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राजनीति

ब्रह्मोस ने तट आधारित एंटी-शिप (जहाज रोधी) मिसाइल प्रणाली के निर्यात को लेकर फिलीपींस के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) ने फिलीपींस को तट आधारित एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति को लेकर 28 जनवरी, 2022 को फिलीपींस गणराज्य के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। बीएपीएल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की संयुक्त उद्यम कंपनी है। भारत सरकार की जिम्मेदारी पूर्ण रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने की नीति को लेकर यह अनुबंध एक महत्वपूर्ण कदम है।

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1 फरवरी 2022 को केंद्रीय बजट 2022-23 पेपरलेस रूप में पेश किया जाएगा

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को पेपरलेस रूप में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करेंगी।

महामारी की स्थिति जारी रहने और स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, इस बार केंद्रीय बजट बनाने की प्रक्रिया के अंतिम चरण को चिन्हित करने के लिए आयोजित किया जाने वाला हलवा समारोह नहीं होगा। इसकी जगह कोर स्टाफ को उनके कार्यस्थलों पर ‘लॉक-इन’ से गुजरने के कारण मिठाई प्रदान की गई।

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बजट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए बजट तैयार करने में शामिल अधिकारियों को ‘लॉक-इन’ कर दिया जाता है। ये अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक के अंदर स्थित बजट प्रेस में केंद्रीय बजट पेश होने तक रहते हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में बजट पेश करने के बाद ही ये अधिकारी और कर्मचारी अपने लोगों के संपर्क में आते हैं।

एक ऐतिहासिक कदम के तहत, केंद्रीय बजट 2021-22 पहली बार पेपरलेस रूप में पेश किया गया था। सांसदों और आम जनता द्वारा बिना किसी परेशानी के बजट दस्तावेज देखने और पढ़ने के लिए एक यूनियन बजट मोबाइल एप‘ भी लॉन्च किया गया था। 1 फरवरी 2022 को संसद में बजट पेश किए जाने के बाद केंद्रीय बजट 2022-23 भी मोबाइल एप पर उपलब्ध होगा।

मोबाइल ऐप के जरिए बजट भाषण, वार्षिक वित्तीय विवरण (जिसे आमतौर पर बजट के रूप में जाना जाता है), अनुदान की मांग (डीजी), वित्त विधेयक आदि सहित संविधान के तहत निर्धारित 14 केंद्रीय बजट दस्तावेज देखे जा सकेंगे। मोबाइल ऐप दो भाषाओं- अंग्रेजी और हिंदी में है और एंड्रॉयड व आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।

एप को केंद्रीय बजट वेब पोर्टल (www.indiabudget.gov.in) से भी डाउनलोड किया जा सकता है। आम जनता के लिए बजट दस्तावेज केंद्रीय बजट वेब पोर्टल (www.indiabudget.gov.in) पर भी डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध होंगे।

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भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जनवरी 2022 को डिजिटल माध्यम से पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इसमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने हिस्सा लिया। भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ पर यह पहली भारत-मध्य एशिया समिट आयोजित की गई।

शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और मध्य एशियाई नेताओं ने भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए अगले कदमों पर चर्चा की। एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए, नेताओं ने हर दो साल में शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर सहमति व्यक्त जताई। वे शिखर सम्मेलन की बैठकों को लेकर आवश्यक तैयारी के लिए विदेश मंत्रियों, वाणिज्य मंत्रियों, संस्कृति मंत्रियों और सुरक्षा परिषद के सचिवों की नियमित बैठकों पर सहमत हुए। नई व्यवस्था का सहयोग करने के लिए नई दिल्ली में एक भारत-मध्य एशिया सचिवालय स्थापित किया जाएगा।

नेताओं ने व्यापार और संपर्क, विकास सहयोग, रक्षा और सुरक्षा तथा विशेष रूप से सांस्कृतिक व लोगों से लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्रों में आगे सहयोग के लिए दूरगामी प्रस्तावों पर चर्चा की। इसमें ऊर्जा और संपर्क पर गोलमेज बैठक; अफगानिस्तान और चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर वरिष्ठ आधिकारिक स्तर पर संयुक्त कार्य समूह; मध्य एशियाई देशों में बौद्ध प्रदर्शनी और सामान्य शब्दों का भारत-मध्य एशिया शब्दकोश, संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास, मध्य एशियाई देशों से भारत में हर साल 100 सदस्यीय युवा प्रतिनिधिमंडल की यात्रा और मध्य एशियाई राजनयिकों के लिए विशेष पाठ्यक्रम शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य एशियाई नेताओं के साथ अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर भी चर्चा की। नेताओं ने एक वास्तविक प्रतिनिधि और समावेशी सरकार के साथ शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए अपने मजबूत समर्थन को दोहराया। प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान की जनता को निरंतर मानवीय सहायता प्रदान करने की भारत की प्रतिबद्धता से अवगत कराया।

नेताओं की ओर से एक व्यापक संयुक्त घोषणा पत्र भी जारी किया गया, जिसमें स्थायी और व्यापक भारत-मध्य एशिया साझेदारी के लिए उनके साझा दृष्टिकोण को व्यक्त किया गया।

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जिलाधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने आज जनपद कानपुर नगर की दसों विधानसभाओं की फ्लाइंग स्कॉट टीम के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक

lकानपुर नगर। जिलाधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने आज जनपद कानपुर नगर की दसों विधानसभाओं की फ्लाइंग स्कॉट टीम के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने फ्लाइंग स्कॉट टीम को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ,इसके लिए आपकी पैनी निगाह 24 घंटे रहनी चाहिए। बिना अनुमति के कोई भी होडिंग, बैनर, पोस्टर ,झंडे इत्यादि को तत्काल हटाया जाए ।किसी भी वाहन पर यदि कोई झण्डा मिलता तो तत्काल उसकी परमिशन मांगी जाए यदि बिना परमिशन के कोई भी झंडा किसी भी वाहन में लगा मिले तो तत्काल उसे हटाया जाए। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि फ्लाइंग स्कॉट टीमें पैनी निगाह रखते हुए निर्भीक होकर प्रभावी कार्यवाही करें ।उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त फ्लाइंग स्कॉट टीमें अपनी- अपनी विधानसभाओं में भ्रमण शील रहते हुए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित करें, किसी भी स्थिति में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नही होना चाहिए। बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व , उप निदेशक कृषि कंट्रोल रूम प्रभारी उपस्थित रहे।

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कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों को मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ दिलाई गई

कानपुर 25जनवरी उप जिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) श्री दयानन्द प्रसाद की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों को मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ दिलाई। उन्होंने स्लोगन देते हुये कहा कि सही लोकतंत्र की क्या पहचान, जागरुक मतदाता, नैतिक मतदान, आइए लोकतंत्र का जश्न मनायें, राष्ट्रीय मतदाता दिवस को सफल बनायें, इसके उपरान्त शपथ दिलाते हुये कहा कि हम, भारत के नागरिक, लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते हैं कि हम अपने देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं की मर्यादा को बनाए रखंेगे तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुये, निर्भीक होकर, धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि आज हम सब लोगो ने जो शपथ ली है उसे शतप्रतिशत पालन करते हुये विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 को स्वतंत्र, निष्पक्ष व निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरुप सकुशल सम्पन्न करायें और अपने-अपने क्षेत्रो में जिन्हे जो कार्य/दायित्व सौपे गये उनका भली प्रकार से निर्वहन करें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (एल.ए.) श्री सतेन्द्र कुमार सिंह, ए.सी.एम. सहित अनेक पटलों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

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शो के माध्यम से समृद्ध कानपुर इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा, विशेष अवसरों और त्योहारों पर, एक विशेष शो का आयोजन होगा

आयुक्त राज शेखर ने आगामी प्रोजेक्शन मैपिंग शो के लिए 21 जनवरी, 2022 को गांधी भवन, फूल बाग का दौरा किया।

इस परियोजना का उद्देश्य शो के माध्यम से समृद्ध कानपुर इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करना है।विशेष अवसरों और त्योहारों पर, एक विशेष शो का आयोजन किया जाएगा।अलग-अलग टाइमिंग के अलग-अलग शो आयोजित किए जाएंगे। पार्क में आने वाले लोगों के बैठने की जगह होगी।इस शो से नाइट टूरिज्म को बढ़ाया जाएगा। केडीए, स्मार्ट सिटी कानपुर जैसे विभिन्न विभागों को परियोजना के उचित प्रबंधन और कामकाज के लिए आयुक्त महोदय द्वारा निर्देश दिए गए थे।प्रोजेक्शन मैपिंग शो बुर्ज खलीफा दुबई, गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई, इंडिया गेट दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर प्रसिद्ध हैं और अब कानपुर में होने की योजना है।शो की अवधारणा चार पहलुओं में कानपुर शहर में संस्कृति की समृद्धि का जश्न मनाती है – पौराणिक इतिहास, इतिहास, वर्तमान और उज्ज्वल भविष्य।यह शो ध्रुव, भ्रामवर्त घाट और सीता की कहानी की पौराणिक कहानियों का समापन करता है।

कानपुर का समृद्ध इतिहास उन पहले शहरों में से एक है जहां 1857 के विद्रोह की शुरुआत तात्या टोपे, रानी लखमी बाई और नाना राव के साथ हुई थी। यह विभिन्न ब्रिटिश प्रतिष्ठानों के विकास पर भी जोर देता है जो उस अवधि के बाद लाल इमली मिल्स – एशिया की सबसे बड़ी कपास मिल जैसी थी।वहाँ से लेकर आज तक कानपुर, जहाँ विभिन्न प्रकार के भोजन जैसे कि थग्गू के लड्डू और बदनाम कुल्फी, इसके होली समारोह और कई अन्य के लिए लोकप्रिय है।

कानपुर आज स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के साथ अपार प्रगति और समृद्धि की यात्रा पर है, जैसे कि कानपुर मेट्रो और आईआईटी कानपुर में डिजिटल इंडिया की पहल कई में से कुछ हैं।

शो में एक प्रेरक स्वर है और यह शहर और इसके लोगों के लिए गर्व की भावना पैदा करता है।
यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी. नगर निगम, केडीए और ज़िला प्रशासन का संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है।यह प्रोजेक्ट आगामी 3 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा।

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विकास भवन सभागार में मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी विशाख जी0 द्वारा आज विकास भवन सभागार में मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए समस्त मास्टर ट्रेनर को निर्देशित करते हुए कहा कि आप द्वारा जो भी ट्रेनिंग प्राप्त की गई है, उसमें किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए। जो भी कंफ्यूजन हो तत्काल उसका समाधान आज ही कर लिया जाए। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद कानपुर नगर में आप सभी मास्टर ट्रेनर को ही कार्मिकों को प्रशिक्षण देना है, इसके लिए आपको बेहतर तरीके से प्रशिक्षित होना आवश्यक है ।उन्होंने समस्त मास्टर ट्रेनर का डैमो भी देखा उनके द्वारा कैसे प्रशिक्षण दिया जायेगा । मास्टर ट्रेनर द्वारा बेहतर तरीके से एक एक बिंदुवार विस्तार से ट्रेंनिग दी गई । जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग द्वारा प्राप्त ट्रेनिंग वीडियो का लिंक सभी मास्टर ट्रेनर को उपलब्ध करा दिया जाए , सभी मास्टर ट्रेनर वीडियो से भी अपना कन्फ्यूजन दूर कर ले । उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त मास्टर ट्रेनर जिन भी कार्मिकों की ट्रेनिंग कराएंगे उन सभी कार्मिकों का ट्रेनिंगवार अलग अलग वाट्सप ग्रुप भी बनाएंगे । आज कार्यशाला में 75 मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण हुआ। मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 महेंद्र कुमार , जिला विकास अधिकारी आदि अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

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वर्तमान वित्त वर्ष में 650 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है: पीयूष गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 650 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। श्री गोयल ने सभी प्रमुख निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि 400 अरब डॉलर का उत्पाद निर्यात लक्ष्य हमारी नजर में है और सेवा क्षेत्र को 250 अरब डॉलर के निर्यात के लिए प्रयास करना चाहिए।

श्री गोयल ने इस बात पर संतोष व्यक्त करते हुए कि भारत ने चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल से दिसंबर, 2022) के दौरान 300 अरब डॉलर के उत्पाद निर्यात को हासिल किया है। उन्‍होंने ईपीसी को आश्‍वस्‍त किया कि उनका मंत्रालय ईपीसी को हरसंभव मदद करेगा और उनकी समस्‍याओं को निपटाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा ताकि अगले वित्त वर्ष में कहीं अधिक बड़े  निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

श्री गोयल ने कहा कि हम इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में वस्तुओं के निर्यात के लिए कहीं अधिक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा, ‘ओमिक्रोन संबंधी चिंता के बावजूद केवल दिसंबर में ही हमने 37 अरब डॉलर के वस्तु निर्यात लक्ष्य को छुआ। इस महीने 15 जनवरी तक तक के 15 दिनों में हम 16 अरब डॉलर के निर्यात तक पहुंच चुके हैं।’

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्वयं ‘वृद्धिशील विकास’ के बजाय ‘परिवर्तनकारी परिणाम’ निर्धारित करते हुए गति निर्धारित की है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने ईपीसी और उद्यमियों से आग्रह किया कि वे कारोबारी सुगमता की दिशा में सरकार की पहल जैसे राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली के जरिये मंजूरी आदि का लाभ उठाएं। उन्होंने उद्योग प्रतिनिधियों को आश्‍वस्‍त किया कि विभिन्न एफटीए वार्ताओं के दौरान उनकी मांगों को आगे बढ़ाया जाएगा।

जीवन की सुगमता और कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में बताते हुए श्री गोयल ने कहा कि अब 25,000 से अधिक अनुपालन कम कर दिए गए हैं।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार नए आइडिया पर गौर करने, हर स्तर पर उद्योग के साथ जुड़ने और एक सुविधाप्रदाता एवं भागीदार के रूप में काम करने के लिए तैयार है।

 

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चुनावी समर, 2022 विधान सभा चुनाव

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान करने की घोषणा की है और विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस अपने – अपने स्तर पर जोर आजमाइश कर रहे हैं। बड़ी पार्टियों के साथ – साथ तमाम छोटे दल भी अपना भविष्य तलाश रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के सियासी दौरे ने अन्य राजनीतिक दलों में हलचल पैदा कर दी है। धर्म और आस्था से लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है। इस समय लगभग सभी दलों को अब आम आदमी की चिंता सताने लगी है और उन्हें वादों में मुफ्त बिजली, पानी, सस्ता अनाज, तेल, गैस, फोन और लैपटॉप जैसी चीजों से लुभाने की कोशिशें की गई है।
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में पूर्वांचल विशेष महत्व रखता है। ऐसा कहा जाता है कि पूर्वांचल ने जिसका साथ दिया उसी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सत्ता का सुख भोगा है। विकास के तौर पर चुनावी माहौल में उत्तर प्रदेश को सौगातें दी जा रही हैं। गोरखपुर में एआईआईएमएस के साथ खाद फैक्ट्री, बलरामपुर में सरयू कनाल प्रोजेक्ट, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे और प्रयागराज में मातृशक्ति महाकुंभ में महिलाओं को कई सौगातें दी गई। ये सारे प्रयास मतदाताओं को लुभाने और चुनावी रणनीति के तहत ही है।
हालांकि इस चुनावी रणनीति में भाजपा के अलावा और कोई दल मजबूत नजर नहीं आ रहा। विपक्ष प्रयास जरूर कर रहा लेकिन सशक्त हमलावर नहीं हो पा रहा है। राजनीतिक गलियारों में मतदाताओं को लेकर जो ध्रुवीकरण चल रहा है उसमें बीजेपी कितनी सफल होगी यह अभी गर्भ में है। भाजपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे ने भाजपा की संघर्ष को बढ़ा दिया है।
अखिलेश यादव पूरी मजबूती से हमलावर हो रहे हैं और उन्हें अल्पसंख्यकों का वोट बिना प्रयास के ही हासिल है। इससे इतर भाजपा से ब्राह्मण वर्ग नाराज है। अल्पसंख्यकों का कितने प्रतिशत मत मिलेंगे इसमें भी संशय है फिर बेरोजगारी, महंगाई, अपराध, पेट्रोलियम, बढ़ती जीडीपी, गिरता रुपया और कोरोना  ऐसे मुद्दे हैं जिस पर सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है। फिर भी विकल्प के तौर पर अभी भाजपा के अलावा और कोई नहीं है, क्योंकि बाकी दलों में संगठन की कमी और मुद्दों पर पकड़ नहीं है। कांग्रेस अपना कोई मजबूत पक्ष नहीं रख पा रही है। प्रियंका गांधी का महिला कार्ड कितना असर दिखायेगा ये आने वाले समय में पता चलेगा।

प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

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निर्वाचन आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के लिए ब्रीफिंग बैठक आयोजित की

भारत निर्वाचन आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब,उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की विधानसभाओं के लिए होने वाले आगामी चुनावों के लिए तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों के लिए आज एक ब्रीफिंग बैठक का आयोजन किया। इन विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा 8 जनवरी 2022 को की गई थी। 1400 से अधिक अधिकारियों ने सत्र में भाग लिया, जिसमें 140 अधिकारी विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए और बाकी अधिकारी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। देश भर में आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य लेखा सेवाओं से लिए गए अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया गया है।

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पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए,मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव के दौरान पर्यवेक्षक भारत निर्वाचन आयोग की आंख और कान होते हैं और स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित चुनाव कराने के लिए विभिन्न मुद्दों पर पूरी तरह से नजर रखनी चाहिए। श्री चंद्रा ने पर्यवेक्षकों को सभी चुनावी प्रक्रियाओं से अपडेट रहने की सलाह दी, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग मतदाताओं और कोविड-19 संदिग्धों या पीड़ित व्यक्तियों की श्रेणी के अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र सुविधा प्रदान करना; आदर्श आचार संहिता और चुनाव आयोग के अन्य दिशानिर्देशों में किसी भी चूक के लिए सतर्क रहना; मौजूदा कोविड दिशानिर्देशों के साथ-साथ मतगणना प्रक्रियाओं को भी सख्ती से लागू करना शामिल हैं। धनबल के दुरुपयोग या किसी भी प्रकार के प्रलोभन के प्रति आयोग की शून्य-सहिष्णुता पर जोर देते हुए, सीईसी ने व्यय पर्यवेक्षकों से अपने कौशल को तेज करने और प्रलोभन के नए तरीकों से निपटने में अभिनव कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने पर्यवेक्षकों से कहा कि वे नागरिकों को किसी भी तरह के उल्लंघन के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए सक्षम बनाने के लिए सीविजिल ऐप का उचित प्रचार सुनिश्चित करें ताकि फ्लाइंग स्क्वॉड, निगरानी टीमों द्वारा त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। सीईसी ने अपने संबोधन के दौरान निर्देश दिया कि तीनों पर्यवेक्षकों (सामान्य, पुलिस और व्यय)को प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय में काम करना चाहिए। उन्होंने पर्यवेक्षकों से वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों और महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं की जांच करने के लिए अधिक से अधिक मतदान केंद्रों का दौरा करने को कहा।चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रेक्षक प्रणाली अब अच्छी तरह से स्थापित हो गई है और यह क्षेत्र के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन के लिए चुनाव आयोग का एक विस्तृत और मजबूत इंटरफेस है। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक चुनाव के संचालन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं और इस प्रकार मतदाताओं, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए उनके सुझावों और शिकायत निवारण में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने के लिए सुलभ और संपर्क में रहने की आवश्यकता है। श्री कुमार ने आगाह किया कि मतदान कर्मियों की मानवीय भूलों की छिटपुट घटनाओं, मतदान सामग्री वितरण केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन न होने से एक अलग समस्या पैदा हो सकती है और ये चीजें चुनाव के सुचारू संचालन को पटरी से उतार सकते हैं। उन्होंने पर्यवेक्षकों से सतर्क रहने और किसी भी गंभीर घटना की सूचना तत्काल आयोग को देने को कहा। उन्होंने पर्यवेक्षकों को आगाह किया कि वे हमेशा विभिन्न हितधारकों की सख्त और सूक्ष्म जांच के अधीन होते हैं और इस प्रकार चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्हें अपने स्वयं के व्यक्तिगत व्यवहार और आचरण के बारे में सावधान और सजग रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक आयोग के प्रतिनिधि होते हैं और उन्हें सौंपे गए इस पवित्र और महत्वपूर्ण कर्तव्य को लेकर उन्हें पूरी तरह जागरूक और सजग होना चाहिए।

चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डे ने यह स्वीकार करते हुए कि कोविड-19 के बीच चुनाव कराना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है, उन्होंने नामित पर्यवेक्षकों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए समान अवसर बनाए रखा जाए। उन्होंने मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर परेशानी मुक्त और मतदाता अनुकूल उपाय सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, समावेशी और सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने में समय की कसौटी पर खरा उतरा है और पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात अनुभवी अधिकारियों को क्षेत्र अधिकारियों के मार्गदर्शक और सलाहकार के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि पर्यवेक्षकों को शांतिपूर्ण और भय-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों में कम मतदान वाले बूथों की पहचान सहित मतदान में वृद्धि के लिए आयोग द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। वर्तमान समय में ऑनलाइन प्रचार की बढ़ी हुई भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना फैलाने और नफरत भरे प्रचार अभियानों को नियंत्रित करने की आवश्यकता का उल्लेख किया।

आधे दिन के लंबे सत्र के दौरान, भारत निर्वाचन आयोग के महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने पर्यवेक्षकों को चुनाव योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप पहलुओं पर जानकारी दी। अपने संबोधन के दौरान,उन्होंने लोकपाल के रूप में पर्यवेक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें वास्तविक समय में चुनाव आयोग को मुद्दों के बारे में सूचना देनी चाहिए और साथ ही क्षेत्र में अपने स्वयं के तटस्थ, नैतिक और सौहार्दपूर्ण आचरण को सुनिश्चित करना चाहिए। श्री सिन्हा, जो भारत निर्वाचन आयोग में गोवा राज्य के चुनाव प्रभारी भी हैं, ने अधिकारियों को राज्य विशिष्ट मुद्दों के बारे में जानकारी दी। वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त, श्री चंद्रभूषण कुमार ने पर्यवेक्षकों को कानूनी और एमसीसी से संबंधित मुद्दों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए राज्य विशिष्ट विवरणों पर भी प्रकाश डाला। उप चुनाव आयुक्त श्री नितेश व्यास ने पर्यवेक्षकों को ईवीएम-वीवीपीएटी प्रबंधन के बारे में जानकारी दी, जिसमें उन्होंने पर्यवेक्षकों के लिए महत्वपूर्ण जांच चौकियों और मतदाता सूची के मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पर्यवेक्षकों को पंजाब और मणिपुर के लिए राज्य विशिष्ट मुद्दों पर भी जानकारी दी। उप चुनाव आयुक्त श्री टी. श्रीकांत ने आयोग के विभिन्न आईटी अनुप्रयोगों और पहलों के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी। आयोग की महानिदेशक (मीडिया) सुश्री शेफाली शरण ने अधिकारियों को मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों, पेड न्यूज और सोशल मीडिया सहित मीडिया से संबंधित पहलुओं पर जानकारी दी। कर्मचारियों के प्रशिक्षण और व्यय निगरानी पर ब्रीफिंग सत्र भी आयोजित किए गए।

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