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युवा जगत

तनाव पूर्ण और चुनोतियों भरे इस वक़्त में आपस में एक दूसरे का हौसला बढ़ाएं

अतुल दीक्षित ग्रुप एडिटर भारतीय स्वरुप समाचार पत्र

समय बहुत ही तनावपूर्ण चल रहा है। किसी को भी पारिवारिक या व्यवसायिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है तो कृपया एक दूसरे से जरूर साझा करें और बात करें। ग्रुप में मैसेज के जरिए ही नहीं बल्कि फोन पर भी एक दूसरे से बात करें। यह साल नफा नुकसान देखने का नहीं है बल्कि अपने मनोबल को बनाए रखने का और अपनी सेहत को बचाए रखने का है। नौकरी में या अपने काम धंधे में बेशक नुकसान हो रहा हो लेकिन यदि आपने अपनी सेहत बचा ली तो यह इस समय का सबसे बड़ा मुनाफा है। एक दूसरे से बात करते रहिए और आपस में सब का हौसला बढ़ाते रहिए। अभी हम सब की जरूरत और जिम्मेदारी है कि एक दूसरे के साथ सकारात्मक चीजों को साझा करें।

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स्कूली छात्रों के लिए इसरो कर रहा है प्रतियोगिताओं का आयोजन

कोविड-19 के प्रकोप के चलते शुरू हुए लॉकडाउन के कारण स्कूलों की पढ़ाई और परीक्षाओं पर असर पड़ने के साथ-साथ छात्रों को अब गर्मियों की छुट्टियां भी घर में बंद रहकर बितानी पड़ रही हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा शुरू की जा रही ऑनलाइन प्रतियोगिताएं स्कूली छात्रों की इस एकरसता को तोड़ने का अवसर लेकर आयी हैं। इसरो साइबरस्पेस प्रतियोगिता (आईसीसी)-2020 नामक इस पहल के अंतर्गत स्कूली छात्रों के लिए चार वर्गों में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।

इन प्रतियोगिताओं के पहले वर्ग में पहली से तीसरी कक्षा के छात्रों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे वर्ग में चौथी से आठवीं कक्षा के छात्र विज्ञान शिल्प या मॉडल्स में अपने हाथ आजमा सकते हैं। इसी तरह, नौवीं और दसवीं के छात्रों को निबंध प्रतियोगिता में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। जबकि, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र निबंध लेखन के साथ-साथ प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भी हिस्सा ले सकते हैं। इन प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए 24 जून 2020 से पहले इसरो की वेबसाइट https://www.isro.gov.in/icc-2020 पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।

यह प्रतियोगिता भारत में पढ़ रहे स्कूली छात्रों के लिए है। चारों वर्गों में शामिल सभी प्रतियोगिताएं अलग-अलग रूप से आयोजित की जाएंगी। किसी वर्ग विशेष की श्रेणी के लिए छात्रों की संबद्धता शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान उनके नामांकन पर आधारित होगी। जिन छात्रों के शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के परिणाम अभी नहीं आए हैं, उन्हें भी यह मानकर प्रतियोगिता में शामिल किया जा सकता है कि उन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है और शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में दाखिला ले लिया है। हालाँकि, यह शर्त केवल ऑनलाइन माध्यम से आईसीसी-2020 प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए है और इसे किसी अन्य उद्देश्य के लिए समर्थन के रूप में नहीं लिया जा सकता है।

सफल पंजीकरण के लिए एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या प्रतियोगियों को प्राप्त होगी। चित्रकला, मॉडल मेकिंग व विज्ञान शिल्प और निबंध प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को पेपर पर अपनी रचनात्मकता को उकेरना है और फिर उसकी फोटो लेकर या स्कैन करके इसरो की वेबसाइट पर अपलोड करना है। प्रतियोगिता का विषय पंजीकृत ईमेल पर भेजा जाएगा और इसरो की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। स्कैन की हुई फोटो जेपीईजी या फिर पीडीएफ फॉर्मेट में भेजनी होगी। अपलोड की जाने वाली फाइल का नाम प्रतिभागी की पंजीकरण संख्या के नाम पर होगा।  

चित्रकला प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को ए-3 आकार के पेपर का प्रयोग करना होगा और ड्राइंग के लिए उन्हें वाटर कलर, वैक्स या पेंसिल रंगों का उपयोग करना है। मॉडल-मेकिंग या विज्ञान शिल्प प्रतियोगिता में कार्डबोर्ड, कागज, कपड़े, चिपकाने वाले टेप, रंग और गोंद का उपयोग करके मॉडल बनाना होगा। मॉडल बनाने के लिए किसी अन्य सामग्री के उपयोग की अनुमति नहीं है। इस तरह बनाए गए मॉडल को भी स्कैन करके या फोटो खींचकर इसरो की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।

निबंध लेखन प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को पंजीकरण के दौरान चयनित भाषा में एक हजार शब्दों में अपने हाथ से निबंध लिखकर वेबसाइट पर अपलोड करना है। निबंध लिखने के लिए ए-4 आकार के पेपर का उपयोग कर सकते हैं। निबंध लिखने के लिए सिर्फ नीली या काली स्याही का उपयोग करना है। टाइप किए हुए निबंध स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इंटरनेट से सामग्री कॉपी की हुई पायी गई तो प्रतियोगी का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के बारे में इसरो के पोर्टल पर तौर-तरीकों का विस्तार से उल्लेख किया जाएगा।

प्रतियोगिता में शामिल शीर्ष 500 प्रतिभागियों के नाम की घोषणा इसरो की वेबसाइट पर की जाएगी और उन्हें मेरिट प्रमाण-पत्र ईमेल या फिर पोस्ट के माध्यम से भेजे जाएंगे। अन्य सभी प्रतिभागियों को ईमेल के माध्यम से भागीदारी प्रमाण पत्र दिया जाएगा। 

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अमित शाह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के तीनों नगर निगमों के महापौर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें यथाशीघ्र एक कोरोना मुक्त स्वस्थ व समृद्ध देश और दिल्ली बनाना है। आज नई दिल्ली में श्री अमित शाह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन, दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल, मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के तीनों नगर निगमों के महापौर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की।

इसमें केंद्रीय गृह मंत्री ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगमों से आज सुबह हुईं बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों जैसे घर-घर स्वास्थ्य सर्वे, कोरोना की टेस्टिंग आदि का बेहतर तरीके से निचले स्तर तक कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। गृह मंत्री ने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आपसी समन्वय से दिल्ली में कोरोना को हराना है।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमें यथाशीघ्र एक कोरोना मुक्त स्वस्थ तथा समृद्ध देश और दिल्ली बनाना है। उन्होँने कहा कि यह सभी के सहयोग और समन्वय से ही सम्भव है। केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली सरकार, तीनों मेयर व तीनों नगर निगम के आयुक्तों को साथ मिलकर काम करने और सुबह की बैठक में लिए गए सभी निर्णयों को अमल में लाने के निर्देश दिए। साथ ही गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए। 

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कक्षा 1-12 के लिए एनसीईआरटी के सभी टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाली ई-शिक्षण सामग्री के लिए समझौता ज्ञापन पर डिजिटल हस्ताक्षर किए गए

ई-शिक्षा को और ज्यादा रचनात्मक बनाने के लिए, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की उपस्थिति में आज नई दिल्ली में एनसीईआरटी और रोटरी इंडिया ने एनसीईआरटी के सभी टीवी चैनलों पर कक्षा 1-12 के लिए प्रसारित होने वाली ई-शिक्षण सामग्री के लिए समझौता ज्ञापन पर डिजिटल हस्ताक्षर किए। शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव, श्रीमती अनिता करवाल ने भी इस डिजिटल कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

इस कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि उन्हें एनसीईआरटी और रोटरी क्लब के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के संदर्भ में घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कोविड-19 महामारी के दौरान एमएचआरडी के मार्गदर्शन और समर्थन से, रोटरी इंडिया ह्यूमेनिटी फाउंडेशन और एनसीईआरटी के सहयोग में यह सुनिश्चित हो सकेगा कि एनसीईआरटी द्वारा अनुमोदित सामग्री ई-शिक्षा के माध्यम से पूरे देश के बच्चों तक पहुंच सके।

श्री निशंक ने कहा कि यह जानकर बड़ी प्रसन्नता महसूस हो रही है कि विद्या दान 2.0 के अंतर्गत रोटरी इंटरनेशनल कक्षा 1 से 12 के सभी विषयों के लिए एनसीईआरटी को हिंदी भाषा में ई-कंटेंट उपलब्ध कराएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सामग्री उच्च श्रेणी की है और उच्च गुणवत्ता वाली है; इससे हमारे सभी बच्चों को बहुत फायदा पहुंचेगा। श्री निशंक ने कहा कि इसके साथ-साथ रोटरी इंटरनेशनल द्वारा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी और साथ ही वयस्क साक्षरता मिशन में वह अपना संपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहा कि वे शिक्षक प्रशिक्षण (पेशेवर विकास सहित) सामग्री भी उपलब्ध कराएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मार्च 2020 में जब नोवेल कोरोना वायरस, कोविड-19 को महामारी घोषित किया गया, तब से शिक्षार्थी, शिक्षक, अभिभावक और पूरा शिक्षण समुदाय गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। श्री निशंक ने कहा कि इस परिदृश्य में, एमएचआरडी प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ भारतीय लोकाचार में निहित सर्वश्रेष्ठ शिक्षण प्रणाली को मजबूत स्तंभों के रूप में विकसित करने की दिशा में अथक परिश्रम कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएचआरडी विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण की दिशा में काम कर रहा है जैसे कि ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड, दीक्षा, ई-पाठशाला, स्वयं और स्वयंप्रभा आदि। श्री निशंक ने कहा कि शिक्षा में नवाचार और डिजिटलीकरण को मजबूती प्रदान करने के लिए, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सभी के लिए ई-लर्निंग, सटीक और अद्तन पठन सामग्री बनाने की दिशा में ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जिससे छात्र घर बैठे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का उपयोग कर सकें। मंत्री ने कहा कि ई-लर्निंग के माध्यम से, हम प्रधानमंत्री के ‘एक राष्ट्र एक डिजिटल मंच’ के विजन को पूरा करना चाहते हैं।

श्री निशंक ने कहा कि हमने रेडियो और टीवी के माध्यम से अपने छात्रों तक पहुंचने का संकल्प लिया है जहां पर इंटरनेट या मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है और यह समझौता ज्ञापन उस दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचेगी।

शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव, श्रीमती अनिता करवाल ने रोटरी इंडिया ह्यूमेनिटी फाउंडेशन को विभिन्न भाषाओं में कक्षा 1 से लेकर 12वीं के विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली ई-शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।

एनसीईआरटी और रोटरी इंडिया ह्यूमेनिटी फाउंडेशन के बीच समझौता ज्ञापन पर एनसीईआरटी के निदेशक, प्रो. हृषिकेश सेनापति और एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक, प्रो. अमरेन्द्र बेहरा और रोटरी इंडिया की ओर से, निदेशक, रोटरी इंडिया वाटर मिशन, श्री रंजन ढींगरा ने हस्ताक्षर किए।

रोटरी इंटरनेशनल के निदेशक 2019-21, श्री कमल संघवी ने इस टाई-अप के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसमें शामिल हैं:

  • एनसीईआरटी टीवी टाई-अप: एनसीईआरटी के बारह राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों के माध्यम से कक्षा 1-12 के लिए पाठ्यक्रम मॉड्यूल का प्रसारण किया जाएगा, जो जुलाई 2020 से उपलब्ध होगा (एनसीईआरटी द्वारा उनके पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्य सामाग्रियों को परखा जाएगा)।
  • दीक्षा ऐप टाई-अप: एक ही समय में, भारत सरकार के राष्ट्रीय मोबाइल ऐप, दीक्षा के माध्यम से ई-लर्निंग मॉड्यूल भी उपलब्ध होंगे।

वर्तमान समय में यह सामग्री हिंदी और पंजाबी में उपलब्ध है और इसे लगभग 10 करोड़ छात्रों के लिए 12 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों में तुरंत लागू किया जाएगा। सामग्री के लिए बौद्धिक अधिकार रोटरी के पास होंगे और एनसीईआरटी को उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे अगले कुछ महीनों में उपयुक्त सामग्री का एनसीईआरटी और संबंधित राज्यों के एससीईआरटी द्वारा सभी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा सके।

रोटरी इंटरनेशनल के अध्यक्ष 2021-22, श्री शेखर मेहता ने कहा, “रोटरी ने हमारे साझीदारों के माध्यम से कक्षा 1-12 के लिए ई-लर्निंग सामग्री को तैयार किया है और; हम इसे देश में मुफ्त प्रदान करने की योजना बना रहे हैं, स्कूल के पाठ्यक्रम से संबंधित घर आधारित एक शिक्षण समाधान के रूप में। रोटरी को ई-लर्निंग में व्यापक अनुभव प्राप्त है, उसने पिछले 5 वर्षों में पूरे भारत के स्कूलों में 30,000 से ज्यादा सरकारी ई-लर्निंग सॉफ़्टवेयर/ हार्डवेयर को स्थापित किया है।“

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भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी को संयुक्त राष्ट्र अवार्ड

वर्ष 2019 में दक्षिण सूडान (यूएनएमआईएसएस) में संयुक्त राष्ट्र मिशन में महिला शांतिदूत के रूप में सेवाएं प्रदान करने वाली भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी को 29 मई 2020 को प्रतिष्ठित “यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड” से सम्मानित किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांतिदूत दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में आयोजित किए जा रहे एक ऑनलाइन समारोह के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस उन्‍हें यह अवार्ड प्रदान करेंगे।  मेजर सुमन को यह अवार्ड ब्राजील  की नौसेना अधिकारी कमांडर कार्ला मोंटेइरो डी कास्त्रो अरुजो के साथ मिलेगा।

Description: http://pibcms.nic.in/WriteReadData/userfiles/image/MajSuman41YK.JPG
भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी

मेजर सुमन ने नवंबर 2018 से दिसंबर 2019 तक यूएनएमआईएसएस में एक सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया। मिशन में रहते हुए, वह मिशन में सैन्य पर्यवेक्षकों के लिए महिलाओं से संबंधित मामलों के लिए संपर्क का प्रमुख केंद्र बिंदु थीं। इस अधिकारी ने क्षेत्र की अत्‍यंत कठोर परिस्थितियों के कारण होने वाली समस्‍याओं के बावजूद महिला-पुरुष संतुलन बरकरार रखने के लिए संयुक्त सैन्य गश्‍त में भागीदारी को प्रोत्साहित किया। उन्‍होंने मिशन की योजना और सैन्य गतिविधि में महिलाओं के परिप्रेक्ष्य को शामिल करने के लिए दक्षिण सूडान में विभिन्न मिशन टीम साइट्स का दौरा किया। सैन्‍य अधिकारी को नैरोबी में संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा (सीआरएसवी) पर एक विशेष प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए चुना गया था और उन्‍होंने यह प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न संयुक्त राष्ट्र मंचों में भाग लिया कि कैसे महिलाओं का परिप्रेक्ष्य,  विशेषकर संघर्ष संबंधी यौन हिंसा से नागरिकों की रक्षा करने में मदद कर सकता है। यूएनएमआईएसएस सुरक्षा बलों की पहलों को समर्थन देने के अलावा उन्‍होंने सीआरएसवी से संबंधित पहलुओं के बारे में  दक्षिण सूडान की सरकारी सेनाओं को प्रशिक्षित किया। अधिकारी ने यूएनएमआईएसएस में आयोजित संयुक्‍त राष्‍ट्र शांतिरक्षक दिवस परेड की भी कमान संभाली, जहां उन्होंने यूएनपीओएल, सैन्य और नागरिकों के बारह टुकड़ियों की कमान संभाली।

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कोविड-19 में शहीद हुए पत्रकार स्व. पंकज कुलश्रेष्ठ को नेशनल मीडिया क्लब ने पत्रकारिता दिवस पर दी श्रद्धांजलि एवं ₹ 1 लाख की आर्थिक सहायता

कोरोना महामारी के इस काल में आगरा में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ जी की दुःखद मौत के बाद आज नेशनल मीडिया क्लब द्वारा webinar के माध्यम से किए गए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हजारों पत्रकार जुड़े और सभी पत्रकारों के द्वारा दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई।

इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित जी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की, इस मौके पर नेशनल मीडिया क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन अवस्थी जी ने स्व०पंकज कुलश्रेष्ठ जी के आवास पहुंचकर उनके परिजनों को 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद करते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री दीक्षित जी के माध्यम से सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वाधीनता का इतिहास में पत्रकारों के उत्पीडन की तमाम मिसालें हैं। हम आधुनिक काल के पत्रकार उस कालखंड के पत्रकारों के ऋणी हैं। आजादी के दौरान डॉ०अम्बेडकर लोकनायक निकालते थे, पं दीनदयाल उपाध्याय, डा लोहिया भी लिख रहे थे।

साथ ही श्री दीक्षित ने कहा कि आधुनिक भारत में पत्रकारिता काफ़ी कठिन हो गयी है, आज के दौर में कई चुनौतियां भी हैं। कोरोना महामारी के दौरान अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुये पंकज कुलश्रेष्ठ का निधन हो गया है । इस शोक की घडी में हम सब उनके साथ आत्मसात करते है।
कुछ लोग ऐसे ही आते है ऐसे ही चले जाते है , लेकिन कुछ लोग ऐसा कर जाते है कि लोग उन्हे याद करते है ।
मैं दिवंगत पंकज के परिजनों का हाथ जोडकर प्रणाम करते है। हम आपके साथ हैं, उन्होंने कर्तव्यपालन कर लिया है, उन्हें सम्मानित किया जा रहा है हम आपके साथ हैं।

इस मौके पर नेशनल मीडिया क्लब के संस्थापक श्री रमेश अवस्थी जी ने पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने लगभग एक दशक तक आगरा में पत्रकारिता की है और वह व्यक्तिगत रूप से पंकज कुलश्रेष्ठ को जानते हैं, निश्चित ही अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए पंकज ने जिस तरीके से अपनी जान गवाँई है, उससे पत्रकार साथियों में गम का माहौल है, नेशनल मीडिया क्लब भी उनके इस गम में शरीक है।

इस अवसर पर उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि इस कोरोनाकाल में कार्यरत देश के सभी राज्यों के जिले, तहसील व ग्रामीण स्तर के पत्रकारों को चिन्हित करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा, एआने वाले समय में दिल्ली में आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले पत्रकारों के आने-जाने व रहने-खाने का खर्चा भी नेशनल मीडिया क्लब उठाएगा।

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के पत्रकारों की पहली रीजनल कॉन्फ्रेंस और पहला नेशनल मीडिया रत्न समारोह का आयोजन भी नेशनल मीडिया क्लब ने ही पहली बार किया था। नेशनल मीडिया क्लब के क्रियाकलापों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि “सोंच भारत की” भावना के तहत नेशनल मीडिया क्लब काम कर रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “स्वच्छ भारत मिशन” में नेशनल मीडिया क्लब ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कराने के लिए हरिद्वार से वाराणसी तक की पाँच दिवसीय स्वच्छता ज़न जागरण यात्रा को आयोजित करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी पत्र लिखकर बधाई भी दी।

पत्रकार साथी पंकज के परिजनों को नेशनल मीडिया क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन अवस्थी ने आगरा में स्व0 पंकज कुलश्रेष्ठ के घर पर जाकर उनके परिजनों को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी,और अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की। श्री अवस्थी ने उत्तरप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से भी आग्रह किया है कि दुःख की इस घड़ी में स्वर्गीय पंकज कुलश्रेष्ठ के परिजनों को राज्य सरकार भी आर्थिक मदद मुहैया कराए।।

नेशनल मीडिया क्लब द्वारा आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में एक तरफ जहाँ देश के हजारों पत्रकार साथियों ने वेबिनार के माध्यम से पंकज कुलश्रेष्ठ को श्रद्धांजलि अर्पित की तो वहीं फेसबुक और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म के जरिये लाखों लोग भी जुड़े।।

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कई मंजिलें हासिल की, कई बाकी, सरकार की सालगिरह पर बोले भाजपा अध्यक्ष,

सरकार की सालगिरह पर बोले BJP अध्यक्ष, कई मंजिलें हासिल की, कई बाकी हैं
जेपी नड्डा ने कहा कि स्वदेशी और स्वावलंबन के मंत्र को लेकर हम आज आगे बढ़ रहे हैं। 1.70 लाख करोड़ का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज दिया गया। उसके माध्यम से 80 करोड़ लोगों के राशन की व्यवस्था की गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का केंद्र में दूसरे कार्यकाल को शनिवार को एक साल पूरे हो गए। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सरकार की सालगिरह पर मोदी सरकार की उपलब्धियों का ब्यौरा देश के सामने रखा। जेपी नड्डा ने कहा कि अन्य देशों के मुकाबले भारत ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई इस तरह लड़ी जिसमें भारत की स्थिति संभली हुई है। लॉकडाउन के समय भारत की कोरोना टेस्ट की क्षमता सिर्फ 10,000 टेस्ट प्रतिदिन थी और आज ये क्षमता 1.60 लाख टेस्ट प्रतिदिन है। आज देश में करीब 4.50 लाख पीपीई किट्स प्रतिदिन देश में बन रहे हैं। करीब 58,000 वेंटिलेटर्स देश में बन रहे हैं। नड्डा ने कहा की पीएम मोदी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएंगे। भारत ने इस संकट में खुद को संभाला है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम आत्मनिर्भर भारत की ओर आगे बढ़ रहे हैं। जेपी नड्डा ने कहा कि स्वदेशी और स्वावलंबन के मंत्र को लेकर हम आज आगे बढ़ रहे हैं। 1.70 लाख करोड़ का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज दिया गया। उसके माध्यम से 80 करोड़ लोगों के राशन की व्यवस्था की गई। 20 करोड़ महिलाओं के जनधन खातों में 500 रुपये की मदद, बुजुर्गों और दिव्यांगों को आर्थिक सहायता और मनरेगा मजदूरी में वृद्धि की गई। 20 लाख करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर भारत पैकेज दिया गया। इस पैकेज के माध्यम से ये प्रयास हुआ है कि कैसे हर सेक्टर आत्मनिर्भर बनाकर मुख्यधारा में खड़ा किया जाए और कैसे उन्हें रियायतें दी जाएं।

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मुक्त हो मानव मन

मुक्त हो मानव मन

भाव विश्वास श्रध्दा के बंधन  संदेह भाव मुक्ति दाता 

विश्वास अविश्वास मृत्यु संदेह की  तीव्रता संदेह की निमित्त बनती खोज की 

संदेह प्यास, अभीप्सा संदेह, संदेह अग्नि प्राणो का मंथन 

पीड़ा संदेह की मानो विचार जन्म की प्रसव पीड़ा 

काम क्रोध से कुंठित अपनी ईष्यायें अपने भ्रम

व्देष अपने वैमनस्य अपने मूढताएँ अपनी शत्रुताएँ अपनी 

जडताएँ भी अपनी अंहकार भी अपने भावों का ये मकड़जाल 

मानव मन के घुन और ज्वार मन, देह, विचार भावों के दास

छोड़ो जडता हरो भावों का तम भाव मृगमरीचिका से मुक्त हो मानव मन 

मुक्त हो मानव मन

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तेजस एफओसी विमान भारतीय वायुसेना को सौंपा गया

तेजस एफओसी विमान भारतीय वायुसेना को सौंपा गया

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने बुधवार को वायु सेना स्टेशन सुलूर में तेजस एमके-1 एफओसी विमान को हाल ही में पुनर्जीवित किए गए नंबर 18 स्‍क्‍वैड्रन, जो कि  “फ्लाइंग बुलेट” के नाम से जाना जाता है, में शामिल किया। यह भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के विमान को शामिल करने वाला भारतीय वायुसेना का यह पहला स्क्वैड्रन है। यह देश के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। तेजस एमके-1 एफओसी एक एकल इंजन, हल्के वजन, बेहद चुस्त, सभी मौसम में बहु-भूमिका निभाने वाला लड़ाकू विमान है। हवा से हवा में ईंधन भरने में इसकी सक्षमता इसे वाकई एक बहुमुखी प्लेटफॉर्म बनाती है।

इस स्क्वैड्रन का संचालन वायुसेना प्रमुख (सीएएस), एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने किया। इस समारोह के दौरान, दक्षिणी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन-चीफ, एयर मार्शल अमित तिवारी और 18 स्‍क्‍वैड्रन के कमोडोर कमांडेंट, एयर मार्शल टीडी जोसेफ, श्री आर माधवन, एचएएल के सीएमडी और  डॉं. गिरीश एस देवधर, पीजीडी (सीए) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निदेशक भी मौजूद थे। वायु सेना स्टेशन, सुलूर में कर्मियों को संबोधित करते हुए, वायुसेना प्रमुख ने उन्हें बधाई दी और दक्षिणी वायु कमान और वायु सेना स्टेशन, सुलूर द्वारा नए हवाई प्लेटफॉर्म को शामिल करने की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए, एलसीए के उत्पादन में शामिल चेयरमैन, एचएएल, एडीए, डीआरडीओ प्रयोगशाला, डीपीएसयू, एमएसएमई और सभी एजेंसियों की सराहना की।

इस अवसर पर, एचएएल के सीएमडी द्वारा वायुसेना प्रमुख को तेजस एफओसी संस्करण के विमान दस्तावेज प्रस्तुत किया जाना उल्लेखनीय रहा। जिसके बाद, वायुसेना प्रमुख ने यूनिट के लिए औपचारिक चाबियों के साथ इन विमानों को 18 स्‍क्‍वैड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन मनीष तोलानी को सुपुर्द किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत, एक विमान-परेड के साथ हुई, जिसमें एमआई 17 वी 5 का निर्माण और एएलएच, एएन-32 परिवहन विमान और तेजस एमके-1 लड़ाकू विमान भी शामिल हुए।

18 स्‍क्‍वैड्रन का गठन, 15 अप्रैल 1965 को अंबाला में फोलैंड जीनेट एयरक्राफ्ट के साथ किया गया था। भारतीय वायु सेना के एकमात्र परमवीर चक्र विजेता, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इस स्‍क्‍वैड्रन का हिस्सा थे। इस स्‍क्‍वैड्रन को एचएएल निर्मित दो एयरक्राफ्ट, तेजस और अजीत का संचालन करने का भी अनूठा गौरव प्राप्त है, जिसका उसने एक ही स्टेशन से संचालन किया था। इन वर्षों में, इसने देश भर के विभिन्न एयरबेसों से मिग-27 एमएल विमानों का भी संचालन किया है। इस स्‍क्‍वैड्रन को अप्रैल 2016 में नंबर प्लेटेड किया गया था। यह स्‍क्‍वैड्रन, दक्षिणी वायु कमान के परिचालन नियंत्रण में आता है, जो कि इस स्‍क्‍वैड्रन को भारतीय वायु सेना के परिचालन की अवधारणा में एकीकृत करने के लिए उत्तरदायी है।

अधिष्ठापन समारोह से पहले, वायु सेना प्रमुख (सीएएस), एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, पीवीएसएम एवीएसएम वीएम एडीसी ने 45 स्क्वाड्रन के साथ तेजस एमके-1 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।

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उत्तर प्रदेश में कड़क कानून को मिली मंजूरी, उपद्रव के आरोपियों की मौत के बाद घर वालों से होगी वसूली

UP में इस कड़क कानून को मिली मंजूरी, उपद्रव के आरोपियों की मौत के बाद घर वालों से होगी वसूली

राज्य सरकार ने क्षति वसूली अध्यादेश के तहत ऐसी व्यवस्था कर दी है कि सरकारी-निजी संपत्ति को नुकसान वाले की मुकदमे के दौरान अगर मौत भी हो जाती है तो वसूली उसके घर वालों से की जाएगी। नियमावली के मुताबिक कार्यवाही के दौरान किसी भी पक्षकार की अगर मौत हो जाती है तो वसूली का मुकदमा खत्म नहीं होगा। नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में बीते दिनों पूरे उत्तर प्रदेश को उपद्रव की आग में झोंकने वालों और दंगा-आगजनी की साजिश को पर्दे के पीछे से अंजाम देने वाली देश विरोधी ताकतों के खिलाफ प्रदेश के कप्तान योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा खोल दिया है। उत्तर प्रदेश में दंगाइयों द्वारा सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति वसूली के लिए नियमावली को मंजूरी दे दी है। कोरोना काल में यहां एक तरफ सीएम योगी स्वास्थकर्मी और अन्य कोरोना योद्धाओं के साथ सलीके से पेश आने की हिदायत देते नजर आ रहे हैं वहीं शांति भंग करने वालों के खिलाफ एक्शन मोड में भी नजर आ रही हैं। उत्तर प्रदेश में अब प्रदर्शन और बंद के दौरान उपद्रव कर सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल साबित होगा।

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