना बना रही है। एक्साइटेल ब्रॉडबैण्ड ने सितम्बर 2015 में इंडो-युरोपियन वेंचर के रूप में अपना संचालन शुरू किया। अपनी शुरूआत से ही एक्साइटेल अनूठी एवं बेजोड़ पहलों के ज़रिए भारत में ब्रॉडबैण्ड सेवाओं में क्रान्तिकारी बदलाव लाई है। सितम्बर 2019 में कंपनी देश में शीर्ष पायदान के 10 आईएसपी की सूची में शामिल हो गई है और उपभोक्ताओं के लिए सही मायनों में अनलिमिटेड एवं हाई स्पीड डेटा प्लान पेश करती है।   

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अपने स्मार्टफोन को काम के लिए बनाएं अनुकूल

आज स्मार्टफोन अपने उपयोगकर्ता के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है- यह न केवल कम्युनिकेशन डिवाइस बल्कि एंटरटेनमेन्ट हब, कॉन्टैक्ट बुक और गेमिंग कंसोल के रूप में काम करता है, बल्कि इसके ज़रिए आप जब चाहें, जहां चाहें अपने ऑफिस का काम भी कर सकते हैं। आज के समय में जब कोरोनावायरस  महामारी के चलते ज़्यादातर लोग अपने घर से काम कर रहे हैं, स्मार्टफोन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हालांकि ज़्यादातर लोगों की शिकायत रहती है कि स्मार्टफोन पर अपने ऑफिशियल डेटा को पर्सनल डेटा से अलग रखना आसान नहीं है। लेकिन स्मार्टफोन ब्राण्ड आज उपभोक्ताओं की इस समस्या को समझ रहे हैं और ऐसे फीचर्स लेकर आए हैं जो उपभोक्ताओं को ज़्यादा उत्पादक बनाए रखते हुए उनकी  इस समस्या को हल कर सकें। 

अपने स्मार्टफोन पर काम और निजी ऐप्स एवं डेटा को अलग रखने का सबसे आसान तरीका है कि आप एक अलग वर्क प्रोफाइल बनाएं। आप दो तरह से वर्क प्रोफाइल बना सकते हैं। पहला तरीका यह है कि आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप्स की कॉपी बनाने के लिए फोन के क्लोन स्पेस या ड्यूल स्पेस फीचर का इस्तेमाल करें- इसके बाद आप इन ऐप्स को निजी एवं पेशेवर काम के लिए अलग-अलग इस्तेमाल कर सकते हैं। दूसरा तरीका यह है कि आप एंड्रोइड पर मल्टी-यूज़र फीचर का इस्तेमाल करें। इस फीचर के साथ आप अपने यूज़र प्रोफाइल को अलग कर सकते हैं और इस प्रोफाइल में सिर्फ अपने काम से जुड़े ऐप और डेटा रख सकते हैं। आजकल ज़्यादातर एंड्रोइड फोन इस फीचर के साथ आते हैं। जैसे शाओमी की ओर से डपन्प, ओप्पो की ओर से कलर ओएस, सैमसंग का वन यू, वीवो का फन टच यूआई और वन प्लस का ऑक्सीजन ओएस। 

अगर आप अलग से प्रोफाइल नहीं बनाना चाहते, लेकिन अपने ऑफिशियल डेटा एंव ऐप्स को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो आप ऐप लॉक के साथ प्राइवेट सेफ फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह फीचर भी ज़्यादातर स्मार्टफोन ओएस पर उपलब्ध है अैर आप बड़ी आसानी से सैटिंग या निर्धारित ऐप के माध्यम से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑक्सीजन ओएस आपको ऐसा विकल्प देता है जिसके द्वारा आप लॉक  किए गए किसी भी ऐप के नोटिफिकेशन को हाईड कर सकते हैं। वहीं सैमसंग वन यूआई के साथ आप पूरे फोल्डर को ही हाईड कर सकते हैं। कलर ओएस इस संदर्भ में कुछ हटकर है- इसके द्वारा आप इंस्टॉल किए गए सभी ऐप्स के लिए डेटा को प्राइवेट सेफ में सुरक्षित रख सकते हैं। कलर ओएस भी ‘पर्सनल इन्फोर्मेशन प्रोटेक्शन’ फीचर के साथ आता है, जो आपको बेहतर गोपनीयता देता है। यह फीचर कॉल हिस्ट्री, मैसेज एवं अन्य जानकारी को आपकी पसंद के ऐप में भेजने में मदद करता है। 

घर से काम करते समय, बहुत से उपयोगकर्ताओं को अपने डोक्यूमेन्ट स्कैन कर, अपने सहकर्मियों के साथ साझा करने पड़ते हैं। ज़रूरी नहीं कि हर व्यक्ति के पास घर में स्कैनर हो, ऐसे में आपका स्मार्टफोन आपकी इस समस्या को हल कर सकता है। आजकल स्मार्टफोन पावरफुल कैमरा के साथ आते हैं, आप स्मार्टफोन पर कई थर्ड-पार्टी स्कैनिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं; यह बेहद आसान हो गया है। डोक्यूमेन्ट स्कैन के लिए दो सर्वश्रेष्ठ ऐप हैं- ऑफिस लैंस और अडोब स्कैन। स्मार्टफोन ओएस डेवलपर्स ने उपयोगकर्ताओं की ज़रूरत को समझते हुए कैमरा इंटरफेस में डोक्यूमेन्ट स्कैनिंग का फीचर शामिल किया है। खासतौर पर शाओमी के डपन्प पर डोक्यूमेन्ट स्कैनर और फाइंड एक्स2 पर कलर ओएस 7.1 आधुनिक एआई फीचर्स के साथ डोक्यूमेन्ट स्कैनिंग की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। 

आज के स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की एक और समस्या है कई ऐप्स पर एक साथ काम करना। एक समय में स्मार्टफोन पर हम कई ऐप्स एक साथ चलाते हैं और हमें काम के लिए कई और ऐप्स की ज़रूरत होती है। ऐसे में एक ऐप को बंद कर दूसरा ऐप खोलना मुश्किल हो सकता है, आजकल स्मार्टफोन इस समस्या का हल भी पेश करते हैं। क्विक साईडबार से आप तेज़ी से अपनी ज़रूरत के सभी ऐप खोल सकते हैं और स्प्लिट-स्क्रीन मोड में मल्टी-टास्किंग कर सकते हैं। आप साईडबार की मदद से स्क्रीन रिकॉर्डिंग शुरू कर सकते हैं, स्क्रीनशॉट ले सकते हैं, नोट्स/रिमाइंडर देख सकते हैं। साईडबार की अवधारणा पेश करने का श्रेय सैमसंग को जाता है। यह फीचर रियल-मी एवं ओप्पो स्मार्टफोन्स पर भी उपलब्ध है। अन्य ब्राण्ड्स की बात करें तो आप थर्ड पार्टी ऐप जैसे सर्कल साईडबार या साईडबार ऐप बाय डी-स्टुडियो का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

अपने स्मार्टफोन पर कई ऐप एक साथ रखने से एक और समस्या आती है- ढेरों नोटिफिकेशन। आप काम करते समय सिर्फ वहीं नोटिफिकेशन चाहते हैं जो आपके लिए महत्वपूर्ण हैं, ऑफिस के काम के दौरान पर्सनल नोटिफिकेशन आने से आपका ध्यान काम से हट जाता है। स्मार्टफोन ब्राण्ड आपकी इस समस्या को समझते हैं और इसीलिए तकरीबन सभी स्मार्टफोन ओएस नोटिफिकेशन मैनेज और कंट्रोल करने के विकल्प देते हैं। आप किसी पर्सनल ऐप का नोटिफिकेशन बंद कर सकते हैं या जब तक काम कर रहे हों तक तक इसे ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ पर डाल सकते हैं, जिससे ये नोटिफिकेशन हाईड हो जाते हैं और आप एकाग्रता के साथ अपना काम कर पाते हैं। लेकिन इसमें एक समस्या हो सकती है- हो सकता है कि आपके कुछ ज़रूरी इमेल, मैसेज मिस हो जाएं। इसके समाधान के लिए आप ओवरराईड सैटिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कुछ ऐप्स पर उपलब्ध है, और वो भी तब जब आपको फोन गूगल पिक्सल जैसे स्टॉक एंड्रोइड पर चलता हो। आप नोटिफिकेशन सेटिंग में जाकर ओवरराईड को चुन सकते हैं। स्टॉक एंड्रोइड के अलावा कलर ओएस भी डू नॉट डिस्टर्ब इनेबल होने के बावजूद चुनिंदा ऐप्स को नोटिफिकेशन भेजने की अनुमति देता है। इससे आपकी ज़रूरत के सभी ऐप्स के नोटिफिकेशन आपको मिलते रहते हैं। 

स्मार्टफोन ब्राण्ड पूरी कोशिश कर रहे हैं कि स्मार्टफोन को उपयोगकर्ता के लिए ज़्यादा से ज़्यादा उपयोगी बनाया जा सके। यही कारण है कि इनमें से ज़्यादातर सुझाव यूज़र इंटरफेस से जुड़े हैं। बिल्ट-इन फीचर, थर्ड पार्टी ऐप की तुलना में हमेशा बेहतर होते हैं। सैमसंग और डपन्प को इनके भरोसेमंद फंक्शन्स के लिए जाना जाता है, वहीं ऑक्सीजन ओएस अपने फास्ट और स्लीक यूआई के लिए विख्यात है। ओप्पो का कलर ओएस भी बेहतर अनुभव प्रदान करता है। आप इनमें से कोई भी स्मार्टफोन अपनाकर अपने काम को घर से बेहतर तरीके से कर पाएंगे और आपका स्मार्टफोन आपके काम के लिए सबसे महत्वपूर्ण बन जाएगा। 

लेखिका चारू खेरा IIMC से पत्रकारिता स्नातकोत्तर ( journalism post graduate )  हैं और भारत के विभिन्न बड़े मीडिया घरानों के साथ काम कर चुकी  हैं। अब वह प्रौद्योगिकी और जीवन शैली पर विभिन्न वेब प्रकाशन में योगदान देती है।

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भारतीय पुनर्जागरण के पुरोधा पुरुष, देशभक्त संत एवं विनम्रता की बेमिसाल नजीर थे स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवोकानन्द की शिक्षाएँ आज भी राह दिखाती हैं, नयी ऊर्जा प्रदान करती हैं

महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका मानवहितकारी चिन्तन एवं कर्म कालजयी होता है और युगों-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। स्वामी विवेकानंद हमारे ऐसे ही एक प्रकाश-स्तंभ हैं, वे भारतीय संस्कृति एवं भारतीयता के प्रखर प्रवक्ता, युगीन समस्याओं के समाधायक, अध्यात्म और विज्ञान के समन्वयक एवं आध्यात्मिक सोच के साथ पूरी दुनिया को वेदों और शास्त्रों का ज्ञान देने वाले एक महामनीषी युगपुरुष थे। जिन्होंने 4 जुलाई 1902 को महासमाधि धारण कर प्राण त्याग दिए थे। स्वामी विवेकानन्द का संन्यास एवं संतता संसार की चिन्ताओं से मुक्ति या पलायन नहीं था। वे अच्छे दार्शनिक, अध्येता, विचारक, समाज-सुधारक एवं प्राचीन परम्परा के भाष्यकार थे। काल के भाल पर कुंकुम उकेरने वाले वे सिद्धपुरुष हैं। वे नैतिक मूल्यों के विकास एवं युवा चेतना के जागरण हेतु कटिबद्ध, मानवीय मूल्यों के पुनरुत्थान के सजग प्रहरी, अध्यात्म दर्शन और संस्कृति को जीवंतता देने वाली संजीवनी बूटी, वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु हैं। वे अनावश्यक कर्मकांडों के विरुद्ध थे और हिन्दू उपासना को व्यर्थ के अनेक कृत्यों से मुक्त कराना चाहते थे। उन्होंने समाज की कपट वृत्ति, दंभ, क्रूरता, आडम्बर और अनाचार की भर्त्सना करने में संकोच नहीं किया। इन्हीं कारण वे तत्कालीन युवापीढ़ी के आकर्षण का केन्द्र बने, इसमें कोई शक नहीं कि वे आज भी अधिकांश युवाओं के आदर्श हैं। उनकी हमेशा यही शिक्षा रही कि आज के युवक को शारीरिक प्रगति से ज्यादा आंतरिक प्रगति की जरूरत है। वे युवकों में जोश भरते हुए कहा करते थे कि उठो मेरे शेरों ! इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो। वे एक बात और कहते थे कि जो तुम सोचते हो वह हो जाओगे। ऐसी ही कुछ प्रेरणाएं हैं जो आज भी युवकों को आन्दोलित करती हैं, पथ दिखाती हैं और जीने का दर्शन प्रदत्त करती हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नया भारत निर्मित करने की बात कर रहे हैं, उसका आधार स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाएं एवं प्रेरणाएं ही हैं।

स्वामी विवेकानन्द ने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में उनके प्रयासों एवं प्रस्तुति के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी भारतीय संस्कृति एवं आध्यात्मिक मूल्यों को सुदृढ़ कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली परिवार में जन्मे विवेकानंद आध्यात्मिकता की ओर झुके हुए थे। वे अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीव स्वयं परमात्मा का ही एक अवतार हैं। इसलिए मानव जाति की सेवा द्वारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, एस आर ग्रुप्स ऑफ इंस्टीट्यूशन लखनऊ, इजिप्ट नीदरलैंड एवं एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स, के सयुंक तत्वावधान में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन

एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स, एस आर ग्रुप्स ऑफ इंस्टीट्यूशन, लखनऊ, इजिप्ट नीदरलैंड एवं क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, के सयुंक तत्वावधान में विले द्वारा संचालित0 3 -05जुलाई 2020 से वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस का उद्दघाटन समारोह का आयोजन सैम्युल पॉल लाल ने प्रार्थना के, द्वारा किया गया। संयोजिका डॉ मीत कमल द्विवेदी ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया अध्यक्षीय भाषण प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता कुलपति द्वारा, चेयरमैन डॉ डी के अवस्थी एवं डॉ श्रद्धा जी, श्री पवन सिंह चौहान चैयरमेन एस आर ग्रुप्स ने महत्वपूर्ण वक्तव्य दिए । चिकित्सा शास्त्र में नई क्रांतिकारी प्रौद्योगिकियों ने जन्म लिया है, जिनसे न सिर्फ रोग-निदान की दुनिया में नए आयाम जुड़े हैं और नए डायग्नोस्टिक तौर-तरीके ईजाद हुए हैं, बल्कि जिंदगी की बुझ्ती सांसों को जिलाए रखने में काम आने वाले कई नए बेहतरीन इलाज भी विकसित हुए हैं. टेलीकॉम क्रांति ने मेडिकल साइंस की दुनिया में भी नई क्रांति ला दी है. मोबाइल फोन के एप्स4 (एप्लिकेशंस) ने डॉक्टर के लिए इलाज आसान और पिछले दसेक साल में नई टेक्नोलॉजी ने मेडिकल साइंस की दुनिया ही बदल दी है। मुख्य अतिथि ,डॉ मोहम्मद अध्यक्ष नेशनल रिसर्च सेंटर कायरो इजिप्ट ,मुख्य वक्ता प्रोफेसर सेड शालाबी उपाध्यक्ष साइंटिफिक रिसर्च एंड टेक कैरो इजिप्ट एवं प्रो.बिजॉय कुंडू मुख्य वैज्ञानिक , अध्यक्ष मेडिकल केमिस्ट्री सी एस आई आर-सी डी आर आई लखनऊ द्वारा जानकारी दी गई। इस में देश विदेश के वैज्ञानिकों 600 शिक्षकों ने ने सक्रीय सहभागिता की है।

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यही क्या प्यार होता है

मेरी किस्मत के पन्ने में जहाँ पर ‘प्यार’ लिक्खा था,
गुलाबी रात लिक्खी थी, जहाँ इज़हार लिक्खा था,
महकती चाँदनी में कुछ हंसी जज़्बात लिक्खे थे,
लरजते-कंपकपाते से कई अल्फाज़ लिक्खे थे,
दिया था खूबसूरत मोड़ किस्मत ने कहानी को,
वहां मुड़ना गवारा ही नही था जिंदगानी को,
थी करनी तर्जुमानी मुझको अपने दिल की धड़कन की,
किसी के प्यार मे भीगे हुये मदहोश सावन की,

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शीतल बाजपेयी

मगर राहे सफर में ख़्वाब पूरा हो नही पाया
मैं बस चलती रही यूँ ही मगर वो दौर न आया,
जहाँ पर प्यार मिलने की बड़ी ही आस थी मुझको,
वहाँ पर सिर्फ तन्हाई बिठाये पास थी मुझको,
वो पन्ना जिंदगी की धूप में फीका लगा पड़ने,
थे जितने रंग उलफत के वो आंखों में लगे गड़ने,
मेरी हसरत के जितने फूल थे कुम्हला गये सारे,
हकीकत की तपिश को छू के वो मुरझा गये सारे,
मैं कब तक रेत के दरिया में पानी के निशां ढूँढू
जमीं मन की भिगो पाये, मैं वो बादल कहाँ ढूँढू
कि अब ख्वाबों में ही उस दौर का दीदार होता है,
मिला है इंतजार औ ग़म, यही क्या प्यार होता है?

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