Breaking News

राजनीति

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने जम्मू और कश्मीर में एक जिला एक उत्पाद के तहत विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित किया

जम्मू और कश्मीर व्यापार संवर्धन संगठन (जेकेटीपीओ) के सहयोग से उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के ‘एक जिला एक उत्पाद’ पहल के तहत व्यापार को बढ़ावा देने और बाजार संपर्क बनाने की दृष्टि से, जम्मू और कश्मीर में 21 अप्रैल 2022 को एक विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया गया।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व वाले कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की उपस्थिति रही और उनके उत्पाद दुनियाभर में एक मिलियन से अधिक खुदरा दुकानों पर उपलब्ध हैं। जम्मू और कश्मीर के विभिन्न जिलों के विक्रेताओं, व्यापारियों, किसानों, एग्रीगेटर्स ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया जो घाटी की अद्वितीय चीजें हैं। इसमें विश्व प्रसिद्ध कश्मीरी केसर, हिमालयन व्हाइट बबूल शहद, लाल चमकदार किडनी बीन्स, ताजी उगाई गई जैविक सब्जियां और बहुत कुछ शामिल हैं।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन ने एक ऐसा मंच प्रदान किया, जहां विभिन्न सरकारी विभाग और संस्थान चयनित उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आए। जम्मू एवं कश्मीर कृषि और उद्योग विभाग बाजार की आवश्यकता के अनुसार गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। साथ ही किसानों की आय क्षमता में सुधार के लिए इस श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों को प्रसिद्ध ब्रांडों के साथ जोड़ना अनिवार्य है। सभी हितधारकों के बीच सामूहिक चर्चा से केसर आधारित डेयरी उत्पादों, अखरोट आधारित बेकरी उत्पादों आदि जैसे उत्पादों की विविधता पर नए-नए विचार सामने आए। खरीदारों और विक्रेताओं के बीच व्यापार पर केंद्रित चर्चा की सुविधा प्रदान की गई, जिसके परिणामस्वरूप 1.2 करोड़ रुपये की धनराशि के 4 उत्पादों के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

यह आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष परिणाम है। अपने एक जिला एक उत्पाद पहल के तहत, डीपीआईआईटी किसानों की आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस तरह के जुड़ाव को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। कृषि, कपड़ा, हस्तशिल्प और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में 700 से अधिक उत्पादों के साथ, ओडीओपी पहल के जरिए देश के हर जिले से एक उत्पाद का चयन, ब्रांड और प्रचार किया जाता है। समन्वय और सहयोगात्मक नेटवर्क तैयार करना इसकी मुख्य भूमिका है। व्यापार को बढ़ावा देने और सुविधा के लिए यह खरीदारों और विक्रेताओं की मदद करता है।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने मुख्य संबोधन दिया। कार्यक्रम के दौरान सुमिता डावरा, अपर सचिव डीपीआईआईटी, नवीन कुमार चौधरी प्रधान सचिव कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग के अलावा जम्मू और कश्मीर सरकार के कृषि एवं बागवानी विभागों के विषय विशेषज्ञ आदि विभिन्न गणमान्य उपस्थित रहे।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के साथ-साथ वेब आधारित बिक्री के जरिए व्यापार का विस्तार करने के लिए जम्मू-कश्मीर के विक्रेताओं का सहयोग करने को देश के एक प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा ई-कॉमर्स सत्र भी आयोजित किया गया। इससे पहले ओडीओपी पहल के माध्यम से बडगाम, कश्मीर से 6750 किलोग्राम सेब और 2000 किलोग्राम अखरोट कर्नाटक के खरीदारों को बेचा गया, जो पहले इसका आयात कर रहे थे। विभिन्न उत्पादों के अनूठे बिक्री प्रस्ताव (यूएसपी) की पहचान और सहयोग के माध्यम से, ओडीओपी पहल अपने विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के माध्यम से ऐसे प्रयासों को बड़े पैमाने पर दोहराने का प्रयास कर रही है।

Read More »

कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर और फिलीपींस के कृषि मंत्री श्री डार के बीच हुई बैठक

नई दिल्ली 21 अप्रैल, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर से आज कृषि भवन, नई दिल्ली में फिलीपींस के कृषि मंत्री श्री विलियम डार ने प्रतिनिधिमंडल सहित मुलाकात की। इस दौरान श्री तोमर ने आश्वासन दिया कि भारत जल्द ही आगामी संयुक्त कृषि कार्य बैठक की मेजबानी करेगा, जिसमें सभी द्विपक्षीय कृषि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। श्री तोमर ने सभी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए श्री डार की दिल्ली यात्रा के साथ-साथ भारत और फिलीपींस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों पर प्रसन्नता व्यक्त की। श्री तोमर ने व्यापार और कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों पर संतोष व्यक्त करने के साथ ही कृषि क्षेत्र में फिलीपींस के लोगों की कड़ी मेहनत पर प्रसन्नता व्यक्त की और उनसे कृषि क्षेत्र में फिलीपींस के नए अनुसंधान के बारे में अपने ज्ञान व अनुभव को भारत के साथ साझा करने का अनुरोध किया। श्री तोमर ने कहा कि दोनों देशों में चावल का काफी उपभोग होता है और चावल प्रिय देश हैं, जिससे ये भौगोलिक रूप से समरूप और एक-दूसरे से घनिष्ठ हो जाते हैं। फिलीपींस के कृषि मंत्री श्री डार ने कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के अच्छे संबंधों की सराहना की। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत के फिलीपींस के साथ बेहतर संबंध है। वर्तमान में भारत, आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। श्री डार ने जैविक और गैर-जैविक क्षेत्र जैसे बेहतर कृषि उत्पादों के क्षेत्र में भारत के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने जोर दिया कि प्रकृति को प्रभावित किए बिना दोनों देशों को जैविक उत्पादों के क्षेत्र में संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। श्री डार ने किसानों की आय दोगुनी करने के भारत सरकार के विचार पर प्रकाश डालते हुए स्थानीय किस्म की कृषि को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने स्तर पर जेडब्ल्यूजी बैठक करें, जो गत वर्ष से महामारी के कारण लंबित है।

Read More »

जनपद स्तरीय अप्रेन्टिसशिप मेला आयोजित

कानपुर 21 अप्रैल (सू0वि0) प्रदेश सरकार के निर्देशों के क्रम में जनपद स्तरीय अप्रेन्टिसशिप मेला का आयोजन आज राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पाण्डुनगर में किया गया। इस अप्रेन्टिसशिप मेला का शुभारम्भ विधायक गोविन्द नगर सुरेन्द्र मैथानी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। अप्रेन्टिसशिप मेला में प्रदेश सरकार के द्वारा अप्रेन्टिसशिप करे, आत्मनिर्भर बने के अन्तर्गत विभिन्न कम्पनियों ओईएफ, शिवम स्प्रिरिंग, कैलाश मोटर्स सहित कुल 38 कम्पनियों ने भागीदारी करते हुये विभिन्न ट्रेड जैसे-फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मशीनिस्ट, ऑटोमोबाइल आदि सेक्टर के अप्रेन्टिसशिप हेतु लगभग 300 अभ्यर्थियों/छात्रों का चयन किया। के0एम0 सिंह, प्राधानाचार्य राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पाण्डुनगर ने बताया है कि आज अप्रेन्टिस मेला में जनपद के लगभग 2800 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग करते हुये विभिन्न व्यवसाय में अप्रेन्टिस किये जाने हेतु अपना इन्टरव्यू दिया। इस अवसर पर गोविन्द नगर विधायक श्री सुरेन्द्र मैथानी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अप्रेन्टिसशिप मेला के माध्यम से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों व अन्य संस्थानों में तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त किये अभ्यर्थियों को विभिन्न कम्पनियों में अप्रेन्टिसशिप करने का अच्छा अवसर मिलेगा और इसके पश्चात उन्हें आत्म निर्भर बनने हेतु स्वरोजगार व रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक राहुल देव, उपायुक्त जिला उद्योग एस0पी0 यादव, सहायक निदेशक सेवायोजन एस0पी0 द्विवेदी, विवेक शुक्ला आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

Read More »

सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को अगला थल सेनाध्यक्ष नियुक्त किया

वर्तमान में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को सरकार ने अगला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति 30 अप्रैल, 2022 की दोपहर से प्रभावी होगी। 06 मई, 1962 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को 24 दिसंबर, 1982 को भारतीय सेना की कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में कमीशन दिया गया था। 39 वर्षों से अधिक समय की अपनी लंबी और विशिष्ट सेवा अवधि के दौरान श्री मनोज सी पांडे ने विभिन्न कमानों, अधिकारी पदों और प्रशिक्षण सम्बन्धी नियुक्तियों पर काम किया है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे ने अपनी कमान की नियुक्तियों के दौरान पश्चिमी युद्ध क्षेत्र में एक इंजीनियर ब्रिगेड की कमान संभाली है, उन्होंने हमलावार फौजी दस्ते के साथ काम किया है और इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर एक पैदल ब्रिगेड के साथ उनकी सेवाएं भी शामिल हैं। श्री मनोज सी पांडे की अन्य महत्वपूर्ण कमांड नियुक्तियों में पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक माउंटेन डिवीजन तथा एलएसी के साथ और पूर्वी कमान के काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन क्षेत्र में एक कोर की कमान संभाली।

लेफ्टिनेंट जनरल के रैंक पर मनोज सी पांडे अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ और कोलकाता में पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी के पद पर सेवारत रहे हैं और ये उनकी सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत होने से पहले की महत्वपूर्ण नियुक्तियां हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने केम्बरली (यूके) के स्टाफ कॉलेज, महू के आर्मी वार कॉलेज और नई दिल्ली में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की है।

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।

Read More »

भारत की चीनी, घोल रही है विश्व में मिठास!

भारत के चीनी निर्यात में वित्त वर्ष 2013-14 के 1,177 मिलियन डॉलर की तुलना में 291 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की गई है जो वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 4600 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। डीजीसीआईएंडएस के डाटा के अनुसार, भारत ने विश्व भर के 121 देशों को चीनी का निर्यात किया। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चीनी के निर्यात में 65 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई। यह वृद्धि उच्च माल भाड़ा बढोतरी, कंटेनरों की कमी आदि के रूप में कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न लॉजिस्ट्क्सि संबंधी चुनौतियों के बावजूद अर्जित की गई। एक ट्वीट में इस ऐतिहासिक उपलब्धि को रेखांकित करते हुए, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियां किसानों को वैश्विक बाजारों का दोहन करने के माध्यम से उनकी आय बढ़ाने में सहायता कर रही हैं। डीजीसीआईएंडएस के डाटा के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 1965 मिलियन डॉलर के बराबर का चीनी निर्यात किया था जो वित्त वर्ष 2020-21 में 2790 मिलियन डॉलर तथा वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 4600 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-फरवरी) में, भारत ने इंडोनेशिया को 769 मिलियन डॉलर के बराबर का चीनी निर्यात किया था जिसके बाद बांग्लादेश (561 मिलियन डॉलर), सूडान (530 मिलियन डॉलर) तथा संयुक्त अरब अमीरात (270 मिलियन डॉलर) का स्थान रहा। भारत ने सोमालिया, सऊदी अरब, मलेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, इराक, पाकिस्तान, नेपाल, चीन आदि देशों में भी चीनी का निर्यात किया। भारतीय चीनी का आयात अमेरिका, सिंगापुर, ओमान, कतर, टर्की, ईरान, सीरिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, फ्रांस, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, इजरायल, रूस, मिस्र आदि देशों में किया गया है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक की देश में कुल चीनी उत्पादन में लगभग 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। देश के अन्य प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा तथा पंजाब शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि भारत ब्राजील के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। वित्त वर्ष 2010-11 के बाद से, भारत निरंतर चीनी का अधिशेष उत्पादन करता रहा है और आराम से घरेलू आवश्यकताओं से अधिक उत्पादन करता रहा है। रिकॉर्ड निर्यात चीनी उत्पादकों को उनके भंडार में कमी लाने में सक्षम बनाएगा तथा गन्ना किसानों को भी लाभान्वित करेगा क्योंकि भारतीय चीनी की बढ़ी हुई मांग से उनकी प्राप्ति में सुधार आने की उम्मीद है। कृषि निर्यातों में उल्लेखनीय वृद्धि को देश के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप् में भी देखा जा रहा है। निर्यात किए जाने वाले उत्पादों का निर्बाधित गुणवत्तापूर्ण प्रमाणन सुनिश्चत करने के लिए, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने उत्पादों तथा निर्यातकों की एक व्यापक श्रृंखला को जांच की सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारत भर में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता प्रदान की है। एपीडा अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में निर्यातकों की भागीदारी का आयोजन करतता है जो निर्यातकों को वैश्विक बाजारों में उनके खाद्य उत्पादों के विपणन के लिए एक मंच उपलब्ध करता है। एपीडा कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आहार, जैविक विश्व कांग्रेस, बायोफैच इंडिया आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है। वर्ष 2019 में, एपीडा ने रोड शो का आयोजन करने के लिए इंडोनेशिया में निर्यातकों का एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और संबंधित प्राधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित कीं। इसके बाद इंडोनेशिया को होने वाले निर्यात में तेजी आई तथा आज वे भारत से चीनी के सबसे बड़े आयतक हैं।

Read More »

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने निफ्ट के युवा स्नातकों से भारत को वैश्विक फैशन राजधानी बनाने की दिशा में काम करने का अनुरोध किया

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग व वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) के युवा स्नातकों से भारत को विश्व की फैशन राजधानी बनाने की दिशा में काम करने का अनुरोध किया। उन्होंने मुंबई स्थित निफ्ट के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। अपने संबोधन में श्री गोयल ने कहा कि भारतीय डिजाइनर और कलाकारों के पास कौशल व अभिनव विचार हैं। उन्होंने कहा कि निफ्ट के स्नातकों सहित भारतीय डिजाइनर वैश्विक स्तर पर अभूतपूर्व काम कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने स्नातक करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “आप में से सभी सपने देखने वाले हैं, आप नए विचारों, नए डिजाइनों और नई अवधारणाओं के साथ आते हैं।” उन्होंने स्थानीय कोल्हापुरी चप्पल और पैठानी साड़ियों का उदाहरण दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पारंपरिक भारतीय कला और हस्तशिल्प में वैश्विक फैशन ट्रेंड्स बनने की क्षमता है।”

wps2

श्री गोयल ने कहा, “डिजाइन के छात्र के रूप में आप में से हर कोई एक गहरी संवेदनशीलता का प्रतिनिधित्व करता है। ये आपके काम की गुणवत्ता और आप अपने कामगारों, बुनकरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें उनके काम का उचित मूल्य मिले, में दिखेगा।” श्री गोयल ने कहा कि निफ्ट स्नातकों से उच्च मानकों और नैतिकता को बनाए रखने की अपेक्षा है। उन्होंने निफ्ट के छात्रों की प्रतिभा की सराहना की। कपड़ा मंत्री ने कहा कि निफ्ट के कई स्नातक जल्द ही बॉलीवुड के लिए डिजाइनिंग शुरू करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यूजीसी ने फैशन प्रौद्योगिकी में स्नातक, फैशन प्रौद्योगिकी में परास्नातक (मास्टर) और फैशन प्रबंधन में परास्नातक (मास्टर) पाठ्यक्रम को मान्यता दी है। उन्होंने कहा, “यूजीसी से मान्यता प्राप्त तकनीकी डिग्री आपको पूरे विश्व में उच्च अध्ययन के बेहतर अवसर प्राप्त करने में सहायता करेगी।” उन्होंने कहा कि सभी पाठ्यक्रमों के एक समान मानकीकरण से छात्रों के लिए शैक्षणिक मूल्य को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

wps4

श्री गोयल ने छात्रों से अपने संस्थान और राष्ट्र को कुछ वापस देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि निफ्ट हथकरघा बुनकरों, हस्तशिल्प कारीगरों और अन्य लोगों के लिए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। उन्होंने छात्रों से संस्थान को पाठ्यक्रम तैयार करने और कलाकारों को सलाह देने में सहायता करने का अनुरोध किया। श्री गोयल ने कहा, “उन लोगों को यह वापस देने पर विचार करें, जिन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का अवसर प्राप्त नहीं होता है।” उन्होंने कहा, “बुनकरों के एक समूह को अपना सकते हैं, अपने कामगारों को कुशल बनाने पर विचार करें, उन्हें बेहतर काम करने के लिए शिक्षित करें, बेहतर डिजाइन, पैकेजिंग, मार्केटिंग व ब्रांडिंग के माध्यम से उनकी आय में सुधार करने में उनकी सहायता करें।” 2020 और 2021 में पाठ्यक्रम पूरा करने वाले 627 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। विभिन्न पाठ्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पदक, प्रमाणपत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

Read More »

सेना कमांडरों का सम्मेलन 18 से 22 अप्रैल 2022 तक नई दिल्ली में निर्धारित

सेना कमांडरों का सम्मेलन 18-22 अप्रैल 2022 तक नई दिल्ली में निर्धारित है। सेना कमांडरों का सम्मेलन एक शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम है जो प्रत्येक वर्ष अप्रैल और अक्टूबर में आयोजित किया जाता है। सम्मेलन वैचारिक स्तर पर विचार-विमर्श के लिए एक संस्थागत मंच है, जहां भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं।

सम्मेलन के दौरान, भारतीय सेना का वरिष्ठ नेतृत्व सक्रिय सीमाओं के साथ परिचालन स्थिति की समीक्षा करेगा, संघर्ष वाले पूरे क्षेत्र में खतरों का आकलन करेगा और क्षमता विकास और परिचालन तैयारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए क्षमता की कमी का विश्लेषण करेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना के विकास, स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण, उत्कृष्ट तकनीक को शामिल करने और रूस-यूक्रेन युद्ध के किसी भी प्रभाव पर मूल्यांकन से संबंधित पहलुओं पर चर्चा भी निर्धारित है।

भारतीय सेना में कार्यों में सुधार, वित्तीय प्रबंधन, ई-वाहनों को शुरू करने और डिजिटलीकरण से संबंधित प्रस्तावों के अतिरिक्त क्षेत्रीय कमांडों द्वारा प्रायोजित विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर वरिष्ठ कमांडरों द्वारा विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन के हिस्से के रूप में, आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी (एडब्ल्यूईएस) और आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (एजीआईएफ) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठकें आयोजित की जाएंगी।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा 21 अप्रैल 2022 को वरिष्ठ कमांडरों के साथ बातचीत करने और सम्मेलन को संबोधित करने की उम्मीद है। यह सम्मेलन भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए रक्षा मंत्रालय के संवाद सत्र के दौरान और रक्षा विभाग सैन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परस्पर बातचीत करने का एक औपचारिक मंच भी है।

Read More »

कानपुर के समग्र विकास कार्यो की समीक्षा बैठक आयोजित

कानपुर 16 अप्रैल अध्यक्ष, उ0प्र0 विधान सभा सतीश महाना की अध्यक्षता में सर्किट हाउस के सभागार में कानपुर के समग्र विकास कार्यो की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।बैठक में परियोजना/कार्यवार विभागीय अधिकारियों से कार्यो के प्रगति की समीक्षा की गई।
उन्होने कानपुर नगर में रिंग रोड के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुये निर्देश दिये कि शहर में यातायात की जाम की समस्या से निपटने के लिये शहर से बाहर रिंग रोड से जुडने वाले सभी चार हाइवे पर चार बस स्टेशन ग्राम समाज की भूमि पर बनाये जाने हेतु भूमि का चिन्हिांकन कराने के निर्देश दिये तथा कार्यो का निरन्तर अनुश्रवण किये जाने के भी निर्देश दिये।इसके साथ ही औद्योगिक विकास उपयोग के लिये ग्राम समाज की भूमि का चिन्हीकरण कराने व संबंधित विभागों द्वारा आपस में समन्वय स्थापित कर रिंग रोड के आस-पास विकास कराने तथा कानपुर विकास प्राधिकरण की महायोजना में भी रिंग रोड का कार्य सम्मिलित किये जाने के निर्देश दियें।उन्होनें गड्डामुक्त मार्ग कराये जाने हेतु समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि सभी विभाग अपने से संबंधित मार्गो को अनिर्वाय रूप से सडकों को गड्डामुक्त कराये तथा सडक के दोनों ओर सर्विस लेन पर अवैध कब्जों को हटाकर उसे बनाया जायें।
एयरर्पोट टर्मिनल निर्माण की समीक्षा में नगर आयुक्त द्वारा अवगत कराया गया कि नाला निर्माण हेतु शासन को धनराशि का मांग पत्र प्रेिषत किया गया है तथा आन्तरिक जल निकासी हेतु 40 लाख रूपयें से कार्य कराये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है।गंगापुल से जाजमऊ व रामादेवी तक के मार्ग को प्राथमिकता के आधार पर जनहित में ठीक कराये जाने के निर्देश दियें।उन्होनें जनपद में पुल निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुये करबिगंवा का पुल 30 जून,2022 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कराये जाने तथा कैण्ट पुल के अवशेष कार्य व सर्विस लेन का निर्माण कार्य भी पूणर््ा किये जाने के निर्देश सेतु निगम के अधिकारी को दियें।उन्होनें निर्माण किये जा रहे जयपुरिया रेलवे क्रंासिग के पुल पर विद्युत पोल के शिफिटिंग के कार्य को कराये जाने के भी निर्देश दियें।
उन्होनें नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि बारिश के मौसम के पहले शहर को जल भराव की समस्या से निजात दिलाने के लिये सभी नालों कह सफाई एवं सिल्ट सफाई का कार्य पूर्ण करा लिया जाए।उन्होंने सभी संबधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम समाज, व सभी सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं को चिन्हित करते हुये उनके विरूद्व कडी कार्यवाही की जायें।उन्होनें विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन किन्हीं स्थानों पर बांस बल्लियों में विद्युत केबिल लगें हैं,उन्हें तत्काल हटाकर विद्युत पोल स्थापित किये जायें।

उन्होनें नर्वल तहसील के अर्न्तगत निर्माण की जा रही सैमसी झील के सभी सम्पर्क मार्गो के चौडीकरण एवं मरम्मत कराये जाने तथा झील में पर्याप्त जल की उपलब्धता के संबंध में निर्देश दियें। शहर में यातायात को सुगम बनाने के लिये प्रमुख चौराहों को चिन्हित कर जाम की समस्या से निजात हेतु कार्यवाही किये जाने के निर्देश दियें।
बैठक मेें एम0एल0सी0 श्री अरूण पाठक,विधायक श्री सुरेन्द्र मैथानी,
मण्डलायुक्त, डा0 राजशेखर,जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा,संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री आन्नद तिवारी,केडीए उपाध्यक्ष श्री अरविन्द सिंह,सीडीओ डा0महेन्द्र कुमार सहित सभी संबंधित अधिकारगण उपस्थित रहें।

Read More »

बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती (सामाजिक समरसता दिवस) के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 14 अप्रैल, 2022 (सू0वि0) उप मुख्यमंत्री,  ब्रजेश पाठक ने बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती (सामाजिक समरसता दिवस) के अवसर पर होटल मंदाकिनी में आयोजित कार्यक्रम का डा0 भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्जवलन कर शुभारम्भ किया।
डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती (सामाजिक समरसता दिवस) के अवसर पर उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती, बैशाखी तथा महावीर जयंती का शुभ अवसर है। इस अवसर पर उन्होंने सभी को बधाई देते हुये कहा कि बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर भारत में ही नही विश्व के अन्य देशों में भी अपने सिद्धान्तों एवं दलित, वचिंत व गरीब वर्गो के हितो के लिये किये गये कार्यो के लिये याद किये जाते है। उन्होंने भारतीय संविधान की संरचना में बहुत बडी भूमिका निभायी। बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर ने समाज के सभी वर्गो में समानता लाने तथा गरीब निर्धन व वचिंतो के जीवन में सुधार व बदलाव लाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर जी ने कहा कि कोई छोटा बडा नही है सभी बराबर रहे। उन्होंने अपना पराया व ऊच-नीच के भेदभाव को भी हटाने का कार्य किया।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार भी डा0 अम्बेडकर की सोच को आगे बढाने का कार्य कर रही है तथा गरीबो, दलितो व वंचितो को जिनके पास कच्चा मकान व जो लोग छत/घर विहीन है, उन्हें पक्का मकान के साथ घर-घर शौचालय देने का कार्य रही है। प्रदेश सरकार गरीबो, वंचितो के हितो के लिये अनेको योजनायें संचालित कर उनके सर्वागीण विकास करने का कार्य कर रही है, जिसके अन्तर्गत मकान, बिजली, सड़क, शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर सांसद श्री देवेन्द्र सिंह भोले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्वप्निल वरूण, एमएलसी अरूण पाठक, विधायक श्री सुरेन्द्र मैथानी, श्री राहुल सोनकर, जिलाध्यक्ष सुनील बजाज, डा0 वीना आर्या, सदस्य महिला आयोग श्रीमती पूनम कपूर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Read More »

14 राज्यों को 7183.42 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान जारी

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने आज 14 राज्यों को .7,183.42 करोड़ रुपये के अंतरण पश्चात राजस्व घाटा (पीडीआरडी) अनुदान की पहली मासिक किस्त जारी की। यह अनुदान पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार जारी किया गया है।

पंद्रहवें वित्त आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 14 राज्यों को कुल 86,201 करोड़ रुपये अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की है। अनुशंसित अनुदान को व्यय विभाग द्वारा अनुशंसित राज्यों को 12 समान मासिक किश्तों में जारी किया जाएगा।

संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत राज्यों को अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान प्रदान किया जाता है। राज्यों के राजस्व खातों में अंतर को पूरा करने के लिए क्रमिक वित्त आयोगों की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को अनुदान जारी किया जाता है।

इस अनुदान को प्राप्त करने के लिए राज्यों की पात्रता और 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए अनुदान की मात्रा का निर्धारण पंद्रहवें आयोग द्वारा राज्य के राजस्व और व्यय के आकलन के बीच के अंतर के आधार को ध्यान में रखते हुए किया गया था।

पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा 2022-23 के दौरान जिन राज्यों को अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान देने की सिफारिश की गई है उनमें शामिल हैं : आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल।

2022-23 के लिए अनुशंसित  अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान का राज्य-वार विवरण और राज्यों को पहली किस्त के रूप में जारी की गई राशि निम्नानुसार है:

Read More »