वर्तमान में आधुनिकता हमारी सहजता पर इस कदर हावी हो चुकी है कि हम पहले से कहीं ज़्यादा कनेक्टेड हुए हैं ,और कहीं ज़्यादा अकेले भी ! स्क्रीनों में झांकती हुई हमारी पत्थर हो चुकी आँखें भूल गयी हैं किसी की आँखों में देख कर बात करने का तिलिस्म.हर समय गैजेट्स पर घूमने वाली उँगलियाँ भूल गयी हैं किसी का हाथ थाम कर सूर्यास्त देखना।
हर लम्हा एक photo opportunity बन गया है ,और यादें एक टाइम लाइन पर सहेजे हुए इवेंट।
आवाज़ों का शोर जितना ऊंचा है उतना ही गहरा हुआ है,अंदर का सन्नाटा !रिश्तों के मायने ही नहीं उनकी हक़ीक़तें भी बदल गयी हैं ,अब हम सब एक दूसरे के विश्लेषक और आलोचक बन गए है और एक्सपर्ट भी ,दोस्त दुनिया में बहुत कम हो गए हैं .
ऐसे में डिप्रेशन पहले से भी कहीं गहरा ब्लैक होल बन गया है। अचानक जब कोई कूद जाता है हॉस्पिटल की खिड़की से या इतनी नींद की गोलियां खा लेता है कि कभी न जागना पड़े तब हम थोड़ा सा pause करते हैं और अगली ही सुबह भूल जाते हैं ..साभार
श्रीमती पूर्णिमा तिवारी
ब्याख्याता
महिला जगत
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 11 से 16 अक्टूबर 2022 तक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष-विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर आज देर रात रवाना होंगी
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 11 अक्टूबर, 2022 से शुरू हो रही आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका जा रही हैं। अपनी यात्रा के दौरान, श्रीमती सीतारमण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों, जी20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की बैठकों में शामिल होंगी।
वित्त मंत्री जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, भूटान, न्यूजीलैंड, मिस्र, जर्मनी, मॉरीशस, यूएई, ईरान और नीदरलैंड सहित कई अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगी। वित्त मंत्री ओईसीडी, यूरोपीय आयोग एवं यूएनडीपी के नेताओं और प्रमुखों के साथ ‘वन-आन-वन’ (एक एक करके) बैठकें भी करेंगी।
एक उच्च स्तरीय बैठक में, वित्त मंत्री आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी वित्त मंत्री सुश्री जेनेट येलेन और विश्व बैंक के अध्यक्ष श्री डेविड मलपास से अलग-अलग मुलाकात करेंगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री वाशिंगटन, डीसी में स्थित एक प्रमुख गैर-लाभकारी सार्वजनिक नीति संगठन, ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में “भारत की आर्थिक संभावनाएं और विश्व अर्थव्यवस्था में भूमिका” विषय पर एक फायर साइड चैट में भी भाग लेंगी।
श्रीमती सीतारमण अपनी यात्रा के दौरान जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज (एसएआईएस) में भारत की अनूठी डिजिटल पब्लिक गुड्स (डीपीजी) कहानी और भारत में ‘प्रौद्योगिकी, वित्त और शासन’ के इंटरलिंकेज के माध्यम से सृजित गुणक प्रभावों के बारे में अपने विचार साझा करेंगी।
यात्रा के अंतिम हिस्से के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री यूएसआईबीसी और यूएसआईएसपीएफ के साथ ‘भारत-अमेरिका कॉरिडोर में निवेश और नवाचार को मजबूत बनाना’ और ‘भारत की डिजिटल क्रांति में निवेश’ विषयों पर आयोजित गोलमेज बैठकों में शामिल होंगी। प्रमुख व्यापारिक दिग्गजों और निवेशकों के साथ आयोजित इन बैठकों का उद्देश्य भारत की नीतिगत प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालना और एक निवेश गंतव्य के रूप में भारत के आकर्षण को प्रदर्शित करके विदेशी निवेश को सुविधाजनक बनाने के उपायों पर विचार-विमर्श करना है।
Read More »अरेंज मैरिज
“हेलो मिसेज पाटिल कैसीं हैं?”
मिसेस पाटिल :- “अच्छी हूं ! चाय पीने आ जाइए आप भी, साथ में पिएंगे।”
(फोन पर दूसरी ओर से) अरे कहां ! अभी विकी को ट्यूशन छोड़ने जाना है और फिर उसे डांस क्लास भी छोड़ना है। पूरा वक्त तो इन बच्चों में ही बीत जाता है।
मिसेस पाटिल:- “कभी वक्त निकाला करो हमारे लिए भी और थोड़ा आराम खुद को भी दिया करो।
(फोन पर ) जी जरूर आऊंगी फुर्सत में! आपके यहां का जो माली है उसे मेरे यहां भेजेंगीं क्या ?
मैिसेज पाटील:- जी जरूर! कल आएगा तब भेजती हूं।
जी! अच्छा नमस्ते !
आभा पाटिल! इस नाम से को जीते हुए मुझे 30 साल हो गए हैं। मैं अब आभा रह ही नहीं गई। आभा पाटिल में अब बहू, बीवी, मां और जिम्मेदार औरत ही रह गई है। जिंदगी ऐसे ही कुछ उलझती और कुछ सुलझती सी रही, मैं भी कुछ इसी तरह अपने घर संसार को आगे बढ़ाती रही। शादी हो कर आई थी तभी बड़े प्यार से जिम्मेदारियों की चाबी मेरे हाथ में थमा दी गई और धीरे-धीरे मैं जिम्मेदारी की चाबी से जिंदगी के ताले खोलते चली गई और खुद उसी में कैद होती गई। ऐसा नहीं था कि इस जिम्मेदारी को उठाने मे मुझे कुछ दिक्कत महसूस हो रही था या कुछ घुटन महसूस हो रही थी बल्कि मैं खुशी खुशी जिम्मेदारियां उठा रही थी।
भार्गव पाटिल मेरे पति बड़े ही जिंदादिल आदमी है, मुझे कैसे खुश रखना है वो उन्हें बहुत अच्छे से आता है। वो शुरू से ही वह मेरा बहुत ध्यान रखते आए हैं। कहीं भी जाना हो या बीमारी हो हमेशा मेरे साथ रहते। कभी समयाभाव रहा हो तो बता देते थे। इसी तरह धीरे धीरे हम दोनों अपनी गृहस्थी में व्यस्त होते जा रहे थे। रिंकी और चिकी के आने के बाद दस पंद्रह साल किस तरह निकल गए मालूम ही नहीं पड़ा। मैं इन बच्चों और घर में ऐसी रम गई कि बाहर की दुनिया और खुद को भूल गई। पूजा-पाठ, रिश्तेदार, बच्चे घर बस यही जीवन बन गया था। भार्गव ने भी अपने आपको काम में धीरे-धीरे व्यस्त कर लिया था, आखिर हमारी जिम्मेदारियां जो बढ़ रही थी।
यूं तो हम दोनों आदर्श पति पत्नी थे। एक दूसरे के सुख दुख में साथ रहते थे। घूमना फिरना साथ-साथ, एक-दूसरे की केयर, कभी अकेलापन नहीं लगता था। कुछ सोचने के लिए समय ही नहीं था, बस कभी – कभार मन कुछ खाली खाली सा लगता था और वह खालीपन कैसे पूरा हो यह भी नहीं मालूम था। प्यार क्या होता है यह मैंने कभी जाना ही नहीं। जब प्यार करने की उम्र थी तब मैं किताबों में डूबी रहती थीं और पढ़ाई पूरी होते ही शादी हो गई। जिस उम्र में लोगों को मोहब्बत होती है उस उम्र में मैं गृहस्थी की दुनिया में आ गई थी। जब कभी भी भार्गव से झगड़ा हो जाता था तो बात करने की पहल मुझे ही करनी पड़ती थी। सॉरी या मनाने – बोलने का जिम्मा मेरा ही होता था। नाराजगी में मैं अकेले ही रोधो कर खुद को मना कर काम में व्यस्त हो जाती थी। कभी मन होता था कि कोई मुझे भी मनाए, प्यार भरी बातें करें, भविष्य की चिंताओं को छोड़कर सिर्फ अपनी बातें करें, पर यह कोरा ख्याल ही रहा। बच्चों के भविष्य की चिंताएं ऐसा सोचने नहीं देती थी।
रिवाज है हमारे यहां कि प्यार पति को ही करना पड़ता है फिर चाहे प्यार हो या ना हो। ऐसा भी नहीं है कि प्यार नहीं होता क्योंकि कुछ वक्त अगर जानवर भी साथ रह ले तो उससे भी प्यार हो जाता है फिर हम तो इंसान हैं। प्यार के अंकुर फूट ही पड़ते हैं और बढ़ती उम्र के साथ यह प्यार भी बढ़ते ही जाता है। अरेंज मैरिज मतलब समझौते के साथ-साथ शादी के बाद का प्यार। साथ ही एक परिपक्व प्रेम और सहारा ~ प्रियंका वर्मा महेश्वरी
राष्ट्रपति ने दीनदयाल बंदरगाह, कांडला, गुजरात में 280 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के कांडला में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण की 280 करोड़ रुपये से अधिक की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाह के लॉजिस्टिक प्रदर्शन को बढ़ाने के साथ उसके संपूर्ण भीतरी इलाकों के विकास के साथ–साथ बंदरगाह अवसंरचना को बढ़ाएगी। इन परियोजनाओं से जहाजों के टर्नअराउंड समय में और सुधार और कार्गो की तेजी से निकासी के साथ–साथ बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता में भी सुधार होगा।
69.51 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कार्गो जेट्टी क्षेत्र के अंदर नए गुंबद के आकार के गोदामों के निर्माण की परियोजना से ऊंचाई बढ़ जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक कार्गो हैंडलिंग होगी, जो पांचवीं पीढ़ी के ट्रकों / परिवहन वाहनों द्वारा हाइड्रोलिक सिस्टम के माध्यम से बल्क कार्गो को उतारने के लिए उपयुक्त है।
80 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कार्गो जेट्टी क्षेत्र के अंदर 66 हेक्टेयर क्षेत्र में प्लॉट्स और स्टॉर्म वाटर ड्रेन का उन्नयन कंक्रीट रोड, स्टॉर्म वाटर ड्रेन नेटवर्क, विद्युत केबलों के लिए पाइप नाली, फ़र्श और श्रमिकों की सुविधा, पेयजल, शौचालय और श्रमिकों के लिए विश्राम गृह जैसी सुविधाएं होंगी। 47 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कार्गो जेट्टी क्षेत्र के अंदर अन्य 40 हेक्टेयर क्षेत्र में भूखंडों, सड़कों और तूफानी जल नालियों के उन्नयन से कस्टम बॉन्डेड क्षेत्र के अंदर हैंडलिंग और भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी और 8.8 लाख मीट्रिक टन की क्षमता के साथ ड्राई कार्गो के आयात / निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। 87.32 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ टूना रोड को टू लेन से फोर लेन में अपग्रेड करने की परियोजना के परिणामस्वरूप तेजी से कार्गो निकासी होगी, जिससे पोर्ट पर ट्रैफिक हैंडलिंग में वृद्धि होगी और भविष्य में पोर्ट ट्रैफिक को निर्बाध रूप से समायोजित किया जा सकेगा। यह राष्ट्रीय राजमार्ग से बंदरगाह को बहुत वांछित कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और गति शक्ति के अनुरूप बंदरगाह तक पहुंचने वाली सड़कों को एक नया रूप प्रदान करेगा। परियोजना से पीपीपी पर डीपीए द्वारा विकसित की जाने वाली प्रस्तावित जेटी को भी लाभ होगा।
राष्ट्रपति ने माल ढुलाई के मामले में देश का नंबर एक बंदरगाह होने के लिए दीनदयाल बंदरगाह की उपलब्धि को स्वीकार किया और सराहना की कि गुजरात के बंदरगाहों ने पूरे देश के लगभग 40 प्रतिशत माल ढुलाई को संभालता है। उन्होंने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की उपलब्धियों और इन परियोजनाओं के माध्यम से दीनदयाल बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाने के लिए इसके विभिन्न प्रयासों की भी प्रशंसा की, जो पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगा।
दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी–कांडला (डीपीए) ने चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में 70.14 एमएमटी कार्गो को संभाल कर पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 17.22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। जुलाई 2022 में 12.04 एमएमटी कार्गो जो एक महीने में अब तक का सबसे अधिक संचालन है। बंदरगाह ने वर्ष 2021-22 के लिए अब तक का सबसे अधिक 127.1 एमएमटी कार्गो का संचालन किया था। बंदरगाह ने बंदर बेसिन जेट्टी एरिया–कांडला में 4 सुपर ओवर डायमेंशन पैकेज कार्गो के रोल ऑफ को भी संभाला था। डीपीए, कांडला ने मेसर्स सीईएल के साथ साझेदारी में पोर्ट पर गेट संचालन के पूर्ण स्वचालन को भी बढ़ाया है और मेसर्स एनआईएसजी के मार्गदर्शन में आरएफआईडी आधारित एक्सेस कंट्रोल सिस्टम “ई–दृष्टि” शुरू किया है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भारत में बंदरगाह क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता के तहत गुजरात राज्य में सागरमाला कार्यक्रम के तहत 57,000 करोड़ रुपये की 74 परियोजनाओं की पहचान की है। जिनमें से 9,000 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की 33 परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है और 22,700 करोड़ रुपये की 26 परियोजनाओं का विकास कार्य चल रहा है। इन परियोजनाओं को केंद्रीय मंत्रालयों, प्रमुख बंदरगाहों, राज्य समुद्री बोर्ड और अन्य राज्य एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने अपनी गुजरात यात्रा के दौरान अस्पताल भवनों, सिंचाई परियोजनाओं, सड़क संपर्क और बंदरगाहों से संबंधित 1300 करोड़ रुपये से अधिक की कुल विभिन्न परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया है और उनकी आधारशिला रखी है। कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत; श्री गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ; भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाईक; गुजरात सरकार में स्वास्थ्य मंत्री श्री ऋषिकेश पटेल; गुजरात सरकार में जनजातीय विकास मंत्री श्री नरेश पटेल; राज्य के जनजातीय विकास और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती निमिषाबेन सुथार; पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री भूषण कुमार और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी–कांडला के अध्यक्ष श्री एस.के. मेहता उपस्थित थे।
Read More »गुजरात के दौरे पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु; साबरमती आश्रम का दौरा किया; स्वास्थ्य, सिंचाई, जल आपूर्ति और बंदरगाह विकास से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन/ शिलान्यास किया
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने स्वास्थ्य, सिंचाई, जल आपूर्ति से संबंधित गुजरात सरकार की विभिन्न परियोजनाओं और दीनदयाल बंदरगाह, कांडला के उन्नयन से संबंधित पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय की परियोजनाओं का आज (3 अक्टूबर, 2022) को जीएमईआरएस, गांधीनगर से उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात के लोगों में उद्यम और नवाचार की संस्कृति है। गुजरात के उद्यमियों ने गुजरात और भारत को एक विशेष पहचान दी है। गुजरात विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ प्राकृतिक खेती और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि जहां देश की लगभग 5 प्रतिशत आबादी गुजरात में रहती है, वहीं यह कुल राष्ट्रीय कृषि उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान करती है। उन्होंने कहा कि गुजरात के कृषि विकास के सफल प्रयोग पूरे देश में अपनाए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत लंबे समय से, गुजरात की भौगोलिक स्थिति, विशेष रूप से उत्तरी गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ हिस्सों में, पानी की कमी ने लोगों के सामने बड़ी समस्याएँ खड़ी की हैं। लेकिन आज वह स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। ‘सरदार सरोवर परियोजना’ के तहत एक विशाल नहर नेटवर्क से लोगों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे लाखों लोगों की जिंदगी बदल गई है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि नीति आयोग के ‘समग्र जल प्रबंधन सूचकांक’ के अनुसार, गुजरात पिछले तीन वर्षों से जल प्रबंधन में देश में पहले स्थान पर है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में गुजरात ने प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य कार्ड जारी करने वाला भारत का पहला राज्य है। उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई कि 2020-21 में जारी नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सतत विकास लक्ष्य “अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण” को प्राप्त करने में गुजरात देश में पहले स्थान पर है।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि जिन परियोजनाओं का आज उद्घाटन किया गया और जिनकी आधारशिला रखी गई, वे किसानों और उद्यमियों के लिए रोजगार और व्यापार के नए अवसर पैदा करेंगी। उन्हें यह भी विश्वास था कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज, जिसका आज शिलान्यास किया गया, नर्मदा जिले की आदिवासी आबादी की जरूरतों को पूरा करेगा।
इससे पहले अहमदाबाद पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने साबरमती आश्रम का दौरा किया जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और चरखा भी काता।
Read More »एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में महात्मा गांधी एवम् लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिवस मनाया गया एवम् महाविद्यालय प्रेक्षागार में सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम का समापन संपन्न
कानपुर 2 अक्टूबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में आज महात्मा गांधी जी एवम् लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्मदिवस पर दिनांक 02/10/2022 को महाविद्यालय प्रेक्षागार में सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री पी. के. मिश्रा, सचिव श्री पी. के. सेन, महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, सदस्या श्रीमती दीपाश्री सेन के द्वारा महात्मा गांधी एवम् श्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि द्वारा किया गया। प्रबंध तंत्र ने सभी को गांधी जयंती की शुभकामनाएं तथा सेवा पखवाड़ा के सफल आयोजन की बधाईयां प्रेषित की। कार्यक्रम संयोजिका इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मनीषा दीवान ने महात्मा गांधी जी और शास्त्री जी के विचारों की वर्तमान में सार्थकता पर महत्त्वपूर्ण व्याख्यान दिया। कॉलेज के . संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन ने छात्राओ को आर्शीवचन दिया
प्राचार्या महोदया ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए महाविद्यालय को उन्नति के पथ पर अग्रसर रखने का अपना संकल्प दोहराया। राष्ट्रीय पर्व प्रभारी डॉ. रचना निगम, सुश्री श्वेता रानी, डॉ. सारिका अवस्थी ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार पूर्ण समर्पण के साथ उपस्थित रहा।
दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज मैं मनाई गई महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती
कानपुर 2 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा आज 2 अक्टूबर के दिन महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण और ‘वैष्णव जन ते तेने कहिए पीर पराई जाने रे’ की धुन के साथ हुआ ।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भूगोल विभाग की असि. प्रो. डॉ अंजना श्रीवास्तव ने लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी के जीवन और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके आध्यात्मिक गुणों की चर्चा की उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी मां शास्त्री जी दोनों में नेतृत्व की अलौकिक और अद्भुत क्षमता थी जिसकी वजह से वह सामान्य जनमानस को आकर्षित करते थे। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संगीता सिरोही ने किया। इस अवसर पर असि. प्रो. कु० श्वेता गोंड एवं एनएसएस की सभी स्वयं सेविकाएं उपस्थित रही। सभी ने गांधी जी तथा शास्त्री जी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके बारे में अपने विचार गीत, कविता आदि विधाओं के माध्यम से व्यक्त किए।
एस.एन.सेन बालिका विद्यालय पी.जी.कॉलेज में -“आजादी के 75 वर्ष उपलब्धियां एवं चुनौतियां” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित
कानपुर 1 अक्टूबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन.सेन बालिका विद्यालय पी.जी.कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक पोस्टर प्रतियोगिता जिसका शीर्षक था -“आजादी के 75 वर्ष उपलब्धियां एवं चुनौतियां” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। प्रोफेसर सुमन ने देश की उन्नति के नए आयाम व चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश को विकसित देश की श्रेणी में आने के लिए एक लंबा सफर तय करना है। इस पोस्टर प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में शिक्षा शास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संगीता सिंह एवं अर्थशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर रोली मिश्रा सम्मिलित है। इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि गुप्ता ने कहा कि गांधी जयंती के पूर्व दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए जो बलिदान दिए वह आज के परिप्रेक्ष्य में हमारे देश के लिए कितने महत्वपूर्ण है इस प्रतियोगिता में बीए प्रथम वर्ष बी. ए. द्वितीय वर्ष एवं बी. ए. तृतीय वर्ष की छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस प्रतियोगिता में बी.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा उन्नति तिवारी को प्रथम पुरस्कार द्वितीय पुरस्कार बी.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा लामिया तृतीय पुरस्कार छात्रा संजौली गुप्ता बी. ए. फर्स्ट ईयर को प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन कुमारी पूनम अहॆरवार ने किया। इस कार्यक्रम में प्रो. निशि प्रकाश, प्रो. रेखा चौबे, कैप्टन ममता अग्रवाल, ऋचा सिंह, डॉ. अनामिका, कोमल सरोज, डॉ. पूजा गुप्ता, श्रीमती किरन आदि उपस्थित रहें।
क्राइस्ट चर्च कॉलेज में एनएसएस इकाई के द्वारा पोषण माह के अवसर पर पोषण पर चित्रकारी प्रतियोगिता आयोजित
कानपुर 1 अक्टूबर, भारतीय स्वरूप संवाददात, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में कल एनएसएस इकाई के द्वारा पोषण माह के अवसर पर पोषण पर चित्रकारी प्रतियोगिता का कार्यक्रम आयोजित किया गया इस कार्यक्रम का प्रारंभ कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर सुनीता वर्मा के निर्देशन में हुआ।
प्रतियोगिता में अनेक प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपनी चित्रकारी का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का समापन डॉ सुनीता वर्मा ने अपनी एनएसएस इकाई के सह प्रमुख मोमिन अली तथा विलायत फातिमा ने अपनी टीम जिनमे मुस्कान,जरीन,इरम,अक्सा,कांची,अंजली,सोनल,रितेश के साथ मिल के कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समापन किया।
एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. में मनाए जाने वाले सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के तीसरे दिन स्मार्ट फोन का वितरण
कानपुर 29 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में 27/09/2022 से दिनांक 02/10/2022 तक मनाए जाने वाले सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के तीसरे दिन आज 29/09/2022 को डिजिटलाइजेशन के द्वारा बालिका सशक्तिकरण हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदत्त स्मार्टफोन वर्ष 2022 में स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को वितरित किया गया। वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या, आज के वितरण कार्यक्रम की प्रभारी प्रोफेसर अलका टंडन द्वारा किया गया। आज लगभग 210 छात्राओं को स्मार्टफोन प्रदान किए गए। इसी क्रम में आज ही महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. सुमन के निर्देशन में अंग्रेजी विभाग द्वारा मॉल रोड स्थित छोटी बीबी का हाता में स्वास्थ्य एवम् स्वच्छता विषय पर समुदाय को जागरूक किया गया तथा सैनिटरी नैपकिन का वितरण भी किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में प्रोफेसर अलका टंडन, श्रीमती कोमल सरोज, डॉ. पूजा गुप्ता का विशेष सहयोग रहा। स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम में प्रभारी कैप्टन ममता अग्रवाल, श्रीमती ऋचा सिंह, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. अनामिका, श्रीमती रेशमा, सुश्री श्वेता रानी, डॉ. निशा सिंह, डॉ. कीर्ति पांडेय, श्री गौरांग (ऑफिस) तथा एन. सी. सी. छात्राओं ने सक्रिय योगदान दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार की उपस्थिति छात्राओं के लिए प्रेरणादायक रही।
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