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गडकरी ने इंदौर (मध्य प्रदेश) में 2300 करोड़ रुपये लागत की छह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इंदौर (मध्य प्रदेश) में 2300 करोड़ रुपये लागत की 119 किलोमीटर लंबाई की 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

इस अवसर पर श्री गडकरी ने आज शुरू की जा रही परियोजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि इंदौर और राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी से प्रगति की राह आसान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राऊ सर्कल पर जाम की समस्या समाप्‍त हो जाएगी और यातायात सरल हो जाएगा। इंदौर के साथ सहज कनेक्टिविटी होने से कारीगरों, छात्रों और व्यापारियों को बेहतर अवसर उपलब्‍ध होंगे। इंदौर-हरदा खंड के गांवों को इंदौर से बेहतर तरीके से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि धार-पीथमपुर औद्योगिक कॉरिडोर बनने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

श्री गडकरी ने यह भी कहा कि तेजाजी नगर (इंदौर)-बुरहानपुर और इंदौर-हरदा तक की यात्रा में लगने वाले समय में कमी आएगी, जिससे ईंधन की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर और खंडवा जाने वाले यात्रियों के लिए मार्ग आसान होगा। उन्होंने कहा कि कृषि बाजारों से बेहतर संपर्क होने से कृषि उत्पादों को बड़े बाजार तक ले जाना आसान हो जाएगा।

इस कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश में 14 चयन किए गए स्थानों पर रोप-वे के निर्माण के लिए राज्य सरकार और एनएचएआई के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

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जन शिकायतों के निवारण की समय-सीमा 45 दिन से घटाकर 30 दिन की गई

जन शिकायतों के निवारण की समय सीमा 45 दिन से घटाकर 30 दिन कर दी गई है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कम से कम समय के भीतर शिकायतों के निपटान के साथ लोक शिकायत निवारण तंत्र के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर देने के कदम का एक हिस्सा है। इसमें प्रयास शिकायतकर्ता को अधिकतम संभव संतुष्टि प्रदान करना भी है। मंत्री ने कहा, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा जारी एक ओएम (संचालन, प्रशासन और प्रबंधन) में यह भी कहा गया है कि एक नागरिक से प्राप्त शिकायत को तब तक बंद नहीं किया जाएगा जब तक कि उसके खिलाफ दायर अपील का निपटारा नहीं हो जाता। पिछले साल, डीएआरपीजी ने जन शिकायतों के समाधान के लिए अधिकतम समय सीमा को 60 दिनों से घटाकर 45 दिन कर दिया था। डॉ जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत में एक प्रभावी लोक शिकायत निवारण प्रणाली को लागू करने और लोगों के बीच संतुष्टि को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रशासनिक सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मंत्री ने यह भी बताया कि विभिन्न मासिक “प्रगति” (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) समीक्षा बैठकों में, प्रधानमंत्री स्वयं सार्वजनिक शिकायतों की स्थिति की समीक्षा करते हैं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 में इस सरकार के सत्ता में आने के बाद से लोगों की संतुष्टि और शिकायतों के समय पर निवारण के दोहरे कारकों के कारण लोक शिकायत के मामलों में लगभग 10 गुना वृद्धि हुई है और यह सरकार पर नागरिकों के भरोसे को भी दर्शाता है। 95 प्रतिशत से अधिक मामलों के निपटारे के साथ जन शिकायतें 2014 में 2 लाख से बढ़कर वर्तमान में 22 लाख से अधिक हो गई हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का मुख्य मंत्र अंतिम कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

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डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि नवीनतम आदेश में कहा गया है कि सीपीजीआरएएमएस पर प्राप्त शिकायतों को प्राप्त होते ही तुरंत हल किया जाएगा, लेकिन अधिकतम 30 दिनों की अवधि के भीतर और यदि निर्धारित समय-सीमा के भीतर निवारण संभव नहीं है, तो न्यायिक मामले/नीतिगत मुद्दों आदि जैसी परिस्थितियों में, नागरिक को एक अंतरिम/उचित उत्तर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, यह उपाय नागरिक केंद्रित शासन को आगे बढ़ाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा क्योंकि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शिकायतों का यथासंभव शीघ्र निपटारा किया जाए। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि सीपीजीआरएएमएस 7.0 ने डिजिटल डैशबोर्ड का उपयोग करके बेहतर डेटा एनालिटिक्स के साथ-साथ लास्ट माइल शिकायत अधिकारियों को शिकायतों के ऑटो-रूटिंग को भी सक्षम किया है। उन्होंने कहा कि 2021 में 30,23,894 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें से 21,35,923 का निपटारा किया गया, 2020 में 33,42,873  में से 23,19,569 का निपटारा किया गया, और 2019 में 27,11,455 में से 16,39,852 का निपटारा किया गया।

डीएआरपीजी ने अपने नवीनतम आदेश में सभी विभागों को नोडल शिकायत समाधान अधिकारी नियुक्त करने और जनता की शिकायतों के समाधान के लिए उन्हें पर्याप्त रूप से सशक्त बनाने के लिए कहा है। वे नोडल शिकायत समाधान अधिकारी के समग्र पर्यवेक्षण में प्राप्त जन शिकायतों की संख्या के आधार पर जितने आवश्यक समझे उतने जीआरओ नियुक्त कर सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि शिकायत बंद होने के बाद, नागरिकों के पास अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने और अपील दायर करने और शिकायत की गुणवत्ता पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने का विकल्प होता है. इसके लिए एक आउटबाउंड कॉल सेंटर शुरू किया गया है। फीडबैक प्राप्त करने के लिए कॉल सेंटर द्वारा सभी नागरिकों से संपर्क किया जाएगा।

आदेश में कहा गया है कि नागरिकों को अपील दायर करने का विकल्प प्रदान किया जाएगा यदि वे निपटाई गई शिकायत से संतुष्ट नहीं हैं और कॉल सेंटर द्वारा नागरिकों से प्राप्त फीडबैक को मंत्रालयों या विभागों के साथ साझा किया जाएगा जो फीडबैक से निपटने के लिए जिम्मेदार होंगे और इसी के आधार पर व्यवस्थागत सुधार किया जाएगा।

डीएआरपीजी ने कहा कि शिकायत समाधान के तंत्र को संस्थागत बनाने और गुणवत्तापूर्ण निपटान सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय/विभाग के सचिव वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकों में निपटान प्रक्रिया की समीक्षा कर सकते हैं। इसके अलावा, मंत्रालय/विभाग उन शिकायतों की निगरानी भी कर सकते हैं जो प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में उठाई जा सकती हैं।

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भारत चाबहार बंदरगाह के माध्यम से मध्य एशिया के साथ व्यापार संभावना को खोलने की दिशा में काम करेगा: केन्‍द्रीय जहाजरानी मंत्री

केन्‍द्रीय बंदरगाह, नौवहन, जलमार्ग और आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के उपयोग के माध्यम से मध्य एशियाई क्षेत्र के साथ व्यापार क्षमता को खोलने की संभावना की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। ‘चाबहार दिवस’ के अवसर पर, केन्‍द्रीय बंदरगाह, नौवहन मंत्रालय ने इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) के साथ आज मुंबई में एक सम्मेलन का आयोजन किया, जहां केन्‍द्रीय नौवहन मंत्री श्री सोनोवाल तथा जलमार्ग, नौवहन और पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने मध्य एशियाई देशों के उच्च स्तरीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की। आईपीजीएल का गठन चाबहार विकास परियोजना में शाहिद बेहश्‍ती बंदरगाह के संचालन के लिए किया गया था। श्री सोनोवाल ने यह भी कहा, “हमारी परिकल्‍पना चाबहार बंदरगाह को अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) के तहत एक पारगमन केन्‍द्र बनाना है ताकि सीआईएस देशों तक पहुंचा जा सके।”

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“चाबहार दिवस” आईएनएसटीसी की शुरुआत- भारत और मध्य एशिया के बीच कार्गो की आवाजाही को किफायती बनाने की भारत की परिकल्‍पना के अवसर पर मनाया जाता है । ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह क्षेत्र और विशेष रूप से मध्य एशिया के लिए वाणिज्यिक पारगमन केन्‍द्र है।

इस अवसर पर उपस्थित उच्च स्तरीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल में कजाकिस्तान गणराज्य के राजदूत महामहिम श्री नुरलान झालगासबायेव; किर्गिस्तान के राजदूत महामहिम श्री असीन इसेव; ताजिकिस्तान के राजदूत महामहिम श्री लुकमोन बोबोकलोंजोडा; तुर्कमेनिस्‍तान के राजदूत महामहिम श्री शालार गेलडीनजरोव; उज्बेकिस्तान के राजदूत दिलशोद अखतोव; पीएमओ में बंदरगाह और आर्थिक मामलों के उप मंत्री महामहिम श्री जलील एस्लामी; अफगानिस्तान की महावाणिज्य दूत(सीजी) सुश्री जकिया वर्दाक; ईरान इस्लामी गणराज्य के महावाणिज्य दूत महामहिम डॉ ए एम अलीखानी और महामहिम श्री मसूद ओस्ताद हुसैन शामिल थे। गणमान्‍य व्यक्तियों में भारतीय बंदरगाह संघ के अध्यक्ष श्री राजीव जलोटा, विदेश मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव (पीएआई) श्री जे पी सिंह और इंडियन पोर्टस ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) के एमडी श्री सुनील मुकुंदन भी उपस्थित थे।

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इस कार्यक्रम में बोलते हुए, केन्‍द्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री ने कहा, “ईरान में चाबहार के जीवंत शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के माध्यम से आईएनएसटीसी का विचार एक मल्टी मोडल लॉजिस्टिक कॉरिडोर का उपयोग करके दो बाजारों को जोड़ने का है।” उन्होंने कहा कि हमारी लॉजिस्टिक लागत को युक्तिसंगत बनाएगा, जो दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार की मात्रा में योगदान देगा। चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए सक्रिय समर्थन दिखाने वाले सभी हितधारकों को धन्यवाद देते हुए, उन्होंने कहा, संयुक्त प्रयासों के माध्यम से, कनेक्टिविटी बढ़ाने वाले व्यापार का एक बिंदु और भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच वाणिज्य को सफलतापूर्वक विकसित किया गया है।

श्री सोनोवाल ने आगे कहा, चाबहार बंदरगाह समृद्ध मध्य एशियाई क्षेत्र को दक्षिण एशियाई बाजारों से जोड़ता है। यह व्यापार, आर्थिक सहयोग और दो भौगोलिक क्षेत्रों के बीच लोगों को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण के रूप में उभरा है। मध्य एशियाई बाजारों की संभावना के कारण, भारत की अगुवाई में आपस में जुड़ने से मध्‍य एशियाई देशों की हिन्‍द महासागर क्षेत्र में पहुंच को सुरक्षित और वाणिज्यिक दृष्टि से व्‍यवहार्य बना दिया है। उन्होंने कहा कि यह सम्‍पर्क न केवल आपस में सम्‍पर्क प्रदान करेगा, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों का आगे बढ़ाते हुए निवेश को भी आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि यह मध्य एशियाई क्षेत्र की पारगमन और परिवहन संभावना को भी विकसित करेगा और उनके लॉजिस्टिक नेटवर्क में सुधार करेगा। चाबहार बंदरगाह वहां पर एक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन गलियारा बनाने के लिए एक संयुक्त पहल को बढ़ावा देने की अगुवाई करेगा। श्री सोनोवाल ने कहा कि इसके अलावा, इसका उद्देश्य चाबहार बंदरगाह पर सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय मानदंडों, सुशासन, कानून के शासन और समानता को विकसित करना है।

श्री सोनोवाल ने यह भी कहा कि चाबहार में शाहिद बेहश्‍ती बंदरगाह की माल लादने और उतारने की क्षमता जो आज 8.5 मिलियन टन है, परियोजना के पहले चरण के पूरा होने पर बढ़कर 15 मिलियन टन हो जाएगी।

भारत और अन्य बाजारों के साथ अपने व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह की सेवाओं का उपयोग करने के लिए मध्य एशियाई देशों का स्वागत करते हुए, श्री सोनोवाल ने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे परिवहन समय को और कम करने, भारत से मध्‍य एशिया के लिए एक छोटा, तेज और अधिक विश्‍वसनीय मार्ग खोलने और दोनों क्षेत्रों के बीच बिना किसी कठिनाई के व्‍यापार की संभावना बढ़ाने के लिए चाबहार आईएनएसटीसी लिंक को प्रोत्‍साहित करने के लिए सुझाव दें। श्री सोनोवाल ने कहा, “मैं इस अवसर पर आप सभी से यह अनुरोध करता हूं कि अपने व्यापार समुदाय को इस बारे में जागरूक करें कि यह मार्ग अवसर और संभावनाएं खोल सकता है।”

मंत्रायल में राज्‍य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने कहा कि, आने वाले वर्षों में, शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह की प्रगति व्यापार के तेजी से विकास में सहयोग करेगी और क्षेत्र में जीवन स्तर को बढ़ाएगी। इस बुनियादी ढांचे से क्षेत्र में व्यापार और निवेश की संभावनाओं का विस्तार होगा श्री नाइक ने सम्मेलन में कहा, “यह व्यापार बैठक शाहिद बेहश्‍ती बंदरगाह के माध्यम से अवसर पैदा करेगी और इसे समुद्री क्षेत्र में और अधिक विकसित करने में मदद मिलेगी।”

आयोजन के दौरान, मध्य एशियाई देशों के प्रतिनिधियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे आईएनएसटीसी के साथ चाबहार लिंक उनके क्षेत्रों में आयात-निर्यात एक्जिम व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और इसकी क्षमता भूमि से घिरे देशों में विकास को और बढ़ावा दे सकती है। दिन भर चलने वाले कार्यक्रम के दौरान, कई प्रस्तुतियाँ और गवर्नमेंट टू बिजनेस सेशन हुए। प्रस्तुतिकरण और भाषण अध्यक्ष आईपीए, एमडी आईपीजीएल, एफएफएफएआई और संयुक्त सचिव, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिए गए।

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पिछले 20 वर्षों में श्री नरेन्द्र मोदी का शासन मॉडल हर नई चुनौती के साथ मजबूत हुआ है- केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि पिछले 20 वर्षों में श्री नरेन्द्र मोदी का शासन मॉडल हर नई चुनौती के साथ मजबूत हुआ है।

केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा “मोदी @20- ड्रीम्स मीट डिलीवरी” में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधन देते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, “मोदी @ 20” के सार और भावना को समझने के लिए, इस पुस्तक को इसकी संपूर्णता और इसके वास्तविक संदर्भ और परिप्रेक्ष्य में पढ़ा जाना आवश्यक है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि श्री नरेन्द्र मोदी एकमात्र भारतीय नेता हैं जिन्होंने पहले मुख्यमंत्री के रूप में और फिर प्रधानमंत्री के रूप में सरकार के मुखिया के रूप में 20 साल पूरे किए हैं, और दुनिया भर में भी यह एक दुर्लभ उपलब्धि हो सकती है। दूसरा, मोदी संसद सदस्य रहे बिना सीधे प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में भी एक दुर्लभ उदाहरण हैं।

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और सबसे बड़ी विशेषता यह है कि 2002 में श्री मोदी के मुख्यमंत्री बनने से पहले, उन्होंने कभी भी सरकार या प्रशासन में कोई पद नहीं संभाला था। न तो स्थानीय स्तर पर या राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर कोई चुनाव लड़ा था। वे ज्यादातर संगठनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रहे।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमें अध्ययन और विश्लेषण करने की आवश्यकता है कि आखिर वे कौन से आवश्यक कारक हैं जिन्होंने मोदी के शासन मॉडल को 20 वर्षों तक बनाए रखा है और यह 20 वर्षों से भी आगे तक कायम है। गौरतलब है कि घटते प्रतिफल के सिद्धांत से प्रभावित होने के बजाय, मोदी के 20 वर्षों के शासन के प्रत्येक गुजरते वर्ष ने बढ़ते प्रतिफल दिए हैं और प्रत्येक नई चुनौती ने इस शासन मॉडल को मजबूत, अधिक प्रभावी और स्थायी रूप से उभरने में सक्षम बनाया है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के तुरंत बाद, उनकी पहली चुनौती भुज में आया विनाशकारी भूकंप थी और सरकार के प्रमुख के रूप में 20 साल पूरे करने के बाद, उनके सामने नवीनतम चुनौती देश भर में 140 करोड़ लोगों के बीच फैली कोविड महामारी थी। इन चुनौतियों को सफलतापूर्वक कैसे दूर किया गया और आपदा को कैसे अवसर में बदल दिया गया, इसका एक शोध अध्ययन मोदी के अनूठे और विशिष्ट कार्य शैली को भी सामने लाएगा। यह शैली उनकी हर विषय में गहराई तक जाने की निर्विवाद खोज और उन अधिकारियों को नए आइडियाज देने में सक्षम बनाती है जो उन्हें प्रशासनिक मुद्दों पर ब्रीफिंग के लिए आते हैं। लंबे समय तक इस बात पर मंथन और आत्मनिरीक्षण कि नए आइडियाज कैसे लाए जाएं और उन्हें जमीन पर कैसे उतारा जाए, उन्हें यह आश्वस्त करने में सक्षम बनाता है कि “ड्रीम्स मीट डिलीवरी”, जैसा कि पुस्तक का शीर्षक भी दर्शाता है।

 

“मोदी @ 20 …” पुस्तक में शामिल कई चैप्टर्स में से, डॉ जितेंद्र सिंह ने अमित शाह द्वारा “डेमोक्रेसी, डिलीवरी एंड पॉलिटिक्स ऑफ होप” नामक अध्याय का उल्लेख किया जो देश के निराशावाद को आशावाद में बदल देता है और सुधा मूर्ति का चैप्टर जो मोदी के नेतृत्व में आकांक्षी भारत के जागरण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर का अध्याय मोदी द्वारा व्यग्तिगत तौर पर छाप छोड़ने की उनकी क्षमता पर प्रकाश डालता है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक ओर जहां मोदी ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) जैसी योजनाओं के माध्यम से लास्ट माइल डिस्ट्रिब्यूशन के लिए प्रौद्योगिकी का बेहतरीन उपयोग किया, वहीं उनका शासन अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित है, जिसने न केवल लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद की बल्कि आम आदमी के लिए सिंगल पोर्टल, सिंगल फॉर्म जैसे उपायों और “मिशन कर्मयोगी” जैसी नवीन अवधारणाओं के माध्यम से सिविल सेवकों द्वारा सर्विसेंज के उद्देश्यपूर्ण वितरण को भी सक्षम बनाया है।

मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में भारत को एक भविष्यवादी दृष्टिकोण दिया और “स्टार्टअप इंडिया-स्टैंडअप इंडिया” के बारे में बात की। यह तक था जब इस देश में स्टार्टअप अवधारणा लगभग निराशाजनक थी। आज भारत स्टार्टअप इकोसिस्टम में दुनिया में तीसरे स्थान पर है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अमृत महोत्सव के बारे में जो जोर देकर कहते हैं, उसका एक अर्थ यह भी है कि वह अगले 25 वर्षों में भारत की उभरती भूमिका को देखते हैं और उनका शासन मॉडल वैश्विक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए राष्ट्र की क्षमता का निर्माण करना चाहता है।

कार्यक्रम के अन्य पैनलिस्टों में पूर्व राजदूत और विद्वान जी. पार्थसारथी, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के कार्यकारी निदेशक, सुरजीत एस. भल्ला शामिल थे, जबकि कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू, प्रोफेसर संजीव जैन द्वारा किया गया था।

पैनल चर्चा के दौरान, प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव ने ईडी, जम्मू-कश्मीर के लिए तिफाक मित्र (प्रौद्योगिकी सूचना पूर्वानुमान और आकलन परिषद) और ‘गाँव का विकास, प्रौद्योगिकी के साथ’ विषय पर प्रस्तुति दी। प्रस्तुति देते हुए, प्रो. श्रीवास्तव ने श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इनमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी और ईएस मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा राष्ट्र को समर्पित तिफाक टेली डिजिटल हेल्थ पायलट प्रोग्राम की शुरुआत, जो देश के क्षेत्रों में दूरस्थ लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है, शामिल है। इस कार्यक्रम के तहत प्रमुख गतिविधियों में पहनने योग्य उपकरणों के साथ रोगियों की जांच, ई-संजीवनी क्लाउड के माध्यम से स्वास्थ्य डेटा रिकॉर्ड को विश्लेषण के लिए डॉक्टरों के एक पूल में स्थानांतरित करना शामिल है।

पुस्तक के प्रमुख लेखकों में श्री अजीत डोभाल, चौ अरविंद पनगढ़िया, श्री नृपेंद्र मिश्रा, श्री नंदन नीलेकणी व अन्य शामिल हैं।

‘मोदी @20- ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ पुस्तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उदय के बारे में है जो भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखे जाते हैं। यह पुस्तक देश पर उनके प्रभाव के परिमाण पर चर्चा करती है कि भारत के शासन प्रतिमान और राजनीतिक इतिहास को आसानी से दो अलग-अलग युगों ‘मोदी से पहले और मोदी के बाद’ में विभाजित किया जा सकता है।

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बाड़मेर के निकट भारतीय वायुसेना का मिग-21 क्रैश

भारतीय वायुसेना का एक ट्विन सीटर मिग-21 ट्रेनर विमान आज शाम राजस्थान के उतरलाई हवाई अड्डे से प्रशिक्षण के लिए उड़ान के लिए रवाना हुआ। रात करीब 9 बजकर 10 मिनट पर बाड़मेर के निकट विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दोनों पायलटों को घातक चोटें आईं।

भारतीय वायुसेना इन जानों के नुकसान पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवारों के साथ दृढ़तापूर्वक जुड़ी है।

दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।

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उपराष्ट्रपति ने पुलिस बलों से महिलाओं के विरूद्ध अपराधों से संबंधित मामलों में अतिरिक्त संवेदनशील होने की अपील की

उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने आज पुलिस बलों से महिलाओं के विरूद्ध अपराधों से संबंधित मामलों में अतिरिक्त संवेदनशील होने की अपील की। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ने और उनकी पूरी क्षमता हासिल करने में सहायता करने के लिए महिलाओं के लिए सुरक्षित और सक्षमकारी वातावरण का निर्माण करना बहुत महत्वपूर्ण है।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image009EV79.jpg

श्री नायडू ने आज चेन्नई में तमिलनाडु पुलिस को प्रेसिडेंशियल पुलिस कलर प्रदान करने के बाद पुलिस कर्मियों को संबोधित करते हुए, देश में सबसे अधिक महिला पुलिस थानों और महिला पुलिस कर्मियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या होने के लिए तमिलनाडु की प्रशंसा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाएं हमारी आधी आबादी हैं लेकिन उन्हें विभिन्न मोर्चों पर समान अवसर प्रदान करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

उपराष्ट्रपति ने साइबर अपराध और अन्य आधुनिक अपराधों जैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी और सीमापारी अपराधों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, पुलिस बलों को 21वीं सदी के इन अपराधों से प्रभावी और त्वरित तरीके से निपटने के लिए कुशल बनने और खुद को इसके लिए तैयार होने की अपील की। उन्होंने वैज्ञानिक तर्ज पर साइबर अपराध के मामलों की जांच के लिए विभिन्न साइबर फोरेंसिक सुविधाओं के अलावा 46 साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों के साथ एक अलग साइबर अपराध विंग की स्थापना के लिए तमिलनाडु पुलिस की सराहना की। उन्होंने कहा, “कौशल का उन्नयन, अवसंरचना में सुधार और पुलिस बल के रवैये में बदलाव पुलिस के आधुनिकीकरण के प्रमुख तत्व हैं।”

उपराष्ट्रपति ने सांस्कृतिक कलाकृतियों की चोरी या नुकसान के मामलों की जांच के लिए देश में अपनी तरह की पहली विशिष्ट आइडल विंग के लिए भी तमिलनाडु पुलिस की सराहना की। हाल ही में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से दस अमूल्य प्राचीन मूर्तियों को हासिल करने के लिए राज्य पुलिस की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी सदियों पुरानी सांस्कृतिक विरासत और सभ्यतागत मूल्यों को संरक्षित करने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने तमिलनाडु राज्य की समृद्ध और गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए इसे हमारी आगामी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

श्री नायडू ने तमिलनाडु को भारत के सबसे समृद्ध और औद्योगिक राज्यों में से एक बताते हुए कहा कि तेजी से बदलते सामाजिक-आर्थिक माहौल में पुलिस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “राज्य की आर्थिक प्रगति के पीछे प्राथमिक कारणों में से एक सार्वजनिक व्यवस्था और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने में राज्य पुलिस की भूमिका है, जो राज्य में निवेश, वृद्धि और विकास को आकर्षित करने के लिए आवश्यक है।”

पुलिस कर्मियों के लिए कई कल्याणकारी उपायों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने बल में तनाव तथा शराब और आत्महत्याओं की रोकथाम के लिए एक “पुलिस कल्याण कार्यक्रम” शुरू करने के लिए विशेष रूप से तमिलनाडु की प्रशंसा की। उन्होंने तमिलनाडु की 1076 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा की प्रभावी ढंग से रक्षा करने और मछुआरों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने में राज्य पुलिस की भूमिका की भी सराहना की।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001G8EL.jpg

प्रेसीडेंट पुलिस कलर की प्रस्तुति को तमिलनाडु पुलिस के इतिहास में एक गौरवशाली क्षण बताते हुए, श्री नायडू ने तमिलनाडु पुलिस के सभी सेवारत और सेवानिवृत्त सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “यह आपके समर्पण, पेशागत कुशलता, निस्वार्थ सेवा और बलिदान का सम्मान है”। उपराष्ट्रपति ने तमिलनाडु में पुलिस महानिदेशक और पुलिस बल के प्रमुख डॉ. सी. सिलेंद्र बाबू को भी बधाई दी, जिनके नेतृत्व में तमिलनाडु पुलिस के कर्मियों ने परेड का एक प्रभावशाली प्रदर्शन किया। श्री नायडू ने इस अवसर पर एक डाक टिकट भी जारी किया।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान, चेन्नई के साथ अपने जीवन भर रहे जुड़ाव का स्मरण किया और इसे एक सुंदर शहर बताया जो उन्हें सदा विस्मित करता रहा है। उपराष्ट्रपति के रूप में यह श्री नायडू की चेन्नई की अंतिम यात्रा थी।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम.के. स्टालिन, तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव डॉ. वी. इराई अंबू, तमिलनाडु के पुलिस बल के प्रमुख, डीजीपी डॉ. सी. सिलेंद्र बाबू,  तमिलनाडु सरकार के एसीएस (गृह) श्री के. फणींद्र रेड्डी, चेन्नई के डीजीपी/सीओपी श्री शंकर जीवाल, तमिलनाडु सर्कल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल श्री बी. सेल्वा कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

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रक्षा मंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों के लिये वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह करने को मंजूरी दी

सभी नागरिकों के लिए सुगम व सम्मानजनक जीवन की सरकार की नीति के अनुरूप और सशस्त्र सेवाओं के लिए मानवीय भावना के तहत रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) के अनाथ संतानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह करने को मंजूरी दी है। इससे अनाथ बच्चे सम्मान और गरिमा के साथ बेहतर तरीके से अपना जीवन जी सकेंगे।

इस योजना का संचालन केन्द्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) करता है और रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण कोष (आरएमईडब्ल्यूएफ) के माध्यम से वित्त पोषण किया जाता है। यह सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष का एक सब-सेट है। मौजूदा योजना अनाथ बच्चों के लिए है, जो किसी पूर्व सैनिक के बेटे या अविवाहित बेटी हैं और जिनकी आयु 21 साल से कम है। इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित जिला सैनिक बोर्ड (जेडएसबी) आवेदन को अनुशंसित करती है।

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आयकर विभाग ने तमिलनाडु में छापेमारी की

आयकर विभाग ने 20.07.2022 को दो व्यापारिक समूहों पर तलाशी एवं जब्ती अभियान चलाया; इसमें से एक रियल एस्टेट में है, और दूसरा सड़क और रेलवे निर्माण से संबंधित कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा  हुआ है। तलाशी अभियान में मदुरै और चेन्नई और उसके आसपास स्थित 30 से अधिक परिसरों को शामिल किया गया।

इन समूहों पर हुई तलाशी कार्रवाई के परिणामस्वरूप, दस्तावेजों और डिजिटल आंकड़ों सहित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं और जब्त किए गए हैं। रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े समूह के मामले में, इन सबूतों से पता चला है कि समूह बड़े पैमाने पर बेहिसाब नकदी को स्वीकार करके बड़े पैमाने पर कर चोरी में शामिल है। समूह एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ऐसी बेहिसाब नकदी का एक समानांतर बहीखाता रख रहा था ।

निर्माण से जुड़े अनुबंधों के व्यवसाय में शामिल दूसरे समूह के मामले में, यह पाया गया कि समूह खुद से तैयार वाउचर के माध्यम से विभिन्न कच्चे माल की खरीद में सब कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े फर्जी खर्चों और मूल्यवृद्धि को दिखा कर बड़े पैमाने पर कर चोरी में शामिल था। समूह द्वारा अपनाए गए तरीके में, पहले बैंकिंग चैनलों के माध्यम से फर्जी सब कॉन्ट्रैक्टर्स को अनुबंध राशि का भुगतान किया गया था, और बाद में इस रकम को नकद के रूप में समूह को वापस कर दिया गया था

इन समूहों पर हुई तलाशी अभियान में 150 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का खुलासा हुआ है।

14 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 10 करोड़ रुपये कीमत के सोने और आभूषण तलाशी अभियान के दौरान जब्त किए गए हैं, जिनका कोई हिसाब नहीं मिला है।

आगे की जांच जारी है।

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एक ऐतिहासिक पहल के तहत, प्रधानमंत्री 30 जुलाई को विद्युत क्षेत्र के लिए पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारंभ करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 जुलाई को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य – पावर @ 2047’ के समापन समारोह में भाग लेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारंभ करेंगे। वे एनटीपीसी की विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री नेशनल सोलर रूफटॉप पोर्टल का भी शुभारंभ करेंगे।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने बिजली क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की है। इन सुधारों से इस क्षेत्र में बदलाव आया है, सभी के लिए किफायती बिजली उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करते हुए ये सुधार किये गए हैं। लगभग 18,000 गांवों का विद्युतीकरण, जिनके पास पहले बिजली आपूर्ति की सुविधा नहीं थी, अंतिम सिरे पर खड़े व्यक्ति को लाभ देने से जुड़ी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एक ऐतिहासिक पहल के अंतर्गत, प्रधानमंत्री बिजली मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम, पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारंभ करेंगे, जिसका उद्देश्य डिस्कॉम कंपनियों और बिजली विभागों की परिचालन क्षमता तथा वित्तीय स्थिति में सुधार करना है। वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय के साथ, इस योजना का उद्देश्य बिजली वितरण के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए डिस्कॉम कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि उपभोक्ता के लिए आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार हो सके। इसका उद्देश्य परिचालन क्षमता में सुधार करके 2024-25 तक एटी एंड सी (कुल तकनीकी और वाणिज्यिक) नुकसान को 12-15% के अखिल भारतीय स्तर और एसीएस-एआरआर (आपूर्ति की औसत लागत – औसत राजस्व प्राप्ति) के अंतर को शून्य तक कम करना भी है। इसके लिये सभी सार्वजनिक क्षेत्र की डिस्कॉम कंपनियों और बिजली विभागों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 5200 करोड़ रुपये से अधिक की एनटीपीसी की विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण भी करेंगे। वे तेलंगाना के 100 मेगावाट रामागुंडम फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट और केरल के 92 मेगावाट कायमकुलम फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। वे राजस्थान में 735 मेगावाट की नोख सौर परियोजना, लेह में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना और गुजरात में कावास प्राकृतिक गैस के साथ ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना की आधारशिला रखेंगे।

रामागुंडम परियोजना भारत की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना है, जिसमें 4.5 लाख ‘मेड इन इंडिया’ सोलर पीवी मॉड्यूल हैं। कायमकुलम परियोजना दूसरी सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना है, जिसमें पानी पर तैरते 3 लाख ‘मेड इन इंडिया’ सोलर पीवी पैनल शामिल हैं।

राजस्थान के जैसलमेर के नोख में 735 मेगावाट की सौर पीवी परियोजना घरेलू सामग्री की आवश्यकता पर आधारित भारत की सबसे बड़ी सौर परियोजना है, जिसमें एक ही स्थान पर 1000 मेगावाट पैनल हैं, जिनमें ट्रैकर सिस्टम के साथ उच्च-वाट क्षमता से युक्त दो तरफ वाले पीवी मॉड्यूल लगे हैं। लेह, लद्दाख में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट एक पायलट परियोजना है, जिसका उद्देश्य लेह और उसके आसपास पांच फ्यूल सेल बसों का परिचालन करना है। इस पायलट परियोजना के तहत भारत में सार्वजनिक उपयोग के लिए फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहनों की पहली तैनाती की जाएगी। एनटीपीसी कवास टाउनशिप स्थित ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण की पायलट परियोजना; प्राकृतिक गैस के उपयोग को कम करने में मदद करने वाली भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना होगी।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सोलर रूफटॉप पोर्टल का भी शुभारम्भ करेंगे, जो रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना की प्रक्रिया की ऑनलाइन ट्रैकिंग को सक्षम करेगा, जिसमें आवेदन दर्ज करने से लेकर आवासीय उपभोक्ताओं के बैंक खातों में संयंत्र की स्थापना और निरीक्षण के बाद सब्सिडी जारी करना तक शामिल हैं।

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत 25 से 30 जुलाई तक ‘उज्ज्वल भारत उज्जवल भविष्य- पावर @2047’ का आयोजन किया जा रहा है। देश भर में आयोजित, इस कार्यक्रम में पिछले आठ वर्षों के दौरान बिजली क्षेत्र में हुए परिवर्तनों को प्रदर्शित किया गया है। इसका उद्देश्य सरकार की बिजली संबंधी विभिन्न पहलों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी में सुधार करके उन्हें सशक्त बनाना है।

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सिंधिया ने जबलपुर-कोलकाता के बीच सीधी उड़ान का शुभारंभ किया

नागर विमानन उड्डयन मंत्रीश्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने आज स्पाइसजेट द्वारा जबलपुर और कोलकाता के बीच सीधी उड़ान का शुभारंभ किया।

इस कार्यक्रम में संसद सदस्य (लोकसभा) श्री राकेश सिंह, संसद सदस्य (राज्य सभा) श्री विवेक के. तन्खा, जबलपुर छावनी के विधानसभा सदस्य श्री अशोक रोहानी, नागर विमानन मंत्रालय के सचिव श्री राजीव बंसल, और स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री अजय सिंह की उपस्थिति के साथ-साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्ति वर्चुअल तौर पर उपस्थित थे।

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एयरलाइन इस रूट पर दैनिक उड़ानों का संचालन करेगी और कम दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किए गए अपने क्यू400,78-सीटर टर्बो प्रोप विमान को तैनात करेगी। उड़ान का यह नया रूट 26 नई घरेलू उड़ानों का एक हिस्सा है जिसे स्पाइसजेट आज लॉन्च कर रही है। इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि पिछले एक साल में देश में हवाई सेवाओं में व्यापक विस्तार हुआ है, खासकर मध्य प्रदेश में जहां जुलाई 2021 में प्रति सप्ताह 554 विमानों का आवागमन हो रहा था और अब यह आंकड़ा 980 तक चला गया है। उन्होंने कहा कि जबलपुर अब 10 शहरों से जुड़ गया है, और विमानों का आवागमन बढ़कर 182 हो गया है। इसी तरह, ग्वालियर जुलाई, 2021 में 56 विमानों के आवागमन के साथ 4 शहरों से जुड़ा था, और यह आंकड़ा बढ़कर एक सौ हो गया है। इंदौर में 308 विमानों का आवागमन हो रहा था जो बढ़कर 468 हो गया है और अब यह 20 शहरों से जुड़ा है। राज्य की राजधानी भोपाल, जिसका जुलाई 2021 में 5 शहरों के साथ हवाई संपर्क था, अब 13 शहरों से जुड़ गया है और इसमें 226 विमानों का आवागमन हो रहा है। खजुराहो हवाई अड्डा भी दिल्ली से जुड़ा है और यहां से प्रति सप्ताह 4 उड़ानें संचालित हैं।

नागर विमानन मंत्री ने कहा कि जबलपुर हवाईअड्डा 1930 में स्थापित किया गया था, और द्वितीय विश्व युद्ध में इसका इस्तेमाल किया गया था। अब, हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है, जिसमें रनवे की लंबाई 1988 मीटर से बढ़कर 2750 मीटर हो गई है। पीक आवर्स में टर्मिनल बिल्डिंग की क्षमता 200 यात्रियों से बढ़ाकर 250 की जा रही है, और इसका क्षेत्रफल 2600 वर्ग मीटर से बढ़कर 10713 वर्ग मीटर हो जाएगा। 3 एयरो ब्रिज बनाए जा रहे हैं, और नए एटीसी टावर और फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि 412 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा विस्तार कार्य अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।

जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने जबलपुर के लोगों को नई कनेक्टिविटी मिलने पर बधाई दी, जिससे क्षेत्र में कारोबार, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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जबलपुर और उसके आस पास के क्षेत्रों के लोगों को सीधी हवाई कनेक्टिविटी मिलने से लाभ होगा जिससे यात्रियों के लिए निर्बाध आवागमन की सुविधा होगी। नई सीधी उड़ान से आम लोगों को यात्रा करने का एक नया विकल्प मिलेगा जिससे पर्यटन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और दोनों क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। जबलपुर पहले ही नौ शहरों यानी बेंगलुरु, दिल्ली, बिलासपुर, हैदराबाद, इंदौर, मुंबई, पुणे, चेन्नई और भोपाल से जुड़ चुका है। अब इसे 10वें शहर कोलकाता से जोड़ा जा रहा है।

उड़ान की सूची इस प्रकार है:

क्र.सं. उड़ान  प्रस्थान आगमन एयरलाइन बारंबारता प्रस्थान (समय) आगमन (समय) विमान का प्रकार शुरुआत की तिथि
1 एसजी 3003 जबलपुर कोलकाता स्पाइसजेट प्रतिदिन 19:15 21:15 क्यू400 22 जुलाई से
2 एसजी 3002 कोलकाता जबलपुर स्पाइसजेट प्रतिदिन 06:10 08:30 क्यू400 23 जुलाई से

 

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