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महिला जगत

डी जी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘विज्ञान ज्योत’ सेरेमनी में भाग लिया

कानपुर 18 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘विज्ञान ज्योत’ सेरेमनी में प्रतिभाग किया गया।*
इंडियन साइंस कांग्रेस कोलकाता एवं राष्ट्रसंत तुकादोजी महाराज विश्वविद्यालय, नागपुर के सहयोग से दिनांक 3 से 7 जनवरी तक नागपुर में 108वीं इंडियन साइंस कांग्रेस – 2023 का आयोजन किया जा रहा है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा किया जाएगा।
उक्त कार्यक्रम हेतु विज्ञान जोत का शुभारंभ दिनांक 17.12.2022 को उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक महाविद्यालय डी ए वी कॉलेज, कानपुर से सचिव महाविद्यालय की सचिव श्रीमती कुमकुम स्वरूप द्वारा विज्ञान जोत मशाल को ISCA प्रेसिडेंट प्रो. विजय लक्ष्मी सक्सेना जी को हैंड ओवर करके किया गया। डी जी कॉलेज के सचिव इं .गौरवेंद्र स्वरूप ने हरी झंडी दिखाकर ज्ञान एवं विज्ञान का प्रचार-प्रसार करने के लिए इस ऐतिहासिक विज्ञान जोत की मैराथन को रवाना किया। जिसे एनएसएस व एनसीसी के वॉलिंटियर्स के द्वारा पूर्ण किया गया।
108वीं आई एस सी, विज्ञान ज्योत- ज्ञान की श्रद्धेय ऐतिहासिक ज्योत, छात्रों एवं युवाओं को विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट तथा अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित करने एवम् कल के वैज्ञानिक और अन्वेषक तैयार करने के उद्देश्य से सड़क मार्ग द्वारा कानपुर से नागपुर तक ले जायी जाएगी। इस दौरान यह विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से होकर, 3 राज्यों को पार करते हुए मेजबान शहर तक पहुंचने के लिए 3000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के नेहरू युवा केंद्र संगठन तथा राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के युवाओं को प्रेरित करने हेतु उत्साह पूर्वक विज्ञान जोत का समर्थन किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो. अशोक सक्सेना, एमएम एक्टिव की पूरी टीम, डीएवी प्राचार्य प्रो.अरुण कुमार दीक्षित, डॉ राजुल श्रीवास्तव, डॉ संगीता सिरोही, समस्त प्राध्यापको, प्राध्यापिकाओं समेत छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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तुम जीतते रहे और मैं हारती रही

रिश्तो की बाज़ियाँ चलती रही… तुम जीतते रहे और मैं हारती रही ….मगर अफ़सोस नहीं था मुझे इस हार का..जितनी बार मै हारती गई, भीतर से जीत का अहसास होता चला गया।”

ज़िन्दगी इक शतरंज ही है दोस्तों। हार जीत तो तय है “कभी मेरी कभी तेरी”…
खेल चलता रहे ,तो ज़ाहिर है ,चाले भी चलनी पड़ती है ,मगर खेल को चलाते वक़्त कई बार शय और कई बार मात मिलती है और हर बार खुद को बचाया जाता है यही ज़िंदगी है दोस्तों !हार हो जाये कभी तो घबराना नहीं,जीत हो जाये तो इतराना नही !! बस इतना याद रखिए।
ज़िन्दगी बस इक खेल ही है।खेल में “हार जीत”…खेल के साथ ही ख़त्म हो जाती ..जब खेल ख़त्म होगा.. तो न आप होंगे . न आपकी जीत होगी ,न ही आप की हार .. इस लिए ज़िन्दगी को बहुत गंभीरता से न ले कर ज़रा हल्के से लीजिए जनाब।
छोड़िये सब झंझट और वक़्त के साथ चलिए ,जो मिल रहा है उसी में ख़ुश रहिये।बहुतो को तो ये भी नसीब नहीं…और मैं अच्छे से ये भी जानती हूँ।तुम हर बाज़ी जीत जाओगे और सब मुश्किलों को बेहतर से मात दे पाओगे।
🌹यू भी दोस्तों !
जीतने वाला सिकन्दर तो हो सकता है मगर जिसे ये पता हो “कहाँ पर क्या हारना है “वो ही असल में बादशाह कहलाता है और सब के दिलों पर हकूमत भी वही कर पाता है।हार को कभी कम मत आंकिए।कई बार हम हार कर बहुत कुछ जीत लेते हैं बस यही याद रखने की बात है
लेखिका स्मिता ✍️

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टाटा कैंसर हॉस्पिटल के अध्‍ययन के अनुसार स्‍तन कैंसर के मरीजों के इलाज में योग को शामिल करना बहुत लाभकारी है

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के एक अध्ययन के अनुसार स्तन कैंसर के रोगियों के उपचार में योग को शामिल करना बहुत लाभकारी है। कैंसर के इलाज में योग को शामिल करने से रोग मुक्त उत्तरजीविता (डीएफएस) में 15 प्रतिशत और समग्र उत्तरजीविता (ओएस) में 14 प्रतिशत सुधार देखा गया है।

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योग परामर्शदाताओं, चिकित्सकों के साथ-साथ फिजियोथेरेपिस्ट से प्राप्‍त जानकारी के साथ-साथ योग उपायों को स्तन कैंसर के रोगियों और इस रोग से मुक्‍त हुए लोगों की जरूरतों के अनुसार, उनके उपचार और रोगमुक्ति के विभिन्न चरणों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था। योग प्रोटोकॉल में विश्राम और प्राणायाम की नियमित अवधि के साथ आसान और स्‍वास्‍थ्‍यकर आसनो को शामिल किया गया। इन आसनों को योग्य और अनुभवी योग प्रशिक्षकों द्वारा कक्षाओं के माध्यम से लागू किया गया। इसके अलावा, अनुपालन बनाए रखने के लिए प्रोटोकॉल के हैंडआउट्स और सीडी भी उपलब्‍ध कराये गए।

स्तन कैंसर में योग का उपयोग सबसे बड़ी नैदानिक परीक्षण वाली महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह भारतीय परंपरागत उपचार का ऐसा पहला उदाहरण है जिसका मजबूत नमूनों के आकार के साथ रैन्डमाइज़्ड अध्ययन के मजबूत पश्चिमी ढांचे में परीक्षण किया जा रहा है। स्तन कैंसर न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्‍तर पर महिलाओं को प्रभावित करने वाला आमतौर पर होने वाला कैंसर है। इससे महिलाओं में अधिक चिंता व्‍याप्‍त रहती है। इस कारण महिलाओं को पहले कैंसर के डर से जीवन समाप्‍त होने का खतरा और दूसरे इस खतरे के साथ-साथ इस रोग के उपचार के दुष्प्रभाव और उससे निपटने की चिंता के कारण दोहरी मार झेलनी पड़ती है। यह देखकर अत्‍यंत प्रसन्नता हो रही है कि परिश्रम और मजबूती के साथ योग की प्रक्टिस ने जीवन की उत्कृष्ट गुणवत्ता को बनाए रखने में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर दी है और योग ने इस रोग की पुनरावृत्ति और इससे होने वाली मृत्यु के जोखिम को संख्यात्मक रूप से 15 प्रतिशत तक कम कर दिया है।

डॉ. नीता नायर ने अमरीका में वार्षिक रूप से आयोजित किए जाने वाले विश्‍व के सबसे प्रतिष्ठित स्तन कैंसर सम्मेलनों में से एक, सैन एंटोनियो स्तन कैंसर संगोष्ठी (एसएबीसीएस) में एक स्पॉटलाइट प्रस्तुति के रूप में प्रस्‍तुत स्पॉटलाइट शोध-पत्र प्रस्‍तुत किया। जिसमें स्‍तर कैंसर पर योग के ऐतिहासिक प्रशिक्षण प्रभाव प्रस्‍तुत किए गए हैं। इस सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए हजारों शोध-पत्रों में से कुछ को स्पॉटलाइट विचार-मिमर्श के लिए चुना गया है और उपायों की नवीनता तथा स्तन कैंसर के परिणामों को प्रभावित करने वाले पहले भारतीय उपाय के कारण हमारा अध्ययन सर्वथा इसके योग्य है।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में “भारत भाषा उत्सव” और “सुब्रह्मण्यम भारती जयंती” के उपलक्ष में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित

कानपुर 13 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारत के आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत सरकार के निर्देशानुसार “भारत भाषा उत्सव” महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती की जयंती (11 दिसंबर) के उपलक्ष्य में क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के हिंदी विभाग द्वारा निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता के शीर्षक थे – ‘भाषाई एकता’, ‘अखंड भारत’, ‘भारत भाषा उत्सव’. हिंदी विभाग के ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन पुस्तकालय’ में दिनांक 13.12.2022 को आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों ने बहुत सुन्दर और प्रासंगिक निबंधों की रचना की. साथ ही बहुत सृजनात्मक एवं कलात्मक पोस्टर बनाए. इनमें से कुछ पुरस्कृत पोस्टर्स को हिंदी विभाग की पटल पत्रिका (वॉल मैगज़ीन) ‘भित्ति लेख’ पर प्रदर्शित किया गया है.
वैचारिक संगोष्ठी के अंतर्गत विभागाध्यक्ष प्रो. अरविन्द सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए सुब्रह्मण्यम भारती के आरंभिक जीवन एवं उनके अल्पायु में लिखित महत साहित्य की चर्चा की. विशिष्ट वक्ता के रूप में श्री अवधेश मिश्र ने भारती जी की साहित्यिक एवं वैचारिक पृष्ठभूमि पर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी. उनके लेखन, विशेषकर काव्य लेखन पर प्रकाश डालते हुए मिश्र जी ने उन्हें केवल तमिल भाषा का ही साहित्यकार नहीं माना, वरन वे वास्तव में भारत के भारती थे. बनारस उनके साहित्य में, व्यक्तित्व में बोलता था और वे बहुभाषिकता के ज़ोरदार समर्थक थे. इसीलिए वे कहते थे –
“तीस कोटि मुख उसके, किन्तु एक प्राण है
बोलें अट्ठारह भाषाएँ वह, किन्तु एक चिंतन, एक ध्यान है”
इस संगोष्ठी के अंत में प्रो. सुजाता चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. सभी प्रतिभागियों एवं श्रोतागण का धन्यवाद देते हुए मिश्र जी के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस विषय को व्यापक फलक पर प्रस्तुत करके छात्रों के लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक वक्तव्य प्रस्तुत किया.
प्रतियोगिताओं में विजयी छात्रों को पुस्तकें एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएँगे.
निबंध प्रतियोगिता के विजयी छात्र इस प्रकार हैं –
प्रथम पुरस्कार – राहुल श्रीवास्तव (एम.ए. द्वितीय वर्ष) ‘भाषाई एकता’
द्वितीय पुरस्कार – हर्षिता आर्या (बी.ए. तृतीय सेमेस्टर) ‘भारतीय भाषा उत्सव’
तृतीय पुरस्कार – अंजलि सचान (बी.ए. तृतीय वर्ष) ‘अखंड भारत’
सांत्वना पुरस्कार – तिषा सागर (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ‘भाषाई एकता
पोस्टर प्रतियोगिता के विजयी छात्र इस प्रकार हैं –
प्रथम पुरस्कार – प्रियांशी सिंह (बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर) – ‘भाषाई एकता’
द्वितीय पुरस्कार – शची शुक्ला (बी.ए. हिंदी तृतीय सेमेस्टर) – ‘अखंड भारत’
तृतीय पुरस्कार – अंजलि सचान (बी.ए. तृतीय वर्ष) – ‘अखंड भारत’
सांत्वना पुरस्कार – ईशा विश्वकर्मा (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) – ‘अखंड भारत’

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एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज कानपुर में विविधा 2022 के अंतर्गत अंतर विभागीय प्रतियोगिताएं तीन विभागों द्वारा आयोजित की गई

कानपुर 13 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता,  एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज कानपुर में विविधा 2022 के अंतर्गत अंतर विभागीय प्रतियोगिताएं तीन विभागों द्वारा आयोजित की गई। संगीत विभाग द्वारा सुगम संगीत एवं मॉडल प्रतियोगिता डॉ सुनीता दिवेदी प्रोफेसर जुहारी देवी डिग्री कॉलेज द्वारा” समाज में बढ़ते मनो विकारों” के निवारण में संगीत की भूमिका पर व्याख्यान अंग्रेजी विभाग द्वारा” कॉसस एंड प्रीवेंशन कम्युनिकेबल डिसीसिस” तथा हिंदी विभाग द्वारा “स्वच्छ नागरिक स्वच्छ भारत “विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुनीता दि्वेदी प्रबंध तंत्र सचिव पी के सेन सदस्य दीपाश्री मैम तथा महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। संगीत विभागाध्यक्ष डॉ ममता अग्रवाल  सुषमा बाजपेई गुलशन मोगा हिंदी विभागाध्यक्ष रचना शर्मा डॉ शोभा बाजपेई, रेशमा, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अल्का टंडन डॉ पूजा गुप्ता डॉ कोमल सरोज ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई प्रतियोगिता में विजेता छात्राओं के नाम निम्न वत है माडल प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान सुरभि वर्मा, द्वितीय स्थान ,नेहा ,संध्या शर्मा, तृतीय स्थान अदिति दीक्षित और निधि ने प्राप्त किया।अंग्रेजी निबंध मे वैष्णवी मिश्रा,अनुष्का सिंह प्रथम, द्वितीय स्थान आर्ची वर्मा, तृतीय स्थान सुमैय्या नफीज ने प्राप्त किया। हिंदी निबंध मे प्रथम खुशी दि्वेदी,द्वितीय स्थान शिवांगी शुक्ला, तृतीय स्थान रजनेश यादव ने प्राप्त किया।

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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की उपस्थिति में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस 2022 सम्‍मेलन का उद्घाटन किया

उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया की उपस्थिति में वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के दो दिवसीय सम्मेलन का आभासी रूप से उद्घाटन किया। इस आयोजन में कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने भी भाग लिया। इनमें राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश डॉ दया शंकर मिश्रा, श्रीमती विदादला रजनी (आंध्र प्रदेश), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), डॉ प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), श्री धन सिंह रावत (उत्तराखंड), श्री रवींद्र जायसवाल (उत्तर प्रदेश), श्रीमती चंद्रिमा भट्टाचार्य (पश्चिम बंगाल), डॉ. सपम रंजन (मणिपुर) और डॉ. एम के शर्मा (सिक्किम) शामिल थे।

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उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में अंतिम छोर तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं आरोग्‍य केंद्रों के कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मुझे यह जानकर प्रसन्‍नता हुई कि 1.33 लाख से अधिक एचडब्ल्यूसी अब चालू हो चुके हैं और टेली-परामर्श सेवाओं के केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं”।  उन्होंने इन केंद्रों पर सेवारत चिकित्सा पेशेवरों को विभिन्न बीमारियों की जांच के बारे में स्थानीय आबादी के बीच जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि राष्‍ट्र से रोगों का उन्‍मूलन करने के लिए सहयोगपूर्ण प्रयास आवश्यक है। निक्षय-मित्र पहल की भावना और प्रगति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “केंद्र, राज्यों, समुदायों और व्यक्तियों के सहयोगपूर्ण प्रयास से हम वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। आइए, हम सब आगे आएं और टीबी रोगियों की सहायता के लिए निक्षय मित्र बनें।” कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. मनसुख मांडविया ने निस्वार्थ सेवा और विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान कर्तव्य के प्रति संकल्‍पबद्धता  प्रदर्शित  करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) का आभार व्‍यक्‍त किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत सरकार की प्रमुख पहल ई-संजीवनी के महत्वपूर्ण प्रभाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसकी बदौलत इलाज के लिए रोगी की 21.59 किमी प्रति यात्रा की सफलतापूर्वक बचत हुई, और प्रत्‍येक यात्रा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आने वाली 941.51 रुपये की लागत की बचत संभव हो सकी और इस प्रकार देश भर में 7,522 करोड़ रुपये की बचत हुई। ये टेली-परामर्श एबी-एचडब्‍ल्‍यूसी पर उपलब्ध हैं। इस गति को बरकरार रखने और एचडब्ल्यूसी में प्रदान की जा रही 12 स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने जांच, निदान और उपचार के माध्यम से एकीकृत स्वास्थ्य और आरोग्‍य के बारे में व्यापक अभियान चलाने के लिए महीने में एक बार स्वास्थ्य मेला आयोजित करने का आग्रह किया।

 

यूएचसी दिवस 2022 की थीम “हम जैसा विश्व बनाना चाहते हैंउसका निर्माण करें :सभी के लिए स्वस्थ भविष्य” (बिल्ड द वर्ल्ड वी वांट: अ हेल्दी फ्यूचर फॉर ऑल) है । सभी के लिए स्वस्थ भविष्य के निर्माण में स्वास्थ्य कवरेज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, यूएचसी यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि इन सेवाओं के लिए भुगतान करते समय सभी लोगों को बिना वित्तीय कठिनाइयों का सामना किए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो। इसके महत्व को देखते हुए जी-20 इंडिया हेल्थ ट्रैक में भी यूएचसी को एक प्रमुख प्राथमिकता के रूप में और वर्ष 2030 के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में एक प्रमुख लक्ष्य के रूप में शामिल किया गया है।

 

सम्‍मेलन के पहले दिन, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निम्नलिखित श्रेणियों के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया:

1. लक्ष्य के सामने एचडब्ल्यूसी के परिचालन की उपलब्धि,

2. टेली परामर्श, और

3. एबीएचए आईडी बनाना

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पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) और 15वें वित्तीय आयोग के कार्यान्वयन पर एक मंत्रिस्तरीय सत्र भी आज आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में डॉ आर एस शर्मा, सीईओ, एनएचए, श्री राजेश भूषण, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, सुश्री रोली सिंह, एएस एंड एमडी (एनएचएम), केंद्र, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों और विकास साझेदारों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज, आयोजित वार्षिक उत्सव 2022 के अन्तर्गत एकेडमिक प्रतियोगिताओं की श्रंखला ‘‘विविधा’’ में कार्यक्रम के तीसरे दिन एवं चौथे दिन क्रमश: ‘‘शाकाहार प्रोत्साहन’’ एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज, मॉल रोड, कानपुर में आयोजित वार्षिक उत्सव 2022 के अन्तर्गत एकेडमिक प्रतियोगिताओं की श्रंखला ‘‘विविधा’’ में कार्यक्रम के तीसरे दिन दिनांक 09-12-2022 को मनोविज्ञान विभाग द्वारा ‘‘शाकाहार प्रोत्साहन’’ विषय पर आधारित अंतर विभाग स्लोगन प्रतियोगिता तथा महाविद्यालय के स्ववित्तपोषित विभाग B.B.A.,B.C.A.,B.Com. और अर्थशास्त्र एम0ए0 की छात्राओं के द्वारा Shark-Tank कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रबन्ध समिति के सचिव श्री पी0के0सेन, महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो0 (डॉ0) सुमन, सयुक्त-सचिव श्री सुभ्रो सेन, पूर्व प्राचार्या डॉ0 निशा अग्रवाल, विभागाध्यक्षा शिक्षा शास्त्र विभाग, कार्यक्रम संयोजिका डॉ0 निशि प्रकाश विभागाध्यक्षा समाज शास्त्र विभाग, कार्यक्रम प्रभारी डॉ. गार्गी यादव, विभागाध्यक्षा रसायन विज्ञान विभाग द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। स्लोगन प्रतियोगिता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्या जी ने छात्राओं को प्रेरित किया और कहा कि प्रतियोगिता का विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है वर्तमान में यह पर्यावरण के विकास के लिए भी जागरुक करता है। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रतियोगिता के विषय की जानकारी मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. मोनिका सहाय द्वारा दी गई जिसमें उन्होने बताया कि वर्तमान समय में किस प्रकार हम शाकाहार को अपना कर, अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। Shark-Tank कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र की प्रवक्ता डॉ0 प्रीता अवस्थी द्वारा किया गया Shark-Tank कार्यक्रम के विषय में बीसीए विभाग के अध्यक्ष डॉ0 प्रभात पाण्डेय जी ने जानकारी दी। Shark-Tank कार्यक्रम के नियमों की जानकारी बी-कॉम विभाग की प्रवक्ता डॉ0 अनमोल द्वारा दी गई।
स्लोगन प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डॉ. निशि प्रकाश, विभागाध्यक्षा समाज शास्त्र विभाग तथा डॉ. किरण, विभागाध्यक्षा दर्शन शास्त्र विभाग शोभायमान रहे। स्लोगन तथा Shark-Tank प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे-

स्लोगन प्रतियोगिता
प्रथम पुरस्कार- वैष्णवी पाण्डेय B.A.3
द्वितीया पुरस्कार – यास्मीन बानो B.A. 3
तृतीया पुरस्कार- मीनाक्षी M.A. final
सांत्वना पुरस्कार- शिवानी यादव M.A. previous

Shark-Tank Competition
प्रथम पुरस्कार- अंशिका सक्सेना B.C.A.1
द्वितीया पुरस्कार – ईशा अग्रवाल B.C.A 2
तृतीया पुरस्कार- परिधि गौर व आइशा B.C.A.2 तथा श्रुति पाण्डेय व दिव्या मिश्रा B.C.A.2
सांत्वना पुरस्कार- ऋतिका तिवारी M.A.final

स्लोगन कार्यक्रम का संचालन विभाग की प्रवक्ता सहायक प्रो प्रीति यादव द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अंजना गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संपादित करने में विभाग की प्रवक्ताओं सहायक प्रो मयूरिका गुप्ता और सुश्री सौम्या श्रीवास्तव ने योगदान दिया तथा कार्यक्रम में डॉ0 प्रभात पाण्डेय, डॉ सपना राय, डॉ प्रीता अवस्थी, डॉ कीर्ति अवस्थी, सौम्या चर्तुवेदी, डॉ अनमोल सम्मिलित रही।

वार्षिकोत्सव “विविधा-2022″के अन्तर्गत चौथे दिन अन्तर्विभागीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका विषय था- “Happiness is more important than success”
जिसमे महाविद्यालय के विभिन्न विभागो से छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का औपचारिक शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रो. स्वाति सक्सेना जी, कन्वीनर एजुकेशन एवं प्रबन्ध तन्त्र के सचिव प्रोबीर कुमार सेन, सदस्या दीपाश्री, प्राचार्या प्रोफेसर सुमन एवं निर्णायक मण्डल द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया |
प्रतियोगिता को प्रारंभ करते हुए कार्यक्रम प्रभारी प्रो० चित्रा सिंह तोमर ने विभिन्न प्रतिभागी टीमो का परिचय कराया एवं प्रतियोगिता से सम्बन्धित नियमो से सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया। उसके उपरान्त निर्णायक मण्डल द्वारा विजयी टीमो की घोषणा की गई जिसमे –
प्रथम पुरस्कार-कृष्णा कठेरिया, उज़मा (एम ए प्रथम)
द्वितीय पुरस्कार-अंशिका सक्सेना, सृष्टि शुक्ला (बी. सी. ए प्रथम)
तृतीय पुरस्कार – अमल सिद्दीकी, सोनल द्विवेदी (बी एस सी तृतीय)
सान्त्वना पुरस्कार – सहरीश, वैष्णवी मिश्रा (बी. ए तृतीय)
को दिया गया | कार्यक्रम का आयोजन मानविकी संकाय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। जिसमे पूर्व प्राचार्या प्रो. निशा अग्रवाल, प्रो० चित्रा सिंह तोमर, ऋचा सिंह, कोमल सरोज, डॉ संगीता सिंह एवं डॉ. निशा सिंह ने सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की समस्त विभागों की शिक्षिकायें उपस्थित रहीं।
निर्णायक की भूमिका का निर्वहन संस्कृत विभाग की पूर्व विभागाध्यक्षा प्रो गीता देवी गुप्ता (सेवानिवृत्त) एवं प्रोफ़ेसर रेखा चौबे, समाजशास्त्र विभाग द्वारा किया गया।कार्यक्रम के समापन पर प्राचार्या प्रो० सुमन ने सभी उपस्थित अतिथियो एवं शिक्षिकाओं को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं विजयी छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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टूटे जब मन के धागे घायल तब संबंध हुए

टूटे जब मन के धागे घायल तब संबंध हुए, जब लगे मन में पिड़ा आंखो से जल नीर बहे। अधरों की खामोशी जब चीखे दूर खड़ी मरियादा सीचे अवशाद हुए। घायल आशु की भाषा से बिसरी यादो का श्रृंगार हुए। स्वर देकर झनकृत कराती बिरहा प्रेम के छंद हुए। जो अंकित हैं हृदय के बिंदु पर धूमिल सारे अनुबंध हुए। टूटे जब धागे घायल तब संबंध हुए। मैंने जीवन को बंध लिया पीड़ा के अंतस लहेरो में तुम सरस रागनी बह निकले हम तो टूटे तटबंध हुए। टूटे जब मन के धागे.. वंदना बाजपेई

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एस एन सेन पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में विविधा-2022 के दूसरे दिन दो प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता एस एन सेन पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में विविधा-2022 के द्वितीय दिवस में दो प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के विज्ञान संकाय ने ऑन द अदर साइड ऑफ़ टेबल प्रतियोगिता का आयोजन किया एवं मेंहदी प्रतियोगिता का आयोजन किया।
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो0 (डॉ0) सुमन, प्रो0 निशी प्रकाश चीफ प्रोक्टर, प्रो0 रेखा चौबे समाज शास्त्र विभाग रसायन विज्ञान की विभागाध्याक्षा डा गार्गी यादव वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यशा डा0 प्रीति सिंह तथा जन्तु विज्ञान की विभागाध्याक्षा डा0 शिवांगी सिंह ने दीप प्रज्जलित करके किया। प्रतियोगिता के निर्णायक प्रो0 सुनीता आर्या जन्तु विज्ञान विभाग डी0जी0पी0जी0 कॉलेज तथा डा0 विशाल सक्सेना वनस्पति विज्ञान विभाग डी0ए0वी0 पी0जी0 कॉलेज ने किया।
इस प्रतियोगिता में छात्राओं ने चाक डस्टर का प्रयोग करते हुए शिक्षकों द्वारा दिए गए विषय को समझाया, दूसरी प्रतियोगिता मेंहदी प्रतियोगिता थी इसका आयोजन कला विभाग ने किया जिसके निर्णायक मण्डल में प्रो0 निशी प्रकाश तथा प्रो0 रेखा चौबे रहे

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एस एन सेन बालिका पी जी कॉलेज में प्रेस कांफ्रेंस में महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव विविधा ~२०२२ के संबंध में जानकारी साझा की गई

कानपुर 6 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका पी जी कॉलेज में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की गई।
प्रेस कांफ्रेंस में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो सुमन ने जानकारी देते हुए बताया कि महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव विविधा -२०२२ का शुभारम्भ ६/१२/२२ को अकादमिक प्रतियोगिताओं की श्रृंखला के साथ होगा जिसकी सूची संलग्न है। सभी विभाग शैक्षिक पाठ्यक्रम से संबंधित प्रतियोगिताओं का आयोजन करेंगे जो छात्राओ के सर्वांगीण विकास में सहायक होगा । सभी प्रतियोगिताएँ अंतर्विभागीय होंगी जिससे छात्राओ को अन्य विषयों की जानकारी होगी एवं रुचि जागृत होगी॥ इस शृंखला का समापन लावण्या -२०२२ से होगा । इस दिन छात्राओ द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ की जायेंगी जिसमें प्राचार्या द्वारा महाविद्यालय की वार्षिक आख्या, के अतिरिक्त नृत्य , नाटक इत्यादि का समावेश होगा। इस दिन महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र, अन्य महाविद्यालयों के प्राचार्य गण तथा महानगर के गणमान्यों को आमंत्रित किया गया है।
अंत में प्राचार्या ने सभी उपस्थित प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से आये पत्रकार बंधुओं को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सहयोग की अपेक्षा प्रेषित की।

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